Quick-commerce company Zepto को रिवर्स मर्जर के लिए NCLT की मंजूरी

Zepto

मुंबई आधारित क्विक-कॉमर्स फर्म Zepto ने अपनी डॉमिसाइल शिफ्ट करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से मंजूरी प्राप्त कर ली है। इस रिवर्स मर्जर के तहत Zepto अपनी सिंगापुर-आधारित इकाई Kiranakart Pte. Ltd. का विलय भारत की इकाई Kiranakart Technologies Private Limited के साथ करेगी।


NCLT का आदेश और Zepto की रणनीति

NCLT के 9 जनवरी 2025 के आदेश में कहा गया,

“याचिकाकर्ता कंपनी के निदेशक मंडल का मानना है कि यह योजना इकाई और उसके संबंधित हितधारकों, जैसे शेयरधारकों, कर्मचारियों और ऋणदाताओं के सर्वोत्तम हित में है।”

इस कदम को Zepto के प्रस्तावित प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


IPO की तैयारी में बड़ा कदम

Zepto भारत में अपने IPO को लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिसकी उम्मीद इस साल के अंत तक की जा रही है।

  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Zepto का लक्ष्य $400-500 मिलियन जुटाने का है।
  • IPO के लिए Zepto ने गोल्डमैन सैक्स, मॉर्गन स्टेनली, और एक्सिस कैपिटल को अपने बैंकर के रूप में चुना है।

यह रिवर्स मर्जर प्रक्रिया Zepto को भारत में अपने ऑपरेशन्स और कॉर्पोरेट संरचना को मजबूत करने में मदद करेगी, जिससे वह IPO की ओर तेजी से कदम बढ़ा सके।


Zepto की फंडिंग स्थिति

हाल की फंडिंग

  • Zepto ने हाल ही में $350 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, जिसका नेतृत्व मोतिलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ ने किया।
  • इस फंडिंग राउंड के बाद कंपनी का मूल्यांकन $5 बिलियन तक पहुंच गया है।

पिछले फंडिंग राउंड्स

  • 2024 में, Zepto ने $1.35 बिलियन की बड़ी राशि जुटाई।
  • लॉन्च के बाद से अब तक कंपनी ने कुल $1.85 बिलियन की फंडिंग प्राप्त की है।

Zepto का विकास और रणनीति

तेजी से बढ़ता क्विक-कॉमर्स सेक्टर

  • Zepto भारत के क्विक-कॉमर्स बाजार में एक अग्रणी नाम बन चुका है।
  • यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों को 10 मिनट में डिलीवरी की सुविधा प्रदान करता है।

डिजिटल इंडिया के साथ तालमेल

  • भारत में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन्स के चलते क्विक-कॉमर्स का विस्तार हुआ है।
  • Zepto ने इस बढ़ते ट्रेंड का लाभ उठाकर अपने बिज़नेस मॉडल को और मजबूत किया है।

लॉजिस्टिक्स और इनोवेशन

  • Zepto ने अपनी लॉजिस्टिक्स क्षमता को बेहतर बनाने और ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए नई तकनीकों और प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया है।

कंपनी का उद्देश्य और रणनीति

Zepto के संस्थापक आदित पालिचा और कौशल सिंह का कहना है कि कंपनी का उद्देश्य ग्राहकों को सुपरफास्ट डिलीवरी अनुभव प्रदान करना है।

  • कंपनी का फोकस मेट्रो शहरों के साथ-साथ टियर-2 और टियर-3 शहरों में विस्तार करना है।
  • Zepto अपनी टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन इनसाइट्स का उपयोग करके बेहतर डिलीवरी मॉडल बनाने पर जोर दे रहा है।

क्विक-कॉमर्स में प्रतिस्पर्धा

प्रमुख खिलाड़ी

Zepto का मुकाबला भारत में कई अन्य क्विक-कॉमर्स कंपनियों से है, जैसे:

  • ब्लिंकिट (पूर्व में ग्रोफर्स)
  • स्विगी इंस्टामार्ट
  • बिगबास्केट
  • डंज़ो

Zepto की बढ़त

  • तेजी से डिलीवरी और ग्राहक अनुभव पर ध्यान देने के कारण Zepto अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे है।
  • फंडिंग और मजबूत बैकर्स ने इसे एक मजबूत स्थिति में रखा है।

रिवर्स मर्जर का महत्व

डॉमिसाइल स्थानांतरण

  • सिंगापुर से भारत में डॉमिसाइल स्थानांतरित करने से Zepto को कॉर्पोरेट टैक्स और नियामक प्रक्रियाओं में राहत मिलेगी।
  • भारतीय बाजार में IPO लॉन्च करना अब आसान होगा।

हस्तांतरण प्रक्रिया

  • Kiranakart Pte. Ltd. और Kiranakart Technologies Private Limited का विलय Zepto की संरचना को और सरल करेगा।
  • इससे कंपनी का प्रबंधन और संचालन अधिक कुशल होगा।

भविष्य की योजनाएं

Zepto ने अपने भविष्य के लिए निम्नलिखित लक्ष्यों को निर्धारित किया है:

  1. IPO की सफलता: IPO के माध्यम से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार और नवाचार में किया जाएगा।
  2. नए शहरों में विस्तार: Zepto का लक्ष्य है कि वह भारत के हर प्रमुख शहर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए।
  3. ग्राहक अनुभव में सुधार: बेहतर तकनीकी समाधानों के माध्यम से ग्राहकों को और अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
  4. पर्यावरणीय स्थिरता: Zepto पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए ग्रीन डिलीवरी विकल्प को प्राथमिकता देगा।

निष्कर्ष

Zepto का रिवर्स मर्जर और भारत में डॉमिसाइल स्थानांतरित करने का फैसला कंपनी के लिए एक साहसिक कदम है। यह न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देगा बल्कि उसे भारतीय बाजार में और गहराई से प्रवेश करने में भी मदद करेगा।

IPO के माध्यम से जुटाई जाने वाली राशि और कंपनी की विस्तार योजनाएं इसे भारत के सबसे बड़े क्विक-कॉमर्स ब्रांड्स में से एक बनाने के लिए तैयार कर रही हैं। Zepto की यह यात्रा न केवल स्टार्टअप इंडस्ट्री बल्कि भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो सकती है।

Read more :WeWork India ने ₹500 करोड़ जुटाए, कर्जमुक्त बनने की दिशा में बड़ा कदम

WeWork India ने ₹500 करोड़ जुटाए, कर्जमुक्त बनने की दिशा में बड़ा कदम

WeWork India

लचीले वर्कस्पेस ऑपरेटर WeWork India ने ₹500 करोड़ (लगभग $57.8 मिलियन) की राशि राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई है। यह फंड कंपनी के कर्ज चुकाने, कर्जमुक्त बनने और पूंजी लागत को कम करने में उपयोग किया जाएगा।


WeWork India की वर्तमान स्थिति

WeWork India इस समय भारत के आठ शहरों में सक्रिय है और इसके पास 1 लाख से अधिक डेस्क हैं। कंपनी का फोकस अपने महत्वपूर्ण साझेदारों, जैसे भूमि मालिकों, इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स (IPCs) और सदस्यों के साथ मजबूत रिश्ते बनाने पर है।

शहरों में उपस्थिति

वीवर्क इंडिया ने 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से तेजी से विस्तार किया है। वर्तमान में कंपनी के पास 63 परिचालन केंद्र हैं, जो निम्नलिखित शहरों में स्थित हैं:

  • चेन्नई
  • नई दिल्ली
  • गुरुग्राम
  • नोएडा
  • मुंबई
  • बेंगलुरु
  • पुणे
  • हैदराबाद

राजस्व में वृद्धि

वीवर्क इंडिया का ऑपरेशनल रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024 में 26.7% की वृद्धि के साथ ₹1,665 करोड़ तक पहुंच गया।

