🚗⚡ 3ev Industries ने उठाए ₹120 करोड़

3ev Industries

भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर में एक और बड़ी फंडिंग डील दर्ज हुई है। बेंगलुरु आधारित EV OEM कंपनी 3ev Industries ने अपनी Series A फंडिंग राउंड में ₹120 करोड़ जुटाए, जिसमें सबसे बड़ा निवेश Mahanagar Gas Limited (MGL) से आया। यह निवेश EV इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण संकेत है कि भविष्य की शहरी मोबिलिटी अब और तेज़ी से इलेक्ट्रिक होने वाली है।


💰 Series A राउंड में कौन-कौन निवेशक शामिल रहे?

इस राउंड में प्रमुख निवेश इस प्रकार रहे:

  • Mahanagar Gas Limited (MGL) — ₹96 करोड़
  • Thackersey Group — ₹10.46 करोड़
  • Equentis Angel Fund — ₹8.15 करोड़
  • HNIs, UHNIs और फैमिली ऑफिसेज़ का सम्मिलित निवेश — ₹4.82 करोड़

कंपनी इससे पहले भी करीब $2 मिलियन की सीड फंडिंग जुटा चुकी है।

नए निवेश के साथ अब 3ev Industries अपनी ग्रोथ प्लानिंग को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी में है।


🏭 फंडिंग कहां इस्तेमाल होगी? 3ev Industries का बड़ा प्लान

कंपनी ने बताया कि जुटाई गई पूंजी का उपयोग इन प्रमुख क्षेत्रों में किया जाएगा:

🔌 1. मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने में

3ev अपने EV मॉडल्स की प्रोडक्शन क्षमता को कई गुना बढ़ाना चाहती है ताकि बढ़ती बाजार मांग को पूरा किया जा सके।

🛠️ 2. नए “3C डिवीजन” की लॉन्चिंग

3C का मतलब है —

  • Charging
  • Care
  • Conversions

यानी, EV चार्जिंग, सर्विसिंग और कन्वर्ज़न को एक एकीकृत प्लेटफॉर्म में लाया जाएगा।

🔋 3. बैटरी टेक्नोलॉजी और रिसर्च

  • रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम
  • एडवांस्ड EV मटीरियल
  • सोलर-सक्षम कोल्ड-चेन EV टेक्नोलॉजी

इन सभी क्षेत्रों में रिसर्च को तेज़ करने पर ध्यान दिया जाएगा।

🌐 4. सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को मजबूत करना

कंपनी EV कंपोनेंट्स की सप्लाई चेन को सस्टेनेबल और किफायती बनाने की दिशा में निवेश करेगी।


⚙️ कंपनी क्या करती है? जानिए 3ev का बिजनेस मॉडल

2019 में Peter Hartmut और CG Krishna Bhupathi द्वारा स्थापित, 3ev Industries भारत के लिए किफायती और स्केलेबल EV सॉल्यूशंस विकसित कर रही है, खासकर:

  • लास्ट-माइल डिलीवरी
  • अर्बन ट्रांसपोर्ट
  • कस्टमाइज़्ड कॉमर्शियल EVs

कंपनी की सबसे बड़ी ताकत है इसका Battery-as-a-Service (BaaS) प्लेटफॉर्म—
जहां ग्राहक बैटरी खरीदने के बजाय सब्सक्रिप्शन मॉडल पर बैटरी उपयोग कर सकते हैं और लागत काफी कम हो जाती है।

इसके साथ 3ev मैन्युफैक्चरिंग, फाइनेंसिंग और आफ्टर-मार्केट सर्विसिंग, तीनों को एक ही जगह उपलब्ध कराता है।


📈 EV मार्केट का बूम: कंपनी के लिए बड़ा अवसर

एक मार्केट रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार:

  • भारत का अर्बन मोबिलिटी मार्केट 19.5% CAGR से बढ़ रहा है
  • 2035 तक $18.7 बिलियन का आकार छू सकता है
  • थ्री-व्हीलर EV सेल्स में 60% से अधिक EV पैठ संभावित है

यह भविष्य 3ev जैसी कंपनियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।


📊 3ev की ग्रोथ: क्या कहती हैं बिक्री और रेवेन्यू की संख्याएँ?

कंपनी ने FY24–FY25 के बीच मजबूत प्रगति दिखाई:

  • FY24 में वाहन बिक्री: 438 यूनिट्स
  • FY25 में अनुमानित बिक्री: 834 यूनिट्स (लगभग दोगुनी)
  • FY24 राजस्व: ₹17.8 करोड़
  • FY25 अनुमानित राजस्व: ₹54.7 करोड़
  • FY26 का लक्ष्य: ₹65 करोड़ + सकारात्मक EBITDA

इस तेज़ ग्रोथ से पता चलता है कि कंपनी ने प्रोडक्ट क्वालिटी और मार्केट फिट दोनों जगह मजबूत पकड़ बनाई है।


🗣️ कंपनी का बयान: “यह हमारे लिए गेम-चेंजर मोमेंट है”

3ev Industries के MD Peter Voelkner ने कहा:

“यह निवेश FY25 में हमारी यात्रा का सबसे बड़ा मोड़ साबित हुआ। इससे हमने अपनी बिल्ड क्वालिटी, आफ्टर-मार्केट क्षमताओं और फाइनेंसिंग सॉल्यूशंस को और मजबूत किया है। हमारा मिशन भारत की लास्ट-माइल मोबिलिटी को सस्टेनेबल EV सॉल्यूशंस से बदलना है।”


🔮 आगे की राह: क्या 3ev EV इंडस्ट्री का बड़ा खिलाड़ी बनेगा?

EV इंडस्ट्री में कॉम्पिटिशन बढ़ रहा है, लेकिन 3ev की रणनीति कई कारणों से मजबूत दिखती है:

⭐ लास्ट-माइल मोबिलिटी में हाई डिमांड
⭐ BaaS मॉडल की बड़ी स्वीकार्यता
⭐ कस्टमाइज़्ड EV डिज़ाइंस
⭐ तकनीकी रिसर्च पर बड़ा फोकस
⭐ MGL जैसे बड़े रणनीतिक निवेशकों की बैकिंग

अगर कंपनी इसी ग्रोथ को बरकरार रखती है, तो अगले 2–3 साल में यह भारत के प्रमुख EV OEMs की सूची में शामिल हो सकती है।


🏁 निष्कर्ष

₹120 करोड़ की Series A फंडिंग के साथ 3ev Industries ने EV सेक्टर में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। चाहे मैन्युफैक्चरिंग विस्तार हो, 3C डिवीजन की लॉन्चिंग हो या बैटरी तकनीक में अनुसंधान — हर दिशा में कंपनी आक्रामक और रणनीतिक तरीके से आगे बढ़ रही है।

भारतीय EV मार्केट में बढ़ती मांग को देखते हुए, 3ev का यह कदम न सिर्फ कंपनी बल्कि पूरे EV इकोसिस्टम के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

Read more : AxiTrust ने उठाए ₹23.5 करोड़ भारत में Surety Bonds का नया डिजिटल युग शुरू

🚤⚡ ExploMar ने जुटाए $10 मिलियन

ExploMar

दुनिया तेजी से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की तरफ बढ़ रही है—और अब यह ट्रेंड सिर्फ गाड़ियों तक सीमित नहीं रहा। चीन के शंघाई में स्थित ExploMar, जो इलेक्ट्रिक बोट मोटर सिस्टम बनाती है, ने हाल ही में 10 मिलियन डॉलर से ज्यादा की फंडिंग जुटाई है। यह निवेश कंपनी ने अपनी वैश्विक मौजूदगी मजबूत करने, प्रोडक्ट डेवलपमेंट बढ़ाने और सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए उठाया है।

इस राउंड का नेतृत्व किया DCM Ventures ने, जो दुनिया की प्रमुख टेक-इन्वेस्टमेंट कंपनियों में से एक है। ExploMar की यह उपलब्धि यह दिखाती है कि समुद्री परिवहन (Marine Mobility) का भविष्य भी अब इलेक्ट्रिक दिशा में बढ़ रहा है।


⚡️ क्या करती है ExploMar?

