भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में अप्रैल 2025 का monthly funding के लिहाज़ से बेहद सुस्त रहा। जहां जनवरी में स्टार्टअप्स ने $1.76 बिलियन जुटाए थे, वहीं अप्रैल में यह आंकड़ा गिरकर सिर्फ $745 मिलियन रह गया — यानी 57% की गिरावट।
यह गिरावट मुख्य रूप से बड़े सौदों की कमी, और निवेशकों के सार्वजनिक बाज़ारों की ओर रुझान के कारण देखी गई है। साल 2025 की पहली चार तिमाहियों में फंडिंग ट्रेंड लगभग स्थिर ही रहा है।
💰 कुल आंकड़े: अप्रैल में कितनी फंडिंग हुई?
TheKredible के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल 116 डील्स के ज़रिए $745 मिलियन जुटाए। इनमें:
- ग्रोथ और लेट-स्टेज फंडिंग से $562 मिलियन (23 डील्स)
- अर्ली-स्टेज फंडिंग से $186 मिलियन (77 डील्स)
- 16 डील्स के फंडिंग आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए
📉 मार्च की तुलना में यह 34.65% की गिरावट है, जब फंडिंग $1.14 बिलियन रही थी। साथ ही, यह पिछले 5 सालों में अप्रैल महीने की सबसे कम फंडिंग है।
🔝 टॉप ग्रोथ-स्टेज डील्स
अप्रैल में जिन स्टार्टअप्स ने ग्रोथ और लेट-स्टेज फंडिंग हासिल की, उनमें प्रमुख नाम हैं:
- Spinny (Used Cars) – $131 मिलियन (Series E)
- Juspay (Payments Infra) – $60 मिलियन (Series D)
- Rebel Foods – $25 मिलियन (Series G)
- Tonbo Imaging – $21 मिलियन (Series D)
- Uniqus Consultech – $20 मिलियन (Series C)
🚀 टॉप अर्ली-स्टेज डील्स
अर्ली-स्टेज फंडिंग में कुछ नए नामों ने शानदार प्रदर्शन किया:
- Kult (Beauty Tech) – $20 मिलियन
- Aerem (Clean Energy) – $12 मिलियन
- RapidClaims (Healthtech) – $11 मिलियन
- Xindus (Cross-Border Logistics) – $10 मिलियन
- SigIQ.ai (Edtech) – $10 मिलियन
- Optimized Electrotech – $6 मिलियन
- The Bear House (Men’s Fashion) – $5.8 मिलियन
🔄 मर्जर और अधिग्रहण (M&A)
अप्रैल 2025 में स्टार्टअप सेक्टर में कई बड़ी अधिग्रहण डील्स देखने को मिलीं:
- Delhivery ने Ecom Express को $166 मिलियन में खरीदा – इस महीने की सबसे बड़ी डील
- Findi ने BANKIT को $18.7 मिलियन में अधिग्रहित किया
- Accenture और Ampivo AI ने AI और Deeptech कंपनियां खरीदीं (राशि उजागर नहीं)
- Arihant Academy ने Carmel Classes को $1.2 मिलियन में खरीदा
- Creativefuel ने MissMalini Entertainment का अधिग्रहण किया ($0.69 मिलियन)
📌 अन्य डील्स में CARS24–Team-BHP, Jaipuria Group–ClearDekho, और NABARD–24×7 Moneyworks शामिल हैं।
🏙️ शहर और सेक्टर वाइज फंडिंग
📍 टॉप फंडिंग शहर:
- बेंगलुरु – $268.94 मिलियन (35 डील्स)
- दिल्ली-एनसीआर – $253.44 मिलियन (31 डील्स)
- मुंबई – $122.96 मिलियन (15 डील्स)
- पुणे – $35.67 मिलियन (7 डील्स)
- चेन्नई – $29.84 मिलियन (8 डील्स)
👉 बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर ने कुल फंडिंग का 70% से अधिक हिस्सा जुटाया।
📊 सेक्टर वाइज डिस्ट्रीब्यूशन:
- Fintech – $189.11 मिलियन (9 डील्स)
- E-commerce – $64.88 मिलियन (17 डील्स)
- Foodtech – $44.84 मिलियन (13 डील्स)
- Healthtech – $32.82 मिलियन (12 डील्स)
- Edtech – $21.66 मिलियन (7 डील्स)
📌 Fintech alone ने कुल फंडिंग का 25% से अधिक हिस्सा लिया।
📈 सीरीज़ वाइज ट्रेंड्स
डील वॉल्यूम के लिहाज़ से:
- Seed Funding – 38 डील्स
- Series A – 24 डील्स
- Pre-Series A – 18 डील्स
- Pre-Seed – 11 डील्स
💸 Series A ने सबसे ज़्यादा $240 मिलियन जुटाए, यानी कुल फंडिंग का 32% हिस्सा।
❌ छंटनी, नई नियुक्तियां और इस्तीफे
- Zomato ने 600 कर्मचारियों को निकाला – सबसे बड़ी छंटनी
- Gupshup – 200 कर्मचारी
- Zopper – 100 कर्मचारी
👨💼 इसके साथ ही 5 सीनियर एक्सिक्यूटिव्स (CEO, MD, CTO आदि) ने पद छोड़े, वहीं 30 से अधिक नए टॉप लेवल हायरिंग्स भी हुईं।
📊 ट्रेंड्स: क्या आगे राहत मिलेगी?
🏦 वीसी फंड्स तैयार:
हालांकि अप्रैल के आखिरी हफ्ते में फंडिंग धीमी रही, लेकिन भारत-केंद्रित वेंचर फर्म्स (A91 Partners, Accel, Bessemer) ने $4.2 बिलियन जुटाए हैं। साथ ही Peak XV भी $1.2–1.4 बिलियन के फंडरेज़ की तैयारी कर रहा है।
📉 IPO साइज में कटौती:
- Urban Company ने अपने IPO साइज को ₹3,000 करोड़ से घटाकर ₹1,900 करोड़ किया
- Ather Energy ने भी ₹3,100 करोड़ से घटाकर ₹2,981 करोड़ किया
🎓 Edtech सेक्टर में हलचल:
- Unacademy प्रॉफिटबिलिटी की ओर बढ़ रहा है
- PhysicsWallah IPO दाखिल करने की तैयारी में है और Drishti IAS जैसे संस्थानों के अधिग्रहण की योजना में है
📉 Flat Valuation:
- Spinny और Euler Motors ने नई फंडिंग पूर्व वैल्यूएशन पर ही जुटाई
- Pratilipi की वैल्यूएशन में 60% गिरावट देखी गई
🔚 निष्कर्ष: मई भी धीमा रहेगा, लेकिन उम्मीद बाकी है
हालांकि अप्रैल की फंडिंग में तेज गिरावट देखी गई, पर Series A और आगे के राउंड्स में नए स्टार्टअप्स की एंट्री से संकेत हैं कि दूसरी छमाही (H2) में फंडिंग रफ्तार पकड़ सकती है।
IPO में कटौती, वेल्यूएशन में स्थिरता, और छंटनियों के बावजूद नए फाउंडर्स और पुराने अनुभवी खिलाड़ियों के साथ भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम जल्द ही फिर से उठ सकता है।
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