🌞 Candi Solar ने जुटाए $58.5 Million

Candi Solar

स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) सेक्टर में तेजी से उभर रही Candi Solar ने एक और बड़ा मील का पत्थर हासिल किया है। कंपनी ने International Finance Corporation (IFC) के नेतृत्व में $58.5 मिलियन (लगभग ₹490 करोड़) की डेट फंडिंग जुटाई है। यह इनफ्यूज़न Candi Solar को भारत और साउथ अफ्रीका में अपनी सौर (Solar) ऊर्जा क्षमता को तेज़ी से बढ़ाने में मदद करेगा।

कंपनी ने यह भी पुष्टि की है कि इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा 400 MWp से ज्यादा का सोलर पोर्टफोलियो खड़ा करने और स्टोरेज एवं परफॉर्मेंस-लिंक्ड सोल्यूशन्स को मजबूत करने पर खर्च किया जाएगा।


Candi Solar: कमर्शियल और इंडस्ट्रियल (C&I) सेक्टर के लिए भरोसेमंद सोलर साथी

2018 में निशांत सूद, फैबियो यूकैलिप्टो और फिलिप फ्लैमंड द्वारा स्थापित, Candi Solar का फोकस कमर्शियल और इंडस्ट्रियल ग्राहकों को सस्टेनेबल, किफायती और जोखिम-मुक्त सोलर एनर्जी समाधान देना है।

कंपनी की खासियतें:

  • C&I ग्राहकों के लिए टेलर्ड सोलर सॉल्यूशन्स
  • प्रोजेक्ट को खुद फाइनेंस, बिल्ड और मैनेज करना
  • सभी तकनीकी और परफॉर्मेंस रिस्क खुद उठाना
  • परफॉर्मेंस-लिंक्ड मॉडल जिससे ग्राहकों को वास्तविक आउटपुट पर आधारित बचत मिलती है
  • भारत और साउथ अफ्रीका में 200 MWp+ का पहले से बना हुआ मजबूत पोर्टफोलियो

💰 IFC के नेतृत्व में जुटा $58.5 Million – क्यों है यह राउंड खास?

यह निवेश Candi Solar के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:

  • IFC (World Bank Group) के साथ जुड़ने से कंपनी की विश्वसनीयता और बढ़ेगी
  • फंडिंग का इस्तेमाल उभरते बाज़ारों में तेज़ी से क्षमता विस्तार के लिए होगा
  • कंपनी की परफॉर्मेंस-लिंक्ड टेक्नोलॉजी और ऊर्जा स्टोरेज सॉल्यूशन्स को स्केल किया जाएगा

इससे पहले Candi Solar ने जुलाई 2025 में $24 मिलियन की Series C फंडिंग भी जुटाई थी। दोनों राउंड मिलकर कंपनी को तेजी से विस्तार की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं।


🏭 400 MWp+ पोर्टफोलियो तैयार करने की तैयारी

कंपनी ने घोषणा की कि इस फंड का उपयोग मुख्य रूप से:

  • भारत और साउथ अफ्रीका में 200–400 MWp के नए प्रोजेक्ट विकसित करने
  • स्टोरेज-आधारित एनर्जी सॉल्यूशन्स बढ़ाने
  • परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत करने
  • तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने
  • इंडस्ट्रियल क्लाइंट्स के लिए नए उत्पाद लॉन्च करने में किया जाएगा

Candi Solar के मॉडल में ग्राहक के शुरुआती निवेश की जरूरत लगभग खत्म हो जाती है, जिससे कंपनियों को सोलर अपनाने में आसानी होती है।


🌍 सस्टेनेबिलिटी और इम्पैक्ट: Candi Solar क्या बदलेगा?

कंपनी के अनुसार, उसका मॉडल इन देशों में बड़े स्तर पर बदलाव ला सकता है:

♻️ 1. स्वच्छ और किफायती ऊर्जा

Candi Solar के प्रोजेक्ट्स ग्राहकों के ऑपरेशनल खर्चों में भारी कमी करेंगे।

⚙️ 2. औद्योगिक क्लस्टर्स की डीकार्बोनाइजेशन

फैक्ट्रियों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए सोलर ऊर्जा:

  • प्रदूषण कम करेगी
  • लागत घटाएगी
  • लंबी अवधि में स्थिरता बढ़ाएगी

🔌 3. ग्रिड स्टेबिलिटी बढ़ेगी

कई देशों में बिजली कटौती एक आम समस्या है। Candi Solar का स्टोरेज मॉडल इस समस्या को कम करेगा।

👷 4. रोजगार और सप्लाई चेन को मजबूती

कंपनी का विस्तार हजारों नौकरियों और लोकल सप्लाई चेन में अवसर पैदा करेगा।


🌅 Candi Solar की तेज़ ग्रोथ: सिर्फ 18 महीनों में डबल हुआ पोर्टफोलियो

कंपनी ने बताया कि उसने मात्र 18 महीनों में 220 MWp+ का पोर्टफोलियो खड़ा किया है, जिसमें शामिल हैं:

  • भारत में 85 MWp ओपन-एक्सेस प्रोजेक्ट्स
  • प्रमुख प्रोजेक्ट साइट्स: प्रिकॉल, किंग्स पार्क स्टेडियम, IFF, Toyota, Pick n Pay आदि
  • भारत और साउथ अफ्रीका के साथ अन्य देशों में भी विस्तार की तैयारी

🤝 प्रतिस्पर्धा: CleanMax, Fourth Partner, Amplus जैसे खिलाड़ियों से मुकाबला

Candi Solar भारत की सबसे तेजी से बढ़ती C&I सोलर कंपनियों में शामिल हो चुकी है।
इसका सीधा मुकाबला इन बड़े नामों से है:

  • CleanMax Solar
  • Fourth Partner Energy
  • Amplus Solar
  • Cleantech Solar

लेकिन Candi के परफॉर्मेंस-लिंक्ड मॉडल और तेज़ विस्तार ने इसे खास बना दिया है।


📝 निष्कर्ष: Candi Solar की फंडिंग क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन को देगा बड़ा बूस्ट

भारत और साउथ अफ्रीका जैसे उभरते बाजारों में C&I सेक्टर की ऊर्जा जरूरतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में Candi Solar का मॉडल इन देशों की इंडस्ट्रियल इकॉनमी को:

  • हरित (Green)
  • विश्वसनीय
  • किफायती

ऊर्जा की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
IFC से मिली यह बड़ी फंडिंग कंपनी की क्षमता को कई गुना बढ़ाएगी और क्लीन एनर्जी की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।

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🚛 Ripplr ने जुटाए $45M

Ripplr

भारत का डिस्ट्रिब्यूशन और सप्लाई चेन सेक्टर तेजी से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर बढ़ रहा है, और इसी बदलाव में एक अहम खिलाड़ी है Ripplr। कंपनी ने अपने Series C फंडिंग राउंड में $45 million (करीब ₹375 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड में State Bank of India (SBI) के साथ कंपनी के मौजूदा निवेशकों—3one4 Capital, Zephyr Peacock और Sojitz Corporation—ने हिस्सा लिया है।

यह निवेश ऐसे समय में आया है जब भारत का FMCG और सप्लाई चेन इकोसिस्टम तकनीक-आधारित समाधान की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और ब्रांड्स को एक भरोसेमंद, तेज व स्केलेबल नेटवर्क की पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।


💸 फंडिंग का ब्रेकअप: कितना पैसा कहाँ से आया?

Ripplr ने अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन 3one4 Capital के ब्लॉग और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार—

  • कुल फंडिंग: $45 million
  • प्राइमरी कैपिटल: लगभग $30–32 million
  • सेकेंडरी सेल: करीब $10 million

इससे पहले भी Ripplr ने $56 million से अधिक इक्विटी और डेब्ट के रूप में जुटाए थे। यह Series C राउंड Ripplr की ग्रोथ और मार्केट लीडरशिप को और अधिक मजबूती देगा।


🏬 Ripplr क्या करता है?

