🏨 तीसरी बार टली OYO की IPO योजना, सॉफ्टबैंक की आपत्ति बनी वजह

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गुरुग्राम स्थित हॉस्पिटैलिटी कंपनी OYO (ओयो) ने एक बार फिर अपनी IPO योजना को टाल दिया है। यह तीसरा मौका है जब कंपनी ने अपने शेयर बाजार में लिस्टिंग की योजना को स्थगित किया है। इस बार यह फैसला उसके सबसे बड़े निवेशक सॉफ्टबैंक (SoftBank) की आपत्तियों के बाद लिया गया है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सॉफ्टबैंक ने OYO के अक्टूबर में IPO लाने के फैसले पर आपत्ति जताई है और कंपनी से कहा है कि जब तक मुनाफे में मज़बूती न दिखे, तब तक IPO को टाल दिया जाए।


💸 क्या था OYO का नया IPO प्लान?

OYO की IPO योजना में दो प्रमुख हिस्से शामिल थे:

  • नई इक्विटी का इश्यू (Fresh Issue) – ₹7,000 करोड़
  • ऑफर फॉर सेल (OFS) – ₹1,430 करोड़

OYO इस फंड का उपयोग अपने कर्ज चुकाने, टेक्नोलॉजी अपग्रेड और वैश्विक विस्तार के लिए करना चाहती थी। हालांकि, निवेशक सॉफ्टबैंक की राय है कि कंपनी को IPO लाने से पहले अपने मुनाफे को और मज़बूत दिखाना होगा


📈 कंपनी की वित्तीय स्थिति: लाभ में फिर भी IPO टला

OYO ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) में शानदार प्रदर्शन किया था:

  • कंपनी का नेट प्रॉफिट ₹166 करोड़ रहा – जो कि पिछली तिमाही की तुलना में छह गुना अधिक था।
  • राजस्व (Revenue) ₹1,695 करोड़ रहा – यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही से 31% ज्यादा है।

OYO ने पहली बार पूरे साल के लिए मुनाफा FY24 में दर्ज किया था:

  • PAT (Profit After Tax) – ₹230 करोड़
  • FY24 का राजस्व – ₹5,389 करोड़
  • FY23 का राजस्व – ₹5,464 करोड़

👉 हालांकि राजस्व में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन मुनाफे में सुधार ने कंपनी को IPO की दिशा में बढ़ने का आत्मविश्वास दिया था। बावजूद इसके, सॉफ्टबैंक IPO में देरी की मांग कर रहा है।


📉 IPO की राह में लगातार अड़चनें

OYO की IPO प्रक्रिया पिछले कुछ वर्षों से लगातार बाधित होती रही है:

  • 📌 2021 में कंपनी ने पहली बार अपना IPO ड्राफ्ट सेबी (SEBI) को सौंपा था।
  • जनवरी 2023 में SEBI ने उसे लौटा दिया, क्योंकि दस्तावेज़ों में पारदर्शिता और मुनाफे की स्थिरता को लेकर सवाल थे।
  • 🔁 मई 2024 में OYO ने अपना अपडेटेड ड्राफ्ट IPO दस्तावेज़ वापस ले लिया, जिसमें डॉलर बॉन्ड के ज़रिए $450 मिलियन जुटाने की योजना भी थी।

👉 अब, 2025 में तीसरी बार, IPO को फिर से स्थगित करना पड़ा है।


💬 सॉफ्टबैंक की भूमिका: सबसे बड़ा निवेशक, सबसे बड़ी आपत्ति

सॉफ्टबैंक, जो कि OYO का सबसे बड़ा निवेशक है, ने हमेशा कंपनी के रणनीतिक फैसलों में प्रभावी भूमिका निभाई है। रिपोर्ट के मुताबिक:

  • सॉफ्टबैंक को मौजूदा मार्केट कंडीशंस IPO के लिए सही नहीं लग रही हैं।
  • वे चाहते हैं कि OYO और अधिक तिमाहियों तक सुनिश्चित मुनाफा और स्थिरता दिखाए।
  • साथ ही, निवेशकों के बीच कंपनी की ब्रांड वैल्यू और स्थायित्व को लेकर संदेह कम हो।

👉 यह आपत्तियाँ OYO के वैल्यूएशन और IPO के रिस्पॉन्स को प्रभावित कर सकती थीं, इसलिए कंपनी ने IPO टालने का फैसला लिया।


🔍 इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की राय

स्टार्टअप फंडिंग और आईपीओ ट्रेंड्स पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का मानना है कि:

  • OYO जैसी कंपनियों को IPO से पहले स्थिर लाभ दिखाना ज़रूरी है।
  • टेक और हॉस्पिटैलिटी स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन अब अधिक रियलिस्टिक हो रही है, और निवेशक जल्दबाज़ी नहीं दिखा रहे हैं।
  • मार्केट की मौजूदा अनिश्चितता, जैसे वैश्विक मंदी, अमेरिका में चुनावों का असर, और भारतीय बाजारों में मिक्स्ड रिस्पॉन्स, IPO को सफल बनाने में बाधा बन सकते हैं।

🧭 आगे का रास्ता क्या?