2021 में स्थापित, ExploMar इलेक्ट्रिक बोट्स के लिए हाई-परफॉर्मेंस इलेक्ट्रिक आउटबोर्ड मोटर सिस्टम बनाती है। कंपनी की टेक्नोलॉजी, डिज़ाइन और प्रदर्शन (Performance) उसे Marine EV दुनिया में एक उभरता हुआ नाम बनाती है।

🚤 ExploMar की मोटर्स की खासियत

कंपनी 70HP से 300HP तक की मोटरें बनाती है—और आगे चलकर इसे 1,200HP तक ले जाने की योजना भी है।
कुछ मुख्य विशेषताएँ:

  • Proprietary High-Voltage Platform → ज्यादा पॉवर के साथ बेहतर ऊर्जा दक्षता
  • 🌀 Exoflux Design → मोटर्स को हल्का, ज़्यादा प्रभावी और टिकाऊ बनाता है
  • 🌍 Zero-Emission Technology → पर्यावरण के अनुकूल
  • 🔋 कम मेंटेनेंस और लंबी लाइफ

कुल मिलाकर, ExploMar समुद्री दुनिया के लिए वह काम कर रही है जो Tesla ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में किया था।


🌍 दुनिया में 20+ देशों तक पहुँच

ExploMar की ग्रोथ सिर्फ चीन तक सीमित नहीं है। कंपनी अपने उत्पाद दुनिया भर में भेज रही है और 20 से ज्यादा देशों में अपना डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बना चुकी है। इनमें शामिल हैं:

  • 🇨🇳 China
  • 🇳🇴 Norway
  • 🇮🇹 Italy
  • 🇳🇬 Nigeria
  • 🇮🇩 Indonesia
  • 🇸🇬 Singapore
  • 🇹🇭 Thailand

इसके अलावा, यूरोप, एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भी कंपनी तेजी से विस्तार कर रही है।

यह दिखाता है कि Global Marine EV मार्केट में ExploMar अब एक प्रमुख खिलाड़ी बनता जा रहा है।


💰 फंडिंग का इस्तेमाल कहाँ होगा?

कंपनी ने साफ किया है कि यह 10 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग इन प्रमुख क्षेत्रों में उपयोग होगी:

🔧 1. Global Distribution & Service Network Expansion

कंपनी दुनिया भर में अपनी मौजूदगी और मजबूत करेगी, खासकर यूरोप व साउथ-ईस्ट एशिया में।

🏭 2. Supply-Chain Optimization

इलेक्ट्रिक मोटर्स का उत्पादन हाई-टेक और कंपोनेंट-हैवी होता है। इसलिए ExploMar सप्लाई चेन को और स्थिर बनाना चाहती है।

🛠️ 3. Product Development

  • 300HP से ऊपर की मोटरों पर विकास
  • 1,200HP आउटबोर्ड मोटर की तैयारी
  • नई बैटरी टेक्नोलॉजी और हल्के मोटर डिज़ाइन
    इन्हीं से ExploMar वैश्विक EV Marine बाजार में और भी मजबूत प्रतिस्पर्धी स्थिति बना सकेगी।

🛥️ Electric Marine Sector क्यों बढ़ रहा है?

एविएशन से लेकर ऑटोमोबाइल तक—हर जगह “Zero Emission” की मांग बढ़ रही है। Marine सेक्टर में:

  • डीज़ल बोट्स की हाई मेंटेनेंस और हाई फ्यूल कॉस्ट
  • पोर्ट क्षेत्रों में बढ़ता प्रदूषण
  • देशों द्वारा इलेक्ट्रिक बोट्स के लिए सब्सिडी

इन सभी कारणों से इलेक्ट्रिक बोट मोटर का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है।

ExploMar ने इसी अवसर को पकड़ा है और अब यह दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते Electric Marine स्टार्टअप्स में से एक है।


🚀 ExploMar का आगे का रोडमैप

कंपनी का लक्ष्य बहुत स्पष्ट है — दुनिया की सबसे उन्नत इलेक्ट्रिक बोट मोटर कंपनी बनना।

आगे आने वाले महीनों में कंपनी इन पर काम करेगी:

  • 🌐 और देशों में डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर्स जोड़ना
  • 🔋 हाई-परफॉर्मेंस बैटरी इकोसिस्टम बनाना
  • 🛥️ तेज़ और शक्तिशाली Electric Outboards लॉन्च करना
  • 🏢 Manufacturing क्षमता बढ़ाना

कंपनी का यह कहना है कि आने वाले 2–3 साल में Electric Marine industry टर्निंग पॉइंट पर होगी—और ExploMar इस बदलाव को लीड करना चाहती है।


📌 निष्कर्ष

ExploMar की नई फंडिंग न सिर्फ कंपनी के लिए बल्कि पूरे Electric Marine Mobility सेक्टर के लिए एक बड़ा संकेत है। जिस तरह इलेक्ट्रिक कारों ने दुनिया बदली, अब इलेक्ट्रिक बोट्स की बारी है।

और ExploMar का तेज़ी से बढ़ता कारोबार, हाई-टेक प्रोडक्ट और इंटरनेशनल नेटवर्क यह बताता है कि कंपनी आने वाले सालों में इस ग्लोबल इंडस्ट्री की बड़ी खिलाड़ी बन सकती है।

Read more : Arctus Aerospace ने Pre-Seed में $2.6 मिलियन जुटाए

🚀 Arctus Aerospace ने Pre-Seed में $2.6 मिलियन जुटाए

Arctus Aerospace

भारत के एयरोस्पेस और डीप-टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक और धमाकेदार कदम रखा गया है। Bengaluru स्थित Arctus Aerospace ने अपने pre-seed फंडिंग राउंड में $2.6 मिलियन जुटाए हैं। यह राउंड Version One Ventures, South Park Commons, gradCapital के नेतृत्व में पूरा हुआ, साथ ही कई हाई-प्रोफ़ाइल एंजेल इन्वेस्टर्स—जिनमें Balaji Srinivasan, Srinivas Narayan, Ather के शुरुआती इंजीनियर, और Bounce Infinity व Boom Supersonic के लीडर्स शामिल हैं—ने भी हिस्सा लिया।

यह फंडिंग Arctus को भारत के उभरते एयरबोर्न इंटेलिजेंस और हाई-एंड unmanned aircraft (UAV) सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है।


✈️ Arctus Aerospace क्या बनाता है?

