🚢💼 Agraga ने उठाए ₹100 करोड़! Cross-Border Logistics

Agraga

भारत के digital logistics सेक्टर में बड़ा निवेश देखने को मिला है। डिजिटल फ्रेट फॉरवर्डिंग स्टार्टअप Agraga ने अपने pre-Series B राउंड में ₹100 करोड़ (लगभग $12 मिलियन) जुटाए हैं। यह राउंड Bajaj Finserv Group ने लीड किया, जबकि मौजूदा निवेशक IvyCap Ventures और कुछ चुनिंदा global angel investors ने भी हिस्सा लिया।
यह निवेश ऐसे समय आया है जब भारत में MSME exporters को seamless, transparent और tech-driven logistics solutions की ज़रूरत पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। 🚛🌍


💰 किससे मिला निवेश और क्यों है यह राउंड अहम?

Agraga ने मई 2023 में ₹70 करोड़ की Series A फंडिंग जुटाई थी। अब लगभग डेढ़ साल बाद कंपनी ने एक बड़ा उठाव दर्ज किया है।
इस ताज़ा फंडिंग का फ़ोकस है:

  • 🌐 cross-border logistics नेटवर्क का विस्तार
  • 📦 LCL (Less-than-Container Load) वर्टिकल को मज़बूत करना
  • 🤖 automation और tech visibility tools को स्केल करना
  • 🚢 प्रमुख export hubs में गहरी उपस्थिति बनाना

भारत का एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी fragmented है — booking, customs, warehousing और banking अलग-अलग चलती है। Agraga का लक्ष्य इन सभी को एक unified digital platform पर लाकर MSMEs के लिए पूरी प्रक्रिया सरल बनाना है।


🏢 Agraga की शुरुआत और इसकी tech-driven ताकत

2021 में स्थापित यह स्टार्टअप cross-border logistics को modern, digital और transparent बनाने के मिशन के साथ उतरा। Agraga की core strength चार लेयर पर आधारित है:

  1. 🔍 Discovery – customers को instant pricing, options और availability देना
  2. 📍 Tracking – shipment का real-time end-to-end ट्रैकिंग
  3. ⚙️ Execution – booking, documentation, customs clearance सब एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर
  4. 📊 Data-led decision making – exporters को smart insights देना ताकि cost और time दोनों बचें

MSMEs के लिए international shipments में सबसे बड़ी दिक्कत होती है— paperwork, cost transparency और unreliable timelines। Agraga इन सभी gaps को tech के जरिए भरने का काम कर रहा है।


🌍 Customer base और global footprints

Agraga जल्द ही सिर्फ एक logistics platform नहीं, बल्कि exporters के लिए end-to-end operating system बन रहा है। मौजूदा समय में:

  • 👥 700+ ग्राहक
  • 🤝 1,000 से ज़्यादा vendors
  • 🌐 40 global trade lanes में operations
  • 📦 मल्टी-मॉडल सेवाएँ — sea, air, customs, warehousing सब शामिल

कंपनी ने financial services को एकीकृत करने के लिए ICICI Bank और IDFC First Bank जैसे बड़े वित्तीय भागीदारों के साथ सहयोग भी किया है। इससे exporters की working capital जरूरतें भी तेजी से पूरी हो पाती हैं।

Agraga की subsidiary Byteport Logistics भी MSMEs और LCL customers के लिए चैनल-पार्टनर एग्रीगेशन मॉडल में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।


🏦 Bajaj Finserv क्यों लगा रहा है बड़ा दांव?

Bajaj Finserv Ventures भारत के promising startups को backing देने के लिए काफी active रहा है— खासकर fintech, healthtech और deeptech श्रेणियों में।
Agraga में निवेश का मतलब है कि कंपनी logistics sector में भी high-growth opportunities देख रही है।

Bajaj Finserv ने हाल ही में:

  • ₹72 करोड़ Pre-Series B राउंड में KisanKonnect को fund किया
  • fintech startups जैसे Anumati, MobiKwik, Pennant को support किया

Agraga में उनका निवेश digital freight forwarding को अगले स्तर पर ले जाने का संकेत है।


🚀 क्यों महत्वपूर्ण है यह फंडिंग?—भारतीय Export Market का भविष्य

भारत तेजी से global export hub बन रहा है, लेकिन अभी भी logistics लागत GDP का लगभग 14% खा जाती है — जो developed देशों से कहीं अधिक है।
ऐसे में Agraga जैसे platforms:

  • paperwork को 70% तक reduce करते हैं
  • shipment visibility बढ़ाते हैं
  • cost transparency लाते हैं
  • shipment time कम करते हैं
  • MSMEs की export capacity को बढ़ाते हैं

देश के export-driven विकास में इस तरह के tech-first startups की भूमिका आने वाले वर्षों में और भी critical होने वाली है।📈🌏


📌 Agraga का आगे का रोडमैप — क्या होगा अगले 2 साल में?

कंपनी की योजना है:

  • 📦 LCL बिज़नेस को भारत के सभी प्रमुख ports तक फैलाना
  • 🧠 AI-driven logistics intelligence तैयार करना
  • 🔗 finance + logistics + compliance की एक holistic stack बनाना
  • 🌐 Middle East, Southeast Asia और Africa जैसे नए markets को tap करना
  • 🏬 Byteport को MSME logistics partner network के रूप में pan-India level पर स्केल करना

अगर कंपनी execution में speed बनाए रखती है, तो अगले दो वर्षों में Agraga भारत के top cross-border logistics enablers में शामिल हो सकती है।


📝 निष्कर्ष — क्यों यह एक गेम-चेंजर deal है?

Agraga का ₹100 करोड़ का यह राउंड सिर्फ funding नहीं, बल्कि भारत के logistics tech sector में एक आवश्यक acceleration है। MSMEs, exporters और supply chain stakeholders के लिए यह platform आने वाले समय में:

  • अधिक transparency
  • तेज़ processing
  • कम लागत
  • smart technology integration

जैसे बड़े बदलाव लेकर आने वाला है।

भारत को global supply chain में leadership दिलाने के लिए ऐसी ही tech-first companies की ज़रूरत है—और Agraga उसी दौड़ में सबसे आगे दिख रहा है। 🚀🇮🇳

Read more : BigBasket को मिला ₹200 करोड़ का बड़ा फंडिंग बूस्ट!

🛒 BigBasket को मिला ₹200 करोड़ का बड़ा फंडिंग बूस्ट!

BigBasket

भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म में से एक BigBasket की उपभोक्ता इकाई Innovative Retail Pvt Ltd ने एक बार फिर फंडिंग बाजार में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है। कंपनी ने ₹200 करोड़ (लगभग $22.7 मिलियन) की डेब्ट फंडिंग हासिल की है, जो कि DBS Bank Ltd द्वारा प्रदान की गई है। लगभग तीन साल बाद यह BigBasket के लिए इतना बड़ा कैपिटल इन्फ्यूज़न है।

यह फंडिंग ऐसे समय में आई है जब BigBasket पहले ही क्विक कॉमर्स मॉडल की ओर तेजी से शिफ्ट कर चुका है और अपने “10 मिनट डिलीवरी” नेटवर्क को और मजबूत बनाना चाहता है।


💰 कैसे जुटाई गई फंडिंग? — NCDs का इस्तेमाल

RoC (Registrar of Companies) के साथ की गई फाइलिंग के अनुसार, BigBasket की B2C यूनिट Innovative Retail Pvt Ltd ने कुल:

  • 20,000 नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs)
  • प्रति NCD कीमत: ₹1,00,000
  • टेन्योर: 18 महीने
  • कूपन रेट: 8.2% प्रति वर्ष

इन डिबेंचर्स के माध्यम से कंपनी ने कुल ₹200 करोड़ जुटाए।

यह डेब्ट स्ट्रक्चर बिना किसी इक्विटी डाइल्यूशन के पर्याप्त पूंजी जुटाने का एक तरीका है, जो BigBasket की वर्तमान रणनीति के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।


