🎮 Zupee ने की ऑस्ट्रेलियाई AI स्टार्टअप Nucanon की खरीद

Zupee

भारत की लोकप्रिय सोशल गेमिंग प्लेटफॉर्म Zupee ने अपनी गेमिंग दुनिया में बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया स्थित AI स्टार्टअप Nucanon का अधिग्रहण कर लिया है। हालांकि, डील की राशि का खुलासा नहीं किया गया है।

यह अधिग्रहण Zupee के लिए एक नई दिशा की शुरुआत है — अब कंपनी AI-पावर्ड इंटरएक्टिव स्टोरीटेलिंग वर्टिकल पर फोकस करने जा रही है, जिससे खिलाड़ियों को गेम्स के साथ-साथ रोमांचक कहानियों का अनुभव मिलेगा।


🔄 Zupee का बड़ा पिवट — RMG से हटकर अब Social & Casual Gaming की राह

कुछ समय पहले तक Zupee भारत के रियल-मनी गेमिंग (RMG) सेगमेंट में बड़ा नाम था, लेकिन सरकार द्वारा RMG प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कंपनी ने अपनी रणनीति बदल दी।

अब Zupee ने खुद को सोशल और कैज़ुअल गेमिंग की दिशा में मोड़ लिया है। साथ ही कंपनी ने अपने नए सब्सक्रिप्शन प्रोडक्ट्स जैसे Zupee Plus और शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट ब्रांड Zupee Studio के साथ भी प्रयोग शुरू किया है।

यह बदलाव कंपनी की कोशिशों को दिखाता है कि कैसे वह भारतीय गेमिंग बाजार में अपनी स्थिति को बरकरार रखते हुए, AI और इंटरएक्टिव स्टोरीटेलिंग के ज़रिए नया अनुभव देना चाहती है।


🤖 Nucanon टीम अब करेगी भारत से नेतृत्व

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, Nucanon की फाउंडिंग टीम अब Zupee के इंडिया हेडक्वार्टर्स में शिफ्ट होगी। यह टीम Zupee के नए Interactive Storytelling प्रोडक्ट्स की लीडरशिप करेगी।

इस कदम से कंपनी अपनी टेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट और डिज़ाइन टीमों का विस्तार भी करने जा रही है, ताकि भारत और ग्लोबल मार्केट दोनों के लिए नए और एडवांस्ड गेमिंग एक्सपीरियंस लॉन्च किए जा सकें।


🌍 Nucanon की AI तकनीक से खिलाड़ी खुद बनाएंगे कहानी का मोड़

Zupee, Nucanon की तकनीक को अपने प्लेटफॉर्म में इंटीग्रेट करने की योजना बना रही है।
यह AI इंजन कहानी को यूजर की पसंद और निर्णयों के आधार पर बदलने की क्षमता रखता है।

इस इंजन की कुछ खास बातें 👇

  • 🎭 कैरेक्टर्स खिलाड़ियों के पिछले इंटरैक्शन याद रखेंगे
  • 🧭 कहानी यूजर की चॉइस के हिसाब से आगे बढ़ेगी
  • 📖 हर खिलाड़ी को मिलेगा एक यूनिक स्टोरीलाइन अनुभव

इसका मतलब है कि Zupee पर गेम खेलते वक्त खिलाड़ी अब केवल जीतने के लिए नहीं, बल्कि खुद अपनी कहानी जीने के लिए लॉग इन करेंगे।


💼 2018 में हुई थी शुरुआत, अब 150 मिलियन से ज़्यादा यूज़र्स!

Zupee की स्थापना 2018 में Dilsher Malhi और Siddhant Saurabh ने की थी।
कंपनी ने बहुत कम समय में भारत के टॉप गेमिंग स्टार्टअप्स में अपनी जगह बनाई और 150 मिलियन से ज़्यादा रजिस्टर्ड यूज़र्स का दावा किया।

हालांकि, सितंबर 2024 में कंपनी को 170 कर्मचारियों (करीब 30%) की छंटनी करनी पड़ी, ताकि ऑपरेशन्स को दोबारा संगठित किया जा सके। यह कदम सरकार द्वारा RMG प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए बैन के बाद उठाया गया था।


📈 FY24 में 35% रेवेन्यू ग्रोथ और ₹146 करोड़ का प्रॉफिट!

