फरवरी 2025 में UPI ने दर्ज किए 16.11 अरब ट्रांजैक्शन,

UPI

भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की तेजी जारी है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2025 में UPI ने 16.11 अरब ट्रांजैक्शन दर्ज किए। हालांकि, जनवरी 2025 के 16.99 अरब ट्रांजैक्शन की तुलना में यह 5.2% की गिरावट दर्शाता है।

लेकिन सालाना (YoY) आधार पर, फरवरी 2024 की तुलना में UPI ट्रांजैक्शन में 33% की बढ़ोतरी हुई है। यह इस बात का संकेत है कि भारत में डिजिटल पेमेंट्स का विस्तार लगातार हो रहा है और UPI का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।


UPI ट्रांजैक्शन वैल्यू में भी गिरावट, लेकिन सालाना ग्रोथ बरकरार

📉 फरवरी 2025 में UPI ट्रांजैक्शन का कुल मूल्य ₹21.96 लाख करोड़ रहा, जो जनवरी 2025 के ₹23.48 लाख करोड़ से 6.5% कम है।
📈 हालांकि, सालाना आधार पर तुलना करें तो UPI का ट्रांजैक्शन मूल्य फरवरी 2024 की तुलना में 20% बढ़ा है।

💡 फरवरी में गिरावट क्यों आई?
फरवरी में ट्रांजैक्शन की संख्या में गिरावट आना मौसमी प्रवृत्ति (seasonal trend) का हिस्सा है क्योंकि यह महीना जनवरी की तुलना में छोटा होता है।

📊 डेली ट्रांजैक्शन डेटा:
फरवरी 2025 में औसतन प्रति दिन 575 मिलियन (57.5 करोड़) UPI ट्रांजैक्शन हुए, जो जनवरी के 548 मिलियन (54.8 करोड़) से अधिक है।
डेली ट्रांजैक्शन वैल्यू भी बढ़कर ₹78,446 करोड़ हो गई, जबकि जनवरी में यह ₹75,743 करोड़ थी।

👉 इसका मतलब यह है कि हालांकि फरवरी में कुल ट्रांजैक्शन की संख्या कम रही, लेकिन प्रति दिन के औसत में सुधार हुआ।


UPI लीडर्स: कौन रहा नंबर 1?

जनवरी 2025 के आंकड़ों के अनुसार, UPI पेमेंट ऐप्स की रैंकिंग इस प्रकार रही:

🏆 1. PhonePe – 8.1 अरब ट्रांजैक्शन
🥈 2. Google Pay – 6.18 अरब ट्रांजैक्शन
🥉 3. Paytm – 1.15 अरब ट्रांजैक्शन

📌 फरवरी 2025 के लिए ऐप-वार ट्रांजैक्शन डेटा अभी जारी नहीं हुआ है।

📊 PhonePe, Google Pay और Paytm जैसे प्रमुख UPI ऐप्स भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम पर हावी हैं।


UPI का तेजी से विस्तार: 450 मिलियन उपयोगकर्ता

NPCI के CEO दिलीप असबे ने हाल ही में कहा कि UPI के पास वर्तमान में 450 मिलियन (45 करोड़) उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 200 मिलियन (20 करोड़) प्रतिदिन एक्टिव रहते हैं।

🚀 क्या आने वाले समय में UPI का दायरा और बढ़ेगा?
NPCI अब 200-300 मिलियन (20-30 करोड़) और नए यूजर्स को जोड़ने की रणनीति पर काम कर रहा है। इसके लिए RBI, सरकार और फाइनेंशियल संस्थानों की भागीदारी आवश्यक होगी।


UPI इनोवेशन के लिए NPCI का नया R&D सेंटर

💡 UPI को और अधिक मजबूत और इनोवेटिव बनाने के लिए NPCI एक नए रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) सेंटर की स्थापना करने जा रहा है।
🏢 यह नया 5000-क्षमता वाला R&D सेंटर डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी में इनोवेशन को गति देने और वैश्विक साझेदारियों (global collaborations) को मजबूत करने में मदद करेगा।

📌 इससे भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी और UPI को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने का मौका मिलेगा।


UPI का भविष्य: क्या डिजिटल भुगतान और बढ़ेगा?

📊 वर्तमान ट्रेंड्स को देखें तो UPI की ग्रोथ आने वाले वर्षों में और तेजी से बढ़ने की संभावना है।

🚀 UPI का विस्तार किन पहलुओं पर निर्भर करेगा?