🏬 फंड्स का इस्तेमाल कहाँ होगा? — बढ़ेंगे Dark Stores, मजबूत होगा इंफ्रास्ट्रक्चर

कंपनी ने स्पष्ट किया है कि जुटाई गई राशि का उपयोग होगा:

✔️ Dark Stores स्थापित करने में
✔️ मौजूदा Dark Stores को अपग्रेड करने में
✔️ जनरल कॉर्पोरेट एक्सपेंस
✔️ क्विक डिलीवरी सप्लाई चेन मजबूत करने में

BigBasket पहले से ही अपने इन्वेंट्री-लेड मॉडल के लिए जाना जाता है, जहां वो खुद स्टॉक मैनेज करता है और खुद की डिलीवरी यूनिट के माध्यम से तेज़ डिलीवरी प्रदान करता है। Dark Stores उसी रणनीति का मुख्य हिस्सा हैं।


🚀 10 मिनट डिलीवरी मॉडल की ओर पूरा फोकस

अगस्त 2024 में BigBasket ने बड़ी घोषणा करते हुए बताया था कि वह अब पूरी तरह Quick Commerce मॉडल पर फोकस करेगा।
इसका मतलब है:

10-minute delivery ही कंपनी की मुख्य पहचान होगी
⚡ BigBasket Now और BB Daily मॉडल को भी इसी दिशा में इंटीग्रेट किया जा रहा है
⚡ तेज़ डिलीवरी के लिए नेटवर्क का भारी विस्तार

देशभर में Blinkit, Instamart और Zepto के साथ मुकाबला करने के लिए BigBasket को तेजी से स्केल करना जरूरी हो गया है। यही वजह है कि इस दौर की फंडिंग बेहद महत्वपूर्ण है।


🏢 BigBasket की ग्रोथ स्टोरी — Tata Digital की बड़ी भूमिका

BigBasket की नींव 2011 में रखी गई थी। कंपनी आज भी भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन ग्रॉसरी कंपनियों में गिनी जाती है।
2021 में Tata Digital ने BigBasket का अधिग्रहण किया, और तब से कंपनी में तेजी से बदलाव हुए हैं:

  • प्राइवेट लेबल बढ़े
  • Dark Store मॉडल पर जोर
  • Quick Commerce में प्रवेश
  • हाई-स्पीड डिलीवरी नेटवर्क

इस फंडिंग के साथ BigBasket ने साफ कर दिया है कि Tata Digital का फोकस अभी भी इस ब्रांड को बाजार में अग्रणी बनाए रखने पर है।


📈 फंडिंग हिस्ट्री — BigBasket ने अब तक जुटाए हैं 1 बिलियन डॉलर से अधिक

स्टार्टअप डेटा प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार, BigBasket ने अब तक:

🔹 $1 बिलियन से अधिक फंडिंग जुटाई है
🔹 प्रमुख निवेशक:

  • Mirae Asset
  • British International Investments
  • Bessemer Venture Partners
  • Tata Digital (अधिग्रहण 2021)

नए डेब्ट राउंड से यह भी स्पष्ट होता है कि BigBasket अपनी वित्तीय संरचना को संतुलित रखते हुए तेजी से स्केल करना चाहता है।


📉 वित्तीय स्थिति — FY25 में बढ़ा घाटा

BigBasket की वित्तीय रिपोर्ट चुनौतियों की ओर इशारा करती है:

  • Revenue (FY25): ₹7,673 करोड़ — लगभग स्थिर
  • Net Loss (FY25): ₹1,850 करोड़ — घाटा बढ़ा

क्विक कॉमर्स मॉडल में बड़े पैमाने पर खर्च शामिल होता है — जैसे:

🏍️ डिलीवरी नेटवर्क
🏬 Dark Stores
👨‍💼 मैनपावर
📦 इन्वेंट्री मैनेजमेंट

इसी कारण लागत बढ़ती है और नुकसान अस्थायी रूप से बढ़ सकता है।


🔮 आगे का रास्ता — क्या BigBasket क्विक कॉमर्स में जीत सकता है?

क्विक कॉमर्स अभी भारत का सबसे प्रतिस्पर्धी सेक्टर है।
BigBasket का फायदा:

✔️ लंबा अनुभव
✔️ बड़ा ग्राहक आधार
✔️ Tata Digital का सपोर्ट
✔️ मजबूत प्राइवेट लेबल मार्जिन
✔️ Dark Store आधारित तेज़ नेटवर्क

यह फंडिंग कंपनी को एक नई ऊर्जा देगी और 10 मिनट डिलीवरी के विस्तार में निर्णायक भूमिका निभाएगी।


🌟 निष्कर्ष

₹200 करोड़ की यह डेब्ट फंडिंग BigBasket के आक्रामक विस्तार के इरादों को मजबूत करती है।
Blinkit–Zepto–Instamart की तगड़ी दौड़ में BigBasket की एंट्री अब पहले से कहीं अधिक तेज़ और रणनीतिक लग रही है।

Quick Commerce का भविष्य रोमांचक है — और BigBasket एक बार फिर इस रेस में पूरे दम से उतर चुका है! 🚀🛒

Read more : AgroStar ने उठाए $30 Million! Indian Agritech में फिर मचा धमाल

🌾💰 AgroStar ने उठाए $30 Million! Indian Agritech में फिर मचा धमाल

AgroStar

भारत के तेजी से बढ़ते agritech सेक्टर में एक बार फिर बड़ी हलचल देखने को मिली है। किसानों को digital advisory और high-quality कृषि इनपुट उपलब्ध कराने वाली AgroStar ने लगभग चार साल बाद एक नया फंडिंग राउंड उठाकर बाजार में अपनी मजबूत वापसी दर्ज की है। 👏🚜

कंपनी ने $30 million (करीब Rs 250 करोड़) जुटाए हैं, और इस राउंड का नेतृत्व किया है climate-focused investment firm Just Climate ने। इसके साथ ही इसके पुराने निवेशक — Aavishkaar India, Bertelsmann, Evolvence India, Chiratae Ventures और Hero Enterprises — ने भी भाग लिया।


🌱📦 क्यों किया गया फंडिंग राउंड? AgroStar की Growth Plan क्या है?

नई फंडिंग का इस्तेमाल AgroStar तीन मुख्य क्षेत्रों में करने वाली है:

⭐ 1. Omnichannel Expansion (Online + Offline दोनों में Growth)

कंपनी अपने existing footprint को और मजबूत करेगी ताकि देशभर के किसानों को आसानी से कृषि-संबंधी उत्पाद और expert सलाह मिल सके।

🤖 2. AI और Tech Innovation पर बड़ा फोकस

AgroStar farming advisory को अब AI-driven बनाना चाहती है। इससे किसानों को

  • फसल के हिसाब से best inputs,
  • pest management,
  • मौसम आधारित advisory
    और
  • हाई-प्रिसिशन agriculture guidance
    मिलेगी।

🧪 3. नए Climate-focused Products और Biological Inputs

कंपनी यह भी चाहती है कि किसान chemical-heavy inputs पर depend न रहें। इसी लिए उनकी नई R&D टीम sustainable और environment-friendly प्रोडक्ट्स पर जोर देगी।


🚜📱 AgroStar का बिजनेस मॉडल: Online + 10,000 Stores का महा नेटवर्क

AgroStar का model भारत में काफी unique माना जाता है। यह digital + retail मिक्स पर चलता है।

🔹 Digital Services

किसानों के लिए AgroStar app पर

  • crop advisory
  • उत्पाद कैटलॉग
  • soil health guide
  • और personalized recommendations
    उपलब्ध हैं।

कंपनी का दावा है कि उसका digital platform 1 करोड़ से ज्यादा किसानों तक पहुंच चुका है — जो इसे भारत का सबसे बड़ा agritech network बनाता है।

