UPI लेनदेन में अक्टूबर 2024 में 10% की बढ़त, डिजिटल भुगतान में तेजी

PhonePe

भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अक्टूबर 2024 में लेनदेन की संख्या में 10% महीने-दर-महीने की बढ़त दर्ज की। इस वृद्धि का श्रेय मौजूदा और नए उपयोगकर्ताओं की सक्रियता को दिया जा रहा है। डिजिटल भुगतान की बढ़ती लोकप्रियता ने भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है।


PhonePe बना बाजार का बादशाह

डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म PhonePe ने अक्टूबर में सबसे अधिक UPI लेनदेन दर्ज किए, जिसमें कुल 7.9 अरब लेनदेन हुए, जिनकी कुल राशि ₹11,69,290 करोड़ थी।

  • PhonePe का बाजार हिस्सेदारी:
    • लेनदेन की संख्या में 47.66%।
    • कुल लेनदेन मूल्य में 49.76%।
  • हालांकि, सितंबर की तुलना में इसमें मामूली गिरावट आई है, जब यह आंकड़ा 48% और 49.95% था।

Google Pay का प्रदर्शन

Google Pay, जो UPI का दूसरा सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है, ने 6.2 अरब लेनदेन दर्ज किए, जिनकी कुल राशि ₹8,49,327 करोड़ रही।

  • Google Pay की बाजार हिस्सेदारी:
    • लेनदेन संख्या और मूल्य के मामले में स्थिर बनी रही।

Paytm ने बनाए रखा तीसरा स्थान

Paytm (OCL), जो UPI क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है, ने अक्टूबर में 1.16 अरब लेनदेन किए, जिनकी कुल राशि ₹1,29,584 करोड़ थी।

  • Paytm का प्रदर्शन स्थिर रहा, और बाजार हिस्सेदारी में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ।

UPI बाजार की स्थिति: तीन बड़े खिलाड़ी आगे

PhonePe, Google Pay, और Paytm तीनों ने मिलकर अक्टूबर 2024 में UPI बाजार का 90% से अधिक हिस्सा अपने कब्जे में रखा।

  • बाजार हिस्सेदारी (लेनदेन संख्या में):
    • PhonePe: 47.66%।
    • Google Pay: लगभग 37%।
    • Paytm: लगभग 7%।
  • बाजार हिस्सेदारी (लेनदेन मूल्य में):
    • PhonePe: 49.76%।
    • Google Pay: लगभग 36%।
    • Paytm: लगभग 5%।

लेनदेन में वृद्धि के कारण

नए उपयोगकर्ताओं की भागीदारी

UPI ने पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर ग्राहकों को जोड़ा है, खासकर ग्रामीण और टियर-2/3 शहरों में।

  • त्योहारों के मौसम में लोगों ने डिजिटल भुगतान को अधिक प्राथमिकता दी।
  • नए व्यापारी और व्यवसाय UPI सिस्टम में शामिल हो रहे हैं, जिससे लेनदेन में वृद्धि हो रही है।

सरलता और सुविधा

UPI का उपयोग करना बेहद आसान है और यह उपयोगकर्ताओं को कैश की चिंता से मुक्त करता है।

  • मोबाइल फोन और इंटरनेट की उपलब्धता ने इसे और भी सुलभ बना दिया है।
  • QR कोड और वॉलेट फीचर्स ने छोटे व्यवसायों को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

PhonePe की मामूली गिरावट के कारण

हालांकि PhonePe ने बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखी है, लेकिन इसकी हिस्सेदारी में हल्की गिरावट दर्ज की गई।

  • प्रतिस्पर्धा का असर:
    • Google Pay और Paytm जैसे खिलाड़ियों के लगातार इनोवेशन।
  • ग्राहक अनुभव:
    • ग्राहकों की प्राथमिकताओं में बदलाव और अन्य प्लेटफॉर्म्स द्वारा बेहतर ऑफर्स।

Google Pay और Paytm का स्थिर प्रदर्शन

Google Pay:

  • यह उपयोगकर्ताओं को भरोसेमंद और तेज़ सेवाएं प्रदान करता है।
  • मजबूत मार्केटिंग और विशेष सुविधाओं ने इसे ग्राहकों के बीच लोकप्रिय बनाए रखा।

Paytm:

  • Paytm का व्यापक व्यापारी नेटवर्क इसे अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाता है।
  • ऑफलाइन दुकानों और छोटे व्यवसायों में Paytm का व्यापक उपयोग होता है।

