ErlySign ने जुटाए ₹16 करोड़, ओरल कैंसर डिटेक्शन में मचाएगा क्रांति

ErlySign

भारत के हेल्थटेक सेक्टर में तेजी से उभरते Erly Sign ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में ₹16 करोड़ (लगभग $1.8 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व प्रसिद्ध निवेशक आशीष कचोलिया ने किया।


Erly Sign क्लिनिकल ट्रायल और बाजार विस्तार पर फोकस

Erly Sign इस फंड का उपयोग क्लिनिकल ट्रायल, सीडीएससीओ (सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) की मंजूरी प्राप्त करने और अपने ओरल कैंसर डिटेक्शन किट को बाजार में लॉन्च करने के लिए करेगा।


कैंसर का जल्दी पता लगाने में महारत

ErlySign की स्थापना 2019 में शुभेंद्र सिंह ठाकुर और देवव्रत बेगड़े ने की थी। यह स्टार्टअप ओरल कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए समाधान विकसित करता है।

कंपनी का दावा है कि उसने भारत का पहला सैलिवरी बायोमार्कर-आधारित टेस्ट विकसित किया है, जो लक्षण दिखने से पहले ही कैंसर की पहचान कर सकता है। यह परीक्षण मरीजों को शुरुआती चरण में ही इलाज का मौका देता है, जिससे जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है।


CRISPR तकनीक से भविष्य की योजना

ErlySign आने वाले समय में CRISPR miRNA-आधारित परीक्षण तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रहा है। यह तकनीक एक ही लार के नमूने से 15–20 मिनट में कई प्रकार के कैंसर का पता लगाने में सक्षम होगी।


कैंसर डिटेक्शन में बड़ा कदम

भारत में हर साल ओरल कैंसर के लाखों मामले सामने आते हैं। सस्ते और तेज़ डिटेक्शन किट्स की कमी के कारण, अधिकांश मामलों का पता देर से चलता है। ErlySign की यह तकनीक इस समस्या का प्रभावी समाधान प्रस्तुत करती है।


देशभर में पहुंच का लक्ष्य

ErlySign का उद्देश्य है कि उनकी किट्स देशभर के क्लीनिक्स, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचे। इसके साथ ही, वे अपनी तकनीक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं।


फंडिंग का महत्व

इस फंडिंग से ErlySign को न केवल अपने उत्पादों को बाजार में लाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को भी सशक्त बनाएगा। कम लागत, तेज़ परिणाम और सरल प्रक्रिया के माध्यम से, यह किट भारत में ओरल कैंसर से होने वाली मौतों को कम करने में मदद कर सकती है।


ErlySign: एक उम्मीद की किरण

ErlySign जैसे हेल्थटेक स्टार्टअप्स यह साबित कर रहे हैं कि उन्नत तकनीक और नवाचार से जीवन बचाया जा सकता है। ₹16 करोड़ की यह फंडिंग इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारत में कैंसर की जांच और इलाज को आसान और सुलभ बनाएगा।


निष्कर्ष

ErlySign का प्रयास न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्रभावी बनाता है। ओरल कैंसर के क्षेत्र में यह नई शुरुआत भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती प्रदान करेगी और लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।

Read more :KisaanSay ने जुटाए $2 मिलियन, किसानों के लिए नई उम्मीद

KisaanSay ने जुटाए $2 मिलियन, किसानों के लिए नई उम्मीद

KisaanSay

किसानों और उपभोक्ताओं के बीच सीधा जुड़ाव स्थापित करने वाली KisaanSay ने अपनी प्री-सीड फंडिंग राउंड में $2 मिलियन (करीब ₹16 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व जंगल वेंचर्स ने फर्स्ट चेक@जंगल के माध्यम से किया। इसके अलावा, फूड इंडस्ट्री के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी इसमें भाग लिया।


KisaanSay मार्केटिंग और संचालन विस्तार पर फोकस

KisaanSay इस फंड का उपयोग अपने मार्केटिंग प्रयासों को मजबूत करने, टीम को बढ़ाने और संचालन को व्यापक बनाने के लिए करेगी। कंपनी का उद्देश्य अपने उत्पाद पोर्टफोलियो और वितरण नेटवर्क को तेजी से बढ़ाना है।


किसान और उपभोक्ता के बीच सेतु

किसानसे की स्थापना नितिन पुरी, मनोज कार्की, और वैशाली मेहता ने की थी। यह ब्रांड किसानों और उपभोक्ताओं के बीच सीधा जुड़ाव बनाकर प्राकृतिक खेती और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देता है।

किसानसे, देश के पहाड़ी क्षेत्रों, जंगलों, जनजातीय इलाकों, और शुष्क भूमि में प्राकृतिक खेती करने वाले किसान समूहों के साथ साझेदारी करती है। यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक उत्पाद अपनी जन्मस्थली से सीधे उपभोक्ता तक पहुंचे। इसके लिए उत्पादों को न्यूनतम प्रसंस्करण के साथ पैक किया जाता है।


80 से अधिक उत्पाद और 12 श्रेणियां

किसानसे के पास 80 से अधिक उत्पादों का एक बड़ा पोर्टफोलियो है, जो 12 अलग-अलग श्रेणियों में फैला हुआ है।

कंपनी 20 किसान समूहों के साथ सह-ब्रांडिंग और सह-लाभ साझेदारी मॉडल पर काम करती है। ये समूह 50,000 से अधिक किसानों का प्रतिनिधित्व करते हैं।


ऑनलाइन और ऑफलाइन मौजूदगी

किसानसे का वितरण नेटवर्क बेहद व्यापक है। कंपनी के उत्पाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, अपनी डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर वेबसाइट, और दिल्ली-एनसीआर के रिटेल स्टोर्स के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचते हैं।


भविष्य की योजनाएं

किसानसे का लक्ष्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को सशक्त बनाना और उपभोक्ताओं तक गुणवत्तापूर्ण, प्राकृतिक और टिकाऊ उत्पाद पहुंचाना है।

कंपनी आने वाले समय में अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक ले जाने और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।


किसानों और उपभोक्ताओं के लिए नई संभावनाएं

किसानसे ने जिस तरह से प्राकृतिक खेती, टिकाऊ उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया है, वह भारत के कृषि क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम है।


निष्कर्ष

किसानसे न केवल किसानों की आय में वृद्धि कर रही है, बल्कि उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और प्राकृतिक उत्पाद उपलब्ध कराने में भी सफल हो रही है। $2 मिलियन की इस फंडिंग के साथ, कंपनी अपने विस्तार और प्रभाव को और अधिक बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Read more :House of Chikankari दिल्ली की एथनिक वियर ब्रांड ने जुटाए ₹4 करोड़

