Whizzo ने सीड फंडिंग में जुटाए $4.2 मिलियन,

Whizzo

मैटेरियल साइंस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी Whizzo ने अपनी सीड फंडिंग राउंड में $4.2 मिलियन (लगभग 35 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Lightspeed ने किया, जबकि इसमें BEENEXT ने भी भाग लिया।

यह फंड कंपनी के मैटेरियल साइंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) को बढ़ावा देने, फैशन-इंजीनियर्ड टेक्सटाइल के लिए डिज़ाइन लैब स्थापित करने और भारत, वियतनाम, चीन, बांग्लादेश, और इंडोनेशिया में अपनी सप्लाई चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए उपयोग किया जाएगा।


Whizzo की स्थापना और उद्देश्‍य

Whizzo की स्थापना 2024 में श्रेष्ठा कुकरेजा द्वारा की गई, जो पहले Zetwerk में कार्यरत थीं। Whizzo विशेष टेक्सटाइल मिश्रण (proprietary textile blends) बनाती है, जिनमें सेलूलोसिक और पॉलिमर-आधारित फाइबर शामिल हैं। ये उत्पाद विभिन्न उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और उत्पादन के समय (time-to-market) को काफी कम कर देते हैं।

कंपनी का कहना है कि वह क्रॉस-बॉर्डर कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन (CDMO) मॉडल का उपयोग कर इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देना चाहती है।

श्रेष्ठा कुकरेजा ने कहा,
“हम अपने विशेष टेक्सटाइल मिश्रण और CDMO मॉडल के माध्यम से टेक्सटाइल इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की योजना बना रहे हैं। हमारा उद्देश्य इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी, और ग्लोबल कनेक्टिविटी के जरिए इंडस्ट्री की प्रमुख समस्याओं को हल करना है।”


Whizzo का विस्तार और सप्लाई चेन

Whizzo भारत समेत वियतनाम, चीन, बांग्लादेश और इंडोनेशिया में अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। ये सभी देश वैश्विक टेक्सटाइल इंडस्ट्री के प्रमुख केंद्र हैं, जहां Whizzo अपने उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रही है।

कंपनी का फोकस सस्टेनेबल मटेरियल्स और टेक्नोलॉजी का उपयोग करके ऐसे उत्पाद बनाने पर है, जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल हों, बल्कि ग्राहकों के लिए लागत और समय की दृष्टि से भी किफायती हों।


टेक्सटाइल इंडस्ट्री में इनोवेशन

Whizzo के उत्पादों का प्रमुख आकर्षण उनकी प्रोप्राइटरी टेक्सटाइल ब्लेंड्स हैं। ये ब्लेंड्स:

  • सेलूलोसिक फाइबर (जो प्राकृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ होते हैं)।
  • पॉलिमर-आधारित फाइबर (जो मजबूत और टिकाऊ होते हैं)।

इन सामग्रियों का उपयोग फैशन, औद्योगिक उपयोग, और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में किया जाएगा।

कंपनी का उद्देश्य इनोवेशन के माध्यम से टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बदलाव लाना है, ताकि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सके।


संबंधित डेवेलपमेंट

हाल ही में, Sanlayan Technologies नामक एक स्टार्टअप, जिसकी स्थापना पूर्व Zetwerk कर्मचारियों द्वारा की गई थी, ने Dexcel Electronics में बहुमत हिस्सेदारी हासिल की है। यह कदम भी इंडस्ट्री में नए इनोवेशन और सहयोग को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।


Whizzo की फंडिंग का महत्व

Whizzo का $4.2 मिलियन का यह फंड न केवल कंपनी के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए भी एक प्रेरणा है। यह दिखाता है कि सही तकनीकी दृष्टिकोण और इनोवेशन से कैसे वैश्विक स्तर पर सफलता हासिल की जा सकती है।


आगे की योजनाएं

  • डिज़ाइन लैब का निर्माण: Whizzo फैशन-इंजीनियर्ड टेक्सटाइल के लिए एक अत्याधुनिक डिज़ाइन लैब स्थापित करेगा।
  • सप्लाई चेन विस्तार: भारत समेत अन्य एशियाई देशों में सप्लाई चेन को मजबूत करने की योजना।
  • सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान: पर्यावरण-अनुकूल टेक्नोलॉजी और सामग्रियों का उपयोग।
  • ग्लोबल कनेक्टिविटी: Whizzo के उत्पादों को वैश्विक बाजार में उपलब्ध कराना।

निष्कर्ष

Whizzo का यह कदम भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम और वैश्विक टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। Lightspeed और BEENEXT जैसे प्रमुख निवेशकों का समर्थन Whizzo की महत्वाकांक्षी योजनाओं और इनोवेशन पर उनके विश्वास को दर्शाता है।

इस फंडिंग के साथ, Whizzo न केवल भारतीय बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएगा।

Read more :Emiza ने ₹100 करोड़ सीरीज C फंडिंग जुटाई

VoltUp battery-swapping startup ने जुटाए ₹67 करोड़

VoltUp

भारतीय मोबिलिटी-एज़-ए-सर्विस (MaaS) और बैटरी-स्वैपिंग प्लेटफॉर्म वोल्टअप (VoltUp) ने अपने सीड फंडिंग राउंड में ₹67 करोड़ ($8 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व EM Impact Capital ने किया।


VoltUp फंडिंग का सफर

  • VoltUp ने इससे पहले प्री-सीड फंडिंग राउंड में ₹83 करोड़ ($10 मिलियन) जुटाए थे।
  • अब तक वोल्टअप की कुल फंडिंग ₹150 करोड़ ($18 मिलियन) हो चुकी है।
  • फंडिंग में प्रमुख भागीदार:
    • HDFC बैंक
    • cKers
    • Grip Invest
    • GetVantage
    • अन्य फैमिली ऑफिस।

वोल्टअप की स्थापना और सफर

स्थापना:

2019 में सिद्धार्थ काबरा द्वारा स्थापित, वोल्टअप एक बैटरी-स्वैपिंग प्लेटफॉर्म है, जो मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स और 3-व्हीलर्स के लिए डिज़ाइन किया गया है।

संचालन:

  • 14 शहरों में संचालन कर रही यह कंपनी AI और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके बैटरी-स्वैपिंग को आसान और सुरक्षित बनाती है।
  • इसका टेक्नोलॉजी-फर्स्ट अप्रोच स्टेशनों की लोकेशन ऑप्टिमाइज़ करता है, बैटरी परफॉर्मेंस की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करता है, और यूजर की डिमांड का अनुमान लगाता है।

मुख्य विशेषताएं

SHE मॉडल:

  • सेफ्टी (Safety): बैटरी स्वैपिंग को सुरक्षित बनाने पर फोकस।
  • हेल्थ (Health): पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करना।
  • एफिशिएंसी (Efficiency): समय और संसाधनों की बचत।

MaaS नेटवर्क:

वोल्टअप का मोबिलिटी-एज़-ए-सर्विस (MaaS) नेटवर्क डिलीवरी एजेंट्स, गिग वर्कर्स, और छोटे व्यवसायों के लिए भरोसेमंद इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स और बैटरी स्वैपिंग समाधान प्रदान करता है।

टेक्नोलॉजी का उपयोग:

  • बैटरी प्रदर्शन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग।
  • स्टेशनों की लोकेशन और यूजर डिमांड का AI आधारित अनुमान।
  • सुरक्षित और समय की बचत करने वाला चार्जिंग विकल्प।