Ripplr एक टेक-फर्स्ट, फुल-स्टैक डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क चलाने वाली कंपनी है। इसकी सेवाएँ ब्रांड्स को एंड-टू-एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट में मदद करती हैं—यानी डिमांड से लेकर डिलीवरी तक की पूरी प्रक्रिया एक ही प्लेटफॉर्म पर।

कंपनी की विशेषताएँ:

  • 🔹 लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट
  • 🔹 ऑन-ग्राउंड एक्सीक्यूशन
  • 🔹 इन्वेंट्री इंटेलिजेंस
  • 🔹 रिटेलर रिलेशनशिप नेटवर्क

इस अनोखे मॉडल के कारण Ripplr भारतीय रिटेल इकोसिस्टम में एक मजबूत और भरोसेमंद पार्टनर के रूप में सामने आया है।


🛒 किन ब्रांड्स तक पहुंचता है Ripplr?

कंपनी का दावा है कि उसका नेटवर्क अब—

  • 1 लाख से अधिक रिटेलर्स तक पहुँच चुका है
  • हर महीने लाखों ऑर्डर प्रोसेस करता है

Ripplr कई बड़े उपभोक्ता ब्रांड्स के लिए सप्लाई चेन चलाता है, जिनमें शामिल हैं:

  • Unilever
  • Nestlé
  • Tata Consumer
  • Godrej
  • Nivea
  • Dabur

इन कंपनियों का भरोसा दिखाता है कि Ripplr का मॉडल भारतीय बाजार की जरूरतों के साथ पूरी तरह फिट बैठता है।


📈 कंपनी की ग्रोथ: FY25 के आँकड़े

स्टार्टअप डेटा प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार:

🔹 Revenue Growth

  • FY24: ₹1,028 करोड़
  • FY25: ₹1,164 करोड़
    ➡️ 13% की सालाना वृद्धि

🔹 Profit/Loss

  • FY24: ₹90 करोड़ का घाटा
  • FY25: ₹91 करोड़ का घाटा
    ➡️ नुकसान लगभग समान रहा, लेकिन ऑपरेशनल क्षमता में सुधार दिखाई देता है।

Ripplr अभी भी प्रॉफिटेबल नहीं है, लेकिन इसका फोकस स्पष्ट रूप से स्केल, नेटवर्क और टेक-इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर है।


🔧 टेक्नोलॉजी + ऑपरेशंस = Ripplr का मजबूत मॉडल

भारत जैसे देश में, जहाँ—

  • FMCG नेटवर्क जटिल है
  • छोटे दुकानदारों तक पहुँच महत्वपूर्ण है
  • बार-बार बदलते डिमांड पैटर्न को मैनेज करना चुनौती है

Ripplr का टेक-ड्रिवन नेटवर्क इसे बाकी पारंपरिक डिस्ट्रीब्यूशन मॉडलों से अलग बनाता है। कंपनी का मानना है कि “डिस्ट्रीब्यूशन सिर्फ लॉजिस्टिक्स नहीं है, बल्कि फ्लो ऑफ इनफॉर्मेशन भी है।”
यही कारण है कि Ripplr ने इन्वेंट्री इंटेलिजेंस और प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स में भारी निवेश किया है।


🚀 फंडिंग का इस्तेमाल: आगे क्या प्लान है?

Ripplr Series C की नई राशि का उपयोग इन सेक्टर्स में करेगी:

  • टेक स्टैक को मजबूत करना
  • नए शहरों में विस्तार
  • सप्लाई चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना
  • रिटेल नेटवर्क को डीपेन करना
  • वर्किंग कैपिटल की जरूरतें

कंपनी भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में तेजी से विस्तार कर रही है, जहाँ संगठित डिस्ट्रीब्यूशन की भारी कमी है।


🌐 क्यों महत्वपूर्ण है Ripplr का यह फंडिंग राउंड?

भारत में डिस्ट्रिब्यूशन अभी भी काफी हद तक—

  • मैन्युअल
  • बिखरा हुआ
  • असंगठित

है। ऐसे में Ripplr जैसा डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म बाजार में बड़ा बदलाव ला सकता है।
साथ ही, SBI जैसे दिग्गज संस्थान की भागीदारी से कंपनी की विश्वसनीयता और मार्केट वेलिडेशन और अधिक मजबूत हुआ है।


📝 निष्कर्ष

Ripplr का नया Series C राउंड भारतीय सप्लाई चेन और डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर के लिए एक बड़ा संकेत है कि अब समय टेक-फर्स्ट और डेटा-ड्रिवन मॉडल्स का है।
कंपनी का नेटवर्क, ब्रांड्स का भरोसा और लगातार बढ़ता ग्रोथ कर्व यह बताता है कि Ripplr आने वाले वर्षों में इस स्पेस का एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।

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🌟 Gen Z की फैशन फेवरेट Newme ने जुटाए ₹108.66 करोड़!

Newme

महिला-केंद्रित फास्ट फैशन ब्रांड Newme ने अपने बहुप्रतीक्षित Series B फंडिंग राउंड की धमाकेदार शुरुआत कर दी है। इस राउंड में कंपनी ने ₹108.66 करोड़ (लगभग $12 मिलियन) जुटाए हैं। खास बात यह है कि Newme में निवेश का नेतृत्व उसके मौजूदा निवेशक Accel India और Fireside Ventures ने किया है, जबकि Point72 Ventures जैसे नए निवेशक भी पहली बार इसके कैप-टेबल में शामिल हुए हैं।

यह फंडिंग ऐसे समय में आई है जब भारत में Gen Z फैशन मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और Newme अपने ऑनलाइन-ऑफलाइन हाइब्रिड मॉडल के दम पर युवा महिलाओं के बीच बड़ी लोकप्रियता हासिल कर रहा है।


💰 Series B राउंड में कौन-कौन निवेशक जुड़े?

कंपनी की ROC फाइलिंग के अनुसार, Newme ने 3,447 Series B CCPS शेयर ₹3,15,231 प्रति शेयर की दर से जारी किए हैं।

फंडिंग योगदान इस प्रकार है:

  • Accel India: ₹36.94 करोड़
  • Fireside Ventures: ₹36.94 करोड़
  • Point72 Ventures (नया निवेशक): ₹26.38 करोड़
  • AUM Ventures, 2am Ventures और A. Paul SRC SPV V LLC: शेष निवेश

इससे पहले, Newme ने जुलाई 2024 में Accel के नेतृत्व में $18 मिलियन की Series A फंडिंग जुटाई थी।


📈 Valuation में आया 41% उछाल

Entrackr के विश्लेषण के अनुसार, इस ताज़ा निवेश के बाद Newme की वैल्यूएशन में बड़ा उछाल आया है।

  • Series A वैल्यूएशन: ₹700 करोड़
  • Series B वैल्यूएशन: ₹988 करोड़
    ➡️ कुल वृद्धि: 41%

D2C ब्रांड्स के भीड़भाड़ वाले बाजार में यह उछाल Newme के मजबूत बिजनेस मॉडल का संकेत देता है।


👗 Newme क्या करती है? Gen Z की पसंद क्यों बनी?

Newme एक महिला-केंद्रित फास्ट फैशन ब्रांड है जो खासकर Gen Z ऑडियंस को लक्ष्य करता है। कंपनी ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन स्टोर्स के माध्यम से भी अपना नेटवर्क तेजी से बढ़ा रही है।

🚀 को-फाउंडर्स

  • शिवम त्रिपाठी
  • सुमित जसोरिया
  • हिमांशु चौधरी
  • विनोद नाइक

⭐ Newme की प्रमुख खूबियाँ:

  • ट्रेंडी, क्विक-फैशन आउटफिट्स
  • 7 मिलियन+ ऐप डाउनलोड
  • 16 ऑफलाइन स्टोर्स (Bengaluru, Delhi, Pune, Mumbai, Hyderabad, Chandigarh और अन्य शहरों में)
  • डेटा-ड्रिवन डिज़ाइन व प्रोडक्शन मॉडल
  • नए फैशन ट्रेंड्स को तेजी से बाजार में लाने की क्षमता

🧮 कौन कितना मालिक है? – Cap Table Breakdown

TheKredible के अनुसार:

  • Fireside Ventures: 19.27% (सबसे बड़ा बाहरी निवेशक)
  • Accel India: 17.06%
  • Point72 Ventures: 2.67%
  • कंपनी के सह-संस्थापक: सामूहिक रूप से 31.45%
  • AUM Ventures, 2am Ventures और अन्य निवेशक: शेष हिस्सा

यह कैप-टेबल दिखाता है कि Newme अभी भी फाउंडर-ड्रिवन कंपनी है, जो निवेशकों के बीच भरोसे का संकेत है।


📊 Financial Performance: FY24 में क्या रहा?