  • पिछले वित्त वर्ष (FY23) में कंपनी ने ₹1,315 करोड़ का राजस्व अर्जित किया था।
  • यह वृद्धि दर्शाती है कि कंपनी भारत में अपनी मजबूत पकड़ बना रही है और फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की बढ़ती मांग को भुना रही है।

फंड का उपयोग

कंपनी ने अपने ताजा फंडिंग राउंड के जरिए निम्नलिखित उद्देश्यों को हासिल करने की योजना बनाई है:

  1. कर्ज चुकाना: कंपनी का मुख्य उद्देश्य अपने मौजूदा कर्ज को कम करना है।
  2. कर्जमुक्त बनना: फंडिंग के जरिए कंपनी कर्जमुक्त बनने की दिशा में आगे बढ़ेगी।
  3. पूंजी लागत कम करना: कर्ज कम होने के साथ-साथ पूंजी की लागत भी घटेगी, जिससे वित्तीय स्थिरता में सुधार होगा।

वीवर्क की वैश्विक चुनौतियां और वापसी

2023 में वित्तीय संकट

वीवर्क, जो कभी को-वर्किंग स्पेस प्रोवाइडर के रूप में विश्वभर में एक बड़ी कंपनी थी, ने 2023 और 2024 में कई वित्तीय चुनौतियों का सामना किया।

  • नवंबर 2023 में वीवर्क ने अमेरिका में चैप्टर 11 बैंकरप्सी फाइल की।
  • हालांकि, कुछ महीनों के भीतर कंपनी ने खुद को दिवालियापन से उबारा।

भारत में स्थिति स्थिर

जबकि वैश्विक स्तर पर वीवर्क को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, भारत में इसका कारोबार स्थिर रहा। भारत में लचीले वर्कस्पेस की बढ़ती मांग ने कंपनी को राजस्व बढ़ाने और अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद की।


फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस का महत्व

बढ़ती मांग

  • वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड वर्क मॉडल्स के चलन के साथ, फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की मांग तेजी से बढ़ी है।
  • कंपनियां पारंपरिक कार्यालयों की बजाय लचीले वर्कस्पेस का विकल्प चुन रही हैं।

लाभदायक मॉडल

  • फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस कंपनियों को लागत में कटौती और कर्मचारियों को बेहतर वर्क एनवायरनमेंट प्रदान करने में मदद करते हैं।
  • वीवर्क इंडिया इस ट्रेंड को समझते हुए अपने मॉडल को और अधिक कुशल बना रहा है।

वीवर्क इंडिया का भविष्य

नई योजनाएं

  • कंपनी का लक्ष्य भारत के और शहरों में विस्तार करना है।
  • नए उत्पाद और सेवाएं पेश करने की योजना भी बनाई जा रही है।

मजबूत साझेदारियां

  • वीवर्क इंडिया ने अपनी साझेदारियों को मजबूत किया है, जिससे उसे लंबी अवधि में स्थिरता मिलेगी।
  • भूमि मालिकों और IPCs के साथ मजबूत रिश्ते कंपनी के विस्तार में सहायक होंगे।

सदस्यों के अनुभव पर जोर

  • ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए कंपनी तकनीक और नवाचार का उपयोग कर रही है।
  • वर्कस्पेस को अधिक सुविधाजनक और उत्पादक बनाने के लिए नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं।

प्रतिस्पर्धा में वीवर्क इंडिया की स्थिति

भारत में प्रतिस्पर्धा

  • भारत में फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस बाजार में वीवर्क इंडिया का मुकाबला Awfis, Smartworks, और Regus जैसे ब्रांड्स से है।
  • हालांकि, वीवर्क इंडिया का ब्रांड वैल्यू और मजबूत नेटवर्क इसे प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाता है।

यूनीक सेलिंग प्वाइंट (USP)

  • वीवर्क इंडिया का ध्यान प्रीमियम लोकेशंस, स्मार्ट डिज़ाइन, और फ्लेक्सिबल प्राइसिंग पर है, जो इसे अन्य ब्रांड्स से अलग बनाता है।

निष्कर्ष

वीवर्क इंडिया का ₹500 करोड़ की फंडिंग जुटाना उसकी वित्तीय स्थिरता और विकास योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। जहां वैश्विक स्तर पर वीवर्क को चुनौतियों का सामना करना पड़ा, वहीं भारत में कंपनी ने अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है।

फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की बढ़ती मांग और नई योजनाओं के साथ, वीवर्क इंडिया न केवल अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए तैयार है, बल्कि कर्जमुक्त बनने और अपने कारोबार का तेजी से विस्तार करने की दिशा में भी बढ़ रहा है।

Read more :Boba Bhai ने सीरीज़ ए फंडिंग में जुटाए ₹30 करोड़,

Boba Bhai ने सीरीज़ ए फंडिंग में जुटाए ₹30 करोड़,

Boba Bhai

बबल टी और फूड आइटम्स पर केंद्रित क्विक-सर्विस रेस्तरां (QSR) ब्रांड Boba Bhai ने अपनी सीरीज़ ए फंडिंग राउंड में ₹30 करोड़ (लगभग $3.4 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व 8i Ventures ने किया, जिसमें Titan Capital Winners Fund, Global Growth Capital, और DEVC जैसे मौजूदा निवेशकों ने भी भाग लिया।


Boba Bhai पहले भी जुटा चुका है फंडिंग

Boba Bhai ने अप्रैल 2023 में ₹12.5 करोड़ की सीड फंडिंग जुटाई थी। इस राउंड का नेतृत्व Titan Capital और Global Growth Capital UK ने किया था।


फंडिंग का उपयोग

बोबा भाई अपनी नई फंडिंग का उपयोग कई रणनीतिक पहलुओं में करेगा:

  1. नई सिटी में विस्तार: ब्रांड का लक्ष्य नई जगहों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है।
  2. मौजूदा बाजारों में संचालन का विस्तार: पहले से मौजूद लोकेशन्स पर ऑपरेशंस को मजबूत करना।
  3. नए मेन्यू विकल्प पेश करना: ग्राहकों के लिए इनोवेटिव और आकर्षक मेन्यू लाना।
  4. सब-ब्रांड लॉन्च करना: क्यूएसआर सेगमेंट में नए सब-ब्रांड्स को भी पेश करने की योजना।
  5. ऑपरेशनल क्षमता में सुधार: हर लोकेशन पर बेहतरीन ग्राहक अनुभव सुनिश्चित करना।

बोबा भाई की स्थापना और विकास

ध्रुव कोहली द्वारा स्थापित, बोबा भाई एक बबल टी और के-पॉप बर्गर पर केंद्रित क्यूएसआर चेन है, जो अपने ग्लोबल विस्तार की योजना बना रही है। वर्तमान में कंपनी के पास 9 शहरों में 42 आउटलेट्स हैं।

प्रमुख शहरों में मौजूदगी

  • बेंगलुरु
  • मुंबई
  • चेन्नई
  • हैदराबाद
  • दिल्ली

विस्तार की योजना

ध्रुव कोहली के अनुसार, कंपनी का लक्ष्य 2024 के अंत तक 150+ स्टोर्स खोलने का है।


बोबा भाई की खासियत

बबल टी का बढ़ता क्रेज

  • भारत में बबल टी धीरे-धीरे एक लोकप्रिय पेय पदार्थ बन रहा है, खासतौर पर यंग जेनरेशन के बीच।
  • बोबा भाई इस ट्रेंड को भुनाने के लिए फोकस्ड अप्रोच के साथ काम कर रहा है।

K-Pop बर्गर्स का आकर्षण

  • कंपनी का मेन्यू कोरियन फूड ट्रेंड्स को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
  • यह न केवल फूड लवर्स बल्कि के-पॉप फैन्स के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है।

इनोवेटिव मेन्यू

  • कंपनी ग्राहकों को नए और अनूठे स्वाद देने पर ध्यान दे रही है।
  • बबल टी और बर्गर्स के अलावा अन्य इनोवेटिव फूड आइटम्स भी मेन्यू का हिस्सा बनेंगे।