1️⃣ नए उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ाना:

  • ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे व्यवसायों में UPI अपनाने को बढ़ावा देना।
  • अधिक लोगों को डिजिटल पेमेंट के प्रति जागरूक बनाना।

2️⃣ अंतरराष्ट्रीय विस्तार:

  • UPI को भारत के बाहर अन्य देशों में अपनाने के लिए NPCI विभिन्न सरकारों और बैंकों से साझेदारी कर रहा है।
  • कुछ देशों में UPI आधारित पेमेंट्स पहले ही शुरू हो चुके हैं, और यह ट्रेंड आगे भी बढ़ेगा।

3️⃣ UPI पर क्रेडिट और लोन सुविधाएँ:

  • कई फिनटेक कंपनियां UPI के जरिए बाय नाउ, पे लेटर (BNPL) और छोटे लोन की सेवाएं देने की तैयारी कर रही हैं।
  • इससे डिजिटल भुगतान का दायरा और बढ़ेगा।

📌 UPI की लगातार बढ़ती लोकप्रियता से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में डिजिटल ट्रांजैक्शन और तेजी से बढ़ेंगे।


निष्कर्ष: UPI का दबदबा बरकरार, ग्रोथ जारी

📈 फरवरी 2025 में UPI ट्रांजैक्शन में हल्की गिरावट देखी गई, लेकिन सालाना आधार पर 33% की मजबूत वृद्धि हुई।
📉 ट्रांजैक्शन वैल्यू में 6.5% की मासिक गिरावट थी, लेकिन सालाना 20% की बढ़ोतरी दर्शाती है कि डिजिटल भुगतान का चलन लगातार बढ़ रहा है।

📌 NPCI का 450 मिलियन यूजर्स को जोड़ने का लक्ष्य और नया R&D सेंटर UPI की वृद्धि में अहम भूमिका निभाएगा।
📌 आने वाले वर्षों में, UPI का उपयोग और अधिक बढ़ेगा, जिससे डिजिटल पेमेंट को नया आयाम मिलेगा। 🚀

Read more :Glance ने Stride Ventures से ₹200 करोड़ का कर्ज जुटाया,

UPI ने जनवरी में दर्ज किए 16.99 billion transactions,

UPI

भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा माध्यम बन चुके यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने जनवरी 2025 में 16.99 अरब ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹23.48 लाख करोड़ रही। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 39% अधिक ट्रांजैक्शन वॉल्यूम और 28% अधिक ट्रांजैक्शन वैल्यू को दर्शाता है।

अगर मासिक वृद्धि की बात करें तो जनवरी में UPI ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 1.55% और ट्रांजैक्शन वैल्यू में लगभग 1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिसंबर 2024 में UPI ने 16.73 अरब ट्रांजैक्शन के साथ ₹23.25 लाख करोड़ की ट्रांजैक्शन वैल्यू हासिल की थी।


🔹 NPCI के आंकड़ों में UPI की जबरदस्त ग्रोथ

📌 नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में UPI के औसत दैनिक ट्रांजैक्शन 548 मिलियन (54.8 करोड़) तक पहुंच गए

📌 UPI का उपयोग करने वाले कुल 450 मिलियन (45 करोड़) यूजर्स में से 200 मिलियन (20 करोड़) डेली एक्टिव यूजर्स हैं।

📌 NPCI प्रमुख दिलीप अस्बे ने हाल ही में कहा कि UPI यूजरबेस को 200-300 मिलियन (20-30 करोड़) नए उपयोगकर्ताओं तक बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), सरकार और व्यापक वित्तीय इकोसिस्टम का सहयोग जरूरी होगा


🔹 UPI मार्केट शेयर: PhonePe टॉप पर, Google Pay और Paytm की स्थिति स्थिर

भारतीय UPI बाजार में PhonePe सबसे आगे है, जिसके पास 47.7% मार्केट शेयर है। इसके बाद Google Pay का 36.7% और Paytm का 6.87% हिस्सा है।

✔️ PhonePe: 47.7%
✔️ Google Pay: 36.7%
✔️ Paytm: 6.87%

📢 UPI मार्केट शेयर में बदलाव की संभावना फिलहाल कम है क्योंकि NPCI ने थर्ड-पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAPs) के लिए UPI वॉल्यूम कैप लागू करने की समयसीमा 31 दिसंबर 2026 तक बढ़ा दी है। इससे PhonePe और Google Pay की मार्केट लीडरशिप बनी रहेगी


🔹 WhatsApp Pay के लिए अच्छी खबर: NPCI ने लिमिट हटाई

NPCI ने WhatsApp Pay के लिए यूजर ऑनबोर्डिंग लिमिट हटा दी है, जिससे अब यह पूरे भारत में अपने सभी उपयोगकर्ताओं के लिए UPI सेवाएं प्रदान कर सकता है

📌 पहले, WhatsApp Pay को NPCI द्वारा 100 मिलियन यूजर्स तक सीमित किया गया था, लेकिन अब यह सभी भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगा।

📌 WhatsApp Pay की इस नई उपलब्धि से UPI को और अधिक विस्तार मिलेगा और डिजिटल भुगतान को अपनाने की दर और तेज होगी।


🔹 UPI के विस्तार की चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं

🔥 UPI को 200-300 मिलियन नए उपयोगकर्ताओं तक कैसे ले जाया जाएगा?