Newme ने अपने वित्तीय प्रदर्शन के आंकड़े जारी किए हैं:

  • Revenue (FY24): ₹48.28 करोड़
  • Loss (FY24): ₹35.75 करोड़

कंपनी ने अभी FY25 के वित्तीय परिणाम साझा नहीं किए हैं, लेकिन Series A के बाद इसके तेजी से बढ़ते स्टोर नेटवर्क को देखकर अनुमान है कि इसका राजस्व FY25 में काफी बढ़ा होगा।

फास्ट फैशन कैटेगरी में तेजी से खर्च और मार्केटिंग इंवेस्टमेंट के कारण शुरुआती वर्षों में लॉस होना सामान्य है।


🔥 Fast Fashion में फंडिंग की लहर – Newme अकेली नहीं

पिछले एक साल में फास्ट फैशन व क्विक-डिलीवरी फैशन ब्रांड्स में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है।

हाल ही के बड़े सौदे:

  • Slikk: $10 मिलियन (Nexus के नेतृत्व में)
  • Snitch (Men’s Fashion): $40 मिलियन क्विक-कॉमर्स एक्सपैंशन के लिए
  • KNOT (Mumbai-based): हाल ही में फंडिंग क्लोज

इन सबके बीच, Newme ने अपने Gen Z-फोकस्ड ब्रांडिंग और ओमनीचैनल मॉडल की वजह से एक मजबूत पहचान बना ली है।


🛍️ नया निवेश कहाँ खर्च होगा?

Newme ने बताया है कि Series B से जुटाए गए फंड का उपयोग इन क्षेत्रों में किया जाएगा:

  • 🏬 ऑफलाइन स्टोर नेटवर्क का विस्तार
  • 🖥️ टेक व सप्लाई चेन को मजबूत करना
  • 📦 फास्ट-मूविंग फैशन उत्पादन क्षमता बढ़ाना
  • 🎯 मार्केटिंग और ब्रांड पोजिशनिंग बढ़ाना
  • 🌍 Tier-II और Tier-III शहरों में गहराई तक प्रवेश

Newme का विज़न है कि भारत की युवा महिलाओं को ट्रेंडी, किफायती और क्विक-फैशन उपलब्ध कराया जाए—वो भी देशभर में आसानी से।


🏁 निष्कर्ष: फास्ट फैशन की दौड़ में Newme की रफ्तार तेज

Series B राउंड का सफलतापूर्वक खुलना यह साबित करता है कि Newme एक उभरता हुआ, संभावनाओं से भरा भारतीय फास्ट-फैशन ब्रांड है।
Gen Z को गहराई से समझने की इसकी क्षमता, तेजी से बदलते फैशन ट्रेंड्स को पकड़ने की योग्यता और ओमनीचैनल मॉडल इसे प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाते हैं।

तेजी से बढ़ती वैल्यूएशन और निवेशकों का बढ़ता भरोसा इस बात का संकेत है कि आने वाले वर्षों में Newme भारत के प्रमुख फैशन ब्रांड्स की सूची में मजबूत जगह बना सकता है।

Read more : Whizzo ने जुटाए ₹97.36 करोड़

🚀 Whizzo ने जुटाए ₹97.36 करोड़

Whizzo

भारत के उभरते हुए materials science और advanced manufacturing सेक्टर में एक और बड़ा कदम सामने आया है। Whizzo (hizzo)—एक टेक्सटाइल इनोवेशन और मटेरियल साइंस-फोकस्ड स्टार्टअप—ने अपनी Series A फंडिंग में ₹97.36 करोड़ (लगभग $11 मिलियन) जुटाए हैं। यह राउंड The Fundamentum Partnership ने लीड किया है, जिसमें उनके साथ Lightspeed India और BEENEXT भी पार्टिसिपेट कर रहे हैं।

यह Whizzo की 2025 में दूसरी बड़ी फंडिंग है। इससे पहले कंपनी ने जनवरी में $4.2 मिलियन का seed round उठाया था।


💰 Series A फंडिंग डील: कौन कितना निवेश कर रहा है?

Registrar of Companies (RoC) में दाखिल दस्तावेज़ों के अनुसार कंपनी ने:

  • 60,317 Series A CCPS
  • ₹16,140 प्रति शेयर के issue price
    के हिसाब से कुल ₹97.36 करोड़ जुटाए।

फंडिंग ब्रेकअप इस तरह है:

  • 🟦 The Fundamentum Partnership – ₹70 करोड़
  • 🟩 Lightspeed India – ₹19 करोड़
  • 🟧 BEENEXT – ₹8.3 करोड़

यह निवेश Whizzo के शुरुआती सफर में एक मजबूत बैकिंग का संकेत देता है, खासकर इसलिए क्योंकि यह सेक्टर—material science और technical textiles—अभी भारत में तेजी से उभर रहा है।


📈 Valuation में 3.5 गुना की बड़ी छलांग

Entrackr के विश्लेषण के अनुसार, Whizzo का post-money वैल्यूएशन:

  • ₹125 करोड़ (seed round) से बढ़कर
  • ₹435 करोड़ ($49.4 million)

हो गया है।

इसका मतलब, एक ही साल में 3.5X valuation jump, जो किसी भी early-stage startup के लिए शानदार उपलब्धि है।


🧵 Whizzo आखिर करती क्या है?

Whizzo की स्थापना 2024 में हुई थी, जिसकी अगुवाई Shrestha Kukreja कर रहे हैं—जो पहले Zetwerk में अहम भूमिका निभा चुके हैं। कंपनी की expertise advanced material science और नए-युग के टेक्सटाइल इनोवेशन में है।

🔬 Whizzo के कोर प्रोडक्ट्स:

  • Proprietary cellulosic fibers
  • Proprietary polymer-based fibers
  • Industry-specific blended textile materials
  • Faster-to-market textile innovations
  • Customised fabric solutions for industries

कंपनी इन नए फाइबर ब्लेंड्स को apparel, industrial textiles, home furnishing, automotive, और अन्य कई क्षेत्रों में उपयोग के लिए तैयार करती है।

Whizzo की खासियत यह है कि यह R&D heavy, IP-driven textile science पर काम करती है—जिससे यह पारंपरिक टेक्सटाइल स्टार्टअप्स से अलग खड़ी होती है।


🏭 नया निवेश किस पर खर्च होगा?

RoC फाइलिंग के अनुसार Whizzo इस फंडिंग को इन क्षेत्रों में उपयोग करेगी:

  • 🏗️ Capital expenditure (CapEx) — नई मशीनें, R&D इंफ्रास्ट्रक्चर
  • 📢 Marketing और brand building
  • 💼 Working capital
  • 🧾 General corporate activities

यानी, कंपनी अब बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन, कस्टमर एक्विजिशन, और देसी-विदेशी मार्केट एक्सपैंशन पर फोकस करेगी।


🧩 शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर कैसे बदलेगा?

स्टार्टअप डेटा प्लेटफ़ॉर्म TheKredible के अनुसार नवीनतम निवेश के बाद शेयरहोल्डिंग इस प्रकार होगी:

  • Lightspeed India – 19.5%
  • The Fundamentum Partnership – 16.11%
  • BEENEXT – 8.48%
  • Founder Shrestha Kukreja – 48.22%
  • ESOP Pool – 7.52%

यह साफ दिखाता है कि फाउंडर ने अभी भी लगभग आधी कंपनी पर नियंत्रण बनाए रखा है—जो भविष्य की दिशा और रणनीति निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण है।


🏁 2025 की फाइनेंशियल रिपोर्ट अभी बाकी

क्योंकि कंपनी अभी एक साल से भी कम समय पहले (2024 में) लॉन्च हुई है, इसलिए इसके FY25 वित्तीय परिणाम अभी सामने नहीं आए हैं।

फिर भी, शुरुआती फंडिंग स्पीड, वैल्यूएशन ग्रोथ और निवेशकों का भरोसा यह दर्शाता है कि Whizzo भारत के materials science और textile innovation सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी बनकर उभर रहा है।


🔮 Whizzo का आगे का रास्ता क्या होगा?

