🇮🇳💸 UPI ने नवंबर 2025 में किया 20.47 बिलियन ट्रांज़ैक्शंस का आंकड़ा पार!

UPI

भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है, और नवंबर 2025 इसका एक और बड़ा प्रमाण है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने नवंबर महीने में 20.47 बिलियन ट्रांज़ैक्शंस दर्ज किए। यह आंकड़ा अक्टूबर 2025 के 20.70 बिलियन के मुकाबले थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी UPI ने पिछले साल की तुलना में जबरदस्त 32% की सालाना वृद्धि दिखाई है।

फेस्टिवल सीजन के बाद यह हल्की गिरावट पूरी तरह सामान्य मानी जा रही है। आइए पूरा विश्लेषण समझते हैं👇


📊 UPI ट्रांज़ैक्शंस: महीने-दर-महीना और साल-दर-साल तुलना

  • नवंबर 2025: 20.47 बिलियन ट्रांज़ैक्शंस
  • अक्टूबर 2025: 20.70 बिलियन ट्रांज़ैक्शंस
  • YoY ग्रोथ: 32%
  • यह UPI इतिहास में तीसरी बार है जब मासिक ट्रांज़ैक्शंस ने 20 बिलियन का आंकड़ा पार किया है।

पहली बार यह उपलब्धि अगस्त 2025 में मिली थी, और दूसरी बार अक्टूबर 2025 में।


💰 ट्रांज़ैक्शन वैल्यू: त्योहारी खर्च के बाद हल्की गिरावट

नवंबर में कुल ट्रांज़ैक्शन वैल्यू रही: ₹26.32 लाख करोड़
अक्टूबर में यह थी: ₹27.28 लाख करोड़

यानी, करीब ₹1 लाख करोड़ की कमी।

  • सालाना वृद्धि (YoY): 22%
  • मंथली गिरावट: अक्टूबर के फेस्टिवल शॉपिंग लहर के बाद सामान्य कूल-ऑफ।

📅 डेली एवरेज ट्रांज़ैक्शन: लगातार मजबूत

  • प्रतिदिन औसत UPI ट्रांज़ैक्शन: 682 मिलियन
  • प्रतिदिन औसत ट्रांज़ैक्शन वैल्यू: ₹87,721 करोड़
    (अक्टूबर की तुलना में मामूली कमी, तब था ₹87,993 करोड़)

यानी, नवंबर में भी भारत में हर दिन 68 करोड़ से ज़्यादा UPI पेमेंट्स हुए—यह खुद में एक रिकॉर्ड है!


📱 UPI ऐप्स: अक्टूबर में PhonePe ने फिर मारी बाज़ी

नवंबर के ऐप-वार डेटा अभी जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन अक्टूबर के आंकड़े बताते हैं—

  • PhonePe: 9.4 बिलियन ट्रांज़ैक्शंस
  • उसके बाद Google Pay और Paytm

PhonePe लंबे समय से UPI का सबसे बड़ा खिलाड़ी बना हुआ है और इसका दबदबा बदस्तूर जारी है।


🌍 UPI का ग्लोबल विस्तार: भारत की डिजिटल ताकत अब दुनिया में

UPI सिर्फ भारत की सीमा तक सीमित नहीं है। पिछले एक साल में UPI ने तेजी से विदेशों में विस्तार किया है।

UPI अब इन देशों में लाइव है:

  • 🇸🇬 सिंगापुर
  • 🇦🇪 UAE
  • 🇧🇹 भूटान
  • 🇳🇵 नेपाल
  • 🇫🇷 फ्रांस
  • 🇱🇰 श्रीलंका
  • 🇲🇺 मॉरीशस

इन जगहों पर भारतीय पर्यटक और व्यापारी सीधे UPI से पेमेंट कर सकते हैं — यह डिजिटल इंडिया की सबसे बड़ी ताकतों में से एक बन चुकी है।


🇪🇺 नया बड़ा कदम: यूरोपीय पेमेंट सिस्टम से UPI का इंटरलिंक

हाल ही में एक बड़ी घोषणा हुई—
UPI को यूरो सिस्टम के TARGET Instant Payment Settlement (TIPS) के साथ जोड़ा जाएगा।

इससे क्या बदलाव आएंगे?

  • यूरोपीय देशों में रियल-टाइम पेमेंट आसान होंगे
  • भारतीय पर्यटकों, छात्रों और बिज़नेस ट्रैवलर्स को सीधा फायदा
  • ग्लोबल पेमेंट नेटवर्क में भारत की पकड़ और मजबूत

ये साझेदारी यह साबित करती है कि भारत डिजिटल भुगतान के वैश्विक भविष्य में बड़ी भूमिका निभा रहा है।


🧭 UPI की ग्रोथ को क्या चला रहा है?

  1. झंझट-मुक्त पेमेंट सिस्टम — QR स्कैन करो, पेमेंट हो गया!
  2. हर उम्र और शहर के लोगों की पहुंच में
  3. फास्ट, फ्री और 24×7 उपलब्ध
  4. बिजनेस और दुकानदारों के लिए आसान
  5. बढ़ते डिजिटल ऐप्स, वॉलेट्स और बैंकिंग इकोसिस्टम

UPI अब सिर्फ पेमेंट प्लेटफॉर्म नहीं—
यह भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का “दिल” बन चुका है।


🔮 2026 की ओर: क्या बना रह सकता है ट्रेंड?

  • UPI 25 बिलियन मासिक ट्रांज़ैक्शंस को छू सकता है
  • इंटरनेशनल अपनाने की गति और तेज़ होगी
  • UPI क्रेडिट, UPI ATM और UPI Tap-and-Pay जैसे फीचर्स आम होंगे
  • ई-कॉमर्स, किराना और ऑफलाइन दुकानों में UPI उपयोग और बढ़ेगा

भारत दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट मार्केट बनने की ओर पहले ही कदम बढ़ा चुका है।


📝 निष्कर्ष

नवंबर 2025 में UPI के ट्रांज़ैक्शन थोड़े कम हुए, लेकिन सालाना वृद्धि और ग्लोबल विस्तार ने भारत की डिजिटल पेमेंट ताकत को फिर साबित किया।

  • 20.47 बिलियन ट्रांज़ैक्शंस
  • ₹26.32 लाख करोड़ की वैल्यू
  • 32% की सालाना वृद्धि
  • दुनिया के कई देशों में विस्तार

UPI अब सिर्फ भारत की भुगतान प्रणाली नहीं—
यह भारत की वैश्विक पहचान और डिजिटल शक्ति का प्रतीक है। 🇮🇳🚀

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📱 अगस्त 2025 में UPI ट्रांजैक्शंस: कर्ज़ वसूली, ग्रॉसरी और फ्यूल में सबसे ज्यादा खर्च

UPI

भारत में डिजिटल पेमेंट्स का चेहरा बन चुका UPI (Unified Payments Interface) अगस्त 2025 में भी तेज़ी से बढ़ता नज़र आया। इस महीने कई कैटेगिरीज़ ने ₹5,000 करोड़ से अधिक का लेन-देन दर्ज किया। NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के ताज़ा आंकड़े दर्शाते हैं कि कर्ज़ वसूली एजेंसियों, ग्रॉसरी स्टोर्स और फ्यूल स्टेशन ने डिजिटल पेमेंट ग्रोथ की कमान संभाली।


