B2B e-commerce unicorn Zetwerk ने Rs 541 करोड़ का नया ESOP प्लान लॉन्च किया

Zetwerk

बेंगलुरु स्थित बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न Zetwerk ने अपने 2018 के कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ESOP) में Rs 541 करोड़ (लगभग $64 मिलियन) का नया स्टॉक ऑप्शन जोड़ा है। यह इस वर्ष की पहली ESOP विस्तार पहल है।


Zetwerk के ESOP विस्तार की घोषणा

Zetwerk के बोर्ड ने ESOP प्लान 2018 में संशोधन को मंजूरी दी है, जिसमें 1,25,03,900 नए स्टॉक ऑप्शन शामिल किए गए हैं। कंपनी द्वारा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ में दर्ज की गई नियामक फाइलिंग में इस विकास की पुष्टि हुई है।

  • कर्मचारियों के लिए लाभ:
    हर नया ESOP ऑप्शन इक्विटी शेयरों में परिवर्तित किया जाएगा।
    • अनुमान के अनुसार, इन नए ESOP ऑप्शन की कुल मूल्य Rs 541 करोड़ है।

ESOP पूल में 90% का इजाफा

Zetwerk के ESOP पूल में यह बड़ा विस्तार है।

  • नए ESOP जोड़ने के बाद, कंपनी का कुल ESOP पूल अब Rs 1,145 करोड़ या $136 मिलियन तक पहुंच गया है।
  • कुल स्टॉक ऑप्शन: अब कुल 2,64,64,418 स्टॉक ऑप्शन शामिल हैं।
  • यह Zetwerk के ESOP पूल में 90% की वृद्धि को दर्शाता है।

Zetwerk की हालिया फंडिंग और वैल्यूएशन

ESOP विस्तार के ठीक बाद, Zetwerk ने हाल ही में $90 मिलियन की फंडिंग जुटाई।

  • इस फंडिंग का नेतृत्व Khosla Ventures ने किया, जिसमें The Schiehallion Fund ने भी भाग लिया।
  • फंडिंग के बाद कंपनी की वैल्यूएशन $3.1 बिलियन हो गई।

यह विकास दर्शाता है कि Zetwerk अपने कर्मचारियों और व्यवसाय के विस्तार को प्राथमिकता दे रहा है।


Zetwerk का परिचय

Zetwerk भारत के सबसे सफल B2B ई-कॉमर्स स्टार्टअप्स में से एक है।

  • यह उद्योग-से-उद्योग (industrial-to-industrial) सॉल्यूशंस प्रदान करता है।
  • Zetwerk मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन को सुव्यवस्थित करता है, जिससे कंपनियों को कुशलता से उत्पादन और आपूर्ति की सुविधा मिलती है।

कर्मचारियों के लिए ESOP का महत्व

ESOP कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें कंपनी की विकास यात्रा का हिस्सा बनाने का एक माध्यम है।

  • आर्थिक लाभ: कर्मचारियों को कंपनी के शेयरों के मालिक होने का मौका मिलता है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ होता है।
  • लंबी अवधि का जुड़ाव: यह कर्मचारियों को कंपनी के साथ लंबे समय तक जुड़े रहने के लिए प्रेरित करता है।
  • Zetwerk का दृष्टिकोण: कंपनी अपने कर्मचारियों को न केवल काम का माहौल बल्कि वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान कर रही है।

Zetwerk की विकास यात्रा

Zetwerk ने कुछ वर्षों में तेजी से विकास किया है:

  1. शुरुआत और वैल्यूएशन:
    • कंपनी की शुरुआत 2018 में हुई थी।
    • आज यह $3.1 बिलियन की यूनिकॉर्न कंपनी बन चुकी है।
  2. फंडिंग और विस्तार:
    • Zetwerk ने कई फंडिंग राउंड में निवेश प्राप्त किया है।
    • हाल ही में $90 मिलियन जुटाने के बाद, कंपनी के पास विकास के लिए और अधिक संसाधन उपलब्ध हैं।
  3. मजबूत नेटवर्क:
    • Zetwerk के पास वैश्विक स्तर पर मजबूत सप्लाई चेन और पार्टनरशिप है।

B2B ई-कॉमर्स क्षेत्र में Zetwerk का प्रभाव

Zetwerk भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है।

  • कुशल समाधान: Zetwerk ने उद्योगों के बीच माल की खरीद और आपूर्ति को आसान बनाया है।
  • डिजिटल इंटीग्रेशन: डिजिटल तकनीकों का उपयोग करते हुए, Zetwerk व्यवसायों के लिए कुशल उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला का प्रबंधन करता है।
  • वैश्विक विस्तार: Zetwerk का फोकस अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर है, जिससे यह भारतीय B2B ई-कॉमर्स सेक्टर का प्रतिनिधित्व करता है।

Zetwerk का भविष्य

कंपनी की वर्तमान योजनाओं और रणनीतियों को देखते हुए, इसका भविष्य उज्ज्वल दिखता है।

  1. कर्मचारी सशक्तिकरण:
    • ESOP योजनाएं कर्मचारियों को सशक्त बनाने में मदद करेंगी।
  2. वैश्विक विस्तार:
    • Zetwerk अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत करेगा।
  3. तकनीकी नवाचार:
    • कंपनी नई तकनीकों को अपनाकर अपने प्लेटफॉर्म को और उन्नत बनाएगी।

निष्कर्ष

Zetwerk का Rs 541 करोड़ का नया ESOP विस्तार न केवल इसके कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अवसर है, बल्कि यह कंपनी के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।

  • यह पहल कर्मचारियों को कंपनी के साथ अधिक गहराई से जोड़ने और उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
  • भारतीय B2B ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में Zetwerk की सफलता अन्य स्टार्टअप्स के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

आने वाले वर्षों में, Zetwerk का विकास और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने की संभावना है, जिससे यह भारतीय उद्योग जगत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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Canada कंपनी Una Software ने C$7.5 मिलियन की फंडिंग जुटाई

Una Software

टोरंटो: टोरंटो, कनाडा स्थित आधुनिक प्लानिंग प्लेटफ़ॉर्म Una Software ने हाल ही में C$7.5 मिलियन (लगभग ₹45 करोड़) की फंडिंग जुटाई है। हालांकि, इस निवेश दौर में भाग लेने वाले निवेशकों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।

Una Software का उद्देश्य इस फंड का उपयोग अपने उत्पादों में नवाचार करने, टीम का विस्तार करने और वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति तेज़ी से बढ़ाने के लिए करना है।


Una Software: कंपनी का परिचय

Una Software एक आधुनिक परफ़ॉर्मेंस प्लानिंग प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे विशेष रूप से व्यवसायों को उनके परफ़ॉर्मेंस लक्ष्यों को हासिल करने और बदलते बाज़ार की परिस्थितियों के अनुसार अनुकूलित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

नेतृत्व:

कंपनी के सीईओ क्लेटन रामनरीन के नेतृत्व में, Una Software व्यवसायों को Performance Planning सेवाएं प्रदान करता है, जो कंपनियों को निरंतर बदलते कारोबारी परिवेश में बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।

मुख्य सेवाएं:

Una Software की सेवाएं विशेष रूप से निम्नलिखित पर केंद्रित हैं:

