भारत की प्रमुख क्विक कॉमर्स स्टार्टअप Zepto ने अब अपने IPO (Initial Public Offering) की योजना को 2026 तक स्थगित कर दिया है। पहले कंपनी के सह-संस्थापक और CEO आदित पालिचा ने 2025 में IPO लाने की बात कही थी, लेकिन अब आंतरिक समीक्षा के बाद कंपनी ने इसे एक साल आगे खिसका दिया है।
👉 Moneycontrol की एक रिपोर्ट के अनुसार, Zepto आने वाले महीनों में भले ही अपना DRHP (Draft Red Herring Prospectus) दाखिल कर दे, लेकिन 2025 में लिस्टिंग अब लगभग असंभव मानी जा रही है।
📉 क्यों टला IPO?
Zepto के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कंपनी इस वक्त अपने वित्तीय आँकड़ों को मजबूत करने में लगी है। मौजूदा समय में:
- कंपनी का कैश बर्न (नकदी खर्च) ज़्यादा है
- मुनाफे की स्थिति तक पहुँचने में अभी वक्त लगेगा
- पब्लिक मार्केट में एंट्री से पहले ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार ज़रूरी है
इसलिए कंपनी ने IPO की जल्दबाज़ी न करते हुए मजबूत वित्तीय प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया है।
🔁 पहले भी बदली जा चुकी है IPO टाइमलाइन
Zepto ने 2023 और 2024 में भी अपने IPO की समय-सीमा को कई बार संशोधित किया था। पहले जहां लिस्टिंग 2024 के अंत तक मानी जा रही थी, बाद में इसे 2025 बताया गया, और अब 2026 तक के लिए टाल दिया गया है।
📌 यह इंडिकेशन देता है कि स्टार्टअप सेक्टर में निवेशकों का भरोसा अब सिर्फ ग्रोथ नहीं, बल्कि मुनाफे और स्थायित्व पर भी निर्भर है।
🏚️ Zepto Café: छोटे शहरों में बंद हुए कई यूनिट्स
Zepto की फूड सर्विस यूनिट Zepto Café को भी बड़े झटके लगे हैं। उत्तर भारत के कई छोटे शहरों जैसे:
- आगरा
- चंडीगढ़
- मेरठ
- मोहाली
- अमृतसर
…में लगभग 44 कैफे अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। इन बंदियों से 400 से अधिक कर्मचारियों की नौकरियां प्रभावित हुई हैं।
📊 खर्च की बड़ी चुनौती
रिपोर्टों के मुताबिक, Zepto पिछले साल के अंत में हर महीने ₹250 करोड़ से ₹300 करोड़ तक खर्च कर रही थी। यह खर्च कंपनी के तेज़ी से विस्तार और ऑपरेशनल खर्च की वजह से हो रहा था, जिसमें वेयरहाउस, डिलीवरी, राइडर इनसेंटिव्स और कैफे यूनिट्स शामिल हैं।
💸 नया फाइनेंसिंग प्लान: ₹1,500 करोड़ की डेब्ट डील
IPO से पहले कंपनी अपने भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसी उद्देश्य से Zepto:
- Edelweiss Alternative Asset और अन्य निवेशकों के साथ मिलकर
- करीब ₹1,500 करोड़ (लगभग $175 मिलियन) की structured debt deal फाइनल कर रही है
इस फंड का उपयोग कंपनी अपने विदेशी निवेशकों से शेयर वापस खरीदने (Buyback) के लिए करेगी। इससे IPO से पहले कंपनी में भारतीय हिस्सेदारी को बढ़ाया जा सकेगा, जो सेबी के नियमों के तहत फायदेमंद माना जाता है।
🔍 Zepto का परिचय: तेज़ डिलीवरी की पहचान
Zepto की शुरुआत 2021 में आदित पालिचा और कौशल वार्धन ने की थी। मात्र 10 मिनट में ग्रोसरी और डेली नीड्स की डिलीवरी ने इस स्टार्टअप को तेजी से लोकप्रिय बना दिया।
- 📍 प्रमुख शहरों में 200+ डार्क स्टोर
- 📦 ग्रॉसरी, डेयरी, फल-सब्जी और डेली यूज़ प्रोडक्ट्स
- 🛵 अत्याधुनिक सप्लाई चेन और राइडर नेटवर्क
Zepto ने Y Combinator, Glade Brook Capital, Nexus Venture Partners, और StepStone Group जैसे नामी निवेशकों से अब तक $560 मिलियन से अधिक फंडिंग जुटाई है।
📉 लेकिन मुनाफा अभी दूर…
तेज़ी से ग्रोथ के बावजूद Zepto अब भी प्रॉफिटबिलिटी से दूर है। भारी डिस्काउंट्स, प्रचार खर्च, और कैफे यूनिट्स जैसे नए एक्सपेरिमेंट्स ने लागत बढ़ा दी है।
📉 रिपोर्ट्स के अनुसार:
- अब कंपनी कैफे जैसी गैर-मूल सेवाओं को बंद कर रही है
- कोर ग्रोसरी डिलीवरी ऑपरेशंस पर फोकस बढ़ा रही है
- क्लस्टर ऑप्टिमाइज़ेशन के ज़रिए डार्क स्टोर नेटवर्क को री-ऑर्गनाइज़ किया जा रहा है
🧠 एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि Zepto का IPO टालना एक रणनीतिक कदम है:
“IPO मार्केट अब सिर्फ रेवेन्यू ग्रोथ नहीं, बल्कि प्रॉफिटेबिलिटी को भी तवज्जो दे रहा है। ऐसे में Zepto जैसे हाई-बर्न स्टार्टअप्स को खुद को स्थिर साबित करना होगा।” — Startup Analyst
🔮 आगे की रणनीति
- ✅ कैश बर्न कम करना
- ✅ प्रॉफिटबिलिटी हासिल करना
- ✅ भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाना
- ✅ 2026 तक IPO के लिए तैयारी पूरी करना
Zepto यदि इन मोर्चों पर सफल रहता है, तो 2026 में इसका IPO भारत के सबसे चर्चित टेक लिस्टिंग्स में से एक बन सकता है।
📌 निष्कर्ष
Zepto की कहानी भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की एक झलक पेश करती है—जहां गति ज़रूरी है, लेकिन स्थिरता और मुनाफा अब निवेशकों की पहली प्राथमिकता बन चुके हैं।
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