कंपनी की उपलब्धियां

  • राजस्व में 4 गुना वृद्धि: वोल्टअप ने पिछले 12 महीनों में अपने राजस्व में चार गुना बढ़ोतरी दर्ज की है।
  • शहरों में विस्तार: कंपनी ने 1,000 नए बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है, जो 20 शहरी केंद्रों में काम करेंगे।
  • इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में वृद्धि: यह प्लेटफॉर्म EV अपनाने को बढ़ावा देता है और यूजर्स को रेंज की चिंता से मुक्त करता है।

भविष्य की योजनाएं

विस्तार:

वोल्टअप ने इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर और 3-व्हीलर प्लेटफॉर्म्स के साथ इंटीग्रेशन करने और अपने MaaS ऑफरिंग को तेज़ी से बढ़ाने की योजना बनाई है।

बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क:

कंपनी का लक्ष्य है:

  1. नए बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करना।
  2. शहरी केंद्रों में EV उपयोगकर्ताओं को सेवाएं प्रदान करना।

पर्यावरणीय योगदान:

  • इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देकर कार्बन उत्सर्जन में कमी।
  • बैटरी स्वैपिंग से पारंपरिक चार्जिंग की तुलना में ऊर्जा की बचत।

EV उद्योग में वोल्टअप की भूमिका

भारत में EV बाजार का महत्व:

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है, और बैटरी-स्वैपिंग प्लेटफॉर्म इस विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

वोल्टअप का योगदान:

  • डिलीवरी और गिग वर्कर्स को विश्वसनीय सेवाएं।
  • छोटे व्यवसायों के लिए लागत प्रभावी समाधान।
  • EV उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित और कुशल चार्जिंग विकल्प।

बाजार में स्थिति:

वोल्टअप का AI-आधारित बैटरी-स्वैपिंग मॉडल इसे प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाता है।


निष्कर्ष

वोल्टअप ने भारतीय EV बाजार में अपनी खास पहचान बनाई है। ₹67 करोड़ की फंडिंग से कंपनी अपनी सेवाओं और नेटवर्क को और भी मजबूत बनाने के लिए तैयार है।

कंपनी का उद्देश्य:

वोल्टअप का लक्ष्य है EV अपनाने को आसान और सुलभ बनाना, और भारतीय शहरों को स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल बनाना।

Read more :Emiza ने ₹100 करोड़ सीरीज C फंडिंग जुटाई

Emiza ने ₹100 करोड़ सीरीज C फंडिंग जुटाई

Emiza

Supply chain and warehousing startup Emiza (Emiza) ने ₹100 करोड़ (लगभग $12 मिलियन) की सीरीज C फंडिंग जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व इवोल्वेंस इंडिया (Evolvence India) और मिराबिलिस इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Mirabilis Investment Trust) ने किया।

यह फंडिंग राउंड ₹400 करोड़ (लगभग $50 मिलियन) के मूल्यांकन पर हुआ, जिसमें प्राइमरी और सेकेंडरी निवेश का मिश्रण शामिल था। इस निवेश ने कुछ शुरुआती निवेशकों को एग्ज़िट का अवसर भी प्रदान किया।


Emiza निवेश का उपयोग

Emiza ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस फंडिंग का उपयोग निम्न क्षेत्रों में किया जाएगा:

  1. नवाचार को बढ़ावा देना
  2. वेयरहाउस टेक्नोलॉजी में सुधार करना
  3. ऑटोमेशन को उन्नत बनाना
  4. नए वेयरहाउस सुविधाओं के साथ विस्तार करना

फंडिंग के पिछले चरण

मुंबई स्थित इस स्टार्टअप ने इससे पहले मेफील्ड (Mayfield) और अन्य निवेशकों से $12.5 मिलियन जुटाए थे।


इमिज़ा का परिचय

इमिज़ा की स्थापना 2015 में अजय राव और जितेंद्र कुमार ने की थी। यह स्टार्टअप ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी मैनेजमेंट सॉल्यूशंस प्रदान करता है।

मुख्य सेवाएं:

  1. वेयरहाउसिंग और फुलफिलमेंट सॉल्यूशंस:
    • इन्वेंटरी स्टोरेज और मैनेजमेंट।
    • मल्टीचैनल ऑर्डर सिंक।
    • ऑर्डर प्रोसेसिंग और कस्टम पैकेजिंग।
  2. लॉजिस्टिक्स समाधान:
    • लास्ट माइल लॉजिस्टिक डिस्ट्रीब्यूशन।
    • रिवर्स लॉजिस्टिक्स।
    • शिपिंग और क्वालिटी चेक।

तकनीकी और प्रक्रिया:

इमिज़ा तकनीक और प्रक्रियाओं का उपयोग करके इन्वेंटरी स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन को ऑप्टिमाइज़ करता है। इसका उद्देश्य ग्राहकों के लिए ऑपरेशनल एक्सीलेंस और बेहतर अनुभव प्रदान करना है।


इमिज़ा का महत्व

ई-कॉमर्स सेक्टर में सप्लाई चेन और वेयरहाउसिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इमिज़ा ने इस क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है और कस्टमाइज़्ड वेयरहाउसिंग और फुलफिलमेंट सॉल्यूशंस के माध्यम से अपने ग्राहकों को उन्नत सेवाएं प्रदान की हैं।

कंपनी की खासियत:

  • सेंट्रलाइज़्ड इन्वेंटरी कंट्रोल: सभी चैनलों पर इन्वेंटरी का एकीकृत नियंत्रण।
  • ऑपरेशनल एक्सीलेंस: प्रक्रियाओं में सुधार और दक्षता में वृद्धि।
  • ग्राहक अनुभव: ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण और समय पर सेवाएं प्रदान करना।

इमिज़ा का सफर और सेवाएं

स्थापना:

2015 में अजय राव और जितेंद्र कुमार द्वारा स्थापित, इमिज़ा ने अपनी तकनीक-आधारित सेवाओं से ई-कॉमर्स व्यवसायों की जरूरतों को पूरा किया है।

प्रमुख सेवाएं:

  1. वेयरहाउसिंग सॉल्यूशंस:
    • इन्वेंटरी स्टोरेज और मैनेजमेंट।
    • मल्टीचैनल ऑर्डर सिंक।
    • ऑर्डर प्रोसेसिंग और कस्टम पैकेजिंग।
  2. डिलीवरी सॉल्यूशंस:
    • शिपिंग, क्वालिटी चेक और लास्ट माइल डिलीवरी।
    • रिवर्स लॉजिस्टिक्स।
  3. कस्टमाइज्ड सेवाएं:
    • हर ग्राहक की जरूरत के हिसाब से सॉल्यूशंस।

तकनीकी योगदान:

इमिज़ा तकनीक और प्रक्रियाओं का उपयोग करके लॉजिस्टिक्स को न केवल कुशल बनाता है बल्कि ग्राहकों के लिए लागत और समय की बचत भी करता है।


क्यों खास है इमिज़ा?

ग्राहक-केंद्रित अप्रोच:

इमिज़ा ने अपने ग्राहकों के लिए सटीक और समय पर सेवाएं देने पर ध्यान केंद्रित किया है।

तकनीकी दक्षता:

ऑटोमेशन और उन्नत प्रक्रियाओं के माध्यम से कार्य को तेज़ और प्रभावी बनाया गया है।

भरोसेमंद साझेदार:

कंपनी ने ई-कॉमर्स ब्रांड्स के साथ मजबूत साझेदारी विकसित की है, जिससे यह इंडस्ट्री में एक भरोसेमंद नाम बन गया है।


ई-कॉमर्स में लॉजिस्टिक्स का महत्व

भारतीय बाजार में बढ़ती मांग:

ई-कॉमर्स उद्योग में तेजी से बढ़ोतरी के साथ ही, सप्लाई चेन और वेयरहाउसिंग की मांग भी बढ़ी है।

इमिज़ा की भूमिका:

इमिज़ा ने अपनी सेवाओं के जरिए ई-कॉमर्स व्यवसायों को बेहतर लॉजिस्टिक्स और फुलफिलमेंट समाधान उपलब्ध कराए हैं।

प्रमुख योगदान:

  1. लागत में कमी: ऑटोमेशन के जरिए।
  2. समय पर डिलीवरी: कुशल नेटवर्किंग और प्रक्रियाओं से।
  3. व्यापक पहुंच: देशभर में अपनी सेवाओं का विस्तार।

फंडिंग से क्या होगा बदलाव?