✔️ सरल इंटरफेस और अधिक भाषा समर्थन:
UPI को ग्रामीण इलाकों में तेजी से अपनाने के लिए स्थानीय भाषाओं और वॉयस-आधारित इंटरफेस को बढ़ावा देना होगा।

✔️ फिनटेक कंपनियों का सहयोग:
सरकार और NPCI को PhonePe, Google Pay, Paytm और WhatsApp Pay जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि UPI का दायरा बढ़े।

✔️ इनोवेशन और सुरक्षा:
UPI के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर सिक्योरिटी और फ्रॉड प्रिवेंशन पर ध्यान देना जरूरी होगा ताकि उपभोक्ताओं का भरोसा बना रहे।

✔️ ऑफलाइन पेमेंट सिस्टम का विकास:
NPCI पहले से ही UPI Lite और UPI 123Pay जैसी सुविधाओं पर काम कर रहा है, जो कम इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में भी भुगतान को आसान बनाएंगी


🔹 भारत में डिजिटल भुगतान की क्रांति जारी

UPI की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट बाजारों में से एक बना दिया हैजनवरी 2025 में दर्ज किए गए 16.99 अरब ट्रांजैक्शन इस बात का सबूत हैं कि भारतीय उपभोक्ता कैशलेस और डिजिटल पेमेंट को तेजी से अपना रहे हैं

👉 क्या भारत आने वाले वर्षों में पूरी तरह से डिजिटल भुगतान पर शिफ्ट हो जाएगा?
👉 क्या UPI दुनिया का सबसे बड़ा पेमेंट इकोसिस्टम बन सकता है?

📢 अपने विचार हमें कमेंट में बताएं! 🚀

Read more :Paras Chopra की नई पहल भारत में आधुनिक AI लैब स्थापित करने की योजना

UPI लेनदेन में दिसंबर का रिकॉर्ड: 16.73 अरब ट्रांजैक्शन्स और ₹23.25 लाख करोड़ का लेनदेन

UPI

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने दिसंबर 2024 में 16.73 अरब लेनदेन के साथ ₹23.25 लाख करोड़ के लेनदेन का नया रिकॉर्ड बनाया। यह नवंबर की तुलना में वॉल्यूम में 8% और मूल्य में 7.88% की बढ़ोतरी को दर्शाता है।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, साल-दर-साल (YoY) आधार पर यह वॉल्यूम में 39% और मूल्य में 28% की वृद्धि है।


UPI औसत दैनिक लेनदेन में वृद्धि

दिसंबर 2024 में यूपीआई पर औसत दैनिक लेनदेन की संख्या 540 मिलियन रही, जिसमें कुल दैनिक लेनदेन मूल्य ₹74,990 करोड़ था।

नवंबर 2024 में यह आंकड़ा 516 मिलियन औसत दैनिक लेनदेन और ₹71,840 करोड़ दैनिक लेनदेन मूल्य का था।

अक्टूबर 2024 से यह बढ़त जारी है, जब यूपीआई ने 16.58 अरब लेनदेन और ₹23.50 लाख करोड़ का कुल लेनदेन मूल्य दर्ज किया था।


यूपीआई बाजार में फोनपे की बढ़त

फोनपे (PhonePe) वर्तमान में यूपीआई बाजार में सबसे आगे है, जिसके पास ट्रांजैक्शन वॉल्यूम का 48% हिस्सा है। इसके बाद गूगल पे (Google Pay) का 37% और पेटीएम (Paytm) का 7% हिस्सा है।

थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAPs) के लिए NPCI ने वॉल्यूम कैप की अनुपालन समयसीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 कर दिया है। इसका मतलब यह है कि फिलहाल बाजार हिस्सेदारी में बड़ा बदलाव देखने की संभावना कम है।


UPI: डिजिटल भुगतान का क्रांति लाने वाला प्लेटफॉर्म

यूपीआई ने भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। यह न केवल उपयोगकर्ताओं के लिए आसान और सुरक्षित है, बल्कि व्यापार और सरकारी संस्थानों के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है।

यूपीआई की प्रमुख विशेषताएं:

  1. रीयल-टाइम लेनदेन: यूपीआई उपयोगकर्ताओं को तुरंत और बिना किसी देरी के लेनदेन करने की सुविधा देता है।
  2. सुरक्षा: यूपीआई प्लेटफॉर्म मजबूत सुरक्षा मानकों का पालन करता है, जिससे उपयोगकर्ता के डेटा और धनराशि की सुरक्षा होती है।
  3. विविध उपयोग: यूपीआई का उपयोग न केवल भुगतान करने के लिए किया जा सकता है, बल्कि बिल भुगतान, रिचार्ज, और निवेश जैसे कार्यों के लिए भी किया जा सकता है।

यूपीआई के आंकड़ों का महत्व

दिसंबर 2024 के आंकड़े यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता और भारत के डिजिटल इकोनॉमी में इसके योगदान को दर्शाते हैं।

दिसंबर के आंकड़े:

  • कुल लेनदेन वॉल्यूम: 16.73 अरब
  • कुल लेनदेन मूल्य: ₹23.25 लाख करोड़
  • औसत दैनिक लेनदेन वॉल्यूम: 540 मिलियन
  • औसत दैनिक लेनदेन मूल्य: ₹74,990 करोड़

साल-दर-साल वृद्धि:

  • वॉल्यूम वृद्धि: 39%
  • मूल्य वृद्धि: 28%

यूपीआई की बढ़त के पीछे प्रमुख कारण

  1. सरकार की डिजिटल पेमेंट नीतियां: सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत यूपीआई को बढ़ावा दिया है, जिससे इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या में तेजी आई है।
  2. किफायती इंटरनेट और स्मार्टफोन: भारत में किफायती इंटरनेट और स्मार्टफोन की उपलब्धता ने यूपीआई को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोकप्रिय बनाया है।
  3. सहज उपयोग और एकीकरण: यूपीआई का इंटरफेस सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल है, जिससे यह हर आयु वर्ग के उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ है।

