भारत के ग्रामीण मार्केटप्लेस सेक्टर में अपनी मजबूत पकड़ बनाने वाले Tractor Junction ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी की ऑपरेटिंग इनकम 1.7 गुना बढ़कर ₹106.43 करोड़ तक पहुंच गई है — यानी Tractor Junction ने पहली बार ₹100 करोड़ का माइलस्टोन पार कर लिया! 👏
पिछले वित्त वर्ष (FY24) में कंपनी ने ₹62 करोड़ की कमाई की थी, जिसका मतलब है कि FY25 में कंपनी ने करीब 70% की जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है।
🚜 Tractor Junction क्या करता है?
Tractor Junction एक ग्रामीण वाहन मार्केटप्लेस है जो किसानों और ग्रामीण खरीदारों के लिए नए और पुराने ट्रैक्टर, फार्म इक्विपमेंट, और ग्रामीण कमर्शियल व्हीकल्स की खरीद-बिक्री को आसान बनाता है।
इसके अलावा, यह प्लेटफॉर्म फाइनेंसिंग, इंश्योरेंस, रिव्यू और प्राइस कम्पैरिजन जैसी सेवाएं भी देता है ताकि खरीदारों को ट्रांसपेरेंट डील मिल सके। 🌱
💰 FY25 में Tractor Junction की कमाई का पूरा ब्रेकडाउन
कंपनी के फाइनेंशियल रिपोर्ट (RoC फाइलिंग) के अनुसार,
- ट्रैक्टर और इक्विपमेंट सेल्स से कुल रेवेन्यू का 80% आया, जो FY25 में ₹85.14 करोड़ रहा।
- वहीं, सर्विसेस और फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स से ₹21.29 करोड़ की कमाई हुई।
कंपनी का कहना है कि उसका फाइनेंशियल सर्विस सेगमेंट 10 गुना बढ़ा है और यूज्ड व्हीकल बिजनेस में भी 1.8x ग्रोथ हुई है।
यह सब संभव हुआ है इसके 65 COCO आउटलेट्स (Company Owned, Company Operated) के जरिए, जो राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हैं। 🌾
📈 Non-Operating Income और Total Earnings
Tractor Junction ने ₹12.44 करोड़ की Non-Operating Income भी अर्जित की — जिसमें कमीशन और फिक्स्ड डिपॉजिट इंटरेस्ट शामिल हैं।
इससे कंपनी की कुल आय (Total Income) FY25 में ₹118.8 करोड़ तक पहुंच गई।
🧾 खर्चों में भी बड़ा उछाल
जहां कमाई बढ़ी, वहीं खर्चे भी तेज़ी से बढ़े।
- मटीरियल कॉस्ट ₹80.26 करोड़ तक पहुंच गई, जो कुल खर्चों का 63% है।
- एम्प्लॉई बेनिफिट कॉस्ट ₹22 करोड़ रही, जो 47% की वृद्धि दिखाती है।
- एडवर्टाइजिंग, कॉन्ट्रैक्ट वेजेज़, इंश्योरेंस और RTO खर्चों में भी भारी उछाल देखने को मिला।
कुल मिलाकर, कंपनी का टोटल एक्सपेंस FY24 के ₹72.7 करोड़ से बढ़कर FY25 में ₹127.53 करोड़ हो गया — यानी लगभग 75% की बढ़ोतरी। 📊
😕 घाटे में बढ़ोतरी, लेकिन ग्रोथ बरकरार
भले ही Tractor Junction की रेवेन्यू तेजी से बढ़ी हो, लेकिन खर्चों में उछाल के कारण कंपनी को ₹9.08 करोड़ का घाटा (FY25) हुआ, जो पिछले साल के ₹3.67 करोड़ से 2.5 गुना ज्यादा है।
कंपनी की EBITDA Margin -18.03% और ROCE -70.3% रही।
यानी हर ₹1 कमाने के लिए कंपनी को ₹1.2 खर्च करने पड़े। 💸
🏦 कंपनी की बैलेंस शीट की झलक
मार्च 2025 तक कंपनी के करंट एसेट्स ₹70.43 करोड़ के थे, जिनमें ₹13.76 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस शामिल है।
🌱 भविष्य की योजना: मुनाफे की ओर कदम
Tractor Junction अब FY26 में भी डबल डिजिट ग्रोथ का लक्ष्य रख रही है।
कंपनी अपने COCO आउटलेट नेटवर्क को 100 तक बढ़ाने और प्रॉफिटेबिलिटी पर अधिक ध्यान देने की योजना बना रही है।
💡 निवेश और ग्रोथ की कहानी
डेटा प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार, Tractor Junction ने अब तक करीब $6 मिलियन फंडिंग जुटाई है।
इसमें अप्रैल 2022 में हुआ $5.7 मिलियन का सीड राउंड शामिल है, जिसे Info Edge Ventures और Omnivore ने को-लीड किया था।
यह निवेश कंपनी की तकनीकी क्षमता, ग्रामीण नेटवर्क, और किसानों के भरोसे को और मजबूत करने में अहम रहा है। 🌾
🧠 निष्कर्ष
Tractor Junction का ग्रोथ जर्नी दिखाती है कि कैसे भारत का ग्रामीण सेक्टर टेक्नोलॉजी के सहारे तेजी से आगे बढ़ रहा है।
भले ही कंपनी को फिलहाल घाटा झेलना पड़ रहा है, लेकिन उसकी स्ट्रॉन्ग ग्रोथ ट्रेजेक्टरी, बढ़ते आउटलेट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज सेगमेंट इसे अगले कुछ वर्षों में प्रॉफिट की दिशा में ले जा सकते हैं।
Tractor Junction अब सिर्फ ट्रैक्टर मार्केट नहीं, बल्कि भारत के ग्रामीण डिजिटल इकोसिस्टम की नई रफ्तार बन चुका है। 🚜💪
क्या आपको लगता है कि Tractor Junction जैसे एग्रीटेक स्टार्टअप्स भारत के किसानों की आर्थिक तस्वीर बदल सकते हैं?
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