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Meesho

भारतीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Meesho ने जून 2023 में लाभप्रदता का दावा किया था और अब यह कंपनी FY25 या FY26 में पूरे वित्तीय वर्ष में लाभप्रदता की ओर बढ़ रही है। सॉफ्टबैंक समर्थित इस कंपनी ने FY24 में अपने समायोजित घाटे को 97% घटाकर 53 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष FY23 में 1,569 करोड़ रुपये था।

FY24 में 33% की वृद्धि के साथ रिकॉर्ड राजस्व

FY24 में Meesho का परिचालन राजस्व 33% बढ़कर 7,615 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि FY23 में यह 5,735 करोड़ रुपये था। कंपनी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस राजस्व वृद्धि का प्रमुख कारण ऑर्डर में 36% की वृद्धि है। मीनशो की सबसे लोकप्रिय श्रेणियों में होम और किचन, ब्यूटी और पर्सनल केयर, और बेबी आवश्यकताएँ शामिल हैं। बेंगलुरु स्थित यह प्लेटफॉर्म इन श्रेणियों में लगातार विकास कर रहा है और ग्राहकों के बीच इसकी मांग बढ़ रही है।

वैल्मो लॉजिस्टिक्स से लागत में कटौती

हालांकि कंपनी ने FY24 के लिए अपने खर्चों के विशिष्ट आंकड़े साझा नहीं किए हैं, मीनशो का कहना है कि उसकी अपनी लॉजिस्टिक्स कंपनी, वैल्मो लॉजिस्टिक्स (Valmo Logistics), के माध्यम से की गई कार्यकुशलताओं और प्राकृतिक वृद्धि से उसे कुल खर्चों में कमी करने में मदद मिली है। फरवरी 2023 में लॉन्च किए गए इस नए लॉजिस्टिक्स वर्टिकल ने कंपनी की लागत घटाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसे अपने ऑर्डर प्रोसेसिंग को अधिक प्रभावी और कुशल बनाया है। इससे मीनशो की लॉजिस्टिक्स पर निर्भरता कम हुई है और इसके संचालन की दक्षता में सुधार हुआ है।

घाटे में भारी गिरावट और ESOP बायबैक कार्यक्रम

मीनशो ने FY24 में अपने साल-दर-साल घाटे में 97% की भारी कमी की, जो पिछले वित्तीय वर्ष FY23 के 1,569 करोड़ रुपये के घाटे से घटकर केवल 53 करोड़ रुपये रह गया है। हालांकि, यह आंकड़ा समायोजित है, और यह स्पष्ट नहीं है कि किन लागतों को इसमें से निकाला गया है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को दिए गए शेयर-आधारित मुआवजे को इस समायोजित आंकड़े से बाहर रखा गया था।

महत्वपूर्ण बात यह है कि मीनशो ने FY24 के अंतिम महीने में अपने सबसे बड़े ESOP बायबैक कार्यक्रम को भी सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसकी कुल कीमत $25 मिलियन थी। इस कार्यक्रम के तहत, मीनशो ने कर्मचारियों के लिए अपने शेयरों का पुनर्खरीद किया, जो कि इसके कर्मचारियों को कंपनी की वित्तीय सफलताओं का हिस्सा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

FY25 और FY26 में लाभप्रदता की दिशा में मीनशो का सफर

FY24 में राजस्व वृद्धि और घाटे में कमी की शानदार उपलब्धि के बाद, मीनशो अगले कुछ वर्षों में पूर्ण लाभप्रदता की ओर बढ़ने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। कंपनी की योजना है कि वह अपनी लोकप्रिय श्रेणियों में ऑर्डर वृद्धि जारी रखे और अपने लॉजिस्टिक्स में सुधार करे। इसके साथ ही, मीनशो अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए नए उत्पाद और सेवाएं पेश कर सकता है।

मीनशो की इस सफलता में उसकी कुशलता, लागत नियंत्रण, और विकास रणनीति का बड़ा योगदान रहा है। कंपनी अब अपने खर्चों को नियंत्रित करते हुए और ऑर्डर में वृद्धि करते हुए एक स्थिर और लाभकारी व्यवसाय मॉडल की दिशा में आगे बढ़ रही है।