भारत में UPI का भविष्य

बढ़ते उपयोगकर्ता और लेनदेन

UPI ने अब तक 10 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं को जोड़ा है, और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है।

  • भारत सरकार और NPCI (National Payments Corporation of India) की पहल से इसे और बल मिल रहा है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर UPI के विस्तार से भी भारतीय बाजार को लाभ होगा।

नवाचार और सुरक्षा

डिजिटल भुगतान के लिए बेहतर सुरक्षा उपाय और AI-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम इसे और सुरक्षित बना रहे हैं।

आगामी चुनौतियां

  • तकनीकी मुद्दे:
    सर्वर डाउनटाइम और लेनदेन विफलता को कम करना।
  • प्रतिस्पर्धा:
    नए प्लेटफॉर्म्स और तकनीकें बाजार में चुनौती पेश कर सकती हैं।

निष्कर्ष: UPI का प्रभाव

भारत में UPI ने वित्तीय लेनदेन के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।

  • PhonePe, Google Pay, और Paytm जैसे प्लेटफॉर्म्स ने इसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • ग्राहकों और व्यापारियों के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता इसे देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था के केंद्र में रखती है।

अक्टूबर 2024 की इस रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि UPI का विकास जारी रहेगा, और यह आने वाले समय में और भी बड़े मील के पत्थर हासिल करेगा।

Read More : भारत में wearable device market में गिरावट: Q3 2024 की रिपोर्ट

UPI में अक्टूबर 2024 में वृद्धि, 16.58 बिलियन लेनदेन दर्ज

UPI

भारत के Unified Payments Interface (UPI) ने सितंबर से अक्टूबर 2024 के बीच लेनदेन की संख्या और मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में यूपीआई ने कुल 16.58 बिलियन लेनदेन किए, जो सितंबर के 15.04 बिलियन से 10% अधिक है।

अक्टूबर मेंUPI लेनदेन का कुल मूल्य 14% बढ़कर 23.50 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो सितंबर में 20.64 लाख करोड़ रुपये था। यह वृद्धि पिछले साल की तुलना में 45% अधिक लेनदेन और 37% अधिक लेनदेन मूल्य के कारण हुई है, जो कि डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।

UPI दैनिक लेनदेन में भी तेजी से वृद्धि

अक्टूबर में औसत दैनिक लेनदेन की संख्या 501 मिलियन से बढ़कर 535 मिलियन हो गई, और दैनिक लेनदेन राशि भी बढ़कर 75,801 करोड़ रुपये पहुंच गई, जो सितंबर में 68,800 करोड़ रुपये थी। यह वृद्धि यूपीआई के प्रति भारतीय उपभोक्ताओं की बढ़ती निर्भरता और भरोसे को प्रदर्शित करती है। दैनिक लेनदेन में वृद्धि से यह संकेत मिलता है कि भारत में लोग कैशलेस लेनदेन को तेजी से अपना रहे हैं और यूपीआई को अपने दैनिक जीवन में शामिल कर रहे हैं।

यूपीआई मार्केट में कंपनियों की स्थिति

सितंबर 2024 में, फोनपे (PhonePe) ने यूपीआई लेनदेन में 48% हिस्सेदारी के साथ अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखी। इसके बाद 37.4% हिस्सेदारी के साथ गूगल पे (Google Pay) दूसरे स्थान पर था, और पेटीएम (Paytm) 7% हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर था। अक्टूबर के बाजार हिस्सेदारी के आंकड़े अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं, लेकिन अनुमान है कि ये तीनों कंपनियां यूपीआई में अपनी पकड़ को बनाए रखेंगी।

हाल ही में, एनपीसीआई ने वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड, जो पेटीएम की मूल कंपनी है, को अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर नए उपयोगकर्ताओं को जोड़ने की अनुमति दी है। इस अनुमति के माध्यम से पेटीएम को अपने यूज़र बेस का विस्तार करने और यूपीआई क्षेत्र में अपनी मार्केट हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कदम पेटीएम के लिए यूपीआई के प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक अवसर है।