Arctus Aerospace एक अगली-पीढ़ी का बड़े आकार का unmanned aircraft (ड्रोन) प्लेटफॉर्म बना रहा है, जिसकी क्षमताएँ बाज़ार में उपलब्ध किसी भी आम ड्रोन से कहीं अधिक हैं।

✨ इनकी खासियतें:

  • 45,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान
  • 24 घंटे तक लगातार उड़ान
  • 250 किलोग्राम तक payload क्षमता
  • Real-time geospatial intelligence की डिलीवरी

कंपनी का दावा है कि ये एयरक्राफ्ट energy, infrastructure, climate monitoring और security जैसे सेक्टर्स में भारी बदलाव ला सकते हैं।


🛰️ High-Tech Sensors से लैस Super-Intelligent ड्रोन

Arctus के UAV प्लेटफॉर्म में बेहद advanced sensing capabilities शामिल हैं:

  • SAR (Synthetic Aperture Radar)
  • Hyperspectral imaging
  • Optical sensors
  • EO / IR sensing

इन सेंसरों की मदद से large-scale mapping, climate activity monitoring, infrastructure inspection, और surveillance को बेहद सटीक और किफायती तरीके से किया जा सकता है।

सबसे खास बात—जो imaging आमतौर पर 500 sq km के लिए $10,000 में होती है, Arctus वही काम सिर्फ $500 में कर सकता है!
यह लागत का 95% तक कम होना है—जो किसी भी enterprise या government agency के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।


🏭 बेंगलुरु में 25,000 sq ft की अपनी Manufacturing Facility

Arctus Aerospace सिर्फ ड्रोन नहीं बनाता—यह अपने पूरे सिस्टम को in-house डिजाइन और मैन्युफैक्चर करता है। कंपनी के पास Bengaluru में:

  • 25,000 sq ft की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट,
  • Aircraft assembly लाइन
  • Testing infrastructure
  • Engineering और flight operations टीम

यह full-stack engineering approach Arctus को global aerospace कंपनियों की तरह vertically integrated बनाती है।


📡 10,000 फीट से ऊपर उड़ने वाले ड्रोन पहले से ऑपरेट कर रहे हैं

कंपनी पहले से ही कुछ aircraft ऑपरेट कर रही है, जो:

  • 10,000 फीट से ऊपर उड़ान
  • Centimetre-level geospatial precision
  • Large-scale mapping और imaging projects

कर पा रही हैं।
इससे यह संकेत मिलता है कि Arctus सिर्फ concept-stage स्टार्टअप नहीं, बल्कि एक operational aerospace company है जो आगे और बड़े commercial deployments के करीब है।


💰 फंडिंग क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत में aerospace और deep-tech स्टार्टअप्स को आमतौर पर early-stage में निवेश पाने में चुनौती आती है, लेकिन Arctus को इतना मजबूत investor pool मिलने का मतलब है:

  • भारत का defence-tech और aerospace सेक्टर तेजी से mature हो रहा है
  • Deep-tech innovation को अब global investors से भी support मिल रहा है
  • Large-scale unmanned aircraft अब केवल सरकारी labs तक सीमित नहीं

इस राउंड से Arctus:

  • अपनी engineering टीम बढ़ाएगा
  • Aircraft production scale-up करेगा
  • Sensors और intelligence stack को और advanced बनाएगा
  • Global pilots और enterprise deals शुरू करेगा

🌍 किन सेक्टर्स में Arctus से क्रांति आएगी?

Arctus का tech कई बड़े सेक्टर्स में transformation ला सकता है:

⚡ Energy

  • Transmission line monitoring
  • Oil & gas pipeline surveillance

🏗️ Infrastructure

  • Highway / railway mapping
  • Bridge inspection

🌦️ Climate & Environment

  • Forest monitoring
  • Flood impact analysis
  • Carbon capture assessment

🔐 Defence & Security

  • Border surveillance
  • Reconnaissance missions

किफायती high-precision imaging इन्हें बहुत scalable बनाती है।


🔮 आगे क्या?

Arctus Aerospace तेजी से भारत के सबसे चर्चित aerospace startups में शामिल हो रहा है।
45,000 फीट तक उड़ने वाले बड़े आकार के drones भारतीय defence, infrastructure और climate data ecosystems के लिए breakthrough साबित हो सकते हैं।

अपनी advanced engineering, manufacturing capacity, और global-scale sensor stack के साथ, Arctus आने वाले वर्षों में भारत का “Aerospace powerhouse” बन सकता है।

Read more : The Ayurveda Experience FY25 में मज़बूत ग्रोथ, पर बढ़ते ख़र्चों ने बढ़ाया घाटा

🌿 The Ayurveda Experience FY25 में मज़बूत ग्रोथ, पर बढ़ते ख़र्चों ने बढ़ाया घाटा

The Ayurveda Experience

D2C आयुर्वेदिक ब्यूटी और वेलनेस ब्रांड The Ayurveda Experience ने FY25 में एक बार फिर ग्रोथ दिखाते हुए अपनी मार्केट उपस्थिति को मज़बूत किया है। कंपनी का राजस्व तो बढ़ा, लेकिन भारी विज्ञापन खर्च और ऑर्डर फुलफिलमेंट लागत के चलते फर्म को इस साल भी नुकसान उठाना पड़ा।


📈 💰 Revenue Growth: FY25 में 23% की बढ़त

कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू FY25 में 23% बढ़कर ₹440 करोड़ पहुंच गई, जबकि FY24 में यह ₹358 करोड़ थी।

  • कंपनी की सारी कमाई अपने D2C प्लेटफ़ॉर्म, इंटरनेशनल मार्केटप्लेस और ओवरसीज़ सेल्स से आती है।
  • इसके अलावा, ₹8 करोड़ का इंटरेस्ट इनकम भी शामिल है, जिससे कुल रेवेन्यू FY25 में बढ़कर ₹448 करोड़ हो गया।

Ayurveda Experience का फोकस भारत और विदेश दोनों बाज़ारों में प्राकृतिक, आयुर्वेदिक ब्यूटी, स्किनकेयर और वेलनेस प्रोडक्ट्स की बड़ी डिज़िटल कम्युनिटी को कैटर करना है।


📉 💸 खर्चे बढ़े, मुनाफ़े पर दबाव—FY25 में घाटा 12% बढ़ा

हालांकि राजस्व में वृद्धि हुई, लेकिन खर्चे उससे कहीं तेज़ी से बढ़े।
FY25 में कंपनी का कुल खर्च ₹476 करोड़ रहा, जबकि FY24 में यह ₹386 करोड़ था — यानी 23% की बढ़त

🔍 मुख्य खर्चे इस प्रकार रहे:

📢 1. Advertising & Marketing (सबसे बड़ा खर्च)

  • FY25 में कुल खर्च का 52% हिस्सा, यानी ₹248 करोड़ सिर्फ विज्ञापन पर खर्च हुए।
  • यह FY24 की तुलना में 24% अधिक है।
  • कंपनी का यूएसपी डिजिटल-फर्स्ट ब्रांडिंग है, इसलिए प्रमोशन पर भारी निवेश जारी है।

📦 2. Order Fulfilment Cost बढ़कर ₹78 करोड़

  • FY25 में इसमें 30% की वृद्धि हुई।
  • अंतरराष्ट्रीय शिपिंग, पैकिंग, कस्टमर सर्विस और रिटर्न प्रोसेसिंग के कारण यह खर्च लगातार बढ़ रहा है।

🧑‍💼 3. Employee Expenses बढ़कर ₹56 करोड़ (+37%)

  • तेजी से स्केल और इंटरनेशनल ऑपरेशंस को सपोर्ट करने के लिए टीम साइज भी बढ़ा।

🧪 4. Material Cost मामूली रूप से बढ़ी

  • लागत FY25 में ₹37 करोड़, यानी सिर्फ 3% की वृद्धि

🔴 📊 Bottom Line: FY25 में ₹28 करोड़ का घाटा

कुल मिलाकर कंपनी का नुकसान FY25 में 12% बढ़कर ₹28 करोड़ तक पहुंच गया।
FY24 में इसका घाटा ₹25 करोड़ था।

⚙️ मुख्य वित्तीय अनुपात (Ratios):

  • ROCE: -22.09%
  • EBITDA Margin: -7.50%
  • Unit Economics: ₹1 कमाने के लिए कंपनी ने ₹1.08 खर्च किया (FY24 जैसा ही)।

💼 💵 Assets & Cash Position

  • कंपनी के करंट असेट्स ₹164 करोड़,
  • जिसमें से ₹57 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस है।
    इससे साफ है कि कंपनी के पास ऑपरेशन जारी रखने के लिए पर्याप्त तरलता मौजूद है।

🏦 Funding & Shareholding: निवेशकों का मज़बूत भरोसा

The Ayurveda Experience ने अब तक $41 मिलियन की फंडिंग जुटाई है।
इसके प्रमुख निवेशक:

  • Fireside Ventures
  • Anicut Capital

कंपनी के संस्थापक ऋषभ चोपड़ा 27.45% हिस्सेदारी रखते हैं — जो फाउंडर-केंद्रित नियंत्रण को दर्शाता है।


🧴 🌍 बाज़ार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा: Ayurveda Boom vs Competition

भारत ही नहीं, अमेरिका, कनाडा, यूरोप और मध्य पूर्व जैसे बाजारों में आयुर्वेद की मांग तेजी से बढ़ रही है।

लेकिन इसके साथ ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के एंट्री से प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है:

  • Lever Ayush
  • Kapiva
  • Just Herbs
  • Dabur
  • Himalayan Organics
    — जैसे ब्रांड इस स्पेस को तेजी से कैप्चर कर रहे हैं।

Ayurveda Experience की मार्केटिंग-हेवी रणनीति ब्रांड को मजबूत पहचान देती है, पर बचत की गुंजाइश अवश्य है।


🧠 📌 क्या कंपनी FY27 तक प्रॉफिट में आ सकती है?