वेयरहाउसिंग में उन्नति:

नई फंडिंग इमिज़ा को अपनी वेयरहाउस सुविधाओं को अत्याधुनिक बनाने में मदद करेगी।

टेक्नोलॉजी का विकास:

नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके ग्राहक अनुभव को और बेहतर बनाया जाएगा।

विस्तार योजनाएं:

इमिज़ा अपनी भौगोलिक पहुंच बढ़ाने और नए बाजारों में प्रवेश करने की योजना बना रहा है।


भारतीय लॉजिस्टिक्स उद्योग में इमिज़ा की जगह

तेजी से बढ़ता क्षेत्र:

भारतीय लॉजिस्टिक्स बाजार, विशेष रूप से ई-कॉमर्स सप्लाई चेन, दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है।

इमिज़ा की भूमिका:

इमिज़ा ने इस बाजार में अपनी तकनीक, सेवाओं, और नवाचार से एक मजबूत स्थिति बनाई है।

भविष्य की योजनाएं:

  1. नए बाजारों में प्रवेश: छोटे और मंझोले व्यवसायों को सेवाएं देना।
  2. ग्राहक अनुभव में सुधार: कस्टमाइज्ड सॉल्यूशंस और तेज़ सेवाएं।
  3. स्थायी विकास: पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं को अपनाना।

निष्कर्ष

इमिज़ा ने सप्लाई चेन और वेयरहाउसिंग क्षेत्र में एक मजबूत पहचान बनाई है। ₹100 करोड़ की फंडिंग से न केवल इसकी सेवाओं और तकनीकों में सुधार होगा, बल्कि यह भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में और अधिक महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।

कंपनी का विजन:

इमिज़ा का लक्ष्य है ग्राहकों के लिए उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करना, और भारतीय लॉजिस्टिक्स बाजार में एक अग्रणी भूमिका निभाना।

Read more :Shiprocket का IPO की तैयारी: एक बड़ा कदम

Shiprocket का IPO की तैयारी: एक बड़ा कदम

Shiprocket

लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन क्षेत्र में अग्रणी स्टार्टअप Shiprocket (Shiprocket) ने 2025 में अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की योजना पर काम शुरू कर दिया है। कंपनी ने खुद को पब्लिक एंटिटी में बदलने के लिए पहला कदम उठाया है और इसका नाम “शिपरॉकेट प्राइवेट लिमिटेड” से “शिपरॉकेट लिमिटेड” कर दिया गया है।

कंपनी के बोर्ड ने इस बदलाव के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो कि इसकी नियामक फाइलिंग में दर्ज है। यह कदम निवेशकों और बाजार में एक मजबूत स्थिति बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।


Shiprocket हालिया फंडिंग और पब्लिक कंपनी में रूपांतरण

Shiprocket का पब्लिक एंटिटी में बदलने का यह कदम सीरीज E फंडिंग राउंड के एक महीने बाद आया है, जिसमें कंपनी ने $26 मिलियन जुटाए थे।

  • लीड इन्वेस्टर: KDT Ventures
  • अन्य भागीदार: MUFG बैंक, ट्राइब कैपिटल और SAI ग्लोबल

कंपनी ने इस फंडिंग के अलावा, अपने प्री-IPO राउंड में और अधिक पूंजी जुटाने की योजना बनाई है।


आईपीओ से जुटाई जाने वाली राशि

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिपरॉकेट अपने IPO के माध्यम से ₹2,000-₹2,500 करोड़ तक जुटाने की योजना बना रही है। यह राशि मुख्य रूप से प्राइमरी कैपिटल और ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से जुटाई जाएगी।

  • इंवेस्टमेंट बैंकर्स:
    1. एक्सिस कैपिटल
    2. कोटक महिंद्रा
    3. JM फाइनेंशियल
    4. BofA सिक्योरिटीज

शिपरॉकेट: कंपनी का परिचय

शिपरॉकेट एक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म है, जो व्यापारों को शिपिंग को सरल और कुशल बनाने के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करता है।

मुख्य सेवाएं:

  1. कूरियर इंटीग्रेशन: एक ही प्लेटफॉर्म पर कई कूरियर सेवाओं का एकीकरण।
  2. रीयल-टाइम ट्रैकिंग: पारदर्शिता और तेज़ डिलीवरी के लिए लाइव ट्रैकिंग।
  3. ऑटोमेटेड सॉल्यूशंस: मैनुअल प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए उपकरण।

शिपरॉकेट ने अब तक $320 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है और इसका मूल्यांकन $1.21 बिलियन है।


प्रमुख निवेशक और शेयरहोल्डर्स

शिपरॉकेट में कई बड़े निवेशकों ने अपना योगदान दिया है।

प्रमुख शेयरधारक:

  1. बर्टेल्समैन नेदरलैंड बी.वी.: सबसे बड़ा बाहरी शेयरधारक।
  2. ट्राइब कैपिटल: दूसरा बड़ा भागीदार।
  3. जोमैटो: भारतीय फूड डिलीवरी दिग्गज।
  4. टेमासेक
  5. लाइटरॉक
  6. पेपल

इन निवेशकों के सहयोग से शिपरॉकेट ने अपने व्यवसाय को तेजी से बढ़ाया है और इसे भारतीय लॉजिस्टिक्स उद्योग में एक प्रमुख स्थान दिलाया है।


कंपनी की विकास यात्रा

स्थापना और उद्देश्य:

शिपरॉकेट की स्थापना साहिल गोयल, गौतम कपूर, और विशेष खुराना ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य व्यापारियों और व्यवसायों के लिए लॉजिस्टिक्स को आसान और कुशल बनाना है।

अब तक की उपलब्धियां:

  • 2023 में कंपनी का राजस्व ₹1,415 करोड़ था, जो 2024 में बढ़कर ₹1,884.8 करोड़ हो गया।
  • शिपरॉकेट ने ई-कॉमर्स, डी2सी ब्रांड्स और एसएमई के लिए एक भरोसेमंद लॉजिस्टिक्स समाधान बनकर उभरा है।
  • कंपनी ने 29,000 से अधिक पिन कोड और 2,500+ शहरों में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराई हैं।

आईपीओ की महत्वता

शिपरॉकेट का IPO केवल पूंजी जुटाने तक सीमित नहीं है। यह कंपनी के लिए नए बाजारों में विस्तार और अपने तकनीकी समाधानों को और उन्नत बनाने का अवसर है।

संभावित लाभ:

  1. ब्रांड वैल्यू में वृद्धि: पब्लिक लिस्टिंग के बाद कंपनी की साख और ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी।
  2. नए बाजारों में प्रवेश: जुटाई गई पूंजी का उपयोग कंपनी के संचालन का विस्तार करने में किया जाएगा।
  3. नवाचार को बढ़ावा: नई तकनीकों और सेवाओं के विकास में निवेश किया जाएगा।

लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में शिपरॉकेट का योगदान

भारतीय लॉजिस्टिक्स उद्योग में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, जहां ई-कॉमर्स और डी2सी ब्रांड्स की मांग लगातार बढ़ रही है। शिपरॉकेट ने अपनी उन्नत तकनीकों और व्यापक नेटवर्क के माध्यम से इस क्षेत्र में एक मजबूत स्थान बनाया है।