  1. डायनामिक FP&A सॉफ़्टवेयर (Financial Planning and Analysis):
    • वास्तविक समय में वित्तीय योजना और विश्लेषण।
    • कंपनियों को अपने राजस्व और संसाधनों का कुशल प्रबंधन करने में मदद।
  2. रेवेन्यू इंटेलिजेंस क्षमताएं:
    • सटीक राजस्व पूर्वानुमान।
    • उन्नत प्लानिंग टूल के माध्यम से संसाधन आवंटन।
  3. जवाबदेही सुनिश्चित करना:
    • एम्बेडेड टूल्स के माध्यम से कर्मचारी और टीम की जवाबदेही।
    • जिम्मेदार ग्रोथ और कॉर्पोरेट परफ़ॉर्मेंस में सुधार।

Performance Planning: Una का महत्वपूर्ण लॉन्च

Una Software ने हाल ही में Performance Planning लॉन्च किया, जो कंपनी के विकास में एक बड़ी उपलब्धि है।

Performance Planning के फायदे:

  • व्यावसायिक स्थिरता:
    बदलते आर्थिक और बाजार परिदृश्यों में कंपनियों को तेजी से निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
  • सटीक पूर्वानुमान:
    व्यवसायों को सटीक राजस्व पूर्वानुमान प्राप्त करने में मदद करता है।
  • प्रभावी संसाधन आवंटन:
    संसाधनों का सही ढंग से आवंटन करने में सहायता।
  • लंबी अवधि की रणनीतियां:
    कंपनियों को दीर्घकालिक वित्तीय योजनाओं और उन्नति रणनीतियों को तैयार करने में मदद।

Una Software का यह कदम इसे एक व्यापक वित्तीय योजना प्लेटफ़ॉर्म के रूप में स्थापित करता है।


फंडिंग के उपयोग के मुख्य उद्देश्य

Una Software ने स्पष्ट किया है कि यह नया निवेश कंपनी के लिए निम्नलिखित कार्यों को प्राथमिकता देगा:

  1. उत्पाद नवाचार:
    • नई और उन्नत सुविधाएं विकसित करना।
    • ग्राहकों की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए टूल्स को अपग्रेड करना।
  2. टीम का विस्तार:
    • नई प्रतिभाओं को जोड़कर अपनी टीम को मजबूत करना।
    • विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञों की भर्ती।
  3. वैश्विक बाजार में विस्तार:
    • नए बाजारों में प्रवेश करना।
    • अपनी सेवाओं को वैश्विक ग्राहकों तक पहुंचाना।

Una Software के उत्पाद: व्यवसायों के लिए समाधान

Una Software अपने ग्राहकों को आधुनिक क्लाउड-आधारित सॉफ़्टवेयर प्रदान करता है, जो व्यवसाय संचालन में दक्षता लाने में मदद करता है। इसके उत्पाद व्यवसायों के वित्तीय और रणनीतिक निर्णयों को सशक्त बनाते हैं।

मुख्य विशेषताएं:

  • इंटीग्रेटेड टूल्स:
    Una का प्लेटफ़ॉर्म राजस्व अंतर्दृष्टि और उन्नत योजना टूल को एकीकृत करता है।
  • डिजिटल-फर्स्ट दृष्टिकोण:
    Una Software व्यवसायों को डिजिटल-फर्स्ट रणनीतियों के माध्यम से उच्च परफ़ॉर्मेंस प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
  • उपयोगकर्ता के अनुकूल:
    इसका डिज़ाइन सरल और उपयोगकर्ता के लिए सहज है।

वैश्विक बाजार में संभावनाएं

बढ़ती मांग:

  • वैश्विक स्तर पर, क्लाउड-आधारित वित्तीय योजना उपकरणों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
  • व्यवसाय अधिक से अधिक डेटा-संचालित निर्णय लेने के लिए उन्नत सॉफ़्टवेयर पर निर्भर हो रहे हैं।

Una Software की स्थिति:

  • Una Software ने अपने नवाचार और तकनीकी समाधान के कारण वैश्विक बाजार में अच्छी पहचान बनाई है।
  • इसके ग्राहक आधार में बड़ी कंपनियों के साथ-साथ स्टार्टअप्स भी शामिल हैं।

चुनौतियां:

  • इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जिसमें कई स्थापित खिलाड़ी पहले से ही मौजूद हैं।
  • Una Software को अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने के लिए नवाचार और ग्राहक संतुष्टि पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

निष्कर्ष: Una Software का भविष्य

Una Software का C$7.5 मिलियन की फंडिंग प्राप्त करना कंपनी के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

सकारात्मक पहलू:

  • यह निवेश कंपनी को अपने उत्पादों को और बेहतर बनाने और वैश्विक स्तर पर विस्तार करने का अवसर देगा।
  • कंपनी का Performance Planning समाधान व्यवसायों को स्थिरता और सटीकता के साथ काम करने में मदद करेगा।

संभावनाएं और चुनौतियां:

  • यदि Una Software अपने उत्पादों और सेवाओं में लगातार नवाचार करता है, तो यह अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे रह सकता है।
  • वैश्विक बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए Una को अपने ग्राहकों के लिए निरंतर मूल्य जोड़ते रहना होगा।

Una Software का यह कदम न केवल कंपनी के लिए बल्कि व्यवसायों के लिए भी एक सकारात्मक बदलाव लाने का वादा करता है।

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Workspace provider IndiQube ने IPO के लिए DRHP दाखिल किया

IndiQube

बेंगलुरु: वर्कस्पेस समाधान प्रदान करने वाली अग्रणी कंपनी IndiQube ने मंगलवार को अपनी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास दाखिल की है। यह कदम कंपनी के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


IPO का विवरण

IndiQube के IPO में शामिल हैं:

  1. फ्रेश इक्विटी शेयर:
    कंपनी 750 करोड़ रुपये (लगभग $89 मिलियन) के फ्रेश इक्विटी शेयर जारी करेगी।
  2. ऑफर फॉर सेल (OFS):
    कुल 100 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर OFS के तहत पेश किए जाएंगे।

OFS में संस्थापक की भागीदारी:

  • Co-founders ऋषि दास और मेघना अग्रवाल प्रत्येक अपने-अपने 50 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे।
  • बाहरी शेयरधारक इस OFS में भाग नहीं ले रहे हैं, जो संस्थापकों की प्रमुख भूमिका को दर्शाता है।

IndiQube के प्रमुख शेयरधारक

DRHP के अनुसार, IndiQube के वर्तमान शेयरधारक और उनकी हिस्सेदारी इस प्रकार है:

शेयरधारकहिस्सेदारी (%)
अंशुमान दास25.32%
अरावली इन्वेस्टमेंट होल्डिंग22.07%
वेस्टब्रिज कैपिटल5.79%
केयरनेट टेक्नोलॉजीज5.15%
हायरप्रो कंसल्टिंग2.15%
संस्थापक (ऋषि दास और मेघना अग्रवाल)37.92%

यह आंकड़े संस्थापकों और अन्य बड़े निवेशकों के बीच कंपनी के नियंत्रण और भागीदारी को दर्शाते हैं।


IndiQube का IPO प्रबंधन

IndiQube के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सूचीबद्ध किए जाएंगे।

लीड मैनेजर:

IPO को ICICI सिक्योरिटीज लिमिटेड और JM फाइनेंशियल द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।


IndiQube: एक परिचय

IndiQube भारत में वर्कस्पेस समाधान प्रदान करने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक है। यह छोटे और बड़े व्यवसायों के लिए लचीले और अनुकूलित ऑफिस स्पेस प्रदान करता है।