House of Chikankari दिल्ली की एथनिक वियर ब्रांड ने जुटाए ₹4 करोड़

House of Chikankari

दिल्ली आधारित House of Chikankari, एक कारीगर-केंद्रित एथनिक वियर डी2सी ब्रांड, ने अपने सीड फंडिंग राउंड में ₹4 करोड़ जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड में प्रमुख एंजल इन्वेस्टर्स और माइक्रो-वीसी फंड्स शामिल हुए, जिनमें टुडिप वेंचर्स, लेंसकार्ट के पीयुष बंसल, एटॉमबर्ग के मनोज मीना, क्योरफूड्स के अंकित नागोरी, द मैन कंपनी के हितेश धिंगरा, अल्लुवियम कैपिटल, और औरिंको पार्टनर्स प्रमुख हैं।


House of Chikankari फंड का उपयोग

House of Chikankari ने बताया कि इस फंड का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. मार्केटिंग का विस्तार: ब्रांड की पहचान और पहुंच को व्यापक बनाने के लिए।
  2. टीम का विस्तार: बेहतर संचालन और विकास के लिए नई प्रतिभाओं को जोड़ने के लिए।
  3. व्यवसाय को स्केल करना: अगले कुछ वर्षों में ₹100 करोड़ के राजस्व लक्ष्य को हासिल करना।

ब्रांड की स्थापना और दृष्टिकोण

हाउस ऑफ चिकनकारी की स्थापना आकृति रावल और पूनम रावल ने की थी।

  • ब्रांड का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक डिजाइन के बीच की खाई को पाटना है।
  • यह प्लेटफॉर्म पारंपरिक भारतीय कारीगरों को समर्थन और रोजगार प्रदान करता है।

ब्रांड की वृद्धि और बाजार उपस्थिति

  • हाउस ऑफ चिकनकारी हर महीने लगभग 15,000 उत्पादों की पूर्ति कर रहा है।
  • इसका 85% राजस्व सीधे इसकी डी2सी वेबसाइट के माध्यम से आता है।
  • ब्रांड की उपस्थिति Nykaa, Myntra, Flipkart, Amazon, और Ajio जैसे मार्केटप्लेस पर भी है।
  • भविष्य में, ब्रांड की योजना Noon और Styli जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर विस्तार करने की है।

कारीगरों के साथ जुड़ाव

पिछले चार वर्षों में, हाउस ऑफ चिकनकारी ने भारत भर के 10,000 से अधिक कारीगरों के साथ साझेदारी की है।

  • यह ब्रांड न केवल चिकनकारी को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अन्य भारतीय हस्तशिल्प को भी अपनाने की योजना बना रहा है।
  • 2025 तक, ब्रांड का 30% राजस्व चिकनकारी के अलावा अन्य हस्तशिल्पों से आने की उम्मीद है।

फंडिंग से क्या बदलेगा?

नए निवेश का उपयोग ब्रांड को व्यापक स्तर पर बढ़ाने में होगा। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:

  • मार्केटिंग का उन्नयन: ब्रांड को अधिक ग्राहकों तक पहुंचाने और उसकी ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने के लिए।
  • टीम का सशक्तिकरण: नई प्रतिभाओं को जोड़कर संचालन को अधिक प्रभावी बनाना।
  • राजस्व वृद्धि: अगले कुछ वर्षों में ₹100 करोड़ का सालाना टर्नओवर हासिल करना।

ब्रांड की यात्रा और दृष्टिकोण

2019 में आकृति रावल और पूनम रावल द्वारा शुरू किया गया हाउस ऑफ चिकनकारी भारतीय हस्तशिल्प को आधुनिकता का तड़का देकर दुनिया भर में लोकप्रिय बना रहा है।

  • यह ब्रांड मुख्य रूप से चिकनकारी कला पर केंद्रित है, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ की एक प्रसिद्ध पारंपरिक कढ़ाई शैली है।
  • ब्रांड का उद्देश्य पारंपरिक भारतीय कारीगरों को सशक्त बनाना और उनकी कला को एक नई पहचान देना है।

ऑनलाइन और ऑफलाइन उपस्थिति

हाउस ऑफ चिकनकारी ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का प्रभावी उपयोग किया है।

  • 85% बिक्री ब्रांड की डी2सी वेबसाइट के माध्यम से होती है।
  • इसके अलावा, यह Nykaa, Myntra, Flipkart, Amazon, और Ajio जैसे प्रमुख मार्केटप्लेस पर भी उपलब्ध है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने की योजना के तहत ब्रांड Noon और Styli जैसे प्लेटफार्मों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है।

कारीगरों के साथ जुड़ाव और सामाजिक प्रभाव

हाउस ऑफ चिकनकारी ने पिछले चार वर्षों में देश भर के 10,000 से अधिक कारीगरों को जोड़ा है।

  • यह ब्रांड कारीगरों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करता है, बल्कि उनके कौशल को एक नई पहचान भी देता है।
  • इसके उत्पादों की बढ़ती मांग ने स्थानीय समुदायों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किए हैं।
  • 2025 तक, ब्रांड का 30% राजस्व चिकनकारी के अलावा अन्य भारतीय हस्तशिल्पों से आने की संभावना है।

अद्वितीय उत्पाद और सेवाएं

हाउस ऑफ चिकनकारी के उत्पाद आधुनिक और पारंपरिक का मिश्रण हैं।

  • इसकी कढ़ाई और डिजाइनें न केवल पारंपरिक भारतीय सौंदर्यशास्त्र को दर्शाती हैं, बल्कि आधुनिक फैशन ट्रेंड के अनुरूप भी हैं।
  • ब्रांड ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले परिधान और समय पर डिलीवरी की गारंटी देता है।

भविष्य की योजनाएं

हाउस ऑफ चिकनकारी आने वाले वर्षों में अपनी उपस्थिति और उत्पाद श्रेणी को और विस्तारित करना चाहता है।

  1. नई हस्तशिल्प शैलियों का समावेश: पारंपरिक कढ़ाई के अलावा, अन्य भारतीय हस्तशिल्प जैसे बनारसी, कच्छ कढ़ाई आदि को पेश करना।
  2. वैश्विक विस्तार: मिडल ईस्ट और यूरोप के बाजारों में प्रवेश करने की योजना।
  3. तकनीकी उन्नति: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और इंटरेक्टिव बनाना।

ब्रांड का महत्व

  • ग्राहकों के लिए: हाउस ऑफ चिकनकारी ग्राहकों को भारतीय हस्तशिल्प का प्रामाणिक और उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करता है।
  • कारीगरों के लिए: यह ब्रांड कारीगरों को उनके पारंपरिक कौशल के लिए एक सम्मानजनक स्थान और आजीविका प्रदान करता है।
  • पर्यावरण के लिए: ब्रांड की प्रक्रियाएं पर्यावरण के अनुकूल हैं, जो स्थिरता को बढ़ावा देती हैं।

