Geniemode ने सीरीज C राउंड में $50 मिलियन जुटाए,

Geniemode

B2B क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स स्टार्टअप Geniemode ने Multiples Equity की अगुवाई में अपने सीरीज C फंडिंग राउंड में $50 मिलियन (करीब ₹414 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड में Fundamentum, Paramark Ventures और मौजूदा निवेशक Info Edge Ventures ने भी भाग लिया।

Geniemode के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पारित कर
📌 5,601 सीरीज C अनिवार्य कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर (CCPS) जारी किए, जिनकी कीमत ₹6,60,430 प्रति शेयर है।
📌 कंपनी के को-फाउंडर्स को 667 आंशिक रूप से भुगतान किए गए इक्विटी शेयर ₹44 करोड़ के मूल्य पर जारी किए गए।

📊 RoC (Registrar of Companies) से मिली जानकारी के अनुसार, कुल मिलाकर Geniemode ने ₹414 करोड़ ($50 मिलियन) जुटाए हैं।


Geniemode फंडिंग ब्रेकडाउन: Multiples Equity ने किया सबसे बड़ा निवेश

🔹 Multiples Equity ने ₹223 करोड़ ($26.2 मिलियन) निवेश किया
🔹 Fundamentum ने ₹88 करोड़ ($10.3 मिलियन) डाले
🔹 Paramark Ventures ने ₹36.7 करोड़ ($4.3 मिलियन) लगाए
🔹 मौजूदा निवेशक Info Edge ने ₹22 करोड़ ($2.6 मिलियन) का योगदान दिया

💡 इस फंडिंग के साथ, Geniemode की कुल वैल्यूएशन ₹1,800 करोड़ ($212 मिलियन) तक पहुंच गई है।

👉 पिछले सीरीज B राउंड में, कंपनी ने अप्रैल 2022 में Tiger Global की अगुवाई में $28 मिलियन जुटाए थे, तब इसकी वैल्यूएशन $160 मिलियन थी।


Geniemode के मालिकाना हक में बड़े बदलाव

📊 TheKredible डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के अनुसार:

👤 Geniemode के को-फाउंडर अमित शर्मा की हिस्सेदारी अब 27.35% होगी।
💡 Info Edge अब कंपनी की सबसे बड़ी बाहरी निवेशक होगी, जिसके पास 23.2% हिस्सेदारी होगी।
📈 नए निवेशक Multiples Equity की हिस्सेदारी 12.39% होगी।


Geniemode क्या करता है?

Geniemode एक B2B क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जो अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और भारतीय निर्माताओं के बीच व्यापार को आसान बनाता है। कंपनी मुख्य रूप से फैशन, होम डेकोर और फर्निशिंग प्रोडक्ट्स के ग्लोबल सप्लाई चेन को ऑप्टिमाइज़ करने पर ध्यान देती है।

🔹 Geniemode का AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म ऑर्डर मैनेजमेंट, प्रोडक्शन ट्रैकिंग और लॉजिस्टिक्स को स्वचालित करता है।
🔹 इसके जरिए छोटे और मझोले भारतीय निर्माता वैश्विक खरीदारों से सीधे जुड़ सकते हैं।


Geniemode की ग्रोथ और भविष्य की योजनाएँ

🚀 फंडिंग के साथ, Geniemode अपने प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने, तकनीकी अपग्रेड करने और अपने ग्लोबल एक्सपैंशन को तेज करने की योजना बना रहा है।

💡 कंपनी की भविष्य की रणनीति:
नई मार्केट्स में विस्तार (अमेरिका और यूरोप में बढ़त हासिल करना)
सप्लाई चेन को अधिक स्वचालित और कुशल बनाना
AI और डेटा एनालिटिक्स में निवेश बढ़ाना


Geniemode क्यों है निवेशकों की पसंद?

📈 तेजी से बढ़ती क्रॉस-बॉर्डर B2B ई-कॉमर्स इंडस्ट्री
🌏 भारत से वैश्विक बाजारों में बढ़ता निर्यात
तकनीक-संचालित प्लेटफॉर्म जो बिजनेस को आसान बनाता है

💰 पिछले कुछ वर्षों में, क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, और Geniemode इस स्पेस में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।


निष्कर्ष: Geniemode की नई फंडिंग भारत के B2B ई-कॉमर्स इकोसिस्टम के लिए एक बड़ा संकेत

🔹 $50 मिलियन की यह फंडिंग Geniemode की ग्रोथ में बड़ा योगदान देगी।
🔹 नए निवेशकों की एंट्री से कंपनी के विस्तार की संभावनाएँ और बढ़ गई हैं।
🔹 Info Edge और Multiples Equity जैसे निवेशकों की मौजूदगी से Geniemode का भविष्य और भी उज्जवल दिखता है।

🚀 क्या Geniemode भारत का अगला बड़ा B2B ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न बनेगा? आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा!

Read more :Inflection Point Ventures ने 2024 में 14 सफल एक्सिट्स हासिल किए,

Inflection Point Ventures ने 2024 में 14 सफल एक्सिट्स हासिल किए,

Inflection Point Ventures

भारत के प्रमुख एंजेल नेटवर्क Inflection Point Ventures (IPV) ने 2024 में 14 सफल एक्सिट्स (निवेश से बाहर निकलने) दर्ज किए हैं, जिससे इसके निवेशकों को 36% इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न (IRR) प्राप्त हुआ है।

📈 पिछले पाँच वर्षों में, IPV ने अपने 200 से अधिक पोर्टफोलियो स्टार्टअप्स में से 47 स्टार्टअप्स से सफलतापूर्वक एक्सिट किया है, जो इंडस्ट्री के औसत से कहीं अधिक है।

IPV की यह उपलब्धि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में इसकी मजबूत स्थिति को दर्शाती है।


Inflection Point Ventures के प्रमुख एक्सिट्स: IBM और CrashPlan जैसी बड़ी कंपनियों के अधिग्रहण

2024 में IPV के सबसे प्रमुख एक्सिट्स में शामिल हैं:

🔥 Prescinto AI: IBM ने इस स्टार्टअप का अधिग्रहण किया
🔥 Parablu: CrashPlan ने इसे खरीदा
🔥 Aksum, Conscious Chemist और Qubehealth जैसे अन्य स्टार्टअप्स ने भी निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया

📌 Inflection Point Ventures का एक्सिट मॉडल निवेशकों को हाई-रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


IPV की पोर्टफोलियो कंपनियों को 2024 में 25 फॉलो-ऑन राउंड में निवेश मिला

2024 में, IPV के पोर्टफोलियो स्टार्टअप्स ने 25 फॉलो-ऑन फंडिंग राउंड सफलतापूर्वक पूरे किए।

💡 प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:
Goodwater Capital
Blume Ventures
Vertex Ventures
DS Group

🚀 Speed Kitchen और Metashot ने तो भारत के प्रसिद्ध शो “Shark Tank India” पर भी निवेश हासिल किया।


IPV की निवेश रणनीति: 30-40% IRRs और 3-4x रिटर्न देने पर केंद्रित

IPV एक ऐसी रणनीति अपनाता है जो प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों प्रकार के निवेशों को कवर करती है।

📌 IPV का लक्ष्य:
30-40% IRR प्रदान करना
3-4 गुना निवेश रिटर्न सुनिश्चित करना
स्टार्टअप्स को ग्रोथ कैपिटल देने के लिए Physis Capital चलाना

Physis Capital IPV का $50 मिलियन का वेंचर कैपिटल फंड है, जो तेजी से बढ़ते स्टार्टअप्स में निवेश करने के लिए स्थापित किया गया है।

🚀 IPV की यह रणनीति स्टार्टअप्स को स्केल करने और उनके निवेशकों को अधिकतम रिटर्न दिलाने के लिए तैयार की गई है।


2023 में भी IPV ने 14 सफल एक्सिट्स और 61% IRR हासिल किया था

2024 से पहले, IPV ने 2023 में भी 14 सफल एक्सिट्स किए थे, जिससे निवेशकों को 61% IRR प्राप्त हुआ था।

📈 IPV का ट्रैक रिकॉर्ड यह दर्शाता है कि यह स्टार्टअप इन्वेस्टमेंट में लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और हाई रिटर्न देने में सक्षम है।


IPV क्यों बना है स्टार्टअप्स और निवेशकों की पहली पसंद?

