🚀 Q1 2025: भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में $3.1 बिलियन की फंडिंग, निवेशक फिर से सक्रिय — लेकिन क्या यह रफ्तार बरकरार रहेगी?

Founder article

FundingRaised.in विशेष रिपोर्ट

2024 के अंत में विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था कि 2025 में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम एक बार फिर नई ऊँचाइयों को छुएगा। लेकिन Inc42 की “Indian Tech Startup Funding Report Q1 2025” के अनुसार, भले ही फंडिंग में 41% की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई हो, पर कुल डील्स और गतिविधि लगभग स्थिर बनी हुई है।


📊 पहली तिमाही में कुल फंडिंग और डील्स

  • Q1 2025 में कुल फंडिंग: $3.1 बिलियन
  • Q1 2024 की तुलना में: 41% ज्यादा
  • Q1 2025 में डील्स की संख्या: 232
  • Q1 2024 में डील्स: 226
  • Q2 और Q3 2024 में डील्स: 280 और 268
  • Q4 2024: सबसे कमजोर तिमाही — सिर्फ 219 डील्स

हालांकि फंडिंग राशि बढ़ी है, डील्स की संख्या में कोई खास इजाफा नहीं हुआ, जो इकोसिस्टम की गति को सीमित करता है।


💰 निवेशकों की भागीदारी में उछाल

Q1 2025 में 656 निवेशकों ने भारतीय स्टार्टअप्स में पैसा लगाया — जो पिछले वर्ष के 461 निवेशकों की तुलना में 42% अधिक है।

लेकिन अगर बाकी की तीन तिमाहियों को देखें तो निवेशक संख्या 550 से 650 के बीच स्थिर रही है।


🔝 किस सेक्टर में सबसे ज्यादा निवेश?

  • डील्स की संख्या के आधार पर:
    1. फिनटेक
    2. ईकॉमर्स
    3. एंटरप्राइज टेक
  • कुल निवेश राशि के आधार पर:
    1. ईकॉमर्स
    2. एंटरप्राइज टेक
    3. फिनटेक

🌟 Q1 2025 के सबसे सक्रिय निवेशक

1. 🏦 Stride Ventures – 27 निवेश

  • Wow! Momo, Glance, Park+ में निवेश
  • 2024 में 70 स्टार्टअप्स में निवेश
  • Fund IV लॉन्च ($300 Mn का लक्ष्य)
  • DPIIT के साथ साझेदारी से ग्लोबल एक्सपैंशन में मदद
  • पोर्टफोलियो में: Zepto, Ather, SUGAR, Bluestone आदि

2. 🏦 Alteria Capital – 26 निवेश

  • Apna Mart, Pratilipi, WayCool, GIVA जैसी कंपनियों में निवेश
  • अब तक 157 निवेश, 15 यूनिकॉर्न्स
  • पोर्टफोलियो: BharatPe, Dailyhunt, Jupiter, Cars24
  • AUM: $550 Mn

3. 🌱 Blume Ventures – 21 निवेश

  • Atomicwork, GoStops, Swish Club, TakeMe2Space
  • फोकस: Seed और Pre-Series A स्टेज
  • कुल 500+ निवेश
  • यूनिकॉर्न्स: Unacademy, Slice, Spinny
  • अन्य पोर्टफोलियो: Cashify, Leverage Edu, Printo

4. 💡 ah! Ventures – 20 निवेश

  • Zealopia, TechMonk, Agrilectric, Markytics
  • प्लेटफॉर्म आधारित निवेश (Seed, Angel, Pre-Series A)
  • अब तक ₹56 करोड़ से अधिक का निवेश
  • पोर्टफोलियो: Exotel, SuperBottoms, Settl

5. 💼 Rainmatter – 20 निवेश

  • Zerodha द्वारा समर्थित
  • निवेश: Boldcare, FluxGen, Sisters In Sweat
  • फोकस: Fintech, Wellness, Climate Tech, Storytelling
  • पोर्टफोलियो: CRED, smallcase, Ultrahuman