चुनौतियां और आगे की राह

यूपीआई के तेजी से बढ़ने के बावजूद, कुछ चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं:

  1. साइबर सुरक्षा: यूपीआई पर बढ़ते लेनदेन के साथ ही साइबर सुरक्षा खतरों का जोखिम भी बढ़ा है।
  2. वॉल्यूम कैप लागू करना: NPCI द्वारा TPAPs के लिए वॉल्यूम कैप लागू करने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, लेकिन इसके कार्यान्वयन में समय लग सकता है।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच: यूपीआई को ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक व्यापक बनाने के लिए जागरूकता और बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है।

यूपीआई का भविष्य

यूपीआई का भविष्य उज्ज्वल नजर आ रहा है। NPCI के नेतृत्व में, यूपीआई को और अधिक उपयोगी और सुलभ बनाने के लिए कई नए इनोवेशन लाए जा रहे हैं।

  • अंतरराष्ट्रीय विस्तार: NPCI ने कुछ देशों में यूपीआई को लागू करने के लिए पहल की है, जो भारतीय यूजर्स को विदेश में भी यूपीआई का उपयोग करने की अनुमति देगा।
  • क्रेडिट और लोन उत्पाद: यूपीआई को क्रेडिट और माइक्रो-लोन उत्पादों के साथ एकीकृत करने की योजना है, जिससे छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को फायदा होगा।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): यूपीआई में AI तकनीक का उपयोग लेनदेन को और अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए किया जाएगा।

निष्कर्ष

यूपीआई ने दिसंबर 2024 में लेनदेन के मामले में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया। 16.73 अरब ट्रांजैक्शन्स और ₹23.25 लाख करोड़ के लेनदेन ने इसे भारत के डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम का अभिन्न हिस्सा बना दिया है।

फोनपे, गूगल पे, और पेटीएम जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ, यूपीआई भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए डिजिटल भुगतान का पसंदीदा माध्यम बना हुआ है।
आने वाले वर्षों में यूपीआई का विस्तार और इसके उपयोग में वृद्धि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी।

Read more :EaseMyTrip के नए CEO बने Rikant Pittie, Nishant Pitti ने दिया इस्तीफा

UPI लेन-देन में 6.6% की गिरावट, PhonePe ने बाजार में बनाई पकड़

UPI

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने नवंबर 2024 में लेन-देन के मामले में हल्की गिरावट दर्ज की। अक्टूबर की तुलना में, लेन-देन की संख्या में 6.6% की कमी हुई और यह 15.48 अरब पर आ गई, जबकि लेन-देन का कुल मूल्य 8.3% घटकर 21.55 लाख करोड़ रुपये रहा।


प्रमुख UPI ऐप्स का प्रदर्शन

PhonePe का दबदबा बरकरार

नवंबर 2024 में, PhonePe ने UPI बाजार में अपना दबदबा कायम रखा।

  • इसने 7.4 अरब लेन-देन किए, जिनकी कुल कीमत 10,88,635.03 करोड़ रुपये रही।
  • PhonePe ने 47.82% लेन-देन की मात्रा और 50.52% कुल मूल्य के साथ बाजार में शीर्ष स्थान बनाए रखा।

Google Pay दूसरे स्थान पर

PhonePe के बाद, Google Pay दूसरा सबसे बड़ा UPI प्लेटफॉर्म रहा।

  • नवंबर में Google Pay ने 5.7 अरब लेन-देन किए, जिनका कुल मूल्य 7,64,639.66 करोड़ रुपये था।
  • इसका बाजार हिस्सा 37.07% लेन-देन की मात्रा और 35.48% लेन-देन के मूल्य पर स्थिर रहा।

Paytm तीसरे स्थान पर

Paytm (OCL) ने तीसरे सबसे बड़े UPI प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी।

  • इसने 1 अरब से अधिक लेन-देन किए, जिनकी कुल कीमत 1,18,004.06 करोड़ रुपये रही।
  • Paytm का बाजार हिस्सा 6.95% लेन-देन की मात्रा और 5.48% लेन-देन के मूल्य पर स्थिर रहा।

UPI में गिरावट के कारण

नवंबर में UPI लेन-देन में आई गिरावट के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:

  1. त्योहारों के बाद कम मांग
    • अक्टूबर में त्योहारी सीजन के दौरान डिजिटल भुगतान की मांग अधिक थी।
    • नवंबर में यह मांग सामान्य स्तर पर आ गई, जिससे लेन-देन में कमी आई।
  2. नकदी के उपयोग में वृद्धि
    • ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नकदी का उपयोग बढ़ने से डिजिटल भुगतान में कमी देखी गई।
  3. नए खिलाड़ियों का प्रदर्शन
    • कुछ नए UPI ऐप्स ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे टॉप प्लेटफॉर्म्स की बाजार हिस्सेदारी में मामूली बदलाव हुआ।