IPV का लक्ष्य सिर्फ स्टार्टअप्स को फंडिंग देना नहीं, बल्कि उन्हें सही बिजनेस मॉडल, नेटवर्क और स्केलिंग के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराना भी है।

💡 IPV के इन्वेस्टमेंट मॉडल की प्रमुख बातें:
✔️ रिस्क-मैनेजमेंट: डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो
✔️ हाई-रिटर्न स्ट्रेटेजी: औसतन 30-40% IRR
✔️ मजबूत नेटवर्क: टॉप इन्वेस्टर्स और वेंचर फंड्स से कनेक्शन
✔️ सक्सेसफुल एक्सिट प्लानिंग: निवेशकों के लिए समय पर रिटर्न

🚀 इन कारणों से IPV भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन चुका है।


IPV और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम का भविष्य

📈 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए IPV का योगदान लगातार बढ़ रहा है।

💡 भविष्य में IPV की योजनाएँ:
अधिक स्टार्टअप्स में निवेश का विस्तार
Physis Capital के ज़रिए नई कंपनियों को ग्रोथ फंडिंग देना
AI, फिनटेक, हेल्थटेक, और क्लाइमेट-टेक स्टार्टअप्स में निवेश बढ़ाना

🚀 IPV भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए तैयार है!


निष्कर्ष: IPV की सफलता भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक मजबूत संकेत

📌 Inflection Point Ventures (IPV) का 2024 में 14 सफल एक्सिट्स और 36% IRR का आंकड़ा यह दिखाता है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार परिपक्व हो रहा है।

🌟 स्टार्टअप्स के लिए IPV का योगदान:
✔️ फंडिंग, नेटवर्क और ग्रोथ सपोर्ट
✔️ निवेशकों को हाई-रिटर्न देने वाला इन्वेस्टमेंट मॉडल
✔️ स्टार्टअप्स को सफल एक्सिट के लिए तैयार करना

🚀 क्या IPV आने वाले वर्षों में और अधिक भारतीय स्टार्टअप्स को यूनिकॉर्न बनाने में मदद करेगा? यह देखना दिलचस्प होगा!

Read more :2am VC ने लॉन्च किया नया फंड, 30 भारतीय स्टार्टअप्स में करेगा निवेश

2am VC ने लॉन्च किया नया फंड, 30 भारतीय स्टार्टअप्स में करेगा निवेश

2am VC

भारत में शुरुआती स्टेज के स्टार्टअप्स को समर्थन देने वाली वेंचर कैपिटल फर्म 2am VC ने अपने दूसरे इन्वेस्टमेंट फंड “2am VC Fund II” को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया है। इस फंड का उद्देश्य भारत में नवाचार से जुड़े क्षेत्रों में निवेश करना है, जिसमें कंज्यूमर टेक, फिनटेक, फूड एंड बेवरेज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ग्लोबल SaaS (सॉफ्टवेयर ऐज़ ए सर्विस) जैसे सेक्टर्स शामिल हैं।

🚀 इस नए फंड के ज़रिए 2am VC भारत के उभरते स्टार्टअप इकोसिस्टम को और अधिक मजबूत करेगा।


2am VC Fund II: 30 स्टार्टअप्स को मिलेगा फंडिंग सपोर्ट

2am VC का नया फंड II 30 भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश करने की योजना बना रहा है, खासतौर पर प्री-सीड से सीड स्टेज की कंपनियों में। फंड का उद्देश्य न केवल फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट करना है, बल्कि फाउंडर्स को ऑपरेशनल और बिजनेस ग्रोथ सपोर्ट भी देना है।

📌 फंड II की मुख्य विशेषताएँ:
निवेश राशि: 30 स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता
निवेश स्तर: प्री-सीड और सीड स्टेज
लीड इन्वेस्टर की भूमिका: स्टार्टअप्स में लीड इन्वेस्टमेंट राउंड्स का नेतृत्व
इन्वेस्टमेंट स्ट्रक्चर:

  • 60% फंड शुरुआती निवेश के लिए
  • 40% फंड फॉलो-ऑन निवेश के लिए

💡 इस रणनीति से 2am VC स्टार्टअप्स को लंबे समय तक सहयोग देने और उनके ग्रोथ पाथ को मजबूत करने की योजना बना रहा है।


2am VC: भारत और ग्लोबल इन्वेस्टर्स के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी

2am VC एक हाइपरलोकल वेंचर कैपिटल फर्म है, जो वैश्विक निवेशकों को भारतीय स्टार्टअप्स से जोड़ने का काम करती है।

💡 2am VC की रणनीति:
✔️ भारतीय फाउंडर्स को ग्लोबल नेटवर्क और संसाधनों तक पहुँच देना
✔️ विदेशी निवेशकों को बेहतर डील फ्लो और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम का एक्सेस दिलाना
✔️ फाउंडर्स के लिए बिजनेस स्केलिंग, रणनीतिक गाइडेंस और कस्टमर नेटवर्किंग में सहायता

🚀 2am VC की स्पीड, ट्रांसपेरेंसी और फाउंडर-फ्रेंडली अप्रोच इसे अन्य निवेश फर्मों से अलग बनाती है।


न्यू इंडिया की ग्रोथ से जुड़े स्टार्टअप्स में निवेश

2am VC के अनुसार, फर्म उन स्टार्टअप्स में निवेश करना चाहती है जो “New India Opportunity” के तहत भारतीय ग्राहकों की अनूठी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।

💡 इस समय भारत में उभर रहे प्रमुख सेक्टर:
फिनटेक: डिजिटल पेमेंट, इंसुरटेक, माइक्रो-लोन
AI & SaaS: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड-आधारित सेवाएँ
फूड & बेवरेज: हेल्दी फूड ब्रांड्स, क्विक-सर्विस रेस्त्रां
कंज्यूमर टेक: ई-कॉमर्स, डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर ब्रांड्स

🚀 2am VC का मानना है कि भारत में स्टार्टअप्स अब पारंपरिक सेक्टर्स से आगे बढ़कर नए इनोवेशन की ओर बढ़ रहे हैं, जो देश की बढ़ती डिजिटल इकोनॉमी का प्रतिबिंब है।


2am VC की अब तक की यात्रा: पहले फंड से 47 स्टार्टअप्स में निवेश

2am VC ने पहले फंड के तहत $10 मिलियन (₹83 करोड़) जुटाए थे और अब तक 47 स्टार्टअप्स में निवेश किया है।

💡 प्रमुख स्टार्टअप्स जिनमें 2am VC ने निवेश किया:
NEWME – फैशन और लाइफस्टाइल ब्रांड
Apna Mart – रीजनल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म
Bimaplan – डिजिटल इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म
Karbon Card – MSMEs के लिए फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस

🚀 इस निवेश से भारत में कई नए इनोवेटिव बिजनेस मॉडल को आगे बढ़ने का अवसर मिला है।


2am VC की स्थापना और भारत में निवेश रणनीति

2am VC की स्थापना 2021 में हर्शेल मेहता (Hershel Mehta) और ब्रेंडन रोजर्स (Brendan Rogers) ने की थी।

📍 कहाँ हैं 2am VC के ऑफिस?
भारत: मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली NCR
अमेरिका: लॉस एंजेलेस

🇮🇳 2am VC “India Beachhead Strategy” के तहत पूर्व और पश्चिम के बेस्ट बिजनेस मॉडल्स को एक साथ लाने की योजना पर काम कर रही है।


नए फंड से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को क्या मिलेगा?