सेवाओं की प्रमुख विशेषताएं:

  1. लचीले वर्कस्पेस:
    स्टार्टअप्स और बड़े संगठनों के लिए वर्कस्पेस डिजाइन और प्रबंधन।
  2. तकनीकी समाधान:
    डिजिटल वर्कस्पेस मैनेजमेंट, IoT-इनेबल्ड ऑफिस स्पेस, और अन्य आधुनिक तकनीकी सुविधाएं।
  3. ग्राहक-केंद्रित सेवाएं:
    ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार अनुकूलित सेवाएं, जिसमें ऑफिस डिजाइन, हाउसकीपिंग, और कैफेटेरिया प्रबंधन शामिल हैं।

बाजार में स्थिति:

IndiQube ने विभिन्न प्रमुख भारतीय शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है और वर्तमान में हाइब्रिड वर्क मॉडल की बढ़ती मांग का लाभ उठा रहा है।


IPO का उद्देश्य

IndiQube द्वारा IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग मुख्यतः निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाएगा:

  1. बिजनेस विस्तार:
    नए शहरों और क्षेत्रों में अपनी सेवाएं शुरू करना।
  2. तकनीकी उन्नति:
    अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑफिस प्रबंधन समाधानों को और अधिक उन्नत करना।
  3. सामान्य कॉर्पोरेट आवश्यकताएं:
    संचालन और अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए।

भारत में वर्कस्पेस सॉल्यूशंस का भविष्य

बढ़ती मांग:

  • हाइब्रिड वर्क मॉडल और को-वर्किंग स्पेस की बढ़ती मांग ने वर्कस्पेस सॉल्यूशंस क्षेत्र में उछाल ला दिया है।
  • छोटे और मध्यम व्यवसायों के साथ-साथ बड़ी कंपनियां भी लचीले वर्कस्पेस समाधान तलाश रही हैं।

प्रतिस्पर्धा:

IndiQube को WeWork, Awfis, और 91Springboard जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।

संभावनाएं:

  • भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और तकनीकी उन्नति के कारण इस बाजार में अपार संभावनाएं हैं।
  • नई कंपनियों और स्टार्टअप्स के बढ़ते निवेश से वर्कस्पेस सॉल्यूशंस का बाजार और भी मजबूत होगा।

संस्थापकों की भूमिका और भागीदारी

IndiQube के संस्थापक ऋषि दास और मेघना अग्रवाल का इस IPO में महत्वपूर्ण योगदान है।

  • उनकी भागीदारी कंपनी की स्थिरता और भविष्य की रणनीतियों पर भरोसे को दर्शाती है।
  • उनकी लीडरशिप और अनुभव ने IndiQube को भारतीय बाजार में एक प्रमुख स्थान पर स्थापित किया है।

निष्कर्ष: IPO का महत्व

IndiQube का IPO कंपनी के भविष्य की योजनाओं और बाजार विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

  • सकारात्मक पहलू:
    IPO के जरिए जुटाए गए फंड से कंपनी को अपने ऑपरेशंस और प्रौद्योगिकी में सुधार करने का अवसर मिलेगा।
  • संभावित चुनौतियां:
    बाजार में प्रतिस्पर्धा और वर्तमान आर्थिक परिस्थितियां।

IndiQube की यह पहल न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारतीय वर्कस्पेस सॉल्यूशंस क्षेत्र के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।

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Exotel

बेंगलुरु स्थित क्लाउड टेलीफोनी प्लेटफॉर्म Exotel ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में राजस्व में मामूली बढ़ोतरी के बावजूद अपने घाटे में 60% से अधिक की कमी दर्ज की है। यह सुधार रणनीतिक खर्च कटौती के जरिए हासिल किया गया, विशेष रूप से कर्मचारी लाभ और विज्ञापन खर्च में।


राजस्व में हल्की वृद्धि, घाटे में बड़ी गिरावट

Exotel का ऑपरेशनल राजस्व FY24 में 444 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जो FY23 में 420 करोड़ रुपये था, यानी 5.7% की वृद्धि

Exotel की आय के मुख्य स्रोत:

  1. क्लाउड-आधारित वॉयस और एसएमएस संपर्क केंद्र समाधान:
    Exotel व्यवसायों को ग्राहकों के साथ प्रभावी संचार प्रबंधन के लिए क्लाउड-आधारित सेवाएं प्रदान करता है।
  2. सॉफ़्टवेयर लाइसेंसिंग:
    कंपनी API, ब्राउज़र एक्सटेंशन, सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट किट्स (SDK), और मोबाइल ऐप जैसे उत्पाद बेचकर भी कमाई करती है।
  3. चैटबॉट और अन्य सेवाएं:
    उन्नत चैटबॉट सेवाएं भी आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

हालांकि, कंपनी ने इन सेवाओं से होने वाली आय का स्पष्ट विभाजन साझा नहीं किया।


क्षेत्रीय योगदान

Exotel का 14% व्यापार FY24 में साउथईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट, और अफ्रीका से आया।

  • कंपनी ने डिपॉजिट और निवेशों से ब्याज के रूप में 16 करोड़ रुपये जोड़े।
  • FY24 में कुल राजस्व बढ़कर 460 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23 में 447 करोड़ रुपये था।

खर्च प्रबंधन ने किया घाटे में सुधार

कंपनी के घाटे में कमी का मुख्य कारण उसके खर्च प्रबंधन में सुधार रहा।

प्रमुख खर्चों का विवरण:

  1. टेलीफोन और पोस्टेज खर्च:
    कंपनी के कुल खर्च का 39% हिस्सा टेलीफोन और पोस्टेज से संबंधित था, जो FY24 में 10.2% बढ़कर 195 करोड़ रुपये हो गया।
  2. कर्मचारी लाभ:
    Exotel ने अपने कर्मचारी लाभ खर्च में 24% की कटौती की, जो FY23 में 245 करोड़ रुपये था और FY24 में घटकर 186 करोड़ रुपये रह गया।
  3. अन्य खर्च:
    अन्य खर्चों में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई, जिससे कंपनी को वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में मदद मिली।

Exotel का परिचय और सेवाएं

Exotel एक अग्रणी क्लाउड टेलीफोनी प्लेटफॉर्म है जो व्यवसायों को वॉयस और एसएमएस आधारित समाधान प्रदान करता है।

मुख्य सेवाएं:

  1. कस्टमर एंगेजमेंट टूल्स:
    Exotel ग्राहकों के साथ बेहतर संचार प्रबंधन के लिए क्लाउड-आधारित संपर्क केंद्र समाधान देता है।
  2. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट्स:
    API और SDK जैसे टूल व्यवसायों को उनकी तकनीकी आवश्यकताओं के अनुसार समाधान विकसित करने में मदद करते हैं।
  3. चैटबॉट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेवाएं:
    Exotel के चैटबॉट और AI-आधारित समाधान ग्राहक सहायता को स्वचालित करने में मदद करते हैं।

चुनौतियां और रणनीतियां

चुनौतियां:

  1. राजस्व वृद्धि में सुस्ती:
    FY24 में केवल 5.7% की वृद्धि कंपनी के लिए धीमी प्रगति को दर्शाती है।
  2. बढ़ती प्रतिस्पर्धा:
    Knowlarity और Ozonetel जैसे प्रतिस्पर्धियों से चुनौती।

रणनीतियां:

  1. खर्च में सुधार:
    Exotel ने लागत नियंत्रण के लिए रणनीतिक कदम उठाए, जैसे कि कर्मचारियों के लाभ और विज्ञापन खर्च में कटौती।
  2. नई बाजारों में विस्तार:
    कंपनी ने साउथईस्ट एशिया और मिडिल ईस्ट जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
  3. तकनीकी नवाचार:
    उन्नत चैटबॉट और API आधारित समाधान प्रदान करना।

भारत में क्लाउड टेलीफोनी का भविष्य

विस्तार की संभावना:

भारत में क्लाउड-आधारित संचार का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और हाइब्रिड कार्य मॉडलों के बढ़ते उपयोग के कारण कंपनियां इन सेवाओं को तेजी से अपना रही हैं।

सरकारी पहल:

भारत सरकार की डिजिटल इंडिया योजना ने व्यवसायों को डिजिटल समाधान अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे क्लाउड टेलीफोनी सेवाओं की मांग बढ़ी है।

प्रतिस्पर्धात्मक लाभ:

Exotel जैसे प्लेटफॉर्म को तकनीकी नवाचार और मजबूत ग्राहक सेवाओं के साथ बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने की आवश्यकता है।


निष्कर्ष: Exotel की वित्तीय यात्रा

FY24 में Exotel ने अपने राजस्व को स्थिर रखते हुए घाटे को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

  • सकारात्मक पहलू:
    बेहतर खर्च प्रबंधन और रणनीतिक विस्तार ने कंपनी को वित्तीय स्थिरता की ओर बढ़ाया।
  • भविष्य की रणनीति:
    Exotel को अपनी राजस्व वृद्धि तेज करने और प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए नई सेवाओं और बाजारों में निवेश करना होगा।

Exotel की यह प्रगति दर्शाती है कि स्ट्रैटेजिक खर्च कटौती और नई बाजार रणनीतियों से कंपनियां चुनौतीपूर्ण वित्तीय परिस्थितियों में भी स्थिरता हासिल कर सकती हैं।

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LEAP India

मुंबई स्थित लॉजिस्टिक सॉल्यूशन स्टार्टअप LEAP India ने इस साल की अपनी पहली फंडिंग राउंड में 535 करोड़ रुपये (लगभग $63 मिलियन) जुटाए हैं। इस निवेश राउंड में प्रमुख योगदानकर्ताओं में Sixth Sense, FirstBridge India, Madhurima International, और अन्य निवेशक शामिल हैं।


LEAP India निवेश संरचना और प्रमुख निवेशक

LEAP India के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पारित करते हुए 1,16,25,000 प्रेफरेंस शेयर और 17,50,000 इक्विटी शेयर ₹400 प्रति शेयर की कीमत पर जारी करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) से प्राप्त रेगुलेटरी फाइलिंग से सामने आई है।

प्रमुख निवेशकों का योगदान:

  1. KKR (Vertical Holding): ₹333 करोड़
  2. Sixth Sense: ₹70 करोड़
  3. FirstBridge India: ₹60 करोड़
  4. Madhurima International: ₹50 करोड़
  5. Niveshaay Sambhav Fund और व्यक्तिगत निवेशकों (राकेश शाह और मधु सुधीर जैन सहित) ने शेष राशि का योगदान दिया।

फंड का उपयोग

Leap India ने बताया है कि जुटाई गई राशि का उपयोग व्यवसाय संचालन और सामान्य कॉर्पोरेट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

  • व्यवसाय विस्तार:
    फंडिंग से कंपनी अपनी लॉजिस्टिक सेवाओं को उन्नत बनाने और अपने नेटवर्क का विस्तार करने की योजना बना रही है।
  • टेक्नोलॉजी अपग्रेड:
    कंपनी लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन को और अधिक कुशल बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक में निवेश करेगी।

Leap India: कंपनी का परिचय और वर्तमान स्थिति

Leap India एक लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन सॉल्यूशन प्रदान करने वाली प्रमुख स्टार्टअप है। कंपनी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है और यह पैलेटाइजेशन, एसेट पूलिंग, और ट्रैकिंग सॉल्यूशन जैसे सेवाएं प्रदान करती है।

  • सेवाओं का दायरा:
    कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में भारत के कई प्रमुख उद्योगों, जैसे एफएमसीजी, ऑटोमोटिव, और ई-कॉमर्स, के साथ साझेदारी की है।
  • वित्तीय प्रदर्शन:
    Leap India ने हाल ही में अपने संचालन में बढ़ोतरी की है, लेकिन बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनी को व्यवसाय संचालन और पूंजी के नए स्रोत की आवश्यकता थी।

भारत में लॉजिस्टिक सेक्टर का विकास

भारत में लॉजिस्टिक सेक्टर पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से बढ़ा है।

  1. ई-कॉमर्स का प्रभाव:
    फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी कंपनियों के विस्तार से लॉजिस्टिक सेक्टर की मांग बढ़ी है।
  2. सरकारी पहल:
    प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति (NLP) जैसी सरकारी योजनाओं ने इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित किया है।
  3. तकनीकी नवाचार:
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) जैसी तकनीकों ने लॉजिस्टिक ऑपरेशंस को अधिक कुशल और लागत प्रभावी बनाया है।

Leap India की रणनीति और चुनौतियां

कंपनी की रणनीति:

  • नेटवर्क विस्तार:
    Leap India ने अपनी सेवाओं को छोटे और मझोले शहरों तक पहुंचाने की योजना बनाई है।
  • सस्टेनेबल सॉल्यूशन:
    कंपनी ने सस्टेनेबल और पर्यावरण के अनुकूल लॉजिस्टिक समाधान विकसित करने का लक्ष्य रखा है।

चुनौतियां:

  • बढ़ती प्रतिस्पर्धा:
    ब्लैकबक और डेल्हीवरी जैसी स्थापित कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना।
  • लागत प्रबंधन:
    लॉजिस्टिक ऑपरेशंस की लागत को कम करना और सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखना।

Leap India के निवेश का महत्व

इस फंडिंग राउंड के माध्यम से Leap India ने यह साबित किया है कि लॉजिस्टिक सेक्टर में नवाचार और विस्तार के लिए निवेशकों का भरोसा मजबूत है।

निवेशकों के लिए फायदेमंद अवसर:

  • लॉजिस्टिक सेक्टर का उभरता बाजार:
    भारत में लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन सेक्टर अगले 5 वर्षों में $380 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।
  • टेक्नोलॉजी ड्रिवन ऑपरेशंस:
    Leap India का ध्यान तकनीकी सुधार पर है, जो इसे प्रतिस्पर्धी बाजार में अलग बनाता है।

निष्कर्ष: Leap India का भविष्य

Leap India ने अपनी फंडिंग राउंड के माध्यम से न केवल अपने व्यवसाय को विस्तार देने की योजना बनाई है, बल्कि यह भारतीय लॉजिस्टिक सेक्टर में अपने दृढ़ स्थिति को मजबूत करने की दिशा में भी एक कदम है।

  • उद्योग के लिए संदेश:
    यह निवेश दिखाता है कि लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन सॉल्यूशन में स्थिरता, नवाचार और तकनीकी एकीकरण की कितनी अहमियत है।
  • अगले कदम:
    Leap India को अब अपने निवेशकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और बेहतर ग्राहक सेवा पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

इस फंडिंग के साथ, Leap India का लक्ष्य है भारत के लॉजिस्टिक इकोसिस्टम में नेतृत्वकारी भूमिका निभाना और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाना।