विश्लेषकों के अनुसार:

  • यदि कंपनी इसी गति से राजस्व बढ़ाती है,
  • और विज्ञापन पर निर्भरता धीरे-धीरे घटाती है,

तो FY27 तक कंपनी प्रॉफिट में आने की अच्छी संभावना है

🚀 संभावनाएं:

  • FY26 में कंपनी के ₹500 करोड़ रेवेन्यू मार्क पार करने की उम्मीद है।
  • यह स्तर कंपनी को संभावित अधिग्रहण या स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के लिए और भी आकर्षक बनाएगा।

🎯 निष्कर्ष: ग्रोथ दमदार, लेकिन खर्चों पर लगानी होगी लगाम

The Ayurveda Experience ने FY25 में मज़बूत टॉपलाइन ग्रोथ दिखाई है।
लेकिन भारी विज्ञापन खर्च और फुलफिलमेंट कॉस्ट के चलते घाटा बढ़ गया।

ब्रांड के पास —
✔ मजबूत ग्लोबल अपील
✔ हाई रिपीट कस्टमर बेस
✔ सक्रिय निवेशक समर्थन

सब मौजूद है।

अब कंपनी को
➡ यूनिट इकॉनॉमिक्स सुधारने,
➡ खर्चों को और तार्किक बनाने
पर फोकस करना होगा।

अगर रणनीति सही चली, तो यह आयुर्वेदिक D2C ब्रांड आने वाले वर्षों में भारतीय व अंतरराष्ट्रीय वेलनेस मार्केट का बड़ा चेहरा बन सकता है।

Read more : Neo ने जुटाए ₹221 करोड़ — 4 महीनों में दूसरी बड़ी फंडिंग,

💰 Neo ने जुटाए ₹221 करोड़ — 4 महीनों में दूसरी बड़ी फंडिंग,

Neo

भारतीय वेल्थ और एसेट मैनेजमेंट सेक्टर में तेज़ी से उभर रही Neo ने एक और बड़ी फंडिंग राउंड के साथ मार्केट में धमाकेदार वापसी की है। मुंबई-स्थित इस consumer-facing wealth-tech कंपनी ने Crystal Investment Advisors (Atha Group) के नेतृत्व में ₹221 करोड़ (लगभग $25 मिलियन) जुटाए हैं। यह फंडिंग पिछले चार महीनों में Neo की दूसरी बड़ी पूंजी जुटाने की कार्रवाई है, जो कंपनी की ग्रोथ पोटेंशियल और निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाती है।


🧾 नया निवेश और किसने लगाया कितना पैसा?

Registrar of Companies (RoC) से प्राप्त फाइलिंग के अनुसार, Neo के बोर्ड ने 2,571 इक्विटी शेयर जारी करने का प्रस्ताव मंज़ूर किया, जिनका प्राइस ₹8,60,410 प्रति शेयर था।

इस राउंड में सबसे ज़्यादा पैसा आया:

  • Crystal Investment Advisors से — ₹193 करोड़
  • Morde Foods Pvt. Ltd. से — ₹28 करोड़

यानी कुल मिलाकर इस फॉलो-ऑन राउंड में Neo ने ₹221 करोड़ जुटाए।

Neo इस फंड को मुख्य रूप से:

  • बिज़नेस को स्केल करने
  • टेक और प्रोडक्ट क्षमताओं को मजबूत करने
  • और ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करने

में उपयोग करेगा।


📈 वैल्यूएशन पहुँचा ₹5,500 करोड़ के स्तर पर

FundingRaised के अनुमान के मुताबिक, इस ताज़ा फंडिंग के बाद Neo का पोस्ट-मनी वैल्यूएशन करीब $700 मिलियन के आसपास पहुँच गया है।

दिलचस्प बात यह है कि यह वही वैल्यूएशन है जिस पर कंपनी ने पिछला राउंड (₹162 करोड़) तीन महीने पहले लिया था। यानी निवेशकों का कंपनी पर भरोसा लगातार बना हुआ है और Neo अपने वैल्यूएशन को स्थिर बनाए रखने में सफल रहा है।


🔄 4 महीनों में दूसरी बड़ी फंडिंग — क्यों है यह महत्वपूर्ण?

Neo ने सिर्फ तीन महीने पहले:

  • ₹162 करोड़ ($19 मिलियन) जुटाए थे VT Capital और 17 अन्य निवेशकों से।
  • इससे पहले, फरवरी 2025 (Q1 CY2025) में कंपनी ने $20 मिलियन उठाए थे MUFG, Peak XV Partners, Euclidean Capital और एक बड़े भारतीय फैमिली ऑफिस से।

दोनों राउंड उसी वैल्यूएशन पर बंद हुए थे — यानी ₹5,500 करोड़ का प्री-मनी वैल्यूएशन।

लगातार फंडिंग Neo की कस्टमर-फेसिंग wealth offerings और private credit funds पर बढ़ते मार्केट भरोसे को दर्शाती है।


🏦 Neo क्या करता है और कैसे कमाता है?

Neo एक consumer-facing wealth-tech और asset management प्लेटफ़ॉर्म है जो:

  • HNI (High-Net-Worth Individuals)
  • UHNI (Ultra-HNW Individuals)
  • और Family Offices

को उन्नत investment advisory, yield-based products, और private credit solutions उपलब्ध कराता है।

Neo Assets के अंतर्गत कंपनी:

  • Private credit funds
  • Secondary positions
  • और unlisted companies को structured credit solutions

प्रदान करती है।

SEBI-registered Neo का हाल ही में सेकंड प्राइवेट क्रेडिट फंड का पहला क्लोजिंग ₹2,000 करोड़ पर हुआ था — जो इसके institutional investor base की मजबूती दिखाता है।


📊 बिज़नेस परफॉर्मेंस — FY24 में 2.7X ग्रोथ

Neo ने अपने FY25 के वित्तीय नतीजे अभी फ़ाइल नहीं किए हैं, लेकिन FY24 में कंपनी के प्रदर्शन ने निवेशकों को प्रभावित किया:

  • रेवेन्यू 2.7 गुना बढ़कर ₹177 करोड़ हो गया
  • हालांकि, नुकसान बढ़कर ₹13.7 करोड़ तक पहुँचा

ये आंकड़े बताते हैं कि Neo आक्रामक रूप से ग्रोथ मोड में है — जहां मार्केट कैप्चर और प्रोडक्ट एक्सपेंशन को प्राथमिकता दी जा रही है।


🚀 फंड का उपयोग कहाँ होगा?