भारत में क्यूएसआर मार्केट का स्कोप

तेजी से बढ़ता मार्केट

भारत का QSR सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है, और इसका प्रमुख कारण है:

  • शहरीकरण
  • यंग कंज्यूमर्स का बढ़ता प्रभाव
  • फास्ट फूड के प्रति झुकाव

प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनने का मौका

  • बोबा भाई का मुख्य फोकस है प्रीमियम क्वालिटी और ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव देना।
  • नए आउटलेट्स और मेन्यू के जरिए ब्रांड का उद्देश्य अपने मार्केट शेयर को मजबूत करना है।

8i Ventures और अन्य निवेशकों की भूमिका

8i Ventures का निवेश पर फोकस

  • 8i Ventures भारतीय स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने के लिए जाना जाता है।
  • बोबा भाई के साथ यह साझेदारी QSR मार्केट में उनकी मौजूदगी को और मजबूत करेगी।

Titan Capital और अन्य निवेशकों का सहयोग

  • Titan Capital और Global Growth Capital जैसे निवेशकों ने कंपनी को शुरुआती फेज में सपोर्ट किया।
  • इनका अनुभव और नेटवर्क बोबा भाई को तेजी से ग्रोथ में मदद करेगा।

ग्राहक अनुभव पर जोर

बेहतरीन सेवा

  • बोबा भाई हर आउटलेट पर ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने की दिशा में काम कर रहा है।
  • ऑपरेशनल सुधार और गुणवत्ता नियंत्रण इस दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।

डिजिटल उपस्थिति

  • डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन ऑर्डरिंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कंपनी की प्रमुख रणनीतियों में से एक है।

भविष्य की संभावनाएं

ग्लोबल विस्तार

  • भारतीय बाजार में मजबूत स्थिति बनाने के बाद, कंपनी की योजना अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करने की है।

नए ट्रेंड्स अपनाने की योजना

  • फूड और बेवरेज सेक्टर में उभरते ट्रेंड्स के साथ खुद को अपडेट करना ब्रांड की प्राथमिकता है।

स्थानीय और वैश्विक प्रतिस्पर्धा

  • Domino’s, McDonald’s, और अन्य QSR ब्रांड्स के बीच अपनी पहचान बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा।
  • लेकिन बबल टी और के-पॉप बर्गर्स जैसी अनूठी पेशकश इसे प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिला सकती है।

निष्कर्ष

बोबा भाई ने सीरीज़ ए फंडिंग के जरिए एक मजबूत कदम उठाया है। भारत में QSR मार्केट में इसकी अनूठी पेशकश और विस्तार योजनाएं इसे प्रमुख ब्रांड्स में शामिल कर सकती हैं। नई फंडिंग के साथ, ब्रांड न केवल ग्राहकों की बढ़ती मांगों को पूरा करेगा बल्कि ग्लोबल स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएगा।

Read more :Indian startups ने सप्ताह भर में जुटाए $466.45 मिलियन

Indian startups ने सप्ताह भर में जुटाए $466.45 मिलियन

Indian startups

पिछले सप्ताह भारतीय स्टार्टअप्स ने जबरदस्त फंडिंग आकर्षित की। 27 Indian startup ने लगभग $466.45 मिलियन (लगभग ₹3,800 करोड़) जुटाए, जिसमें 8 ग्रोथ-स्टेज डील्स और 14 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल थीं। पांच स्टार्टअप्स ने अपने फंडिंग डिटेल्स का खुलासा नहीं किया।


ग्रोथ-स्टेज डील्स

हेल्थकेयर यूनिकॉर्न

  • हेल्थकेयर यूनिकॉर्न ने $275 मिलियन की फंडिंग Series E राउंड में जुटाई।
  • निवेशकों में B Capital Group, Banner Health, Danaher Ventures LLC, Generation Investment Management, Kaiser Permanente, और M12 शामिल हैं।

Oyo

  • हॉस्पिटैलिटी दिग्गज Oyo ने Redspring Innovation Partners से $65 मिलियन जुटाए।

Infinity Fincorp Solutions

  • NBFC कंपनी Infinity Fincorp Solutions ने $35 मिलियन की Series B फंडिंग हासिल की, जिसे Jungle Ventures ने लीड किया।

अन्य ग्रोथ-स्टेज डील्स

  • मेडिकल डिवाइसेज निर्माता ने $20 मिलियन जुटाए।
  • एडुकेशन-लोन फिनटेक स्टार्टअप GrayQuest ने $9.3 मिलियन की फंडिंग True North से प्राप्त की।

अर्ली-स्टेज डील्स

14 अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने सप्ताह भर में $43.75 मिलियन जुटाए।

  • D2C केले के चिप्स ब्रांड ने सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
  • एनर्जी-टेक स्टार्टअप EMO Energy और इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल निर्माता Oben Electric ने भी फंडिंग जुटाई।
  • अन्य स्टार्टअप्स में D2C फार्म-टू-फेस लक्ज़री स्किनकेयर ब्रांड, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म hBits, B2B कंस्ट्रक्शन प्लेटफॉर्म Nirmaan, और Tech-driven लॉन्ड्री प्लेटफॉर्म Revivo शामिल हैं।

शहर और सेगमेंट वाइज डील्स

शहर वाइज

  • दिल्ली-एनसीआर स्टार्टअप्स ने 9 डील्स के साथ नेतृत्व किया।
  • इसके बाद बेंगलुरु, मुंबई, अलप्पुझा, कोलकाता, और हैदराबाद ने स्थान प्राप्त किया।

सेगमेंट वाइज

  • ई-कॉमर्स स्टार्टअप्स 5 डील्स के साथ शीर्ष पर रहे।
  • हेल्थटेक और फिनटेक सेगमेंट में 4-4 डील्स हुईं।
  • EV, हॉस्पिटैलिटी और साइबर सिक्योरिटी सेगमेंट में भी डील्स हुईं।

साप्ताहिक फंडिंग ट्रेंड

पिछले सप्ताह के मुकाबले स्टार्टअप फंडिंग में 14 गुना वृद्धि हुई।

  • $466.45 मिलियन की फंडिंग पिछले सप्ताह के $33.44 मिलियन से बहुत अधिक है।
  • औसतन, पिछले आठ सप्ताह में फंडिंग $309.12 मिलियन प्रति सप्ताह रही है।

नेतृत्व में बदलाव

मुख्य नियुक्तियां और इस्तीफे

  • SaaS स्टार्टअप Toplyne के सह-संस्थापक रिशेन कपूर ने अपनी कंपनी बंद करने के बाद Peak XV Partners में वापसी की।
  • Enlog ने अपने CTO आयुष गुप्ता को सह-संस्थापक के पद पर प्रोन्नत किया।
  • Dunzo के पूर्व CEO ने Flipkart जॉइन किया।
  • Snapdeal ने अचिंत सेठिया को CEO नियुक्त किया।

फंड लॉन्च और नई भागीदारी

फंड लॉन्च

  • Fundalogical Ventures (FV) ने FV Trailblazers लॉन्च किया, जो भारत में सतत आपूर्ति श्रृंखलाओं पर केंद्रित है।
  • Accel ने $650 मिलियन के साथ अपना आठवां फंड लॉन्च किया।

नई लॉन्च और साझेदारियां

  • Zaggle ने Zepto के साथ साझेदारी की।
  • Swiggy ने SNACC नामक एक ऐप लॉन्च किया, जो 15 मिनट में फूड डिलीवरी का वादा करता है।
  • Zomato ने त्वरित फूड डिलीवरी स्पेस में फिर से प्रवेश किया।

प्रमुख वित्तीय प्रदर्शन

स्टार्टअप्स के वित्तीय परिणाम

  • Practo ने FY24 में ₹3,500 करोड़ GMV दर्ज किया और EBITDA घाटे में 82% की कमी की।
  • Drishti IAS का राजस्व ₹405 करोड़ और शुद्ध लाभ ₹90 करोड़ रहा।
  • Bakingo ने FY24 में ₹200 करोड़ का राजस्व दर्ज किया।