निष्कर्ष

हाउस ऑफ चिकनकारी न केवल एक ब्रांड है, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प और कारीगरों को बढ़ावा देने का एक माध्यम भी है।

  • इसकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही दृष्टिकोण और तकनीकी नवाचार के साथ पारंपरिक भारतीय कला को वैश्विक स्तर पर ले जाया जा सकता है।
  • यह ब्रांड उन कारीगरों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो अपनी कला को एक नई ऊंचाई तक ले जाने का सपना देखते हैं।

हाउस ऑफ चिकनकारी का सफर भारतीय कारीगरी की समृद्धि को दुनिया तक पहुंचाने का एक प्रयास है, जो अपने मिशन में तेजी से प्रगति कर रहा है।

Read more :Hissa ने लॉन्च किया ESOP के लिए $35 मिलियन का फंड

Hissa ने लॉन्च किया ESOP के लिए $35 मिलियन का फंड

Hissa

ईक्विटी मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म हिस्सा ने ESOP (Employee Stock Option Plan) के लिए Hissa फंड I लॉन्च किया है। यह $35 मिलियन का पहलू उन कर्मचारियों को नकदी प्रदान करने के लिए समर्पित है, जो ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स में वेस्टेड स्टॉक ऑप्शंस रखते हैं। यह फंड कर्मचारियों को उनके पेपर वेल्थ को वास्तविक अवसरों में बदलने का मौका देता है।


Hissa ESOP के लिए पहली बार इस तरह का समाधान

Hissa फंड I का उद्देश्य उन कर्मचारियों की समस्या को हल करना है, जिन्हें IPO या अधिग्रहण के माध्यम से अपने स्टॉक ऑप्शंस के मूल्यवान होने के लिए वर्षों तक इंतजार करना पड़ता है।

सेबी-रजिस्टर्ड कैटेगरी II अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) के रूप में डिजाइन किया गया यह फंड T+5 सेटलमेंट साइकिल के साथ ऑन-डिमांड नकदी प्रदान करता है।


ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स पर केंद्रित

हिस्सा फंड I का फोकस 15-20 ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स पर रहेगा। यह संस्थापकों के साथ मिलकर काम करेगा ताकि लिक्विडिटी इवेंट्स टैलेंट रिटेंशन और बिजनेस ग्रोथ रणनीतियों के साथ समन्वयित हो सकें।


हिस्सा: ईक्विटी प्रबंधन को आसान बनाना

2019 में सतीश मुगुलवल्ली और श्रीनिवास कट्टा द्वारा लॉन्च किया गया हिस्सा, रूलज़ीरो का हिस्सा है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ऑनरशिप मैनेजमेंट को आसान बनाता है।

यह प्लेटफॉर्म कई कार्यों को स्वचालित करता है:

  1. शेयर जारी करना।
  2. स्टॉक ऑप्शंस को ट्रैक करना।
  3. कंपनी के ऑनरशिप रिकॉर्ड्स को प्रबंधित करना।
  4. लेन-देन को संभालना।

हिस्सा फंड की पहली इन्वेस्टमेंट: मिको

हिस्सा फंड ने अपनी पहली इन्वेस्टमेंट AI-आधारित रोबोटिक्स कंपनी मिको में की है। इस लेन-देन के माध्यम से, फंड ने 32 कर्मचारियों को नकदी प्रदान की।

मिको के कर्मचारी, जो पहले अपने स्टॉक ऑप्शंस का मूल्य महसूस करने में असमर्थ थे, अब इस फंड के माध्यम से अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।


ESOP में नकदी लाने का महत्व

स्टार्टअप्स के कर्मचारियों के लिए, ESOP एक महत्वपूर्ण वित्तीय उपकरण है, लेकिन इसकी वास्तविक मूल्य तभी निकलती है जब इसका मोनिटाइजेशन होता है।

हिस्सा फंड I का यह मॉडल:

  • कर्मचारियों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को जल्दी पूरा करने में मदद करता है।
  • स्टार्टअप्स को प्रतिभा बनाए रखने में मदद करता है।
  • व्यवसाय विकास को एक नई दिशा देता है।

भारत में ESOP संस्कृति को बढ़ावा देना

भारत में, ESOP का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, खासकर स्टार्टअप्स में।

  • IPO या अधिग्रहण का इंतजार: भारतीय स्टार्टअप्स में ESOP का मूल्य अकसर IPO या अधिग्रहण के बाद ही सामने आता है।
  • लिक्विडिटी का अभाव: कर्मचारियों को अपने स्टॉक ऑप्शंस के मूल्य को महसूस करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।

हिस्सा फंड I इस समस्या का समाधान पेश करता है और भारत में ESOP संस्कृति को एक नई दिशा देता है।


कैसे काम करता है हिस्सा फंड I?

  • T+5 सेटलमेंट साइकिल: यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारी जल्दी नकदी प्राप्त कर सकें।
  • संस्थापकों के साथ समन्वय: लिक्विडिटी इवेंट्स को टैलेंट रिटेंशन रणनीतियों के साथ जोड़ना।
  • सस्टेनेबल बिजनेस ग्रोथ: कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करना।

ESOP का भविष्य और हिस्सा की भूमिका

हिस्सा फंड I का लॉन्च भारत में ESOP के डिजिटलीकरण और सरलता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

  • कर्मचारियों के लिए लाभ: यह पहल कर्मचारियों को उनके वित्तीय भविष्य के प्रति आत्मनिर्भर बनाती है।
  • स्टार्टअप्स के लिए समर्थन: यह स्टार्टअप्स को टैलेंट बनाए रखने और व्यापार को गति देने में मदद करता है।
  • संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना: यह मॉडल स्टार्टअप और कर्मचारियों के बीच संतुलन और सहयोग को बढ़ावा देता है।

हिस्सा का विज़न

हिस्सा का उद्देश्य न केवल कर्मचारियों को नकदी प्रदान करना है, बल्कि भारत में ईक्विटी प्रबंधन को आधुनिक और सरल बनाना है।

इसके अन्य लाभों में शामिल हैं:

  • डिजिटल ट्रांजैक्शन की सुविधा।
  • ईक्विटी प्रबंधन के जटिल कार्यों का सरलीकरण।
  • कर्मचारियों और स्टार्टअप्स के लिए दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता।

निष्कर्ष

हिस्सा फंड I भारत में ESOP के परिदृश्य को बदलने के लिए एक बड़ा कदम है। यह कर्मचारियों और स्टार्टअप्स दोनों के लिए एक विन-विन मॉडल है।

मिको में पहली इन्वेस्टमेंट के साथ, हिस्सा ने यह साबित कर दिया है कि ESOP लिक्विडिटी केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक समाधान है।

इस पहल के साथ, भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है, जहां कर्मचारियों को उनके योगदान का वास्तविक लाभ मिलेगा और स्टार्टअप्स को उनकी ग्रोथ यात्रा में आवश्यक समर्थन।

