सितंबर 2024 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया, जब कुल ट्रांजैक्शन की संख्या 15 बिलियन से अधिक हो गई। अप्रैल 2016 में लॉन्च होने के बाद से, UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इस तेजी से बढ़ते पेमेंट सिस्टम ने न केवल भुगतान के तरीकों को सरल बनाया है, बल्कि इसे भारत के आर्थिक और डिजिटल परिदृश्य का एक अभिन्न हिस्सा भी बना दिया है।
PhonePe का वर्चस्व जारी
UPI ट्रांजैक्शन में PhonePe सबसे बड़ा खिलाड़ी बना हुआ है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, PhonePe ने सितंबर 2024 में 7.22 बिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹10,30,871 करोड़ थी। यह आंकड़ा UPI की पूरी सफलता और PhonePe की इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ को दर्शाता है।
हालांकि, PhonePe के ट्रांजैक्शन वॉल्यूम और वैल्यू में मामूली गिरावट देखी गई, जबकि Google Pay ने दोनों में वृद्धि दर्ज की। अगस्त 2024 की तुलना में PhonePe का बाजार हिस्सा 48% तक गिर गया, जो पहले 48.3% था। इसके बावजूद, यह अभी भी UPI मार्केट का सबसे बड़ा हिस्सा रखता है।
Google Pay की तेजी
Google Pay, जो इस रेस में PhonePe के बाद दूसरे स्थान पर है, ने सितंबर में 5.62 बिलियन ट्रांजैक्शन किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹7,46,690.05 करोड़ थी। Google Pay का बाजार हिस्सा अब 37.4% है, जो अगस्त में 37.3% था। Google Pay की इस स्थिर और लगातार बढ़ती प्रगति से यह स्पष्ट है कि इसका यूजर बेस और ट्रांजैक्शन दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं।
Paytm की स्थिति स्थिर, लेकिन चुनौतीपूर्ण
Paytm ने सितंबर 2024 में अपनी स्थिति को लगभग स्थिर रखा है, जिसमें इसके ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। Paytm का बाजार हिस्सा अब 7% है, जो अगस्त में 7.21% था। हालांकि, Paytm ने बाजार में अपनी स्थिति को बनाए रखा है, लेकिन PhonePe और Google Pay के दबदबे के सामने इसे कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
अन्य खिलाड़ियों की बढ़ती उपस्थिति
सितंबर 2024 में CRED और Navi जैसे नए खिलाड़ी भी अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। CRED ने 140 मिलियन ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जिनकी वैल्यू ₹47,982.71 करोड़ थी, जबकि Navi ने 120 मिलियन ट्रांजैक्शन के साथ ₹6,549.10 करोड़ की वैल्यू हासिल की। खास बात यह रही कि Navi ने ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 35% की वृद्धि दर्ज की और पहली बार शीर्ष पांच UPI ऐप्स में शामिल हो गया।
इसके अलावा, Flipkart के Super.money ऐप ने भी सितंबर में 120% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की और यह 15वें स्थान पर पहुंच गया, जो BHIM ऐप से ठीक पीछे है।
P2M और P2P ट्रांजैक्शन का बंटवारा
सितंबर 2024 में कुल 15 बिलियन UPI ट्रांजैक्शन में से, पीयर-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन ने 62% का हिस्सा बनाया, जबकि पीयर-टू-पीयर (P2P) ट्रांजैक्शन ने शेष 38% का योगदान दिया। हालाँकि, ट्रांजैक्शन वैल्यू के मामले में, P2P ट्रांजैक्शन का हिस्सा 72.5% से अधिक था, जबकि P2M ट्रांजैक्शन का योगदान शेष हिस्से के लिए था। यह बंटवारा यह दर्शाता है कि लोग P2P ट्रांजैक्शन में बड़ी रकम ट्रांसफर करते हैं, जबकि P2M का उपयोग अधिकतर छोटे भुगतानों के लिए किया जाता है।
UPI का बढ़ता प्रभाव
UPI का यह प्रभाव न केवल बड़े शहरों में, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है। डिजिटल भुगतान के इस प्रसार ने कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में भारत के कदम को तेज कर दिया है। UPI ने आम जनता के लिए वित्तीय समावेशन को आसान बनाया है, और व्यापारियों को भी अपने लेन-देन में अधिक पारदर्शिता और सरलता प्रदान की है।
भविष्य की चुनौतियाँ और अवसर
UPI के इस निरंतर विकास के साथ कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि के कारण NPCI और अन्य वित्तीय संस्थाओं को मजबूत सुरक्षा उपाय लागू करने होंगे। इसके अलावा, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसे दूर करने के लिए सरकार और निजी कंपनियों को मिलकर काम करना होगा।
निष्कर्ष
सितंबर 2024 में UPI का 15 बिलियन ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार करना, डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर है। PhonePe और Google Pay जैसी कंपनियों ने इस क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है, जबकि नए खिलाड़ी भी अपनी जगह बना रहे हैं। UPI का बढ़ता प्रभाव यह संकेत देता है कि आने वाले समय में भारत में डिजिटल भुगतान का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा, और यह वित्तीय समावेशन और पारदर्शिता को और अधिक मजबूत बनाएगा।