OYO की रणनीति अब शायद कुछ और तिमाहियों तक मुनाफा दिखाने, अपने इंटरनल मैट्रिक्स को बेहतर करने और निवेशकों का भरोसा मजबूत करने पर केंद्रित होगी।

  • 📊 कंपनी अब FY25 की चौथी तिमाही और FY26 की पहली तिमाही में प्रदर्शन दिखाने पर जोर दे सकती है।
  • 🌐 OYO ने हाल ही में कई इंटरनेशनल मार्केट्स में एंट्री की है – यह विस्तार भी कंपनी की फ्यूचर ग्रोथ को प्रभावित करेगा।
  • 💼 वहीं, OYO अपने खर्चों में कटौती और टेक्नोलॉजी अपग्रेड जैसे कदम उठा रही है ताकि उसकी प्रोफिटेबिलिटी और बेहतर हो।

🔚 निष्कर्ष: IPO तो टला, लेकिन OYO की तैयारी जारी

OYO का IPO टलना भले ही कंपनी के लिए एक अस्थायी झटका हो, लेकिन इससे यह भी साफ है कि आज के निवेशक “लाभ दिखाओ, फिर लिस्ट हो” के सिद्धांत को मानते हैं।

IPO बाजार अब केवल वादों पर नहीं, ठोस वित्तीय प्रदर्शन और पारदर्शिता पर भरोसा करता है। OYO के पास अब वक्त है अपनी रणनीति को और निखारने का, ताकि अगली बार जब वह IPO लेकर आए – तो निवेशक भी पूरी तैयारी के साथ उसका स्वागत करें।

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Oyo ने ₹550 करोड़ जुटाए, वैल्यूएशन $3.79 बिलियन तक पहुंचा

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हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी OYO ने हाल ही में Redsprig Innovation Partners से ₹550 करोड़ (लगभग $65 मिलियन) जुटाए हैं। यह Redsprig, Oyo के संस्थापक रितेश अग्रवाल की सहयोगी इकाई है।

कंपनी के निदेशक मंडल ने एक विशेष प्रस्ताव पारित किया है, जिसके तहत Oyo ने प्रति शेयर ₹42.6 की दर से 12,91,07,982 इक्विटी शेयर जारी किए। यह जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में दाखिल की गई नियामक फाइलिंग से प्राप्त हुई।


OYO नया फंडिंग राउंड और बढ़ी वैल्यूएशन

इस फंडिंग राउंड के बाद OYO की वैल्यूएशन $3.79 बिलियन तक पहुंच गई है। यह पिछले Series G राउंड की तुलना में 59.2% की बढ़ोतरी दर्शाती है, जब कंपनी की वैल्यूएशन $2.38 बिलियन थी।

  • वैल्यूएशन की वृद्धि:
    • यह फंडिंग Oyo की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ इसके विस्तार योजनाओं में सहायक होगी।
  • हिस्सेदारी में बदलाव:
    • इस फंडिंग के परिणामस्वरूप कंपनी की कुल हिस्सेदारी में 1.728% का पतला पड़ाव (dilution) हुआ है।

फंड्स का उपयोग और कंपनी की योजनाएं

फाइलिंग्स के अनुसार, Oyo इस फंड का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करेगी:

  1. विकास और वैश्विक विस्तार:
    • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अधिग्रहण सहित विस्तार की योजनाएं।
  2. व्यावसायिक रणनीतियों को मजबूत करना:
    • नई बिजनेस स्ट्रेटेजी लागू करना और मौजूदा सिस्टम को और प्रभावी बनाना।
  3. अन्य कॉर्पोरेट पहलें:
    • Oyo के दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीतिक कदम।

रितेश अग्रवाल का दूसरा बड़ा निवेश

यह रितेश अग्रवाल द्वारा Oyo में दूसरा बड़ा पूंजी निवेश है।

  • अगस्त 2024:
    • अग्रवाल ने अपने सिंगापुर-स्थित फंड Patient Capital के माध्यम से $175 मिलियन का निवेश किया था।
  • कंपनी के प्रति प्रतिबद्धता:
    • यह दिखाता है कि Oyo के संस्थापक कंपनी की वृद्धि और स्थायित्व के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