🌍 संभावित विस्तार क्षेत्र:

  • Industrial fabrics
  • International B2B textile supply
  • High-performance materials
  • Sustainable fibers (eco-friendly innovations)
  • Fashion-tech partnerships

भारत में technical textiles एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है, और सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है। Whizzo जैसे स्टार्टअप्स इस अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भारत की पकड़ मजबूत कर सकते हैं।


📝 निष्कर्ष

Whizzo की ₹97.36 करोड़ की Series A फंडिंग यह साबित करती है कि भारत में deep-tech textile कंपनियों के लिए निवेशकों की रुचि तेजी से बढ़ रही है। 2024 में लॉन्च होकर 2025 में दो बड़ी फंडिंग जुटाना, और 3.5X वैल्यूएशन जंप—यह किसी भी early-stage startup के लिए बड़ी उपलब्धि है।

Whizzo का फोकस advanced materials, IP-driven textile blends, और तेज R&D cycles पर है—जो इसे traditional textile companies से अलग और अधिक cutting-edge बनाता है।

अगर कंपनी अपनी product innovation और supply chain execution को मजबूत रखती है, तो Whizzo आने वाले वर्षों में भारत के textile-tech ecosystem की एक प्रमुख यूनिकॉर्न दावेदार बन सकती है।

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🛒 Meesho का बड़ा कदम IPO फाइल, 3 दिसंबर से खुलेगा सब्सक्रिप्शन

Meesho IPO

भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में धूम मचाने वाले Meesho ने आखिरकार अपना Red Herring Prospectus (RHP) फाइल कर दिया है, जिससे कंपनी का पब्लिक मार्केट में प्रवेश अब बेहद करीब आ चुका है। Bengaluru-based इस कंपनी का IPO 3 दिसंबर 2025 को खुलेगा और 5 दिसंबर को बंद होगा। वहीं anchor investors के लिए बुक 2 दिसंबर को खुलेगी।

यह लिस्टिंग भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की सबसे चर्चित घटनाओं में से एक मानी जा रही है।


💰 Rs 5,421 करोड़ का IPO | प्राइस बैंड Rs 105 – Rs 111

Meesho ने अपने IPO का प्राइस बैंड Rs 105–Rs 111 प्रति शेयर तय किया है।
ऊपरी बैंड के आधार पर IPO का कुल आकार लगभग Rs 5,421 करोड़ बनता है।

📌 इस IPO में दो हिस्से होंगे:

  • Fresh Issue: Rs 4,250 करोड़
  • Offer for Sale (OFS): 10.55 करोड़ शेयर

OFS में Meesho के कई शुरुआती निवेशक और कुछ फाउंडर्स अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे। इसमें शामिल हैं—

  • Elevation Capital
  • Peak XV Partners
  • Venture Highway
  • अन्य शुरुआती बैकर्स

वे अपने लंबे समय से होल्ड किए गए शेयरों का एक हिस्सा कैश आउट करेंगे।


🚀 Fresh Capital का इस्तेमाल कहाँ होगा?

Meesho ने साफ कहा है कि वे इस नई पूंजी का उपयोग मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में करेंगे—

🧠 1. Technology Stack का विस्तार

कंपनी अपने डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर, AI टूल्स और प्लेटफॉर्म इनोवेशन को अपग्रेड करेगी।

☁️ 2. Cloud Infrastructure बढ़ाना

Meesho के यूजर बेस में भारी तेजी आई है, इसलिए कंपनी को मजबूत सर्वर और क्लाउड सिस्टम की जरूरत है।

🎯 3. Brand Building

Meesho ब्रांड को और बड़े स्तर पर प्रमोट किया जाएगा, खासकर Bharat के Tier-II और Tier-III शहरों में।

🔍 4. संभावित Acquisitions

कंपनी कुछ ऐसे स्टार्टअप्स को खरीद सकती है जो उसके बिज़नेस स्ट्रेटेजी से मैच करते हों।

Entrackr के अनुमान के अनुसार, Meesho की वैल्यूएशन इस प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर पर लगभग $5.8 बिलियन बैठती है।


🛍️ Meesho का बिज़नेस मॉडल: Value-first E-commerce

Meesho ने भारत में एक अनोखा मॉडल बनाया है जिसे कंपनी “value-driven e-commerce” कहती है।

⭐ इसकी सबसे बड़ी खासियतें:

  • Zero-commission मॉडल
  • Asset-light ऑपरेशन्स
  • Seller-friendly onboarding
  • Aggressive pricing strategy
  • Tier-II, Tier-III और Bharat मार्केट पर पूरा फोकस

यही वजह है कि Meesho देश के छोटे शहरों और कस्बों में बेहद लोकप्रिय है।


📊 Financial Performance: Revenue तो बढ़ रहा है, पर Profit अभी दूर

Meesho की ग्रोथ impressive है, हालांकि कंपनी अभी भी पूरी तरह profitable नहीं हो पाई है।

FY25 में कंपनी का प्रदर्शन:

  • Revenue: Rs 9,390 करोड़
  • Loss (before exceptional items & tax): Rs 108 करोड़

कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी कॉस्ट को काफी हद तक नियंत्रित किया है, जिससे losses काफी कम हुए हैं।

H1 FY26 (पहली छमाही) में प्रदर्शन:

  • Revenue: Rs 5,577 करोड़

यह दर्शाता है कि FY26 भी Meesho के लिए एक मजबूत साल बनने जा रहा है।


📅 IPO Timeline: निवेशकों के लिए पूरी डेटशीट

इवेंटतारीख
Anchor Investor Allocation2 दिसंबर 2025
IPO Opens3 दिसंबर 2025
IPO Closes5 दिसंबर 2025
Basis of Allotment8 दिसंबर 2025
Refunds / Share Credit9 दिसंबर 2025
Listing (Likely)10 दिसंबर 2025

अगर सब कुछ तय समय पर हुआ, तो Meesho अगले कुछ ही दिनों में स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग शुरू कर देगा।


📈 भारत के इंटरनेट स्टार्टअप्स की नई लहर

यदि Meesho की लिस्टिंग सफल होती है, तो यह उन भारतीय consumer-internet कंपनियों की लिग में शामिल हो जाएगी, जिन्होंने पिछले 3 सालों में IPO के जरिए पब्लिक मार्केट में शानदार एंट्री की है।

इसमें शामिल हैं:

  • Zomato
  • Nykaa
  • Mamaearth
  • Paytm
  • Policybazaar
  • Delhivery

Meesho की एंट्री खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह Bharat-केंद्रित ई-कॉमर्स मॉडल की पहली बड़ी IPO सफलता हो सकती है।


🧾 निष्कर्ष: क्या Meesho IPO 2025 का सबसे बड़ा स्टार्टअप मोमेंट बनेगा?

Meesho भारत के लाखों छोटे रिटेलर्स, गृहिणियों, रीसेलर्स और D2C ब्रांड्स की पसंद रहा है। कंपनी का IPO भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा।

सवाल यह है—

👉 क्या Meesho की ग्रोथ कहानी पब्लिक मार्केट्स को भी उतनी ही पसंद आएगी जितनी Bharat के ग्राहकों को?
👉 क्या इसका वैल्यू-फर्स्ट मॉडल लंबे समय तक sustainable रह पाएगा?

इन सवालों के जवाब तो लिस्टिंग के बाद ही सामने आएंगे, लेकिन इतना तय है कि Meesho का IPO 2025 का सबसे चर्चित स्टार्टअप मोमेंट बनने जा रहा है।

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📉 Vyapar की FY25 रिपोर्ट Revenue बढ़ा लेकिन घाटा अब भी गहरा

Vyapar

भारत के छोटे और मझोले व्यवसायों (SMEs) को डिजिटल अकाउंटिंग समाधान देने वाली SaaS कंपनी Vyapar ने FY25 के अपने वित्तीय नतीजे जारी किए हैं। कंपनी ने जहां साल-दर-साल अच्छे राजस्व विस्तार (YoY Growth) दिखाए, वहीं घाटे में कमी के बावजूद इसकी वित्तीय सेहत कई मोर्चों पर दबाव में दिखाई दी। खास तौर पर, कंपनी का cash buffer 93% तक घट जाना एक बड़ी चिंता बनकर उभरा है।


💰 📈 Revenue में 53% की जबरदस्त बढ़त

Vyapar का ऑपरेटिंग रेवेन्यू FY24 के ₹45 करोड़ से बढ़कर FY25 में ₹69 करोड़ हो गया — यानी लगभग 53% की वृद्धि

यह वृद्धि कंपनी के बढ़ते SME ग्राहक आधार और उसके अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की मांग को दर्शाती है।