🔹 Offline Presence

AgroStar ने देशभर में 10,000+ रिटेल स्टोर्स का नेटवर्क भी तैयार किया है। यह मॉडल किसानों की trust-building के लिहाज से गेम-चेंजर साबित हुआ है।


🧬🌾 AgroStar की Product Strength: 200+ Branded Inputs

कंपनी के पास 200 से ज्यादा high-quality कृषि उत्पाद हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • crop protection products
  • biological solutions
  • micronutrients
  • sustainable agri-inputs
  • climate-resilient products

इससे AgroStar को premium category में मजबूत पकड़ बनाने में मदद मिली है।


📊💸 Funding History: अब तक $140 Million से अधिक जुटाए

AgroStar ने अब तक $140 million से ज्यादा फंडिंग जुटाई है।
2021 में Schroders द्वारा $70 million Series D राउंड में जुटाए गए थे।

इससे पहले सबसे बड़ा बाहरी निवेशक:

  • Chiratae Ventures
  • फिर Aavishkaar Capital, Accel और Bertelsmann

📉📈 Financial Performance: FY24 में Revenue अच्छा, Loss भी भारी

TheKredible के अनुसार AgroStar के FY24 financials इस प्रकार हैं:

📌 Revenue (FY24): Rs 761.51 crore

📌 Loss (FY24): Rs 327.43 crore

📌 Total Expenses: Rs 1,088.94 crore

📌 Cash Flow from Operations: Rs –135.09 crore

यानी कंपनी की growth आक्रामक और तेज़ है, लेकिन profitability अभी भी एक चुनौती है — जैसा कि कई अन्य agritech startups के साथ देखने को मिलता है।


🏏⚔️ कौन हैं AgroStar के Competitors?

AgroStar भारत के बड़े agritech स्टार्टअप्स से मुकाबला करती है:

🔸 Ninjacart

🔸 DeHaat

🔸 Waycool

ये तीनों कंपनियाँ supply chain, last-mile delivery और farm-produce aggregation में सक्रिय हैं, जबकि AgroStar input-tech और advisory पर अधिक केंद्रित है।


🚀📍 क्यों है यह फंडिंग राउंड विशेष?

इस राउंड की खासियत यह है कि:

✔ चार साल का इंतजार

कंपनी ने 4 साल से फंड नहीं जुटाया था — ऐसे में यह fresh capital काफी बड़ा game changer है।

✔ Climate-focused investor का भरोसा

Just Climate जैसे global investor का आना बताता है कि AgroStar का climate-tech + agritech hybrid model भविष्य में बहुत potential रखता है।

✔ भारत के किसानों के लिए नई तकनीक

AI-based advisory, sustainable farming और retail expansion — ये तीनों efforts भारत के ग्रामीण बाजार को अगले level पर ले जाने की क्षमता रखते हैं।


🌾🔥 Conclusion — AgroStar की नई शुरुआत से किसानों को होगा बड़ा फायदा

नए फंडिंग के साथ AgroStar आने वाले वर्षों में ग्रामीण tech ecosystem को और मजबूत करेगा।
AI-first advisory, digital expansion, और 10,000+ रिटेल नेटवर्क का expansion भारत के करोड़ों किसानों को बेहतर तकनीक, बेहतर उत्पाद और बेहतर earning opportunities देगा।

AgroStar का vision साफ है —
👉 “भारत के हर किसान को advanced, affordable और easy-to-access agri-tech देना।”

और यह फंडिंग उस vision को पूरा करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। 🚀🌱🇮🇳

Read more : Bluecopa ने शुरू की Series A फंडिंग! ₹64.7 करोड़ जुटाए

🚀 Bluecopa ने शुरू की Series A फंडिंग! ₹64.7 करोड़ जुटाए

Bluecopa

FinOps automation की दुनिया में तेजी से उभर रही Hyderabad-based स्टार्टअप Bluecopa ने अपनी Series A फंडिंग की शुरुआत करते हुए ₹64.7 करोड़ (लगभग $7.35 मिलियन) जुटा लिए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Valorshield Pte Ltd (Analog) ने किया, जबकि Blume Ventures और Dallas Venture Capital जैसे मौजूदा निवेशकों ने भी मजबूती से भाग लिया।

यह फंडिंग ऐसे समय पर आई है जब भारत में Finance Automation और AI-driven FinOps tools की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। Bluecopa इस wave को लीड करने वाली कुछ चुनिंदा कंपनियों में से एक बन चुकी है।


💰 फंडिंग ब्रेकअप: किसने कितना निवेश किया?

Bluecopa के RoC filing के अनुसार कंपनी ने 4,562 Series A CCPS जारी किए हैं, जिनकी कीमत ₹1,41,849.13 प्रति शेयर रही। कुल ₹64.7 करोड़ की राशि इस प्रकार जुटाई गई:

  • 🟦 Valorshield Pte Ltd (Analog) → ₹38.8 करोड़ ($4.4M)
  • 🟧 Blume Ventures → ₹12.93 करोड़
  • 🟨 Dallas Venture Capital → ₹12.93 करोड़

यह निवेश सितंबर 2024 में हुए $1.8M प्री-Series A राउंड के बाद आया है, जिससे कंपनी ने एक साल के भीतर ही बाज़ार का भरोसा और मजबूत किया है।


📈 Valuation में जबरदस्त उछाल – 2.3X Growth

Entrackr के विश्लेषण के अनुसार, Bluecopa की valuation अब ₹306 करोड़ (लगभग $35M) हो चुकी है।
यह पिछली फंडिंग के समय की ₹133 करोड़ valuation से 2.3X ज़्यादा है।

यानी, बहुत कम समय में कंपनी ने AI + Finance Automation की बदौलत निवेशकों में मजबूत विश्वास बनाया है।


🤖 Bluecopa क्या करती है? क्यों है इतनी डिमांड?

Bluecopa की स्थापना 2021 में Nilotpal Chanda, Raghavendra Reddy, और Satya Prakash Buddhavarapu ने की थी।
कंपनी का mission है—CFOs और modern finance teams के लिए पूरी finance operations को automate करना, ताकि:

  • रिपोर्टिंग तेज़ हो
  • डेटा accuracy बढ़े
  • workflows streamline हों
  • और finance टीमें manual काम से मुक्त होकर strategic काम कर सकें

🔧 इसके प्लेटफॉर्म की कुछ बड़ी खूबियाँ:

  • AI-powered finance automation
  • Data analytics-based dashboards
  • Autonomous financial operations
  • Cloud-native unified system
  • Real-time visibility & predictions

कुल मिलाकर Bluecopa modern CFOs का AI-based assistant बन रहा है।


🌍 अब क्या करेगी Bluecopa इस फंडिंग से?

इस निवेश के साथ कंपनी अपनी growth roadmap को और आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाएगी:

🔹 1) नई Hiring और Product Expansion

Bluecopa अपने AI engine और finance automation suite को और मजबूत करने में निवेश करेगी।

🔹 2) Enterprise Scale-up

कंपनी भारत व विदेशों में mid-market और enterprise clients को aggressively target करेगी।

🔹 3) Go-to-market strategy को गति

More partnerships, deeper integrations & wider reach.

🔹 4) Global Expansion

फंड का एक हिस्सा Bluecopa के GTM और global outreach पर लगाया जाएगा।


📊 अब तक की Funding और Traction

TheKredible के अनुसार Bluecopa ने अब तक कुल $11M+ फंडिंग जुटाई है जिसमें शामिल हैं—

  • Seed round → $2.3M (August 2022)
  • Pre-Series A → $1.8M (September 2024)
  • Current Series A → $7.35M (2025)

इस तरह कंपनी शुरुआती तीन सालों में ही तेजी से growth trajectory बना चुकी है।


📉 Financials: Revenue कम, Losses ज़्यादा – लेकिन Growth Story Solid

March 2024 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष के लिए कंपनी के नंबर कुछ इस तरह थे:

  • 🟦 Operating Revenue → ₹5.2 लाख
  • 🟧 Non-operating Income → ₹27.38 लाख
  • 🔴 Net Loss → ₹7.2 करोड़

हालांकि revenue अभी छोटा दिखता है, लेकिन यह typical है early-stage SaaS और AI companies के लिए, जहां शुरुआती वर्षों में focus product maturity पर रहता है।

FY25 के आंकड़े कंपनी ने अभी नहीं बताए हैं, लेकिन Series A investment से साफ है कि investors को तेज़ growth potential दिख रहा है।


🧠 क्यों Bluecopa को Future का “Finance OS” कहा जा रहा है?