💳 कर्ज़ वसूली एजेंसियों का दबदबा

अगस्त महीने में सबसे बड़ा ट्रांजैक्शन वॉल्यूम कर्ज़ वसूली एजेंसियों (Debt Collection Agencies) के नाम रहा। इस कैटेगिरी ने ₹77,007 करोड़ के लेन-देन पूरे किए।

इसके बाद सिक्योरिटीज़ ब्रोकर्स और डीलर्स ने ₹45,687 करोड़ के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। यह साफ दर्शाता है कि वित्तीय सेवाओं और निवेश से जुड़े डिजिटल ट्रांजैक्शंस लगातार बढ़ रहे हैं।


🛒 ग्रॉसरी और सुपरमार्केट्स: रोज़मर्रा के खर्च का डिजिटल चेहरा

भारतीय उपभोक्ताओं की रोज़मर्रा की ज़रूरतों में ग्रॉसरी सबसे ऊपर रही।

  • ग्रॉसरी और सुपरमार्केट्स₹68,116 करोड़, लगभग 3.1 बिलियन ट्रांजैक्शंस
  • फ्यूल स्टेशन (सर्विस स्टेशन)₹34,547 करोड़

यहां तक कि खाने-पीने की कैटेगिरी में भी UPI का बोलबाला जारी रहा।

  • रेस्टोरेंट्स और डाइनिंग प्लेसेज़₹19,432 करोड़
  • फास्ट फूड और QSR चेन₹14,542 करोड़

स्पष्ट है कि भारतीय ग्राहक अब कैश की जगह डिजिटल पेमेंट को ही प्राथमिकता दे रहे हैं।


🔌 ज़रूरी सेवाओं में स्थिर ग्रोथ

आवश्यक सेवाओं (Essential Services) में भी UPI ट्रांजैक्शन लगातार बढ़ रहे हैं।

  • टेलीकॉम सेवाएँ₹21,218 करोड़
  • यूटिलिटीज़ (बिजली, गैस, पानी, सैनिटरी)₹22,368 करोड़

इन आंकड़ों से साफ है कि बिजली बिल, फोन रिचार्ज और गैस पेमेंट जैसी ज़रूरी सेवाओं के लिए अब ज्यादातर लोग UPI पर निर्भर हैं।


🛍️ डिस्क्रिशनरी खर्च: दवाइयों और शॉपिंग में तेज़ी

UPI का इस्तेमाल केवल ज़रूरी सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि लाइफ़स्टाइल और शॉपिंग कैटेगिरी में भी बड़ी हिस्सेदारी देखने को मिली।

  • फार्मेसी और ड्रग स्टोर्स₹12,581 करोड़
  • कपड़ों की दुकानें (Men’s & Women’s Clothing)₹11,811 करोड़
  • इलेक्ट्रॉनिक्स शॉप्स₹10,209 करोड़
  • सरकारी सेवाएँ₹10,000 करोड़+

🎮 गेमिंग ट्रांजैक्शंस में गिरावट

अगस्त 2025 में एक बड़ा बदलाव ऑनलाइन गेमिंग पेमेंट्स में देखने को मिला।

  • 271 मिलियन ट्रांजैक्शंस₹7,441 करोड़
  • जुलाई 2025 – 351 मिलियन ट्रांजैक्शंस, ₹10,076 करोड़

यानी महीने-दर-महीने करीब 26% की गिरावट। इसका मुख्य कारण है रियल मनी गेमिंग ऐप्स पर बैन, जो अगस्त के दूसरे हिस्से से लागू हुआ।


🛒 अन्य प्रमुख कैटेगिरी

कुछ और कैटेगिरीज़ ने भी ₹5,000 करोड़ का आंकड़ा पार किया—

  • ऑनलाइन मार्केटप्लेस₹7,822 करोड़
  • शराब की दुकानें (Liquor Stores)₹6,116 करोड़

📊 कुल तस्वीर: UPI बना सबसे भरोसेमंद पेमेंट टूल

अगस्त 2025 के ये आंकड़े साबित करते हैं कि UPI अब केवल छोटे ट्रांजैक्शन का साधन नहीं, बल्कि बड़े कैटेगिरी-विशिष्ट खर्चों का मुख्य पेमेंट चैनल बन चुका है।

  • रोज़मर्रा की जरूरतें (ग्रॉसरी, फ्यूल, बिल पेमेंट्स)
  • लाइफ़स्टाइल (रेस्टोरेंट्स, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स)
  • निवेश और कर्ज़ वसूली

हर जगह UPI का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।


🔮 आगे का रास्ता

भारत सरकार और NPCI लगातार UPI को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। आने वाले समय में—

  • क्रेडिट लाइन ऑन UPI,
  • अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शंस,
  • और B2B पेमेंट्स

जैसी नई सुविधाएँ इसे और ताकतवर बनाएंगी।


✅ निष्कर्ष

अगस्त 2025 में UPI ट्रांजैक्शंस ने भारतीय डिजिटल इकॉनमी की ताकत को फिर साबित कर दिया।

जहाँ कर्ज़ वसूली और निवेश जैसी कैटेगिरीज़ में हज़ारों करोड़ का वॉल्यूम दर्ज हुआ, वहीं ग्रॉसरी, फ्यूल और रेस्टोरेंट्स जैसी रोज़मर्रा की कैटेगिरीज़ ने दिखाया कि आम उपभोक्ता के जीवन में UPI कितनी गहराई से जुड़ चुका है।

📌 यह कहना गलत नहीं होगा कि UPI अब सिर्फ पेमेंट ऐप नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल लाइफलाइन बन चुका है।

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🚀 UPI ने तोड़ा नया रिकॉर्ड: अगस्त 2025 में पहली बार 20 अरब लेन-देन पार

UPI

भारत का डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अगस्त 2025 में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस महीने UPI ने 20.01 अरब लेन-देन पूरे किए, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। लेन-देन के मूल्य के लिहाज से भी, UPI ने अगस्त में ₹24.85 लाख करोड़ का ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड किया।


📈 जून से अगस्त तक का सफर

UPI का यह माइलस्टोन किसी एक महीने की उछाल नहीं, बल्कि लगातार हो रही मजबूत वृद्धि का नतीजा है।

  • जून 2025 → 18.40 अरब लेन-देन, मूल्य ₹24.04 लाख करोड़
  • जुलाई 2025 → 19.47 अरब लेन-देन (5.8% बढ़त), मूल्य ₹25.08 लाख करोड़
  • अगस्त 2025 → 20.01 अरब लेन-देन (2.8% बढ़त), मूल्य ₹24.85 लाख करोड़

हालांकि अगस्त में लेन-देन के कुल मूल्य में जुलाई के मुकाबले 0.9% की मामूली गिरावट दर्ज हुई, लेकिन यह अब भी जून से काफी ऊपर रहा।


📊 UPI साल-दर-साल शानदार ग्रोथ

अगस्त 2024 की तुलना में इस साल UPI ने जबरदस्त प्रदर्शन किया।

  • वॉल्यूम (संख्या) में 34% की बढ़त
  • वैल्यू (मूल्य) में 21% की वृद्धि

औसतन, हर दिन 645 मिलियन (64.5 करोड़) लेन-देन हुए, जिनका मूल्य लगभग ₹80,177 करोड़ रहा। खास बात यह है कि 2 अगस्त को UPI ने एक ही दिन में 700 मिलियन से अधिक लेन-देन का नया रिकॉर्ड बनाया।