अन्य हालिया निवेश और भागीदारी

पिछले महीने, CNBC TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, Nuvama Wealth & Investment Limited (पूर्व में एडेलवाइस सिक्योरिटीज) ने Oyo की पैरेंट कंपनी Oravel Stays Limited में ₹100 करोड़ मूल्य के शेयर खरीदे थे।


Oyo का वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में स्थिर लेकिन लाभकारी

Oyo ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में एक स्थिर प्रदर्शन किया, लेकिन खर्चों को नियंत्रित करके मुनाफा अर्जित किया:

  1. राजस्व:
    • FY24 में Oyo का राजस्व ₹5,389 करोड़ रहा, जो FY23 के ₹5,464 करोड़ के मुकाबले थोड़ा कम था।
  2. लाभ:
    • कंपनी ने FY24 में ₹230 करोड़ का शुद्ध लाभ (PAT) दर्ज किया।
  3. खर्चों में कमी:
    • Oyo ने अपने खर्चों में 16% की कमी की, जो लाभ अर्जित करने में महत्वपूर्ण रहा।

IPO की तैयारी और भविष्य की योजनाएं

Oyo अपनी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) की तैयारी कर रहा है।

  • IPO का महत्व:
    • यह फंडिंग और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन Oyo के IPO को सफल बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
  • वैश्विक विस्तार:
    • Oyo की योजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार करना और नए बाजारों में प्रवेश करना है।

Oyo का हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में योगदान

कंपनी की ताकत:

  1. व्यापक उपस्थिति:
    • Oyo भारत के साथ-साथ एशिया, यूरोप, और अमेरिका के बाजारों में सक्रिय है।
  2. टेक्नोलॉजी का उपयोग:
    • कंपनी का प्रौद्योगिकी-आधारित मॉडल इसे प्रतिस्पर्धा में आगे रखता है।
  3. सस्ती सेवाएं:
    • Oyo अपने किफायती और सुगम हॉस्पिटैलिटी समाधानों के लिए प्रसिद्ध है।

चुनौतियां:

  1. बाजार की प्रतिस्पर्धा:
    • Airbnb, FabHotels, और Treebo जैसे प्रतिस्पर्धियों से चुनौती।
  2. लाभप्रदता बनाए रखना:
    • अंतरराष्ट्रीय विस्तार के साथ लाभप्रदता को बनाए रखना Oyo के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

Oyo का महत्वाकांक्षी भविष्य

Oyo का नवीनतम फंडिंग राउंड और बढ़ी हुई वैल्यूएशन इसके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को दर्शाता है।

  • वैश्विक स्तर पर नेतृत्व:
    • Oyo का उद्देश्य वैश्विक हॉस्पिटैलिटी बाजार में शीर्ष स्थान हासिल करना है।
  • IPO का प्रभाव:
    • IPO की सफलता कंपनी को नए अवसरों और बाजारों तक पहुंचाने में सहायक होगी।

निष्कर्ष: Oyo की नई ऊंचाइयों की ओर उड़ान

₹550 करोड़ की नई फंडिंग और रितेश अग्रवाल का समर्थन Oyo के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकता है।

  • स्थिरता और विकास:
    • कंपनी ने अपने खर्चों को नियंत्रित कर लाभप्रदता हासिल की है, जो इसके भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है।
  • IPO की सफलता:
    • यह फंडिंग Oyo के IPO को और मजबूत आधार प्रदान करेगी।

Oyo का फोकस केवल वृद्धि पर नहीं, बल्कि एक स्थायी और लाभदायक बिजनेस मॉडल तैयार करने पर है। यह नवीनतम फंडिंग राउंड Oyo की दीर्घकालिक सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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OYO Hiring , 5 प्रमुख पदों पर की नियुक्तियाँ

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भारत की अग्रणी हॉस्पिटैलिटी कंपनी OYO ने हाल ही में अपने नेतृत्व दल में पांच महत्वपूर्ण नियुक्तियों की घोषणा की है। कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी गतिविधियों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इन नियुक्तियों को किया है। इन नियुक्तियों से OYO के वैश्विक विस्तार और ऑपरेशनल दक्षता में और सुधार की उम्मीद है।