आज finance teams 20% strategic काम और 80% manual tasks में फंसी रहती हैं—
Bluecopa इस imbalance को बदलना चाहता है।

💡 यह modern CFOs को देता है:

  • Real-time cash visibility
  • Automated reconciliation
  • AI-driven forecasting
  • Zero-manual workflows
  • Multi-source financial data integration

भारत जैसे तेज़ी से digitize हो रहे बाज़ार में इसकी जरूरत और भी ज़्यादा बढ़ जाती है।


🏁 निष्कर्ष: FinOps का भविष्य Bluecopa के हाथों में?

Series A फंडिंग के साथ Bluecopa ने ये साबित कर दिया है कि FinOps automation कोई छोटा segment नहीं, बल्कि आने वाला multi-billion-dollar डिसरप्शन है।

AI + Finance के intersection पर खड़ी ये कंपनी आने वाले वर्षों में India से global FinOps OS बनाने की ओर बढ़ रही है।

Bluecopa की valuation, investors का भरोसा, और AI-driven product suite—
ये सब मिलकर इसे भारत की अगली बड़ी SaaS success story बनने की दिशा में ले जा रहे हैं। 🚀✨

Read more : भारत का Co-working Market Q2 FY26: WeWork, Awfis, Smartworks और Indiqube

🏢💥 भारत का Co-working Market Q2 FY26: WeWork, Awfis, Smartworks और Indiqube

Awfis

भारत का co-working market इस साल एक नए मोड़ पर खड़ा दिखाई देता है। FY26 की दूसरी तिमाही ने साफ दिखा दिया कि सिर्फ scale होना ही काफी नहीं—profitability, pricing strategy और smart expansion ही असली खेल बदल रहे हैं।
जहाँ WeWork India revenue के मामले में नंबर-1 रहा, वहीं Awfis ने साबित किया कि छोटे, low-cost centres भी बड़े दिग्गज़ों को पछाड़ सकते हैं।

रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतों के बीच, premium spaces चलाना और भी मुश्किल हो रहा है, और यही दबाव इस सेक्टर में players के बीच sharp divide दिखाता है।


📊 Q2 FY26 Revenue: किसने मारी सबसे बड़ी छलांग?

ताजा आँकड़े बताते हैं:

  • WeWork India – ₹575 करोड़ (टॉप पर)
  • Smartworks – ₹425 करोड़
  • Awfis – ₹367 करोड़
  • Indiqube – ₹350 करोड़

Revenue भले ही WeWork के पास सबसे ज्यादा हो, लेकिन profitability की तस्वीर बिल्कुल अलग कहानी कहती है।


💰📉 Profitability में कौन सा Brand रहा असली विजेता?

FY26 में co-working कंपनियों की financial performance ने industry experts को सोचने पर मजबूर कर दिया।

✔ सबसे ज्यादा Profit – Awfis (₹16 करोड़)

छोटे और cost-efficient centres के चलते Awfis ने शानदार margins बनाए रखे।

✔ WeWork India – Profit ₹6.4 करोड़

Premium pricing की वजह से profit तो आया, लेकिन growth पर brake दिख रहा है।

❌ Smartworks – Loss ₹3 करोड़

Revenue बढ़ने के बावजूद profit margin squeeze हुआ।

❌ Indiqube – Loss ₹30 करोड़ (सबसे ज्यादा)

Operational cost हाई, expansion heavy, लेकिन revenue growth slow.

Industry का साफ निष्कर्ष:
👉 Bigger is not always better. Smart is better.


🏬📍 Who Has the Largest Footprint?

Co-working कंपनियों का सबसे बड़ा हथियार उनका physical presence और seating capacity होती है।

⚡ Centres की संख्या में बाजी – Awfis

  • Awfis – 237 centres (सबसे ज्यादा)
  • Smartworks – 61 centres
  • WeWork India – 70 centres

Awfis की distributed strategy इसका सबसे बड़ा growth engine बन चुकी है — ज़्यादा शहरों में छोटे centres मतलब ज्यादा affordability + ज्यादा demand.


🪑 Seating Capacity में कौन है King?

हालांकि centres Awfis के ज्यादा हैं, seating capacity में Smartworks नंबर-1 है।

  • Smartworks – 3,22,000 seats (टॉप)
  • Indiqube – 2,03,000 seats
  • Awfis – 1,61,000 seats
  • WeWork India – 1,14,500 seats

Smartworks का मॉडल स्पष्ट है – fewer centres, लेकिन बड़े और enterprise-heavy spaces।


💸 Pricing Game: Premium vs Affordable Battle

Co-working pricing इस पूरे battle का असली centre point है।

🏢 WeWork India – सबसे Premium

  • Avg price per seat: ₹16,739/month
    Awfis से 2X और Smartworks से लगभग 4X महंगा।

🟢 Awfis – Balanced Pricing

  • ₹7,598/month
    Mass market और mid-size teams के लिए किफायती।

🟡 Smartworks – सबसे Affordable

  • ₹4,399/month
    Price-sensitive छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए perfect model।

स्पष्ट है —
👉 High-price model real estate boom के समय टिक नहीं पाता।
👉 Middle-range & low-range pricing जीत का असली factor है।


🏙 Real Estate Boom ने बढ़ाई High-Priced Operators की मुश्किलें

Tier 1 और कई Tier 2 cities में commercial rentals तेज़ी से बढ़ रहे हैं। NCR जैसे मार्केट में Gurugram vs Noida की rental gap ही companies को confused कर देती है।

ऐसी स्थिति में:

  • 6–8 employees वाली companies के लिए co-working vs own lease का calculation co-working के खिलाफ जा रहा है।
  • WeWork जैसे premium players को pricing justify करना मुश्किल पड़ रहा है।
  • Awfis के छोटे centres और किफायती pricing users के लिए attractive हैं।

🧠 क्यों Awfis outsmart कर रहा है सभी को?

  1. छोटे, distributed centres
  2. कम operational cost
  3. ज्यादा affordability
  4. Tier 2 expansion advantage
  5. Flexible pricing

दूसरी तरफ WeWork का model Embassy Group की Grade-A buildings पर heavily dependent है, जो cost बढ़ा देता है।


📈 आगे क्या? Market Trend & Future Outlook

Industry experts के अनुसार:

  • WeWork India को margin expand करने में मुश्किल हो सकती है।
  • Premium seat pricing (₹8,000+ average) growth को limit करती रहेगी।
  • Smartworks affordable pricing के दम पर larger enterprises को attract करेगा।
  • Awfis अपनी “low-cost, multi-centre” strategy से अगले कुछ वर्षों में revenue + profit दोनों में बढ़त बनाए रख सकता है।
  • Indiqube को cost restructuring और smarter expansion strategy पर जोर देना होगा।

🏁 Conclusion: Co-working का Future किसके हाथ में?