Neo का कहना है कि ताज़ा जुटाए गए ₹221 करोड़ का उपयोग इन क्षेत्रों में किया जाएगा:

🔹 1. Distribution और client acquisition को बढ़ाना

HNIs और family offices तक पहुंच मजबूत करना।

🔹 2. नए प्रोडक्ट लॉन्च

  • Private credit space
  • Yield-based investment products
  • Digital wealth advisory tools

🔹 3. Operations और tech infrastructure में निवेश

AI-backed investment insights, compliance systems और risk management को मजबूत किया जाएगा।


🌐 भारत का तेजी से बदलता Wealth-Tech बाजार

भारत का wealth-tech सेक्टर:

  • Fintech adoption
  • Rising high-net-worth population
  • और alternative investment products

की वजह से तेजी से बढ़ रहा है।

Neo जैसे प्लेटफ़ॉर्म HNI और UHNI सेगमेंट के लिए:

  • traditional wealth management
  • और modern technology-driven solutions

का एक संयोजन बना रहे हैं — इससे ये कंपनियां बड़े फंड्स और फैमिली ऑफिसेस के बीच लोकप्रिय हो रही हैं।


🔚 निष्कर्ष — Neo की ग्रोथ अभी और तेज़ हो सकती है

लगातार दो बड़े राउंड, स्थिर वैल्यूएशन, और तेजी से बढ़ते रेवेन्यू के साथ Neo wealth-tech स्पेस में तेज़ी से लीडरशिप की ओर बढ़ रहा है

भारत में बढ़ती private credit demand और डिजिटल wealth solutions की लोकप्रियता देखते हुए, Neo आने वाले वर्षों में इस सेक्टर के सबसे मजबूत खिलाड़ियों में शामिल हो सकता है।

Read more : FarMart की नई Funding की तैयारी $40 Million तक उठाने की प्लानिंग तेज़

🌾 FarMart की नई Funding की तैयारी $40 Million तक उठाने की प्लानिंग तेज़

FarMart

भारत के B2B agritech सेक्टर में एक बार फिर हलचल तेज़ हो गई है, और इस बार सुर्खियों में है FarMart। कंपनी reportedly अपने अगले बड़े फंडिंग राउंड के लिए $35–40 million के करीब की डील फाइनल कर रही है। यह नया निवेश FarMart के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब agritech सेक्टर पिछले दो सालों से मंदी के दौर से गुजर रहा है।

आइए जानते हैं पूरी कहानी विस्तार से… 👇


💰 फंडिंग राउंड में कौन लीड कर रहा है?

सूत्रों के अनुसार, इस राउंड में Impact Fund Denmark और Greater Pacific मुख्य निवेशक बनने जा रहे हैं।
इसके अलावा, कंपनी के पुराने और मजबूत निवेशक — General Catalyst और Matrix Partners — भी इस राउंड में हिस्सा लेने की उम्मीद है।

पहले यह राउंड काफी बड़ा होने वाला था, लेकिन अब चर्चाएँ $35–40 million पर लगभग तय हो चुकी हैं। हालांकि, अंतिम समय में शर्तें बदलने की संभावना हमेशा बनी रहती है।


📉 Agritech सेक्टर में गिरावट, लेकिन FarMart ने बनाए रखी गति

⭐ Agritech का बूम 2021–22 के दौरान अपने चरम पर था।
लेकिन उसके बाद से स्थिति बदली:

  • 2023 में Agritech फंडिंग 78% गिरकर $178 million रह गई।
  • 2024 में लगभग 30% रिकवरी दिखी।
  • लेकिन 2025 की पहली छमाही में फंडिंग फिर 58% नीचे आ गई।

इन चुनौतियों के बावजूद, FarMart ने अपने नेटवर्क और ऑपरेशनल स्केल को मजबूत बनाए रखा। यही कारण है कि निवेशकों का भरोसा अभी भी कंपनी पर बना हुआ है।


🛒 FarMart क्या करता है? (आसान भाषा में)

FarMart एक B2B डिजिटल सप्लाई-चेन प्लेटफॉर्म है। इसका मुख्य काम है:

  • किसानों, रिटेलर्स, ट्रेडर्स और एग्री-इनपुट बिजनेस के बीच सीधी कनेक्टिविटी बनाना ✔️
  • लंबी दूरी की transportation लागत को घटाना ✔️
  • आस-पास के buyers-sellers को digital तरीके से जोड़ना ✔️
  • सप्लाई चेन को तेज, सस्ता और अधिक transparent बनाना ✔️

कंपनी का नेटवर्क उत्तर और मध्य भारत में काफी मजबूत है, जबकि दक्षिणी राज्यों और जम्मू-कश्मीर में Footprint अभी सीमित है।


📈 FarMart की Financial Performance (FY24)

Startup data platform TheKredible के अनुसार:

  • Operating Revenue: ₹1,341 crore (30% YoY growth)
  • Net Loss: ₹68 crore
  • Raised Capital (till date): $60 million+
  • Major investors: General Catalyst, Z47, Omidyar Network India

FarMart की ग्रोथ से यह साफ है कि कंपनी ने बड़े पैमाने पर किस तरह B2B सप्लाई चेन को tech-enabled मॉडल में बदलने का प्रयास किया है।


🚀 क्यों है यह Funding Round इतना महत्वपूर्ण?

1️⃣ Market Sentiment Revival

Agritech में लंबे समय बाद ऐसा राउंड देखने को मिल रहा है जो निवेशकों के भरोसे में सुधार का संकेत देता है।

2️⃣ Scaling Up Distribution

Funding से FarMart को नए क्षेत्रों में विस्तार करने में मदद मिलेगी — खासकर दक्षिण भारत, जहां इसकी मौजूदगी अभी कम है।

3️⃣ Tech और Logistics Infra को मजबूत करना

कंपनी अपने प्लैटफॉर्म की efficiency और automation बढ़ाने पर फोकस कर रही है।

4️⃣ Competitive Edge

FarMart का मुकाबला इन कंपनियों से है:

  • Gramophone (अब Unnati के साथ merge)
  • Agrim (Kalaari-backed)
  • Krishify
    और कई अन्य regional agri-supply startups।
    नया फंड इसे मजबूत पोजीशन देगा।

🧩 FarMart ने पहले भी उठाया था फंड

अप्रैल 2025 में FarMart ने करीब $10 million debt+equity के रूप में जुटाए थे।
उससे पहले कंपनी ने $32 million की Series B General Catalyst के नेतृत्व में जुटाई थी।


🗣️ कंपनी से क्या कहा जा रहा है?

FarMart के CEO Alekh Sanghera को भेजे गए सवालों का जवाब अभी तक नहीं मिला है।
सूत्रों का कहना है कि डील लगभग तय है और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है।


🌱 Agritech Market में नया विश्वास?

हालांकि पिछले दो सालों में agritech निवेशों में भारी गिरावट आई है, लेकिन हाल की गतिविधियों — जैसेFresh Funding, M&A Deals, और Consolidation — ने बाजार में फिर नई उम्मीद जगाई है।

FarMart का यह संभावित फंडिंग राउंड इस sentiment को और मजबूत करेगा।


🏁 निष्कर्ष: क्या FarMart नए Growth Phase में प्रवेश कर रहा है?