2am VC Fund II से नए और होनहार स्टार्टअप्स को शुरुआती वित्तीय सहायता, ऑपरेशनल सपोर्ट और ग्लोबल एक्सपोज़र मिलेगा।

💡 स्टार्टअप्स के लिए संभावित लाभ:
✔️ तेजी से ग्रोथ करने का अवसर
✔️ ग्लोबल इन्वेस्टर्स से कनेक्शन
✔️ बिजनेस स्केलिंग और प्रोडक्ट-मार्केट फिट में सहायता
✔️ मार्केटिंग और सेल्स नेटवर्क तक एक्सेस

🚀 इस फंड से भारत के अगले यूनिकॉर्न स्टार्टअप को तैयार करने की संभावना बढ़ जाएगी!


निष्कर्ष: 2am VC Fund II भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा अवसर

2am VC का नया फंड भारत में नई पीढ़ी के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने का वादा करता है।

🌟 इससे प्री-सीड और सीड स्टार्टअप्स को न केवल फाइनेंशियल सपोर्ट मिलेगा, बल्कि एक मज़बूत ग्लोबल नेटवर्क तक पहुँचने का अवसर भी मिलेगा।

💡 क्या यह फंड भारत के अगले बड़े स्टार्टअप इनोवेशन को जन्म देगा? देखने लायक होगा! 🚀

read more :NuVentures ने लॉन्च किया $75 मिलियन का फंड

NuVentures ने लॉन्च किया $75 मिलियन का फंड

NuVentures

अमेरिका स्थित वेंचर कैपिटल फर्म NuVentures ने स्टार्टअप्स में निवेश के लिए $75 मिलियन (लगभग ₹625 करोड़) का नया फंड लॉन्च किया है। यह फर्म उन स्टार्टअप्स में निवेश करेगी जिनका भारत से गहरा संबंध है।

NuVentures की स्थापना 2015 में प्रसिद्ध निवेशक वेंक कृष्णन (Venk Krishnan) ने की थी। कृष्णन भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में 2002 से सक्रिय हैं और उन्होंने अब तक 47 से अधिक कंपनियों में निवेश किया है। इनमें Mu Sigma, BigBasket, Acko, HomeLane, Third Wave Coffee, Geist Beer, Lucidity और Foxtale जैसी जानी-मानी स्टार्टअप कंपनियां शामिल हैं।


NuVentures का नया फंड: भारतीय स्टार्टअप्स को मिलेगा बढ़ावा

NuVentures का यह नया फंड खासतौर पर उन स्टार्टअप्स को सहयोग देगा जो टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर ब्रांड्स, फिनटेक और नए इनोवेशन पर काम कर रहे हैं।

📌 फंड की मुख्य विशेषताएँ:

  • फंड साइज: $75 मिलियन (लगभग ₹625 करोड़)
  • प्रति वर्ष निवेश: 4-5 स्टार्टअप्स
  • प्रति स्टार्टअप निवेश: $2.5 लाख से $7.5 लाख (₹2 करोड़ से ₹6 करोड़)
  • निवेश का फोकस: टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर ब्रांड्स, फिनटेक और भारत-केंद्रित स्टार्टअप्स
  • प्रमुख निवेशक: अमेरिका के हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और ‘फंड ऑफ फंड्स’

वेंक कृष्णन: भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के अनुभवी निवेशक

वेंक कृष्णन ने भारत में स्टार्टअप निवेश की शुरुआत 2002 में NetKraft में निवेश के साथ की थी। पिछले दो दशकों में वे कई बड़े स्टार्टअप्स को सपोर्ट कर चुके हैं।

💡 कुछ प्रमुख स्टार्टअप्स जिनमें वेंक कृष्णन ने निवेश किया:
Mu Sigma – डेटा एनालिटिक्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी
BigBasket – भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन ग्रोसरी स्टार्टअप
Acko – डिजिटल इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म
HomeLane – ऑनलाइन होम इंटीरियर डिजाइनिंग स्टार्टअप
Third Wave Coffee – प्रीमियम कॉफी ब्रांड
Geist Beer – क्राफ्ट बियर बनाने वाली कंपनी
Lucidity – एडटेक स्टार्टअप
Foxtale – स्किनकेयर और ब्यूटी ब्रांड

पहले कृष्णन एक एंजेल निवेशक के रूप में कार्य कर रहे थे, जो स्टार्टअप्स में निवेश के लिए केवल उनके फाउंडर्स के पैशन और आइडिया पर भरोसा करते थे। लेकिन अब NuVentures को एक प्रोफेशनल वेंचर कैपिटल फर्म के रूप में विकसित किया गया है, जो सिर्फ फंडिंग ही नहीं बल्कि रणनीतिक सहायता भी प्रदान करेगा।


फंड का उद्देश्य और निवेश रणनीति

NuVentures इस फंड के ज़रिए हर साल चार से पांच स्टार्टअप्स में निवेश करेगा। स्टार्टअप्स को $250,000 से $750,000 (₹2 करोड़ से ₹6 करोड़) तक की फंडिंग दी जाएगी।

📈 निवेश प्रक्रिया:

  1. स्टार्टअप का चयन – उन कंपनियों पर ध्यान दिया जाएगा जिनकी तकनीकी और बिजनेस इनोवेशन में पकड़ मजबूत हो।
  2. फाउंडर्स का मूल्यांकन – कंपनी के संस्थापकों की दूरदर्शिता और बिजनेस स्केलिंग क्षमता को जांचा जाएगा।
  3. सीड और प्री-सीरीज A निवेश – NuVentures मुख्य रूप से शुरुआती स्टेज की कंपनियों में निवेश करेगा।
  4. मार्केट और स्केलिंग सपोर्ट – स्टार्टअप्स को केवल फंडिंग ही नहीं बल्कि मार्केट एक्सपेंशन, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और बिजनेस नेटवर्किंग में भी मदद मिलेगी।

पहले से चार स्टार्टअप्स में निवेश कर चुका है NuVentures

NuVentures पहले ही चार स्टार्टअप्स में निवेश कर चुका है, जिनमें से एक Carnegie Mellon University के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित स्टार्टअप भी शामिल है।

🚀 संभावित सेक्टर जहां NuVentures निवेश कर सकता है:
फिनटेक – डिजिटल पेमेंट, ब्लॉकचेन और लोन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स
डीप टेक और AI – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से जुड़े इनोवेटिव स्टार्टअप्स
हेल्थटेक – हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी और मेडिकल इनोवेशन से जुड़े स्टार्टअप्स
कंज्यूमर ब्रांड्स – D2C (Direct to Consumer) ब्रांड्स जैसे फूड, ब्यूटी, और लाइफस्टाइल
सस्टेनेबिलिटी और क्लीनटेक – ग्रीन एनर्जी और एनवायरनमेंट फ्रेंडली स्टार्टअप्स


नए फंड से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को कैसे फायदा होगा?

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त ग्रोथ कर रहा है। ऐसे में NuVentures का यह नया फंड भारतीय उद्यमियों को अपने आइडियाज को साकार करने में मदद करेगा।

💡 स्टार्टअप्स के लिए संभावित लाभ:
✔️ शुरुआती स्टेज के स्टार्टअप्स को तेजी से ग्रोथ करने का अवसर
✔️ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्सपेंशन के लिए सपोर्ट
✔️ अनुभवी निवेशकों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से मार्गदर्शन
✔️ बिजनेस स्केलिंग और टेक्नोलॉजी अपग्रेड में मदद

🚀 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए यह सुनहरा मौका हो सकता है!