🧾 मुख्य रेवेन्यू स्रोत

  • 90% आय सॉफ्टवेयर लाइसेंस (One-time license sales) से
  • बाकी आय — सब्सक्रिप्शन सेवाओं से

Vyapar छोटे व्यापारियों को डिजिटल रूप से लेनदेन, बिलिंग, GST इनवॉइसिंग, स्टॉक मैनेजमेंट और पेमेंट ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं देता है।


👥 Employees पर भारी खर्च — कुल खर्च का 72%

FY25 में Vyapar का सबसे बड़ा खर्च कर्मचारी-लागत (Employee Benefits) रहा।

  • FY24 में कर्मचारी खर्च: ₹92 करोड़
  • FY25 में बढ़कर: ₹102 करोड़
  • कुल खर्च में योगदान: 72%

कंपनी ने अपने टेक, कस्टमर सपोर्ट और ऑपरेशनल टीमों को बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे खर्च भी बढ़ा।


🧾 अन्य Operating Overheads भी बढ़े

कंपनी के अन्य खर्चों — जैसे

  • Customer Support
  • Rent
  • Marketing
  • Cloud Infrastructure

इन सभी ने FY25 में कंपनी के कुल ₹141 करोड़ ऑपरेटिंग खर्च में योगदान दिया। FY24 की तुलना में कुल खर्च लगभग 11% बढ़ा।


📉 Net Loss कम हुआ, पर अभी भी भारी

Vyapar को FY25 में ₹63 करोड़ का नेट लॉस हुआ।
FY24 में यह घाटा ₹72.6 करोड़ था।

यानी घाटे में 13% की कमी, जो एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन कंपनी अब भी गहरे नुकसान में है।

📊 Profitability Metrics

  • ROCE: -62.61%
  • EBITDA Margin: -102.9%

ये आंकड़े दिखाते हैं कि कंपनी का बिजनेस मॉडल अभी भी स्केल तो कर रहा है, लेकिन प्रोफिट फिटनेस तक पहुंचने में समय लगेगा।


💸 Unit Economics: ₹1 कमाने के लिए ₹2.04 खर्च

FY25 में Vyapar ने हर ₹1 रेवेन्यू के लिए ₹2.04 खर्च किए।

यह यूनिट इकॉनॉमिक्स SaaS इंडस्ट्री में अभी भी अस्थिर मानी जाती है और लागत अनुकूलन पर जोर देने की जरूरत को दर्शाती है।


🚨 सबसे बड़ी चिंता: Cash & Bank Balance 93% कम

यह रिपोर्ट का सबसे चौंकाने वाला और महत्वपूर्ण हिस्सा है।

  • FY24 में Cash & Bank Balance: ₹91 करोड़
  • FY25 में घटकर सिर्फ: ₹6 करोड़

यानी कंपनी ने FY25 में 93% कैश बफर खो दिया

यह संकेत देता है कि कंपनी ने Growth और Operations पर भारी खर्च किया है, जो भविष्य में फंडिंग पर निर्भरता बढ़ा सकता है।


🏢 Assets में गिरावट

कंपनी के current assets FY24 के ₹141 करोड़ से घटकर FY25 में ₹89 करोड़ रह गए।

यह भी कंपनी की liquidity को कमजोर करता है।


🚀 Vyapar की अब तक की Funding Journey

TheKredible के अनुसार, Vyapar ने अब तक कुल $36 मिलियन जुटाए हैं। इसके प्रमुख निवेशक हैं:

  • IndiaMART – 25.5% हिस्सेदारी
  • WestBridge Capital – 16% हिस्सेदारी

दोनों निवेशक लंबे समय से कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं और SME-tech सेक्टर में Vyapar की संभावनाओं पर भरोसा जताते रहे हैं।


🧠 Vyapar क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत में 6 करोड़ से अधिक SMEs हैं, जिनमें से अधिकांश अभी भी कागज़-कलम आधारित बहीखाता प्रणाली का उपयोग करते हैं। Vyapar जैसे डिजिटल अकाउंटिंग टूल्स:

  • GST बिलिंग आसान बनाते हैं
  • स्टॉक और इन्वेंटरी ट्रैकिंग सरल करते हैं
  • डिजिटल भुगतान और रिमाइंडर फीचर देते हैं
  • बहुभाषीय इंटरफ़ेस से गांव-कस्बों में भी उपयोगी होते हैं

इसी वजह से कंपनी तेज़ी से लोकप्रिय हो रही है — पर साथ ही भारी ऑपरेशनल खर्च इसे घाटे में भी धकेल रहा है।


🔍 आगे की राह: क्या FY26 में होगा Turnaround?

कंपनी ग्रोथ मोड में है और स्थिरता तक पहुंचने में समय लगेगा।
मुख्य चुनौतियां:

  • Cash Flow मजबूत करना
  • Employee-related खर्च नियंत्रित करना
  • यूनिट इकॉनॉमिक्स सुधारना

अगर Vyapar अपने खर्चों को ऑप्टिमाइज़ करता है और अधिक recurring subscription revenue पर ध्यान देता है, तो आने वाले वर्षों में वित्तीय स्थिति सुधर सकती है।


📝 निष्कर्ष

Vyapar ने FY25 में तेज़ राजस्व वृद्धि दिखाई है, लेकिन

  • बढ़ते खर्च
  • भारी घाटा
  • और कैश रिज़र्व में तीव्र गिरावट

कंपनी के ऑपरेशनल मॉडल पर गंभीर सवाल उठाते हैं।

फिर भी, SME सेक्टर में इसकी प्रासंगिकता और बाजार में इसकी मजबूत पकड़ कंपनी के भविष्य को संभावनाओं से भरा बनाती है।

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🇨🇿💡 AI Visibility Platform Ranketta ने जुटाए €1 मिलियन,

Ranketta

AI सर्च और AI शॉपिंग के दौर में ब्रांड विज़िबिलिटी पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो चुकी है। इसी बढ़ती ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए ब्रनो, चेक गणराज्य स्थित Ranketta—एक AI Visibility Platform—ने अपने Pre-Seed राउंड में €1 मिलियन (लगभग ₹9 करोड़) जुटा लिए हैं।

इस राउंड का नेतृत्व Lighthouse Ventures ने किया, जबकि Gi21 Capital ने भी भागीदारी दिखाई। जुटाई गई यह पूंजी अब Ranketta के विस्तार, अमेरिका बाजार में एंट्री, और इंजीनियरिंग व सेल्स टीम के विस्तार में इस्तेमाल होगी।


🤖 Ranketta क्या करती है?

AI आधारित सर्च इंजन अब पारंपरिक SEO की तरह लिंक नहीं दिखाते, बल्कि सीधे जवाब देते हैं। ऐसे में ब्रांड्स यह समझ ही नहीं पाते कि उनके प्रोडक्ट AI-जनरेटेड जवाबों में कब, क्यों और कितनी बार नजर आ रहे हैं।

यहीं Ranketta गेम-चेंजर बनकर सामने आता है।

📌 इसका प्लेटफ़ॉर्म करता है:

  • ब्रांड के प्रोडक्ट AI टूल्स के जवाबों में कितनी बार दिख रहे हैं, इसका विश्लेषण
  • ChatGPT, Google Gemini, Perplexity, AI Overview, AI Mode जैसे टूल्स में ब्रांड विज़िबिलिटी की गहराई से ट्रैकिंग
  • कौन-से प्रोडक्ट सबसे ज़्यादा रिकमेंड हो रहे हैं और क्यों
  • AI टूल्स किन आर्टिकल्स, स्रोतों और डेटा पर भरोसा कर रहे हैं, यह मैप करना
  • ब्रांड की AI सर्च रैंकिंग, भावना (sentiment) और उल्लेखों की आवृत्ति पर विस्तृत रिपोर्ट

इस तरह Ranketta कंपनियों को बता देता है कि उनकी “AI visibility” कहां मजबूत है और कहां सुधार की जरूरत है।


🧠 क्यों जरूरी होती जा रही है AI Visibility?

Generative AI के बढ़ते उपयोग के साथ, उपभोक्ता पहले से ज्यादा AI-generated recommendations पर भरोसा कर रहे हैं।

चाहे वह:

  • कौन-सा फोन खरीदना है,
  • कौन-सा स्किनकेयर ब्रांड बेहतर है,
  • या किस कंपनी का लैपटॉप सबसे भरोसेमंद है—

लोग AI टूल्स से सीधे जवाब ले रहे हैं।

इस बदलाव से ecommerce, D2C ब्रांड्स और रिटेल कंपनियों के लिए यह समझना अनिवार्य हो गया है कि AI उनकी “डिजिटल उपस्थिति” को कैसे दर्शाता है।

Ranketta का प्लेटफ़ॉर्म इसी भविष्य की जरूरत को पूरा करता है।


🚀 फंडिंग का इस्तेमाल कहां होगा?