अगर यह डील फाइनल हो जाती है, तो FarMart:

  • अपनी distribution reach को दोगुना कर सकता है
  • नई technology capabilities जोड़ सकता है
  • नए agri-value chain उत्पाद पेश कर सकता है
  • और देशभर में अपने B2B agri-supply network को बड़े पैमाने पर स्केल कर सकता है

➡️ कुल मिलाकर, यह फंडिंग FarMart को भारत के सबसे मजबूत agritech players की लिस्ट में और ऊपर पहुंचा सकती है।

Read more : Rapido बना AdvantEdge Founders Fund I का सबसे बड़ा Contributor,

🚀 Rapido बना AdvantEdge Founders Fund I का सबसे बड़ा Contributor,

Rapido

भारत के mobility startup ecosystem में Rapido ने एक बार फिर अपनी सफलता का बड़ा सबूत पेश किया है। बाइक-टैक्सी प्लेटफ़ॉर्म Rapido अब AdvantEdge Founders Fund I का सबसे बड़ा contributor बन गया है, जिसने शानदार 11.5x MOIC (Multiple on Invested Capital) और 3x DPI (Distribution to Paid-In Capital) दर्ज किया है।

कंपनी को मिला यह बड़ा फायदा मुख्य रूप से Rapido में हुए हाल के partial exit के कारण आया है, जिसने निवेशकों को 67% IRR (Internal Rate of Return) और लगभग 111x का जबरदस्त return दिया।


💰 $2.5–3 Million का निवेश → $28 Million की Partial Exit

एक हालिया ET रिपोर्ट के मुताबिक, AdvantEdge की Rapido में की गई शुरुआती $2.5–3 million की निवेश राशि अब $28 million की partial exit तक पहुँच चुकी है।

यानी यह भारत के mobility सेक्टर में सबसे सफल early-stage निवेशों में से एक बन गया है।


🏍️ Rapido में बड़े Secondary Deals ने बनाया माहौल

Rapido के valuation में तेजी और secondary deals ने भी इस शानदार exit में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले कुछ महीनों में कई बड़े निवेशकों ने Rapido में अपनी हिस्सेदारी बेची है:

🔹 Swiggy Exit

  • सितंबर 2025 में Swiggy ने अपनी 12% stake को लगभग ₹2,400 करोड़ में बेच दिया।
  • Swiggy का Rapido में निवेश 2022 में शुरू हुआ था।

🔹 TVS Motor Exit

  • इसी महीने TVS Motor ने भी अपनी हिस्सेदारी लगभग ₹288 करोड़ में बेच दी।
  • यह Rapido और TVS के बीच 2022 में बने partnership का अंत रहा।

इन exits से AdvantEdge का confidence और भी बढ़ा क्योंकि market में Rapido की strong demand और investor interest साफ दिखाई दे रहा है।


💼 AdvantEdge की Investment Strategy को मिला बड़ा Validation

AdvantEdge Founders Fund के मुताबिक, Rapido की success ने यह साबित किया है कि mobility सेक्टर में उनकी investment thesis सही दिशा में है

फंड ने mobility और auto-tech ecosystem में कई रणनीतिक निवेश किए हैं, जिनमें शामिल हैं:

🚖 Shared Mobility

  • Rapido
  • Chalo
  • Zingbus

🛠️ Auto Aftermarket

  • Park+
  • TyrePlex

⚡ EV & Energy Ecosystem

  • Exponent Energy
  • Baaz
  • Moonrider
  • Zeno
  • Astranova
  • Pulse Energy

Rapido का बड़ा exit फंड के लिए benchmark की तरह काम कर रहा है और mobility investments में उनकी understanding को मजबूत करता है।


📈 Fund I और Fund II की सफलता के बाद अब आ रहा है Fund III

AdvantEdge अब अपने नए Fund III के लिए पूँजी जुटाने की प्रक्रिया में है।

नया फंड mobility sector में आने वाले EV transition पर फोकस करेगा — जो भारत का सबसे बड़ा और तेज़ी से बढ़ता हुआ market opportunity है।

🔮 Fund III का फोकस होगा इन सेगमेंट्स पर:

  • बैटरी सिस्टम्स
  • EV चार्जिंग नेटवर्क्स
  • नई EV प्लेटफ़ॉर्म्स
  • Energy Infra
  • EV-ecosystem आधारित नए mobility समाधान

फंड ने कहा है कि उनके existing LPs जैसे:

  • Motherson Group
  • Hero Group

ने नए फंड में re-invest करने की प्रतिबद्धता दिखाई है। इसके साथ ही कई नए domestic और global निवेशकों की भी मजबूत रुचि है।


📊 Rapido की Growth Story: क्यों पसंद आता है निवेशकों को यह मॉडल?

👥 1. Huge Market Opportunity

Rapido का मॉडल भारत के लिए perfect fit है — affordable, fast और urban mobility की बड़ी समस्या को solve करता है।

🏍️ 2. Light-asset Model

बाइक टैक्सी मॉडल cost-efficient है और ज़्यादातर शहरों में high demand रखता है।

📦 3. Diversified Services

Rapido अब bike taxi के साथ-साथ:

  • Rapido Auto
  • Rapido Cabs
  • Rapido Rentals
  • Hyperlocal Delivery

भी प्रदान करता है।

💵 4. Strong Monetisation Strategy

High-frequency user base, repeat usage और FMCG/logistics partnerships से revenue streams diversified हो गए हैं।


🔚 निष्कर्ष: Rapido की सफलता ने AdvantEdge को दिलाया शानदार 111x Return

Rapido न सिर्फ भारत का leading mobility startup है, बल्कि निवेशकों के लिए भी एक multi-bagger साबित हुआ है। AdvantEdge Founders Fund I के लिए यह सबसे बड़ा contributor बन चुका है, जिसकी मजबूत performance ने पूरे VC ecosystem का ध्यान खींचा है।

अब सभी की नजरें होंगी:

  • Rapido के अगले growth chapter पर
  • और AdvantEdge के नए Fund III पर,
    जो आने वाले EV dominated भारत में mobility का भविष्य लिखने की तैयारी कर रहा है।

Read more : Blostem ने उठाई Pre-Series A Funding Zerodha-backed Rainmatter ने खरीदी 9% हिस्सेदारी

💳💡 Blostem ने उठाई Pre-Series A Funding Zerodha-backed Rainmatter ने खरीदी 9% हिस्सेदारी

Blostem

भारत के फिनटेक इकोसिस्टम में तेजी से उभरते B2B बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफ़ॉर्म Blostem ने अपनी Pre-Series A फंडिंग राउंड सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। इस राउंड का नेतृत्व Zerodha-backed Rainmatter ने किया है। हालांकि निवेश की राशि को सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार Rainmatter ने इस डील के जरिए स्टार्टअप में 9% इक्विटी हिस्सेदारी हासिल की है। 🚀


🏦 Blostem क्या करता है? एक Plug-and-Play बैंकिंग इंफ्रा लेयर

Blostem की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह फिनटेक, पेमेंट कंपनियों, ब्रोकर्स और वेल्थ-टेक स्टार्टअप्स को एक plug-and-play बैंकिंग लेयर उपलब्ध कराता है। इसका मतलब — स्टार्टअप्स को हर बैंक के साथ अलग-अलग कॉम्प्लेक्स इंटीग्रेशन की जरूरत नहीं पड़ती।

👉 एक बार इंटीग्रेट करें, और एक्सेस पाएँ कई बैंकों और NBFCs तक!

Blostem की यूनिफाइड API लेयर के ज़रिए पार्टनर्स आसानी से ये सुविधाएँ ऑफर कर सकते हैं:

  • 🏦 डिजिटल Fixed Deposits (FD)
  • 💳 FD-backed Credit Cards
  • 📲 Credit-on-UPI (UPI पर क्रेडिट!)

