Wakefit 9 महीनों में ₹971 करोड़ की कमाई,

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होम और स्लीप सॉल्यूशंस ब्रांड Wakefit ने अपना Draft Red Herring Prospectus (DRHP) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास IPO (Initial Public Offering) के लिए जमा कर दिया है। इस कदम से संकेत मिलता है कि Wakefit अब सार्वजनिक निवेशकों से पूंजी जुटाने के लिए तैयार है, लेकिन इसके वित्तीय दस्तावेजों में कुछ अहम टिप्पणियां भी देखने को मिली हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है।


📊 9 महीने में ₹971 करोड़ की कमाई

FY25 की पहली तीन तिमाहियों (यानि 1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2024) में Wakefit ने ₹971 करोड़ की ऑपरेटिंग रेवेन्यू दर्ज की, जो FY24 की पूरी आय ₹986 करोड़ के लगभग बराबर है। कंपनी की टॉपलाइन का 97% हिस्सा मैन्युफैक्चर किए गए प्रोडक्ट्स की बिक्री से आया, जो ₹951 करोड़ रही। अन्य रेवेन्यू ट्रे़डेड गुड्स और अन्य स्रोतों से आई, जिससे कुल आय ₹994 करोड़ तक पहुंची।


💸 खर्च और घाटा

इन 9 महीनों में कंपनी का कुल खर्च ₹1,003 करोड़ रहा, जो पिछले पूरे वित्त वर्ष FY24 में ₹1,032 करोड़ था। इसमें प्रमुख खर्च इस प्रकार थे:

  • 🔩 मटेरियल कॉस्ट: ₹433 करोड़ (कुल खर्च का 43%)
  • 👩‍💼 एम्प्लॉयी बेनिफिट्स: ₹126 करोड़
  • 📢 विज्ञापन खर्च: ₹82 करोड़
  • 🚚 डिलीवरी खर्च: ₹75 करोड़
  • 🖥️ आईटी, डिप्रीसिएशन और अन्य ओवरहेड्स

कुल मिलाकर, कंपनी ने FY25 की शुरुआती तीन तिमाहियों में ₹9 करोड़ का घाटा दर्ज किया, जो FY24 के ₹15 करोड़ के घाटे से कम है।


📈 EBITDA और ROCE

हालांकि नेट घाटा रहा, लेकिन Wakefit ने इस अवधि में ₹76 करोड़ का सकारात्मक EBITDA दर्ज किया, जो इसके 7.65% के EBITDA मार्जिन को दर्शाता है। कंपनी का ROCE (Return on Capital Employed) 1.33% रहा।

यूनिट लेवल पर देखें तो Wakefit ने हर ₹1 कमाने के लिए ₹1.03 खर्च किए। इसके पास ₹577 करोड़ के करेंट एसेट्स हैं, जिसमें से ₹19 करोड़ नकद और बैंक बैलेंस में हैं।


🚨 ऑडिटर्स की चेतावनियाँ

Wakefit के DRHP में ऑडिटर्स ने कुछ अहम मुद्दों पर चिंता जताई:

  • 📄 फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स और बैंक फाइलिंग्स के बीच मेल नहीं
  • GST सहित कुछ टैक्स पेमेंट्स में देरी या विवाद
  • आंतरिक ऑडिट सिस्टम की कमी
  • 💾 अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में अनिवार्य ऑडिट ट्रेल फीचर का अभाव
  • 💸 पिछले तीन वर्षों में लगातार कैश घाटा

हालांकि इन टिप्पणियों से वित्तीय आंकड़ों में बदलाव नहीं हुआ, लेकिन Wakefit ने चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी टिप्पणियाँ कंपनी की प्रतिष्ठा और निवेशकों के विश्वास को प्रभावित कर सकती हैं।


🧮 गैर-मानक मेट्रिक्स की बात

Wakefit ने DRHP में यह भी स्पष्ट किया है कि वह EBITDA, Adjusted EBITDA और ROCE जैसे गैर-GAAP (Generally Accepted Accounting Principles) मेट्रिक्स का उपयोग प्रदर्शन मापने के लिए करती है। कंपनी ने यह स्वीकार किया कि ये मेट्रिक्स उद्योग में मानकीकृत नहीं हैं और प्रतिस्पर्धियों से तुलना योग्य नहीं हो सकते।

