परिचय
Licious एक लोकप्रिय D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) ब्रांड है, जो मीट और सीफूड बेचने के लिए जाना जाता है। यह ब्रांड अपने ग्राहकों को ताजे और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स डिलीवर करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले दो वित्तीय वर्षों में Licious ने संतुलित वृद्धि दिखाई है, और कंपनी के राजस्व ने लगभग ₹700 करोड़ पर स्थिरता प्राप्त की है। हालांकि, कंपनी ने FY24 में 9% की गिरावट के साथ ₹685 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो FY23 में ₹746 करोड़ था।
कंपनी का सफर
Licious ने भारतीय बाजार में मीट और सीफूड के क्षेत्र में नया दृष्टिकोण लाया है। इसकी शुरुआत से ही कंपनी का मुख्य ध्यान गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट्स और ग्राहकों की संतुष्टि पर रहा है। इसके मोबाइल ऐप के जरिए कंपनी हर महीने 1.2 मिलियन से अधिक ग्राहकों की सेवा करती है, और इसका ऐप अब इसके व्यवसाय का 85% हिस्सा बन गया है।
संस्थापक और उनकी दृष्टि
Licious की शुरुआत अभय हांडा और विवेक गुप्ता ने 2015 में की थी। इन दोनों ने मिलकर भारत में मीट और सीफूड के बाजार में एक क्रांति लाने का सपना देखा। उनकी दृष्टि थी कि वे उपभोक्ताओं को स्वच्छ, ताजा और उच्च गुणवत्ता का मीट और सीफूड प्रदान करें, जो भारतीय बाजार में एक बड़ी कमी थी। उनकी मेहनत और नवाचारों ने Licious को आज भारत के सबसे भरोसेमंद ब्रांड्स में से एक बना दिया है।
वित्तीय स्थिति
हालांकि FY24 में कंपनी के राजस्व में 9% की गिरावट आई, लेकिन कंपनी ने अपने नुकसान को 44% तक कम करने में सफलता पाई। FY24 में Licious का नुकसान ₹294 करोड़ रहा, जबकि FY23 में यह ₹524 करोड़ था। कंपनी के इस प्रदर्शन का मुख्य कारण इसकी लागत नियंत्रण नीतियाँ रही हैं। कंपनी के मुताबिक, चालू वित्तीय वर्ष में वह EBITDA सकारात्मक हो सकती है, जो इसके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।
चुनौतियाँ और समाधान
FY24 में राजस्व में आई गिरावट का प्रमुख कारण वितरण चैनलों, जैसे कि Dunzo और Swiggy Meatsore, का बंद होना रहा। इसके साथ ही कंपनी का आधुनिक रिटेल और स्थानीय स्टोर्स पर ध्यान कम हो गया, जिससे भी गिरावट देखी गई। हालांकि, Licious ने इन चुनौतियों को अवसर में बदलने का प्रयास किया। कंपनी ने ग्राहकों का अनुभव बेहतर बनाने के लिए गुरुग्राम में 30 मिनट की डिलीवरी सर्विस की शुरुआत की है। यह कदम कंपनी के फुल-स्टैक D2C मॉडल की ओर बढ़ने का हिस्सा है।
Infinity प्रोग्राम की भूमिका
Licious का फ्लैगशिप प्रोग्राम ‘Infinity’ इसके कुल राजस्व का 58% योगदान देता है। यह प्रोग्राम ग्राहकों को विशेष सेवाएं और सुविधाएँ प्रदान करता है, जिससे वे कंपनी के साथ दीर्घकालिक जुड़ाव बनाए रखते हैं। इस प्रोग्राम की सफलता ने Licious के व्यवसाय में स्थिरता और वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है।
छंटनी और भविष्य की योजनाएँ
FY24 के अंत में, Licious ने अपनी कार्यक्षमता में सुधार के उद्देश्य से लगभग 3% कर्मचारियों को (करीब 80 कर्मचारी) छंटनी का सामना करना पड़ा। कंपनी ने इस कदम को “ऑपरेशनल रीसेट” कहा, जिससे इसका ध्यान वृद्धि और प्रभावशीलता पर केंद्रित हो सके।
विस्तार और निवेश
कंपनी ने हाल ही में अपने भौतिक खुदरा विस्तार के तहत बेंगलुरु के “My Chicken and More” रिटेलर का अधिग्रहण किया है, जिससे इसके रिटेल स्टोर्स की संख्या 26 हो गई है। इस विस्तार के साथ, Licious ने ग्राहकों के लिए और भी सुविधाजनक और व्यापक पहुँच प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
निवेश और भविष्य की संभावना
अब तक, Licious ने $450 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है। कंपनी में Mayfield India का सबसे बड़ा हिस्सा (14.69%) है, इसके बाद Vertex Ventures, 3one4 Capital, Temasek और अन्य निवेशक आते हैं। यह फंडिंग कंपनी को अपने व्यापार विस्तार और नवाचारों को और बढ़ाने में मदद करेगी।
निष्कर्ष
Licious ने भारतीय D2C बाजार में खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। हालाँकि FY24 में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन कंपनी ने अपनी रणनीतियों के माध्यम से इन समस्याओं को दूर किया और आगे बढ़ने की तैयारी कर ली है। अपने उत्पादों की गुणवत्ता और ग्राहकों के अनुभव को प्राथमिकता देते हुए, Licious का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है।
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