🔗 10 बड़े बैंक और NBFC पहले से जुड़े — और भी ऑनबोर्डिंग में

कंपनी ने अपने FD प्रोडक्ट के लिए अब तक 10 प्रमुख बैंकों और NBFCs के साथ नेटवर्क बनाया है, जिनमें शामिल हैं:

  • Suryoday Small Finance Bank
  • Unity Small Finance Bank
  • Shivalik SFB
  • Utkarsh SFB
  • Bajaj Finance
  • Shriram Finance
  • Mahindra Finance

Blostem टीम के अनुसार कई और बैंक इंटीग्रेशन “वर्क-इन-प्रोग्रेस” हैं।


🤝 Blostem के बड़े क्लाइंट्स: Mobikwik से लेकर Upstox तक

Blostem का बैंकिंग इकोसिस्टम कई नामचीन फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ पहले से सक्रिय है। इसके मुख्य पार्टनर्स में शामिल हैं:

  • Mobikwik
  • Jupiter Money
  • Upstox
  • Aditya Birla Capital Digital
  • IRIS by KFin Technologies
  • Centricity Wealth
  • GoldenPi

और जल्द ही इसका FD Marketplace Zerodha और अन्य बड़े प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी लाइव होने वाला है — जो कंपनी के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। 💥


🎯 Blostem का मिशन: भारत के डिजिटल FD वॉल्यूम का 40% कैप्चर करना

भारत में डिजिटल फिक्स्ड डिपॉज़िट तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, खासकर युवा और निवेश-सेवी यूज़र्स के बीच। Blostem का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में:

👉 भारत के कुल डिजिटल FD वॉल्यूम का 40% हिस्सा अपने प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए प्रोसेस करना।

यह लक्ष्य बेहद महत्वाकांक्षी है, लेकिन Zerodha-जैसे बड़े पार्टनर के जुड़ने से इसकी संभावना और भी मज़बूत हो गई है।


💼 फंड कहाँ उपयोग होगा?

कंपनी ने बताया कि Pre-Series A में जुटाए गए फंड्स का इस्तेमाल इन क्षेत्रों में किया जाएगा:

1️⃣ Distribution Network का विस्तार

Blostem अब और अधिक फिनटेक, NBFCs और बैंकिंग पार्टनर्स को ऑनबोर्ड करेगा।

2️⃣ Bank Partnerships को मजबूत करना

कंपनी बैंकों के साथ API लेयर को और तेज व सुरक्षित बनाने पर ध्यान देगी।

3️⃣ नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करना, जिनमें शामिल हैं:

  • FD-backed Credit Cards
  • Credit-on-UPI

यह प्रोडक्ट्स भारतीय फिनटेक स्पेस में बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं और Blostem अपने प्लग-एन-प्ले मॉडल के साथ इन्हें स्केल करना चाहता है।

4️⃣ सीनियर हायरिंग

कंपनी तकनीक, compliance, सुरक्षा और पार्टनरशिप क्षेत्रों में वरिष्ठ टैलेंट को हायर करेगी।


🧑‍💼 Blostem के फाउंडर्स

कंपनी की स्थापना चार अनुभवी फाउंडर्स ने मिलकर की:

  • Ravi Jain
  • Sandeep Garg
  • Uday Sharma
  • Pankaj Pratap Singh

इनकी विशेषज्ञता ने Blostem को भारत में एक मजबूत B2B बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक बनाने में मदद की है।


📈 Blostem का भविष्य: भारत के फिनटेक इंफ्रा को बदलने की तैयारी

भारत में फिनटेक कंपनियाँ तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन बैंकों के साथ इंटीग्रेशन, सुरक्षा और रेग्युलेटरी क्लीयरेंस जैसी समस्याएँ स्टार्टअप्स की स्पीड को धीमा कर देती हैं।

Blostem का समाधान इस प्रॉब्लम को सीधे जड़ से खत्म करता है

👉 एक बार API इंटीग्रेशन, और फिर कई बैंकिंग प्रोडक्ट्स को मिनटों में लॉन्च!

Zerodha-backed Rainmatter का विश्वास इस मॉडल की ताकत को दर्शाता है और इससे Blostem के लिए बड़ी छलांग की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।


🔚 निष्कर्ष

Blostem का Pre-Series A राउंड सिर्फ एक निवेश नहीं, बल्कि भारत के फिनटेक सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर लेयर की बढ़ती जरूरत का संकेत है।

पार्टनर नेटवर्क का विस्तार, नए बैंकिंग प्रोडक्ट्स, और बड़े फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म्स का समर्थन — ये सभी Blostem को अगले कुछ वर्षों में भारत के सबसे प्रभावशाली बैंकिंग इंफ्रा स्टार्टअप्स में शामिल कर सकते हैं। 🌟

Read more : Ripplr ने FY25 में धीमी ग्रोथ के बीच लगभग तीन गुना GMV हासिल किया

🚚📦 Ripplr ने FY25 में धीमी ग्रोथ के बीच लगभग तीन गुना GMV हासिल किया

Ripplr

भारत के तेजी से बढ़ते डिस्ट्रीब्यूशन और सप्लाई चेन प्लेटफ़ॉर्म Ripplr ने FY24 में जहां GMV में लगभग तीन गुना वृद्धि दर्ज की थी, वहीं FY25 में कंपनी की ग्रोथ रफ्तार काफी धीमी रही। कंपनी ने सालाना आधार पर सिर्फ 13% ग्रोथ हासिल की, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम है।


📊 📈 FY25 में ग्रॉस रेवेन्यू 13% बढ़कर ₹1,164 करोड़

Ripplr की वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का ग्रॉस रेवेन्यू FY25 में बढ़कर ₹1,164 करोड़ पहुंच गया। FY24 में यह आंकड़ा ₹1,028 करोड़ था।

🏗️ Ripplr क्या करता है?

Ripplr एक plug-and-play distribution network प्रदान करता है, जो ब्रांड्स को अपना सप्लाई चेन सेटअप डिजिटल और मैनेज करने में मदद करता है।

  • कुल रेवेन्यू का 92% हिस्सा ‘Goods Sales’ से आता है।
  • FY25 में Goods Sales बढ़कर ₹1,068 करोड़ हो गई।
  • बाकी रेवेन्यू लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेवाओं से आया।

💸 खर्चों में बढ़ोतरी—Cost of Materials FY25 में 14.5% बढ़कर ₹1,018 करोड़

Ripplr का सबसे बड़ा खर्च Cost of Materials रहा, जो कुल खर्च का लगभग 81% है।

  • FY24: ₹889 करोड़
  • FY25: ₹1,018 करोड़

👥 Employee Benefits में 33% की गिरावट

FY25 में कंपनी ने कर्मचारियों पर खर्च कम किया—

  • FY24: ₹60 करोड़
  • FY25: ₹40 करोड़

यह कंपनी के cost optimization efforts को दर्शाता है।

📉 अन्य खर्च

  • Depreciation + Finance Cost + Professional Fees = ₹32.5 करोड़
  • Other Expenses (लॉजिस्टिक्स, स्टोर ऑपरेशन, ओवरहेड्स) = 14.5% बढ़कर ₹169.5 करोड़
  • कुल खर्च FY25 में बढ़कर ₹1,260 करोड़ हो गया।

🟥 FY25 में Ripplr का घाटा ₹91 करोड़—लगभग पिछले साल जैसा ही

FY25 में Ripplr का नेट लॉस ₹91 करोड़ रहा, जबकि FY24 में यह ₹90 करोड़ था—यानी घाटा लगभग समान रहा।

📉 Margins में थोड़ी सुधार

  • ROCE: -30%
  • EBITDA Margin: -5.88%
    पिछले साल की तुलना में यह थोड़ा बेहतर है, लेकिन अभी भी कंपनी को profitability के लिए लंबा सफर तय करना है।

🧾 Unit Economics: ₹1 कमाने के लिए Ripplr ने खर्च किए ₹1.08

FY25 में Ripplr की unit economics में सुधार दिखा—

  • FY24: ₹1.10 खर्च कर ₹1 कमाया
  • FY25: ₹1.08 खर्च कर ₹1 कमाया

यह सुधार बताता है कि कंपनी खर्चों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है।


🏦 कैश बैलेंस और एसेट्स में बढ़ोतरी

  • Cash & Bank Balance: ₹63 करोड़
  • Current Assets: ₹381 करोड़
    यह कंपनी की वित्तीय स्थिति को पिछले साल की तुलना में थोड़ा मजबूत दिखाता है।