इसीलिए, कंपनी ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे केवल इन वैकल्पिक मेट्रिक्स पर भरोसा न करें, बल्कि स्टैच्युटरी अकाउंटिंग नॉर्म्स के तहत ऑडिटेड फाइनेंशियल्स को प्राथमिकता दें।


🏠 Wakefit का बिज़नेस मॉडल

Wakefit की पहचान भारत के अग्रणी स्लीप और होम सॉल्यूशंस ब्रांड के रूप में है। कंपनी की रेंज में शामिल हैं:

  • ✅ मैट्रेसेज़
  • ✅ बेड्स और फर्नीचर
  • ✅ पिलो और कुशन
  • ✅ स्टडी टेबल्स, सोफा, डाइनिंग सेट आदि

कंपनी ऑनलाइन चैनल्स के ज़रिए डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) मॉडल पर काम करती है और अपनी ब्रांड वैल्यू, क्वालिटी प्रोडक्ट्स और ग्राहक अनुभव के कारण एक मजबूत यूज़र बेस बना चुकी है।


📈 IPO से क्या उम्मीद?

Wakefit का IPO भारत के D2C होम ब्रांड्स के लिए एक उदाहरण बन सकता है। अगर यह सफल रहता है, तो यह संकेत देगा कि भारत के घरेलू ब्रांड अब सिर्फ प्राइवेट फंडिंग पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि पब्लिक मार्केट से पूंजी जुटाने के लिए भी तैयार हैं।

हालांकि, ऑडिटर्स की चेतावनियों और मुनाफे में सुधार की सीमित गति को देखते हुए, निवेशकों को सतर्कता से निवेश निर्णय लेना होगा


📢 निष्कर्ष

Wakefit का IPO DRHP एक तरफ कंपनी की तेजी से बढ़ती टॉपलाइन और मुनाफे की ओर बढ़ते कदमों को दर्शाता है, तो दूसरी ओर ऑडिटर्स की चिंताएं कंपनी के गवर्नेंस और ऑडिट सिस्टम में सुधार की आवश्यकता बताती हैं।

अगर Wakefit पारदर्शिता बनाए रखे और अपने ऑडिट फ्रेमवर्क को मजबूत करे, तो यह IPO ना सिर्फ कंपनी के लिए, बल्कि पूरे D2C सेक्टर के लिए एक प्रेरक कदम हो सकता है।

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🛏️ Wakefit बनेगी Public Company! ₹2000 करोड़ IPO की तैयारी में जुटी,

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भारत की प्रमुख होम एंड स्लीप सॉल्यूशन्स ब्रांड Wakefit अब जल्द ही पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनने जा रही है। यह कदम कंपनी के बहुप्रतीक्षित IPO (Initial Public Offering) की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

नवीनतम नियामकीय फाइलिंग्स के अनुसार, Wakefit के बोर्ड ने इसके नाम को Wakefit Innovations Private Limited से बदलकर Wakefit Innovations Limited करने का प्रस्ताव पारित किया है। यह बदलाव दर्शाता है कि कंपनी जल्दी ही भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के लिए तैयार हो रही है।


📈 IPO से जुटाएगी ₹1500–₹2000 करोड़

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Wakefit जल्द ही अपना DRHP (Draft Red Herring Prospectus) फाइल करने की योजना बना रही है। कंपनी की योजना है कि पब्लिक इश्यू के ज़रिए लगभग ₹1500 से ₹2000 करोड़ (लगभग $200 मिलियन) जुटाए जाएं।

यह IPO Wakefit को न सिर्फ पूंजी के नए स्रोत देगा, बल्कि कंपनी को एक व्यापक निवेशक आधार और पब्लिक मार्केट में मान्यता भी दिलाएगा।


🧑‍⚖️ गवर्नेंस को मज़बूत करने के लिए नियुक्त किए गए स्वतंत्र निदेशक

IPO के रास्ते को सुगम बनाने के लिए, Wakefit ने नियामकीय नियमों के अनुसार स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति की है। कंपनी ने बोर्ड में निम्नलिखित सदस्यों को जोड़ा है:

  • सुदीप नागर
  • संध्या पोट्टिगारी
  • अरिदम पॉल
  • गुनेंदर कपूर
  • आलोक चंद्र मिश्रा

इनकी नियुक्ति से कंपनी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस ढांचे को मजबूती मिलेगी और पब्लिक कंपनी के तौर पर ट्रांसफॉर्मेशन की तैयारी सुचारु होगी।


🛋️ कैसे बना Wakefit एक घरेलू नाम?