Read more :ParkMate ने जुटाए $1.2 मिलियन, पार्किंग प्रबंधन में करेगा इनोवेशन

ParkMate ने जुटाए $1.2 मिलियन, पार्किंग प्रबंधन में करेगा इनोवेशन

ParkMate

फंडिंग में भागीदारी

नोएडा स्थित पार्किंग प्रबंधन प्लेटफॉर्म ParkMate ने अपने नवीनतम फंडिंग राउंड में $1.2 मिलियन जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व कैक्टस पार्टनर्स ने किया, साथ ही मौजूदा निवेशकों जैसे वेंचर कैटालिस्ट्स और मारवाह ग्रुप फैमिली ऑफिस ने भी भाग लिया। इससे पहले, पार्कमेट ने अपने मौजूदा निवेशकों से $1.2 मिलियन की फंडिंग प्राप्त की थी।

ParkMate फंड का उपयोग और योजनाएं

ParkMate ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह फंडिंग ऑपरेशन्स के विस्तार, बिजनेस डेवलपमेंट टीम को मजबूत बनाने, और उन्नत पार्किंग समाधानों में इनोवेशन को गति देने के लिए उपयोग की जाएगी।

संस्थापकों का परिचय

ParkMate की स्थापना अभिमन्यु सिंह और धनंजय भारद्वाज ने 2021 में की थी। इसका उद्देश्य पार्किंग ढूंढने, आरक्षित करने और भुगतान करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।

पार्कमेट का वैश्विक दृष्टिकोण

पार्कमेट केवल भारतीय शहरी क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी पार्किंग समाधानों को एक नई दिशा देने का लक्ष्य रखता है। इसके स्मार्ट पार्किंग सिस्टम का उपयोग उन्नत शहरों में ट्रैफिक की भीड़ को कम करने और पार्किंग की प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए किया जा सकता है।

स्मार्ट पार्किंग की बढ़ती मांग

भारत जैसे देश में, जहां शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, स्मार्ट पार्किंग तकनीकों की मांग भी बढ़ रही है। पार्कमेट जैसे प्लेटफ़ॉर्म इन मांगों को पूरा करते हुए पार्किंग इंडस्ट्री में नई संभावनाओं को जन्म दे रहे हैं।

डेटा-चालित निर्णय

पार्कमेट के पास एक मजबूत डेटा-एनालिटिक्स सिस्टम है, जो उपयोगकर्ताओं के व्यवहार, ट्रैफिक के पैटर्न और पार्किंग की मांग को समझने में मदद करता है। इस डेटा का उपयोग:

  • उपयोगकर्ता-अनुकूल समाधान विकसित करने।
  • नए पार्किंग स्थलों की पहचान करने।
  • भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पार्किंग की सुविधा प्रदान करने के लिए किया जाता है।

स्थायित्व और पर्यावरण पर प्रभाव

पार्कमेट की इको-फ्रेंडली पहल शहरी परिवहन में स्थायित्व लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके द्वारा पेश किए गए समाधान, जैसे कि कम ईंधन खपत और ट्रैफिक को कम करने के लिए स्मार्ट मार्गदर्शन, पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

उपयोगकर्ता अनुभव को प्राथमिकता

पार्कमेट का यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस और सुविधाजनक फीचर्स इसे उपयोगकर्ताओं के लिए पसंदीदा बनाते हैं।

  • रीयल-टाइम अपडेट्स: लाइव ट्रैफिक और पार्किंग की उपलब्धता की जानकारी।
  • कैशलेस पेमेंट्स: डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना।
  • पार्किंग ड्यूरेशन अलर्ट्स: उपयोगकर्ताओं को उनके पार्किंग समय की जानकारी देना।

पार्कमेट का व्यापक नेटवर्क

वर्तमान में, पार्कमेट भारत के कई शहरों में सक्रिय है और तेजी से अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है। इसके पास 2025 तक शीर्ष 25 शहरों में अपनी सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य है।

निवेशकों का बढ़ता विश्वास

पार्कमेट के निवेशकों में कैक्टस पार्टनर्स, वेंचर कैटालिस्ट्स, और मारवाह ग्रुप फैमिली ऑफिस जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इनके सहयोग से कंपनी न केवल वित्तीय मजबूती हासिल कर रही है, बल्कि तकनीकी और व्यावसायिक विशेषज्ञता भी प्राप्त कर रही है।

प्रतिस्पर्धा में बढ़त

पार्कमेट के पास एक अनूठा मॉडल है, जो इसे प्रतिस्पर्धा में आगे रखता है। इसके वन-स्टॉप सॉल्यूशन और तकनीकी दक्षता इसे अन्य पार्किंग प्लेटफ़ॉर्म्स से अलग बनाते हैं।

भविष्य की संभावनाएं

पार्कमेट के विस्तार की योजनाएं और तकनीकी नवाचार इसे एक पार्किंग टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। कंपनी का लक्ष्य है:

  1. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में भागीदारी।
  2. इंटरनेशनल मार्केट्स में विस्तार।
  3. सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज का विकास।

उपभोक्ताओं और शहरों के लिए लाभ

पार्कमेट का प्रभाव केवल उपयोगकर्ताओं तक सीमित नहीं है। यह शहरों के स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को भी मजबूत करता है।

  • भीड़भाड़ कम करना: बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन।
  • ईंधन की बचत: प्रभावी पार्किंग स्थान निर्देश।
  • स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर: डिजिटलीकृत पार्किंग स्थलों का निर्माण।

निष्कर्ष

पार्कमेट का दृष्टिकोण और निवेशकों का समर्थन इसे शहरी परिवहन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव का वाहक बना रहे हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म ने पार्किंग इंडस्ट्री में नई संभावनाओं को जन्म दिया है और इसके इनोवेटिव समाधानों ने इसे एक विश्वसनीय और पसंदीदा ब्रांड के रूप में स्थापित किया है।

पार्कमेट की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि सही दृष्टिकोण और तकनीक के संयोजन से, शहरीकरण की चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। आने वाले समय में, यह प्लेटफ़ॉर्म भारत और वैश्विक स्तर पर पार्किंग इंडस्ट्री में अपनी मजबूत पहचान बनाएगा।

Read more :GreenStitch ने $1.2 मिलियन फंडिंग जुटाई, fashion and textile industry sustainability-focused

Eccentric ने $5 मिलियन जुटाए automobile industry में 3D technology के विस्तार की तैयारी

Eccentric Engine, जिसे अब Eccentric Engine के नाम से जाना जाता है, ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में $5 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व एक्सफिनिटी वेंचर पार्टनर्स और अर्कम वेंचर्स ने किया। यह कंपनी के लिए पहला बाहरी फंडिंग राउंड है।