निष्कर्ष: NuVentures का नया फंड भारतीय स्टार्टअप्स के लिए वरदान

NuVentures का $75 मिलियन का नया फंड भारतीय स्टार्टअप्स को जबरदस्त बढ़ावा देगा। यह फंड उन कंपनियों में निवेश करेगा जिनका गहरा भारतीय कनेक्शन है और जो टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और कंज्यूमर ब्रांड्स के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही हैं।

🔥 क्या यह फंड भारत के अगले यूनिकॉर्न स्टार्टअप को जन्म देगा? यह देखने लायक होगा! 🚀

Read more :IPO से पहले Groww जुटाएगा $200 मिलियन,

IPO से पहले Groww जुटाएगा $200 मिलियन,

Groww

भारत की अग्रणी स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी Groww अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) से पहले $200 मिलियन जुटाने की योजना बना रही है। यह IPO 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में स्टॉक एक्सचेंज में उतर सकता है।

कंपनी ने अब तक Peak XV, Tiger Global, Ribbit Capital और YC Continuity जैसे प्रमुख निवेशकों से लगभग $400 मिलियन की फंडिंग जुटाई है। Groww की पिछली वैल्यूएशन $3 बिलियन थी, जो अक्टूबर 2021 में इसके $251 मिलियन के सीरीज E फंडिंग राउंड के दौरान तय की गई थी। इसके बाद से कंपनी ने कोई नई फंडिंग नहीं जुटाई थी।


Groww IPO से $1 बिलियन जुटाने की योजना

इस साल की शुरुआत में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि Groww अपने IPO के जरिए करीब $1 बिलियन जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी की वैल्यूएशन $6 बिलियन से $8 बिलियन के बीच हो सकती है, जो कि 2021 में तय वैल्यू से करीब दोगुनी से भी अधिक होगी।

📌 Groww IPO की मुख्य बातें:

  • $1 बिलियन की पूंजी जुटाने का लक्ष्य
  • $6-8 बिलियन की संभावित वैल्यूएशन
  • 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में स्टॉक लिस्टिंग की संभावना
  • फंडिंग से कंपनी के विस्तार और तकनीकी अपग्रेड को मिलेगी मजबूती

Groww का मार्केट दबदबा: 13 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स

Groww भारत की सबसे तेजी से बढ़ती स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियों में से एक है।

📊 कंपनी के यूजर-बेस की स्थिति (फरवरी 2025 तक):

  • 13 मिलियन से अधिक मंथली एक्टिव यूजर्स
  • भारत में स्टॉक ब्रोकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा ग्रोथ करने वाली कंपनियों में से एक

कंपनी निवेशकों को स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव्स, गोल्ड, और US स्टॉक्स में निवेश की सुविधा देती है। इसके अलावा, Groww ने हाल ही में बॉन्ड्स और IPO निवेश की भी सुविधा शुरू की है।

📈 प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना में Groww:

  • Zerodha: भारत की सबसे बड़ी डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म, 10 मिलियन एक्टिव यूजर्स
  • Upstox: 8 मिलियन से अधिक एक्टिव यूजर्स
  • Angel One & 5Paisa: 5 मिलियन+ यूजर्स

Groww का इनोवेटिव प्लेटफॉर्म, सरल इंटरफेस और मिलेनियल्स व जेन Z के बीच बढ़ती लोकप्रियता इसे बाजार में खास बनाती है।


वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में ₹3,145 करोड़ का रेवेन्यू, लेकिन ₹805 करोड़ का नुकसान

Groww ने FY24 में ₹3,145 करोड़ का परिचालन से राजस्व (Revenue from Operations) दर्ज किया। हालांकि, इस दौरान कंपनी को ₹805 करोड़ का नेट लॉस हुआ।

🚨 मुख्य कारण:
कंपनी ने भारत में अपना हेडक्वार्टर शिफ्ट करने के लिए ₹1,340 करोड़ का एकमुश्त टैक्स भुगतान किया, जिससे उसका घाटा बढ़ गया।

💡 अन्य फिनटेक कंपनियों की तुलना में Groww:

  • Zerodha: ₹2,900 करोड़ से अधिक रेवेन्यू और ₹2,000 करोड़ का प्रॉफिट
  • Upstox: ₹1,200 करोड़ रेवेन्यू, ₹400 करोड़ का प्रॉफिट
  • Angel One: ₹2,500 करोड़ रेवेन्यू, ₹800 करोड़ प्रॉफिट

📌 भविष्य की रणनीति:

  • कंपनी टेक्नोलॉजी अपग्रेड और नई इन्वेस्टमेंट सर्विसेज में निवेश करेगी।
  • AI और मशीन लर्निंग के जरिए इंवेस्टमेंट रिकमेंडेशन को बेहतर बनाएगी।
  • IPO के बाद मार्केट शेयर बढ़ाने और नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करने की योजना।

क्या Groww का IPO निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा?

भारत में फिनटेक सेक्टर तेजी से ग्रो कर रहा है, और स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म्स की मांग बढ़ रही है। हालांकि, Groww को अपने घाटे को कम करने और प्रॉफिटेबिलिटी हासिल करने पर फोकस करना होगा।

💰 निवेशकों के लिए संभावित फायदे:
✅ IPO से कंपनी की मार्केट वैल्यू बढ़ सकती है
✅ भारत के बढ़ते स्टॉक मार्केट के चलते नई संभावनाएं
मिलेनियल्स और नए निवेशकों में बढ़ती लोकप्रियता

🚨 संभावित जोखिम:
⚠️ फिनटेक सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बहुत तेज़ है (Zerodha, Upstox जैसे बड़े खिलाड़ी पहले से मौजूद)
⚠️ नुकसान को प्रॉफिट में बदलना बड़ी चुनौती होगी
⚠️ IPO के बाद शेयरहोल्डर्स की अपेक्षाओं को पूरा करना जरूरी होगा


निष्कर्ष: Groww का IPO एक बड़ा कदम, लेकिन चुनौतियां बनी रहेंगी

Groww ने पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त ग्रोथ दिखाई है, लेकिन अब इसकी असली परीक्षा होगी। IPO से पहले $200 मिलियन जुटाने की योजना यह दिखाती है कि कंपनी अपने विस्तार और टेक्नोलॉजी अपग्रेड पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

📌 यदि Groww अपने फाइनेंशियल्स को मजबूत कर लेती है और प्रतिस्पर्धा में आगे निकलती है, तो इसका IPO निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है।

क्या Groww Zerodha और Upstox को पीछे छोड़कर भारत की नंबर 1 स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी बन पाएगी? यह देखने वाली बात होगी! 🚀

Read more :BharatPe ने ₹148.8 करोड़ तक घटाया नुकसान,

BharatPe ने ₹148.8 करोड़ तक घटाया नुकसान,

BharatPe

फिनटेक यूनिकॉर्न BharatPe ने वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल-दिसंबर) के पहले नौ महीनों में अपने नेट लॉस को ₹148.8 करोड़ तक कम कर लिया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष (FY24) में ₹492 करोड़ था। इसके अलावा, कंपनी ने EBITDA स्तर पर ब्रेक-ईवन हासिल कर लिया है (ESOP एडजस्टमेंट के बाद)


BharatPe की वित्तीय स्थिति में सुधार

BharatPe के गैर-बैंकिंग वित्तीय सहयोगी Trillion Loans Fintech ने FY25 के पहले तीन तिमाहियों में ₹29.6 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि FY24 में यह ₹36.5 करोड़ था। हालांकि, FY23 में कंपनी को ₹15.2 करोड़ का नुकसान हुआ था।