🎮 गेमिंग बैन के बावजूद ग्रोथ

यह उछाल ऐसे समय आया है जब रीयल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया गया है। 21 अगस्त को संसद द्वारा Online Gaming Bill, 2025 पास होने के बाद अधिकांश गेमिंग प्लेटफॉर्म बंद हो गए। चूंकि ये प्लेटफॉर्म UPI लेन-देन का बड़ा हिस्सा बन चुके थे, इसके बावजूद रिकॉर्ड तोड़ ग्रोथ यह दर्शाती है कि UPI का इस्तेमाल अब असली और रोज़मर्रा के पेमेंट्स में तेजी से बढ़ रहा है।


📌 UPI: भारत के डिजिटल पेमेंट्स की रीढ़

आज UPI केवल P2P (व्यक्ति से व्यक्ति) ट्रांसफर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मर्चेंट ट्रांजैक्शन्स यानी दुकानों, रेस्टोरेंट्स और ऑनलाइन शॉपिंग का सबसे भरोसेमंद साधन बन गया है।

🏆 टॉप प्लेयर्स (जुलाई 2025 डेटा के अनुसार):

  • PhonePe → 8.93 अरब लेन-देन (45.88% शेयर), मूल्य का 48.64% हिस्सा
  • Google Pay → 6.92 अरब लेन-देन (35.56% शेयर), मूल्य का 35.53% हिस्सा

यानी, UPI ट्रांजैक्शन का लगभग 80% हिस्सा सिर्फ इन दो कंपनियों के पास है।


🛒 कौन से सेक्टर सबसे आगे?

UPI का इस्तेमाल सिर्फ बिल पेमेंट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह रोज़मर्रा की खरीदारी और लाइफस्टाइल खर्चों में भी सबसे पसंदीदा बन गया है।

  • ग्रोसरी और सुपरमार्केट → 3.03 अरब लेन-देन, मूल्य ₹64,882 करोड़
  • फास्ट फूड आउटलेट्स → 1.22 अरब लेन-देन
  • रेस्टोरेंट्स → 1.15 अरब लेन-देन
  • डिजिटल गुड्स और गेमिंग → 351.24 मिलियन लेन-देन, मूल्य ₹10,076 करोड़

🔮 आगे का रास्ता

UPI की लगातार बढ़ती ग्रोथ यह साबित करती है कि भारत में डिजिटल पेमेंट्स की पैठ अब छोटे कस्बों और गांवों तक पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में:

  • क्रेडिट लाइन और UPI लिंक्ड लोन जैसी सुविधाएं UPI को और ताकत देंगी।
  • NPCI के नए इनोवेशन जैसे UPI लाइट और UPI इंटरनेशनल, इसका इस्तेमाल और भी बढ़ाएंगे।
  • फोनपे और गूगल पे जैसे बड़े प्लेयर्स के बीच प्रतिस्पर्धा यूज़र्स को और बेहतर अनुभव देगी।

🌟 निष्कर्ष

अगस्त 2025 का यह रिकॉर्ड सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल क्रांति की सफलता की गवाही है। 20 अरब से अधिक लेन-देन यह बताते हैं कि UPI अब हर भारतीय की जेब में बैंक बन चुका है। चाहे छोटी चाय की दुकान हो या बड़ी सुपरमार्केट चेन – UPI आज भारत की डिजिटल इकॉनमी की धड़कन बन चुका है।


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📱 जुलाई में UPI पर PhonePe और Google Pay का दबदबा,

UPI

भारत का डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम जुलाई 2025 में एक नए रिकॉर्ड पर पहुँच गया है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने इस महीने अब तक का सबसे ऊँचा आंकड़ा छुआ – 19.47 बिलियन ट्रांज़ैक्शन जिनकी वैल्यू रही ₹25.08 लाख करोड़।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के ताज़ा डेटा के मुताबिक, PhonePe और Google Pay ने मिलकर UPI ट्रांज़ैक्शनों के वॉल्यूम और वैल्यू दोनों में 81% से अधिक का शेयर हासिल किया है।


📊 PhonePe नंबर 1, Google Pay दूसरे नंबर पर

  • PhonePe: 8.93 बिलियन ट्रांज़ैक्शन (वॉल्यूम शेयर 45.88%)
    • वैल्यू शेयर: ₹12,19,000 करोड़ (48.64%)
  • Google Pay: 6.92 बिलियन ट्रांज़ैक्शन (वॉल्यूम शेयर 35.56%)
    • वैल्यू शेयर: ₹8,91,000 करोड़ (35.53%)

यानी दोनों कंपनियों का संयुक्त योगदान:

  • वॉल्यूम में 81.44%
  • वैल्यू में 84.17%

यह साफ़ दिखाता है कि भारत का UPI मार्केट फिलहाल दो कंपनियों के इर्द-गिर्द सिमटा हुआ है


💳 Paytm, Navi और CRED जैसे प्लेयर्स का प्रदर्शन

  • Paytm: 1.36 बिलियन ट्रांज़ैक्शन (7.02% वॉल्यूम), ₹1,43,650 करोड़ वैल्यू (5.73%)
  • Navi: 444.06 मिलियन ट्रांज़ैक्शन (2.28% वॉल्यूम), ₹23,562 करोड़ वैल्यू (0.94%)
  • Flipkart super.money: 252.85 मिलियन (1.30% वॉल्यूम)
  • CRED: 144.38 मिलियन (0.74% वॉल्यूम), लेकिन वैल्यू शेयर 2.20% – यानी हाई-वैल्यू ट्रांज़ैक्शन पर फोकस

📉 छोटे प्लेयर्स की स्थिति

  • FamApp by Trio: 0.64% वॉल्यूम, 0.06% वैल्यू
  • Amazon Pay: 0.52% वॉल्यूम, 0.43% वैल्यू
  • BHIM: 0.45% वॉल्यूम, 0.58% वैल्यू
  • WhatsApp Pay: 0.38% वॉल्यूम, 0.22% वैल्यू
  • Axis Bank Apps: 27.79 मिलियन ट्रांज़ैक्शन (0.14% वॉल्यूम), ₹5,483 करोड़ वैल्यू (0.22%)

🛒 किस सेक्टर में हुई सबसे ज़्यादा UPI ट्रांज़ैक्शन?

NPCI ने इस बार पहली बार कैटेगरी-वाइज UPI डेटा जारी किया है।

  • ग्रोसरी और सुपरमार्केट: 3.03 बिलियन ट्रांज़ैक्शन, ₹64,882 करोड़ वैल्यू
  • फास्ट फूड: 1.22 बिलियन ट्रांज़ैक्शन
  • रेस्टोरेंट्स: 1.15 बिलियन ट्रांज़ैक्शन
  • सर्विस स्टेशन और टेलिकॉम सर्विसेज़: वॉल्यूम कम लेकिन हाई-वैल्यू स्पेंड
  • छोटे कैटेगरी जैसे डिजिटल गुड्स, फार्मेसी, बेकरी में भी UPI का इस्तेमाल बढ़ रहा है

📈 क्यों PhonePe और Google Pay का दबदबा कायम है?