Eccentric Engine फंडिंग का उपयोग

इस फंडिंग का उपयोग Eccentric Engine द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. वैश्विक स्तर पर विस्तार: कंपनी अपने ग्राहकों और सेवाओं का विस्तार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में करेगी।
  2. वन3डी प्लेटफॉर्म का उन्नयन: कंपनी अपने प्रोप्राइटरी वन3डी प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत बनाने की दिशा में काम करेगी।

कंपनी की पृष्ठभूमि और वन3डी प्लेटफॉर्म

2012 में गौरव राणे और वरुण शाह द्वारा स्थापित, एक्सेंट्रिक ने वन3डी नामक एक अत्याधुनिक रियल-टाइम 3डी रेंडरिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया है।

  • यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से ऑटोमोटिव OEMs और डीलरशिप के लिए डिजाइन किया गया है।
  • वन3डी प्लेटफॉर्म को ऐसे बनाया गया है कि यह सभी ओईएम वर्कफ्लो में आसानी से इंटीग्रेट हो सके, जिससे डीलरशिप संचालन को बेहतर बनाया जा सके।
  • यह 3डी पाइपलाइन में ऑप्टिमाइजेशन लाता है, जिससे ऑटो ब्रांड्स 3डी ओमनीचैनल एक्सपर्टाइज को तेज और सटीक तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं।

एक्सेंट्रिक के ग्राहक

कंपनी के ग्राहक दुनिया के अग्रणी ऑटोमोबाइल ब्रांड्स में शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • मारुति सुजुकी
  • टाटा मोटर्स
  • टोयोटा
  • हुंडई
  • स्टेलैंटिस

इन ग्राहकों के साथ साझेदारी ने एक्सेंट्रिक को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।


वन3डी प्लेटफॉर्म की विशेषताएं और लाभ

इंटीग्रेशन में आसान

  • वन3डी प्लेटफॉर्म को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों के वर्कफ्लो में बिना किसी बाधा के जुड़ सकता है।

ऑनलाइन रिटेल एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना

  • यह प्लेटफॉर्म ऑनलाइन रिटेल एक्सपीरियंस को बेहतर बनाता है, जिससे ग्राहक 3डी तकनीक के जरिए वाहनों की बारीकियों को समझ सकते हैं।

स्पीड और एक्यूरसी

  • प्लेटफॉर्म की 3डी ओमनीचैनल क्षमताएं बाजार में तेज और सटीक प्रदर्शन सुनिश्चित करती हैं।

डीलरशिप संचालन को सशक्त बनाना

  • वन3डी प्लेटफॉर्म डीलरशिप संचालन को प्रभावी बनाकर उन्हें ग्राहकों के साथ बेहतर कनेक्ट करने में मदद करता है।

फंडिंग का नेतृत्व और भविष्य की योजनाएं

एक्सफिनिटी वेंचर पार्टनर्स और अर्कम वेंचर्स का योगदान

  • इन दोनों वेंचर पार्टनर्स ने कंपनी को वैश्विक स्तर पर अपने पैर फैलाने और तकनीकी विकास के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की है।
  • यह सहयोग एक्सेंट्रिक को वैश्विक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद करेगा।

भविष्य की योजनाएं

  • कंपनी का उद्देश्य है कि वह अपने वन3डी प्लेटफॉर्म को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेश कर सके।
  • इसके साथ ही, नए-नए फीचर्स जोड़कर इसे और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की योजना है।

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में 3डी तकनीक की भूमिका

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में योगदान

  • 3डी तकनीक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में अहम भूमिका निभा रही है।
  • यह तकनीक ब्रांड्स को न केवल अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करने में मदद करती है, बल्कि ग्राहकों को भी खरीदारी के दौरान एक अनूठा अनुभव देती है।

ग्राहकों के लिए बेहतर अनुभव

  • ग्राहक अब ऑनलाइन वाहनों की 3डी प्रोजेक्शन के माध्यम से उन्हें करीब से देख और समझ सकते हैं।
  • यह तकनीक ग्राहकों को एक रियल-टाइम वर्चुअल अनुभव प्रदान करती है।

भारत में 3डी टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भविष्य

उभरते हुए अवसर

  • भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, और इसके साथ ही 3डी टेक्नोलॉजी की मांग भी बढ़ रही है।
  • एक्सेंट्रिक जैसे स्टार्टअप्स इस इंडस्ट्री में डिजिटल नवाचार ला रहे हैं।

वैश्विक विस्तार का अवसर

  • एक्सेंट्रिक की योजना वैश्विक स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार करने की है।
  • यह कदम भारतीय तकनीकी स्टार्टअप्स के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

निष्कर्ष

एक्सेंट्रिक ने अपनी पहली बाहरी फंडिंग में $5 मिलियन जुटाकर अपने विकास की यात्रा में एक बड़ा कदम उठाया है।

  • वन3डी प्लेटफॉर्म के माध्यम से कंपनी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है।
  • इस फंडिंग से कंपनी न केवल अपने तकनीकी विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी मौजूदगी भी मजबूत करेगी।
  • एक्सेंट्रिक की यह पहल भारत को 3डी टेक्नोलॉजी और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में एक वैश्विक खिलाड़ी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Read more :Sarla Aviation $10 मिलियन जुटाकर 2028 तक flying taxis सेवा शुरू करने का लक्ष्य

Sarla Aviation $10 मिलियन जुटाकर 2028 तक flying taxis सेवा शुरू करने का लक्ष्य

Sarla Aviation

SARLA AVIATION, एक एयरोस्पेस स्टार्टअप जो इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सियों का निर्माण कर रहा है, ने हाल ही में $10 मिलियन की फंडिंग हासिल की है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Accel ने किया, जिसमें Flipkart के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल, Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ, और Swiggy के श्रीहर्ष माजेती जैसे एंजेल निवेशकों ने भाग लिया।

SARLA AVIATION फंडिंग का उद्देश्य

SARLA AVIATION ने फंडिंग का उपयोग बेंगलुरु में रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने के लिए करने की योजना बनाई है।

  • कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2028 तक फ्लाइंग टैक्सी सेवा लॉन्च कर सके।
  • इस फंड का उपयोग उन्नत प्रोटोटाइप तैयार करने और तकनीकी विकास के लिए किया जाएगा।

कंपनी का इतिहास और लक्ष्य

सारला एविएशन की स्थापना 2024 में एड्रियन श्मिट, राकेश गांवकर, और शिवम चौहान ने की थी।

  • कंपनी का पहला प्रोटोटाइप, शून्य, 17 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में प्रदर्शित किया जाएगा।
  • यह प्रोटोटाइप 680 किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम होगा और इसमें छह यात्री और एक पायलट समा सकते हैं।

फ्लाइंग टैक्सी सेवा की तैयारी

सारला एविएशन ने पिछले साल बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ साझेदारी की थी।