Trillion Loans, जो एक RBI-पंजीकृत NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) है, छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) को मर्चेंट लोन, रेवेन्यू-बेस्ड फाइनेंसिंग और टर्म लोन जैसी सेवाएं प्रदान करता है।

🔹 Trillion Loans की स्वामित्व संरचना:

  • इसे 2018 में स्थापित किया गया था और 2021 में NDX Financial Services द्वारा अधिग्रहित किया गया था।
  • अप्रैल 2023 में BharatPe ने इसमें 51% हिस्सेदारी ली, जिसे 2025 के अंत तक 62.26% तक बढ़ा दिया गया
  • कंपनी अगले तीन वर्षों में अपनी हिस्सेदारी 100% करने की योजना बना रही है, बशर्ते नियामक मंजूरी मिले।

BharatPe के बिजनेस मॉडल में बदलाव और लोन एलिजिबिलिटी प्रोसेस

BharatPe, QR-कोड पेमेंट्स और मर्चेंट कैश फ्लो की मदद से अपने ग्राहकों की क्रेडिट योग्यता का आकलन करता है। इसके बाद, वह योग्य ग्राहकों के लीड्स को Trillion Loans (TFPL) के साथ शेयर करता है, जिससे TFPL लोन की प्रक्रिया को और अधिक कुशल बना सकता है।

📌 BharatPe के योगदान का असर:

  • FY24 के अंत तक TFPL के कुल AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) का 76% हिस्सा BharatPe के रेफरल से आया।
  • FY25 के पहले 9 महीनों में TFPL का कुल AUM ₹1,154 करोड़ तक पहुंच गया, जो कि FY24 में ₹869 करोड़ था।

📌 Trillion Loans की बैंक रेटिंग:

  • Ind-Ra (India Ratings & Research) ने Trillion Loans को ‘BBB+’ रेटिंग दी है, जो कि कंपनी के लिए एक स्थिर आउटलुक दर्शाता है।
  • इस रेटिंग का कारण है कि Trillion Loans को BharatPe का सपोर्ट मिल रहा है, जिससे इसका प्रतिस्पर्धात्मक लाभ बढ़ रहा है।

BharatPe के फंडिंग और IPO की योजनाएं

BharatPe ने अब तक $583 मिलियन से अधिक की इक्विटी फंडिंग जुटाई है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

🔹 Peak XV Partners
🔹 Tiger Global
🔹 Ribbit Capital
🔹 Insight Partners
🔹 Amplo
🔹 Beenext
🔹 Steadview Capital और अन्य।

कंपनी अगले 18-24 महीनों में IPO लाने की योजना बना रही है, जिससे इसे पूंजी जुटाने और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।


Ashneer Grover विवाद के बाद सफाई अभियान, लेकिन चुनौतियाँ बरकरार

BharatPe ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर से जुड़े विवादों के बाद एक ठोस सुधार यात्रा शुरू की है। हालांकि, अब भी कुछ बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं:

लॉस कम हुआ, लेकिन निवेश का अपेक्षित रिटर्न नहीं मिला
मार्केट में अपनी पुरानी स्थिति को फिर से हासिल करना बाकी
NBFC सेक्टर में शीर्ष स्थान पाने का वादा पूरा करने के लिए और मेहनत करनी होगी

💡 विशेषज्ञों के अनुसार, BharatPe FY26 तक पूरी तरह प्रॉफिटेबल हो सकता है, लेकिन इसके लिए एक अधिक स्थिर, रणनीतिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना होगा।


क्या BharatPe निवेशकों का भरोसा वापस जीत पाएगा?

🚀 बाजार में नए निवेशकों को आकर्षित करना मुश्किल होगा, क्योंकि मौजूदा निवेशकों को रिटर्न के लिए पहले से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है।
🚀 अशनीर ग्रोवर के विवाद से उभरकर कंपनी ने अपनी छवि सुधारने की कोशिश की है, लेकिन इसे एक बार फिर से “हाइप इंजन” बनाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
🚀 NBFC सेगमेंट में कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, BharatPe को अपने बिज़नेस मॉडल को और मजबूत करना होगा।

निष्कर्ष

BharatPe ने पिछले कुछ महीनों में सकारात्मक सुधार दिखाए हैं, लेकिन इसे लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी पर और फोकस करना होगा। यदि कंपनी अपने NBFC ऑपरेशंस को कुशलतापूर्वक स्केल कर पाती है, तो यह अगले कुछ वर्षों में बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकती है।

क्या BharatPe FY26 तक अपने वादे पूरे कर पाएगा और NBFC इंडस्ट्री में टॉप प्लेयर बन पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा! 🚀

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Country Delight ने Temasek से ₹212.5 करोड़ की सीरीज E फंडिंग जुटाई

Country delight

गुरुग्राम स्थित डेयरी और डेली एसेंशियल ब्रांड Country Delight ने Temasek से ₹212.5 करोड़ (लगभग $25 मिलियन) की सीरीज E फंडिंग जुटाई है। यह कंपनी के लिए साल 2025 की पहली इक्विटी फंडिंग है।

Country Delight फंडिंग डिटेल्स: 1,00,974 सीरीज E शेयर जारी

Country Delight के बोर्ड ने एक स्पेशल रिज़ॉल्यूशन पास किया है, जिसके तहत Temasek (V-Sciences Investments Pte Ltd) को 1,00,974 सीरीज E कंपल्सरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर जारी किए गए हैं।

RoC (Registrar of Companies) की फाइलिंग के अनुसार, इस फंडिंग का उपयोग वर्किंग कैपिटल जरूरतों और अन्य बिजनेस ऑपरेशन्स को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

Country Delight की वैल्यूएशन $820 मिलियन बनी हुई है, जो पिछले राउंड के समान है।


पिछले निवेश और वित्तीय स्थिति

  • 2024 में कंपनी ने प्री-सीरीज E राउंड में $20 मिलियन जुटाए थे, जिसकी वैल्यूएशन मौजूदा राउंड के समान थी।
  • अक्टूबर 2024 में, Country Delight ने Alteria Capital से ₹200 करोड़ का डेट फंडिंग भी प्राप्त किया था।
  • TheKredible के आंकड़ों के अनुसार, Country Delight अब तक कुल $220 मिलियन जुटा चुका है, जिसमें इक्विटी और डेट दोनों शामिल हैं।

Temasek, कंपनी का सबसे बड़ा बाहरी निवेशक बना हुआ है और इस निवेश के बाद इसकी हिस्सेदारी 13.63% हो गई है।


Country Delight: भारत का प्रमुख डेयरी और डेली एसेंशियल ब्रांड

Chakradhar Gade और Nitin Kaushal द्वारा स्थापित Country Delight अपने ग्राहकों को ताज़े डेयरी उत्पाद, बेकरी आइटम, पोल्ट्री और फार्म प्रोड्यूस उपलब्ध कराता है।

🔹 डायरेक्ट-फार्म-टू-कंज्यूमर मॉडल: कंपनी अपने उत्पाद सीधे डेयरी फार्म से मंगवाकर ग्राहकों तक पहुंचाती है।
🔹 1.5 मिलियन से अधिक ग्राहक: वर्तमान में यह दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, चंडीगढ़ सहित 25 से अधिक शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा है।
🔹 मूल्यवर्धित डेयरी प्रोडक्ट्स: दूध के अलावा दही, पनीर, घी, ब्रेड, अंडे और ताज़ी सब्जियों की भी आपूर्ति करता है।


Country Delight की तगड़ी ग्रोथ: FY24 में 50% वृद्धि

कंपनी ने अभी तक FY24 के आधिकारिक वित्तीय आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन The Arc की रिपोर्ट के अनुसार:

FY24 में Country Delight का राजस्व ₹1,380 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष (FY23) के ₹917 करोड़ की तुलना में 50% की वृद्धि है।
✅ FY23 में कंपनी को ₹260 करोड़ का नुकसान हुआ था, लेकिन FY24 में लाभ बढ़ने की संभावना है।


Quick Commerce में एंट्री: Blinkit और Zepto से मुकाबला

Country Delight ने हाल ही में Quick Commerce सेगमेंट में कदम रखा है और गुरुग्राम में 10-15 मिनट की डिलीवरी सर्विस का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।

✅ यह Zepto, Blinkit, Swiggy Instamart, Flipkart Minutes और Amazon Now (पूर्व में Amazon Tez) जैसे दिग्गजों को सीधी टक्कर देगा।
✅ कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर “दूध से लेकर सब्जियों तक” हर जरूरी सामान की त्वरित डिलीवरी की सुविधा प्रदान कर रही है।


Country Delight के लिए आगे की रणनीति

1. रिटेल विस्तार और नए शहरों में लॉन्च

Country Delight अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो और डिलीवरी नेटवर्क का विस्तार करने की योजना बना रहा है।

📌 अगले 12 महीनों में 10 नए शहरों में विस्तार
📌 Quick Commerce सर्विस को अन्य मेट्रो और टियर-2 शहरों में लॉन्च करना

2. टेक्नोलॉजी और सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश

फंडिंग का उपयोग सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन और AI-बेस्ड डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

📌 AI-पावर्ड इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम
📌 ऑटोमैटेड डिलीवरी अल्गोरिदम से ऑर्डर प्रोसेसिंग को तेज़ करना

3. प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ाने पर फोकस

देशभर में तेज़ी से विस्तार के बावजूद कंपनी की रणनीति जल्द से जल्द प्रॉफिटेबल बनने पर केंद्रित है।

📌 अगले 18-24 महीनों में EBITDA पॉजिटिव होने का लक्ष्य
📌 लो-कॉस्ट लॉजिस्टिक्स और ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार


क्या Country Delight भारत का अगला यूनिकॉर्न बन सकता है?

स्टेबल वैल्यूएशन: $820 मिलियन की वैल्यूएशन पर लगातार निवेश मिलना कंपनी में निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।
ग्राहक आधार में वृद्धि: 1.5 मिलियन से अधिक ग्राहक और नए शहरों में विस्तार के साथ कंपनी की पहुंच बढ़ रही है।
तेज़ ग्रोथ: 50% राजस्व वृद्धि, Quick Commerce में एंट्री और बेहतर ऑपरेशनल एफिशिएंसी इसे एक मजबूत ब्रांड बना रहे हैं।

🚀 अगर कंपनी अपनी प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार और सप्लाई चेन को और मजबूत करने में सफल होती है, तो Country Delight आने वाले वर्षों में भारत का अगला यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन सकता है।

निष्कर्ष

Country Delight की ₹212.5 करोड़ ($25 मिलियन) की नई फंडिंग और $820 मिलियन की वैल्यूएशन यह दर्शाती है कि डेयरी और डेली एसेंशियल सेक्टर में टेक्नोलॉजी-ड्रिवन कंपनियां कितनी तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

इस ताजा फंडिंग के साथ, कंपनी नए बाजारों में प्रवेश, सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और Quick Commerce में मजबूती से पैर जमाने की दिशा में आगे बढ़ेगी।

🚀 क्या Country Delight अपनी रणनीति में सफल रहेगा और अगला यूनिकॉर्न बनेगा? यह देखना दिलचस्प होगा!

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Care.fi को Vivriti Capital से 7.5 करोड़ रुपये की डेब्ट फंडिंग मिली

Care.fi

नई दिल्ली, 10 फरवरी 2025: हेल्थकेयर-फोकस्ड फिनटेक स्टार्टअप Care.fi ने हाल ही में Vivriti Capital से ₹7.5 करोड़ की डेट फंडिंग प्राप्त की है। यह निवेश स्टार्टअप की अब तक की कुल फंडिंग को ₹29 करोड़ तक ले जाता है।

Care.fi ने इससे पहले Wint Wealth (Ambium Finserve) और Caspian से ₹8 करोड़ तथा Trifecta Capital और UC Inclusive Credit से $2.5 मिलियन (लगभग ₹21 करोड़) की डेट फंडिंग जुटाई थी।

Care.fi का मिशन: हेल्थकेयर फाइनेंस को आसान बनाना

2021 में सिदक सिंह और विक्रांत अग्रवाल द्वारा स्थापित Care.fi का लक्ष्य, Revenue Cycle Management (RCM) को सरल और प्रभावी बनाना है। यह स्टार्टअप खासतौर पर बीमा क्लेम (insurance claims) के जटिल और समय लेने वाले प्रोसेस को आसान बनाने पर काम कर रहा है, जिससे हॉस्पिटल का राजस्व बढ़े और ऑपरेशनल एफिशिएंसी (operational efficiency) में सुधार हो।


RevNow: Care.fi का AI-पावर्ड RCM सॉल्यूशन

Care.fi का प्रमुख प्रोडक्ट RevNow, एक AI-ड्रिवन RCM प्लेटफॉर्म है, जो अस्पतालों को बीमा क्लेम प्रोसेसिंग तेज़ी से निपटाने में मदद करता है।

🔹 3-5 दिनों में क्लेम सेटलमेंट: अस्पतालों को डिस्चार्ज के बाद 3-5 दिनों के भीतर भुगतान प्राप्त हो जाता है।
🔹 30 मिनट में मरीज का डिस्चार्ज: अंतिम बिलिंग और अप्रूवल को ऑटोमेट करके, मरीजों को बिना देरी के जल्दी छुट्टी मिलती है।
🔹 रियल-टाइम क्वेरी नोटिफिकेशन और ऑटोमेटेड रिस्पॉन्स: अस्पताल के प्रशासनिक कामों को आसान और तेज़ बनाता है।
🔹 कैश फ्लो ट्रांसपेरेंसी: अस्पताल, यूनिट और क्लेम स्तर पर रियल-टाइम रीकंसीलिएशन (reconciliation) संभव बनाता है।

Care.fi के अनुसार, RevNow के जरिए अब तक ₹800 करोड़ से अधिक के क्लेम प्रोसेस किए जा चुके हैं और यह 300 से अधिक अस्पतालों में सक्रिय है।


डेट फंडिंग से Care.fi की विस्तार योजनाएं

Care.fi ने प्रेस रिलीज में कहा कि नई फंडिंग का उपयोग RevNow को और अधिक अस्पतालों तक पहुंचाने और इसके फीचर्स को अपग्रेड करने के लिए किया जाएगा।

📌 अस्पतालों में बेहतर वित्तीय पारदर्शिता लाने के लिए RevNow का विस्तार
📌 अस्पतालों के HIS (Hospital Information Systems), EHR (Electronic Health Records) और बिलिंग प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेशन
📌 बीमा क्लेम प्रोसेसिंग को और अधिक ऑटोमेट करने के लिए AI अपग्रेड

Care.fi के को-फाउंडर सिदक सिंह ने कहा,
“हम शुरू से ही अस्पतालों के रेवेन्यू मैनेजमेंट में आने वाली चुनौतियों को हल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। RevNow के साथ, हम क्लेम प्रोसेसिंग की दक्षता में नए बेंचमार्क सेट कर रहे हैं। इस ताजा फंडिंग के जरिए, हम और भी अधिक अस्पतालों की वित्तीय प्रक्रियाओं को सुगम बनाएंगे और मरीजों के अनुभव को बेहतर करेंगे।”