  • तीव्र डिलीवरी सेवाएं
  • किफायती लॉजिस्टिक्स समाधान
  • ग्राहकों के लिए बेहतर अनुभव

निष्कर्ष

शिपरॉकेट का IPO 2025 भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह कदम न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उद्योग में इसके नेतृत्व को और सुदृढ़ करेगा।

भविष्य की संभावनाएं:

शिपरॉकेट अपनी तकनीकी नवाचार, मजबूत ग्राहक आधार, और विस्तार योजनाओं के माध्यम से लॉजिस्टिक्स उद्योग में नई ऊंचाइयां छूने के लिए तैयार है।

Read more :Shadowfax ने CriticaLog का किया अधिग्रहण,

Shadowfax ने CriticaLog का किया अधिग्रहण,

Shadowfax

भारत की प्रमुख लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी प्लेटफॉर्म Shadowfax (Shadowfax) ने कस्टमाइज़्ड और हाई-वैल्यू लॉजिस्टिक्स सेवाओं में विशेषज्ञता रखने वाली फर्म Criticalog का अधिग्रहण कर लिया है।

Shadowfax हाई-वैल्यू डिलीवरी सेवाओं में होगा विस्तार

Criticalog का अधिग्रहण करके शैडोफैक्स अब भारत में हाई-वैल्यू आइटम डिलीवरी सेवाओं को और मजबूत करेगा। CriticaLog इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स, ज्वेलरी और फार्मास्यूटिकल्स जैसे उच्च मूल्य वाले उत्पादों का परिवहन करती है।

CriticaLog के पास 400 से अधिक ग्राहकों और मल्टीनेशनल कंपनियों का नेटवर्क है। इसके अनुभव और क्षमताओं को शैडोफैक्स के व्यापक नेटवर्क के साथ जोड़ने से कंपनी अपनी सेवाओं को और कस्टमाइज़ करके विभिन्न उद्योगों की जरूरतें पूरी कर सकेगी।


2,500 शहरों और 18,000 पिन कोड्स तक विस्तार

शैडोफैक्स का नेटवर्क पहले से ही देश के 2,500 शहरों और 18,000 पिन कोड्स तक फैला हुआ है। अब CriticaLog की सेवाओं के जुड़ने से यह और अधिक क्षेत्रों में टेलर्ड लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस प्रदान करेगा।


शैडोफैक्स का राजस्व और सेवाएं

डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार, शैडोफैक्स का संचालन से राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष में ₹1,884.8 करोड़ तक पहुंच गया, जो FY23 में ₹1,415 करोड़ था।

शैडोफैक्स ई-कॉमर्स और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) फर्मों को थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3PL) सेवाएं प्रदान करता है।


कंपनी की मुख्य सेवाएं

शैडोफैक्स निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है:

  1. क्वालिटी चेक आधारित रिवर्स लॉजिस्टिक्स
  2. हैंड-टू-हैंड डोरस्टेप एक्सचेंज
  3. सेम डे डिलीवरी (Prime Services)
  4. 10-मिनट की क्विक कॉमर्स डिलीवरी

शैडोफैक्स की रणनीति और भविष्य की योजनाएं

शैडोफैक्स ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विकास किया है। इस अधिग्रहण से कंपनी न केवल अपने राजस्व को और बढ़ा सकती है, बल्कि नई टेक्नोलॉजी और सेवा क्षमताओं के साथ बाजार में एक नया मापदंड भी स्थापित कर सकती है।

  • अधिग्रहण का उद्देश्य:
    • प्रीमियम और हाई-वैल्यू आइटम लॉजिस्टिक्स में पैर जमाना।
    • भारत के अंदरूनी इलाकों तक सेवाओं का विस्तार करना।
    • लॉजिस्टिक्स के लिए नई तकनीकों को अपनाना।

लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारतीय लॉजिस्टिक्स उद्योग में पिछले कुछ वर्षों में कई नए खिलाड़ी सामने आए हैं। ई-कॉमर्स और D2C कंपनियों की बढ़ती मांग के साथ, लॉजिस्टिक्स कंपनियों को तेज और कस्टमाइज़्ड सेवाएं प्रदान करने की आवश्यकता है।

  • शैडोफैक्स ने क्विक डिलीवरी और हाई-क्वालिटी सेवाओं में अपनी जगह बनाई है।
  • CriticaLog का अनुभव और शैडोफैक्स का व्यापक नेटवर्क दोनों मिलकर इस प्रतिस्पर्धा में कंपनी को एक बढ़त देंगे।

राजस्व में वृद्धि का सफर

शैडोफैक्स का FY24 में ₹1,884.8 करोड़ का राजस्व इसकी सफलता को दर्शाता है। यह केवल D2C और ई-कॉमर्स कंपनियों के भरोसेमंद सेवा प्रदाता के रूप में नहीं उभरा है, बल्कि अपनी सेवाओं को लगातार बेहतर बनाने पर भी जोर दे रहा है।
CriticaLog के जुड़ने के साथ, कंपनी को उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में इसका राजस्व और तेजी से बढ़ेगा।


CriticaLog का परिचय

CriticaLog एक ऐसी कंपनी है जो उच्च-मूल्य वाले उत्पादों की परिवहन सेवाएं प्रदान करती है। इसके प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:

  1. इलेक्ट्रॉनिक्स
  2. ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स
  3. फार्मास्यूटिकल्स
  4. ज्वेलरी
  • CriticaLog के पास 400 से अधिक ग्राहकों का मजबूत आधार है, जिसमें कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भी शामिल हैं।

नए अवसर और बाजार

CriticaLog के अधिग्रहण से शैडोफैक्स को नए बाजारों में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा।

  • फार्मास्यूटिकल्स: संवेदनशील दवाओं और उपकरणों की डिलीवरी।
  • ऑटोमोबाइल: जटिल और समय-संवेदी स्पेयर पार्ट्स की डिलीवरी।
  • ज्वेलरी और इलेक्ट्रॉनिक्स: हाई-वैल्यू और सुरक्षित डिलीवरी समाधान।

अधिग्रहण का दीर्घकालिक प्रभाव

यह अधिग्रहण शैडोफैक्स के दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण है।

  1. ग्राहक अनुभव में सुधार:
    CriticaLog की विशेषज्ञता के साथ, शैडोफैक्स अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवा प्रदान कर सकेगा।
  2. सेवाओं का विविधीकरण:
    यह कदम कंपनी को केवल D2C और ई-कॉमर्स तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि नए क्षेत्रों में विस्तार का मार्ग भी खोलेगा।
  3. प्रौद्योगिकी में निवेश:
    CriticaLog की तकनीकों को शैडोफैक्स के संचालन में शामिल करके लॉजिस्टिक्स को और प्रभावी बनाया जाएगा।

भविष्य की संभावनाएं

शैडोफैक्स और CriticaLog का यह तालमेल न केवल भारतीय लॉजिस्टिक्स उद्योग के लिए, बल्कि ग्राहकों और उद्योगों के लिए भी एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

  • नवाचार में बढ़त: शैडोफैक्स लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी सेवाओं में नई तकनीकों का प्रयोग कर सकता है।
  • अंतरराष्ट्रीय विस्तार: यह कदम शैडोफैक्स को वैश्विक स्तर पर अपने पैर जमाने में भी मदद कर सकता है।