UPI के नए खिलाड़ी और प्रतिस्पर्धा

हालांकि PhonePe, Google Pay, और Paytm ने अपनी स्थिति बनाए रखी है, लेकिन कुछ नए UPI प्लेटफॉर्म्स ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

  • भारतपे, मनीबाय और अन्य छोटे ऐप्स ने अपनी उपस्थिति मजबूत की है।
  • सरकारी ऐप्स जैसे BHIM UPI ने भी कुछ क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया।

UPI की व्यापक स्वीकार्यता

ग्रामीण भारत में बढ़ता उपयोग

  • UPI अब सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है।
  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है।

व्यापारिक उपयोग में वृद्धि

  • छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों ने UPI को बड़े पैमाने पर अपनाया है।
  • क्यूआर कोड भुगतान ने इसे और भी सरल और सुलभ बना दिया है।

PhonePe और Google Pay के बीच प्रतिस्पर्धा

PhonePe और Google Pay के बीच UPI बाजार में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है।

  • PhonePe का मजबूत नेटवर्क और उपयोगकर्ता अनुभव इसे आगे बनाए हुए है।
  • Google Pay का फोकस आकर्षक कैशबैक और प्रचार अभियानों पर है, जिससे यह दूसरे स्थान पर बना हुआ है।

भविष्य में UPI का विस्तार

आंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार

  • NPCI ने UPI को सिंगापुर, UAE, और भूटान जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लॉन्च किया है।
  • अन्य देशों में इसे अपनाने से UPI की पहुंच और बढ़ेगी।

क्रेडिट कार्ड लिंकिंग का फायदा

  • क्रेडिट कार्ड को UPI से लिंक करने की सुविधा ने लेन-देन के विकल्पों को और बढ़ा दिया है।
  • यह सुविधा UPI के लिए नए उपयोगकर्ताओं को आकर्षित कर सकती है।

माइक्रो-लेन-देन का बढ़ता चलन

  • छोटे लेन-देन (जैसे 100 रुपये से कम) के लिए UPI का उपयोग बढ़ रहा है।
  • यह ट्रेंड अगले कुछ वर्षों में UPI की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

निष्कर्ष

नवंबर 2024 में UPI लेन-देन में गिरावट के बावजूद, यह भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र में सबसे प्रभावी और लोकप्रिय माध्यम बना हुआ है।

  • PhonePe और Google Pay जैसी कंपनियां बाजार में अपनी पकड़ बनाए हुए हैं।
  • भविष्य में, UPI के विस्तार और नई सुविधाओं के साथ यह और अधिक उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करेगा।

UPI का भविष्य उज्जवल है, और यह डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

Read more:BookMyShow ने दो साल में की शानदार वापसी, FY24 में 5 गुना बढ़ा राजस्व

UPI लेनदेन में अक्टूबर 2024 में 10% की बढ़त, डिजिटल भुगतान में तेजी

phonePe

भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अक्टूबर 2024 में लेनदेन की संख्या में 10% महीने-दर-महीने की बढ़त दर्ज की। इस वृद्धि का श्रेय मौजूदा और नए उपयोगकर्ताओं की सक्रियता को दिया जा रहा है। डिजिटल भुगतान की बढ़ती लोकप्रियता ने भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है।


PhonePe बना बाजार का बादशाह

डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म PhonePe ने अक्टूबर में सबसे अधिक UPI लेनदेन दर्ज किए, जिसमें कुल 7.9 अरब लेनदेन हुए, जिनकी कुल राशि ₹11,69,290 करोड़ थी।

  • PhonePe का बाजार हिस्सेदारी:
    • लेनदेन की संख्या में 47.66%।
    • कुल लेनदेन मूल्य में 49.76%।
  • हालांकि, सितंबर की तुलना में इसमें मामूली गिरावट आई है, जब यह आंकड़ा 48% और 49.95% था।

Google Pay का प्रदर्शन

Google Pay, जो UPI का दूसरा सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है, ने 6.2 अरब लेनदेन दर्ज किए, जिनकी कुल राशि ₹8,49,327 करोड़ रही।

  • Google Pay की बाजार हिस्सेदारी:
    • लेनदेन संख्या और मूल्य के मामले में स्थिर बनी रही।

Paytm ने बनाए रखा तीसरा स्थान

Paytm (OCL), जो UPI क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है, ने अक्टूबर में 1.16 अरब लेनदेन किए, जिनकी कुल राशि ₹1,29,584 करोड़ थी।

  • Paytm का प्रदर्शन स्थिर रहा, और बाजार हिस्सेदारी में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ।

UPI बाजार की स्थिति: तीन बड़े खिलाड़ी आगे

PhonePe, Google Pay, और Paytm तीनों ने मिलकर अक्टूबर 2024 में UPI बाजार का 90% से अधिक हिस्सा अपने कब्जे में रखा।

  • बाजार हिस्सेदारी (लेनदेन संख्या में):
    • PhonePe: 47.66%।
    • Google Pay: लगभग 37%।
    • Paytm: लगभग 7%।
  • बाजार हिस्सेदारी (लेनदेन मूल्य में):
    • PhonePe: 49.76%।
    • Google Pay: लगभग 36%।
    • Paytm: लगभग 5%।