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Greaves Electric IPO के माध्यम से 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी

Greaves

Greaves इलेक्ट्रिक, जो ईवी निर्माता Ampere की पेरेंट कंपनी है, ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है। यह घोषणा सोमवार को की गई।

कंपनी इस आईपीओ के जरिए 1,000 करोड़ रुपये (लगभग $119 मिलियन) तक की धनराशि जुटाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, 18.94 करोड़ इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) भी लाने की तैयारी है।


प्रमुख विवरण: Greaves आईपीओ संरचना

फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल (OFS)

  1. फ्रेश इश्यू:
    • कंपनी ने ₹1,000 करोड़ तक की इक्विटी शेयर जारी करने का प्रस्ताव रखा है।
  2. ऑफर फॉर सेल (OFS):
    • Greaves Cotton Limited (प्रमोटर शेयरधारक) अपने 8.5% शेयर बेचने की योजना बना रहा है।
    • Abdul Latif Jameel Green Mobility Solutions DMCC (ALJ) अपने 39.54% शेयर ऑफलोड करेगा।

शेयरहोल्डिंग संरचना (OFS से पहले):

  • Greaves Cotton Limited: 62.48%
  • Abdul Latif Jameel Green Mobility Solutions: 34.44%

प्राइस बैंड और मिनिमम लॉट साइज:

  • प्राइस बैंड और न्यूनतम लॉट साइज का निर्धारण बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स के साथ परामर्श के बाद किया जाएगा।
  • लीड मैनेजर्स: Motilal Oswal, IIFL Capital, और JM Financial।

वित्तीय स्थिति और चुनौतियां

सितंबर 2024 तिमाही के नतीजे:

  • परिचालन से राजस्व: ₹302 करोड़
  • शुद्ध घाटा: ₹107 करोड़

FY24 में गिरावट:

  • FY24 में, कंपनी के राजस्व में 46% की गिरावट आई।
  • स्कूटर बिक्री: 60% तक गिरावट दर्ज की गई।
  • कंपनी का घाटा 10 गुना बढ़कर ₹215 करोड़ हो गया।
  • राजस्व और बिक्री में गिरावट ने कंपनी के विस्तार के पैमाने को गंभीर रूप से प्रभावित किया।

ईवी बाजार में अन्य खिलाड़ियों की स्थिति

Ola Electric:

  • IPO: अगस्त 2024 में Ola Electric ने ₹6,145 करोड़ जुटाए।
  • शेयर का प्राइस बैंड: ₹72-76
  • वर्तमान ट्रेडिंग प्राइस: ₹94 (11:30 AM तक)।
  • मार्केट कैपिटलाइजेशन: ₹41,488 करोड़ ($4.93 बिलियन)।

Ather Energy:

  • Ather ने ₹3,100 करोड़ के फ्रेश इश्यू के लिए DRHP दाखिल किया है।
  • कंपनी जल्द ही अपना IPO लॉन्च करने की उम्मीद कर रही है।

ईवी सेक्टर और ग्रेव्स इलेक्ट्रिक की रणनीति

बाजार में प्रतिस्पर्धा:

  • EV सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन यह बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मांग में अस्थिरता का सामना कर रहा है।
  • Ola और Ather जैसे बड़े खिलाड़ी अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में कामयाब रहे हैं।

Ampere की चुनौतियां:

  • बिक्री और राजस्व में गिरावट ने कंपनी की विकास रणनीतियों पर सवाल खड़े किए हैं।
  • FY24 के घाटे ने कंपनी की वित्तीय स्थिरता को प्रभावित किया।

IPO का उद्देश्य:

  • फ्रेश इश्यू से प्राप्त धनराशि का उपयोग व्यवसाय विस्तार, तकनीकी नवाचार, और मार्केटिंग के लिए किया जाएगा।
  • OFS के जरिए प्रमोटर्स और निवेशक अपनी हिस्सेदारी कम करके मुनाफा कमा सकते हैं।

Ampere के लिए IPO का महत्व

Ampere के IPO का उद्देश्य न केवल धन जुटाना है बल्कि अपने ब्रांड की उपस्थिति को मजबूत करना और नए निवेशकों को आकर्षित करना भी है।

  • कंपनी को अपने वित्तीय प्रदर्शन को सुधारने के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेड्स और नई प्रोडक्ट लाइन में निवेश करने की आवश्यकता होगी।
  • प्रीमियम प्राइसिंग के बावजूद Ola Electric के सफल लिस्टिंग ने दिखाया है कि बाजार में EV कंपनियों के लिए अवसर हैं, लेकिन इसे हासिल करने के लिए मजबूत वित्तीय प्रदर्शन आवश्यक है।

निष्कर्ष: EV बाजार में ग्रेव्स इलेक्ट्रिक का भविष्य

ग्रेव्स इलेक्ट्रिक का IPO न केवल कंपनी के लिए धन जुटाने का अवसर है, बल्कि यह भारतीय EV बाजार में उसकी स्थिति को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

  • हालाँकि, FY24 के खराब वित्तीय प्रदर्शन के कारण निवेशकों का भरोसा जीतना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • Ola और Ather जैसे बड़े खिलाड़ियों की सफलता इस बात का संकेत है कि मजबूत रणनीति और तकनीकी नवाचार के जरिए Ampere अपनी स्थिति को सुधार सकता है।

आने वाले समय में, EV सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सरकारी नीतियों का प्रभाव कंपनी के प्रदर्शन और निवेशकों के विश्वास पर निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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Simplilearn upskilling edtech platform ने घाटा घटाया, राजस्व में मामूली वृद्धि

Simplilearn

अपस्किलिंग-केंद्रित एडटेक प्लेटफ़ॉर्म Simplilearn (Simplilearn) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में अपने घाटे को 56% से अधिक घटा लिया। हालाँकि, कंपनी का परिचालन पैमाना (operating scale) केवल एकल-अंकीय (single-digit) वृद्धि दर्ज कर सका और लगभग स्थिर रहा।

आइए कंपनी की आय, खर्च, और घाटे को कम करने के पीछे की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा करें।


Simplilearn आय में वृद्धि के प्रमुख स्तंभ

कुल राजस्व में 9.6% की वृद्धि

Simplilearn की परिचालन आय FY23 के ₹683.98 करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹749.77 करोड़ हो गई, जो 9.6% की वृद्धि को दर्शाती है।

  • ऑनलाइन सेल्फ-लर्निंग प्रोग्राम्स ने राजस्व में बड़ा योगदान दिया, जिसमें 7.8X वृद्धि दर्ज कर ₹451.45 करोड़ की कमाई हुई।
  • लाइव वर्चुअल क्लासेस से होने वाली आय में 51.97% की गिरावट आई और यह ₹341.50 करोड़ रही।
  • इसके अतिरिक्त, ₹43.17 करोड़ की छूट (discounts) दी गई, जो कंपनी की बिक्री रणनीति का हिस्सा रही।

कुल आय

कंपनी ने ₹23 करोड़ की अतिरिक्त आय ब्याज (interest income) से अर्जित की, जिससे कुल आय ₹773 करोड़ तक पहुँच गई।

प्रशिक्षण क्षेत्र में विविधता

सिम्पलीलर्न डिजिटल अपस्किलिंग में विशेषज्ञता रखती है और यह साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करती है।

  • पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स, मास्टर्स प्रोग्राम्स, और सर्टिफिकेशन कोर्सेज इसके प्रमुख उत्पाद हैं।

