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Navi Finserv

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Navi Finservपर लगी प्रतिबंधों को हटा दिया है, जिससे अब यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) फिर से लोन स्वीकृति और वितरण शुरू कर सकेगी। पहले ये प्रतिबंध कंपनी के नियामकीय अनुपालन और मूल्य निर्धारण नीतियों में कमियों के चलते लगाए गए थे। RBI का यह फैसला संकेत देता है कि Navi Finserv ने इन मुद्दों को समय पर सुलझा लिया है।


Navi Finserv क्यों लगाए गए थे प्रतिबंध?

अक्टूबर 2024 में, RBI ने Navi Finserv और तीन अन्य NBFCs को निर्देश दिया था कि वे नए लोन स्वीकृत न करें। यह कदम उन कंपनियों द्वारा नियामकीय दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन न करने के कारण उठाया गया था।

RBI ने कहा,
“इन मुद्दों के समाधान और कंपनी की नियामकीय अनुपालन के प्रति प्रतिबद्धता से संतुष्ट होकर, RBI ने अब तत्काल प्रभाव से इन प्रतिबंधों को हटा लिया है। यह निर्णय वित्तीय क्षेत्र में नियामकीय मानकों का पालन सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित करता है।”


अन्य NBFCs पर अभी भी जारी है प्रतिबंध

Navi Finserv के साथ ही, DMI Finance, Asirvad Micro Finance, और Arohan Financial Services पर भी प्रतिबंध लगाए गए थे। हालांकि, इन तीन NBFCs को अभी भी लोन वितरण की अनुमति नहीं दी गई है।


Navi Finserv का परिचय

Navi Finserv की स्थापना 2018 में सचिन बंसल और अंकित अग्रवाल ने की थी। यह कंपनी RBI द्वारा पंजीकृत मध्य-स्तर (middle layer) की NBFC के रूप में काम करती है। Navi Finserv व्यक्तिगत और होम लोन प्रदान करती है।

हाल ही में, Navi Finserv ने गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ $24.5 मिलियन का लोन सेक्यूरिटाइजेशन ट्रांजेक्शन पूरा किया।


कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन

Navi Finserv का वित्तीय प्रदर्शन FY24 में बेहतर रहा:

  1. संचालन से आय (Revenue from Operations):
    FY23 में ₹1,238 करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹1,906 करोड़ हो गई।
  2. शुद्ध लाभ (Net Profit):
    FY24 में ₹668 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ, जिसमें इसकी सहायक कंपनी की बिक्री से हुए लाभ का बड़ा योगदान है।

RBI का कदम: एक सख्त संदेश

RBI द्वारा NBFCs पर लगाए गए प्रतिबंध यह दर्शाते हैं कि नियामकीय अनुपालन को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह कदम NBFCs और अन्य वित्तीय संस्थानों को अपने संचालन में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है।

विशेषज्ञों का कहना है:

  • “यह फैसला Navi Finserv के लिए राहत की बात है, लेकिन यह अन्य NBFCs के लिए भी एक चेतावनी है कि नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।”

भारतीय NBFC क्षेत्र का महत्व

भारत में NBFCs का वित्तीय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण स्थान है। ये संस्थाएं उन क्षेत्रों तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाती हैं, जहां बैंकों की पहुंच कम होती है।

  • वित्तीय समावेशन: NBFCs का बड़ा योगदान उन लोगों को वित्तीय सेवाएं देने में है, जो पारंपरिक बैंकिंग से वंचित हैं।
  • आर्थिक विकास: ये संस्थाएं छोटे और मझोले उद्यमों (MSMEs) के लिए वित्तीय सहायता का प्रमुख स्रोत हैं।

Navi Finserv का भविष्य

Navi Finserv पर से प्रतिबंध हटने के बाद, कंपनी अब अपने संचालन को विस्तार देने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।

  1. नई रणनीतियां: कंपनी अब सीधे ग्राहकों को जोड़ने और अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को विस्तार देने पर काम कर सकती है।
  2. डिजिटल सेवाओं का उपयोग: डिजिटल तकनीक के जरिए ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा सकता है।
  3. नए निवेश: गोल्डमैन सैक्स जैसे प्रमुख निवेशकों के साथ सहयोग कंपनी के लिए नए निवेशकों को आकर्षित कर सकता है।

क्या सीखने को मिला?

RBI का यह कदम भारतीय वित्तीय प्रणाली की सुदृढ़ता को दर्शाता है। Navi Finserv द्वारा समय पर सुधारात्मक कदम उठाना यह दर्शाता है कि नियामकीय अनुपालन से संबंधित समस्याओं को सही तरीके से हल किया जा सकता है।

यह मामला अन्य NBFCs के लिए एक सबक है कि नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करना उनके दीर्घकालिक अस्तित्व के लिए अनिवार्य है।


निष्कर्ष

RBI द्वारा Navi Finserv पर से प्रतिबंध हटाना कंपनी के लिए एक बड़ा राहतभरा कदम है। यह निर्णय वित्तीय प्रणाली में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। अब Navi Finserv के पास अपने ग्राहकों की सेवा में सुधार करने और अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मौका है।

NBFC क्षेत्र के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है कि नियामकीय अनुपालन और पारदर्शिता से ही वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सकती है।

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