लेनदेन में वृद्धि के कारण

नए उपयोगकर्ताओं की भागीदारी

UPI ने पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर ग्राहकों को जोड़ा है, खासकर ग्रामीण और टियर-2/3 शहरों में।

  • त्योहारों के मौसम में लोगों ने डिजिटल भुगतान को अधिक प्राथमिकता दी।
  • नए व्यापारी और व्यवसाय UPI सिस्टम में शामिल हो रहे हैं, जिससे लेनदेन में वृद्धि हो रही है।

सरलता और सुविधा

UPI का उपयोग करना बेहद आसान है और यह उपयोगकर्ताओं को कैश की चिंता से मुक्त करता है।

  • मोबाइल फोन और इंटरनेट की उपलब्धता ने इसे और भी सुलभ बना दिया है।
  • QR कोड और वॉलेट फीचर्स ने छोटे व्यवसायों को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

PhonePe की मामूली गिरावट के कारण

हालांकि PhonePe ने बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखी है, लेकिन इसकी हिस्सेदारी में हल्की गिरावट दर्ज की गई।

  • प्रतिस्पर्धा का असर:
    • Google Pay और Paytm जैसे खिलाड़ियों के लगातार इनोवेशन।
  • ग्राहक अनुभव:
    • ग्राहकों की प्राथमिकताओं में बदलाव और अन्य प्लेटफॉर्म्स द्वारा बेहतर ऑफर्स।

Google Pay और Paytm का स्थिर प्रदर्शन

Google Pay:

  • यह उपयोगकर्ताओं को भरोसेमंद और तेज़ सेवाएं प्रदान करता है।
  • मजबूत मार्केटिंग और विशेष सुविधाओं ने इसे ग्राहकों के बीच लोकप्रिय बनाए रखा।

Paytm:

  • Paytm का व्यापक व्यापारी नेटवर्क इसे अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाता है।
  • ऑफलाइन दुकानों और छोटे व्यवसायों में Paytm का व्यापक उपयोग होता है।

भारत में UPI का भविष्य

बढ़ते उपयोगकर्ता और लेनदेन

UPI ने अब तक 10 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं को जोड़ा है, और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है।

  • भारत सरकार और NPCI (National Payments Corporation of India) की पहल से इसे और बल मिल रहा है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर UPI के विस्तार से भी भारतीय बाजार को लाभ होगा।

नवाचार और सुरक्षा

डिजिटल भुगतान के लिए बेहतर सुरक्षा उपाय और AI-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम इसे और सुरक्षित बना रहे हैं।

आगामी चुनौतियां

  • तकनीकी मुद्दे:
    सर्वर डाउनटाइम और लेनदेन विफलता को कम करना।
  • प्रतिस्पर्धा:
    नए प्लेटफॉर्म्स और तकनीकें बाजार में चुनौती पेश कर सकती हैं।

निष्कर्ष: UPI का प्रभाव

भारत में UPI ने वित्तीय लेनदेन के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।

  • PhonePe, Google Pay, और Paytm जैसे प्लेटफॉर्म्स ने इसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • ग्राहकों और व्यापारियों के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता इसे देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था के केंद्र में रखती है।

अक्टूबर 2024 की इस रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि UPI का विकास जारी रहेगा, और यह आने वाले समय में और भी बड़े मील के पत्थर हासिल करेगा।

Read More : भारत में wearable device market में गिरावट: Q3 2024 की रिपोर्ट

UPI में अक्टूबर 2024 में वृद्धि, 16.58 बिलियन लेनदेन दर्ज

UPI

भारत के Unified Payments Interface (UPI) ने सितंबर से अक्टूबर 2024 के बीच लेनदेन की संख्या और मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में यूपीआई ने कुल 16.58 बिलियन लेनदेन किए, जो सितंबर के 15.04 बिलियन से 10% अधिक है।

अक्टूबर मेंUPI लेनदेन का कुल मूल्य 14% बढ़कर 23.50 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो सितंबर में 20.64 लाख करोड़ रुपये था। यह वृद्धि पिछले साल की तुलना में 45% अधिक लेनदेन और 37% अधिक लेनदेन मूल्य के कारण हुई है, जो कि डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।

UPI दैनिक लेनदेन में भी तेजी से वृद्धि

अक्टूबर में औसत दैनिक लेनदेन की संख्या 501 मिलियन से बढ़कर 535 मिलियन हो गई, और दैनिक लेनदेन राशि भी बढ़कर 75,801 करोड़ रुपये पहुंच गई, जो सितंबर में 68,800 करोड़ रुपये थी। यह वृद्धि यूपीआई के प्रति भारतीय उपभोक्ताओं की बढ़ती निर्भरता और भरोसे को प्रदर्शित करती है। दैनिक लेनदेन में वृद्धि से यह संकेत मिलता है कि भारत में लोग कैशलेस लेनदेन को तेजी से अपना रहे हैं और यूपीआई को अपने दैनिक जीवन में शामिल कर रहे हैं।

