Eternal Limited, जिसे पहले आप Zomato के नाम से जानते थे, अब अपने क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म Blinkit में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में है। कंपनी अब खुद इन्वेंट्री (स्टॉक) रखने की योजना बना रही है — यानी अब प्रोडक्ट्स सीधे Eternal के पास होंगे, न कि थर्ड पार्टी सेलर्स के जरिए।
यह रणनीतिक बदलाव कंपनी के हाल ही में Indian-Owned and Controlled Company (IOCC) बनने के बाद संभव हुआ है। Eternal ने हाल ही में शेयरहोल्डर्स को भेजे एक लेटर में इसकी जानकारी दी।
📦 इन्वेंट्री मॉडल क्यों ज़रूरी है?
कंपनी का मानना है कि इन्वेंट्री को खुद कंट्रोल करना Blinkit को:
- बेहतर मार्जिन दिलाएगा
- ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाएगा
- और बाज़ार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करेगा
Eternal का कहना है कि 100% इन्वेंट्री मॉडल को अपनाने के लिए उन्हें केवल ₹1,000 करोड़ की वर्किंग कैपिटल की जरूरत होगी — जो कि FY25 में Blinkit के अनुमानित ₹22,000 करोड़ Net Order Value (NOV) का सिर्फ 5% हिस्सा है।
💬 CFO ने क्या कहा?
जब कंपनी से पूछा गया कि इतनी बड़ी इन्वेंट्री केवल ₹1,000 करोड़ में कैसे संभव होगी, तो Eternal के CFO अक्षंत गोयल ने कहा:
“Quick commerce में इन्वेंट्री बहुत तेज़ी से मूव करती है। इसलिए वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत बिज़नेस के कुल स्केल के मुकाबले कम रहती है।”
यानी Blinkit जितनी तेज़ी से सामान बेचता है, उसे उतनी ही तेज़ी से नए प्रोडक्ट्स लाने की जरूरत होती है — और यह साइकिल कम पूंजी में भी चल सकती है।
🏪 Blinkit की आक्रामक ग्रोथ
FY25 की चौथी तिमाही में Blinkit ने 294 नए स्टोर खोले और 10 लाख वर्ग फुट से ज्यादा वेयरहाउस स्पेस जोड़ा। इसके साथ ही कंपनी के कुल स्टोर की संख्या अब 1,301 हो गई है।
📈 लेकिन इस तेज़ ग्रोथ का एक दूसरा पहलू भी है — EBITDA (कमाई से पहले का लाभ) घाटा बढ़ा है:
- Q3 FY25 में: ₹103 करोड़
- Q4 FY25 में: ₹178 करोड़
यानि स्टोर और वेयरहाउस बढ़ाने से खर्च में भी बड़ा उछाल आया है।
💰 लॉन्ग टर्म में मुनाफे की उम्मीद
हालांकि Blinkit को अभी घाटा हो रहा है, लेकिन Eternal को लंबी अवधि में क्विक कॉमर्स से जबरदस्त मुनाफे की उम्मीद है।
कंपनी अभी तो प्राइवेट लेबल (यानि अपने ब्रांड वाले प्रोडक्ट्स) लॉन्च करने की योजना नहीं बना रही है, लेकिन इन्वेंट्री कंट्रोल से उन्हें उम्मीद है कि EBITDA मार्जिन 5-6% से भी ऊपर जा सकता है।
🔄 इन्वेंट्री मॉडल बनाम मार्केटप्लेस मॉडल
अब तक Blinkit मार्केटप्लेस मॉडल पर काम करता था, जिसमें थर्ड पार्टी सेलर्स अपने प्रोडक्ट्स लिस्ट करते थे और Blinkit सिर्फ डिलीवरी करता था।
लेकिन अब इन्वेंट्री मॉडल अपनाने का मतलब है:
- Blinkit खुद सामान खरीदेगा
- वेयरहाउस में स्टॉक रखेगा
- और ग्राहकों को सीधे डिलीवर करेगा
📌 इससे डिलीवरी टाइम घटेगा, मार्जिन बढ़ेगा और कस्टमर एक्सपीरियंस और बेहतर होगा।
🏁 भारत में क्विक कॉमर्स की रेस तेज़
क्विक कॉमर्स की दुनिया में Blinkit के अलावा Zepto, Swiggy Instamart और BigBasket जैसे बड़े खिलाड़ी भी मैदान में हैं।
सभी का फोकस है:
- 10-15 मिनट में डिलीवरी
- किराना, फ्रेश फूड, हाउसहोल्ड और डेली यूज आइटम्स
- बेहतर कस्टमर लॉयल्टी
इस तेजी से बढ़ते सेगमेंट में इन्वेंट्री कंट्रोल एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है।
🧠 Eternal Limited: Zomato से आगे का सफर
Zomato ने जब Blinkit को अधिग्रहित किया था, तब यह एक अलग ही तरह की चुनौती थी। अब Eternal Limited बनकर कंपनी फूड डिलीवरी से आगे बढ़कर:
- क्विक कॉमर्स
- लॉजिस्टिक्स
- और अन्य डिजिटल सर्विसेस में प्रवेश कर रही है।
Blinkit की यह इन्वेंट्री रणनीति Eternal को एक समग्र डिजिटल कॉमर्स ब्रांड बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
📌 निष्कर्ष: बड़ा दांव, बड़ा मुनाफा?
Eternal Limited का इन्वेंट्री मॉडल अपनाना एक साहसिक लेकिन सोच-समझकर उठाया गया कदम है। ₹1,000 करोड़ जैसी सीमित पूंजी में इतने बड़े स्केल पर ऑपरेशन करना आसान नहीं होगा, लेकिन अगर कंपनी की रणनीति सफल रही, तो यह Blinkit को:
- तेज़ ग्रोथ
- बेहतर मार्जिन
- और दीर्घकालिक स्थिरता
सब दिला सकता है।
अब देखना होगा कि यह मॉडल Blinkit को प्रतियोगियों से आगे निकालता है या नहीं। लेकिन इतना तय है कि Eternal अब एक नए युग में प्रवेश कर चुका है।
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