Q2 FY26 ने यह साफ कर दिया है कि:

✔ Premium + Expensive Model = Slow & Risky
✔ Affordable + Distributed Model = Fast & Profitable

यदि market यही रफ्तार बनाए रखता है, तो Awfis और Smartworks आने वाले समय में बड़ा share पकड़ सकते हैं, जबकि WeWork India को अपनी pricing strategy पर rethink करना पड़ सकता है।

Read more : Tractor Junction ने उठाए $22 Million

🚜 Tractor Junction ने उठाए $22 Million

Tractor Junction

भारत के rural economy को तेज़ रफ्तार देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए Tractor-focused marketplace Tractor Junction ने $22 million (करीब ₹183 करोड़) की ताज़ा फंडिंग हासिल की है। यह राउंड Astanor के नेतृत्व में हुआ, जिसमें Info Edge और Omnivore जैसे जाने-माने निवेशकों ने भी हिस्सा लिया। यह फंडिंग mix है — $17 million equity और $5 million debt का।

इसके साथ ही, Tractor Junction अब तक कुल $28 million की फंडिंग जुटा चुका है, जिसमें अप्रैल 2022 का उनका $5.7 million seed round भी शामिल है। 🎯


🌱 Rural India को मिलेगा नया गति—कहाँ होगा पैसा खर्च? 💸

कंपनी ने साफ किया है कि यह नई पूंजी rural India के mobility और farm vehicle ecosystem को पूरी तरह बदलने में इस्तेमाल की जाएगी। फंड का उपयोग इन क्षेत्रों में होगा:

✔️ Vehicle & Services Expansion

कंपनी अपने नए और पुराने tractors, farm equipment और rural commercial vehicles की सेवाओं का विस्तार करेगी।

✔️ Financing Offerings को और मजबूत करना

गांवों में biggest problem — affordable loan options। अब Tractor Junction इस कमी को और आक्रामक तरीके से पूरा करेगा।

✔️ OEMs, Dealers और Sellers के साथ Partnerships

Supply chain को और मज़बूत बनाने के लिए कंपनी अपने distribution network को स्केल करेगी।

✔️ Digital + Physical Footprint को बढ़ाना

Online marketplace और on-ground dealer network दोनों में बड़ा विस्तार आने वाला है।


🏬 क्या है Tractor Junction का मॉडल?

यह प्लेटफॉर्म एक complete rural vehicle ecosystem बन चुका है, जहां किसान और ग्रामीण उपभोक्ता:

  • New tractors खरीद सकते हैं
  • Used tractors का resale कर सकते हैं
  • Farm equipment खरीद/बेच सकते हैं
  • Vehicles का financing करवा सकते हैं
  • Insurance तक ले सकते हैं

असल में यह एक hybrid operating model है — online marketplace + physical dealers। यही model इसे rural market में सबसे ज़्यादा effective बनाता है।


💳 FINJ ने rural credit में मचाई धूम — 30% तक सस्ता loan!

Tractor Junction की fintech arm FINJ, जिसे जनवरी 2024 में लॉन्च किया गया था, rural credit को एकदम नए स्तर पर ले जा रही है।

🔥 प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • अब तक ₹1,500 करोड़ का loan disburse
  • 25 lending partners के साथ active tie-ups
  • Data-led underwriting
  • Unorganised market की तुलना में 30% तक सस्ता interest rate

यह rural India के लिए एक massive game changer साबित हो रहा है, जहाँ loan access सबसे बड़ी समस्या रही है।


📈 FY25 में 70% Revenue Growth — बिज़नेस हुआ और पॉवरफुल

TheKredible के अनुसार, Tractor Junction की operating revenue FY25 में:

  • ₹62 करोड़ (FY24)₹106.43 करोड़ (FY25)
    👉 यानी 70% से ज़्यादा growth!

लेकिन इसके साथ losses बढ़कर ₹9.08 करोड़ हो गए (FY24 में ₹3.67 करोड़)।
कंपनी ने साफ कहा—”This is an investment phase.”
यानी aggressive expansion की वजह से खर्च बढ़ रहे हैं।


🚜 Revenue किससे आता है?

🔹 Tractor Sales = 80% revenue (FY25)

मुख्य कमाई अभी भी tractor sales से आती है, जो rural market की core need है।

🔹 Financial Services = 10x growth

FINJ की वजह से यह segment future में सबसे बड़ा growth driver बन सकता है।

🔹 Used Vehicle Business = 1.8x expansion

गांवों में used vehicle market तेजी से बढ़ रहा है, और Tractor Junction इसका सबसे organized player बनकर उभर रहा है।


🏪 75 Cities में COCO Stores — Rural Growth का नया network

कंपनी अपनी physical उपस्थिति को बड़े पैमाने पर बढ़ा रही है।

अभी:

  • 65 COCO outlets — Rajasthan, MP, Maharashtra
  • Total presence: 75 cities, 6 states

COCO मतलब Company Owned–Company Operated stores, यानी पूरा control कंपनी के पास। इससे quality और services का standard एक जैसा रहता है।


🌾 Rural Bharat के लिए इससे क्या बदलने वाला है?

🚜 Affordable tractors और vehicles तक आसान पहुंच

Loan सस्ता होगा, documentation कम होगा, और delivery तेज़।

🛠️ Organized rural marketplace

गांवों में अभी भी tractor buying-selling unorganized है। अब इसमें डिजिटल transparency आएगी।

🧑‍🌾 Farmers की productivity बढ़ेगी

Better equipment → बेहतर output → ज्यादा income।

💼 Dealers और sellers को भी फायदा

Digital + physical blend model sellers के लिए भी high-demand funnel बनाता है।


🛤️ क्या Tractor Junction rural India का Cars24 बनने वाला है?

इस सवाल का जवाब है—हाँ, और उससे भी बड़ा!

क्योंकि:

  • Rural vehicle market urban से बड़ा है
  • Tractor और farm equipment एक essential खरीद है
  • Rural financing disruption अभी बस शुरू हुआ है

और अब $22 million की नई ताकत के साथ, कंपनी rural tech ecosystem को पूरी तरह बदलने की दिशा में बढ़ चुकी है।


निष्कर्ष: Tractor Junction की तेज़ रफ्तार अभी और बढ़ने वाली है!

यह फंडिंग सिर्फ एक निवेश नहीं—rural Bharat की डिजिटल growth का accelerator है।
Tractor Junction अपने hybrid model, fintech innovations और तेज़ी से बढ़ते dealer network के साथ भारत के सबसे मजबूत rural commerce players में शुमार हो चुका है।

🚜💡 आने वाले सालों में यह प्लेटफॉर्म किसानों और rural consumers की पहली पसंद बन सकता है—चाहे वह नया tractor खरीदना हो, पुराना बेचना हो, या सस्ता loan लेना हो।

Read more : Yubi Group ने जुटाए ₹411 करोड़!

💸 Yubi Group ने जुटाए ₹411 करोड़!

Yubi

फिनटेक सेक्टर में हलचल मचाने वाला बड़ा अपडेट आया है—AI-पावर्ड फाइनेंशियल ऑपरेटिंग सिस्टम Yubi Group ने कुल ₹411 करोड़ (लगभग $46.3M) की नई फंडिंग राउंड हासिल की है। यह राउंड EvolutionX Debt Capital द्वारा लीड किया गया है जिसमें लॉन्ग-टर्म structured debt facility और ₹336 करोड़ की equity investment शामिल है।

यही नहीं, कंपनी के Founder & CEO Gaurav Kumar ने भी इस राउंड में ₹75 करोड़ का बड़ा निवेश किया है, जिससे उनका कुल पर्सनल निवेश बढ़कर ₹330 करोड़+ ($37.2M) हो गया है।


🚀 Global Expansion: Southeast Asia, US और Middle East होंगे Yubi के नए केंद्र

इस फंडिंग से Yubi Group का अगला फोकस बेहद बड़ा होने वाला है—
✔️ Southeast Asia और US में ऑपरेशंस का विस्तार
✔️ Middle East में मजबूत उपस्थिति बनाना
✔️ AI प्रोडक्ट्स पर भारी निवेश
✔️ Yubi के Financial OS को ग्लोबल scale पर ले जाना

Yubi अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहना चाहता—कंपनी का विज़न है कि इसकी AI-सक्षम टेक्नोलॉजी दुनिया के प्रमुख फिनटेक मार्केट्स में अपनाई जाए।