निष्कर्ष

शैडोफैक्स का CriticaLog का अधिग्रहण भारतीय लॉजिस्टिक्स उद्योग में एक नई दिशा और गति देने का वादा करता है। यह कदम न केवल कंपनी की सेवाओं और राजस्व को बढ़ाएगा, बल्कि इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में भी मदद करेगा।

read more :पिछले सप्ताह भारतीय स्टार्टअप्स ने 248.87 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया

पिछले सप्ताह भारतीय स्टार्टअप्स ने 248.87 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया

Indian startups

पिछले सप्ताह, लगभग 30 भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल 248.87 मिलियन डॉलर का फंडिंग जुटाया। इसमें 5 ग्रोथ-स्टेज डील्स और 24 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल हैं। वहीं, 1 स्टार्टअप ने लेन-देन की जानकारी सार्वजनिक नहीं की।

फंडिंग

इससे पिछले सप्ताह, 37 अर्ली और ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल 779.92 मिलियन डॉलर का फंडिंग जुटाया था।

[ग्रोथ-स्टेज डील्स]

ग्रोथ-स्टेज फंडिंग में, बिल्डिंग मैटेरियल प्लेटफॉर्म Infra.Market ने सीरीज F राउंड में 125 मिलियन डॉलर जुटाए। Arya.ag नामक एग्रीटेक स्टार्टअप ने HSBC से 30 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया। वहीं, इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स कंपनी Ati Motors ने वाल्डन कैटालिस्ट वेंचर्स और NGP कैपिटल के नेतृत्व में सीरीज B राउंड में 20 मिलियन डॉलर जुटाए। इसके अलावा, B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Aris Infra Solutions और SaaS कंपनी VuNet Systems ने भी फंडिंग हासिल की।

[अर्ली-स्टेज डील्स]

इस सप्ताह, 24 अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने 57.66 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई। इन डील्स में सबसे बड़ा योगदान D2C स्किनकेयर ब्रांड Deconstruct का रहा, उसके बाद Medusa (बीयर ब्रांड), Snabbit (होम सर्विस मार्केटप्लेस), Landeed (रियल एस्टेट डॉक्यूमेंट सर्च प्लेटफॉर्म), KisanKonnect (एग्रीटेक स्टार्टअप) और CapGrid (डीपटेक) शामिल हैं।

B2B2C फिनटेक स्टार्टअप Spare8 ने भी फंडिंग जुटाई, लेकिन राशि का खुलासा नहीं किया।

[शहर और सेगमेंट-वाइज डील्स]

शहर के आधार पर, बेंगलुरु आधारित स्टार्टअप्स ने 8 डील्स के साथ बढ़त बनाई, इसके बाद दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, अहमदाबाद, भुवनेश्वर और अन्य शहरों का स्थान रहा।

सेगमेंट-वाइज, ई-कॉमर्स स्टार्टअप्स ने 5 डील्स के साथ पहला स्थान प्राप्त किया। हेल्थटेक स्टार्टअप्स 4 डील्स के साथ दूसरे स्थान पर रहे। प्रॉपटेक, फूड एंड बेवरेजेस, एग्रीटेक, SaaS, फिनटेक, AI और अन्य सेगमेंट्स में भी डील्स हुईं।

[सीरीज-वाइज डील्स]

सीड फंडिंग डील्स 12 डील्स के साथ सबसे आगे रहीं। इसके बाद सीरीज A, प्री-सीड, सीरीज B, प्री-सीरीज A और अन्य का स्थान रहा।

[साप्ताहिक फंडिंग ट्रेंड]

साप्ताहिक आधार पर, स्टार्टअप फंडिंग में 68.09% की गिरावट आई और यह 248.87 मिलियन डॉलर तक सीमित रही। पिछले सप्ताह यह आंकड़ा 779.92 मिलियन डॉलर था।

पिछले आठ हफ्तों का औसत फंडिंग 356.43 मिलियन डॉलर रहा है, जिसमें औसतन 26 डील्स प्रति सप्ताह हुईं।

[प्रमुख नियुक्तियां और इस्तीफे]

इस सप्ताह, कई प्रमुख नियुक्तियां और बदलाव देखने को मिले:

  • Zetwerk ने भरत चोपड़ा (नोएडा ऑपरेशंस), कन्नन कृष्णन (साउथ ऑपरेशंस) और संतोषकुमार रामकृष्णन (AVP, सेल्स) की नियुक्ति की।
  • Table Space ने करण चोपड़ा और कुणाल मेहरा को सह-CEO नियुक्त किया।
  • DigiHaat, जो ONDC नेटवर्क की सहायक कंपनी है, ने राहुल विज को COO नियुक्त किया।

वहीं, PharmEasy के तीन को-फाउंडर्स धर्मिल शेट, धवल शाह और हार्दिक देढ़िया ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। चौथे को-फाउंडर सिद्धार्थ शाह कंपनी के सीईओ के रूप में बने रहेंगे।

[मर्जर और अधिग्रहण]

इस सप्ताह कुछ प्रमुख अधिग्रहण हुए:

  • Hindustan Unilever Limited (HUL) ने D2C स्किनकेयर ब्रांड Minimalist में 90.5% हिस्सेदारी 350 मिलियन डॉलर (करीब ₹2,955 करोड़) में खरीदी।
  • सिंगापुर स्थित PE फर्म Everstone ने SaaS कंपनी Wingify में 200 मिलियन डॉलर में हिस्सेदारी ली।
  • Hatsun Agro ने डेयरी स्टार्टअप Milk Mantra का अधिग्रहण किया।
  • DroneAcharya ने अपनी ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने के लिए AVPL के साथ मर्जर की घोषणा की।
  • एग्रीटेक प्लेटफॉर्म DeHaat ने AgriCentral का अधिग्रहण किया।

[फंड लॉन्च]

  • Eximius Ventures ने अपना दूसरा फंड लॉन्च किया, जिसका लक्ष्य 30 मिलियन डॉलर है।
  • SamVed ने भारतीय टेक स्टार्टअप्स के लिए 50 मिलियन डॉलर का फंड लॉन्च किया।
  • Bharat Value Fund ने अपने तीसरे इन्वेस्टमेंट फंड का पहला क्लोज ₹1,250 करोड़ (करीब 144 मिलियन डॉलर) में किया।

[नए लॉन्च और साझेदारियां]

  • DroneAcharya ने AVPL के साथ मर्जर की घोषणा की।
  • SBI Payments और Pine Labs ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाया।
  • Curefoods’ Olio Pizza ने Reliance SMART के साथ साझेदारी कर नए आउटलेट्स खोले।
  • KRAFTON ने ईस्पोर्ट्स एथलीट्स को सपोर्ट करने के लिए एक कार्यक्रम लॉन्च किया।
  • ETO Motors और Uber ने हैदराबाद के इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर ईकोसिस्टम को सपोर्ट करने के लिए साझेदारी की।

[निष्कर्ष]

इस सप्ताह स्टार्टअप फंडिंग में बड़ी गिरावट देखने को मिली। वहीं, प्रमुख अधिग्रहण और फंड लॉन्च ने इंडस्ट्री में उत्साह बनाए रखा।

Read more :Ultrahuman ने CY24 में 620 करोड़ का राजस्व हासिल किया

Ultrahuman ने CY24 में 620 करोड़ का राजस्व हासिल किया

Ultrahuman

वियरेबल टेक्नोलॉजी में अग्रणी स्टार्टअप Ultrahuman ने 2024 के कैलेंडर वर्ष (CY24) में अपनी ऑपरेटिंग स्केल में जबरदस्त उछाल दर्ज किया है। कंपनी ने इस साल $74.5 मिलियन (लगभग ₹620 करोड़) का राजस्व हासिल किया, जो पिछले साल CY23 में दर्ज $12.9 मिलियन (लगभग ₹107 करोड़) की तुलना में लगभग छह गुना अधिक है।