खर्च में कमी: घाटे को नियंत्रित करने की कुंजी

FY24 में सिम्पलीलर्न ने अपने खर्चों को कई प्रमुख श्रेणियों में नियंत्रित किया, जिससे घाटे को 56% से अधिक कम करने में मदद मिली।

शैक्षणिक सामग्री और शिक्षक शुल्क

  • कॉस्ट ऑफ मटेरियल्स में 13.27% की कमी हुई, जो ₹183 करोड़ तक सीमित रही।
  • यह शिक्षकों और शिक्षण सामग्री पर खर्च को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने का परिणाम था।

विज्ञापन खर्च में बड़ी कटौती

  • FY23 में ₹301.6 करोड़ की तुलना में FY24 में विज्ञापन पर केवल ₹204.79 करोड़ खर्च हुए, जो 32.08% की कमी को दर्शाता है।
  • यह कंपनी की लक्षित विज्ञापन रणनीति और मार्केटिंग लागत को पुनर्गठित करने का संकेत है।

कर्मचारियों पर बढ़ा खर्च

  • कर्मचारियों के लाभ और वेतन (employee benefit costs) में 12.66% की वृद्धि हुई, जो ₹325.17 करोड़ तक पहुँच गई।
  • कंपनी ने कुशल कर्मचारियों को बनाए रखने और नए टैलेंट को जोड़ने में निवेश किया।

अमूर्त खर्चों में वृद्धि

  • डिप्रिसिएशन खर्च लगभग दोगुना हो गया और ₹69.63 करोड़ तक पहुँच गया।
  • यह तकनीकी बुनियादी ढाँचे और संपत्तियों पर किए गए नए निवेशों को दर्शाता है।

अन्य खर्च

  • अन्य खर्च ₹96.91 करोड़ रहे, जिसमें विभिन्न परिचालन गतिविधियाँ शामिल थीं।

लाइव वर्चुअल क्लासेस में गिरावट: चिंता का विषय?

लाइव वर्चुअल क्लासेस से होने वाली आय में 51.97% की गिरावट ने कंपनी की आय के इस स्रोत पर सवाल खड़े किए।

  • यह गिरावट संभवतः महामारी के बाद ऑनलाइन क्लासेस की मांग में कमी और प्रतिस्पर्धा के बढ़ते दबाव के कारण हुई।
  • हालांकि, सेल्फ-लर्निंग प्रोग्राम्स की सफलता ने इस गिरावट की भरपाई कर दी।

सिम्पलीलर्न का भविष्य और रणनीति

नवाचार और पाठ्यक्रम का विस्तार

कंपनी का ध्यान उभरते क्षेत्रों में पाठ्यक्रम जोड़ने और उद्योग-अनुकूल सर्टिफिकेशन कोर्सेज प्रदान करने पर है।

  • साइबर सिक्योरिटी और डेटा साइंस जैसे हाई-डिमांड क्षेत्रों में निवेश जारी रहेगा।

तकनीकी उन्नति

सिम्पलीलर्न का लक्ष्य उन्नत तकनीकों का उपयोग करना है, जैसे कि एआई-आधारित लर्निंग और व्यक्तिगत सीखने के अनुभव।

लागत प्रबंधन

कंपनी अपनी परिचालन लागत को नियंत्रित करने और अधिक लाभकारी क्षेत्रों में निवेश करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।


निष्कर्ष: सिम्पलीलर्न की प्रगति की राह

FY24 में सिम्पलीलर्न ने घाटे को 56% तक कम करके अपनी दक्षता साबित की है।

  • हालांकि, आय में केवल 9.6% की वृद्धि यह दिखाती है कि कंपनी को अधिक आक्रामक विकास रणनीतियों की आवश्यकता है।
  • खर्चों में कटौती और सेल्फ-लर्निंग प्रोग्राम्स की सफलता ने इसे स्थिरता की ओर बढ़ाया है।

आगे बढ़ते हुए, सिम्पलीलर्न को अपने लाइव वर्चुअल क्लासेस सेगमेंट को पुनर्जीवित करना होगा और अधिक विविधता लाने के लिए नए पाठ्यक्रम विकसित करने होंगे।
भारतीय एडटेक स्पेस में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, नवाचार और लागत प्रबंधन कंपनी के लिए सफलता की कुंजी साबित होंगे।

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Razorpay 10 साल की यात्रा में कर्मचारियों को 1 लाख रुपये के ESOP का तोहफा

Razorpay

डिजिटल पेमेंट्स और बैंकिंग सॉल्यूशंस यूनिकॉर्न Razorpay ने अपनी 10वीं वर्षगांठ पर सभी मौजूदा कर्मचारियों को 1 लाख रुपये के ESOP (Employee Stock Ownership Plan) देने की घोषणा की है। यह पहल कंपनी की उन कई ESOP योजनाओं में से एक है, जो 2018 से लेकर अब तक कर्मचारियों को उनके योगदान के लिए पुरस्कृत करती रही है।


Razorpay 2018 से 2024 तक: ESOP की यात्रा

Razorpay ने अपनी पहली ESOP बायबैक योजना 2018 में शुरू की, जिसमें 140 कर्मचारियों को उनके वेस्टेड शेयर लिक्विडेट करने का मौका मिला।

  • 2022 में, कंपनी ने $75 मिलियन (₹620 करोड़) का बायबैक प्रोग्राम चलाया, जिससे 650 मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को फायदा हुआ।
  • अब 2024 में, सभी मौजूदा कर्मचारियों को ₹1 लाख के ESOP दिए गए हैं, जो कंपनी की सफलता में उनके योगदान को मान्यता देने का एक और प्रयास है।

रेज़रपे की प्रभावशाली उपलब्धियां

ग्राहक और ट्रांजेक्शन वॉल्यूम

रेज़रपे वर्तमान में भारत के 300 मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं को सेवाएं प्रदान कर रहा है।

  • कंपनी का Total Payment Volume (TPV) $180 बिलियन (₹14.85 लाख करोड़) का वार्षिक स्तर छू चुका है।
  • इसके व्यापक समाधान छोटे व्यवसायों से लेकर बड़े एंटरप्राइज तक के लिए उपयुक्त हैं।

फंडिंग और वैल्यूएशन

  • अब तक, रेज़रपे ने विभिन्न फंडिंग राउंड के जरिए $800 मिलियन (₹6,600 करोड़) जुटाए हैं।
  • कंपनी की मौजूदा वैल्यूएशन $7.5 बिलियन (₹61,875 करोड़) आंकी गई है।

वित्तीय प्रदर्शन

  • वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में, रेज़रपे के पेमेंट गेटवे (PG) बिजनेस की राजस्व वृद्धि सालाना आधार पर 24% बढ़कर ₹2,068 करोड़ हो गई।
  • खास बात यह है कि इसी अवधि में कंपनी का कर पश्चात लाभ (Profit After Tax) करीब 5 गुना बढ़ा।

रेज़रपे वेंचर इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम

रेज़रपे ने हाल ही में Razorpay Venture Investment Program लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य अगली पीढ़ी के B2B इनोवेटर्स को सशक्त बनाना है।

  • यह प्रोग्राम नए और होनहार B2B स्टार्टअप्स को वित्तीय मदद, तकनीकी सपोर्ट, और मार्केट में अपनी जगह बनाने में मदद करेगा।
  • कंपनी का यह कदम भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपने नेतृत्व को और मजबूत करता है।