निष्कर्ष

इस सप्ताह भारतीय स्टार्टअप्स ने फंडिंग में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की। हेल्थकेयर, फिनटेक और ई-कॉमर्स जैसे सेगमेंट में बड़ी फंडिंग हुई। Snapdeal, Swiggy, और Zomato जैसे दिग्गजों ने नई रणनीतियों के साथ बाज़ार में अपनी स्थिति मजबूत की।

आने वाले समय में, स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश और नवाचार दोनों बढ़ने की संभावना है।

Read more :Indian stockbroking industry में Groww ने 13.16 मिलियन सक्रिय ग्राहकों के साथ बढ़त बनाई

Indian stockbroking industry में Groww ने 13.16 मिलियन सक्रिय ग्राहकों के साथ बढ़त बनाई

Groww

भारतीय स्टॉकब्रोकिंग उद्योग में प्रतिस्पर्धा लगातार तीव्र होती जा रही है। ऐसे माहौल में, बेंगलुरु आधारित फिनटेक यूनिकॉर्न Groww ने अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। Groww ने दिसंबर 2024 में 13.16 मिलियन सक्रिय ग्राहकों के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जो कि 26.59% बाजार हिस्सेदारी को दर्शाता है।


बाजार में प्रमुख खिलाड़ियों का प्रदर्शन

1. Groww की अग्रणी स्थिति

Groww ने न केवल अपने ग्राहक आधार का विस्तार किया है, बल्कि बाजार में अपनी हिस्सेदारी भी बढ़ाई है।

  • मजबूत ग्राहक जुड़ाव और उपयोगकर्ता-अनुकूल तकनीकी प्लेटफॉर्म Groww की सफलता के मुख्य कारण हैं।
  • इसके सहज और सरल इंटरफेस ने नए और युवा निवेशकों को आकर्षित किया है।

2. Zerodha की स्थिति

Zerodha, जो कि लंबे समय से भारतीय स्टॉकब्रोकिंग उद्योग में अग्रणी रही है, अब दूसरे स्थान पर खिसक गई है।

  • दिसंबर 2024 में Zerodha के पास 8.12 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्ता थे, जो कि 16.41% बाजार हिस्सेदारी को दर्शाता है।
  • हालांकि, इसका उपयोगकर्ता आधार मासिक आधार पर 0.06% घटा, जो कि कंपनी के लिए चिंताजनक हो सकता है।

3. Angel One का उभरता प्रभाव

Angel One ने लगातार अपनी स्थिति को मजबूत किया है।

  • दिसंबर 2024 में Angel One ने 123,018 नए उपयोगकर्ताओं को जोड़ा, जो कि 1.61% की मासिक वृद्धि को दर्शाता है।
  • इसका कुल सक्रिय ग्राहक आधार अब 7.75 मिलियन तक पहुंच गया है, और इसकी बाजार हिस्सेदारी 15.67% हो गई है।
  • कंपनी का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि यह बाजार में तेज़ी से लोकप्रिय हो रही है।

Groww की सफलता के पीछे की रणनीतियां

1. तकनीकी नवाचार

Groww ने अपने प्लेटफॉर्म को सहज और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है।

  • उपयोगकर्ताओं को आसान नेविगेशन और तेज़ लेनदेन का अनुभव मिलता है।
  • इसका मोबाइल ऐप खासतौर पर युवाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

2. विविध उत्पाद पोर्टफोलियो

Groww ने अपने निवेश उत्पादों में विविधता लाई है, जिसमें शामिल हैं:

  • स्टॉक्स
  • म्यूचुअल फंड्स
  • गोल्ड और अन्य एसेट्स

3. नई पीढ़ी के निवेशकों पर फोकस

Groww का प्रमुख ग्राहक आधार युवा और पहली बार निवेश करने वाले लोग हैं।

  • कंपनी ने सरल और प्रभावी एजुकेशनल कंटेंट के माध्यम से नए निवेशकों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया है।
  • इसके उपयोगकर्ता अनुभव को डिज़ाइन किया गया है ताकि पहली बार निवेश करने वाले भी सहज महसूस करें।

Zerodha की चुनौतियां और संभावनाएं

Zerodha ने अपनी तकनीकी मजबूती और शून्य ब्रोकरेज मॉडल के कारण लंबे समय तक उद्योग पर दबदबा बनाया है।

  • हालांकि, नई कंपनियों की एंट्री और बाजार की बदलती प्राथमिकताओं ने इसकी वृद्धि दर को धीमा कर दिया है।
  • Zerodha के पास अनुभवी निवेशकों का मजबूत आधार है, जो इसे अभी भी एक भरोसेमंद विकल्प बनाता है।
  • यदि कंपनी नए ग्राहकों को जोड़ने और अपने प्लेटफॉर्म में सुधार करने पर ध्यान दे, तो यह अपनी स्थिति को फिर से मजबूत कर सकती है।

Angel One का उभरता प्रभाव

Angel One ने हाल के वर्षों में अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म में सुधार और मजबूत मार्केटिंग रणनीतियों के माध्यम से एक नई पहचान बनाई है।

  • AI- और ML- आधारित सिफारिशें निवेशकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करती हैं।
  • Angel One का पारंपरिक ग्राहकों के साथ-साथ डिजिटल ग्राहकों को जोड़ने का मॉडल इसे प्रतिस्पर्धा में बनाए रखता है।

भारतीय स्टॉकब्रोकिंग उद्योग का भविष्य

1. डिजिटल प्लेटफॉर्म का वर्चस्व

डिजिटलीकरण ने निवेश को और अधिक सुलभ बना दिया है।

  • नई तकनीकों और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से, कंपनियां उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकती हैं।

2. युवा निवेशकों का योगदान

युवा पीढ़ी का स्टॉक मार्केट में रुझान तेजी से बढ़ रहा है।

  • सरल और उपयोग में आसान प्लेटफॉर्म इस वर्ग को आकर्षित कर रहे हैं।

3. बढ़ती प्रतिस्पर्धा

Groww, Zerodha और Angel One जैसी कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प और सेवाएं लेकर आएगी।


निष्कर्ष

भारतीय स्टॉकब्रोकिंग उद्योग में Groww ने 26.59% बाजार हिस्सेदारी के साथ अपनी स्थिति को मजबूत किया है। Zerodha और Angel One जैसे खिलाड़ी भी इस प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

  • Groww की सफलता इसका प्रमाण है कि उपयोगकर्ता अनुभव और नवाचार में निवेश करने से कंपनियां बढ़त बना सकती हैं।
  • Zerodha और Angel One के लिए, बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने और बढ़ाने के लिए नए ग्राहकों को जोड़ने और प्लेटफॉर्म सुधार पर ध्यान देना आवश्यक है।

आने वाले वर्षों में, स्टॉकब्रोकिंग उद्योग का यह प्रतिस्पर्धी माहौल निवेशकों को और बेहतर अनुभव और सेवाएं प्रदान करेगा।

Read more :Digital healthcare company Practo ने FY24 में ₹3,500 करोड़ का GMV पार किया

Digital healthcare company Practo ने FY24 में ₹3,500 करोड़ का GMV पार किया

Practo

डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म Practo ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में ₹3,500 करोड़ से अधिक का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) हासिल किया है। कंपनी ने इस दौरान 22% सालाना वृद्धि के साथ ऑपरेटिंग राजस्व में इजाफा दर्ज किया, जबकि इसके EBITDA नुकसान में 82% की कमी आई।


Practo राजस्व और वित्तीय प्रदर्शन

Practo ने FY24 में अपना कुल ऑपरेटिंग राजस्व ₹240 करोड़ तक पहुंचाया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष FY23 की तुलना में 22% की वृद्धि को दर्शाता है।