सिर्फ स्ट्रैटेजी ही नहीं, Zupee के फाइनेंशियल्स भी मजबूत दिख रहे हैं।

  • कंपनी का रेवेन्यू FY23 के ₹832 करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹1,123 करोड़ हो गया — यानी 35% की साल-दर-साल वृद्धि।
  • सबसे बड़ी बात — Zupee ने FY24 में ₹146 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया।
  • कंपनी ने यह पहली बार प्रॉफिटेबिलिटी हासिल की है, जो गेमिंग सेक्टर के लिए एक पॉज़िटिव संकेत है।

हालांकि, FY25 के आंकड़े अभी जारी नहीं हुए हैं, लेकिन इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि Zupee के नए प्रोडक्ट्स और AI-ड्रिवन एक्सपैंशन से इसकी ग्रोथ ट्रैजेक्टरी और तेज़ होगी।


🎨 Storytelling + Gaming = Future of Social Entertainment!

Zupee की नई रणनीति यह दिखाती है कि गेमिंग का भविष्य सिर्फ स्कोर या रिवॉर्ड तक सीमित नहीं रहने वाला।
AI और स्टोरीटेलिंग के मेल से खिलाड़ी अब ऐसे गेम्स खेल पाएंगे जहाँ कहानी उनकी अपनी पसंद से बनेगी

Zupee की कोशिश है कि वह इंटरएक्टिव स्टोरी गेम्स को भारत के साथ-साथ इंटरनेशनल मार्केट्स में भी लॉन्च करे।
अगर यह सफल रहा, तो यह भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री के लिए एक नया सब-सेगमेंट “AI Story Games” तैयार कर सकता है।


💬 फाउंडर Dilsher Malhi का विज़न

कंपनी के CEO और को-फाउंडर Dilsher Malhi ने कहा था कि

“हमारा मिशन है गेमिंग को सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि कहानी और भावनाओं का अनुभव बनाना। Nucanon की AI हमें यह सपना साकार करने में मदद करेगी।”

यह बयान साफ दर्शाता है कि Zupee अब सिर्फ एक गेमिंग कंपनी नहीं, बल्कि AI-पावर्ड इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट ब्रांड बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।


📊 निष्कर्ष: Zupee का अगला अध्याय शुरू!

Nucanon के अधिग्रहण के साथ, Zupee ने भारत के गेमिंग स्टार्टअप्स को एक नया रास्ता दिखाया है —
जहाँ AI, कहानी और गेमिंग एक साथ मिलकर खिलाड़ियों को इमर्सिव एक्सपीरियंस देंगे।

Zupee अब सिर्फ “प्ले टू विन” प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि “प्ले टू एक्सपीरियंस” दुनिया की ओर कदम बढ़ा रहा है।
अगर कंपनी इस विज़न को सही तरीके से लागू करती है, तो यह भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री के इतिहास में AI इंटीग्रेशन का गेम-चेंजर मोमेंट साबित हो सकता है। 🎯

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🎮 Zupee ने की 170 कर्मचारियों की छंटनी,

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भारत के Real-Money Gaming (RMG) सेक्टर में बड़े बदलावों के बीच, प्रमुख प्लेटफॉर्म Zupee ने लगभग 170 कर्मचारियों (करीब 30% वर्कफोर्स) को नौकरी से निकाल दिया है। यह कदम कंपनी ने सरकार द्वारा RMG प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए बैन के बाद अपने ऑपरेशंस को पुनर्गठित करने के लिए उठाया है।


📢 CEO का बयान: “कठिन लेकिन ज़रूरी फैसला”

Zupee के फाउंडर और CEO दिलशेर सिंह मल्ही ने कहा:

“यह हमारे लिए एक कठिन फैसला रहा है, लेकिन नए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के हिसाब से खुद को ढालना ज़रूरी था। हमारे साथियों ने Zupee को बनाने और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और हम हमेशा उनके आभारी रहेंगे।”

मल्ही ने आगे बताया कि कंपनी छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों को पूरी मदद दे रही है ताकि वे अपने अगले करियर कदम आत्मविश्वास से ले सकें।


💸 कर्मचारियों के लिए सेपरेशन पैकेज

Zupee ने छंटनी झेल रहे कर्मचारियों के लिए एक मजबूत सपोर्ट पैकेज का ऐलान किया है:

  • सेवरेंस पे: अधिकतम 6 महीने की सैलरी।
  • हेल्थ बेनिफिट्स: एक्सटेंडेड मेडिकल इंश्योरेंस।
  • सपोर्ट फंड: 1 करोड़ रुपये का मेडिकल सपोर्ट फंड।
  • री-हायरिंग प्राथमिकता: भविष्य में कंपनी में अवसर आने पर इन्हीं कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

यह कदम दर्शाता है कि Zupee अपने पूर्व कर्मचारियों के प्रति जिम्मेदार रवैया अपनाने की कोशिश कर रहा है।


