📈 Zomato बनी Eternal Ltd

Eternal

🧾 परिचय: Eternal Ltd (पूर्व में Zomato) का पहला तिमाही नतीजा FY26 में शानदार रहा

Eternal Ltd, जो पहले Zomato के नाम से जानी जाती थी, ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1 FY26) में 7,167 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड रेवेन्यू दर्ज की है, जो पिछले साल की समान अवधि से 70% अधिक है। हालांकि, कंपनी की मूल फूड डिलीवरी सेवा की ग्रोथ अब सीमित होती दिख रही है, और नए वर्टिकल्स जैसे Blinkit और Hyperpure अब कंपनी की ग्रोथ का मुख्य स्रोत बन गए हैं।


🍔 फूड डिलीवरी: ग्रोथ की स्पीड हो रही धीमी

Zomato की पहचान बनी फूड डिलीवरी सर्विस अब धीरे-धीरे मैच्योर हो रही है। इस सेगमेंट से रेवेन्यू में केवल 16% की सालाना वृद्धि हुई है, जो Q1 FY26 में 2,261 करोड़ रुपये रही। वहीं Net Order Value (NOV) में 13% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले क्वार्टर (14%) से थोड़ा कम है।

Eternal के CEO दीपिंदर गोयल ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “20%+ ग्रोथ अब संभव नहीं दिख रही,” जिससे ये संकेत मिलता है कि कोविड के बाद आई तेजी अब धीमी हो रही है।


⚡ Blinkit: अब फास्टेस्ट ग्रोथ ड्राइवर

Quick commerce वर्टिकल Blinkit ने इस तिमाही में पहली बार फूड डिलीवरी को पीछे छोड़ दिया। Blinkit की Net Order Value में 127% और रेवेन्यू में 154% की जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की गई, जो अब ₹2,400 करोड़ पहुंच गई है। Blinkit के पास अब कुल 1,544 डार्क स्टोर्स हैं, जिनमें से 243 Q1 में ही जोड़े गए हैं। कंपनी का लक्ष्य दिसंबर तक 2,000 स्टोर्स तक पहुंचने का है।


🏙️ मेट्रो से टियर-2 शहरों तक: Blinkit की पकड़ मज़बूत

Blinkit अब केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं है। छोटे शहरों में भी यह तेजी से पैर जमा रहा है। Blinkit के CEO अलबिंदर धिन्डसा के अनुसार, “अब कई शहरों में प्रॉफिटबिलिटी हासिल हो चुकी है। लॉन्ग टर्म में 5–6% मार्जिन का स्पष्ट रोडमैप है।”


🍱 10 मिनट में खाना: Bistro के ज़रिए नया प्रयोग

Eternal अब अपने “10 मिनट में डिलीवरी” वादे को खाना पहुंचाने तक भी बढ़ा रहा है। इसके तहत कंपनी ने Bistro नाम की नई सर्विस शुरू की है, जो दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में 38 क्लाउड किचन से ऑपरेट करती है। इसका मकसद कम कीमत में क्विक मील्स और स्नैक्स मुहैया कराना है—जो पारंपरिक फूड डिलीवरी में अभी तक पूरी तरह एड्रेस नहीं हुए हैं।


🏭 Hyperpure: B2B सेगमेंट में जबरदस्त उछाल

Eternal का B2B सप्लाई वर्टिकल Hyperpure ने भी तगड़ी ग्रोथ दिखाई है। इस सेगमेंट का रेवेन्यू 89% YoY बढ़कर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। हालांकि Blinkit के इन्वेंटरी मॉडल में जाने से Hyperpure को नॉन-रेस्टोरेंट क्लाइंट्स से रेवेन्यू में थोड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।


👨‍💼 नेतृत्व में बदलाव: Tech को प्राथमिकता

Eternal ने अपनी लीडरशिप स्ट्रक्चर में बदलाव करते हुए प्रोडक्ट लीडर आदित्य मंगला को फूड डिलीवरी CEO नियुक्त किया है। दीपिंदर गोयल के अनुसार, यह “रोटेशनल लीडरशिप” मॉडल का हिस्सा है, जिससे निर्णय-निर्माण ताज़ा बना रहे और टॉप मैनेजमेंट में स्टैग्नेशन न हो।

उनका कहना है: “हम ऐसे बिज़नेस बनाना चाहते हैं जो व्यक्तियों से नहीं, सिद्धांतों से संचालित हों।”


📊 ग्रोथ और चुनौतियां: निवेशकों की परीक्षा

जहां Eternal का फोकस अब फूड डिलीवरी से हटकर ग्रोसरी और क्विक सर्विस में शिफ्ट हो रहा है, वहीं निवेशकों के लिए ये समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कंपनी का वैल्यूएशन आज भी बहुत ऊंचा है, लेकिन अगर आने वाले समय में डिलीवरी या ग्रोसरी बिज़नेस से स्थिर प्रॉफिट नहीं आता या कोई नया वर्टिकल ब्रेकआउट नहीं करता, तो धैर्य की परीक्षा हो सकती है।


🔮 निष्कर्ष: Eternal अब सिर्फ खाने तक सीमित नहीं

Zomato से Eternal बनने की इस यात्रा में कंपनी ने अपने बिजनेस मॉडल को पूरी तरह री-इन्वेंट किया है। Blinkit, Hyperpure और Bistro जैसे इनिशिएटिव्स इस बात का संकेत हैं कि कंपनी अब वहां ग्रोथ खोज रही है जहां यूज़र्स की मांग सबसे तेज़ है।