ESOP योजनाओं का महत्व

कर्मचारियों के लिए फायदेमंद

  • ESOP कर्मचारियों को कंपनी में हिस्सेदारी का मालिक बनाता है, जिससे उनका कंपनी के प्रति जुड़ाव और बढ़ता है।
  • लिक्विडिटी इवेंट्स के जरिए कर्मचारियों को वित्तीय लाभ मिलता है।

कंपनी के लिए फायदेमंद

  • ESOP योजना टैलेंट को आकर्षित और बनाए रखने में मदद करती है।
  • यह कर्मचारियों को कंपनी के विकास के साथ सीधे जुड़ने का अवसर देती है।

रेज़रपे जैसी यूनिकॉर्न कंपनियां इन योजनाओं के जरिए न केवल कर्मचारियों को फायदा पहुंचाती हैं, बल्कि अपने स्टार्टअप मॉडल को और अधिक आकर्षक बनाती हैं।


रेज़रपे की आगामी योजनाएं और महत्वाकांक्षाएं

रेज़रपे ने अपने 10 साल पूरे करने के साथ ही नई महत्वाकांक्षाएं तय की हैं:

  • विस्तार और नवाचार: कंपनी अपनी सेवाओं का दायरा बढ़ाने और नए डिजिटल पेमेंट्स और बैंकिंग सॉल्यूशंस विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  • सतत विकास: B2B स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने और डिजिटल पेमेंट्स को और सरल और कुशल बनाने के लिए कंपनी का ध्यान नवाचार पर है।

रेज़रपे: भारतीय डिजिटल पेमेंट्स का प्रमुख खिलाड़ी

रेज़रपे की यात्रा 2014 में एक स्टार्टअप के रूप में शुरू हुई थी। आज यह भारत के डिजिटल पेमेंट्स और फिनटेक इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

  • 10 सालों में कंपनी ने न केवल अपने ग्राहकों का विश्वास जीता है, बल्कि अपने कर्मचारियों और निवेशकों के लिए भी एक स्थायी मूल्य बनाया है।
  • ESOP बायबैक और कर्मचारियों को ₹1 लाख का तोहफा इस बात का प्रमाण है कि कंपनी अपने विकास में सभी भागीदारों को शामिल करना चाहती है।

निष्कर्ष

रेज़रपे की 10 साल की यात्रा नवाचार, विश्वास, और स्थायी विकास का प्रतीक है। कर्मचारियों को सम्मानित करने और B2B स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने की पहल इस बात का प्रमाण है कि रेज़रपे केवल एक यूनिकॉर्न कंपनी नहीं है, बल्कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था को नया आकार दे रहा है।

आने वाले वर्षों में, रेज़रपे के नवाचार और विस्तारित सेवाएं इसे भारतीय और वैश्विक बाजारों में और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेंगी।

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Univest ने सीरीज A फंडिंग राउंड में जुटाए $10 मिलियन

Univest

रिटेल एडवाइजरी प्लेटफॉर्म Univest ने अपने सीरीज A फंडिंग राउंड में $10 मिलियन (लगभग ₹83 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व Bertelsmann India Investments (BII) ने किया। इससे पहले, स्टार्टअप ने $1.5 मिलियन (लगभग ₹12.4 करोड़) का सीड फंडिंग राउंड Trinity Media Group, आकाश आनंद, दीप बजाज, और अन्य निवेशकों से जुटाया था।


Univest फंडिंग का उपयोग

Univest ने अपने बयान में बताया कि इस ताज़ा फंडिंग का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाली रिसर्च को सभी के लिए सुलभ बनाने और फुल-स्टैक ब्रोकरेज सर्विस प्रदान करने के अपने लक्ष्य को तेजी से आगे बढ़ाने में किया जाएगा।


यूनिवेस्ट का परिचय और उद्देश्य

स्थापना और संस्थापक:

यूनिवेस्ट की स्थापना 2022 में प्रणीत अरोड़ा, अवनीत धमीजा, और विकाश अग्रवाल ने की थी। यह एक रिटेल एडवाइजरी प्लेटफॉर्म है, जो निवेशकों को SEBI-रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट के माध्यम से जनरल सिफारिशें प्रदान करता है।

प्रमुख सेवाएं:

यूनिवेस्ट प्लेटफॉर्म निवेशकों को स्टॉक्स, डेरिवेटिव्स, और कमोडिटीज में एक्सपर्ट ट्रेडिंग सलाह देता है।

लक्ष्य:

यूनिवेस्ट का उद्देश्य भारत का सबसे भरोसेमंद और रिसर्च-फोकस्ड स्टॉक मार्केट सुपर ऐप बनना है। यह खुदरा निवेशकों की सभी समस्याओं का समाधान एक ही प्लेटफॉर्म पर प्रदान करता है, जिसमें सही स्टॉक चुनने से लेकर समय पर एग्जिट करने तक की सहायता शामिल है।


यूनिवेस्ट की विशिष्टताएं

  1. ह्यूमन एक्सपर्टाइज और एडवांस एल्गोरिद्म का संयोजन:
    यूनिवेस्ट अपने प्लेटफॉर्म पर रियल-टाइम स्टॉक स्क्रीनिंग और उन्नत एल्गोरिद्म के साथ मानव विशेषज्ञता को जोड़ता है।
  2. लाइव मार्केट एनालिसिस:
    निवेशकों को SEBI-रजिस्टर्ड एनालिस्ट्स से लाइव मार्केट के दौरान एंट्री और एग्जिट सिग्नल्स मिलते हैं।
  3. लचीलापन और किफायती प्लान्स:
    यूनिवेस्ट इक्विटी, फ्यूचर्स, ऑप्शन्स, और कमोडिटीज के लिए 3, 6, 12 महीने और 5 साल के लचीले सब्सक्रिप्शन प्लान्स प्रदान करता है।
  4. टाइमली और एक्यूरेट निर्णय:
    यूनिवेस्ट के प्लेटफॉर्म पर निवेशकों को समय पर और सटीक निर्णय लेने में मदद की जाती है।

यूनिवेस्ट के सह-संस्थापक का दृष्टिकोण

यूनिवेस्ट के सह-संस्थापक और सीईओ प्रणीत अरोड़ा ने कहा:

“हमारा फोकस उपयोगकर्ताओं के लिए निवेश यात्रा को सरल बनाने के लिए निर्बाध, व्यक्तिगत और क्रियाशील इनसाइट्स प्रदान करने पर रहेगा। हम इस साझेदारी का लाभ उठाकर ब्रोकरेज मॉडल को फिर से परिभाषित करने और यूनिवेस्ट को भारत में खुदरा निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करने की उम्मीद कर रहे हैं।”


यूनिवेस्ट की सेवाओं की विशेषताएं

1. SEBI-रजिस्टर्ड रिसर्च:

यूनिवेस्ट का Uniresearch SEBI-रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट इकाई है, जो निवेशकों को प्रमाणित और विश्वसनीय सलाह प्रदान करती है।

2. एंट्री और एग्जिट सिग्नल्स:

निवेशकों को लाइव मार्केट घंटों में सही समय पर एंट्री और एग्जिट सिग्नल्स मिलते हैं, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं।

3. निवेशकों के लिए एक ही प्लेटफॉर्म:

प्लेटफॉर्म पर निवेशकों को उनके सभी निवेश जरूरतों के समाधान एक ही स्थान पर मिलते हैं, जिससे उनकी प्रक्रिया आसान हो जाती है।


