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Amazon इंडिया ने FY24 में अपने मार्केटप्लेस सेवाओं के माध्यम से 25,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है और इसके साथ ही इसका एडजस्टेड EBITDA 588.6 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, फ्लिपकार्ट के मुकाबले इसकी टॉप-लाइन ग्रोथ (उपरी पंक्ति वृद्धि) अपेक्षाकृत धीमी रही, लेकिन राजस्व के मामले में इसने फ्लिपकार्ट को पीछे छोड़ दिया है।

ऑपरेशनल राजस्व में 14.5% की वृद्धि

Amazon India के ऑपरेशनल राजस्व में पिछले वर्ष के मुकाबले 14.5% की वृद्धि दर्ज की गई, जो FY23 में 22,198 करोड़ रुपये थी और FY24 में बढ़कर 25,406 करोड़ रुपये हो गई। इसका 82.4% राजस्व मार्केटप्लेस सेवाओं से आया, जबकि शेष राजस्व प्लेटफॉर्म सेवाओं, मार्केटिंग, और रॉयल्टी से प्राप्त हुआ। इसके अलावा, अमेज़न ने 186.8 करोड़ रुपये का गैर-ऑपरेशनल आय अर्जित किया, जिससे कुल राजस्व 25,592.8 करोड़ रुपये हो गया।

Amazon इंडिया की लागत और खर्च

Amazon इंडिया का मुख्य खर्च डिलीवरी चार्जेज रहा, जो कुल खर्च का 25.8% हिस्सा था। FY24 में यह खर्च 9.1% बढ़कर 7,487.9 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23 में 6,863.1 करोड़ रुपये था। सेल्स प्रमोशन और कानूनी व पेशेवर शुल्क अन्य दो महत्वपूर्ण खर्च थे, जो कुल खर्च का लगभग 12% हिस्सा बनाते हैं। इन पर क्रमशः 3,586.1 करोड़ रुपये और 3,530.2 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

कंपनी ने कर्मचारियों के लाभों पर भी FY24 में 2,771.2 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें से 682.7 करोड़ रुपये शेयर-आधारित भुगतान (ESOP) के थे। कुल मिलाकर, FY24 में अमेज़न इंडिया की कुल खर्च 6.5% बढ़कर 29,062.3 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 27,283.6 करोड़ रुपये थी।

अमेज़न के नुकसान में 28.5% की कमी

अमेज़न इंडिया ने FY24 में अपने नुकसान को 28.5% कम कर 3,469.5 करोड़ रुपये कर दिया, जो FY23 में 4,854.1 करोड़ रुपये था। इसके साथ ही, कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ्लो भी सकारात्मक हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष में -1,542.1 करोड़ रुपये था, वहीं इस वित्तीय वर्ष में यह 724.1 करोड़ रुपये तक पहुँच गया।

फ्लिपकार्ट के मुकाबले टॉप-लाइन ग्रोथ में धीमापन

हालांकि अमेज़न इंडिया का राजस्व फ्लिपकार्ट से अधिक है, लेकिन टॉप-लाइन ग्रोथ में फ्लिपकार्ट ने इस वित्तीय वर्ष में बड़ी छलांग लगाई है। फ्लिपकार्ट का प्रमुख फोकस अपने मार्केटप्लेस और उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाने पर रहा है, जिससे इसे अपने प्रतिस्पर्धी अमेज़न से अधिक विकास दर प्राप्त करने में मदद मिली।

अमेज़न इंडिया का भविष्य

हालांकि अमेज़न इंडिया के नुकसान में कमी आई है, लेकिन कंपनी को अभी भी भारतीय बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। फ्लिपकार्ट, जो कि Walmart के स्वामित्व में है, भी अपनी विस्तार योजनाओं में तेजी ला रहा है। भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में अमेज़न की मुख्य प्राथमिकता अपनी सेवाओं का विस्तार और लागत को नियंत्रित रखना है, ताकि कंपनी मुनाफा कमा सके और बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सके।

निष्कर्ष

अमेज़न इंडिया के लिए FY24 एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है, जिसमें कंपनी ने अपने खर्च को नियंत्रित करते हुए राजस्व में वृद्धि की है। हालांकि, उसे फ्लिपकार्ट जैसे प्रतिस्पर्धियों से चुनौती मिल रही है, लेकिन अपने ऑपरेशनल सुधारों और नए ग्राहक-अधिग्रहण रणनीतियों के जरिए कंपनी को उम्मीद है कि वह आने वाले वर्षों में अपने प्रदर्शन में और सुधार ला सकेगी।

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