हालांकि Food Delivery की चमक अब पहले जैसी नहीं रही, लेकिन Eternal की रणनीति साफ है—अगली ग्रोथ स्टोरी Blinkit और अन्य नए इनोवेशन से ही लिखी जाएगी।


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📉 Eternal (Zomato) को FY26 की पहली तिमाही में हुआ 90% मुनाफे का गिरावट,

Eternal

गुरुग्राम स्थित फूडटेक और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म Eternal (पहले Zomato) ने FY26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) के वित्तीय नतीजे जारी किए हैं। कंपनी ने जहां रेवेन्यू में 70% की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की है, वहीं मुनाफा 90% गिरकर केवल ₹25 करोड़ रह गया, जो Q1 FY25 में ₹253 करोड़ था।


📈 रेवेन्यू में बड़ा उछाल Eternal

Eternal के ऑपरेशनल रेवेन्यू में Q1 FY26 में 70% की बढ़त हुई है। यह बढ़कर ₹7,167 करोड़ हो गया है, जबकि Q1 FY25 में यह ₹4,206 करोड़ था। यदि कंपनी की अन्य आय को भी जोड़ दिया जाए तो कुल रेवेन्यू ₹7,521 करोड़ रहा।

Eternal के अलग-अलग बिजनेस यूनिट्स ने इस तरह योगदान दिया:

  • फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म (Zomato marketplace): ₹2,261 करोड़ (31% कुल रेवेन्यू का)
  • Hyperpure (B2B सप्लाई): ₹2,295 करोड़ (89% ग्रोथ)
  • Blinkit (Quick Commerce): ₹2,400 करोड़ (155% ग्रोथ)

इन आंकड़ों से साफ है कि Blinkit और Hyperpure अब कंपनी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।


💰 खर्चों में तेज़ी

रेवेन्यू भले ही बढ़ा हो, लेकिन खर्चों में भारी उछाल Eternal के मुनाफे पर भारी पड़ा। कंपनी का कुल खर्च Q1 FY26 में 77% बढ़कर ₹7,433 करोड़ हो गया, जो Q1 FY25 में ₹4,203 करोड़ था।

मुख्य खर्चों का ब्योरा:

  • डिलीवरी और उससे संबंधित खर्च: ₹1,869 करोड़ (25% कुल खर्च का हिस्सा)
  • कर्मचारी लाभ खर्च (Employee benefit cost): ₹830 करोड़ (57% की वृद्धि)
  • मार्केटिंग और विज्ञापन खर्च: ₹671 करोड़ (69% की वृद्धि)

खासतौर पर विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च में आए 70% उछाल ने कंपनी के मुनाफे को तगड़ा झटका दिया है।


📉 मुनाफा गिरा 90%

हालांकि Eternal ने ₹7,521 करोड़ की आय की, लेकिन नेट प्रॉफिट मात्र ₹25 करोड़ रहा, जो पिछले साल की पहली तिमाही के ₹253 करोड़ से 90% कम है।

प्रति यूनिट खर्च के हिसाब से देखें तो कंपनी ने ₹1 कमाने के लिए ₹1.04 खर्च किए। यानी लागत की तुलना में रिटर्न घटा है, जो संकेत करता है कि कंपनी को अपनी लागत नियंत्रण रणनीतियों पर फिर से विचार करने की जरूरत है।


📊 शेयर मार्केट पर असर

21 जुलाई (सोमवार) को 15:37 बजे Eternal के शेयर ₹274 प्रति शेयर की दर से ट्रेड कर रहे थे। इससे कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण ₹2,64,564 करोड़ (लगभग $31.2 बिलियन) पहुंच गया।

इसका मतलब है कि भले ही मुनाफा गिरा हो, लेकिन मार्केट में Eternal की वैल्यू अभी भी मजबूत बनी हुई है।


🔍 क्या कहता है यह प्रदर्शन?

Eternal का रेवेन्यू ग्रोथ दर्शाता है कि कंपनी का बिजनेस मॉडल – खासकर Blinkit और Hyperpure – तेज़ी से पॉपुलर हो रहा है। हालांकि, मुनाफे में आई गिरावट यह स्पष्ट करती है कि बिजनेस का स्केल बढ़ाना ही काफी नहीं, बल्कि लागत नियंत्रण और ऑपरेशनल एफिशिएंसी भी जरूरी है।

Eternal की स्थिति फिलहाल दोराहे पर है: एक ओर से ग्रोथ शानदार है, वहीं दूसरी ओर मुनाफे की घटती रफ्तार चिंताजनक हो सकती है, खासकर इन्वेस्टर्स और शेयरहोल्डर्स के लिए।


🧾 निष्कर्ष

  • Eternal ने FY26 की Q1 में ₹7,521 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया, जो 70% ग्रोथ है।
  • लेकिन मुनाफा ₹253 करोड़ से गिरकर ₹25 करोड़ रह गया – 90% की गिरावट।
  • Blinkit और Hyperpure के बढ़ते योगदान ने रेवेन्यू बढ़ाया लेकिन खर्च भी काफी बढ़ा।
  • कंपनी ₹1 कमाने के लिए ₹1.04 खर्च कर रही है – ये संकेत है कि लागत नियंत्रण की जरूरत है।

👉 आने वाली तिमाहियों में देखना दिलचस्प होगा कि क्या Eternal अपने ग्रोथ को मुनाफे में बदलने में सफल होती है, या फिर मार्केट विस्तार की यह आक्रामक रणनीति और भी नुकसान बढ़ाएगी।

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