  1. यूज़र-फ्रेंडली ऐप इंटरफ़ेस
  2. तेज़ और सुरक्षित ट्रांज़ैक्शन
  3. लॉयल्टी और कैशबैक प्रोग्राम
  4. मर्चेंट नेटवर्क का मज़बूत कवरेज
  5. पार्टनरशिप और ब्रांड ट्रस्ट

इन कारणों से नए प्लेयर्स के लिए इस डुओपॉली को तोड़ना मुश्किल हो रहा है।


🆚 नए प्लेयर्स की रणनीति

  • CRED: हाई-वैल्यू और प्रीमियम यूज़र टारगेट
  • Navi: फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स से जुड़ा क्रॉस-सेल
  • super.money: ई-कॉमर्स यूज़र्स पर फोकस
  • WhatsApp Pay: सोशल मैसेजिंग इंटीग्रेशन के ज़रिए ग्रोथ की कोशिश

🏦 भविष्य की तस्वीर

  • नियामकीय बदलाव: NPCI ट्रांज़ैक्शन लिमिट और मार्केट शेयर कैप जैसी नीतियों पर विचार कर सकता है
  • नवाचार की ज़रूरत: छोटे प्लेयर्स को पर्सनलाइज़्ड ऑफ़र और निच सेगमेंट में पैठ बनाने पर ध्यान देना होगा
  • UPI ग्लोबल: भारत सरकार के प्रयास से UPI अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी एंट्री कर रहा है, जिससे बड़े प्लेयर्स को और बढ़त मिलेगी

📌 निचोड़

जुलाई 2025 में UPI ने रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रदर्शन किया, लेकिन मार्केट में PhonePe और Google Pay का दबदबा पहले से भी ज़्यादा मज़बूत हुआ है। Paytm और बाकी प्लेयर्स के सामने चुनौती है कि वे कैसे यूज़र बेस बढ़ाएँ और डुओपॉली को तोड़ें

डिजिटल पेमेंट्स का यह सफ़र अभी लंबा है, और आने वाले महीनों में हम और नए इनोवेशन, कैटेगरी डेटा और कॉम्पिटिशन देखने वाले हैं।

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📈 जुलाई 2025 में UPI ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड: 19.47 बिलियन ट्रांजैक्शन

UPI

भारत का डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर हर महीने नई ऊंचाइयों को छू रहा है। National Payments Corporation of India (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, Unified Payments Interface (UPI) ने जुलाई 2025 में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। इस महीने कुल 19.47 बिलियन ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू ₹25.08 लाख करोड़ रही।

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में डिजिटल भुगतान का परिदृश्य लगातार तेज़ी से विस्तार कर रहा है, और UPI इसमें एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।


🔢 जून की तुलना में मजबूत बढ़त

जुलाई में दर्ज UPI ट्रांजैक्शन जून 2025 के मुकाबले 5.8% अधिक रहे। जून में कुल 18.40 बिलियन ट्रांजैक्शन हुए थे, जिनकी वैल्यू ₹24.04 लाख करोड़ थी। वहीं ट्रांजैक्शन वैल्यू के लिहाज़ से 4.3% की ग्रोथ दर्ज की गई है।

  • 📆 औसतन रोज़ाना 628 मिलियन ट्रांजैक्शन जुलाई में किए गए, जो अब तक की सबसे ऊँची दैनिक दरों में से एक है।

📊 सालाना वृद्धि भी दमदार

अगर हम सालाना तुलना करें, तो जुलाई 2024 की तुलना में जुलाई 2025 में UPI ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 35% की ग्रोथ हुई है, जबकि ट्रांजैक्शन वैल्यू में 22% की वृद्धि दर्ज की गई है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि UPI केवल शहरी क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि भारत के कोने-कोने में लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है।


📱 कौन से UPI ऐप्स हैं टॉप पर?

हालांकि जुलाई 2025 के लिए ऐप-वाइज ब्रेकडाउन अब तक जारी नहीं हुआ है, लेकिन जून 2025 के आंकड़ों के अनुसार:

  • PhonePe ने 46.5% UPI ट्रांजैक्शन वॉल्यूम और लगभग 50% ट्रांजैक्शन वैल्यू को संभाला।
  • Google Pay ने 35.6% वॉल्यूम और 35% वैल्यू के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।
  • Paytm तीसरे स्थान पर रहा, जिसके पास 6.9% वॉल्यूम और 5.6% वैल्यू की हिस्सेदारी थी।

📌 यह आंकड़े दिखाते हैं कि UPI सेगमेंट में PhonePe और Google Pay की पकड़ बेहद मज़बूत बनी हुई है, जबकि Paytm लगातार संघर्ष कर रहा है।


🌍 UPI का इंटरनेशनल विस्तार

भारत के इस डिजिटल चमत्कार ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी है। वर्तमान में UPI इन देशों में लाइव है:

  • भूटान
  • नेपाल
  • मॉरीशस
  • श्रीलंका
  • सिंगापुर
  • फ्रांस
  • ओमान
  • UAE

🗺️ NPCI अब कतर, थाईलैंड, मलेशिया और अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में भी UPI को विस्तारित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके अलावा UK, मालदीव, नामीबिया और ओमान जैसे देश भी UPI इंटीग्रेशन को एक्सप्लोर कर रहे हैं।

यह भारत की फिनटेक डिप्लोमेसी का हिस्सा है, जो डिजिटल इंडिया की ग्लोबल पहचान को मज़बूती दे रहा है।


💸 UPI पर अब शुल्क? ICICI Bank का नया कदम

अब तक UPI व्यापारियों के लिए एक फ्री पेमेंट मॉडल था, लेकिन अब इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

TheHeadandTale की रिपोर्ट के अनुसार, ICICI Bank ने अब बड़े मर्चेंट्स और पेमेंट एग्रीगेटर्स से UPI लेन-देन पर शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है

यह कदम भारत के UPI इकोसिस्टम में एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि अब तक सरकार समर्थित नीति के तहत मर्चेंट्स से कोई चार्ज नहीं लिया जाता था।

  • 💬 यह कदम भविष्य में अन्य बैंकों और कंपनियों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे मर्चेंट्स की लागत बढ़ सकती है।
  • इससे यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या अब UPI लेन-देन पर धीरे-धीरे शुल्क लगना आम हो जाएगा?

🔮 भविष्य की दिशा: क्या कहता है यह ट्रेंड?

  1. ट्रांजैक्शन ग्रोथ दिखा रही है कि डिजिटल भुगतान भारत में जनजीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।
  2. इंटरनेशनल विस्तार से भारत का फिनटेक मॉडल एक ग्लोबल एक्सपोर्ट बनता जा रहा है।
  3. चार्जिंग मॉडल का बदलाव आने वाले समय में सरकार और बैंकिंग नियामकों के बीच बहस और नीतिगत बदलाव की संभावना को जन्म दे सकता है।

📌 निष्कर्ष:

UPI न केवल भारत की डिजिटल क्रांति की रीढ़ बन चुका है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी अपने पैर जमा रहा है। जुलाई 2025 में हुए ₹25 लाख करोड़ से अधिक के ट्रांजैक्शन यह दिखाते हैं कि यह सिस्टम कितनी तेज़ी से भारतीय अर्थव्यवस्था में गहराई से जुड़ चुका है।

💡 लेकिन ICICI Bank जैसे बैंकों के शुल्क लगाने के फैसले इस सफलता मॉडल के भविष्य पर कुछ नए सवाल ज़रूर खड़े कर रहे हैं।


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📱 जून में UPI ट्रांजैक्शंस में मामूली गिरावट,

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भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की रीढ़ बन चुके यूपीआई (UPI) नेटवर्क ने जून 2025 में कुल 18.4 अरब ट्रांजैक्शंस को प्रोसेस किया, जिसकी कुल वैल्यू ₹24.04 लाख करोड़ रही। यह मई 2025 के मुकाबले थोड़ी गिरावट दर्शाता है, जब रिकॉर्ड 18.68 अरब ट्रांजैक्शंस और ₹25.14 लाख करोड़ वैल्यू दर्ज की गई थी।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भले ही ट्रांजैक्शंस की संख्या में हल्की कमी आई हो, लेकिन PhonePe और Google Pay का UPI ट्रांजैक्शंस में प्रभुत्व अभी भी अटूट बना हुआ है।


📊 टॉप पर कौन रहा?