  • कंपनी ने 68% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की है, जो FY22 से FY24 के बीच Practo की मजबूत विकास रणनीति को उजागर करती है।
  • इसके योगदान मार्जिन (Contribution Margin) में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। FY22 में यह -1% था, जबकि FY24 में यह 40% तक बढ़ गया।

Practo की सेवाएं और मॉडल

Practo एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो मरीजों को उपयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं और सही चिकित्सकों से जोड़ने में मदद करता है।

  1. गुणवत्तापूर्ण और सत्यापित सेवाएं:
    • मरीजों को डॉक्टर की प्रमाणिकता और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में सटीक जानकारी मिलती है।
    • मेरिट आधारित स्कोरिंग और मरीजों के रिव्यू से बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
  2. हॉस्पिटल और क्लिनिक के लिए सॉफ्टवेयर समाधान:
    Practo अस्पतालों और क्लीनिकों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए सॉफ्टवेयर प्रदान करता है।
  3. ऑडिट और सत्यापन:
    FY24 के दौरान Practo ने 600 से अधिक अस्पतालों का ऑडिट किया, जिससे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित की जा सकीं।

Practo का प्रभाव और पहुंच

  • कंपनी ने 642 शहरों में 5.4 करोड़ से अधिक मरीजों को सेवा प्रदान की है।
  • यह आंकड़ा Practo की व्यापक पहुंच और प्रभाव को दर्शाता है, जो इसे भारत में डिजिटल हेल्थकेयर के अग्रणी प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करता है।

Practo के विकास के प्रमुख कारक

  1. फोकस्ड बिजनेस मॉडल:
    • Practo ने अपने मुख्य भारतीय व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित किया।
    • इस रणनीति ने कंपनी को वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन में सुधार करने में मदद की।
  2. इनोवेशन और तकनीकी समाधान:
    • Practo ने अस्पतालों और क्लिनिकों के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर समाधान पेश किए।
    • इससे चिकित्सा संस्थानों की दक्षता बढ़ी और मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकीं।
  3. डेटा और विश्लेषण का उपयोग:
    • मरीजों के अनुभव और डेटा का गहराई से विश्लेषण किया गया।
    • डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं का सत्यापन और मूल्यांकन किया गया।

Practo का वित्तीय सुधार

Practo ने FY24 में अपने EBITDA नुकसान को 82% तक कम किया।

  • FY22 में कंपनी का योगदान मार्जिन -1% था, लेकिन FY24 में यह 40% तक सुधार गया।
  • यह संकेत करता है कि Practo ने न केवल अपने परिचालन खर्च को नियंत्रित किया, बल्कि राजस्व वृद्धि के साथ लाभप्रदता भी हासिल की।

डिजिटल हेल्थकेयर में Practo की भूमिका

भारत में डिजिटल हेल्थकेयर उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और Practo इस क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

  1. मरीजों के लिए सुलभता:
    • Practo ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराई हैं।
    • 642 शहरों में इसकी उपस्थिति इसका प्रमाण है।
  2. चिकित्सकों और संस्थानों के लिए लाभ:
    • डॉक्टरों को मरीजों से जुड़ने और उनके अनुभवों को बेहतर बनाने में मदद मिली है।
    • अस्पतालों और क्लिनिकों को अपने संचालन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए तकनीकी समाधान प्रदान किए गए।
  3. डेटा-संचालित हेल्थकेयर:
    Practo का डेटा-संचालित दृष्टिकोण स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाने में मदद कर रहा है।

डिजिटल हेल्थकेयर का भविष्य

डिजिटल हेल्थकेयर उद्योग का भविष्य उज्जवल है। Practo जैसी कंपनियां इस बदलाव को गति प्रदान कर रही हैं।

  • तकनीकी नवाचार:
    AI, डेटा एनालिटिक्स, और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सटीक और किफायती बना रहा है।
  • गुणवत्तापूर्ण सेवाएं:
    मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और सत्यापित सेवाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • सुलभता और पहुंच:
    डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से हेल्थकेयर सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाया जाएगा।

निष्कर्ष

Practo ने FY24 में ₹3,500 करोड़ का GMV पार करके और ₹240 करोड़ का ऑपरेटिंग राजस्व अर्जित करके अपनी मजबूत स्थिति स्थापित की है।

  • कंपनी की वित्तीय और परिचालन दक्षता में सुधार इसे हेल्थकेयर क्षेत्र में अग्रणी बनाता है।
  • डिजिटल हेल्थकेयर को बढ़ावा देने में Practo की भूमिका महत्वपूर्ण है।

भविष्य में, Practo की रणनीतियां और इनोवेशन इसे और ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। यह न केवल मरीजों और चिकित्सकों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि हेल्थकेयर सेक्टर में क्रांति लाने में भी सहायक होगा।

Read more :Healthcare AI कंपनी Innovaccer ने जुटाए $275 मिलियन

Healthcare AI कंपनी Innovaccer ने जुटाए $275 मिलियन

Innovaccer

हेल्थकेयर AI स्टार्टअप Innovaccer Inc. ने अपने Series F फंडिंग राउंड में $275 मिलियन (लगभग ₹2,275 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड में B Capital Group, Banner Health, Danaher Ventures LLC, Generation Investment Management, Kaiser Permanente, और Microsoft की वेंचर शाखा M12 जैसे प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया।

नोएडा और सैन फ्रांसिस्को आधारित इस कंपनी ने तीन साल के अंतराल के बाद फंडिंग जुटाई है। इससे पहले, दिसंबर 2021 में Innovaccer ने $150 मिलियन की Series E फंडिंग प्राप्त की थी। अब तक, कंपनी ने कुल $675 मिलियन जुटाए हैं और वर्तमान में इसकी वैल्यूएशन $3.4 बिलियन से अधिक हो गई है।


Innovaccer फंडिंग का उपयोग और विस्तार योजनाएं

Innovaccer ने अपनी नई फंडिंग के उपयोग की योजना का खुलासा किया है। यह निवेश कंपनी की सेवाओं और तकनीकों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

  1. ग्राहकों के साथ सहयोग को बढ़ाना
    Innovaccer अपनी मौजूदा साझेदारियों को मजबूत करते हुए नई सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रही है।
  2. AI और क्लाउड क्षमताओं का विस्तार
    कंपनी नई AI क्षमताओं और क्लाउड-आधारित सेवाओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो हेल्थकेयर संगठनों के लिए फायदेमंद होंगी।
  3. डेवलपर इकोसिस्टम का निर्माण
    Innovaccer एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करेगी जहां डेवलपर्स हेल्थकेयर सॉल्यूशंस विकसित कर सकें।
  4. नई सेवाओं का इजाफा
    कंपनी ने कहा कि वह अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में को-पायलट्स और एजेंट्स को जोड़ेगी। इसमें निम्न सेवाएं शामिल होंगी:
    • उपयोग प्रबंधन (Utilization Management)
    • पूर्व प्राधिकरण (Prior Authorization)
    • क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट (Clinical Decision Support)
    • क्लिनिकल डाक्यूमेंटेशन (Clinical Documentation)
    • केयर मैनेजमेंट (Care Management)
    • कांटेक्ट सेंटर सेवाएं

Innovaccer का परिचय और उत्पाद

2014 में स्थापित, Innovaccer हेल्थकेयर संगठनों को डिजिटल समाधान प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

  • मुख्य उद्देश्य: हेल्थकेयर संगठनों को मूल्य-आधारित देखभाल (Value-based Care) कार्यक्रम संचालित करने, मरीजों के अनुभव को आधुनिक बनाने और प्रदाताओं पर प्रशासनिक भार कम करने में मदद करना।
  • प्रमुख उत्पाद: Innovaccer के सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस का उपयोग हेल्थकेयर डेटा को एकीकृत करने, विश्लेषण करने और चिकित्सकीय निर्णयों को सशक्त बनाने के लिए किया जाता है।
  • सेवाओं का दायरा: कंपनी मरीज की देखभाल, डेटा प्रबंधन, और स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाने के लिए व्यापक समाधान प्रदान करती है।