एनपीसीआई द्वारा यूपीआई में महत्वपूर्ण बदलाव

एनपीसीआई ने हाल ही में यूपीआई के लेनदेन सीमा में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कुछ प्रकार के यूपीआई भुगतानों के लिए ऊपरी सीमा को 5 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है, जो पहले की तुलना में अधिक है। इसके अलावा, यूपीआई लाइट वॉलेट और यूपीआई 123पे (UPI 123Pay) के लिए भी सीमा बढ़ाई गई है। ये बदलाव डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किए गए हैं और भारत सरकार के 2026-27 तक प्रतिदिन 1 बिलियन लेनदेन करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सरकार का उद्देश्य है कि देश में डिजिटल लेनदेन को एक नए स्तर पर ले जाया जाए, जिससे नकद लेनदेन की निर्भरता को कम किया जा सके। यूपीआई के इन बदलावों से उम्मीद है कि उपभोक्ता अधिक से अधिक डिजिटल भुगतानों की ओर प्रेरित होंगे, जिससे देश का कैशलेस अर्थव्यवस्था का सपना साकार हो सकेगा।

यूपीआई की वृद्धि के पीछे के कारण

भारत में यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता के कई कारण हैं। यूपीआई न केवल उपयोग में आसान है, बल्कि यह एक सुरक्षित और त्वरित भुगतान विकल्प भी प्रदान करता है। इसके अलावा, यूपीआई के माध्यम से लेनदेन शुल्क न के बराबर होता है, जिससे छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बन गया है।

यूपीआई को भारत के सभी प्रमुख बैंक और वॉलेट कंपनियाँ सपोर्ट करती हैं, जिससे इसका उपयोग और भी आसान हो गया है। वहीं, एनपीसीआई और सरकार की ओर से किए जा रहे विभिन्न प्रोत्साहनों ने भी यूपीआई को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नए बदलावों और सुविधाओं ने यूपीआई को न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोकप्रिय बना दिया है।

सरकार का डिजिटल इंडिया मिशन और यूपीआई का योगदान

भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत यूपीआई का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। सरकार का उद्देश्य है कि देश में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जाए और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित किया जाए। यूपीआई के माध्यम से लोग न केवल सामान खरीद सकते हैं बल्कि अपने दोस्तों और परिवार को भी तुरंत पैसे भेज सकते हैं, जिससे कैशलेस लेनदेन का एक नया चलन शुरू हुआ है।

एनपीसीआई की ओर से किए जा रहे बदलावों के साथ-साथ सरकार के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यूपीआई एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। देश में यूपीआई के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिल रहा है और छोटे व्यापारियों को भी डिजिटल लेनदेन को अपनाने का अवसर मिल रहा है।

निष्कर्ष

अक्टूबर 2024 में यूपीआई में दर्ज की गई यह वृद्धि भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली के विकास का एक महत्वपूर्ण संकेत है। फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे प्रमुख खिलाड़ी बाजार में अपनी जगह बनाए हुए हैं, जबकि एनपीसीआई द्वारा किए जा रहे बदलावों के कारण आने वाले समय में यूपीआई का उपयोग और भी बढ़ने की उम्मीद है।

भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2026-27 तक प्रतिदिन 1 बिलियन डिजिटल लेनदेन हो, और यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए यह लक्ष्य प्राप्त करना संभव प्रतीत होता है। नए लेनदेन सीमा और अन्य सुविधाओं के साथ, यूपीआई न केवल बड़े शहरों में बल्कि देश के कोने-कोने में डिजिटल भुगतान का प्रमुख माध्यम बन गया है।

यूपीआई ने भारत के कैशलेस इकोनॉमी के सपने को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय किया है, और यह भारत के डिजिटल भविष्य का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए तैयार है।

Read more : मुंबई स्थित Easy Home Finance ने जुटाए 210.35 करोड़ रुपये

UPI का नया रिकॉर्ड: सितंबर 2024 में 15 बिलियन ट्रांजैक्शन के पार

UPI

सितंबर 2024 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया, जब कुल ट्रांजैक्शन की संख्या 15 बिलियन से अधिक हो गई। अप्रैल 2016 में लॉन्च होने के बाद से, UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इस तेजी से बढ़ते पेमेंट सिस्टम ने न केवल भुगतान के तरीकों को सरल बनाया है, बल्कि इसे भारत के आर्थिक और डिजिटल परिदृश्य का एक अभिन्न हिस्सा भी बना दिया है।

PhonePe का वर्चस्व जारी

UPI ट्रांजैक्शन में PhonePe सबसे बड़ा खिलाड़ी बना हुआ है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, PhonePe ने सितंबर 2024 में 7.22 बिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹10,30,871 करोड़ थी। यह आंकड़ा UPI की पूरी सफलता और PhonePe की इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ को दर्शाता है।