कंपनी ने स्पष्ट किया है कि नई पूंजी का उपयोग इन क्षेत्रों में किया जाएगा:

1️⃣ यूरोपीय बाजार में विस्तार

कंपनी पहले से ही चेक गणराज्य और आसपास के क्षेत्रों में लोकप्रिय है। अब यह पश्चिमी यूरोप में गहराई तक प्रवेश करना चाहती है।

2️⃣ अमेरिकी बाजार में आधिकारिक एंट्री

AI उत्पादों और सर्च तकनीक के सबसे बड़े उपयोगकर्ता अमेरिका में हैं। इसलिए Ranketta यहां बड़े स्तर पर शुरुआत करना चाहती है।

3️⃣ इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट टीम की ग्रोथ

कंपनी अपनी तकनीक और प्रोडक्ट को और उन्नत बनाने के लिए इंजीनियरिंग टैलेंट बढ़ाएगी।

4️⃣ सेल्स और गो-टू-मार्केट टीम को मजबूत करना

अनेक ब्रांड्स और AI-फर्स्ट कंपनियों को ऑनबोर्ड करने के लिए सेल्स नेटवर्क मजबूत किया जाएगा।


👨‍💼 नेतृत्व: Vojtěch Oravec की अगुवाई

कंपनी का नेतृत्व इसके फाउंडर और CEO Vojtěch Oravec कर रहे हैं।

उनका कहना है कि—

“दुनिया अब AI-search आधारित युग में प्रवेश कर चुकी है। पारंपरिक SEO अब पूरी तरह पर्याप्त नहीं है। हमारा लक्ष्य ब्रांड्स को यह समझने में सक्षम बनाना है कि उनका नाम AI के जवाबों में कहां और कैसे दिखता है।”


📊 Ranketta कैसे करता है विश्लेषण? (सरल भाषा में समझें)

Ranketta बैकएंड में लगातार यह मॉनिटर करता है कि AI टूल्स किसी ब्रांड के प्रोडक्ट्स के बारे में क्या जवाब दे रहे हैं।

जैसे उदाहरण:

  • अगर कोई उपयोगकर्ता ChatGPT से पूछता है:
    “Best hair dryer for curly hair?”
    – तब Ranketta यह जांचता है कि क्या उस ब्रांड का प्रोडक्ट जवाब में आया, किस रैंक पर आया, और क्यों आया।
  • यह भी बताता है कि AI ने किस वेबसाइट या रिव्यू का संदर्भ लेकर वह जवाब तैयार किया।

यानी Ranketta ब्रांड्स को AI-SEO + AI analytics दोनों देता है।


🛒 AI शॉपिंग को समझने में मदद

AI Shopping यानी ऐसे प्लेटफ़ॉर्म जहां उपभोक्ता AI की सलाह पर खरीदारी करते हैं—तेजी से बढ़ रहे हैं।

Ranketta बताता है:

  • आपका प्रोडक्ट AI Shopping में कहां रैंक करता है
  • compititor के प्रोडक्ट्स कितनी बार सुझाए जाते हैं
  • आपको ऊपर लाने के लिए क्या सुधार जरूरी हैं

Ecommerce ब्रांड्स के लिए यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण बन जाती है।


🌍 AI-Driven भविष्य में Ranketta की भूमिका

Generative AI के तेजी से मेनस्ट्रीम बनने के साथ, यह स्पष्ट है कि आने वाले सालों में कंपनियों की डिजिटल उपस्थिति का मूल्यांकन सर्च इंजनों से ज्यादा AI मॉडल्स द्वारा होगा।

ऐसे में Ranketta जैसे प्लेटफ़ॉर्म ब्रांड्स की “AI Reputation” को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

कंपनी अभी शुरुआती चरण में जरूर है, लेकिन इसका उपयोग तेज़ी से बढ़ रहा है और यह खुद को इस सेगमेंट के “category creator” के रूप में स्थापित कर रही है।


📝 निष्कर्ष

€1 मिलियन की फंडिंग के साथ Ranketta अब बड़े पैमाने पर यूरोप और अमेरिका के बाजार में कदम रखने की तैयारी कर रहा है। जैसे-जैसे AI-जेनरेटेड जवाब उपभोक्ताओं की खरीद निर्णयों को प्रभावित कर रहे हैं, Ranketta ब्रांड्स के लिए अनिवार्य उपकरण बन सकता है।

AI-Visibility और AI-SEO के बढ़ते महत्व को देखते हुए, यह स्टार्टअप आने वाले वर्षों में वैश्विक AI-मार्केटिंग इकोसिस्टम में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरने की क्षमता रखता है।

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💼🇵🇱 पोलैंड की Juo ने जुटाए $4.6 मिलियन

Juo

यूरोप में तेजी से बढ़ते D2C ई-commerce सेक्टर को नई रफ़्तार देने वाले पोलैंड स्थित स्टार्टअप Juo ने अपनी सीड फंडिंग राउंड में $4.6 मिलियन (लगभग ₹38 करोड़) जुटाए हैं। यह राउंड Market One Capital और Peak द्वारा सह-नेतृत्वित रहा, जिसमें SMOK Ventures, BADideas, FJ Labs और Lakestar ने भी निवेश किया।

कंपनी का कहना है कि यह ताज़ा फंडिंग उसके प्रोडक्ट डेवलपमेंट, टीम विस्तार और यूरोपीय बाजारों में संचालन तेज करने में इस्तेमाल की जाएगी।


🚀 Juo क्या करता है?

Juo एक फिजिकल-प्रोडक्ट सब्सक्रिप्शन मैनेजमेंट प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे D2C ब्रांड्स को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह यूरोप के ग्राहकों को लोकल पेमेंट मेथड्स जैसे:

  • iDeal (नीदरलैंड)
  • BLIK (पोलैंड)
  • Bancontact (बेल्जियम)

के ज़रिए सब्सक्रिप्शन आधारित खरीदारी करने की सुविधा देता है।

आज की तारीख में यूरोप का D2C बाजार तेजी से सब्सक्रिप्शन मॉडल की ओर बढ़ रहा है — चाहे वह ब्यूटी प्रोडक्ट हों, न्यूट्रिशन किट्स, पालतू जानवरों का खाना, ग्रीन प्रोडक्ट्स या हेल्थ सप्लाईज़। लेकिन बेकएंड सिस्टम संभालना, बिलिंग, लॉजिक, पेमेंट इंटीग्रेशन और ग्राहक-इंटरफ़ेस बनाना छोटे ब्रांड्स के लिए चुनौती बन जाता है।
यही समस्या Juo हल करता है।


🧰 डेवलपर्स और ऑपरेशन टीम — दोनों के लिए आसान टूलकिट

Juo का प्लेटफ़ॉर्म D2C ब्रांड्स को एक ऐसा टूलकिट देता है जिसमें:

👨‍💻 डेवलपर्स के लिए

  • APIs
  • SDKs
  • प्रीबिल्ट फीचर्स

के माध्यम से सब्सक्रिप्शन मॉडल जोड़ना बेहद आसान हो जाता है।

🛠 ऑपरेशंस टीम के लिए

बिना कोडिंग किए वे कर सकते हैं:

  • नए सब्सक्रिप्शन प्लान मैनेज
  • वर्कफ़्लो सेट
  • कस्टमर बदलावों को ट्रैक
  • बिलिंग और पेमेंट्स मैनेज

यानी एक ही सिस्टम में सब्सक्रिप्शन मैनेजमेंट का पूरा कंट्रोल मिल जाता है।


🛒 Shopify से लेकर Medusa तक — सभी बड़े ई-commerce टूल्स के साथ इंटीग्रेशन

Juo की एक और बड़ी मजबूती यह है कि यह हर उस लोकप्रिय टूल के साथ काम करता है जिसे आज यूरोप के ई-commerce ब्रांड इस्तेमाल करते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • Shopify Hydrogen
  • Medusa
  • CommerceTools
  • PrestaShop
  • Shopware

इन्हें इंटीग्रेट करने के बाद, ब्रांड अपने लेगेसी सिस्टम में बिना किसी बदलाव के आसानी से सब्सक्रिप्शन फीचर जोड़ सकते हैं


📦 यूरोप का सब्सक्रिप्शन बाजार क्यों तेजी से बढ़ रहा है?