भारत में रिटेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म्स का भविष्य

बढ़ती मांग:

भारत में रिटेल निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्मार्टफोन और डिजिटल ट्रेंड्स ने छोटे और मध्यम निवेशकों के लिए स्टॉक मार्केट में प्रवेश करना आसान बना दिया है।

टेक्नोलॉजी का प्रभाव:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों ने निवेशकों के लिए सही स्टॉक्स चुनना और उनके पोर्टफोलियो को मैनेज करना अधिक प्रभावी बना दिया है।

सरकारी समर्थन:

सरकार द्वारा वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने और खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने के प्रयासों ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।


फंडिंग में प्रमुख निवेशक

Bertelsmann India Investments (BII):

BII का निवेश यूनिवेस्ट की क्षमता और बाजार में इसके संभावनाओं को दर्शाता है।

Trinity Media Group और अन्य:

पहले राउंड के निवेशकों ने यूनिवेस्ट की शुरुआती यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


निष्कर्ष

यूनिवेस्ट का $10 मिलियन का सीरीज A फंडिंग राउंड न केवल इसकी विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह भारत के खुदरा निवेश क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने की क्षमता को भी दर्शाता है।

  • यूनिवेस्ट का उद्देश्य खुदरा निवेशकों की समस्याओं को हल करना और उन्हें बेहतर निवेश अनुभव प्रदान करना है।
  • यह फंडिंग स्टार्टअप को अपने प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने, नई सेवाएं जोड़ने, और भारतीय निवेशकों के लिए निवेश प्रक्रिया को और सरल बनाने में मदद करेगी।

यूनिवेस्ट जैसे प्लेटफॉर्म भारत के खुदरा निवेश परिदृश्य को एक नई दिशा दे रहे हैं और देश के वित्तीय सशक्तिकरण में योगदान कर रहे हैं।

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Mindgrove Technologies ने सीरीज A फंडिंग में जुटाए $8 मिलियन

Mindgrove Technologies

फैब्लेस सेमीकंडक्टर डिज़ाइन स्टार्टअप Mindgrove Technologies ने अपने सीरीज A फंडिंग राउंड में $8 मिलियन (लगभग ₹66 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व Rocketship.vc और Speciale Invest ने किया, जिसमें Mela Ventures और मौजूदा निवेशक Peak XV Partners, निश्चय गोयल, Whiteboard Capital, और अंशुल गोयल ने भी भाग लिया।

चेन्नई स्थित यह स्टार्टअप पहले 2023 की शुरुआत में Peak XV Partners (पहले Sequoia Capital India & SEA), Speciale Invest, और Whiteboard Capital से $2.325 मिलियन का बीज निवेश (सीड फंडिंग) प्राप्त कर चुका है।


Mindgrove Technologies फंडिंग का उद्देश्य और उपयोग

Mindgrove Technologies ने बताया कि इस फंडिंग का उपयोग प्रमुख व्यावसायिक उद्देश्यों को पूरा करने में किया जाएगा।

प्रमुख उद्देश्य:

  1. टीम का विस्तार:
    कंपनी नए टैलेंट को जोड़कर अपनी वर्कफोर्स का विस्तार करेगी।
  2. इंजीनियरिंग क्षमताओं में सुधार:
    अपनी इन-हाउस इंजीनियरिंग क्षमताओं को और मजबूत बनाएगी।
  3. पहले चिप का उत्पादन और बिक्री:
    माइंडग्रोव अपनी पहली चिप के उत्पादन और बिक्री प्रक्रिया को तेज करेगी।

माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज का परिचय

स्थापना और नेतृत्व:

2021 में शरण जगत्रक्षकन और टी.आर. शश्वत द्वारा स्थापित माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज, IITM प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन और IIT मद्रास इनक्यूबेशन सेल द्वारा इनक्यूबेटेड है।

मुख्य उत्पाद:

यह स्टार्टअप उच्च प्रदर्शन वाले SoCs (System on Chips) डिज़ाइन करता है, जिनमें उन्नत फीचर्स और प्रतिस्पर्धी कीमतें शामिल होती हैं।


भारतीय सेमीकंडक्टर क्षेत्र में माइंडग्रोव की भूमिका

फैब्लेस सेमीकंडक्टर डिज़ाइन:

माइंडग्रोव एक फैब्लेस सेमीकंडक्टर डिज़ाइन स्टार्टअप है, जिसका मतलब है कि यह चिप्स डिज़ाइन करता है लेकिन उनका निर्माण तीसरे पक्ष के सहयोग से किया जाता है।

भारतीय और वैश्विक बाजारों में फोकस:

कंपनी भारतीय बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजारों के लिए भी प्रतिस्पर्धात्मक चिप्स डिज़ाइन करने पर केंद्रित है।

किफायती और प्रभावी तकनीक:

कंपनी का उद्देश्य उच्च प्रदर्शन वाले सेमीकंडक्टर चिप्स प्रदान करना है जो किफायती हों और नवीनतम तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करें।


सेमीकंडक्टर सेक्टर का महत्व

भारत में सेमीकंडक्टर की मांग:

भारत में बढ़ते डिजिटल उपयोग और तकनीकी प्रगति के कारण सेमीकंडक्टर चिप्स की मांग लगातार बढ़ रही है।

सरकारी पहल:

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और डिज़ाइन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे “भारत सेमीकंडक्टर मिशन”।

वैश्विक संकट का समाधान:

पिछले कुछ वर्षों में सेमीकंडक्टर की वैश्विक कमी ने इस क्षेत्र में नवाचार और निवेश की आवश्यकता को और बढ़ा दिया है।


फंडिंग राउंड के प्रमुख निवेशक

Rocketship.vc और Speciale Invest:

इस राउंड का नेतृत्व करने वाले इन दोनों निवेशकों ने माइंडग्रोव की क्षमता और बाजार में इसकी संभावनाओं पर विश्वास जताया।

अन्य निवेशक:

  • Mela Ventures
  • Peak XV Partners
  • Whiteboard Capital
  • निश्चय गोयल और अंशुल गोयल

इन निवेशकों की भागीदारी माइंडग्रोव की तकनीकी और व्यावसायिक दृष्टि में उनके भरोसे को दर्शाती है।


भारत में सेमीकंडक्टर स्टार्टअप्स का भविष्य

भारत में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग का भविष्य उज्ज्वल है।

  1. बढ़ता बाजार:
    भारत में 5G, IoT, और ऑटोमेशन जैसी प्रौद्योगिकियों की वृद्धि से सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है।
  2. सरकारी समर्थन:
    नीति आयोग और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय द्वारा सेमीकंडक्टर क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
  3. स्थानीय निर्माण:
    घरेलू उत्पादन के लिए निवेश और पहल इस क्षेत्र को आत्मनिर्भर बना रही हैं।

निष्कर्ष

माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज का $8 मिलियन का सीरीज A फंडिंग राउंड न केवल इसकी विकास यात्रा में एक बड़ा कदम है, बल्कि भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए भी एक प्रेरणादायक कहानी है।

  • माइंडग्रोव ने अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और बाजार में मांग को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति तैयार की है।
  • यह फंडिंग स्टार्टअप को अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को मजबूत करने और भारतीय और वैश्विक बाजारों में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करने में मदद करेगी।

माइंडग्रोव जैसी कंपनियां भारतीय तकनीकी परिदृश्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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