भारत के दो प्रमुख ऑडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स — Pocket FM और Kuku FM — के बीच चल रहा कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन का मामला गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा। इस हाई-प्रोफाइल कानूनी लड़ाई में दोनों पक्षों ने विस्तृत दलीलें पेश कीं, जिससे भारत में डिजिटल ऑडियो कंटेंट इंडस्ट्री में बढ़ते प्रतिस्पर्धा और कॉपीराइट नियमों पर रोशनी पड़ती है।
🧑⚖️ Pocket FM or Kuku FM केस की मुख्य बातें
Pocket FM ने Kuku FM की पैरेंट कंपनी Mebigo Labs पर आरोप लगाया है कि उसने जानबूझकर उसकी पांच लोकप्रिय ऑडियो सीरीज़ की कॉपी की है। इस मामले में Pocket FM ने:
- ₹85.7 करोड़ का हर्जाना माँगा है
- इन सीरीज़ के फॉर्मेट, टाइटल, थंबनेल और आर्टवर्क के उपयोग पर स्थायी रोक लगाने की मांग की है
📅 कोर्ट में क्या हुआ?
वर्चुअल सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष मजबूत तरीक़े से रखे:
🔹 Pocket FM का आरोप
- Kuku FM पिछले चार सालों से उसकी ऑडियो सीरीज़, एपिसोड का फॉर्मेट, थंबनेल डिज़ाइन और प्रेजेंटेशन को कॉपी कर रहा है
- इससे यूज़र्स भ्रमित हो रहे हैं और Pocket FM का ट्रैफिक Kuku FM की ओर जा रहा है
- पहले भी कुछ मामलों में कोर्ट से उन्हें राहत मिल चुकी है, जिनमें Kuku FM को कुछ कंटेंट हटाना पड़ा
🔹 Kuku FM का बचाव
- कंपनी ने सभी आरोपों को “सामान्य और निराधार” बताया
- कहा कि जिन पांच सीरीज़ की बात हो रही है, उनमें गहन रिसर्च और मौलिक कार्य शामिल है
- उन्होंने कोर्ट से दो हफ्तों की मोहलत मांगी है ताकि वे विस्तृत जवाब दाखिल कर सकें
⚖️ कोर्ट का फैसला क्या रहा?
दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की जटिलता को स्वीकार करते हुए:
- Kuku FM को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया
- Kuku FM को एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) प्रमाणपत्र जमा करने को कहा, जिसमें बताए जाए कि इन पांच सीरीज़ से कितना रेवेन्यू कमाया गया
- जब तक अगली सुनवाई नहीं होती, Kuku FM को इन सीरीज़ के नए एपिसोड रिलीज़ करने से रोका गया है
अगली सुनवाई की तारीख: 29 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों ने “संतुलित दृष्टिकोण” से अपनी बात रखी और इस समय किसी भी कंटेंट को हटाने या किसी पक्ष को राहत देने से इनकार किया।
🔁 पिछली कानूनी लड़ाइयों का इतिहास
यह पहला मौका नहीं है जब Pocket FM और Kuku FM कोर्ट में आमने-सामने आए हों:
- 2022 में, दोनों कंपनियों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई कानूनी मुकदमे दायर किए थे
- दिसंबर 2022 में, एक केस सुलझा था जिसमें Pocket FM ने आरोप लगाया था कि Kuku FM ने उन किताबों की ऑडियो समरीज़ पब्लिश की जिनके एक्सक्लूसिव राइट्स Pocket FM के पास थे
- मई 2025 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने Kuku FM के खिलाफ अंतरिम रोक लगाई थी क्योंकि उसने Pocket FM के वॉयसओवर (“आगे की कहानी के लिए, लॉग इन करें Pocket FM पर”) को हूबहू कॉपी किया था
📉 Kuku FM के खिलाफ समयबद्ध कानूनी कार्रवाई?
Kuku FM की ओर से यह भी कहा गया कि Pocket FM द्वारा इस तरह की लगातार कानूनी कार्रवाइयां निवेशकों और आम जनता के भरोसे को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से की जा रही हैं, खासकर जब कंपनी IPO की तैयारी कर रही है।
हालांकि कोर्ट ने इस बात को संज्ञान में लिया, लेकिन ध्यान वर्तमान कॉपीराइट दावों और तथ्यों पर केंद्रित रखा।
🎧 भारत की ऑडियो कंटेंट इंडस्ट्री में मुकाबला
भारत में ऑडियो स्ट्रीमिंग और पॉडकास्टिंग इंडस्ट्री लगातार तेजी से बढ़ रही है। साथ ही बढ़ रही है प्रतिस्पर्धा और कॉपीराइट से जुड़ी जटिलताएं।
प्लेटफॉर्म | यूएसपी | हाल की गतिविधियाँ |
---|---|---|
Pocket FM | थ्रिलर, रोमांस वॉइस सीरीज़ | इंटरनेशनल एक्सपेंशन, निवेश जुटाना |
Kuku FM | बुक समरीज़, मोटिवेशनल कंटेंट | IPO प्लान की तैयारी |
Audible, Spotify | प्रीमियम ऑडियोबुक्स और पॉडकास्ट | भारत में एंटरटेनमेंट बढ़ाना |
📌 निष्कर्ष
Pocket FM बनाम Kuku FM का यह मामला सिर्फ दो कंपनियों का संघर्ष नहीं, बल्कि भारतीय ऑडियो इंडस्ट्री में बौद्धिक संपदा (IPR) के भविष्य को लेकर एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है। जैसे-जैसे कंटेंट और टेक्नोलॉजी एक-दूसरे के करीब आते जा रहे हैं, वैसी ही कॉपीराइट सुरक्षा और कानूनी समझदारी की जरूरत बढ़ती जा रही है।
अब सभी की नजरें 29 अगस्त की अगली सुनवाई पर टिकी होंगी, जहां तय होगा कि यह विवाद किस दिशा में बढ़ेगा।
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