पिछले कुछ सालों में यूरोप में D2C ब्रांड्स का झुकाव सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल की ओर तेजी से बढ़ा है। इसके तीन मुख्य कारण हैं:

1️⃣ उपभोक्ता सुविधाजनक अनुभव चाहते हैं

लोग चाहते हैं कि ज़रूरी प्रोडक्ट्स समय पर घर पहुँच जाएं — जैसे:

  • कॉफी पॉड्स
  • न्यूट्रिशन सप्लीमेंट
  • पालतू जानवरों का खाना
  • स्किनकेयर या हेल्थ प्रोडक्ट्स

2️⃣ ब्रांड्स को मिलती है रिकरिंग रेवेन्यू

सब्सक्रिप्शन मॉडल से कंपनियों को:

  • स्थिर आय
  • बेहतर डिमांड प्रीडिक्शन
  • कम कस्टमर चर्न

का फायदा मिलता है।

3️⃣ पेमेंट टेक्नोलॉजी आसान हो चुकी है

लोकल पेमेंट सिस्टम, डिजिटल वॉलेट, और आसान ऑनबोर्डिंग ने मॉडल को और मजबूत बनाया है।

इसी बदलते हुए माहौल में Juo यूरोप का सबसे उभरता हुआ सब्सक्रिप्शन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफ़ॉर्म बनता जा रहा है।


🌟 संस्थापकों की दृष्टि

Juo की स्थापना Alina Prelicz, Leszek Zawadzki और Paweł Tatarczuk ने की थी। तीनों का लक्ष्य है:

“यूरोप के हर ई-commerce ब्रांड को सब्सक्रिप्शन मॉडल अपनाने में जितना आसान हो सके उतना आसान बनाना।”

उनके मुताबिक, आज की ऑनलाइन दुनिया में ग्राहकों की उम्मीदें बदल चुकी हैं और सब्सक्रिप्शन मॉडल सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि ब्रांड लॉयल्टी का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है।


📊 नया फंडिंग राउंड — आगे की क्या योजना है?

$4.6 मिलियन की इस सीड फंडिंग के बाद Juo की प्राथमिक योजनाएँ हैं:

🔹 प्रोडक्ट डेवलपमेंट को तेज करना

  • सब्सक्रिप्शन लॉजिक को और स्मार्ट बनाना
  • बिलिंग ऑटोमेशन को मजबूत करना
  • लोकल पेमेंट विकल्पों को और बढ़ाना

🔹 यूरोप में विस्तार

Juo अब सिर्फ पोलैंड या मध्य यूरोप तक सीमित नहीं रहना चाहता। लक्ष्य है:

  • जर्मनी
  • नीदरलैंड
  • फ्रांस
  • स्कैंडिनेविया

जैसे बड़े बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत करना।

🔹 नई हायरिंग और टीम ग्रोथ

PMs, डेवलपर्स, डेटा इंजीनियर्स और कस्टमर सक्सेस टीम में तेजी से भर्ती होगी।


🧭 Juo सब्सक्रिप्शन टेक का भविष्य क्यों है?

  • सब्सक्रिप्शन इंडस्ट्री तेज़ी से बढ़ रही है
  • D2C ब्रांड्स को सरल और ऑल-इन-वन समाधान चाहिए
  • स्थानीय पेमेंट इंटीग्रेशन यूरोप में गेम-चेंजर है
  • नो-कोड टूल्स ऑपरेशन टीम की दक्षता बढ़ाते हैं

इन सभी कारणों से Juo कंपनियों के लिए एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकल्प बनकर उभर रहा है।


📝 निष्कर्ष

$4.6 मिलियन की सीड फंडिंग ने Juo की विकास यात्रा में नई ऊर्जा भर दी है। अपनी आसान API, स्मार्ट बिज़नेस लॉजिक, लोकल पेमेंट सपोर्ट और नो-कोड मैनेजमेंट मॉडल के साथ Juo यूरोप के D2C सब्सक्रिप्शन बाजार को नई दिशा देने के लिए तैयार है।

आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि Juo यूरोप भर में सब्सक्रिप्शन मॉडल को कितनी तेज़ी से स्केल करता है।

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💊✨ Evidium ने जुटाए $22M

Evidium

San Francisco आधारित हेल्थकेयर AI कंपनी Evidium ने अपने लेटेस्ट फंडिंग राउंड में $22 मिलियन (लगभग ₹184 करोड़) जुटाए हैं। यह राउंड Health2047 और WGG Partners के नेतृत्व में पूरा हुआ, जिसमें x.AI, Perplexity, Innovaccer, Interwoven Ventures और Mindset Ventures जैसे हाई-प्रोफाइल निवेशकों ने भी भाग लिया।

यह निवेश हेल्थ-टेक और AI के संगम पर काम कर रही कंपनियों में बढ़ते भरोसे को दर्शाता है—जो आने वाले समय में मेडिकल सेक्टर को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखते हैं।


🚀 फंडिंग का इस्तेमाल कहां होगा?

Evidium ने साफ किया है कि नए फंड का उपयोग तीन मुख्य क्षेत्रों में किया जाएगा:

⭐ 1. Product Development को तेज करने के लिए

कंपनी अत्याधुनिक AI मॉडल विकसित कर रही है, जो क्लीनिकल और मेडिकल रिस्क मैनेजमेंट में बेहतर सटीकता (precision) देती है।

⭐ 2. Clinical Modeling Capabilities का विस्तार

इस निवेश के बाद Evidium अपने AI मॉडल को और स्मार्ट बनाएगी—ताकि डॉक्टरों, अस्पतालों और इंश्योरेंस कंपनियों को रियल-टाइम और condition-wise accurate insights मिल सकें।

⭐ 3. Go-To-Market Operations को स्केल करने के लिए

कंपनी अब बड़े पैमाने पर हेल्थकेयर सिस्टम्स, क्लीनिक्स और पेयर्स (इंश्योरेंस कंपनियों) तक अपनी पहुँच बढ़ाने की तैयारी में है।


🧠💡 Evidium आखिर करता क्या है?

Evidium के Founder और CEO Carl Bate के नेतृत्व में यह कंपनी एक ऐसा AI प्लेटफॉर्म बना रही है, जो हेल्थकेयर के अलग-अलग stakeholders के लिए precision-driven समाधान प्रदान करता है।

🔍 इसका AI प्लेटफॉर्म किन-किन को मदद करता है?

👨‍⚕️ Clinicians और Care Teams

  • हर बीमारी के treatment journey को गहराई से समझने में मदद
  • Quality insights उपलब्ध कराता है
  • Clinical decision-making को आसान बनाता है

🏥 Payviders (जैसे insurers, health plans, integrated delivery networks)

  • Medical risks की probabilistic forecasting
  • Cost और future risk का सटीक अनुमान
  • Healthcare खर्च और claims को बेहतर manage करने में सहायता

📊 Evidium का ‘Precision Product’ क्या खास बनाता है?

कंपनी का कहना है कि उनके AI मॉडल हर medical condition को:

  • उसकी care journey
  • उसके historical risk
  • और उसके expected future cost

के साथ analyze करते हैं।

यानी हॉस्पिटल, डॉक्टर और इंश्योरेंस कंपनियाँ पहले से अंदाज़ा लगा सकती हैं कि किसी बीमारी में कितना खर्च आएगा, कैसे progression होगा और किस प्रकार का care plan बेहतर होगा।

यह AI-powered approach दो बड़े gaps को भरती है:

🩺 1. Clinical Accuracy Gap

डॉक्टरों को actionable insights मिलते हैं—जिन्हें वे अपने treatment plans में तुरंत लागू कर सकते हैं।

💸 2. Cost Management Gap

इंश्योरेंस और health plans को पता चलता है कि किस patient segment पर कितना खर्च आ सकता है—जिससे premium, claims और cost-control की योजना और बेहतर बनती है।


🌍 हेल्थकेयर में AI की मांग क्यों बढ़ रही है?