  • इस साझेदारी का उद्देश्य फ्लाइंग टैक्सी सेवा के लिए आवश्यक ढांचागत विकास और टेस्टिंग तैयार करना था।
  • कंपनी का फोकस है कि वह इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी के माध्यम से यात्रा को तेज, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बना सके।

भारत में एयरोस्पेस और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का उभरता क्षेत्र

फ्लाइंग टैक्सियों की बढ़ती मांग

  • शहरीकरण और ट्रैफिक की समस्या के चलते फ्लाइंग टैक्सियों का उपयोग भविष्य की यात्रा का अहम हिस्सा बन सकता है।
  • इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (eVTOL) तकनीक के जरिए कम समय में लंबी दूरी तय करना संभव होगा।

सारला एविएशन की भूमिका

  • कंपनी भारतीय और वैश्विक बाजारों में इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सियों के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है।
  • इसका उद्देश्य यात्रा को तेज, किफायती और पर्यावरण-अनुकूल बनाना है।

Accel का योगदान और भविष्य की योजनाएं

Accel का $650 मिलियन फंड

सारला एविएशन को समर्थन देने वाली Accel ने हाल ही में $650 मिलियन का आठवां फंड लॉन्च किया है।

  • यह फंड एंटरप्राइज AI, कंज्यूमर सर्विसेज, फिनटेक, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में शुरुआती स्टार्टअप्स का समर्थन करेगा।

सारला एविएशन के लिए रणनीतिक निवेश

  • Accel का यह निवेश भारत के एयरोस्पेस इनोवेशन को बढ़ावा देने का संकेत है।
  • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और क्लीन एनर्जी सॉल्यूशंस पर ध्यान केंद्रित करते हुए, Accel ने सारला एविएशन को एक लंबी अवधि के पार्टनर के रूप में चुना है।

प्रोटोटाइप “शून्य” की विशेषताएं

सारला एविएशन का पहला प्रोटोटाइप “शून्य” आधुनिक तकनीकों से लैस होगा।

  • वजन क्षमता: 680 किलोग्राम
  • यात्री क्षमता: 6 यात्री और 1 पायलट
  • तकनीक: eVTOL, जो उड़ान भरने और लैंड करने के लिए वर्टिकल टेक-ऑफ तकनीक का उपयोग करती है।

2028 तक का रोडमैप

  • आरएंडडी केंद्र की स्थापना
  • नवाचार और डिज़ाइन में सुधार
  • फ्लाइंग टैक्सियों की टेस्टिंग और प्रमाणन
  • शहरी और अंतर-शहरी हवाई यात्रा के लिए बुनियादी ढांचे का विकास

सारला एविएशन के निवेशकों की भूमिका

एंजेल निवेशकों का समर्थन

  • बिन्नी बंसल, निखिल कामथ, और श्रीहर्ष माजेती जैसे एंजेल निवेशकों का योगदान सारला एविएशन को वित्तीय मजबूती और उद्योग में गहन अनुभव प्रदान करेगा।

इनोवेशन और रणनीतिक साझेदारी

  • निवेशकों का नेटवर्क और अनुभव स्टार्टअप को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

सारला एविएशन का यह कदम भारतीय एयरोस्पेस और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने की तैयारी है।

  • $10 मिलियन की फंडिंग और नए प्रोटोटाइप शून्य के लॉन्च के साथ, कंपनी ने अपने दृष्टिकोण को मजबूत किया है।
  • 2028 तक फ्लाइंग टैक्सियों को वास्तविकता में बदलने की यह पहल भारतीय शहरों को भविष्य की यात्रा तकनीकों से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
  • यह प्रयास पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों और तेज शहरी परिवहन समाधानों को बढ़ावा देगा, जिससे भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

Read more :Cornerstone Ventures $200 मिलियन के दूसरे फंड की पहली क्लोजिंग, $40 मिलियन जुटाए

Cornerstone Ventures $200 मिलियन के दूसरे फंड की पहली क्लोजिंग, $40 मिलियन जुटाए

Cornerstone Ventures

Cornerstone Venture नामक SaaS-फोकस्ड वेंचर कैपिटल फर्म ने अपने $200 मिलियन के टारगेटेड दूसरे फंड की पहली क्लोजिंग $40 मिलियन पर पूरी कर ली है।

Cornerstone Venture सुरेश पारेख बने नए जनरल पार्टनर

Cornerstone Venture ने सुरेश पारेख का स्वागत अपने नए जनरल पार्टनर के रूप में किया है।

  • सुरेश पारेख, सुकवी वेंचर्स के संस्थापक और एलीफेंट कैनवास एलएलपी के सह-संस्थापक हैं।
  • एलीफेंट कैनवास LLP एक डिजिटल फाइन आर्ट NFT मार्केटप्लेस है, जो NewartX ब्रांड के तहत काम करता है।

पहली क्लोजिंग में घरेलू निवेशकों की भागीदारी

इस फंड की पहली क्लोजिंग में घरेलू निवेशकों ने भाग लिया है। इनमें शामिल हैं:

  • हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs)
  • फैमिली ऑफिसेस
  • कॉर्पोरेट्स
  • अन्य संस्थागत निवेशक

फंड की संरचना और निवेश का दायरा

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का यह फंड लचीले टिकट साइज की पेशकश करेगा, जो $5 मिलियन से $15 मिलियन के बीच होगा।

  • यह फंड शुरुआती स्टेज से लेकर ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश करेगा।
  • SaaS प्लेटफॉर्म और मार्केटप्लेस में विशेषज्ञता रखने वाले इस फंड का ध्यान निम्नलिखित क्षेत्रों पर केंद्रित होगा:
    1. वित्तीय सेवाएं और बीमा
    2. रिटेल, कंज्यूमर गुड्स और ईकॉमर्स
    3. डिस्ट्रिब्यूशन और सप्लाई चेन
    4. हेल्थकेयर उत्पाद और सेवाएं

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का उद्देश्य

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का उद्देश्य है:

  • भारत और वैश्विक बाजारों में उच्च क्षमता वाले स्टार्टअप्स को पूंजी और मार्गदर्शन प्रदान करना।
  • SaaS-फोकस्ड कंपनियों को डिजिटल इनोवेशन और टेक्नोलॉजिकल विकास के लिए सक्षम बनाना।
  • स्टार्टअप्स को स्केलेबिलिटी और लंबे समय तक टिकाऊ व्यापार मॉडल बनाने में मदद करना।

भारतीय SaaS इंडस्ट्री में उभरते अवसर

तेजी से बढ़ता बाजार

  • भारतीय SaaS कंपनियां वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं।
  • रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत का SaaS बाजार 2026 तक $50-70 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का योगदान

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स जैसी फर्में इस क्षेत्र में नई तकनीकों और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए पूंजी निवेश कर रही हैं।