🔹 PhonePe – नंबर 1

  • ट्रांजैक्शन वॉल्यूम: 8.55 अरब
  • वैल्यू: ₹11.99 लाख करोड़
  • मार्केट शेयर: कुल वॉल्यूम का 46.5% और वैल्यू का लगभग 50%
    PhonePe लगातार UPI की दुनिया का निर्विवाद लीडर बना हुआ है। कंपनी ने जून में लगभग हर दो में से एक ट्रांजैक्शन प्रोसेस किया।

🔹 Google Pay – दूसरा स्थान

  • ट्रांजैक्शन वॉल्यूम: 6.54 अरब
  • वैल्यू: ₹8.41 लाख करोड़
  • मार्केट शेयर: वॉल्यूम में 35.6% और वैल्यू में 35%
    Google Pay भी UPI के उपयोग में मजबूती से बना हुआ है, खासकर मिड और टियर I शहरों में।

🔹 Paytm – तीसरा स्थान

  • ट्रांजैक्शन वॉल्यूम: 1.27 अरब
  • वैल्यू: ₹1.34 लाख करोड़
  • मार्केट शेयर: वॉल्यूम का 6.9%, वैल्यू का 5.6%
    हालांकि Paytm कुछ नियामकीय चुनौतियों से जूझ रहा है, फिर भी इसकी उपस्थिति मजबूत बनी हुई है।

🌱 उभरते खिलाड़ी भी कर रहे हैं कमाल

🟢 super.money बनाम CRED

  • Super.money ने वॉल्यूम में CRED को पछाड़ा, लेकिन ट्रांजैक्शन वैल्यू में पीछे रहा।
  • Navi और FamApp जैसे नए प्लेटफॉर्म्स ने भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया:
    • Navi: 406 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹21,815 करोड़ वैल्यू
    • FamApp: 113 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹1,440 करोड़ वैल्यू

🟠 Amazon Pay और BHIM

  • Amazon Pay: 93 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹9,942 करोड़
  • BHIM: 73 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹11,726 करोड़
  • BHIM ऐप, जो सरकार द्वारा प्रमोटेड है, 17 महीनों के बाद फिर से टॉप 10 UPI ऐप्स में शामिल हुआ।

🏦 बैंक-समर्थित ऐप्स का योगदान

  • Axis Bank UPI ऐप्स: 24 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹5,231 करोड़
  • B2C UPI ट्रांजैक्शंस में Axis Bank अग्रणी रहा, जहां उसने 102 मिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए जिसकी वैल्यू ₹4,155 करोड़ रही।

🌍 भारत से बाहर भी UPI का विस्तार

UPI अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा। वर्तमान में यह 8 देशों में ऑपरेशनल है:

  • भूटान, नेपाल, मॉरीशस, श्रीलंका, सिंगापुर, फ्रांस, ओमान, UAE

🗺️ आगामी विस्तार की योजनाएं:

  • Qatar, Thailand, Malaysia और अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में जल्द लॉन्च की तैयारी
  • UK, ओमान, मालदीव UPI इंटीग्रेशन की शुरुआती प्रक्रिया में हैं
  • नामीबिया भी 2025 के अंत तक UPI लॉन्च करने की योजना बना रहा है

NPCI ग्लोबल पेमेंट इकोसिस्टम में भारत की भागीदारी को मज़बूत बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।


📉 ट्रेंड: क्यों घटे ट्रांजैक्शंस?

UPI ट्रांजैक्शन में आई गिरावट के संभावित कारण:

  1. महीने के अंत में छुट्टियां और वेतन नहीं आना
  2. ऑफर और कैशबैक की कमी
  3. ई-कॉमर्स या ऑनलाइन रिटेल में गिरावट

हालांकि यह एक सामान्य मासिक उतार-चढ़ाव माना जा रहा है, विशेषज्ञों का मानना है कि कुल मिलाकर UPI की ग्रोथ स्थिर और विश्वसनीय बनी हुई है।


📈 भविष्य की दिशा

  • रिटेल पेमेंट्स में UPI की हिस्सेदारी अब 80% से अधिक पहुंच चुकी है
  • रूरल क्षेत्रों में UPI अपनाने की दर तेजी से बढ़ रही है, खासकर फीचर फोन पर आधारित UPI Lite और Voice-based UPI विकल्पों के ज़रिए
  • सरकार और RBI भी जल्द ही क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने की प्रक्रिया को तेज करने वाले हैं, जिससे बड़ी वैल्यू के ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा मिलेगा

✅ निष्कर्ष

UPI ने डिजिटल भुगतान का चेहरा बदल दिया है। जून 2025 में आई मामूली गिरावट कोई चिंता की बात नहीं बल्कि एक सामान्य रुझान है। PhonePe और Google Pay का वर्चस्व जारी है, जबकि Paytm, Amazon Pay, BHIM और नए खिलाड़ियों की स्थिति भी मज़बूत हो रही है।

भारत से बाहर UPI के विस्तार और नई तकनीकी पहल, जैसे वॉयस पेमेंट्स, इसे आने वाले वर्षों में और भी प्रभावशाली बनाएंगे।


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📲 मई 2025 में UPI ने तोड़े सभी रिकॉर्ड: 18.68 बिलियन ट्रांजैक्शन

UPI

भारत का डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर हर महीने नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। Unified Payments Interface (UPI) ने मई 2025 में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 18.68 बिलियन (1.86 अरब) ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जो अप्रैल 2025 के 17.89 बिलियन से 4.4% ज्यादा है।

इसके साथ ही, साल-दर-साल (YoY) आधार पर UPI ट्रांजैक्शन में 33% की शानदार बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह ट्रेंड दर्शाता है कि UPI भारत में सिर्फ शहरी ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।


💰 ट्रांजैक्शन वैल्यू ₹25.14 लाख करोड़ पार

National Payments Corporation of India (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में UPI के जरिए कुल ₹25.14 लाख करोड़ का लेन-देन हुआ, जो अप्रैल के ₹23.95 लाख करोड़ से लगभग 5% ज्यादा है।

सालाना तुलना करें तो मई 2024 के मुकाबले इस बार 23% की ग्रोथ दर्ज की गई है। यानी डिजिटल भुगतान में भारत एक नए मुकाम पर पहुंच रहा है।


📅 रोजाना का औसत लेन-देन भी बढ़ा

मई 2025 में UPI का रोजाना औसत ट्रांजैक्शन वॉल्यूम बढ़कर 602 मिलियन हो गया, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा 596 मिलियन था।

वहीं, रोजाना औसत ट्रांजैक्शन वैल्यू भी बढ़कर ₹81,106 करोड़ पर पहुंच गई, जो अप्रैल में ₹79,831 करोड़ थी। यह दर्शाता है कि लोग अब पहले से ज्यादा बार और ज्यादा रकम UPI के जरिए ट्रांसफर कर रहे हैं।


🔄 मार्च से भी बेहतर रहा मई का प्रदर्शन

यदि मार्च 2025 की बात करें, तब UPI ने 18.30 बिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए थे, जिनकी वैल्यू ₹24.77 लाख करोड़ थी। इस तुलना में देखा जाए तो मई 2025 ने वॉल्यूम और वैल्यू दोनों मामलों में मार्च और अप्रैल को पीछे छोड़ दिया है।

यह वृद्धि न केवल UPI की विश्वसनीयता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था अब वैश्विक मानकों को टक्कर दे रही है।


📱 कौन सा ऐप सबसे आगे?