🤖 YuVerse: Yubi का AI Engine जो बदल रहा है Lending का Future

Yubi Group 2020 में स्थापित हुआ था। आज यह एक AI-powered financial operating system बन चुका है।

इसका core AI suite YuVerse चार बड़ी बिजनेस वर्टिकल्स को शक्ति देता है—

  • Yubi – Lending & Credit Marketplace
  • Accumn – Underwriting Solutions
  • Spocto X – Collections Automation
  • YuCollect – AI-driven Collections System

ये सभी मिलकर lending, underwriting, credit assessment और repayment को automate करने का काम करते हैं—और यही Yubi को बाकी fintechs से अलग बनाता है।


📊 Yubi का Scale: 3.2 लाख करोड़ की Lending, 48 लाख+ Transactions

Yubi Group का scale भारत के फिनटेक ecosystem में अद्भुत है:

₹3.2 लाख करोड़ से ज्यादा debt facilitation
48 लाख+ transactions enable
17,000+ enterprises onboard
6,200+ lenders और investors connected

इससे साफ समझ आता है कि Yubi सिर्फ एक स्टार्टअप नहीं—बल्कि India’s largest digital debt marketplace बन चुका है।


🦄 Unicorn बनने से अब तक $296M से ज्यादा फंडिंग

Yubi ने इससे पहले तक कुल $296M फंडिंग जुटाई है जिसमें:

  • $135M की Series B funding शामिल है
  • इसी राउंड ने Yubi को unicorn क्लब में पहुँचाया था

कंपनी के टॉप global investors में शामिल हैं:
⭐ Vivitri Capital
⭐ Peak XV Partners
⭐ TVS Capital
⭐ Lightspeed
⭐ B Capital
⭐ Lightrock
⭐ Insight Luxembourg

Fintech ecosystem में इतना बड़ा और diverse investor base कम ही देखने को मिलता है।


📈 Revenue बढ़ा, लेकिन Loss भी बढ़ा – FY25 Financial Snapshot

TheKredible के अनुसार Yubi Group का financial performance FY25 में कुछ ऐसा रहा—

📌 Revenue (Operations)

  • FY24: ₹484 करोड़
  • FY25: ₹660 करोड़
    ➡️ 36% YoY Growth

📌 Net Loss

  • FY25 में Yubi ने ₹416 करोड़ का loss रिपोर्ट किया

Loss बढ़ने का कारण है—
✔️ AI products में भारी investment
✔️ global expansion
✔️ new vertical launches
✔️ tech और infra पर खर्च

कंपनी का साफ कहना है कि यह losses growth-mode losses हैं और आने वाले वर्षों में operating leverage बेहतर होने की उम्मीद है।


🏢 Yubi का Vision: Financial Services का Operating System बनना

Yubi सिर्फ एक fintech product नहीं—कंपनी खुद को “Global OS for Credit & Lending” बनते हुए देख रही है।
कंपनी की रणनीति है:

🔹 Universities, banks, NBFCs, fintechs, corporates—all को एक ही debt stack से जोड़ना
🔹 AI-backed decisioning को mainstream बनाना
🔹 Global lenders और Indian borrowers के बीच seamless flow create करना

भारत जैसे credit-hungry देश में ऐसा platform बहुत बड़ा impact डाल सकता है।


🔮 Conclusion: Yubi अब Global Fintech Powerhouse बनने की तैयारी में

इस ₹411 करोड़ की नई फंडिंग के साथ Yubi Group अब नए phase में प्रवेश कर चुका है।

👉 दक्षिण-पूर्व एशिया और अमेरिका में expansion
👉 Middle East में network build
👉 AI products को आगे बढ़ाना
👉 Global lenders के साथ deep integration

इन सबकी वजह से आने वाले 2–3 साल Yubi के लिए बेहद transformative साबित हो सकते हैं।

AI-led fintech का future तेजी से बढ़ रहा है—और Yubi Group उसकी race में सबसे आगे नज़र आ रहा है।

Read more : Tribe Stays ने जुटाए $2.8M! Premium Long-Stay Accommodation में तेज़ी से बढ़ता कदम

🏨💰 Tribe Stays ने जुटाए $2.8M! Premium Long-Stay Accommodation में तेज़ी से बढ़ता कदम

Tribe Stays

भारत के तेजी से बढ़ते hospitality और managed accommodation सेक्टर में एक और बड़ी खबर आई है। प्रीमियम स्टे और student living solutions प्रदान करने वाला ब्रांड Tribe Stays ने अपने seed round में $2.8 मिलियन (₹24 करोड़) की फंडिंग हासिल की है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Artha Venture Fund और Riverwalk Holdings ने किया है।

इसके अलावा Kunal Khanna, Krishna Jain, HNIs और कई family offices ने भी इस राउंड में भाग लिया है।

यह निवेश भारतीय premium living और student accommodation मार्केट में Tribe Stays की मजबूत पकड़ और तेजी से बढ़ते demand को दर्शाता है।


🚀 फंडिंग का उपयोग कहाँ होगा?

नए फंड्स का इस्तेमाल Tribe Stays इन तीन प्रमुख sub-brands के विस्तार में करेगा:

1️⃣ Tribe Student Accommodation

🔹 Premium छात्र आवास
🔹 Safe, modern & community-driven spaces
🔹 भारत में rapidly rising student mobility के हिसाब से highly demanded

2️⃣ Tribe Commune

🔹 Professionals के लिए co-living vibe
🔹 Flexible stays + modern amenities

3️⃣ Tribe Suites

🔹 Corporate executives, long-stay business travellers के लिए प्रीमियम suites
🔹 Hospitality + privacy + comfort combination

Tribe Stays इन तीनों verticals के portfolio को aggressively expand करने की तैयारी में है।


🏙️ अभी कहाँ मौजूद है Tribe Stays?

वर्तमान में कंपनी Pune में 650 beds ऑपरेट करती है।
अब कंपनी इस वित्त वर्ष में 1,000 नए beds जोड़ने जा रही है—यानि growth बहुत तेज़ है।

अगले कुछ सालों में कंपनी ने एक bold vision रखा है:

🎯 Target: 25,000 beds across Tier 1 & Tier 2 cities

इन शहरों में Tribe बड़े स्तर पर विस्तार की योजना बना रहा है:

🏙️ Hyderabad
🏙️ Bengaluru
🏙️ Mumbai
🏙️ Gurugram
🏙️ Pune

भारत में छात्रों और professionals की mobility बढ़ रही है, जिससे premium, managed, safe और hygienic accommodation की demand पहले से कहीं ज़्यादा है। Tribe इस entire gap को high-quality offerings से भरने में लगा है।


👨‍💼✨ किसने शुरू किया Tribe Stays?

Tribe Stays की स्थापना Yogesh Mehra द्वारा की गई थी।

उन्होंने भारतीय long-stay accommodation को एक नए स्तर पर ले जाने का vision रखा—जहाँ student housing और premium corporate stay मिलते हैं modern design, smart facilities और community experience के साथ।

आज Tribe Stays को premium long-stay accommodation की category में fastest-growing players में गिना जाता है।


🛏️🏢 Tribe किस तरह का living experience देता है?

Tribe सिर्फ रहने की जगह नहीं देता… यह एक managed living ecosystem है, जिसमें शामिल हैं:

✨ हाई-क्वालिटी rooms
✨ Free Wi-Fi
✨ Community lounges
✨ Cafeteria और dining spaces
✨ 24×7 सुरक्षा
✨ Smart access
✨ Events-driven student life
✨ Professional housekeeping

यानी यह traditional PGs और budget hostels से बिल्कुल अलग, एक international-level stay experience देता है।


🤝 Universities और कंपनियों से नई partnerships आएंगी

Tribe Stays ने बताया है कि वह आगे:

🎓 Universities से partnerships करेगा—
ताकि छात्र relocation और semester-long stays को सुरक्षित और आसान बनाया जा सके।

🏢 Corporate partnerships भी बढ़ेंगी—
कंपनियों को अपने employees के लिए managed long-stay accommodation की जरूरत बढ़ रही है, खासकर IT hubs जैसे Bengaluru, Hyderabad और Gurugram में।

यह model Tribe के लिए recurring revenue और long-term occupancy create करेगा।


🔍 क्यों बढ़ रही है Premium Accommodation की Demand?