💰 Ripplr उठा सकता है ₹400 करोड़ की नई फंडिंग

रिपोर्ट्स के मुताबिक, Ripplr SBI और मौजूदा निवेशकों से ₹400 करोड़ फंडिंग जुटाने के लिए बातचीत कर रहा है।
इससे पहले कंपनी ने $45 मिलियन (लगभग ₹375 करोड़) से अधिक जुटाए हैं।

🤝 प्रमुख निवेशक

  • Sojitz Corporation
  • 3One4 Capital
    स्टार्टअप डेटा प्लेटफ़ॉर्म TheKredible के अनुसार, ये Ripplr के प्रमुख समर्थक हैं।

🏭 सप्लाई चेन सेक्टर में बढ़ता मुकाबला

भारत का डिस्ट्रीब्यूशन व सप्लाई चेन मार्केट तेजी से बढ़ रहा है।
Ripplr जैसे प्लेयर्स—जो ब्रांड्स के लिए tech-enabled सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करते हैं—इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

लेकिन चुनौती भी बड़ी है:

  • बढ़ती लागत
  • thinning margins
  • operational efficiency की जरूरत

FY25 के आंकड़े देखते हुए यह साफ है कि Ripplr को तेजी से स्केल करने के साथ-साथ profitability की दिशा में भी कदम बढ़ाने होंगे।


📦📉 निष्कर्ष: धीमी ग्रोथ लेकिन बेहतर कंट्रोल—Ripplr FY26 में क्या करेगा?

FY25 Ripplr के लिए मिश्रित वर्ष रहा।

  • रेवेन्यू बढ़ा, लेकिन केवल 13%।
  • घाटा लगभग समान रहा।
  • खर्चों में नियंत्रण दिखा, पर बड़े स्तर पर सुधार की जरूरत है।

आने वाले महीनों में Ripplr की फंडिंग राउंड और ऑपरेशनल रणनीतियों पर नजर रहेगी, जो यह तय करेंगे कि कंपनी अपनी उच्च GMV ग्रोथ को दोबारा कैसे प्राप्त करती है और क्या वह FY26 में profitability की ओर बढ़ पाएगी।

Read more : ED की बड़ी कार्रवाई WinZO, Pocket52 और Gameskraft पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच तेज

🚨 ED की बड़ी कार्रवाई WinZO, Pocket52 और Gameskraft पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच तेज

Winzo

भारत में ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग (RMG) पर बढ़ते विवादों के बीच, Enforcement Directorate (ED) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए WinZO Games Pvt Ltd, Pocket52 संचालक Nirdesa Networks और Gameskraft Technologies पर शिकंजा कस दिया है। ED ने 18 से 22 नवंबर के बीच दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरु में छापेमारी की, जिसमें कुल 523 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध संपत्तियों को फ्रीज़ कर दिया गया

यह कार्रवाई Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत की गई है। एजेंसी ने कहा कि दोनों मामलों में प्रारंभिक FIRs के आधार पर गंभीर धोखाधड़ी, फंड डाइवर्ज़न और गेम मैनिपुलेशन के आरोप सामने आए हैं।


🎮 WinZO केस: 505 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ फ्रीज़ — विदेशी खिलाड़ियों को गेम ऑफर करने का आरोप

ED ने WinZO के खिलाफ कार्रवाई करते हुए Rs 505 crore की बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड और डिपॉजिट को फ्रीज़ किया है। जांच के अनुसार:

🔍 WinZO पर लगे मुख्य आरोप

  • यूजर्स के अकाउंट ब्लॉक करना
  • KYC दस्तावेज़ों का गलत उपयोग
  • इम्परसनेशन यानी फर्जी पहचान से खेल
  • अनधिकृत निकासी (Unauthorized Withdrawals)
  • गेम खेलते समय एल्गोरिथ्म के माध्यम से परिणामों से छेड़छाड़
  • राष्ट्रीय प्रतिबंध के बावजूद विदेशी खिलाड़ियों को गेम सर्विस देना

ED ने खुलासा किया कि भारत में RMG पर 22 अगस्त 2025 के राष्ट्रीय बैन के बाद भी WinZO ने US, Brazil और Germany में रियल-मनी गेम्स ऑफर किए।

एजेंसी ने कहा कि WinZO के भारतीय यूजर्स का Rs 43 crore अब तक रिफंड नहीं हुआ है।

🌍 फंड डाइवर्ज़न का आरोप

जांच में यह भी सामने आया कि भारतीय इकाई से धन US और Singapore में ट्रांसफर किया गया।
एक अमेरिकी बैंक खाते में $55 million (लगभग Rs 489.9 crore) जमा पाए गए।

🗣️ WinZO का बयान

“हम पूरी तरह से जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहे हैं। पारदर्शिता और फेयरप्ले हमारे प्लेटफॉर्म का मूल आधार है। हम अपने यूजर्स की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।” – WinZO प्रवक्ता


♠️ Pocket52–Gameskraft केस: 18.57 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ फ्रीज़

दूसरे मामले में, Pocket52 संचालक Nirdesa Networks और उसके सहयोगी प्लेटफॉर्म Gameskraft Technologies पर ED ने छापे मारे।

🔍 इन पर लगे आरोप

  • गेम परिणामों में मैनिपुलेशन
  • खिलाड़ी समूह बनाकर धोखाधड़ी (Collusion)
  • तकनीकी गड़बड़ियों के ज़रिए पैसा फँसाना
  • निकासी रोकना
  • कुल Rs 3 crore यूजर्स को हुए नुकसान की शिकायतें

कुल 8 बैंक अकाउंट्स को मिलाकर Rs 18.57 crore की राशि फ्रीज़ की गई।


💥 Gameskraft पर एक और बड़ा झटका — CFO द्वारा Rs 250 crore की कथित हेराफेरी

सितंबर 2025 में Gameskraft पहले ही सुर्खियों में था जब उसके पूर्व CFO Ramesh Prabhu ने कथित तौर पर कंपनी के Rs 250 crore को Futures & Options ट्रेडिंग में लगा दिया था।

यह घटना कंपनी की वित्तीय स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर चुकी है।


🛑 Online Gaming Act 2025 के बाद RMG कंपनियाँ संकट में

सरकार ने Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025 लागू किया, जिसने:

  • सभी रियल-मनी गेम्स (RMG) पर प्रतिबंध लगाया
  • RummyCulture, Gamezy, Pocket52, Ludo Select जैसे प्लेटफॉर्मों को ऑपरेशन बंद करने पड़े

इससे इन कंपनियों की आय और संचालन दोनों बुरी तरह प्रभावित हुए।


📉 WinZO, Pocket52 और Gameskraft के लिए आगे क्या?

ED के इस कदम ने भारत के ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग सेक्टर में हलचल मचा दी है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि—

✔️ भविष्य में और कंपनियाँ जांच के दायरे में आ सकती हैं

✔️ RMG सेक्टर में पारदर्शिता, KYC, और फेयरप्ले को लेकर सख्त बदलाव होंगे

✔️ कंपनियों को कानूनी और वित्तीय दोनों स्तर पर भारी दबाव झेलना पड़ेगा

सरकारी बैन, बढ़ती नियामक सख्ती, और अब मनी-लॉन्ड्रिंग जांच — इन सभी का प्रभाव पूरे गेमिंग उद्योग पर पड़ेगा।


📝 निष्कर्ष

ED की हालिया कार्रवाई सिर्फ WinZO या Pocket52 तक सीमित नहीं है — यह भारत में तेजी से बढ़ते, लेकिन उतने ही विवादित रियल-मनी गेमिंग सेक्टर पर एक बड़ा सिग्नल है। 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति फ्रीज़ होना बताता है कि सरकार इस क्षेत्र में किसी भी वित्तीय अनियमितता को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

आने वाले महीनों में यह मामला और भी बड़ा रूप ले सकता है, और उद्योग के कई दिग्गजों को इसका प्रभाव झेलना पड़ सकता है।

Read more : Zetwerk जल्द ला रहा है $750 मिलियन का IPO