लागत नियंत्रण और नई रणनीतियों से मीनशो की मजबूती

मीनशो की FY24 की रिपोर्ट में एक प्रमुख बात सामने आई है—कंपनी ने अपने परिचालन खर्चों को नियंत्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें अपने लॉजिस्टिक्स को आंतरिक रूप से संभालने के लिए वैल्मो लॉजिस्टिक्स का लॉन्च भी शामिल है। मीनशो का मानना है कि अपनी लॉजिस्टिक्स सेवाओं को मजबूत करने से उसे न केवल ऑर्डर प्रोसेसिंग में तेजी लाने में मदद मिली, बल्कि इससे वितरण की लागत में भी कमी आई है।

कंपनी के मुताबिक, इसके कारण मीनशो ग्राहकों को तेजी से सेवा प्रदान कर पा रहा है और बिना अतिरिक्त लागत के उन्हें उच्च-गुणवत्ता का अनुभव दे रहा है। इससे ग्राहकों का विश्वास और बढ़ा है, जो सीधे ऑर्डर की बढ़ती संख्या में दिखाई देता है।

खुदरा ग्राहकों के बीच बढ़ता रुझान

मीनशो के प्लेटफॉर्म पर होम और किचन, ब्यूटी और पर्सनल केयर, और बेबी आवश्यकताओं जैसी श्रेणियों में भारी मांग देखी जा रही है। इन श्रेणियों में विशेष वृद्धि होने का एक बड़ा कारण मीनशो का “बजट फ्रेंडली” और “ग्राहक केंद्रित” दृष्टिकोण है। मीनशो ने छोटे और मध्यम व्यापारियों को ऑनलाइन बेचने का मंच देकर उन्हें एक व्यापक ग्राहक आधार तक पहुंचने का मौका दिया है। यह खुदरा विक्रेताओं के लिए भी लाभकारी साबित हो रहा है, जो अब मीनशो के माध्यम से भारत के हर कोने में अपने उत्पाद बेच पा रहे हैं।

ESOP बायबैक के जरिए कर्मचारियों का विश्वास बढ़ाना

मीनशो ने FY24 के अंत में अपने $25 मिलियन के ESOP बायबैक कार्यक्रम की घोषणा की थी, जो इसके कर्मचारियों को उनकी मेहनत और योगदान का प्रतिफल देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी। ESOP (Employee Stock Ownership Plan) के तहत मीनशो ने कर्मचारियों के लिए शेयर बायबैक की पेशकश की, जिससे कंपनी में उनकी हिस्सेदारी को मान्यता मिली। यह न केवल मीनशो की वित्तीय मजबूती को दिखाता है, बल्कि कर्मचारियों को भी कंपनी के प्रति अधिक जुड़ाव और प्रतिबद्धता प्रदान करता है।

FY25 और उसके बाद का रोडमैप

मीनशो की FY24 में राजस्व और लाभप्रदता में वृद्धि ने FY25 और उससे आगे के लक्ष्यों को स्पष्ट कर दिया है। कंपनी का अगला कदम लागतों को और अधिक अनुकूल बनाना है ताकि मुनाफे को बनाए रखा जा सके और उसमें वृद्धि हो सके। मीनशो ने संकेत दिया है कि वह अपनी सेवाओं को और विस्तार देने के लिए नई पहल कर सकता है, जैसे कि अपनी उत्पाद श्रेणियों में विविधता लाना, लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत बनाना, और नई तकनीकों में निवेश करना।

यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मीनशो अगले एक-दो वर्षों में पूरी तरह लाभप्रदता हासिल कर सकता है, जिससे भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति और प्रभाव को और बढ़ाएगा।

निष्कर्ष

FY24 में मीनशो की राजस्व वृद्धि और घाटे में कमी इस बात का सबूत है कि कंपनी ने लागत नियंत्रण और आंतरिक दक्षताओं पर खासा ध्यान दिया है। इसके लॉजिस्टिक्स वर्टिकल वैल्मो लॉजिस्टिक्स, नए ESOP बायबैक कार्यक्रम, और ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण ने मीनशो को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आने वाले वर्षों में मीनशो का लक्ष्य न केवल लाभप्रदता बनाए रखना है, बल्कि अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाकर ग्राहकों को एक उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करना है।

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