ज़ेरोधा (Zerodha), जो भारत की प्रमुख फिनटेक यूनिकॉर्न कंपनी है, ने हाल ही में FLOSS/fund नामक एक नया फंड लॉन्च किया है। इस फंड का उद्देश्य उन ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिन्हें व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, लेकिन उन्हें अक्सर वित्तीय स्थिरता की चुनौती का सामना करना पड़ता है। ज़ेरोधा का यह कदम ओपन-सोर्स समुदाय के प्रति एक महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है, क्योंकि कंपनी खुद भी अपने विकास में ओपन-सोर्स टूल्स का इस्तेमाल करती रही है।
FLOSS/fund: ओपन-सोर्स के लिए वित्तीय सहायता
FLOSS/fund का मुख्य उद्देश्य Free/Libre and Open Source Software (FOSS) प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इन प्रोजेक्ट्स का तकनीकी क्षेत्र में बड़ा योगदान होता है, लेकिन इनके डेवलपर्स को आमतौर पर स्थिर वित्तीय सहायता नहीं मिल पाती। इस फंड के तहत ज़ेरोधा सालाना $1 मिलियन की राशि ओपन-सोर्स परियोजनाओं को देगी, ताकि वे अपनी गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकें और तकनीकी विकास में योगदान जारी रख सकें।
ज़ेरोधा और ओपन-सोर्स का कनेक्शन
ज़ेरोधा के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) ने बताया कि कंपनी का अधिकतर तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर ओपन-सोर्स टूल्स पर आधारित है। इन ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स के बिना ज़ेरोधा का मौजूदा स्वरूप संभव नहीं होता। ज़ेरोधा का ये नया फंड इस बात को मान्यता देता है कि ओपन-सोर्स समुदाय का उनके व्यवसाय पर गहरा प्रभाव रहा है, और कंपनी अब उसी समुदाय को वापस देने की दिशा में कदम उठा रही है।
रेन्मैटर: ज़ेरोधा की वेंचर कैपिटल शाखा
यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि ज़ेरोधा की एक वेंचर कैपिटल शाखा है जिसका नाम रेन्मैटर (Rainmatter) है। यह शाखा 2016 में लॉन्च की गई थी और तब से अब तक 100 से ज्यादा स्टार्टअप्स में निवेश कर चुकी है। इनमें 31 फिनटेक स्टार्टअप्स, 28 क्लाइमेट टेक स्टार्टअप्स, और 21 हेल्थ और न्यूट्रिशन सेक्टर से जुड़े स्टार्टअप्स शामिल हैं। रेन्मैटर के जरिए ज़ेरोधा न केवल वित्तीय, बल्कि पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्रों में भी निवेश कर रही है।
ज़ेरोधा के संस्थापक: निखिल और नितिन कामत
ज़ेरोधा के संस्थापक निखिल कामत और नितिन कामत दोनों ही स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सक्रिय नाम हैं। वे एंजल इन्वेस्टर्स के रूप में भी जाने जाते हैं, जो उभरते हुए स्टार्टअप्स में शुरुआती निवेश करते हैं। निखिल कामत ने अभिजीत पाई के साथ मिलकर ग्रुहास (Gruhas) की भी सह-स्थापना की है, जो एक और महत्वपूर्ण वेंचर है।
ज़ेरोधा की वित्तीय स्थिति
ज़ेरोधा का वित्तीय प्रदर्शन भी उल्लेखनीय है। हाल ही में कंपनी ने अपने FY24 के परिणामों में 61% की वृद्धि दर्ज की। कंपनी का समेकित लाभ कर (PAT) INR 4,700 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह INR 2,909 करोड़ था। इस वृद्धि का मुख्य कारण व्यवसाय के विस्तार और ग्राहक आधार में वृद्धि था।
ज़ेरोधा ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल INR 8,320 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि पिछले साल के INR 6,875 करोड़ से 21% अधिक था। यह आंकड़े ज़ेरोधा की स्थिरता और इसके कारोबार के विस्तार का स्पष्ट संकेत हैं।
ग्राहकों के लिए मुफ़्त सेवाएँ
ज़ेरोधा ने अपने ग्राहकों के लिए एक्विटी डिलीवरी को मुफ्त रखने का निर्णय लिया है, भले ही SEBI के नए फ्लैट फीस ढांचे के तहत बदलाव किए गए हों। इस निर्णय से ज़ेरोधा ने अपने प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को एक अतिरिक्त लाभ प्रदान किया है, जिससे यह अन्य ब्रोकरेज फर्मों से अलग नजर आता है।
SEBI का नया डेरिवेटिव फ्रेमवर्क
हालांकि, ज़ेरोधा को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। SEBI के नए डेरिवेटिव फ्रेमवर्क के तहत, कंपनी को ट्रेड्स की संख्या में लगभग 30% की कमी का अनुमान है। इस नए ढांचे के कारण ज़ेरोधा के प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आ सकती है, जो इसके लाभ पर कुछ असर डाल सकता है।
ओपन-सोर्स का भविष्य
FLOSS/fund का लॉन्च ओपन-सोर्स समुदाय के लिए एक सकारात्मक कदम है। इस पहल से ज़ेरोधा ने यह साबित कर दिया है कि वह न केवल अपने व्यापारिक हितों का ध्यान रखती है, बल्कि तकनीकी और सामाजिक सुधारों में भी योगदान देने के लिए तैयार है। इस फंड के जरिए कई ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे अपनी परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकेंगे।
Zerodha
ज़ेरोधा का नया FLOSS/fund ओपन-सोर्स परियोजनाओं के लिए एक मजबूत समर्थन है। इस कदम से ज़ेरोधा ने यह दिखा दिया है कि वह केवल मुनाफे के लिए काम नहीं करती, बल्कि अपने द्वारा उपयोग किए गए टूल्स और समुदाय को भी वापस देना चाहती है। इसके अलावा, ज़ेरोधा का वित्तीय प्रदर्शन और इसकी उद्यमशीलता में सक्रियता इसे फिनटेक उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती है।
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