नई दिल्ली, अप्रैल 2025: वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए एक ऑनलाइन ऐप आधारित सोशल क्लब चलाने वाली GenWise ने हाल ही में कई विभागों में कर्मचारियों की छंटनी की है। यह कदम कंपनी द्वारा लंबे समय से फंडिंग जुटाने में असफल रहने और अपेक्षित यूज़र ग्रोथ न होने के कारण उठाया गया।
GenWise ने अपनी कुल वर्कफोर्स का लगभग 20% (15-20 कर्मचारी) कम कर दिया है। छंटनी टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग, प्रोडक्ट, डिज़ाइन, बिजनेस और ऑपरेशंस जैसे विभिन्न विभागों में की गई है।
💸 फंडिंग जुटाने की कोशिशें नाकाम रहीं
सूत्रों के अनुसार, कंपनी बीते कई महीनों से नए निवेश जुटाने के लिए मौजूदा निवेशकों और नए पार्टनर्स से बातचीत कर रही थी। हालांकि, वह पिछले साल किए गए वादों और अनुमानित ग्रोथ को पूरा नहीं कर पाई, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ा।
GenWise ने जून 2023 में $3.5 मिलियन (लगभग ₹29 करोड़) की सीड फंडिंग जुटाई थी, जिसे Z47 (पूर्व में Matrix Partners India) ने लीड किया था। इस फंडिंग राउंड में DBR Ventures, Climber Capital और कुछ एंजेल इन्वेस्टर्स जैसे Kunal Shah (CRED), Suhail Sameer (पूर्व BharatPe CEO), और Achal Mittal ने भी भाग लिया था।
👨👩👧👦 बुजुर्गों के लिए कम्युनिटी और मेंटल हेल्थ सपोर्ट
GenWise की स्थापना BharatPe के पूर्व अधिकारियों – गीतांशु सिंगला, नेहुल मल्होत्रा और रजत जैन ने मिलकर की थी। यह एक ऐसा ऐप है जो वरिष्ठ नागरिकों को दोस्तों से जोड़ता है, उन्हें दैनिक गतिविधियों में भाग लेने और प्रशिक्षित काउंसलर्स से मानसिक और भावनात्मक सहयोग लेने का मौका देता है।
कंपनी का दावा है कि उसने अब तक 20 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों की एक कम्युनिटी तैयार की है, जो कि भारत के बढ़ते बुजुर्ग वर्ग को एक डिजिटल स्पेस देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
📲 UPI लॉन्च के बाद खर्चों में उछाल
GenWise ने नवंबर 2024 में Axis Bank के साथ साझेदारी में अपने ऐप पर UPI पेमेंट्स की सुविधा शुरू की थी। उम्मीद थी कि इससे यूज़र्स की गतिविधियों और एंगेजमेंट में इज़ाफा होगा।
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि UPI रोलआउट के बाद कंपनी के खर्च तेजी से बढ़ गए, लेकिन इसके बदले में अपेक्षित यूज़र ग्रोथ नहीं मिली। कंपनी का मुख्य यूज़र बेस यानी बुजुर्ग वर्ग डिजिटल पेमेंट को धीमी गति से अपना रहा है, जिससे कि मासिक एक्टिव यूज़र (MAU) में सिर्फ मामूली वृद्धि देखने को मिली।
💼 ऑपरेशनल खर्च घटाने के लिए ली गई कठोर कार्रवाई
बढ़ते खर्चों और सीमित यूज़र ग्रोथ के चलते GenWise को मजबूरन अपने संचालन व्ययों को कम करने के लिए स्टाफ कटौती जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा।
कंपनी की योजना है कि वह भविष्य में डिजिटल पेमेंट्स के अलावा बुजुर्गों के लिए अन्य फिनटेक सॉल्यूशंस भी पेश करेगी, जो उनकी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को आसान बना सकें।
GenWise ने इस विषय में भेजे गए सवालों का समाचार प्रकाशन तक कोई उत्तर नहीं दिया।
🧓 Elder-Tech सेगमेंट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा
GenWise अकेली कंपनी नहीं है जो बुजुर्गों के लिए डिजिटल सेवाएं दे रही है। इस सेगमेंट में SeniorWorld, GetSetUp, 60Plus India, ElderAid Wellness, और Goodfellows जैसी कई कंपनियां भी सक्रिय हैं। इन सभी का उद्देश्य एक ही है—भारत के बढ़ते सीनियर सिटीज़न वर्ग के लिए स्मार्ट, भरोसेमंद और इंसानियत भरी डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराना।
🧾 साल 2025 में अब तक सिर्फ 5 बड़ी छंटनी
Entrackr के आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 के पहले चार महीनों में, भारत में (Zomato और Ola Electric जैसी लिस्टेड कंपनियों को छोड़कर) सिर्फ 5 स्टार्टअप्स ने बड़े स्तर पर छंटनी की है, जिनमें कुल 550 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं।
यह ट्रेंड 2023 और 2024 की तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि स्टार्टअप सेक्टर में ग्रोथ की रफ्तार और निवेशकों का भरोसा अभी भी सीमित है।
🧠 निष्कर्ष
GenWise की छंटनी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यूज़र ग्रोथ और फाइनेंशियल स्थिरता के बीच संतुलन बनाना किसी भी स्टार्टअप के लिए कितना अहम है। खासकर ऐसे समय में जब निवेशक ROI और स्थिरता पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखकर बनाई गई GenWise जैसी ऐप्स की जरूरत भारत जैसे देश में लगातार बढ़ रही है, लेकिन उनके बिजनेस मॉडल को व्यावसायिक रूप से टिकाऊ बनाना जरूरी है।
अब देखना होगा कि GenWise अपने मौजूदा यूज़र बेस को बनाए रखते हुए नई सेवाओं के साथ बाज़ार में फिर से स्थिरता और ग्रोथ ला पाता है या नहीं।
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