हालांकि, PhonePe के ट्रांजैक्शन वॉल्यूम और वैल्यू में मामूली गिरावट देखी गई, जबकि Google Pay ने दोनों में वृद्धि दर्ज की। अगस्त 2024 की तुलना में PhonePe का बाजार हिस्सा 48% तक गिर गया, जो पहले 48.3% था। इसके बावजूद, यह अभी भी UPI मार्केट का सबसे बड़ा हिस्सा रखता है।

Google Pay की तेजी

Google Pay, जो इस रेस में PhonePe के बाद दूसरे स्थान पर है, ने सितंबर में 5.62 बिलियन ट्रांजैक्शन किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹7,46,690.05 करोड़ थी। Google Pay का बाजार हिस्सा अब 37.4% है, जो अगस्त में 37.3% था। Google Pay की इस स्थिर और लगातार बढ़ती प्रगति से यह स्पष्ट है कि इसका यूजर बेस और ट्रांजैक्शन दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं।

Paytm की स्थिति स्थिर, लेकिन चुनौतीपूर्ण

Paytm ने सितंबर 2024 में अपनी स्थिति को लगभग स्थिर रखा है, जिसमें इसके ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। Paytm का बाजार हिस्सा अब 7% है, जो अगस्त में 7.21% था। हालांकि, Paytm ने बाजार में अपनी स्थिति को बनाए रखा है, लेकिन PhonePe और Google Pay के दबदबे के सामने इसे कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

अन्य खिलाड़ियों की बढ़ती उपस्थिति

सितंबर 2024 में CRED और Navi जैसे नए खिलाड़ी भी अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। CRED ने 140 मिलियन ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जिनकी वैल्यू ₹47,982.71 करोड़ थी, जबकि Navi ने 120 मिलियन ट्रांजैक्शन के साथ ₹6,549.10 करोड़ की वैल्यू हासिल की। खास बात यह रही कि Navi ने ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 35% की वृद्धि दर्ज की और पहली बार शीर्ष पांच UPI ऐप्स में शामिल हो गया।

इसके अलावा, Flipkart के Super.money ऐप ने भी सितंबर में 120% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की और यह 15वें स्थान पर पहुंच गया, जो BHIM ऐप से ठीक पीछे है।

P2M और P2P ट्रांजैक्शन का बंटवारा

सितंबर 2024 में कुल 15 बिलियन UPI ट्रांजैक्शन में से, पीयर-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन ने 62% का हिस्सा बनाया, जबकि पीयर-टू-पीयर (P2P) ट्रांजैक्शन ने शेष 38% का योगदान दिया। हालाँकि, ट्रांजैक्शन वैल्यू के मामले में, P2P ट्रांजैक्शन का हिस्सा 72.5% से अधिक था, जबकि P2M ट्रांजैक्शन का योगदान शेष हिस्से के लिए था। यह बंटवारा यह दर्शाता है कि लोग P2P ट्रांजैक्शन में बड़ी रकम ट्रांसफर करते हैं, जबकि P2M का उपयोग अधिकतर छोटे भुगतानों के लिए किया जाता है।

UPI का बढ़ता प्रभाव

UPI का यह प्रभाव न केवल बड़े शहरों में, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है। डिजिटल भुगतान के इस प्रसार ने कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में भारत के कदम को तेज कर दिया है। UPI ने आम जनता के लिए वित्तीय समावेशन को आसान बनाया है, और व्यापारियों को भी अपने लेन-देन में अधिक पारदर्शिता और सरलता प्रदान की है।

भविष्य की चुनौतियाँ और अवसर

UPI के इस निरंतर विकास के साथ कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि के कारण NPCI और अन्य वित्तीय संस्थाओं को मजबूत सुरक्षा उपाय लागू करने होंगे। इसके अलावा, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसे दूर करने के लिए सरकार और निजी कंपनियों को मिलकर काम करना होगा।

निष्कर्ष

सितंबर 2024 में UPI का 15 बिलियन ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार करना, डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर है। PhonePe और Google Pay जैसी कंपनियों ने इस क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है, जबकि नए खिलाड़ी भी अपनी जगह बना रहे हैं। UPI का बढ़ता प्रभाव यह संकेत देता है कि आने वाले समय में भारत में डिजिटल भुगतान का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा, और यह वित्तीय समावेशन और पारदर्शिता को और अधिक मजबूत बनाएगा।

Read More :Jio Cinema Crosses 1.6 Crore Paid Subscribers- जियो सिनेमा ने 1.6 करोड़ पेड सब्सक्राइबर का माइलस्टोन पार किया