UPI ऐप्स की रेस में हमेशा की तरह PhonePe सबसे आगे रहा है। अप्रैल 2025 के अनुसार:

  • 📲 PhonePe का मार्केट शेयर 46.73% रहा, जिसके तहत उसने 8.36 बिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए।
  • 🟢 दूसरे स्थान पर रहा Google Pay, जिसने 6.48 बिलियन ट्रांजैक्शन किए और 36% मार्केट शेयर अपने नाम किया।
  • 🟠 इनके बाद Paytm, Navi और Super.money जैसे ऐप्स भी सक्रिय रहे।

इनमें PhonePe और Google Pay मिलकर कुल UPI ट्रांजैक्शन का लगभग 83% हिस्सा कवर कर रहे हैं।


🪙 नई एंट्री: Jar ने शुरू किया UPI पेमेंट

अब Gold Saving ऐप Jar ने भी UPI पेमेंट स्पेस में कदम रख दिया है। उसने Unity Small Finance Bank के साथ पार्टनरशिप कर एक नया UPI ऐप लॉन्च किया है, जहां Unity Bank एक्ट करेगा Payment Service Provider (PSP) के रूप में।

यह जानकारी 29 मई को Entrackr की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में सामने आई थी। Jar की यह पहल दिखाती है कि अब निवेश आधारित ऐप्स भी पेमेंट स्पेस में अपनी जगह बना रहे हैं।


📊 UPI का बढ़ता वर्चस्व: एक नजर में

महीनेट्रांजैक्शन वॉल्यूमट्रांजैक्शन वैल्यू
मार्च 202518.30 बिलियन₹24.77 लाख करोड़
अप्रैल 202517.89 बिलियन₹23.95 लाख करोड़
मई 202518.68 बिलियन₹25.14 लाख करोड़

इस चार्ट से साफ है कि UPI हर महीने एक नया रिकॉर्ड बना रहा है।


🔍 UPI की सफलता के कारण

  1. सरलता और त्वरित सेवा – UPI का इंटरफेस बेहद आसान है और ट्रांजैक्शन रीयल-टाइम में होते हैं।
  2. 🆓 नो ट्रांजैक्शन फीस – अधिकतर UPI लेन-देन पर कोई चार्ज नहीं लगता, जिससे यह आम जनता के लिए सुलभ है।
  3. 📶 इंटरनेट पेनिट्रेशन – भारत में इंटरनेट की पहुंच तेजी से बढ़ रही है, जिससे UPI को बल मिल रहा है।
  4. 📱 स्मार्टफोन की उपलब्धता – हर हाथ में मोबाइल और हर मोबाइल में UPI!

🇮🇳 भारत के डिजिटल भविष्य की नींव

UPI न केवल भारत में, बल्कि अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी चर्चा का विषय बन चुका है। NPCI International के जरिए भारत अब UPI को अन्य देशों में भी लागू करने की कोशिश कर रहा है।

मई 2025 के आंकड़े यह साबित करते हैं कि UPI अब केवल एक पेमेंट सिस्टम नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है।


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UPI ट्रांजैक्शन में मार्च 2025 में 13.6% की बढ़त, PhonePe और Google Pay का दबदबा बरकरार 📈💸

UPI

भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति में UPI (Unified Payments Interface) का वर्चस्व लगातार बढ़ता जा रहा है। मार्च 2025 में UPI ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया, जब ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 13.6% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और कुल 18.30 अरब लेन-देन पूरे हुए। यह आंकड़ा न केवल देश में डिजिटल लेन-देन के तेजी से बढ़ते रुझान को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे भारत अब नकद रहित अर्थव्यवस्था की ओर तेज़ी से अग्रसर हो रहा है।

📊 UPI शीर्ष ऐप्स की रैंकिंग में बड़ा बदलाव

मार्च 2025 में भी UPI सिस्टम में PhonePe और Google Pay का दबदबा बना रहा। PhonePe ने 47.25% मार्केट शेयर के साथ 8.64 अरब ट्रांजैक्शन किए, वहीं Google Pay ने 36.04% हिस्सेदारी के साथ 6.59 अरब ट्रांजैक्शन पूरे किए। इन दोनों ऐप्स ने मिलकर कुल UPI ट्रांजैक्शन वॉल्यूम का 83% हिस्सा अपने नाम किया, जो इनकी व्यापक उपयोगिता और यूज़र ट्रस्ट को दर्शाता है।

तीसरे स्थान पर रहा Paytm, जिसने 1.22 अरब ट्रांजैक्शन किए और कुल ट्रांजैक्शन वॉल्यूम का 6.67% हिस्सा लिया। हालांकि Paytm की हिस्सेदारी अन्य दो दिग्गजों की तुलना में काफी कम रही, फिर भी यह अपने मजबूत उपयोगकर्ता आधार के कारण टॉप-3 में बना रहा।

💡 Axis Bank ने CRED को पीछे छोड़ा

CRED जो पहले पांच बड़े UPI ऐप्स में शामिल था, अब सातवें स्थान पर खिसक गया है। उसे पीछे छोड़ते हुए Axis Bank ने 125 मिलियन B2C (Business to Customer) ट्रांजैक्शन के साथ छठवां स्थान हासिल किया। B2C ट्रांजैक्शन में कंपनियों द्वारा ग्राहकों को की जाने वाली पेमेंट्स जैसे रिफंड, कैशबैक या सैलरी आदि शामिल होती हैं।

Axis Bank का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि बैंक अब डिजिटल पेमेंट्स में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं और अपने कस्टमर बेस को बेहतर सेवाएं दे रहे हैं।

💰 ट्रांजैक्शन वैल्यू में भी PhonePe आगे

अगर ट्रांजैक्शन वैल्यू की बात करें, तो PhonePe ने एक बार फिर बाज़ी मारी। इसने 50.76% हिस्सेदारी के साथ ₹12.57 लाख करोड़ से अधिक का ट्रांजैक्शन किया। वहीं Google Pay ने 34.99% मार्केट शेयर के साथ ₹8.66 लाख करोड़ का लेन-देन पूरा किया।

तीसरे नंबर पर CRED रहा, जिसने भले ही सिर्फ 0.79% वॉल्यूम शेयर लिया, लेकिन ट्रांजैक्शन वैल्यू के मामले में उसने ₹55,091 करोड़ का योगदान दिया, जो कुल वैल्यू का 2.22% है। यह CRED की हाई-वैल्यू यूज़र्स में मजबूत स्थिति को दर्शाता है।

🏦 अन्य प्रमुख खिलाड़ी

  • Amazon Pay, ICICI Bank और Axis Bank जैसे अन्य ऐप्स ने भी अपनी खास यूज़र बेस के बीच सेवाएं दीं।
  • इन ऐप्स का वॉल्यूम और वैल्यू शेयर भले ही कम रहा, लेकिन इनका फोकस अपने टार्गेटेड यूज़र सेगमेंट पर केंद्रित रहा।