Ultrahuman FY24 और CY24 में बड़ा अंतर

FY24 में भी Ultrahuman ने ₹620 करोड़ का राजस्व दर्ज किया। मौजूदा ट्रेंड्स को देखते हुए, कंपनी को उम्मीद है कि वह FY25 में इस आंकड़े को पार कर लेगी। हालांकि, FY24 में Ultrahuman को ₹39 करोड़ का घाटा हुआ, लेकिन CY24 में कंपनी ने 11% का प्री-टैक्स प्रॉफिट (PBT) और 8% EBITDA हासिल किया।


Ring AIR बना कमाई का मुख्य स्रोत

Ultrahuman की इस शानदार ग्रोथ का बड़ा श्रेय उनके फ्लैगशिप प्रोडक्ट Ring AIR को जाता है, जिसने CY24 में कंपनी की कुल आय का 90% ($67 मिलियन) योगदान दिया। यह 2023 के $7 मिलियन से 10 गुना अधिक है।
कंपनी की बाकी आय अन्य प्रोडक्ट्स जैसे PowerPlug, UltraHuman X, M1, Home, और Blood Vision से हुई। PowerPlug और UltraHuman X ने $2.8 मिलियन का योगदान दिया, जबकि विस्तारित इकोसिस्टम से $4.3 मिलियन की कमाई हुई।


नवंबर 2024: सबसे ज्यादा बिक्री वाला महीना

Ultrahuman ने नवंबर 2024 में अपनी सबसे बड़ी मासिक बिक्री दर्ज की, जो $17.7 मिलियन थी।


बेंगलुरु और टेक्सास में मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार

बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, Ultrahuman ने 2024 में अपनी बेंगलुरु UltraFactory की क्षमता को 15 गुना बढ़ाया। इसके अलावा, कंपनी ने टेक्सास के प्लानो में एक नई फैसिलिटी लॉन्च की, जिससे इनोवेशन और सप्लाई चेन को बेहतर बनाया जा सके।


बिना विज्ञापन खर्च के ऑर्गेनिक ग्रोथ

Ultrahuman ने इस ग्रोथ को हासिल करने के लिए किसी भी प्रकार का विज्ञापन खर्च नहीं किया। कंपनी ने ऑर्गेनिक ग्रोथ, डायरेक्ट सेल्स और रिटेल एक्सपेंशन पर फोकस किया।

रिटेल सेल्स में उछाल

2024 में कंपनी की रिटेल सेल्स 35% तक पहुंच गई, जो 2023 में 20% थी। डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) सेल्स भी 41% पर मजबूत बनी रही।
कंपनी ने थाईलैंड, हंगरी, और जर्मनी जैसे उभरते बाजारों में तेजी से ग्रोथ की, जबकि अमेरिका, भारत, UAE और UK जैसे मुख्य बाजारों में स्थिर प्रदर्शन जारी रखा।


महिला उपयोगकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी

2024 में Ultrahuman के यूजर बेस में महिला उपयोगकर्ताओं का प्रतिशत 29% से बढ़कर 44% हो गया।
यह ग्रोथ Cycle Insights, Ovulation Tracking, और Ring AIR के लिए नए साइज़ 5 जैसे फीचर्स के कारण संभव हुई।


Ultrahuman के लिए आगे की राह

Nexus Ventures द्वारा समर्थित इस कंपनी ने 2024 में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। Ultrahuman के प्रोडक्ट्स की बढ़ती लोकप्रियता, नई फैसिलिटी का विस्तार, और महिला उपयोगकर्ताओं का बढ़ता आधार इसे Wearable टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में और मजबूत बना रहा है।
CY25 में कंपनी के ₹620 करोड़ से अधिक के राजस्व का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है।


Ultrahuman का सफर भारतीय टेक्नोलॉजी क्षेत्र में इनोवेशन और गुणवत्ता का प्रतीक बन गया है। कंपनी ने न केवल ऑर्गेनिक ग्रोथ का आदर्श प्रस्तुत किया है, बल्कि नए बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाकर Wearable टेक्नोलॉजी के भविष्य को भी नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।

Read more :AstroTalk ने लॉन्च किया अपना नया D2C वर्टिकल ‘AstroTalk Store’

AstroTalk ने लॉन्च किया अपना नया D2C वर्टिकल ‘AstroTalk Store’

AstroTalk

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा देने वाले प्लेटफॉर्म Astrotalk ने डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर (D2C) वर्टिकल में कदम रखते हुए ‘AstroTalk Store’ लॉन्च किया है। यह स्टोर मुख्य रूप से रत्न, हीलिंग स्टोन्स और ऊर्जा-संतुलन से जुड़े एक्सेसरीज़ पर केंद्रित है, जिन्हें ज्योतिषियों द्वारा सकारात्मक मंत्रों और जापों से चार्ज किया गया है।


Astrotalk Store का उद्देश्य और उत्पाद

Astrotalk Store ग्राहकों को प्रामाणिक ज्योतिषीय उपाय प्रदान करने के लिए बनाया गया है। स्टोर में निम्नलिखित प्रमुख उत्पाद शामिल हैं:

  1. रत्न और हीलिंग स्टोन्स
    • सकारात्मक ऊर्जा से चार्ज किए गए प्रमाणित रत्न।
  2. एक्सेसरीज़
    • स्टाइल और ऊर्जा संतुलन को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई चीजें।
  3. विशेष कैटेगरी
    • लव, मनी, और ईविल आई जैसी श्रेणियां, जो ग्राहकों की विशेष जरूरतों को पूरा करती हैं।

AstroTalk के को-फाउंडर, अनमोल जैन, ने कहा,
“हमने अपने ग्राहकों के बीच प्रामाणिक उपायों की भारी मांग देखी। इसी से प्रेरित होकर हमने AstroTalk Store लॉन्च किया, जहां प्रमाणित रत्न और भरोसेमंद समाधान मिलें।”


लॉन्च के बाद की सफलता

चार महीने पहले लॉन्च हुए इस स्टोर ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।

राजस्व और विकास दर

  • दैनिक राजस्व: ₹10-15 लाख
  • एनुअलाइज्ड रन रेट (ARR): ₹36-45 करोड़
  • फायनेंशियल ईयर 2025 का लक्ष्य: ARR ₹100 करोड़

AstroTalk को उम्मीद है कि D2C वर्टिकल लंबे समय में कंपनी की कुल राजस्व में 25-30% का योगदान देगा और यह लाभप्रदता (प्रॉफिटेबिलिटी) भी हासिल करेगा।


AstroTalk Store की विशेषताएं

  1. भरोसेमंद समाधान
    • मार्केट में भरोसे की कमी को दूर करने के लिए प्रमाणित और चार्ज किए गए उत्पाद।
  2. ग्राहक केंद्रितता
    • ग्राहकों की विशेष जरूरतों के अनुसार उत्पादों की विस्तृत रेंज।
  3. डिजिटल उपस्थिति
    • Myntra और Amazon पर उत्पाद लाइव हैं, और जल्द ही Zepto पर उपलब्ध होंगे।

D2C वर्टिकल: मार्केट ट्रेंड और संभावनाएं

AstroTalk Store का लॉन्च D2C क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। D2C मॉडल में ब्रांड सीधे ग्राहकों तक अपने उत्पाद और सेवाएं पहुंचाते हैं, जिससे ग्राहकों का अनुभव बेहतर होता है और मध्यस्थों की भूमिका खत्म होती है।