यूपीआई मार्केट में कंपनियों की स्थिति

सितंबर 2024 में, फोनपे (PhonePe) ने यूपीआई लेनदेन में 48% हिस्सेदारी के साथ अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखी। इसके बाद 37.4% हिस्सेदारी के साथ गूगल पे (Google Pay) दूसरे स्थान पर था, और पेटीएम (Paytm) 7% हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर था। अक्टूबर के बाजार हिस्सेदारी के आंकड़े अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं, लेकिन अनुमान है कि ये तीनों कंपनियां यूपीआई में अपनी पकड़ को बनाए रखेंगी।

हाल ही में, एनपीसीआई ने वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड, जो पेटीएम की मूल कंपनी है, को अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर नए उपयोगकर्ताओं को जोड़ने की अनुमति दी है। इस अनुमति के माध्यम से पेटीएम को अपने यूज़र बेस का विस्तार करने और यूपीआई क्षेत्र में अपनी मार्केट हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कदम पेटीएम के लिए यूपीआई के प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक अवसर है।

एनपीसीआई द्वारा यूपीआई में महत्वपूर्ण बदलाव

एनपीसीआई ने हाल ही में यूपीआई के लेनदेन सीमा में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कुछ प्रकार के यूपीआई भुगतानों के लिए ऊपरी सीमा को 5 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है, जो पहले की तुलना में अधिक है। इसके अलावा, यूपीआई लाइट वॉलेट और यूपीआई 123पे (UPI 123Pay) के लिए भी सीमा बढ़ाई गई है। ये बदलाव डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किए गए हैं और भारत सरकार के 2026-27 तक प्रतिदिन 1 बिलियन लेनदेन करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सरकार का उद्देश्य है कि देश में डिजिटल लेनदेन को एक नए स्तर पर ले जाया जाए, जिससे नकद लेनदेन की निर्भरता को कम किया जा सके। यूपीआई के इन बदलावों से उम्मीद है कि उपभोक्ता अधिक से अधिक डिजिटल भुगतानों की ओर प्रेरित होंगे, जिससे देश का कैशलेस अर्थव्यवस्था का सपना साकार हो सकेगा।

यूपीआई की वृद्धि के पीछे के कारण

भारत में यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता के कई कारण हैं। यूपीआई न केवल उपयोग में आसान है, बल्कि यह एक सुरक्षित और त्वरित भुगतान विकल्प भी प्रदान करता है। इसके अलावा, यूपीआई के माध्यम से लेनदेन शुल्क न के बराबर होता है, जिससे छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बन गया है।

यूपीआई को भारत के सभी प्रमुख बैंक और वॉलेट कंपनियाँ सपोर्ट करती हैं, जिससे इसका उपयोग और भी आसान हो गया है। वहीं, एनपीसीआई और सरकार की ओर से किए जा रहे विभिन्न प्रोत्साहनों ने भी यूपीआई को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नए बदलावों और सुविधाओं ने यूपीआई को न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोकप्रिय बना दिया है।

सरकार का डिजिटल इंडिया मिशन और यूपीआई का योगदान

भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत यूपीआई का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। सरकार का उद्देश्य है कि देश में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जाए और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित किया जाए। यूपीआई के माध्यम से लोग न केवल सामान खरीद सकते हैं बल्कि अपने दोस्तों और परिवार को भी तुरंत पैसे भेज सकते हैं, जिससे कैशलेस लेनदेन का एक नया चलन शुरू हुआ है।

एनपीसीआई की ओर से किए जा रहे बदलावों के साथ-साथ सरकार के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यूपीआई एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। देश में यूपीआई के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिल रहा है और छोटे व्यापारियों को भी डिजिटल लेनदेन को अपनाने का अवसर मिल रहा है।

निष्कर्ष

अक्टूबर 2024 में यूपीआई में दर्ज की गई यह वृद्धि भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली के विकास का एक महत्वपूर्ण संकेत है। फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे प्रमुख खिलाड़ी बाजार में अपनी जगह बनाए हुए हैं, जबकि एनपीसीआई द्वारा किए जा रहे बदलावों के कारण आने वाले समय में यूपीआई का उपयोग और भी बढ़ने की उम्मीद है।

भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2026-27 तक प्रतिदिन 1 बिलियन डिजिटल लेनदेन हो, और यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए यह लक्ष्य प्राप्त करना संभव प्रतीत होता है। नए लेनदेन सीमा और अन्य सुविधाओं के साथ, यूपीआई न केवल बड़े शहरों में बल्कि देश के कोने-कोने में डिजिटल भुगतान का प्रमुख माध्यम बन गया है।

यूपीआई ने भारत के कैशलेस इकोनॉमी के सपने को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय किया है, और यह भारत के डिजिटल भविष्य का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए तैयार है।

Read more : मुंबई स्थित Easy Home Finance ने जुटाए 210.35 करोड़ रुपये

UPI का नया रिकॉर्ड: सितंबर 2024 में 15 बिलियन ट्रांजैक्शन के पार

UPI

सितंबर 2024 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया, जब कुल ट्रांजैक्शन की संख्या 15 बिलियन से अधिक हो गई। अप्रैल 2016 में लॉन्च होने के बाद से, UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इस तेजी से बढ़ते पेमेंट सिस्टम ने न केवल भुगतान के तरीकों को सरल बनाया है, बल्कि इसे भारत के आर्थिक और डिजिटल परिदृश्य का एक अभिन्न हिस्सा भी बना दिया है।