फंडिंग इतिहास और ग्रोथ ट्रैक

Innovaccer की वित्तीय यात्रा:

  1. दिसंबर 2021: $150 मिलियन की Series E फंडिंग से कंपनी यूनिकॉर्न बनी।
  2. अब तक का कुल निवेश: $675 मिलियन।
  3. वैल्यूएशन: $3.4 बिलियन से अधिक।

Innovaccer की सेवाओं का उपयोग वर्तमान में अमेरिका और अन्य वैश्विक बाजारों में बड़े पैमाने पर हो रहा है।


हेल्थकेयर AI सेक्टर में Innovaccer की स्थिति

हेल्थकेयर सेक्टर में AI और डेटा एनालिटिक्स का महत्व बढ़ रहा है। Innovaccer इस क्षेत्र में अग्रणी है:

  • डेटा एकीकरण: कंपनी हेल्थकेयर डेटा को सटीक और तेज़ी से प्रोसेस करने के लिए उपकरण प्रदान करती है।
  • मरीज-केंद्रित सेवाएं: Innovaccer की तकनीकें मरीजों को बेहतर अनुभव देने और चिकित्सकों को सटीक निर्णय लेने में मदद करती हैं।
  • वैश्विक उपस्थिति: अमेरिका के साथ-साथ अन्य बाजारों में भी Innovaccer की सेवाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

AI और हेल्थकेयर का भविष्य

Innovaccer जैसी कंपनियां हेल्थकेयर सेक्टर में डिजिटल बदलाव को बढ़ावा दे रही हैं।

  1. डेटा का प्रभावी उपयोग
    हेल्थकेयर संगठनों के पास बहुत बड़ा डेटा होता है। Innovaccer जैसी कंपनियां इस डेटा का उपयोग उपचार को बेहतर बनाने और लागत को कम करने में कर रही हैं।
  2. मरीजों के लिए लाभ
    • मरीजों को तेज़, सटीक और किफायती सेवाएं मिल रही हैं।
    • डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड्स और AI-आधारित निर्णय समर्थन से चिकित्सीय त्रुटियां कम हो रही हैं।
  3. चिकित्सकों और संगठनों के लिए लाभ
    • प्रशासनिक कार्यों का बोझ कम हुआ है।
    • स्वास्थ्य सेवाओं को कुशल और प्रभावी बनाया गया है।

Innovaccer के लिए आगे की राह

  1. तकनीकी नवाचार
    कंपनी को नई तकनीकों और सेवाओं को विकसित करते रहना होगा ताकि वह प्रतिस्पर्धा में आगे बनी रहे।
  2. वैश्विक विस्तार
    Innovaccer को अपने उत्पादों और सेवाओं को और अधिक देशों में विस्तारित करना चाहिए।
  3. मरीज-केंद्रित समाधान
    AI का उपयोग कर मरीजों की देखभाल को अधिक सटीक और व्यक्तिगत बनाना कंपनी के दीर्घकालिक विकास में मदद करेगा।
  4. IPO की संभावना
    फंडिंग और विस्तार योजनाओं के साथ Innovaccer भविष्य में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध (IPO) होने की तैयारी कर सकती है।

निष्कर्ष

Innovaccer की नई फंडिंग हेल्थकेयर AI सेक्टर में इसके प्रभाव को और मजबूत करेगी। कंपनी का लक्ष्य है कि वह तकनीक और नवाचार के जरिए हेल्थकेयर सेवाओं को अधिक सुलभ, किफायती और कुशल बनाए।

  • $275 मिलियन की फंडिंग से कंपनी को अपने विस्तार और नई सेवाओं को लॉन्च करने में मदद मिलेगी।
  • AI और क्लाउड क्षमताओं पर फोकस करके Innovaccer हेल्थकेयर में डिजिटल क्रांति लाने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।

हेल्थकेयर और तकनीक के इस संगम से आने वाले समय में मरीजों और चिकित्सकों दोनों के लिए नए अवसर और समाधान सामने आएंगे।

Read more :Waycool ने Grand Anicut से 110 करोड़ रुपये जुटा

Waycool ने Grand Anicut से 110 करोड़ रुपये जुटा

Waycool

बी2बी फूड और एग्रीटेक प्लेटफॉर्म WayCool ने अपने विस्तार और संचालन के लिए ग्रैंड एनिकट से 110 करोड़ रुपये (लगभग 13 मिलियन डॉलर) का कर्ज जुटाया है। चेन्नई स्थित इस कंपनी ने पिछले चार महीनों में दूसरी बार कर्ज के जरिए फंडिंग जुटाई है।


WayCool कर्ज जुटाने की प्रक्रिया

कंपनी के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पारित करते हुए 1,100 नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) जारी करने का निर्णय लिया है।

  • प्रत्येक डिबेंचर की कीमत: 1,00,000 रुपये
  • कुल राशि: 100 करोड़ रुपये (13 मिलियन डॉलर)
  • कर्ज का ब्याज दर: 18% सालाना
  • अतिरिक्त ब्याज: कंपनी और निवेशक के बीच सहमति से 4% अतिरिक्त ब्याज लागू होगा।
  • अवधि: 18 महीने

यह विवरण रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) में दाखिल Waycool की नियामक फाइलिंग से सामने आया है।


फंड का उपयोग

WayCool ने बताया है कि यह धनराशि सामान्य कॉर्पोरेट कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। हालांकि, उच्च ब्याज दरों और बार-बार कर्ज लेने की प्रवृत्ति यह संकेत देती है कि कंपनी को इक्विटी राउंड के लिए निवेशकों को आकर्षित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


कंपनी की पृष्ठभूमि और गतिविधियां

Waycool का परिचय

Waycool एक बी2बी फूड और एग्रीटेक प्लेटफॉर्म है, जो किसानों, वितरकों, और खुदरा विक्रेताओं के बीच आपूर्ति श्रृंखला को कुशल बनाता है।

  • स्थापना: चेन्नई में स्थित इस कंपनी की स्थापना कृषि और खाद्य आपूर्ति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
  • मुख्य सेवाएं:
    • किसानों से सीधे उत्पाद खरीदना
    • वितरकों और खुदरा विक्रेताओं तक इन उत्पादों को पहुंचाना
    • आपूर्ति श्रृंखला में तकनीकी समाधान प्रदान करना

कंपनी की विस्तार योजनाएं

Waycool का लक्ष्य है कि वह भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांति लाए और इसे और अधिक संगठित और लाभदायक बनाए।

  • डिजिटल तकनीकों का उपयोग करते हुए कंपनी आपूर्ति श्रृंखला को तेज और प्रभावी बना रही है।
  • किसानों को बाजार से जोड़ने के अलावा, यह प्लेटफॉर्म उन्हें उचित मूल्य और नई तकनीक तक पहुंच प्रदान करता है।

कर्ज का बढ़ता दबाव: संकेत और चुनौतियां

Waycool के हालिया फंडिंग दौर से कुछ महत्वपूर्ण संकेत मिलते हैं:

  1. इक्विटी फंडिंग में कठिनाई
    • कंपनी को बैक-टू-बैक कर्ज के जरिए पूंजी जुटाने की जरूरत पड़ रही है।
    • उच्च ब्याज दर (18% + 4%) से संकेत मिलता है कि Waycool को तुरंत धन की आवश्यकता है।
  2. उच्च ब्याज दर का प्रभाव
    • 18 महीने की छोटी अवधि में इतनी ऊंची ब्याज दर कंपनी के मुनाफे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
    • यह वित्तीय दबाव Waycool की दीर्घकालिक योजनाओं को प्रभावित कर सकता है।
  3. व्यापार मॉडल पर दबाव
    • Waycool का बिजनेस मॉडल किसानों और खुदरा विक्रेताओं को जोड़ने पर आधारित है।
    • लेकिन लगातार कर्ज लेने से संकेत मिलता है कि कंपनी को अपने परिचालन खर्चों को संतुलित करने में चुनौतियां आ रही हैं।

