नई दिल्ली: भारत की प्रमुख फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी Zomato ने 600 से अधिक कस्टमर सपोर्ट एसोसिएट्स की छंटनी कर दी है। यह छंटनी तब की गई है जब कंपनी के मुख्य फूड डिलीवरी बिजनेस में धीमी वृद्धि देखी जा रही है और इसकी क्विक कॉमर्स यूनिट Blinkit को बढ़ते घाटों का सामना करना पड़ रहा है।
यह खबर सबसे पहले Moneycontrol द्वारा रिपोर्ट की गई थी।
एक साल के भीतर 600 कर्मचारियों की छंटनी, क्यों लिया Zomato ने यह फैसला?
Zomato ने एक साल पहले अपने “Zomato Associate Accelerator Program” (ZAAP) के तहत 1,500 कर्मचारियों की भर्ती की थी।
ZAAP के तहत हायर किए गए कर्मचारियों को एक साल के भीतर सेल्स, ऑपरेशंस, सपोर्ट, सप्लाई चेन और अन्य विभागों में प्रमोशन का अवसर दिया गया था।
लेकिन अब इनमें से 600 से अधिक कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया गया और उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।
इस छंटनी के पीछे Zomato ने कर्मचारियों के खराब प्रदर्शन और समय की पाबंदी न रखने जैसे कारण बताए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रभावित कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस पीरियड के नौकरी से हटा दिया गया और केवल एक महीने की सैलरी बतौर मुआवजा दी गई।
Zomato का फूड डिलीवरी बिजनेस धीमा, Blinkit पर बढ़ता घाटा
Zomato के मुख्य फूड डिलीवरी बिजनेस की ग्रोथ हाल के महीनों में धीमी पड़ गई है।
वहीं, Blinkit (क्विक कॉमर्स यूनिट) को भारी घाटा झेलना पड़ रहा है।
Blinkit को बनाए रखने के लिए Zomato को भारी निवेश करना पड़ रहा है, जिससे कंपनी पर दबाव बढ़ रहा है।
Zomato के इस फैसले को लागत में कटौती और बिजनेस को अधिक कुशल बनाने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।
छंटनी का असर – कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ीं!
ZAAP के तहत हायर हुए कर्मचारियों को उम्मीद थी कि वे कंपनी में स्थायी नौकरी पा सकेंगे।
लेकिन Zomato ने कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू न करते हुए एक झटके में 600 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
बिना नोटिस पीरियड के छंटनी ने प्रभावित कर्मचारियों के लिए आर्थिक परेशानियां खड़ी कर दी हैं।
सोशल मीडिया पर कई कर्मचारियों ने Zomato के इस फैसले की आलोचना की है और इसे “अनुचित” बताया है।
क्या यह Zomato की लागत कम करने की रणनीति है?
Zomato की हालिया रणनीति खर्चों को कम करने और प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ाने की ओर इशारा करती है।
कंपनी अपने मुख्य फूड डिलीवरी बिजनेस में धीमी वृद्धि और Blinkit के बढ़ते घाटे से निपटने की कोशिश कर रही है।
Zomato का ध्यान फिलहाल अधिक कुशल बिजनेस मॉडल पर है, जिसके तहत कम लागत में अधिक आउटपुट प्राप्त किया जा सके।
हाल ही में Zomato ने अपने “10 मिनट डिलीवरी” मॉडल पर फोकस बढ़ाया है, लेकिन Blinkit के बढ़ते नुकसान के चलते इसे चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।
Zomato का बाजार प्रदर्शन और निवेशकों की प्रतिक्रिया
Zomato के शेयरों में पिछले कुछ महीनों में तेजी आई थी, लेकिन इस छंटनी के फैसले के बाद निवेशकों की प्रतिक्रिया मिलीजुली हो सकती है।
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि छंटनी से Zomato की लागत घटेगी, लेकिन कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार कंपनी की ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचा सकता है।
इस फैसले के बाद निवेशकों की नजर कंपनी के आगामी तिमाही नतीजों पर होगी, जिससे यह समझा जा सकेगा कि लागत में कटौती से Zomato को कितना फायदा हुआ है।
Blinkit पर Zomato का दांव – क्या यह सही साबित होगा?
Blinkit (जिसे पहले Grofers के नाम से जाना जाता था) को Zomato ने 2022 में $568 मिलियन में खरीदा था।
लेकिन तब से लेकर अब तक Blinkit लगातार घाटे में चल रहा है।
Zomato अब Blinkit के बिजनेस मॉडल को और अधिक लाभदायक बनाने की कोशिश कर रहा है, जिसके तहत लागत में कटौती और ऑपरेशन को सुव्यवस्थित किया जा रहा है।
कंपनी की योजना Blinkit के डिलीवरी टाइम को 10 मिनट तक लाने की है, लेकिन इसके लिए उसे बड़े पैमाने पर निवेश करना पड़ रहा है।
आगे क्या? Zomato की अगली रणनीति क्या होगी?
छंटनी के बाद अब Zomato अपने ऑपरेशन्स को और अधिक ऑटोमेट करने की दिशा में बढ़ सकता है।
कंपनी Blinkit को और अधिक मजबूत करने के लिए नई रणनीतियों पर काम कर रही है।
Zomato के CEO दीपिंदर गोयल पहले ही कह चुके हैं कि कंपनी अपने लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए फोकस्ड है।
हालांकि, कर्मचारियों की छंटनी और बढ़ते घाटे की वजह से Zomato को अपनी रणनीतियों को सावधानी से लागू करना होगा।
निष्कर्ष
Zomato द्वारा 600 कर्मचारियों की छंटनी एक बड़ा फैसला है, जो इसके मौजूदा बिजनेस मॉडल और लागत-कटौती रणनीति को दर्शाता है।
Blinkit के बढ़ते घाटे और फूड डिलीवरी बिजनेस की धीमी वृद्धि के बीच, कंपनी को अपनी भविष्य की रणनीतियों पर गहराई से विचार करना होगा।
आने वाले महीनों में Zomato के तिमाही नतीजे और निवेशकों की प्रतिक्रिया यह तय करेगी कि यह छंटनी सही निर्णय था या नहीं।
क्या Zomato अपनी लागत को संभालकर Blinkit को लाभदायक बना पाएगा?
क्या छंटनी के बाद कंपनी की ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचेगा?
इन सभी सवालों के जवाब आने वाले महीनों में साफ होंगे!
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