🛒 छोटे व्यापारियों को मिलेगा डिजिटल पेमेंट्स का प्रोत्साहन

भारत सरकार ने हाल ही में BHIM-UPI प्लेटफॉर्म के जरिए छोटे व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट्स अपनाने के लिए ₹1,500 करोड़ की नई योजना को मंजूरी दी है। यह योजना न केवल छोटे कारोबारियों को डिजिटल पेमेंट अपनाने में मदद करेगी, बल्कि देशभर में कैशलेस इकॉनमी को भी और मज़बूती देगी।

सरकार का उद्देश्य है कि छोटे दुकानदार, किराना स्टोर, और लोकल सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे लोग डिजिटल पेमेंट सिस्टम का लाभ लें और ग्राहकों को कैशलेस अनुभव दें। इस योजना से देश के दूर-दराज़ के इलाकों में भी UPI का उपयोग बढ़ेगा।

📱 UPI: भारत की डिजिटल शक्ति

UPI आज सिर्फ एक पेमेंट सिस्टम नहीं बल्कि भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का प्रतीक बन चुका है। यह न केवल लेन-देन को आसान बनाता है, बल्कि वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा देता है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी हब तक, हर जगह UPI का प्रभाव देखा जा सकता है।

🔮 आगे का रास्ता

UPI का भविष्य और भी उज्ज्वल नजर आ रहा है। ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में निरंतर बढ़त, उपयोगकर्ताओं की संख्या में इजाफा, और सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ इस क्षेत्र को और मजबूत बनाएंगी। साथ ही, नए फीचर्स और इनोवेशन जैसे क्रेडिट ऑन UPI, इंटरनेशनल पेमेंट्स, और AI इंटीग्रेशन से UPI का उपयोग और भी सहज और स्मार्ट होता जाएगा।


📌 निष्कर्ष:
मार्च 2025 के आंकड़े साफ़ तौर पर दिखाते हैं कि UPI अब सिर्फ सुविधा नहीं बल्कि जरूरत बन चुका है। PhonePe और Google Pay जैसे दिग्गज जहां ट्रांजैक्शन में दबदबा बनाए हुए हैं, वहीं CRED जैसी फिनटेक कंपनियां हाई-वैल्यू यूज़र्स को टार्गेट करके अपनी जगह बना रही हैं। UPI का बढ़ता दायरा और सरकार की नई योजनाएं भारत को कैशलेस इकॉनमी की ओर मजबूती से ले जा रही हैं।


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UPI ने मार्च 2025 में रिकॉर्ड 18.30 बिलियन ट्रांजेक्शन पूरे किए

UPI

नई दिल्ली: भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मार्च 2025 में UPI ने 18.30 बिलियन लेनदेन (transactions) दर्ज किए, जबकि फरवरी 2025 में यह आंकड़ा 16.11 बिलियन था।

📈 यह 13.6% की मासिक वृद्धि (MoM) और 36% की वार्षिक वृद्धि (YoY) दर्शाता है।

🚀 यह पहली बार है जब UPI ने एक महीने में 18 बिलियन ट्रांजेक्शन का आंकड़ा पार किया है।


📊 UPI के लेनदेन का कुल मूल्य

💰 मार्च 2025 में UPI के माध्यम से हुए कुल ट्रांजेक्शन का मूल्य ₹24.77 लाख करोड़ तक पहुंच गया।
📌 फरवरी 2025 में यह आंकड़ा ₹21.96 लाख करोड़ था, यानी 12.80% की बढ़ोतरी।

👉 दैनिक आधार पर देखें तो:
मार्च में औसतन 590 मिलियन (59 करोड़) ट्रांजेक्शन प्रतिदिन हुए।
फरवरी में यह संख्या 575 मिलियन थी।
दैनिक ट्रांजेक्शन की औसत राशि ₹79,910 करोड़ रही, जो फरवरी के ₹78,446 करोड़ से अधिक थी।


📌 UPI की इस तेज़ी से बढ़त के पीछे कौन-से कारण हैं?

भारत में UPI के बढ़ते उपयोग के पीछे कई मुख्य कारण हैं:

1️⃣ व्यापक स्वीकृति (Wide Merchant Adoption)
👉 हर सेक्टर में व्यापारी UPI को अपना रहे हैं, जिससे ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़ रही है।

2️⃣ सरकारी पहल (Government Initiatives)
👉 सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है, जिससे छोटे व्यापारी और ग्राहक UPI को तेजी से अपना रहे हैं।

3️⃣ डिजिटल अवेयरनेस और सुविधाजनक लेनदेन (Consumer Awareness & Convenience)
👉 डिजिटल पेमेंट की बढ़ती स्वीकार्यता और सुविधाजनक भुगतान प्रक्रिया से लोग अधिक UPI का उपयोग कर रहे हैं।


💡 सरकार का नया BHIM-UPI प्रोत्साहन योजना

📢 भारत सरकार ने हाल ही में छोटे व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट अपनाने के लिए एक नई योजना को मंजूरी दी है।

🔹 ‘BHIM-UPI लो-वैल्यू ट्रांजेक्शन प्रमोशन इंसेंटिव स्कीम’
🗓️ अवधि: 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025
💰 बजट: ₹1,500 करोड़

📌 इस योजना का मुख्य उद्देश्य कम राशि वाले व्यापारिक लेनदेन (P2M – Person to Merchant) को बढ़ावा देना है।


📈 UPI की तेज़ ग्रोथ के पीछे की बड़ी वजहें

🚀 UPI अब सिर्फ एक डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म नहीं रहा, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है।

RBI और NPCI के लगातार सुधारों से ट्रांजेक्शन की स्पीड और सिक्योरिटी बढ़ी है।
UPI इंटरनेशनल पेमेंट्स के लिए भी एक्सपैंड कर रहा है, जिससे भारत के बाहर भी इसका इस्तेमाल बढ़ेगा।
अब, UPI ऑफलाइन मोड में भी उपलब्ध है, जिससे बिना इंटरनेट के भी पेमेंट संभव हो गया है।


🌍 भारत के बाहर भी बढ़ रहा है UPI का प्रभाव

💡 UPI को अब इंटरनेशनल लेवल पर अपनाया जा रहा है।

सिंगापुर, UAE, फ्रांस और नेपाल जैसे देशों में UPI को स्वीकार किया जाने लगा है।
RBI और NPCI लगातार विदेशी बैंकों और कंपनियों से पार्टनरशिप कर रहे हैं।

📌 इससे भारतीय ट्रैवलर्स को विदेशों में भी UPI का फायदा मिलेगा।


🛒 छोटे व्यापारियों और ग्राहकों के लिए UPI क्यों फायदेमंद है?

📌 UPI का बढ़ता इस्तेमाल छोटे व्यापारियों के लिए बड़ा गेम-चेंजर साबित हो रहा है।

🔹 कैशलेस लेनदेन से पारदर्शिता बढ़ी है।
🔹 QR कोड से आसान भुगतान संभव हुआ है।
🔹 छोटे दुकानदारों को डिजिटल पेमेंट अपनाने में मदद मिल रही है।
🔹 कम फीस और जीरो MDR (Merchant Discount Rate) से व्यापारी बिना किसी अतिरिक्त खर्च के UPI अपना रहे हैं।


🔮 भविष्य में UPI से क्या उम्मीदें हैं?