PhonePe का वर्चस्व जारी

UPI ट्रांजैक्शन में PhonePe सबसे बड़ा खिलाड़ी बना हुआ है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, PhonePe ने सितंबर 2024 में 7.22 बिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹10,30,871 करोड़ थी। यह आंकड़ा UPI की पूरी सफलता और PhonePe की इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ को दर्शाता है।

हालांकि, PhonePe के ट्रांजैक्शन वॉल्यूम और वैल्यू में मामूली गिरावट देखी गई, जबकि Google Pay ने दोनों में वृद्धि दर्ज की। अगस्त 2024 की तुलना में PhonePe का बाजार हिस्सा 48% तक गिर गया, जो पहले 48.3% था। इसके बावजूद, यह अभी भी UPI मार्केट का सबसे बड़ा हिस्सा रखता है।

Google Pay की तेजी

Google Pay, जो इस रेस में PhonePe के बाद दूसरे स्थान पर है, ने सितंबर में 5.62 बिलियन ट्रांजैक्शन किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹7,46,690.05 करोड़ थी। Google Pay का बाजार हिस्सा अब 37.4% है, जो अगस्त में 37.3% था। Google Pay की इस स्थिर और लगातार बढ़ती प्रगति से यह स्पष्ट है कि इसका यूजर बेस और ट्रांजैक्शन दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं।

Paytm की स्थिति स्थिर, लेकिन चुनौतीपूर्ण

Paytm ने सितंबर 2024 में अपनी स्थिति को लगभग स्थिर रखा है, जिसमें इसके ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। Paytm का बाजार हिस्सा अब 7% है, जो अगस्त में 7.21% था। हालांकि, Paytm ने बाजार में अपनी स्थिति को बनाए रखा है, लेकिन PhonePe और Google Pay के दबदबे के सामने इसे कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

अन्य खिलाड़ियों की बढ़ती उपस्थिति

सितंबर 2024 में CRED और Navi जैसे नए खिलाड़ी भी अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। CRED ने 140 मिलियन ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जिनकी वैल्यू ₹47,982.71 करोड़ थी, जबकि Navi ने 120 मिलियन ट्रांजैक्शन के साथ ₹6,549.10 करोड़ की वैल्यू हासिल की। खास बात यह रही कि Navi ने ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 35% की वृद्धि दर्ज की और पहली बार शीर्ष पांच UPI ऐप्स में शामिल हो गया।

इसके अलावा, Flipkart के Super.money ऐप ने भी सितंबर में 120% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की और यह 15वें स्थान पर पहुंच गया, जो BHIM ऐप से ठीक पीछे है।

P2M और P2P ट्रांजैक्शन का बंटवारा

सितंबर 2024 में कुल 15 बिलियन UPI ट्रांजैक्शन में से, पीयर-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन ने 62% का हिस्सा बनाया, जबकि पीयर-टू-पीयर (P2P) ट्रांजैक्शन ने शेष 38% का योगदान दिया। हालाँकि, ट्रांजैक्शन वैल्यू के मामले में, P2P ट्रांजैक्शन का हिस्सा 72.5% से अधिक था, जबकि P2M ट्रांजैक्शन का योगदान शेष हिस्से के लिए था। यह बंटवारा यह दर्शाता है कि लोग P2P ट्रांजैक्शन में बड़ी रकम ट्रांसफर करते हैं, जबकि P2M का उपयोग अधिकतर छोटे भुगतानों के लिए किया जाता है।

UPI का बढ़ता प्रभाव

UPI का यह प्रभाव न केवल बड़े शहरों में, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है। डिजिटल भुगतान के इस प्रसार ने कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में भारत के कदम को तेज कर दिया है। UPI ने आम जनता के लिए वित्तीय समावेशन को आसान बनाया है, और व्यापारियों को भी अपने लेन-देन में अधिक पारदर्शिता और सरलता प्रदान की है।

भविष्य की चुनौतियाँ और अवसर

UPI के इस निरंतर विकास के साथ कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि के कारण NPCI और अन्य वित्तीय संस्थाओं को मजबूत सुरक्षा उपाय लागू करने होंगे। इसके अलावा, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसे दूर करने के लिए सरकार और निजी कंपनियों को मिलकर काम करना होगा।

निष्कर्ष

सितंबर 2024 में UPI का 15 बिलियन ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार करना, डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर है। PhonePe और Google Pay जैसी कंपनियों ने इस क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है, जबकि नए खिलाड़ी भी अपनी जगह बना रहे हैं। UPI का बढ़ता प्रभाव यह संकेत देता है कि आने वाले समय में भारत में डिजिटल भुगतान का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा, और यह वित्तीय समावेशन और पारदर्शिता को और अधिक मजबूत बनाएगा।

Read More :Jio Cinema Crosses 1.6 Crore Paid Subscribers- जियो सिनेमा ने 1.6 करोड़ पेड सब्सक्राइबर का माइलस्टोन पार किया