भारत में हेल्थकेयर फिनटेक का बढ़ता बाजार

भारत में हेल्थकेयर इंडस्ट्री और फिनटेक टेक्नोलॉजी के मेल से बड़ा अवसर पैदा हो रहा है।

कुछ प्रमुख आंकड़े:
🔸 भारतीय हेल्थकेयर फिनटेक मार्केट $8 बिलियन (₹66,000 करोड़) से अधिक का है।
🔸 बीमा कंपनियों और अस्पतालों के बीच क्लेम प्रोसेसिंग की औसत अवधि 20-30 दिन होती है, जिसे Care.fi 3-5 दिन तक कम कर रहा है।
🔸 2027 तक, भारतीय हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी मार्केट $50 बिलियन तक पहुंच सकता है।

Care.fi जैसे स्टार्टअप, बीमा कंपनियों, अस्पतालों और फाइनेंशियल संस्थानों के बीच डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आगे बढ़ा रहे हैं।


Care.fi के प्रतिद्वंद्वी और बाजार में प्रतिस्पर्धा

भारत में हेल्थकेयर-फोकस्ड फिनटेक सेक्टर में कई कंपनियां तेजी से उभर रही हैं।

Care.fi के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी:
QubeHealth: हेल्थकेयर फाइनेंस में BNPL (Buy Now, Pay Later) मॉडल लाने वाला स्टार्टअप।
Fibe (पहले EarlySalary): मेडिकल लोन और डिजिटल हेल्थ फाइनेंस सॉल्यूशन प्रदान करता है।
MediBuddy: स्वास्थ्य बीमा और डिजिटल क्लेम प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म।
HealthFin: अस्पतालों और मरीजों के लिए आसान फाइनेंसिंग समाधान प्रदान करता है।

हालांकि, Care.fi का RevNow प्लेटफॉर्म AI-पावर्ड ऑटोमेशन पर आधारित है, जो इसे क्लेम सेटलमेंट की तेज़ी और वित्तीय पारदर्शिता के मामले में अन्य स्टार्टअप्स से अलग बनाता है।


क्या Care.fi भारत के हेल्थकेयर सिस्टम में बदलाव ला सकता है?

Care.fi का RevNow प्लेटफॉर्म अस्पतालों के लिए फाइनेंशियल मैनेजमेंट को आसान बनाने के साथ-साथ मरीजों को भी लाभ पहुंचा रहा है।

तेज़ क्लेम प्रोसेसिंग: अस्पतालों को क्लेम सेटलमेंट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता।
बेहतर मरीज अनुभव: 30 मिनट में डिस्चार्ज, जिससे मरीजों और उनके परिवारों को राहत मिलती है।
फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी: अस्पतालों को अपनी आमदनी और खर्चों पर बेहतर नियंत्रण मिलता है।


निष्कर्ष

Care.fi जैसे स्टार्टअप हेल्थकेयर फाइनेंस को डिजिटल और ऑटोमेटेड बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

Vivriti Capital से मिली ₹7.5 करोड़ की फंडिंग और इसके साथ ही अब तक जुटाए गए ₹29 करोड़ से Care.fi आने वाले समय में हजारों अस्पतालों तक अपनी सेवाएं पहुंचाने की योजना बना रहा है।

अगर यह स्टार्टअप अपने AI-ड्रिवन RevNow प्लेटफॉर्म को बड़े पैमाने पर अपनाने में सफल रहता है, तो भारत में बीमा क्लेम प्रोसेसिंग और अस्पतालों की वित्तीय दक्षता में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। 🚀

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Paytm ने Juspay सहित थर्ड-पार्टी पेमेंट प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया बंद,

Juspay

फिनटेक कंपनी Paytm ने अपनी पेमेंट सेवाओं को और मजबूत करने के लिए Juspay जैसी थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग बंद कर दिया है। अब कंपनी सीधे ट्रांजैक्शन प्रोसेस करेगी, जिससे व्यापारियों को अधिक सुरक्षित और तेज पेमेंट समाधान मिल सके। यह कदम Razorpay, PhonePe और Cashfree Payments जैसी कंपनियों द्वारा हाल ही में उठाए गए फैसलों के समान है, जिन्होंने भी थर्ड-पार्टी ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म्स से दूरी बना ली है।

1 अप्रैल से Juspay का सपोर्ट होगा बंद

Paytm Payments Services Limited (PPSL) ने अपने व्यापारिक भागीदारों (मर्चेंट्स) को जानकारी दी है कि 1 अप्रैल 2025 से Juspay के जरिए ट्रांजैक्शन सपोर्ट बंद कर दिया जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह कदम Paytm की सीमलेस और भरोसेमंद पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

PPSL ने मर्चेंट्स को एक ईमेल में लिखा:

“निरंतर और सुचारू पेमेंट सेवा सुनिश्चित करने के लिए, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप सीधे PPSL के माध्यम से भुगतान स्वीकार करें।”

कंपनी ने यह भी बताया कि PPSL 100 से अधिक पेमेंट स्रोतों को सपोर्ट करता है और भारी ट्रांजैक्शन लोड को कुशलता से संभालने के लिए पूरी तरह सक्षम है।

थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म से अलग होने की बढ़ती प्रवृत्ति

Paytm का यह निर्णय अचानक नहीं आया है। हाल के महीनों में, PhonePe, Razorpay और Cashfree Payments जैसी कंपनियों ने भी इसी दिशा में कदम उठाए हैं।

  • PhonePe ने दिसंबर 2024 में सबसे पहले Juspay से अपनी सेवाएं समाप्त की थीं।
  • इसके बाद, Razorpay और Cashfree Payments ने भी अपने पेमेंट सिस्टम को थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स से हटाकर डायरेक्ट प्रोसेसिंग शुरू कर दी।
  • अब Paytm ने भी यही रास्ता अपनाया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

इस बदलाव के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

  1. बेहतर पेमेंट कंट्रोल – थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर रहने के बजाय, कंपनियां अपना खुद का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रही हैं ताकि अधिक सुरक्षा और स्पीड प्रदान कर सकें।
  2. कॉस्ट सेविंग – थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स को कमीशन देने की बजाय, सीधे पेमेंट प्रोसेसिंग करने से कंपनियों को लॉन्ग-टर्म में लागत बचाने में मदद मिलेगी
  3. नियामक आवश्यकताओं का पालन – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा समय-समय पर पेमेंट गेटवे और एग्रीगेटर कंपनियों के लिए नियम बनाए जाते हैं। डायरेक्ट प्रोसेसिंग से कंपनियां इन नियमों का बेहतर तरीके से पालन कर सकती हैं
  4. बेहतर डेटा सिक्योरिटी – थर्ड-पार्टी ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म्स पर निर्भरता डाटा सुरक्षा जोखिम बढ़ा सकती है। डायरेक्ट प्रोसेसिंग से मर्चेंट्स और ग्राहकों दोनों के लिए अधिक सुरक्षित ट्रांजैक्शन सुनिश्चित होता है

Juspay का जवाब

इस बदलाव के बाद Juspay ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। कंपनी ने कहा कि:

“जो भी पेमेंट एग्रीगेटर (PA) या पेमेंट गेटवे (PG) किसी मर्चेंट के साथ काम करने को तैयार नहीं होगा, वह अंततः नुकसान उठाएगा। इससे केवल मर्चेंट को ही नहीं, बल्कि संपूर्ण पेमेंट इकोसिस्टम को भी नुकसान होगा।”

यह बयान संकेत देता है कि Juspay को इस फैसले से असहजता हो सकती है, लेकिन वह इसे व्यापक रूप से पेमेंट इंडस्ट्री पर प्रभाव डालने वाला मान रहा है।

Paytm की रणनीति और भविष्य की योजनाएं

Paytm, भारत के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स में से एक है और लगातार पेमेंट टेक्नोलॉजी में इनोवेशन कर रहा है

  • IPO की तैयारी: Paytm ने हाल ही में संकेत दिया था कि वह अपना IPO फिर से लॉन्च करने की योजना बना रहा है। कंपनी के इन प्रयासों का उद्देश्य अपनी पैसों की स्थिति को मजबूत करना और बाजार में अधिक स्थिरता लाना है।
  • UPI और डिजिटल पेमेंट लीडरशिप: Paytm भारत में UPI ट्रांजैक्शन में एक मजबूत खिलाड़ी बना हुआ है। इसके पास 30 करोड़+ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं और लाखों व्यापारी इससे जुड़े हुए हैं।
  • AI और मशीन लर्निंग का उपयोग: Paytm अपने प्लेटफॉर्म को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से लैस कर रहा है ताकि फ्रॉड डिटेक्शन और फास्ट पेमेंट प्रोसेसिंग को बेहतर बनाया जा सके।

क्या मर्चेंट्स पर कोई प्रभाव पड़ेगा?