💡 UPI की ग्रोथ को देखते हुए अगले कुछ महीनों में और भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

2025 के अंत तक UPI का कुल ट्रांजेक्शन वॉल्यूम 25 बिलियन पार कर सकता है।
UPI लोन, क्रेडिट कार्ड लिंकिंग और इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन में और विस्तार हो सकता है।
रुपे क्रेडिट कार्ड और UPI लाइट जैसी सुविधाओं से डिजिटल पेमेंट का दायरा बढ़ेगा।

📌 सरकार और NPCI की योजनाओं से यह संभव है कि आने वाले सालों में UPI दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन जाए।


🔎 निष्कर्ष – UPI डिजिटल इंडिया की रीढ़ बन चुका है!

UPI की लगातार बढ़ती लोकप्रियता यह साबित करती है कि भारत में कैशलेस इकोनॉमी (Cashless Economy) की ओर तेज़ी से कदम बढ़ रहे हैं।

📢 क्या UPI अगले महीने 20 बिलियन ट्रांजेक्शन का आंकड़ा पार करेगा?
📢 क्या सरकार नई योजनाओं से छोटे व्यापारियों और ग्राहकों को और अधिक प्रोत्साहन देगी?

आने वाले महीनों में डिजिटल पेमेंट का यह सफर और रोमांचक होने वाला है! 🚀

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फरवरी 2025 में UPI ने दर्ज किए 16.11 अरब ट्रांजैक्शन,

UPI

भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की तेजी जारी है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2025 में UPI ने 16.11 अरब ट्रांजैक्शन दर्ज किए। हालांकि, जनवरी 2025 के 16.99 अरब ट्रांजैक्शन की तुलना में यह 5.2% की गिरावट दर्शाता है।

लेकिन सालाना (YoY) आधार पर, फरवरी 2024 की तुलना में UPI ट्रांजैक्शन में 33% की बढ़ोतरी हुई है। यह इस बात का संकेत है कि भारत में डिजिटल पेमेंट्स का विस्तार लगातार हो रहा है और UPI का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।


UPI ट्रांजैक्शन वैल्यू में भी गिरावट, लेकिन सालाना ग्रोथ बरकरार

📉 फरवरी 2025 में UPI ट्रांजैक्शन का कुल मूल्य ₹21.96 लाख करोड़ रहा, जो जनवरी 2025 के ₹23.48 लाख करोड़ से 6.5% कम है।
📈 हालांकि, सालाना आधार पर तुलना करें तो UPI का ट्रांजैक्शन मूल्य फरवरी 2024 की तुलना में 20% बढ़ा है।

💡 फरवरी में गिरावट क्यों आई?
फरवरी में ट्रांजैक्शन की संख्या में गिरावट आना मौसमी प्रवृत्ति (seasonal trend) का हिस्सा है क्योंकि यह महीना जनवरी की तुलना में छोटा होता है।

📊 डेली ट्रांजैक्शन डेटा:
फरवरी 2025 में औसतन प्रति दिन 575 मिलियन (57.5 करोड़) UPI ट्रांजैक्शन हुए, जो जनवरी के 548 मिलियन (54.8 करोड़) से अधिक है।
डेली ट्रांजैक्शन वैल्यू भी बढ़कर ₹78,446 करोड़ हो गई, जबकि जनवरी में यह ₹75,743 करोड़ थी।

👉 इसका मतलब यह है कि हालांकि फरवरी में कुल ट्रांजैक्शन की संख्या कम रही, लेकिन प्रति दिन के औसत में सुधार हुआ।


UPI लीडर्स: कौन रहा नंबर 1?

जनवरी 2025 के आंकड़ों के अनुसार, UPI पेमेंट ऐप्स की रैंकिंग इस प्रकार रही:

🏆 1. PhonePe – 8.1 अरब ट्रांजैक्शन
🥈 2. Google Pay – 6.18 अरब ट्रांजैक्शन
🥉 3. Paytm – 1.15 अरब ट्रांजैक्शन

📌 फरवरी 2025 के लिए ऐप-वार ट्रांजैक्शन डेटा अभी जारी नहीं हुआ है।

📊 PhonePe, Google Pay और Paytm जैसे प्रमुख UPI ऐप्स भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम पर हावी हैं।


UPI का तेजी से विस्तार: 450 मिलियन उपयोगकर्ता

NPCI के CEO दिलीप असबे ने हाल ही में कहा कि UPI के पास वर्तमान में 450 मिलियन (45 करोड़) उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 200 मिलियन (20 करोड़) प्रतिदिन एक्टिव रहते हैं।

🚀 क्या आने वाले समय में UPI का दायरा और बढ़ेगा?
NPCI अब 200-300 मिलियन (20-30 करोड़) और नए यूजर्स को जोड़ने की रणनीति पर काम कर रहा है। इसके लिए RBI, सरकार और फाइनेंशियल संस्थानों की भागीदारी आवश्यक होगी।


UPI इनोवेशन के लिए NPCI का नया R&D सेंटर

💡 UPI को और अधिक मजबूत और इनोवेटिव बनाने के लिए NPCI एक नए रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) सेंटर की स्थापना करने जा रहा है।
🏢 यह नया 5000-क्षमता वाला R&D सेंटर डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी में इनोवेशन को गति देने और वैश्विक साझेदारियों (global collaborations) को मजबूत करने में मदद करेगा।

📌 इससे भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी और UPI को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने का मौका मिलेगा।


UPI का भविष्य: क्या डिजिटल भुगतान और बढ़ेगा?

📊 वर्तमान ट्रेंड्स को देखें तो UPI की ग्रोथ आने वाले वर्षों में और तेजी से बढ़ने की संभावना है।

🚀 UPI का विस्तार किन पहलुओं पर निर्भर करेगा?

1️⃣ नए उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ाना:

  • ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे व्यवसायों में UPI अपनाने को बढ़ावा देना।
  • अधिक लोगों को डिजिटल पेमेंट के प्रति जागरूक बनाना।

2️⃣ अंतरराष्ट्रीय विस्तार:

  • UPI को भारत के बाहर अन्य देशों में अपनाने के लिए NPCI विभिन्न सरकारों और बैंकों से साझेदारी कर रहा है।
  • कुछ देशों में UPI आधारित पेमेंट्स पहले ही शुरू हो चुके हैं, और यह ट्रेंड आगे भी बढ़ेगा।

3️⃣ UPI पर क्रेडिट और लोन सुविधाएँ:

  • कई फिनटेक कंपनियां UPI के जरिए बाय नाउ, पे लेटर (BNPL) और छोटे लोन की सेवाएं देने की तैयारी कर रही हैं।
  • इससे डिजिटल भुगतान का दायरा और बढ़ेगा।

📌 UPI की लगातार बढ़ती लोकप्रियता से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में डिजिटल ट्रांजैक्शन और तेजी से बढ़ेंगे।


निष्कर्ष: UPI का दबदबा बरकरार, ग्रोथ जारी

📈 फरवरी 2025 में UPI ट्रांजैक्शन में हल्की गिरावट देखी गई, लेकिन सालाना आधार पर 33% की मजबूत वृद्धि हुई।
📉 ट्रांजैक्शन वैल्यू में 6.5% की मासिक गिरावट थी, लेकिन सालाना 20% की बढ़ोतरी दर्शाती है कि डिजिटल भुगतान का चलन लगातार बढ़ रहा है।

📌 NPCI का 450 मिलियन यूजर्स को जोड़ने का लक्ष्य और नया R&D सेंटर UPI की वृद्धि में अहम भूमिका निभाएगा।
📌 आने वाले वर्षों में, UPI का उपयोग और अधिक बढ़ेगा, जिससे डिजिटल पेमेंट को नया आयाम मिलेगा। 🚀

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