2016 में Ankit Garg और Chaitanya Ramalingegowda द्वारा शुरू किया गया Wakefit, शुरुआत में एक D2C (Direct-to-Consumer) मैट्रेस ब्रांड था।

धीरे-धीरे इसने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को बढ़ाया और अब यह एक फुल-फ्लेज्ड होम सॉल्यूशन्स कंपनी बन चुकी है जो कि निम्नलिखित सेवाएं देती है:

  • मैट्रेस और स्लीप प्रोडक्ट्स
  • होम फर्नीचर
  • इंटीरियर डेकोर
  • इंटीरियर डिज़ाइन सेवाएं

Wakefit की खास बात इसकी वर्टिकली इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन है – यानी कंपनी मैन्युफैक्चरिंग से लेकर डिलीवरी तक सब कुछ खुद ही करती है, जिससे प्रोडक्ट क्वालिटी और ग्राहक अनुभव बेहतर बना रहता है।


💰 वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में बम्पर ग्रोथ

TheKredible की रिपोर्ट के मुताबिक, Wakefit ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में शानदार प्रदर्शन किया है:

  • ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹986.4 करोड़
    (FY23 के ₹812.6 करोड़ से 21% की ग्रोथ)
  • नेट लॉस: ₹15 करोड़
    (FY23 के ₹145 करोड़ के मुकाबले लगभग 90% की गिरावट)

यह आंकड़े बताते हैं कि कंपनी अपनी ग्रोथ के साथ-साथ लाभप्रदता की दिशा में भी मजबूत कदम बढ़ा रही है।


🌍 किन निवेशकों ने किया है निवेश?

अब तक Wakefit ने $100 मिलियन (लगभग ₹850 करोड़) से अधिक की फंडिंग जुटाई है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • Peak XV Partners (पहले Sequoia Capital India)
  • Verlinvest
  • Paramark Ventures (South Korea आधारित निवेशक)

कंपनी के IPO में संभावना है कि इनमें से कुछ निवेशक आंशिक रूप से अपने शेयर बेच सकते हैं, जिससे उन्हें पार्शियल एग्ज़िट का मौका मिलेगा।


🪑 Wakefit किससे करता है मुकाबला?

Wakefit आज एक प्रतिस्पर्धी बाजार में काम कर रहा है जहाँ इसे पारंपरिक और नई दोनों तरह की कंपनियों से मुकाबला करना पड़ता है। इसके प्रमुख प्रतिस्पर्धी हैं:

  • IKEA
  • Pepperfry
  • Duroflex
  • SleepyCat
  • WoodenStreet

Wakefit की सीधी-से-ग्राहक (D2C) अप्रोच, तेज़ डिलीवरी नेटवर्क, और अफोर्डेबल रेंज इसे इस प्रतिस्पर्धा में अलग पहचान दिलाते हैं।


🔮 आगे की रणनीति

IPO के बाद Wakefit की रणनीति में निम्नलिखित कदम शामिल हो सकते हैं:

  • रिटेल आउटलेट्स का विस्तार
  • नए प्रोडक्ट सेगमेंट (जैसे ऑफिस फर्नीचर, बच्चों के लिए खास रेंज)
  • ग्लोबल मार्केट में प्रवेश
  • टेक्नोलॉजी और AI आधारित होम सॉल्यूशन प्लेटफॉर्म का विकास

📝 निष्कर्ष

Wakefit का IPO न केवल इसकी विकास यात्रा का अगला चरण है, बल्कि यह भारत के D2C इकोसिस्टम के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

₹2000 करोड़ तक का संभावित पब्लिक इश्यू Wakefit को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगा – निवेशकों को आंशिक एग्ज़िट मिलेगा, और आम निवेशकों को इस तेज़ी से बढ़ती कंपनी में भागीदारी का अवसर।


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