  • फर्म की निवेश रणनीति डायवर्सिफिकेशन और उच्च ग्रोथ पोटेंशियल पर केंद्रित है।
  • हेल्थकेयर, ईकॉमर्स और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में निवेश से यह फर्म लॉन्ग-टर्म रिटर्न को सुनिश्चित करेगी।

नए जनरल पार्टनर सुरेश पारेख का अनुभव

डिजिटल और फाइन आर्ट के क्षेत्र में योगदान

  • सुरेश पारेख ने NewartX ब्रांड के माध्यम से डिजिटल आर्ट और NFT मार्केटप्लेस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
  • उनके व्यावसायिक दृष्टिकोण और गहन अनुभव से कॉर्नरस्टोन वेंचर्स को लाभ होगा।

स्ट्रेटेजिक लीडरशिप

  • सुरेश पारेख की रणनीतिक सोच और फाइनेंशियल इनोवेशन में विशेषज्ञता फंड के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होगी।

फंड के पहले क्लोज की अहमियत

निवेशकों का भरोसा

  • $40 मिलियन की पहली क्लोजिंग यह दर्शाती है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशक कॉर्नरस्टोन वेंचर्स के दृष्टिकोण और रणनीति पर भरोसा कर रहे हैं।
  • HNIs और फैमिली ऑफिसेस जैसे नए निवेशकों की भागीदारी से फंड को मजबूती मिलेगी।

फंड का प्रभाव

  • यह फंड शुरुआती और बढ़ती हुई SaaS कंपनियों को संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
  • भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को नया आयाम देने में मददगार साबित होगा।

निष्कर्ष

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स ने $200 मिलियन फंड की पहली क्लोजिंग के साथ भारतीय SaaS इंडस्ट्री में एक मजबूत कदम रखा है।

  • नए जनरल पार्टनर सुरेश पारेख की विशेषज्ञता और घरेलू निवेशकों की भागीदारी से फंड को गति मिलेगी।
  • फर्म की निवेश रणनीति और SaaS-फोकस्ड दृष्टिकोण भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में मदद करेगा।

इस पहल से न केवल SaaS क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हेल्थकेयर, फाइनेंस, ईकॉमर्स और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में भी तकनीकी नवाचार को गति मिलेगी।

Read more :B2B सीफूड स्टार्टअप Captain Fresh IPO की तैयारी में जुटा

B2B सीफूड स्टार्टअप Captain Fresh IPO की तैयारी में जुटा

Captain Fresh

बेंगलुरु स्थित B2B सीफूड स्टार्टअप Captain Fresh अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) की तैयारी कर रहा है। इसके तहत, कंपनी ने हाल ही में मोतिलाल ओसवाल ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है। माना जा रहा है कि यह फंडिंग कंपनी की प्री-IPO तैयारी का हिस्सा है।

Captain Fresh का यह कदम कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के बाद आया है, हालांकि यह अपने घाटे को नियंत्रित करने में अभी तक पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है।


Captain Fresh का वित्तीय प्रदर्शन

FY24 में राजस्व में शानदार बढ़ोतरी

  • कंपनी का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में 71% बढ़कर 1,395 करोड़ रुपये हो गया।
  • FY23 में GMV 817 करोड़ रुपये था।
  • इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण उत्पादों की बिक्री थी, जिसने कुल ऑपरेटिंग राजस्व का 99.28% योगदान दिया।

अन्य राजस्व स्रोत

  • उत्पादों की बिक्री से 1,385 करोड़ रुपये का राजस्व हुआ।
  • अन्य ऑपरेटिंग राजस्व और सेवाओं की बिक्री से क्रमशः 8.7 करोड़ रुपये और 1.3 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
  • कंपनी ने 27 करोड़ रुपये ब्याज आय से भी कमाए, जिससे FY24 में कुल राजस्व 1,422 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

Captain Fresh: व्यवसाय मॉडल और परिचालन

Captain Fresh एक बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) सीफूड मार्केटप्लेस है, जो फार्म-टू-रिटेल प्लेटफॉर्म के जरिए मछली, समुद्री खाद्य पदार्थ और भेड़ जैसे पशु प्रोटीन की आपूर्ति करता है।

सप्लाई चैन मॉडल

  • कंपनी सीधे एजेंट्स या किसानों से खरीद करती है।
  • इसके बाद यह उत्पादों की आपूर्ति B2B, B2R (बिजनेस-टू-रिटेल), और B2B2C चैनलों के माध्यम से करती है।

प्रौद्योगिकी का उपयोग

Captain Fresh अपने बिड इंजन, प्रोप्रायटरी क्वालिटी इंस्पेक्शन और सैटेलाइट तकनीक का उपयोग करती है।

  • यह तकनीक मांग और आपूर्ति के बीच सही मेल सुनिश्चित करती है।
  • इससे उत्पादों की गुणवत्ता और समय पर डिलीवरी की गारंटी मिलती है।

IPO की तैयारी और प्री-IPO फंडिंग

Captain Fresh द्वारा Motilal Oswal Group से प्राप्त 100 करोड़ रुपये की फंडिंग को IPO के लिए प्री-IPO फंडिंग का हिस्सा माना जा रहा है।

  • यह फंड कंपनी को विस्तार, परिचालन क्षमता बढ़ाने, और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में मदद करेगा।
  • IPO लॉन्च की तारीख की घोषणा फिलहाल नहीं की गई है, लेकिन कंपनी की तेजी से बढ़ती राजस्व स्थिति इस कदम को एक मजबूत आधार प्रदान करती है।

कंपनी की चुनौतियां और भविष्य की रणनीतियां

घाटे पर नियंत्रण का प्रयास

हालांकि Captain Fresh ने FY24 में राजस्व में बड़ी वृद्धि दर्ज की है, लेकिन यह अभी तक अपने घाटे को पूरी तरह नियंत्रित नहीं कर पाया है।

  • ऑपरेटिंग लागत और लॉजिस्टिक्स खर्च को कम करना कंपनी की प्राथमिकता है।

विस्तार योजनाएं

Captain Fresh भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रहा है।

  • नई तकनीक और सप्लाई चैन इनोवेशन के जरिए कंपनी अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना चाहती है।

किसानों और एजेंट्स के साथ संबंध

  • कंपनी स्थानीय किसानों और एजेंट्स के साथ मजबूत संबंध बनाने पर जोर दे रही है।
  • इससे उसे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

सीफूड बाजार में Captain Fresh की भूमिका

सीफूड इंडस्ट्री का बढ़ता बाजार

भारत में सीफूड की बढ़ती मांग और B2B मॉडल के प्रति बढ़ते रुझान ने Captain Fresh को तेजी से बढ़ने का मौका दिया है।