🔻 पूरी इंडस्ट्री पर बैन का असर

Zupee ही नहीं, बल्कि पूरे RMG सेक्टर में इस बैन का गहरा असर पड़ा है। पिछले कुछ हफ्तों में कई कंपनियों ने बड़े पैमाने पर छंटनी की है:

  • Head Digital Works (A23): करीब 500 कर्मचारियों की छंटनी (दो-तिहाई स्टाफ)।
  • MPL (Mobile Premier League)
  • Baazi Games
  • Games24x7

यह सभी कंपनियाँ बैन के बाद भारी नुकसान झेल रही हैं और लागत घटाने के लिए मजबूरन कर्मचारियों को निकाल रही हैं।


🚀 Zupee की नई रणनीति: RMG से हटकर Social Gaming

2018 में दिलशेर सिंह मल्ही और सिद्धांत सौरभ द्वारा शुरू की गई Zupee, RMG सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में से एक थी। कंपनी के पास 150 मिलियन से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स का दावा था।

लेकिन अब RMG पर बैन के बाद Zupee ने अपने बिज़नेस मॉडल को बदलने की ओर कदम बढ़ाया है।

नई दिशा में कंपनी का फोकस होगा:

  • Social और Casual Games
  • Subscription प्रोडक्ट्स (जैसे Zupee Plus)
  • Zupee Studio के तहत ओरिजिनल शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट

इस बदलाव से कंपनी एक “एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म” बनने की कोशिश कर रही है, ताकि यूजर्स सिर्फ गेमिंग ही नहीं बल्कि कंटेंट और सब्सक्रिप्शन सर्विसेज का भी आनंद ले सकें।


📊 Zupee का वित्तीय प्रदर्शन

बैन से पहले कंपनी की ग्रोथ और फाइनेंशियल्स काफी मजबूत दिख रहे थे।

  • FY23 (2022-23): ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹832 करोड़
  • FY24 (2023-24): ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹1,123 करोड़ (35% साल-दर-साल ग्रोथ)
  • नेट प्रॉफिट: ₹146 करोड़ (FY24 में कंपनी पहली बार लाभ में)

FY25 के नतीजे अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन RMG बैन के बाद अनुमान है कि कंपनी की आय और मुनाफे पर गहरा असर पड़ सकता है।


🏟️ पूरी इंडस्ट्री में बदलाव की लहर

RMG बैन के बाद इंडस्ट्री की लगभग सभी कंपनियाँ नए रास्ते तलाश रही हैं:

  • WinZo: माइक्रोड्रामाज़ और कंटेंट प्रोडक्शन की ओर बढ़ा।
  • Dream11 (Dream Sports): वेल्थ मैनेजमेंट ऐप Dream Money लॉन्च किया।
  • Zupee: सोशल गेमिंग और सब्सक्रिप्शन मॉडल पर फोकस।

इससे साफ है कि कंपनियाँ अब एड-बेस्ड और सब्सक्रिप्शन-बेस्ड रेवेन्यू मॉडल्स की तरफ शिफ्ट हो रही हैं।


🔮 भविष्य की राह

Zupee जैसी कंपनियों के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती है:

  1. यूजर्स को बनाए रखना – जो पहले RMG की वजह से जुड़ते थे।
  2. नए बिज़नेस मॉडल्स को स्केल करना – ताकि राजस्व का मजबूत स्रोत बन सके।
  3. इनोवेटिव प्रोडक्ट्स – सोशल और कैजुअल गेमिंग को और आकर्षक बनाना।

अगर Zupee अपने 150 मिलियन यूजर बेस को नए प्रोडक्ट्स से एंगेज रखने में सफल रहती है, तो यह भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री में एक नया मोड़ साबित हो सकता है।


📝 निष्कर्ष

Zupee की छंटनी सिर्फ एक कंपनी की कहानी नहीं है, बल्कि पूरे भारतीय RMG सेक्टर की मुश्किल स्थिति को दर्शाती है। सरकार के बैन ने कंपनियों को मजबूर किया है कि वे नए बिज़नेस मॉडल्स की ओर शिफ्ट हों।

हालाँकि, अच्छी बात यह है कि Zupee जैसे स्टार्टअप्स तेजी से पिवोट कर रहे हैं और सोशल गेमिंग, सब्सक्रिप्शन और डिजिटल कंटेंट जैसी नई दिशाओं में प्रयोग कर रहे हैं।

अगर ये रणनीति सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में हम भारतीय गेमिंग सेक्टर को एक नए रूप में देख सकते हैं – जहाँ ध्यान केवल “रीयल मनी” पर नहीं बल्कि मनोरंजन और अनुभव पर होगा।

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