D2C की बढ़ती मांग

  • प्रामाणिकता की तलाश: ग्राहक अब प्रामाणिक और भरोसेमंद उत्पादों की ओर रुख कर रहे हैं।
  • ऑनलाइन शॉपिंग का विस्तार: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उत्पादों की पहुंच ने इस वर्टिकल को और भी सशक्त किया है।

AstroTalk की रणनीति

AstroTalk का उद्देश्य न केवल ज्योतिषीय सेवाओं को डिजिटल बनाना है, बल्कि ज्योतिषीय उत्पादों को प्रामाणिकता और गुणवत्ता के साथ उपलब्ध कराना है।


AstroTalk का यात्रा और विकास

AstroTalk ने अपनी शुरुआत एक ऑनलाइन ज्योतिष कंसल्टेंसी प्लेटफॉर्म के रूप में की थी। इसके बाद कंपनी ने ज्योतिषीय समाधान देने के लिए कई कदम उठाए।

मुख्य सेवाएं

  • व्यक्तिगत ज्योतिष परामर्श
  • लाइव चैट और कॉल के जरिए समाधान
  • कुंडली मिलान और ज्योतिषीय रिपोर्ट

ग्राहकों का विश्वास

AstroTalk ने अपनी सेवाओं और उत्पादों के माध्यम से ग्राहकों के बीच गहरी पकड़ बनाई है।


AstroTalk Store के फ्यूचर प्लान्स

AstroTalk Store के भविष्य के लिए निम्नलिखित योजनाएं बनाई गई हैं:

1. उत्पाद रेंज का विस्तार

कंपनी और अधिक कैटेगरी में उत्पाद लॉन्च करने की योजना बना रही है, जो ग्राहकों की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करेंगे।

2. नई साझेदारियां

Zepto जैसे क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना।

3. मार्केटिंग और ब्रांडिंग

AstroTalk अपने D2C वर्टिकल के लिए मजबूत ब्रांडिंग और मार्केटिंग रणनीतियां अपनाएगा।

4. राजस्व लक्ष्य

FY25 के अंत तक ₹100 करोड़ ARR हासिल करने का लक्ष्य।


D2C वर्टिकल में AstroTalk की संभावनाएं

AstroTalk Store का लॉन्च न केवल ज्योतिषीय उत्पादों के बाजार में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह D2C मॉडल में एक नई मिसाल भी कायम करेगा।

ग्राहकों के लिए फायदे

  • प्रामाणिक और भरोसेमंद उत्पाद।
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से उपलब्धता।
  • विभिन्न जरूरतों के लिए कैटेगरी आधारित समाधान।

AstroTalk के लिए फायदे

  • ज्योतिषीय सेवाओं के साथ उत्पादों का विस्तार।
  • नए राजस्व स्रोत।
  • D2C मार्केट में मजबूत पकड़।

निष्कर्ष

AstroTalk Store का लॉन्च भारतीय D2C मार्केट में एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। यह कदम AstroTalk को न केवल ज्योतिषीय सेवाओं में बल्कि उत्पादों के बाजार में भी अग्रणी बना सकता है।

AstroTalk Store का उद्देश्य ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक उत्पाद प्रदान करना है, जो न केवल उनकी जरूरतों को पूरा करें बल्कि उन पर विश्वास भी कायम करें। D2C वर्टिकल के साथ, AstroTalk का भविष्य और भी उज्ज्वल नजर आ रहा है।

Read more :B2B cloud manufacturing startup CapGrid ने ₹29.16 करोड़ जुटाए

B2B cloud manufacturing startup CapGrid ने ₹29.16 करोड़ जुटाए

CapGrid

CAPGRID, जो एक B2B क्लाउड मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप है, ने अपनी सीरीज A राउंड के विस्तार में ₹29.16 करोड़ (लगभग $3.5 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Anicut Capital ने किया, जिसमें Nexus Ventures और Axilor Technology Fund ने भी भाग लिया।


CAPGRID फंडिंग का विवरण

CAPGRID के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पारित कर ₹29.16 करोड़ जुटाने के लिए 2,452 सीरीज A2 CCPS (कंपल्सरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर्स) जारी करने का फैसला किया। प्रत्येक शेयर की कीमत ₹1,18,940 तय की गई है।

फंडिंग में भागीदारी

  • Anicut Capital: ₹22.4 करोड़
  • Nexus Ventures: ₹3.3 करोड़
  • Axilor Technology Fund: ₹3.4 करोड़

यह राशि CapGrid की विस्तार योजनाओं और अतिरिक्त पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपयोग की जाएगी।


अब तक जुटाई गई कुल फंडिंग

CapGrid ने अब तक कुल $10 मिलियन से अधिक जुटाए हैं। इसमें 2023 में Nexus Ventures के नेतृत्व में जुटाए गए $7 मिलियन की सीरीज A फंडिंग भी शामिल है।
Entrackr के अनुसार, इस फंडिंग के बाद CapGrid की वैल्यूएशन ₹285.5 करोड़ (लगभग $34 मिलियन) आंकी गई है।


CapGrid का परिचय

CapGrid की स्थापना जुलाई 2020 में धीरज कुमार तिवारी और हिमांशु सिंह रघुवंशी ने की थी। यह एक AI-संचालित प्लेटफॉर्म है, जो विभिन्न उद्योगों को सेवाएं प्रदान करता है।

सेवाएं और फोकस क्षेत्र

CapGrid की सेवाएं निम्नलिखित उद्योगों में फैली हुई हैं:

  1. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री
  2. कृषि उपकरण
  3. अर्थमूविंग उपकरण
  4. एयरोस्पेस
  5. ऑयल और गैस
  6. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स
  7. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs)

वैश्विक नेटवर्क

CapGrid का दावा है कि वह 15 देशों में 30,000 से अधिक मैन्युफैक्चरर्स के साथ जुड़ा हुआ है।


CapGrid का अनूठा मॉडल

CapGrid एक क्लाउड-आधारित मैन्युफैक्चरिंग प्लेटफॉर्म है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके विभिन्न उद्योगों की आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाने में मदद करता है।

प्रमुख विशेषताएं

  1. आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन
    • CapGrid ग्राहकों को तेज और लागत-प्रभावी समाधान प्रदान करता है।
  2. ग्लोबल कनेक्टिविटी
    • इसका प्लेटफॉर्म विभिन्न देशों के निर्माताओं को जोड़ता है।
  3. उद्योगों के लिए कस्टम समाधान
    • CapGrid विभिन्न उद्योगों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने वाले समाधान तैयार करता है।

फंडिंग के उपयोग की योजना

CapGrid ने फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में करने की योजना बनाई है:

1. विस्तार और विकास

कंपनी भारत और अन्य देशों में अपने बाजार को विस्तारित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

2. पूंजी आवश्यकताएं पूरी करना

फंडिंग का उपयोग अतिरिक्त पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

3. उत्पाद विकास

CapGrid अपनी तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत बनाने के लिए AI-संचालित प्लेटफॉर्म में निवेश करेगा।


B2B क्लाउड मैन्युफैक्चरिंग में CapGrid का योगदान

CapGrid ने B2B मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।

AI और क्लाउड तकनीक का उपयोग

CapGrid की AI-संचालित प्रणाली ग्राहकों को उनकी आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने में मदद करती है।

“मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” में योगदान

CapGrid भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” पहलों के साथ जुड़कर स्थानीय निर्माण को बढ़ावा दे रहा है।


CapGrid की भविष्य की योजनाएं

CapGrid ने अपनी सेवाओं को वैश्विक स्तर पर विस्तारित करने और उद्योग में नए मानक स्थापित करने की योजना बनाई है।

1. नए बाजारों में प्रवेश

कंपनी विशेष रूप से उत्तर अमेरिका, यूरोप, और एशिया-पैसिफिक क्षेत्रों में विस्तार की योजना बना रही है।