भारत में तीन trends इस sector को तेजी दे रहे हैं:

📌 1. Student mobility में बड़ा उछाल

अलग-अलग शहरों में कॉलेज और entrance coaching institutes की बढ़त।

📌 2. Co-living और premium stays को लेकर युवा mindset में बदलाव

Students और working professionals अब
👉 Safety
👉 Cleanliness
👉 Community
👉 High-quality amenities
में compromise नहीं करना चाहते।

📌 3. Corporate travel और relocation बढ़ रहा है

Executive और business travellers लंबे समय तक stay करते हैं और premium comfort चाहते हैं।

Tribe Stays इसी demand को direct hit कर रहा है।


🧭 क्या Tribe long-stay accommodation का future बदल देगा?

फंडिंग के बाद Tribe Stays के पास:

✔ तेजी से विस्तार
✔ multisector audiences (students + corporates + professionals)
✔ pan-India vision
✔ premium positioning

…सबकुछ मौजूद है एक बड़ा national-level brand बनने के लिए।

भारत में организed student & professional living अभी भी बहुत fragmented है। Tribe का modern, safe और premium approach इस market को व्यवस्थित कर सकता है।


🏁 निष्कर्ष: Tribe Stays की फंडिंग—premium living revolution की शुरुआत!

$2.8 मिलियन की seed funding के साथ Tribe Stays अब अपने operations को मजबूत करने और नए शहरों में बड़े स्तर पर विस्तार करने के लिए तैयार है।
Student accommodation, co-living और corporate suites—तीनों में Tribe की पकड़ मजबूत हो रही है।

भारत में तेजी से बढ़ते long-stay accommodation industry में Tribe Stays एक high-potential, high-growth brand के रूप में उभर रहा है।

Read more : ACKO ने FY25 में दिखाई दमदार ग्रोथ राजस्व 35% बढ़ा, घाटा 37% कम हुआ!

🚀 ACKO ने FY25 में दिखाई दमदार ग्रोथ राजस्व 35% बढ़ा, घाटा 37% कम हुआ!

Acko

भारत की उभरती हुई insurtech यूनिकॉर्न कंपनी — Acko ने FY25 में एक बार फिर साबित किया कि डिजिटल इंश्योरेंस मार्केट में उसकी पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। कंपनी ने न सिर्फ अपनी टॉप-लाइन ग्रोथ तेज की, बल्कि घाटे पर भी महत्वपूर्ण नियंत्रण किया है।

FY24 में 20% की ग्रोथ के बाद FY25 में Acko का राजस्व 35% बढ़कर ₹2,837 करोड़ पर पहुँच गया। मज़बूत रेवेन्यू परफॉर्मेंस और बेहतर कॉस्ट मैनेजमेंट की वजह से कंपनी ने अपना घाटा 37% तक कम किया है।


📈 राजस्व में तेज उछाल: ₹2,837 करोड़ तक पहुँचा ऑपरेटिंग रेवेन्यू

Acko के रेगुलेटरी फाइलिंग (RoC) के मुताबिक, FY25 में कंपनी का Revenue from Operations ₹2,837 करोड़ रहा, जो FY24 के ₹2,106 करोड़ से काफी अधिक है।

🟢 रेवेन्यू का प्रमुख स्रोत

कंपनी की कुल आय में सबसे बड़ा योगदान रहा:

  • Gross Premium Earned — जो कुल आय का 73.5% था
  • यह पिछले वर्ष की तुलना में 31% बढ़कर ₹2,085 करोड़ पर पहुँच गया

इसके अलावा अन्य आय में शामिल थे:

  • सर्विस कॉन्ट्रैक्ट्स
  • रीइंश्योरर्स से रिकवरी
  • कमिशन
  • निवेश से ब्याज
  • अन्य विविध आय

इन सबकी मदद से कंपनी की कुल आय FY25 में ₹2,887 करोड़ हो गई, जो पिछले वर्ष के ₹2,160 करोड़ से काफी अधिक है।


💸 खर्चों में सुधार: विज्ञापन और कर्मचारी खर्च में कमी

Cost management इस बार Acko की मजबूती रहा। FY25 में कंपनी ने कई प्रमुख खर्चों पर नियंत्रण दिखाया।

🧑‍💼 Employee Benefit Expenses

  • FY25 में 6% घटकर ₹334 करोड़
  • कुल खर्चों का सिर्फ 10%

📉 Advertising Cost में 12% की कमी

Acko ने FY25 में अपने ब्रांड मार्केटिंग और विज्ञापन खर्च को ₹497 करोड़ तक कम किया।

📈 Commission Payouts में उछाल

  • Sole selling agents को दिए गए कमीशन में 35% वृद्धि
  • कुल ₹283 करोड़

🧾 सबसे बड़ा खर्च: Miscellaneous Costs

इस श्रेणी में शामिल हैं—

  • क्लेम सेटलमेंट
  • रीइंश्योरेंस प्रीमियम
  • एडमिनिस्ट्रेशन
  • ऑफिस ओवरहेड्स

FY25 में miscellaneous खर्च ₹2,006 करोड़ रहा।

🟠 कुल खर्चों में 17% वृद्धि

Acko का कुल खर्च FY24 के ₹2,830 करोड़ से बढ़कर FY25 में ₹3,312 करोड़ रहा।


🧮 प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार: 37% तक घाटा कम हुआ

FY25 में Acko का नेट लॉस ₹424 करोड़ रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के ₹671 करोड़ की तुलना में काफी कम है।

यह तीन बड़े फैक्टर्स की वजह से संभव हुआ:

  1. मजबूत राजस्व वृद्धि
  2. कर्मचारी व विज्ञापन खर्च में कमी
  3. ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार

📊 प्रमुख वित्तीय अनुपात (FY25):

  • EBITDA Margin: -16%
  • ROCE: -30.5%
  • Cost to Earn ₹1 Revenue: ₹1.17

कंपनी की बैलेंस शीट के अनुसार वर्तमान परिसंपत्तियाँ ₹1,798 करोड़ रहीं, जिसमें से ₹28 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस था।


🏦 अब तक ₹458 मिलियन की फंडिंग—सबसे बड़ा निवेशक कौन?

Acko ने अब तक $458 मिलियन जुटाए हैं।
सबसे बड़े निवेशक:

  • General Atlantic — 10.7% हिस्सेदारी
  • Accel Partners
  • Elevation Capital

ये तीनों निवेशक कंपनी की रणनीति और ग्रोथ पर लगातार भरोसा दिखा रहे हैं।


⚔️ Digit Insurance से कड़ी टक्कर

Acko के प्रमुख प्रतिद्वंदी Digit Insurance ने Q2 FY26 में:

  • ₹2,088 करोड़ ऑपरेटिंग रेवेन्यू
  • 30% YoY बढ़कर ₹116.5 करोड़ का PAT

Digit की स्थिर प्रॉफिटेबिलिटी और Acko की तेज ग्रोथ — दोनों मिलकर भारत के डिजिटल इंश्योरेंस मार्केट को और प्रतिस्पर्धी बना रही हैं।


🔍 स्टार्टअप इनसाइट: Acko की ग्रोथ आगे कैसी दिखती है?