दुनिया के हेल्थ सिस्टम कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं:

  • बढ़ती population
  • chronic diseases का बढ़ना
  • healthcare costs का लगातार ऊपर जाना
  • डॉक्टर-से-पेशेंट अनुपात में भारी अंतर
  • इंश्योरेंस claims में complexity

ऐसे में “AI-driven precision healthcare” अब सिर्फ luxury नहीं, बल्कि ज़रूरत बन चुका है।

Evidium जैसे प्लेटफॉर्म अस्पतालों और इंश्योरेंस कंपनियों को बड़े पैमाने पर डेटा को समझने और बेहतर निर्णय लेने में मदद कर रहे हैं।


🧬 भारत के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?

हालांकि Evidium एक US-based कंपनी है, लेकिन इसका प्रभाव भारत जैसे देशों पर भी पड़ेगा।

🔥 भारत में भी AI-enabled healthcare solutions की मांग तेजी से बढ़ रही है
🔥 भारतीय insurers preventive health models में निवेश बढ़ा रहे हैं
🔥 इंडियन स्टार्टअप्स पहले ही health AI सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं (जैसे Innovaccer)

Evidium में निवेश करने वाले कई बड़े निवेशक भारत में भी एक्टिव हैं—इसका मतलब कि इसकी तकनीक भविष्य में भारत के हेल्थकेयर सिस्टम तक भी पहुंच सकती है।


🧭 कंपनी का आगे का रोडमैप

फंडिंग के बाद Evidium अपनी टीम को बढ़ाएगी और global expansion के लिए भी रणनीति तैयार कर रही है।

कंपनी आने वाले समय में निम्न क्षेत्रों में मजबूत दखल बनाएगी:

  • 🔬 Predictive Health Analytics
  • 💰 Risk-bearing organizations के लिए AI tools
  • 🏨 Hospital performance optimization
  • 📉 Cost & Claims management automation

📝 निष्कर्ष

$22 मिलियन की यह फंडिंग Evidium को हेल्थकेयर AI में और भी मजबूत बनाएगी। कंपनी का उद्देश्य सिर्फ AI बनाना नहीं, बल्कि एक ऐसा ecosystem तैयार करना है जहां डॉक्टर, अस्पताल, insurers और patients—सभी को डेटा-based, accurate और actionable insights मिलें।

हेल्थकेयर का भविष्य डेटा और AI पर आधारित है—और Evidium उन कंपनियों में से है जो इस बदलाव को दिशा दे रही हैं।

Read more : Moneyview ने उठाए ₹100 करोड़ Debt Funding,

💸 Moneyview ने उठाए ₹100 करोड़ Debt Funding,

Moneyview

Consumer lending प्लेटफ़ॉर्म Moneyview ने अपने विकास और विस्तार योजनाओं को मजबूत करने के लिए ₹100 करोड़ (लगभग $11.4 मिलियन) की नई debt funding जुटाई है। यह निवेश RevX Capital, Motilal Oswal और अन्य निवेशकों द्वारा किया गया है। फंडिंग ऐसे समय में आई है जब कंपनी अपने संभावित IPO की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।

कंपनी ने जून 2025 में एक public entity का रूप ले लिया था, जो इसकी लिस्टिंग योजनाओं की पुष्टि करता है।


🧾 कैसे जुटा फंड?—NCD के जरिए ₹100 करोड़

Registrar of Companies (RoC) के अनुसार, Moneyview की बोर्ड ने 100 non-convertible debentures (NCDs) जारी किए हैं, जिनकी फेस वैल्यू ₹1 करोड़ प्रति NCD थी। कुल मिलाकर इससे कंपनी ने ₹100 करोड़ की राशि जुटाई।

निवेशकों का योगदान

  • RevX Capital → ₹45 करोड़
  • Motilal Oswal → ₹40 करोड़
  • Arthos Corporate → ₹11 करोड़
  • ElectroMech India → ₹4 करोड़

कंपनी आने वाले महीनों में ₹750 करोड़ तक की अतिरिक्त debt funding कई चरणों में जुटाने की योजना बना रही है।


🏛️ नए Independent Directors की नियुक्ति

सितंबर में दर्ज एक अलग फाइलिंग के अनुसार, Moneyview ने अपने corporate structure को मजबूत करते हुए नए non-executive independent directors नियुक्त किए हैं:

  • अल्पना परिदा
  • समीर कुमार बैसवाला
  • अनिल बेररा

कंपनी के public listing की तैयारी को देखते हुए यह कदम governance और compliance को शक्ति देने के उद्देश्य से लिया गया है।


💳 Moneyview क्या करता है?—भारत का उभरता हुआ Consumer Lending प्लेटफ़ॉर्म

2014 में स्थापित Moneyview आज भारत के प्रमुख डिजिटल lending प्लेटफॉर्म्स में गिना जाता है। कंपनी भारत के उपभोक्ताओं को उनके financial जरूरतों के मुताबिक personalized financial products उपलब्ध कराती है।

📌 कंपनी की मुख्य सेवाएँ:

  • Instant Personal Loans
  • Credit Lines & Cards
  • Buy Now, Pay Later (BNPL)
  • Financial Management Tools
  • जल्द ही: Digital Bank Accounts, Insurance & Wealth Products

कंपनी 15 से अधिक lending partners के साथ मिलकर अपनी सेवाएँ देती है।


📱 65 मिलियन से ज्यादा Users—5 करोड़ App Downloads

Moneyview का user base तेजी से बढ़ रहा है। कंपनी का दावा है कि:

  • 6.5 करोड़ से अधिक registered users
  • 5 करोड़+ ऐप डाउनलोड

यह डेटा दर्शाता है कि Bharat के Tier-2 और Tier-3 शहरों में Moneyview की पहुंच मजबूत हो रही है।


🌍 कंपनी की Funding Journey—$240 मिलियन से ज्यादा फंड जुटाया

स्टार्टअप डेटा प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार, Moneyview ने अब तक $240 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है। इसके प्रमुख निवेशक हैं:

  • Accel
  • Tiger Global
  • Ribbit Capital
  • Nexus Venture Partners

सितंबर 2024 में Accel और Nexus से जुटाए गए फंड के बाद Moneyview unicorn क्लब में शामिल हुई थी।


📈 FY25: 74% Revenue Growth और 40% Profit Jump

Moneyview ने FY25 में बेहतरीन वित्तीय प्रदर्शन किया है। कंपनी के अनुसार:

  • 74% साल-दर-साल (YoY) revenue growth
  • 40% profit increase → ₹240 करोड़

एक consumer lending fintech के लिए यह growth बाज़ार में इसकी मजबूत स्थिति और efficient risk models को दर्शाती है।


🏦 IPO की तैयारी—₹3,400 करोड़ जुटाने की योजना

कंपनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपने upcoming IPO में लगभग $400 मिलियन (₹3,400 करोड़) जुटाने की तैयारी कर रही है।

इसके लिए कंपनी ने बड़े बैंकिंग पार्टनर्स को onboard किया है, जिनमें शामिल हैं:

  • Axis Capital
  • Kotak Mahindra Bank
  • अन्य global & domestic bankers

IPO के जरिए Moneyview अपने lending operations को विस्तार देने, नए प्रोडक्ट लॉन्च करने और technology infrastructure को मजबूत करने की योजना पर काम कर रही है।


🔍 क्यों बढ़ रही है Fintech Lending की मांग?

भारत में digital lending का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, खासकर उन युवा उपभोक्ताओं के बीच जिन्हें:

  • त्वरित loan approval
  • flexible EMI options
  • digitally seamless process
    की जरूरत होती है।

Moneyview जैसे platforms इस gap को technology और data-driven credit models के जरिए पूरा कर रहे हैं।


🧭 आगे का रास्ता—Moneyview के लिए क्या मायने रखता है यह फंड?

₹100 करोड़ की debt funding से कंपनी को आगे मदद मिलेगी:

  • Loan book बढ़ाने में
  • नए प्रोडक्ट लॉन्च करने में
  • IPO की तैयारी मजबूत करने में
  • risk models और data platforms सुधारने में

कंपनी का अगला चरण अधिक व्यापक banking-led financial services तक विस्तार करना है।


📝 निष्कर्ष

Moneyview की हालिया फंडिंग और IPO की तैयारी यह दर्शाती है कि Indian fintech ecosystem में high-growth lending platforms की मांग लगातार बनी हुई है। मजबूत financial performance, व्यापक user base और aggressive expansion plan के साथ Moneyview खुद को भारत के अग्रणी digital finance leaders में मजबूती से स्थापित कर रहा है।

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