एग्रीटेक सेक्टर में फंडिंग की स्थिति

बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारत में एग्रीटेक कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। नए खिलाड़ी और टेक्नोलॉजी-फोकस्ड स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।

  • बड़े प्लेटफॉर्म्स जैसे DeHaat, Ninjacart पहले से बाजार में मजबूत उपस्थिति बनाए हुए हैं।
  • Waycool को इन कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अधिक पूंजी और बेहतर रणनीतियों की आवश्यकता है।

फंडिंग के बदलते रुझान

2024 में, निवेशक एग्रीटेक सेक्टर में अधिक सतर्क हो गए हैं।

  • इक्विटी फंडिंग की गति धीमी हुई है।
  • निवेशक अब उन कंपनियों में निवेश करने को प्राथमिकता दे रहे हैं जो पहले से लाभदायक हैं या मजबूत विकास पथ पर हैं।

Waycool के लिए आगे की राह

वित्तीय संरचना को मजबूत करना

कंपनी को उच्च ब्याज दर के कर्ज से बचने के लिए इक्विटी निवेशकों को आकर्षित करने की आवश्यकता है।

  • उद्यम पूंजी: Waycool को बड़े निवेशकों और फंड्स से संपर्क करना चाहिए।
  • संस्थागत निवेशक: लंबे समय तक सहयोग देने वाले निवेशकों पर फोकस करना चाहिए।

नवाचार और तकनीकी समाधान

Waycool को अपनी सेवाओं और उत्पादों में नवाचार करना होगा ताकि यह प्रतिस्पर्धा में बने रहे।

  • डिजिटल समाधान: किसानों और खुदरा विक्रेताओं के लिए नए और प्रभावी तकनीकी टूल्स विकसित करने होंगे।
  • डेटा एनालिटिक्स: आपूर्ति श्रृंखला के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए डेटा का उपयोग करना होगा।

पारदर्शिता और भरोसे का निर्माण

इक्विटी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कंपनी को अपनी फाइनेंशियल रिपोर्ट्स और व्यवसाय की सफलता को पारदर्शी बनाना होगा।


निष्कर्ष

Waycool ने एग्रीटेक सेक्टर में एक मजबूत पहचान बनाई है, लेकिन वित्तीय चुनौतियों को हल करना इसके लिए जरूरी हो गया है।

  • लगातार कर्ज के जरिए पूंजी जुटाना दीर्घकालिक समाधान नहीं हो सकता।
  • कंपनी को अपने बिजनेस मॉडल को और अधिक लाभदायक और निवेशकों के लिए आकर्षक बनाना होगा।

अगर Waycool इन चुनौतियों को हल कर लेता है, तो यह एग्रीटेक सेक्टर में एक अग्रणी कंपनी के रूप में उभर सकता है और किसानों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला सकता है।

Read more :Integris Health ने जुटाई नई पूंजी, IPO की तैयारी में जुटी कंपनी

Integris Health ने जुटाई नई पूंजी, IPO की तैयारी में जुटी कंपनी

INTEGRIS Health

मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनी INTEGRIS Health ने प्रमुख निवेशकों के समूह से नई पूंजी जुटाई है। इन निवेशकों में मुकुल अग्रवाल और इंडिया SME फंड शामिल हैं। कंपनी को पहले से ही एवरस्टोन कैपिटल का समर्थन प्राप्त है।


INTEGRIS Health निवेश का उद्देश्य

INTEGRIS Health ने बताया कि इस पूंजी का उपयोग कंपनी के विस्तार और नए क्षेत्रों में प्रवेश के लिए किया जाएगा।

  1. नए थेरेप्यूटिक एरिया में विस्तार:
    • इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स (IVD)
    • लैबोरेटरी सॉल्यूशन्स
  2. रणनीतिक अधिग्रहण और इन-हाउस प्रोडक्ट डिवेलपमेंट
    • कंपनी अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत करने और नए नवाचार लाने के लिए रणनीतिक अधिग्रहण करेगी।
    • साथ ही, कंपनी की योजना है कि वह खुद के रिसर्च और डिवेलपमेंट के जरिए नई तकनीकों का विकास करे।

नई नेतृत्व टीम और भविष्य की रणनीति

नए सीईओ की नियुक्ति

2024 में, इंटीग्रिस हेल्थ ने प्रोबीर दास को अपना नया सीईओ नियुक्त किया।

  • प्रोबीर दास को हेल्थकेयर और मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री में दशकों का अनुभव है।
  • उनका प्राथमिक फोकस कंपनी की ग्रोथ रणनीतियों को लागू करना और इंटीग्रिस को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाना है।

IPO की तैयारी

कंपनी ने घोषणा की है कि वह 2025 के अंत तक पब्लिक लिस्टिंग की योजना बना रही है।

  • इस लक्ष्य के लिए IPO की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
  • सार्वजनिक लिस्टिंग से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार और अनुसंधान में किया जाएगा।

कंपनी की पृष्ठभूमि और स्थापना

स्थापना और संस्थापक

इंटीग्रिस हेल्थ की स्थापना 2008 में गुरमीत सिंह चुग द्वारा की गई थी।

  • कंपनी की शुरुआत मेडिकल डिवाइस निर्माण और वितरण के क्षेत्र में हुई।
  • शुरुआती वर्षों में, कंपनी ने इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, कार्डियोवैस्कुलर और वैस्कुलर सर्जरी जैसे क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता विकसित की।

विस्तार और वैश्विक उपस्थिति

आज, इंटीग्रिस हेल्थ एक पूरी तरह से एकीकृत कंपनी है, जो उत्पाद विकास, निर्माण, और बिक्री-वितरण में सक्रिय है।

  • उत्पादन इकाइयां: जर्मनी, नीदरलैंड्स और भारत में हैं।
  • बिक्री का दायरा: कंपनी 50 से अधिक देशों में अपनी सेवाएं देती है।

तकनीकी और नवाचार पर जोर

कंपनी का मुख्य फोकस उच्च गुणवत्ता वाले मेडिकल डिवाइस का उत्पादन करना है, जो मरीजों और चिकित्सकों की जरूरतों को पूरा कर सके।


विस्तार के क्षेत्र और योजनाएं

इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स और लैब सॉल्यूशन्स

इंटीग्रिस हेल्थ इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स (IVD) क्षेत्र में कदम रखकर अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहती है।

  • यह क्षेत्र वर्तमान में हेल्थकेयर इंडस्ट्री में तेजी से बढ़ रहा है।
  • कंपनी इस सेगमेंट में अत्याधुनिक तकनीक और समाधान पेश करने की योजना बना रही है।

रणनीतिक अधिग्रहण

कंपनी ने संकेत दिया है कि वह कुछ महत्वपूर्ण अधिग्रहण करेगी, जो उसके प्रोडक्ट लाइन और बाजार पहुंच को और मजबूत करेंगे।

वैश्विक बाजार पर फोकस

इंटीग्रिस हेल्थ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

  • यूरोप, एशिया और अफ्रीका में नए वितरण चैनलों और साझेदारियों पर काम किया जा रहा है।

कंपनी की ताकत और उपलब्धियां

इंटीग्रेटेड ऑपरेशन मॉडल

इंटीग्रिस हेल्थ का सबसे बड़ा फायदा इसका एंड-टू-एंड ऑपरेशन मॉडल है, जिसमें:

  1. उत्पाद विकास
  2. निर्माण
  3. वितरण और बिक्री

ग्राहक और बाजार पर पकड़

कंपनी ने विभिन्न चिकित्सा और सर्जिकल क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता से मजबूत पकड़ बनाई है।

  • इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी
  • कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी
  • वैस्कुलर सर्जरी

50+ बाजारों में उपस्थिति

कंपनी की वैश्विक उपस्थिति इसके मजबूत वितरण नेटवर्क और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के कारण है।


मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारत में मेडिकल डिवाइस सेक्टर का विकास