2. अधिक मैन्युफैक्चरर्स जोड़ना

CapGrid 15 देशों के 30,000 निर्माताओं से आगे बढ़कर अपने नेटवर्क को और विस्तारित करना चाहता है।

3. ग्राहक अनुभव में सुधार

CapGrid अपने ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए अपनी AI तकनीक को उन्नत करेगा।


निष्कर्ष

CapGrid ने अपनी अनूठी सेवाओं और AI-आधारित तकनीक के माध्यम से B2B क्लाउड मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में महत्वपूर्ण प्रगति की है। ताजा फंडिंग न केवल कंपनी के विस्तार और विकास में मदद करेगी, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी।

CapGrid जैसे स्टार्टअप्स भारत के उद्योगों को आधुनिक तकनीक के साथ सशक्त बनाकर वैश्विक स्तर पर उनकी पहचान बनाने में मदद कर रहे हैं। आने वाले समय में CapGrid की यह यात्रा और भी रोमांचक और प्रभावशाली होने की उम्मीद है।

Read more : FabHotels की gross revenue 34% की वृद्धि, लेकिन घाटा 23% बढ़कर ₹114 करोड़ पर पहुंचा

FabHotels की gross revenue 34% की वृद्धि, लेकिन घाटा 23% बढ़कर ₹114 करोड़ पर पहुंचा

FabHotels

Casa2 Stays, जो FabHotels की पैरेंट कंपनी है, ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में 34% की ग्रॉस रेवेन्यू वृद्धि दर्ज की है। हालांकि, इस दौरान कंपनी का घाटा 23% बढ़कर ₹114 करोड़ हो गया। इसका मुख्य कारण कर्मचारियों के लाभों से जुड़े खर्चों में दोगुनी वृद्धि को बताया गया है।


FabHotels रेवेन्यू में वृद्धि, लेकिन लागत भी बढ़ी

FabHotels ने FY24 में अपनी ग्रॉस रेवेन्यू को ₹552 करोड़ तक पहुंचा दिया, जो पिछले वित्तीय वर्ष FY23 के ₹412 करोड़ की तुलना में 34% अधिक है।

  • ग्रॉस रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा
    FabHotels ने अपने “FabHotel” और “TravelPlus” ब्रांड्स के अंतर्गत बुकिंग्स से 99.4% रेवेन्यू अर्जित किया, जो ₹549 करोड़ तक पहुंचा।
  • अन्य स्रोतों से आय
    अन्य स्रोतों से ₹3.3 करोड़ का योगदान रहा।

अतिरिक्त आय का योगदान

इसके अलावा, कंपनी ने ब्याज आय और देनदारियों के राइट-ऑफ के माध्यम से ₹11 करोड़ की अतिरिक्त आय दर्ज की।
इससे कंपनी की कुल आय ₹563.6 करोड़ हो गई।


खर्चों का विश्लेषण

FabHotels के खर्चों में सबसे बड़ा हिस्सा आवास से संबंधित खर्चों का था, जो कुल खर्च का 74% रहा।

  • FY24 में आवास खर्च 32% बढ़कर ₹435 करोड़ हो गया।
  • कर्मचारियों के लाभों पर खर्च दोगुना होकर ₹92 करोड़ पर पहुंच गया। इसमें से ₹15 करोड़ ईएसओपी (ESOP) के गैर-नकद खर्च के रूप में शामिल हैं।
  • कमीशन खर्च में मामूली वृद्धि हुई और यह ₹27 करोड़ रहा।
  • अन्य खर्च ₹34 करोड़ तक पहुंच गए।

कुल मिलाकर, FabHotels के कुल खर्च FY24 में 38.5% बढ़कर ₹588 करोड़ हो गए, जो FY23 में ₹424.7 करोड़ थे।


कर्मचारियों पर बढ़ा खर्च और घाटे में वृद्धि

कर्मचारियों से जुड़े खर्चों में हुई दोगुनी वृद्धि ने FabHotels के घाटे को FY24 में 23% बढ़ाकर ₹114 करोड़ कर दिया। FY23 में यह घाटा ₹93 करोड़ था।

ईएसओपी (ESOP) खर्च का प्रभाव

  • कर्मचारियों को दिए गए स्टॉक ऑप्शन (ESOP) के कारण ₹15 करोड़ का गैर-नकद खर्च दर्ज किया गया।
  • इसके अलावा, उच्च वेतन और अन्य लाभों ने कुल कर्मचारी लागत को बढ़ाया।

रेटर्न ऑन कैपिटल और EBITDA मार्जिन

FY24 में FabHotels का रेटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) और EBITDA मार्जिन क्रमशः -84.09% और -19.52% रहा।


FabHotels का विस्तार और परिचालन

FabHotels, एक बजट होटल चेन के रूप में, भारत के 50 से अधिक शहरों में 600 से अधिक प्रॉपर्टीज के साथ परिचालन करता है।

मुख्य सेवाएं

  • यह प्लेटफ़ॉर्म यात्रियों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण होटल बुकिंग सेवाएं प्रदान करता है।
  • इसके “TravelPlus” ब्रांड के तहत कॉर्पोरेट क्लाइंट्स को भी सेवाएं उपलब्ध हैं।

नई रणनीतियां और बदलाव

FabHotels ने FY23 में Indian Accounting Standards (Ind AS) को अपनाया, जिससे इसके वित्तीय डेटा को नई मानकों के अनुसार संशोधित किया गया।


भविष्य की रणनीति

FabHotels ने अपने बढ़ते खर्चों के बावजूद, बाज़ार में अपनी स्थिति को मजबूत करने की योजना बनाई है।

संभावित कदम

  1. रेवेन्यू मॉडल का अनुकूलन
    • बुकिंग के अलावा अन्य स्रोतों से आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना।
  2. कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाना
    • कर्मचारियों से जुड़े खर्चों को नियंत्रित करना और उत्पादकता में सुधार करना।
  3. कॉर्पोरेट और बिजनेस क्लाइंट्स पर फोकस
    • “TravelPlus” ब्रांड के माध्यम से अधिक कॉर्पोरेट क्लाइंट्स को जोड़ना।
  4. डिजिटल मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी पर निवेश
    • डिजिटल चैनलों के माध्यम से कम लागत पर अधिक ग्राहकों तक पहुंचना।

भारतीय बजट होटल बाजार में FabHotels का स्थान

प्रतिस्पर्धा में बढ़त

FabHotels ने बजट होटल बाजार में अपनी जगह मजबूत की है और डिमांड फर्स्ट ट्रांजैक्शन मॉडल को अपनाकर अन्य कंपनियों से आगे निकलने में सफलता पाई है।

निवेशकों का भरोसा

कंपनी के निवेशकों में टाइगर ग्लोबल, एलेवेशन कैपिटल, और अन्य प्रमुख फंड शामिल हैं, जो कंपनी की दीर्घकालिक क्षमता पर भरोसा करते हैं।


निष्कर्ष

हालांकि FabHotels ने FY24 में 34% ग्रॉस रेवेन्यू वृद्धि हासिल की है, लेकिन कर्मचारियों से जुड़े बढ़ते खर्चों के कारण इसका घाटा भी बढ़ा है। कंपनी के लिए अगले कुछ वर्षों में मुख्य चुनौती अपने खर्चों को नियंत्रित करते हुए रेवेन्यू को और अधिक बढ़ाना होगा।

भारतीय बजट होटल बाजार में FabHotels का विस्तार और उसकी रणनीतिक पहलों से यह स्पष्ट है कि कंपनी लंबे समय तक बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है।

Read more :AI infrastructure startup Pipeshift ने जुटाए $2.5 मिलियन