मुख्य नियुक्तियाँ

  1. सोनल सिन्हा को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर – इंटरनेशनल नियुक्त किया गया है, जो OYO के अंतरराष्ट्रीय संचालन को और मजबूत करेंगी।
  2. रचित श्रीवास्तव को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर – ओवोकेशन होम्स (OVH), यूरोप के रूप में नियुक्त किया गया है।
  3. शशांक जैन को हेड ऑफ टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन रेवेन्यू के रूप में पदोन्नत किया गया है, जो कंपनी के तकनीकी पहलुओं और ऑनलाइन रेवेन्यू को संभालेंगे।
  4. पंखुरी सकुजा OYO के जर्मनी में स्थित लिस्टिंग व्यवसाय ट्रॉम-फेरीएन्वोनंगन और फ्लेक्स-स्पेस बिजनेस Innov8 का नेतृत्व करेंगी।
  5. आशीष बाजपाई को हेड ऑफ रेवेन्यू एंड ग्लोबल OTA का पद सौंपा गया है, जो राजस्व वृद्धि और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों के साथ संबंधों को और मजबूत करेंगे।

वैश्विक विस्तार पर जोर

OYO ने कहा है कि ये नेतृत्व नियुक्तियाँ कंपनी की नवाचार और वैश्विक विस्तार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। OYO अब विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर होटल और वेकेशन होम्स की एक विस्तृत श्रृंखला को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इससे न केवल कंपनी की बाजार में पहुंच बढ़ेगी, बल्कि इसके संचालन की दक्षता भी बेहतर होगी।

OYO का उद्देश्य है कि वह नए बाजारों में अपनी उपस्थिति को बढ़ाकर और विविधता लाकर अपने वैश्विक व्यवसाय को और मजबूत करे। यह कदम कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मकता को और बढ़ाने में मदद करेगा और इसके ग्राहकों को अधिक विकल्प प्रदान करेगा।

स्टार्टअप इकोसिस्टम में OYO की भूमिका

OYO ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी के अनुसार, 60 से अधिक पूर्व OYO कर्मचारी अपनी स्टार्टअप कंपनियाँ शुरू करने में सफल हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि OYO ने न केवल अपने कर्मचारियों को विकसित किया है, बल्कि उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में भी प्रोत्साहित किया है।

नया अधिग्रहण

हाल ही में OYO ने G6 हॉस्पिटैलिटी, जो मोटेल 6 और स्टूडियो 6 का संचालन करती है, का अधिग्रहण किया है। यह अधिग्रहण 525 मिलियन डॉलर के ऑल-कैश डील के माध्यम से हुआ है। इस अधिग्रहण के साथ OYO ने अमेरिकी बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है।

वित्तीय प्रदर्शन

OYO ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 5,389 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है, और 230 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया है। यह प्रदर्शन पिछले वर्ष के 1,286 करोड़ रुपये के घाटे से एक बड़ा परिवर्तन दर्शाता है। OYO की इस वित्तीय सफलता का श्रेय इसके संचालन में सुधार और व्यवसाय विस्तार को दिया जा सकता है।

संस्थापक और कंपनी की पृष्ठभूमि

OYO की स्थापना 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी, और तब से यह कंपनी भारत की सबसे प्रमुख हॉस्पिटैलिटी स्टार्टअप्स में से एक बन गई है। OYO अपने अभिनव बिजनेस मॉडल के कारण तेजी से विकास कर रही है, और इसके द्वारा विभिन्न बजट कैटेगरी में होटलों और वेकेशन होम्स की पेशकश की जा रही है। कंपनी ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है।

विस्तार योजनाएँ और रणनीति

OYO के नेतृत्व दल में किए गए ये बदलाव कंपनी की भविष्य की रणनीतियों का हिस्सा हैं। कंपनी अपने वैश्विक विस्तार की योजनाओं को और तेजी से अमल में लाना चाहती है और नए बाजारों में प्रवेश करके अपने व्यवसाय का दायरा बढ़ाना चाहती है। इसके साथ ही, OYO तकनीकी नवाचारों के माध्यम से अपने संचालन को और प्रभावी बनाने के लिए काम कर रही है।

निष्कर्ष

OYO के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, जब कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ कर रही है और वैश्विक स्तर पर विस्तार के लिए नए कदम उठा रही है। नए नेतृत्व दल के साथ, OYO को उम्मीद है कि वह अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ प्रदान कर सकेगी और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में अपनी पकड़ और मजबूत कर सकेगी।

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Oyo Raises $175M in Series G Funding Round

Oyo secured Rs 1,457 crore ($175 million) in a Series G round from investors including InCred Wealth, Patient Capital, and ASK Financial Holdings. Despite the investment, Oyo’s valuation remains at $2.38 billion, down 70% from 2021. The funds will support growth, global expansion, and acquisitions.