मर्चेंट्स के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण होगा, लेकिन Paytm की ओर से यह दावा किया गया है कि इससे कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा

  • तेजी से भुगतान होगा: डायरेक्ट ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग से पेमेंट की स्पीड बढ़ेगी, जिससे मर्चेंट्स को तुरंत पैसे मिलेंगे।
  • कम इंटरमीडियरी शुल्क: थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स को हटाने से मर्चेंट्स को कम ट्रांजैक्शन चार्ज देना पड़ेगा
  • बेहतर तकनीकी सपोर्ट: Paytm अब अपने मर्चेंट्स को सीधा और अधिक प्रभावी टेक्निकल सपोर्ट प्रदान करेगा

निष्कर्ष

Paytm द्वारा Juspay और अन्य थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स से अलग होने का निर्णय भारत में डिजिटल भुगतान के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह कदम न केवल बेहतर सुरक्षा, स्पीड और लागत बचत सुनिश्चित करेगा, बल्कि Paytm को लॉन्ग-टर्म में एक मजबूत पेमेंट प्रोवाइडर के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा

भविष्य में, यह देखा जाएगा कि अन्य पेमेंट कंपनियां भी इसी रणनीति को अपनाती हैं या नहीं। लेकिन यह साफ है कि डायरेक्ट पेमेंट प्रोसेसिंग का चलन अब तेजी से बढ़ रहा है और भारत का डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम अधिक आत्मनिर्भर और प्रभावी बनने की ओर बढ़ रहा है। 🚀💰

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Zepto, $250 मिलियन सेकेंडरी राउंड में जुटाने की योजना

Zepto

भारत की अग्रणी क्विक कॉमर्स और फूडटेक कंपनी Zepto एक बड़े $250 मिलियन सेकेंडरी राउंड की योजना बना रही है। इस फंडिंग के जरिए मौजूदा शेयरधारकों को अपनी इक्विटी बेचने का मौका मिलेगा।

इस कदम का मुख्य उद्देश्य भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाना है, जिससे कंपनी के इस साल के अंत में प्रस्तावित IPO के लिए सही माहौल बनाया जा सके।

📢 ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार:
Zepto के इस सेकेंडरी सेल में Motilal Oswal Financial और Edelweiss Financial Services की प्राइवेट इक्विटी शाखाएं हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही हैं।

👉 Zepto ट्रांजैक्शन के संभावित विवरण:

  • Zepto की वैल्यूएशन $5 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद
  • $350 मिलियन के पिछले फंडिंग राउंड में भी Motilal Oswal मुख्य निवेशक था
  • IPO से पहले निवेशकों को आकर्षित करने की रणनीति

Zepto की फंडिंग और ग्रोथ का सफर

🚀 2024 में Zepto ने कुल $1.35 बिलियन जुटाए
📌 अब तक कुल $1.85 बिलियन की फंडिंग हो चुकी है
📈 पिछली फंडिंग में भी $5 बिलियन की वैल्यूएशन थी

Zepto का तेज़ी से बढ़ता कारोबार इसे भारत की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप कंपनियों में से एक बना रहा है।

Zepto का बिजनेस मॉडल और संचालन

Zepto अपने ग्राहकों को 10 मिनट में 25,000 से अधिक उत्पादों की डिलीवरी देता है।

💡 डार्क स्टोर्स का बड़ा नेटवर्क:

  • 550 से अधिक डार्क स्टोर्स (गोदाम)
  • रोज़ाना 7 लाख से अधिक ऑर्डर की प्रोसेसिंग

🍽 फूड डिलीवरी में भी पकड़:
Zepto ने अपने Zepto Cafe ऐप के ज़रिए 10-मिनट फूड डिलीवरी सेगमेंट में भी एंट्री कर ली है, जिससे यह स्विगी और ज़ोमैटो को सीधी टक्कर दे रहा है।


वित्तीय प्रदर्शन: बढ़ती रेवेन्यू, घटता घाटा

Zepto ने FY24 में 2.2X ग्रोथ दर्ज की, जिसमें उसका ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹4,454 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष (FY23) के ₹2,026 करोड़ से दोगुना से भी अधिक है।

📉 घाटे में मामूली कमी:

  • FY24 में कंपनी के नुकसान में 2% की गिरावट दर्ज की गई
  • ऑपरेटिंग मार्जिन में सुधार के संकेत

👉 क्या यह फाइनेंशियल परफॉर्मेंस निवेशकों को IPO में आकर्षित करेगा?


Zepto का IPO प्लान और भारत में शिफ्टिंग

Zepto ने इस साल की शुरुआत में अपना डोमिसाइल सिंगापुर से भारत शिफ्ट कर लिया, जिससे भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग आसान हो गई।

📈 IPO से पहले भारत में निवेश बढ़ाने की रणनीति:

  • भारतीय निवेशकों को शामिल कर घरेलू हिस्सेदारी बढ़ाना
  • स्थानीय रेगुलेटरी अनुपालन को मजबूत करना
  • IPO में खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने की तैयारी

Zepto की तेज़ी से बढ़ती मांग और मजबूत फंडिंग बैकिंग इसे IPO के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बना रही है।


भारतीय क्विक कॉमर्स मार्केट में प्रतिस्पर्धा

Zepto को Blinkit, Instamart (Swiggy) और Dunzo जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है।

🏆 क्यों है Zepto सबसे अलग?
सबसे तेज़ डिलीवरी नेटवर्क – 10 मिनट में ऑर्डर
550+ डार्क स्टोर्स – मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर
नए इनोवेशन जैसे Zepto Cafe – फूड डिलीवरी में प्रवेश

📊 ब्लिंकिट बनाम Zepto:
Blinkit का मालिक ज़ोमैटो है, जो पहले से एक लिस्टेड कंपनी है। Zepto की IPO लिस्टिंग इसे Blinkit के बराबर प्रतिस्पर्धी बना सकती है।


Zepto की IPO रणनीति क्यों खास है?

भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाने का प्लान
IPO के लिए मजबूत वित्तीय स्थिति तैयार करना
डार्क स्टोर मॉडल को और विस्तार देना
फूड डिलीवरी सेगमेंट में भी पकड़ मजबूत करना

🚀 क्या Zepto भारत का अगला बड़ा IPO होगा?


निष्कर्ष

Zepto की $250 मिलियन सेकेंडरी फंडिंग और IPO की योजना इसे भारत का सबसे बड़ा क्विक कॉमर्स ब्रांड बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

💡 क्या Zepto का IPO Blinkit और Swiggy Instamart को टक्कर देगा?
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