Acko के FY25 परिणाम बताते हैं कि कंपनी अब कम बर्न मॉडल की ओर बढ़ रही है।

  • क्लेम मैनेजमेंट में दक्षता
  • डिजिटल इंश्योरेंस अपनाने में तेजी
  • डेटा-ड्रिवन अंडरराइटिंग
  • ब्रांड ट्रस्ट

ये चार फैक्टर आने वाले 2–3 वर्षों में कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी को और मजबूत कर सकते हैं।

इंश्योरेंस जैसी लंबी अवधि वाली कैटेगरी में टॉपलाइन ग्रोथ + नियंत्रित खर्च संकेत देते हैं कि Acko जल्द ही ब्रेक-ईवन के करीब पहुँच सकता है।


📝 निष्कर्ष

Acko का FY25 एक संतुलित वित्तीय वर्ष रहा —
📈 राजस्व में तेज वृद्धि
🛑 घाटे में महत्वपूर्ण गिरावट
📉 विज्ञापन और कर्मचारी खर्च पर सख्त नियंत्रण
⚔️ बढ़ते प्रतिद्वंद्वियों के बीच स्थिर ग्रोथ

इंश्योरेंस टेक्नोलॉजी सेक्टर में Acko की रणनीति साफ है —
“स्मार्ट ग्रोथ with ऑपरेशनल एफिशिएंसी”

अगर यह ट्रैक जारी रहता है, तो Acko भारत की अगली बड़ी लिस्टेड insurtech कंपनी बनने की दिशा में बढ़ सकता है।

Read more : Wingify की FY25 रिपोर्ट तेज़ रेवेन्यू ग्रोथ के बावजूद नफे में भारी गिरावट

🖥️🚀 Wingify की FY25 रिपोर्ट तेज़ रेवेन्यू ग्रोथ के बावजूद नफे में भारी गिरावट

Wingify

Everstone द्वारा अधिग्रहित SaaS प्लेटफॉर्म Wingify ने वित्त वर्ष 2024–25 (FY25) में अपनी ग्रोथ ट्रैक बनाए रखी, लेकिन बढ़ते खर्चों ने उसकी प्रॉफिटेबिलिटी पर जोरदार दबाव डाला।

कंपनी ने इस साल 34% सालाना रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है, लेकिन इसके बावजूद नेट प्रॉफिट में 61% की भारी गिरावट देखी गई है।


📈 रेवेन्यू में दमदार बढ़त — Wingify की SaaS ताकत जारी

RoC के अनुसार, FY25 में Wingify का ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹288 करोड़ से बढ़कर ₹386 करोड़ पहुंच गया। यह पूरी कमाई कंपनी के फ्लैगशिप प्रोडक्ट VWO (Visual Website Optimizer) से आती है, जो दुनिया भर की कंपनियों को कन्वर्ज़न रेट ऑप्टिमाइजेशन (CRO) सेवाएँ प्रदान करता है।

💰 नॉन-ऑपरेटिंग इनकम सहित कंपनी की कुल आय FY25 में ₹401 करोड़ रही, जो पिछले साल के ₹301 करोड़ से 33% ज्यादा है।


💸 खर्चों में भारी उछाल — प्रॉफिटेबिलिटी पर पड़ा दबाव

Wingify के खर्चों में FY25 में 70% की तेज़ वृद्धि हुई —

  • FY24 में कुल खर्च: ₹221 करोड़
  • FY25 में कुल खर्च: ₹376 करोड़

🔍 खर्चों का प्रमुख ब्रेकडाउन:

  • 👥 Employee Benefits (सबसे बड़ा खर्च):
    • FY24: ₹137 करोड़
    • FY25: ₹257 करोड़
    • 88% की भारी बढ़त
    • कुल खर्चों का 68% सिर्फ कर्मचारियों पर
  • ⚖️ Legal & Professional Expenses: 26% बढ़कर ₹48 करोड़
  • 📢 Advertising & Marketing: 57% बढ़कर ₹22 करोड़

खर्चों की यह आक्रामक बढ़ोतरी कंपनी के लिए भारी पड़ी और मार्जिन काफी कमजोर हुए।


📉 प्रॉफिट में 61% की गिरावट — मार्जिन दबाव में

भले ही रेवेन्यू में मजबूत उछाल आया, लेकिन खर्चों में तेज़ बढ़त ने Wingify के मुनाफे को कमज़ोर कर दिया।

📊 नेट प्रॉफिट:

  • FY24: ₹61 करोड़
  • FY25: ₹24 करोड़
    ➡️ 61% की गिरावट

📉 प्रमुख वित्तीय अनुपात (Ratios):

  • EBITDA Margin: 3.68%
  • ROCE: 7.42%
  • कंपनी ने FY25 में Re 0.97 खर्च करके ₹1 कमाया
    • FY24 में ये आंकड़ा Re 0.77 था
      ➡️ यानी खर्च बढ़े, efficiency घटी।

🏦 Wingify की बैलेंस शीट: कैश रिजर्व मजबूत

मार्च 2025 तक कंपनी के पास:

  • कुल Current Assets: ₹216 करोड़
  • Cash & Bank Balance: ₹97 करोड़

तेज़ी से बढ़ते खर्चों के बावजूद Wingify की बैलेंस शीट अभी भी मजबूत बनी हुई है।


🌏 Everstone का अधिग्रहण: भारतीय SaaS सेक्टर की बड़ी डील

जनवरी 2025 में Wingify ने घोषणा की थी कि सिंगापुर आधारित प्राइवेट इक्विटी फर्म Everstone, इस बूटस्ट्रैप्ड SaaS कंपनी का बहुमत हिस्सेदारी (majority stake) खरीदेगी।
यह भारतीय SaaS इंडस्ट्री की सबसे बड़ी और चर्चा में रहने वाली डील में से एक है।

👥 नेतृत्व में बड़ा बदलाव:

  • Paras Chopra (Co-Founder)
    • अब minority stake रखेंगे
    • ऑपरेशनल रोल से बाहर हो जाएंगे
  • Sparsh Gupta (Co-Founder & CEO)
    • अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखेंगे
    • कंपनी को आगे भी लीड करेंगे

Everstone की एंट्री से Wingify को:

  • ग्लोबल एक्सपैंशन
  • प्रोडक्ट इनोवेशन
  • और आक्रामक GTM (go-to-market) स्ट्रैटेजी
    में मदद मिलने की उम्मीद है।

🧠 Wingify की ग्रोथ स्ट्रैटेजी — आगे क्या?

Wingify लगातार इंटरनेशनल मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। VWO का इस्तेमाल अमेरिका, यूरोप, और दक्षिण-पूर्व एशिया की हजारों कंपनियों द्वारा किया जाता है।

आने वाले साल में कंपनी:

  • AI आधारित CRO समाधान
  • एंटरप्राइज़ क्लाइंट सेगमेंट में विस्तार
  • प्रोडक्ट डाइवर्सिफिकेशन
    पर फोकस बढ़ा सकती है।

हालाँकि बढ़ता खर्च कंपनी के लिए एक बड़ा संकेत है कि स्केलिंग के साथ लागत प्रबंधन भी उतना ही जरूरी है।


🏁 निष्कर्ष: तेज़ ग्रोथ लेकिन दबाव में मुनाफा — FY26 Wingify के लिए निर्णायक वर्ष होगा

Wingify ने FY25 में रेवेन्यू ग्रोथ के मोर्चे पर शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन तेज़ी से बढ़ते खर्चों ने इसकी प्रॉफिटेबिलिटी को झटका दिया है। Everstone का निवेश कंपनी के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, लेकिन चुनौती यह होगी कि कंपनी अपने खर्चों को कंट्रोल में रखते हुए वैश्विक SaaS बाज़ार में अपनी स्थिति और मजबूत करे।

🌐💡
FY26 Wingify के लिए एक निर्णायक साल होगा — क्या कंपनी ग्रोथ और प्रॉफिट के बीच सही संतुलन बना पाएगी?

Read more : PhysicsWallah का IPO धमाका: निवेशकों ने दिखाई जबरदस्त दिलचस्पी, QIBs से मिला सबसे बड़ा सपोर्ट!