प्रतिस्पर्धा

  • इस क्षेत्र में Captain Fresh का मुकाबला अन्य B2B प्लेटफॉर्म और स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से है।
  • कंपनी ने गुणवत्ता, समय पर आपूर्ति, और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

सतत विकास पर जोर

Captain Fresh पर्यावरणीय स्थिरता और स्थानीय समुदायों के उत्थान पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

  • यह जिम्मेदार मत्स्य पालन और सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता देता है।

निष्कर्ष

Captain Fresh का IPO और प्री-IPO फंडिंग इसे भारत के सीफूड मार्केट में एक अग्रणी नाम बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

  • FY24 में राजस्व में 71% की बढ़ोतरी और मजबूत फंडिंग ने कंपनी को एक मजबूत स्थिति में ला दिया है।
  • हालांकि, कंपनी को अपने घाटे को कम करने और संचालन को और अधिक कुशल बनाने की आवश्यकता है।

Captain Fresh का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले सीफूड उत्पादों की आपूर्ति के साथ-साथ भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करना है। IPO के बाद कंपनी की वृद्धि और बाजार में इसकी भूमिका देखने लायक होगी।

Read more :Quick-commerce company Zepto को रिवर्स मर्जर के लिए NCLT की मंजूरी

Deep-tech startup Enlog ने CTO आयुष गुप्ता को सह-संस्थापक बनाया

Enlog

डीप-टेक स्टार्टअप Enlog ने अपने मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) आयुष गुप्ता को कंपनी के सह-संस्थापक के रूप में प्रमोट किया है। आयुष गुप्ता ने 2023 में Enlog जॉइन किया था और उनके पास तकनीकी क्षेत्र में पांच से अधिक वर्षों का अनुभव है।

इससे पहले, आयुष एक हाइपर-लोकल ई-कॉमर्स स्टार्टअप में वाइस प्रेसिडेंट ऑफ टेक्नोलॉजी के पद पर काम कर चुके हैं।


आयुष गुप्ता: Enlog की सफलता के स्तंभ

तकनीकी विशेषज्ञता और अनुभव

Enlog के अनुसार, आयुष गुप्ता की विशेषज्ञता स्केलेबल टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम तैयार करने और IoT-आधारित ऊर्जा अनुकूलन समाधानों को विकसित करने में है।

  • उनके नेतृत्व में, Enlog ने ऐसा बुनियादी ढांचा तैयार किया है जो:
    • 10 मिलियन IoT डिवाइसेस को संभाल सकता है।
    • बिलियंस ऑफ डेटा लॉग्स को प्रोसेस कर सकता है।
    • उपयोगकर्ताओं को मापने योग्य ऊर्जा दक्षता लाभ प्रदान करता है।

मार्केट लीडरशिप में योगदान

गुप्ता की तकनीकी दृष्टि ने Enlog को अपने क्षेत्र में नेतृत्व की स्थिति हासिल करने में मदद की है। उनके योगदान ने कंपनी को एनर्जी मैनेजमेंट स्पेस में एक मजबूत खिलाड़ी बनाया है।


Enlog का ESOP पहल और टीम विस्तार

Enlog ने हाल ही में अपने मुख्य तकनीकी टीम को ₹1 करोड़ के ESOP (Employee Stock Ownership Plan) प्रदान किए हैं।

ESOP पहल का उद्देश्य

  • शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करना
  • नवाचार को बढ़ावा देना
  • कंपनी की एनर्जी मैनेजमेंट स्पेस में स्थिति को मजबूत करना

टीम विस्तार पर जोर

Enlog अपनी टेक और नॉन-टेक टीमों में तेजी से विस्तार कर रहा है।

  • यह पहल कंपनी की विकास यात्रा का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इनोवेशन और उत्पादकता में सुधार करना है।

Enlog: ऊर्जा प्रबंधन में एक अग्रणी स्टार्टअप

Enlog का विज़न

Enlog एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो उन्नत तकनीकों और IoT समाधानों के माध्यम से ऊर्जा दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित है।

  • कंपनी स्व-प्रबंधित ऊर्जा अनुकूलन प्रणाली विकसित कर रही है जो उपयोगकर्ताओं को उनकी ऊर्जा खपत को मॉनिटर और अनुकूलित करने में मदद करती है।

टेक्नोलॉजी और IoT में निवेश

  • Enlog का IoT प्लेटफॉर्म बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग में सक्षम है।
  • यह उपयोगकर्ताओं को उनकी ऊर्जा खपत और लागत को प्रभावी ढंग से कम करने में मदद करता है।

पर्यावरणीय लाभ

Enlog की तकनीक न केवल ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में सहायक है, बल्कि यह कार्बन उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है।


Enlog का भविष्य: नवाचार और विकास

टीम निर्माण और प्रतिभा प्रबंधन

  • Enlog शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए निवेश कर रहा है।
  • ESOP पहल कंपनी के कर्मचारियों को प्रेरित करने और दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ जोड़ने का एक प्रमुख कदम है।

मार्केट विस्तार

  • कंपनी का उद्देश्य ऊर्जा प्रबंधन में अपनी सेवाओं को और अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाना है।
  • इसके साथ ही, Enlog अपने IoT-आधारित समाधानों को बड़े पैमाने पर स्केल करने की योजना बना रहा है।

तकनीकी नवाचार

  • Enlog नई तकनीकों और समाधानों पर काम कर रहा है जो उपयोगकर्ताओं को रीयल-टाइम डेटा एनालिटिक्स और ऊर्जा खपत अनुकूलन में मदद करेंगे।
  • कंपनी अपने उत्पादों को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और किफायती बनाने के लिए R&D में भी निवेश कर रही है।

आयुष गुप्ता: नेतृत्व में नई संभावनाएं

Enlog के सह-संस्थापक के रूप में, आयुष गुप्ता के पास कंपनी को अगले स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी होगी।

  • उनकी विशेषज्ञता कंपनी के तकनीकी दृष्टिकोण को और अधिक सशक्त बनाएगी।
  • उनके नेतृत्व में, Enlog अपनी एनर्जी मैनेजमेंट स्पेस में वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने की दिशा में काम करेगा।

निष्कर्ष

Enlog का आयुष गुप्ता को सह-संस्थापक बनाना कंपनी के विकास और नवाचार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

  • IoT-आधारित ऊर्जा समाधान और स्केलेबल तकनीकी प्लेटफॉर्म के माध्यम से Enlog न केवल बाजार में नेतृत्व की स्थिति बनाए रखने का प्रयास कर रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहा है।
  • कंपनी की ESOP पहल और टीम विस्तार रणनीति इसे दीर्घकालिक सफलता के लिए तैयार कर रही है।

Enlog का यह कदम भारतीय डीप-टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक नई मिसाल कायम करेगा और ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचार को प्रेरित करेगा।

Read more:South Park Commons: भारत-केंद्रित फंड के लिए जुटा रहा है निवेश