भारत में हेल्थकेयर सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है, और मेडिकल डिवाइस का बाजार इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

  • सरकार की मेक इन इंडिया पहल ने इस सेक्टर को गति दी है।
  • इंटीग्रिस हेल्थ जैसी कंपनियां घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में लाभ उठा रही हैं।

तकनीकी नवाचार का महत्व

मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए नवाचार और अनुसंधान अत्यंत आवश्यक हैं।

  • इंटीग्रिस हेल्थ इस दिशा में लगातार निवेश कर रही है।

भविष्य की राह

IPO के जरिए विकास

IPO के जरिए जुटाए गए फंड का उपयोग कंपनी के विस्तार और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।

नए उत्पाद और सेवाएं

कंपनी ने संकेत दिया है कि वह आने वाले वर्षों में नए और अत्याधुनिक उत्पाद लॉन्च करेगी।

वैश्विक बाजारों में विस्तार

इंटीग्रिस हेल्थ का लक्ष्य अधिक देशों में अपनी सेवाएं प्रदान करना और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करना है।


निष्कर्ष

इंटीग्रिस हेल्थ ने अपनी फंडिंग और विस्तार योजनाओं से भारतीय मेडिकल डिवाइस सेक्टर में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत किया है।

  • कंपनी का उद्देश्य केवल व्यवसाय को बढ़ाना नहीं है, बल्कि मरीजों और चिकित्सकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले समाधान प्रदान करना भी है।
  • 2025 के IPO के साथ, इंटीग्रिस हेल्थ भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने पैर और मजबूत करेगी।

कंपनी की इस विकास यात्रा से भारतीय हेल्थकेयर इंडस्ट्री में एक नई ऊर्जा और नवाचार की लहर देखने को मिलेगी।

Read more :केरल की Beyond Snack ब्रांड ने $8.3 मिलियन जुटाए

केरल की Beyond Snack ब्रांड ने $8.3 मिलियन जुटाए,

Beyond Snack

केरल स्थित Beyond Snack, जो अपने प्रीमियम केले के चिप्स के लिए जानी जाती है, ने $8.3 मिलियन (लगभग ₹68.8 करोड़) की फंडिंग जुटाई है। यह फंडिंग 12 फ्लैग्स ग्रुप के नेतृत्व में हुई, जो उपभोक्ता व्यवसायों पर केंद्रित एक फंड है और जिसे रेकिट बेंकिज़र के पूर्व सीईओ राकेश कपूर ने स्थापित किया है।


Beyond Snack निवेश में किसने किया योगदान

मौजूदा और नए निवेशक

इस दौर में Beyond Snack के मौजूदा निवेशक नैब वेंचर्स ने भी भाग लिया और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। इसके अलावा,

  • जापानी वेंचर कैपिटल फर्म एनरिशन इंडिया कैपिटल
  • फाड नेटवर्क और अन्य मौजूदा निवेशकों ने भी फंडिंग में योगदान दिया।

पिछले निवेश

जुलाई 2023 में, बियॉन्ड स्नैक ने अपने प्री-सीरीज़ ए राउंड में $3.5 मिलियन जुटाए थे, जो मुख्य रूप से नैबवेंचर्स फंड से प्राप्त हुआ था।


फंड का उपयोग

विस्तार और नवाचार

इस फंडिंग का उपयोग कंपनी के विभिन्न पहलुओं को मजबूत करने में किया जाएगा, जैसे:

  1. नए बाजारों में विस्तार: बियॉन्ड स्नैक भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने बाजार का दायरा बढ़ाना चाहता है।
  2. उत्पाद नवाचार: कंपनी ने बताया कि वह अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में नई और अनोखी स्वादों की पेशकश करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  3. सप्लाई चेन को मजबूत करना: कंपनी अपनी आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करके ग्राहकों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना चाहती है।

बियॉन्ड स्नैक के पीछे की कहानी

संस्थापक और शुरुआत

बियॉन्ड स्नैक की स्थापना मनस मधु, ज्योति राजगुरु और गौतम रघुरामन ने की थी।

  • यह एक प्लांट-बेस्ड स्नैक्स ब्रांड है, जो बिना किसी कृत्रिम रंगों और फ्लेवर के केले के चिप्स का उत्पादन करता है।
  • कंपनी के उत्पाद स्वस्थ, स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता वाले माने जाते हैं।

उत्पाद की विशेषता

बियॉन्ड स्नैक के केले के चिप्स अपनी पारंपरिक विधि और उच्चतम गुणवत्ता के लिए मशहूर हैं।

  • कोई प्रिजर्वेटिव नहीं
  • विविध फ्लेवर विकल्प
  • सस्टेनेबल और नैचुरल सामग्री का उपयोग

अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपस्थिति

12 देशों में ब्रांड की उपस्थिति

बियॉन्ड स्नैक ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से अपनी पहचान बनाई है।

  • वर्तमान में यह 12 देशों में अपने उत्पाद उपलब्ध करा रहा है।
  • कंपनी उन नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों का पता लगा रही है, जहां उनके उत्पादों की मजबूत मांग है।

ग्लोबल फुटप्रिंट का विस्तार

नए फंडिंग के साथ, बियॉन्ड स्नैक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में और भी आक्रामक तरीके से विस्तार करने की योजना बना रहा है।


भारतीय स्नैक इंडस्ट्री में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

फिटनेस और स्वास्थ्य पर जोर

आज के समय में उपभोक्ता स्वस्थ और पौष्टिक स्नैक्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

  • बियॉन्ड स्नैक इस बदलते रुझान का लाभ उठाने में सफल रहा है।
  • इसके केले के चिप्स प्लांट-बेस्ड डाइट के बढ़ते क्रेज को पूरा करते हैं।

अन्य प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स

भारत में अन्य ब्रांड भी स्नैक सेगमेंट में सक्रिय हैं, लेकिन बियॉन्ड स्नैक की गुणवत्ता और उत्पाद की विशेषताएं इसे प्रतियोगिता से अलग बनाती हैं।


कंपनी की विकास यात्रा

तेजी से बढ़ता कारोबार

बियॉन्ड स्नैक ने अपने लॉन्च के बाद से ही तेजी से वृद्धि दर्ज की है।

  • प्रीमियम स्नैक्स सेगमेंट में कंपनी ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जगह बनाई है।
  • इसके उत्पादों की मांग हर महीने लगातार बढ़ रही है।

ग्राहक विश्वास

कंपनी का मानना है कि उनके उत्पादों की गुणवत्ता और स्वाद ने ग्राहकों का विश्वास जीता है।


भविष्य की योजनाएं

नए उत्पाद और फ्लेवर

कंपनी ने घोषणा की है कि वह आने वाले महीनों में नए फ्लेवर और उत्पाद लॉन्च करेगी।

स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी

बियॉन्ड स्नैक अधिक देशों में अपने वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए नई साझेदारियों पर विचार कर रहा है।

स्वास्थ्य और स्थिरता पर ध्यान

कंपनी का लक्ष्य अपने उत्पादों को और अधिक पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यवर्धक बनाना है।


निष्कर्ष

बियॉन्ड स्नैक ने $8.3 मिलियन की फंडिंग जुटाकर अपने विस्तार और नवाचार की योजनाओं को मजबूती दी है।

  • कंपनी की प्लांट-बेस्ड हेल्दी स्नैक्स की पेशकश ने इसे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक भरोसेमंद ब्रांड बना दिया है।
  • आने वाले वर्षों में, बियॉन्ड स्नैक का उद्देश्य नए बाजारों में प्रवेश करना और अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को और अधिक विविध बनाना है।

इस फंडिंग के साथ, बियॉन्ड स्नैक की विकास यात्रा को नई गति मिलेगी और यह ब्रांड भारतीय स्नैक इंडस्ट्री में अपनी अग्रणी स्थिति को और भी मजबूत करेगा।

Read more :Infinity Fincorp Solutions ने जुटाए $35 मिलियन