6. 💳 BlackSoil – 19 निवेश

  • Celcius Logistics, Epaylater
  • Debt और Alternate Credit सॉल्यूशंस
  • सप्लाई चेन फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म: SaralSCF
  • RBI से अप्रूवल मिलने के बाद Caspian Debt के साथ मर्जर की योजना

7. 👼 Indian Angel Network (IAN) – 18 निवेश

  • goSTOPS, FluxGen, PlaySuper, Svastek
  • नेटवर्क: 500+ एंजेल निवेशक
  • निवेश सीमा: ₹50 लाख से ₹50 करोड़
  • पोर्टफोलियो: Ola, Druva, Spinny, Uniphore

8. 🚀 All In Capital – 15 निवेश

  • Plazza, Krvvy, Prep, Med Mitra
  • निवेश सीमा: $250K – $600K
  • संस्थापक नेटवर्क: Meesho, ShareChat, MPL के फाउंडर्स
  • पोर्टफोलियो: Giva, Mixar, MeetRecord

9. 💸 Trifecta Capital – 14 निवेश

  • Farmart, Spintly, Magenta Mobility
  • Fund Size: ₹5,000 Cr (AUM $600 Mn)
  • नए फंड में 100 स्टार्टअप्स में निवेश की योजना
  • पोर्टफोलियो: ixigo, Livspace, Atomberg

10. 🌍 Antler – 12 निवेश

  • Just Breathe, Blink Money
  • फोकस: Idea स्टेज स्टार्टअप्स
  • निवेश सीमा: $500K तक
  • स्थापना: 2018 (ग्लोबल VC)

📌 निष्कर्ष: फंडिंग वापस आई, लेकिन पूरे रफ्तार में नहीं

Q1 2025 ने भले ही निवेशकों की वापसी और $3.1 बिलियन फंडिंग के साथ एक सकारात्मक संकेत दिया हो, लेकिन डील्स की संख्या और वॉल्यूम में स्थिरता यह दिखाती है कि इकोसिस्टम अभी पूरी तरह पुनर्जीवित नहीं हुआ है।

अब सबकी निगाहें Q2 2025 पर हैं — क्या यह स्टार्टअप इंडिया के लिए पुनरुद्धार की शुरुआत बनेगा या ग्रोथ को बनाए रखना चुनौती होगी?


📢 ऐसे ही इनसाइटफुल स्टार्टअप फंडिंग और निवेश विश्लेषण के लिए पढ़ते रहें: FundingRaised.in
📊 जहां हर निवेश और सौदे का होता है पूरा लेखा-जोखा।

📊 Q1 2025 स्टार्टअप फंडिंग रिपोर्ट भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम बना रहा है गति Founder Article

Founder Article

https://fundingraised.in/ विशेष रिपोर्ट

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम 2025 की पहली तिमाही (Q1) में एक बार फिर फंडिंग, इनोवेशन और निवेश गतिविधियों से भरा रहा। Inc42 द्वारा प्रकाशित “Indian Tech Startup Funding Report – Q1 2025”Founder Article से मिले आंकड़ों पर आधारित यह विश्लेषण बताता है कि भारत का स्टार्टअप लैंडस्केप कैसे नए मुकाम हासिल कर रहा है — चाहे वो यूनिकॉर्न्स हों, निवेश ट्रेंड्स हों, या M&A एक्टिविटीज़।


🇮🇳 भारत का डिजिटल भविष्य: इंटरनेट और स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच

  • भारत में 2030 तक 1.2 अरब से अधिक इंटरनेट यूजर्स होने की उम्मीद है।
  • इंटरनेट डेटा की औसत लागत सिर्फ ₹13/GB ($0.16) है, जो इसे विश्व में सबसे सस्ता बनाती है।
  • 2024 में भारत के पास पहले से ही 886 मिलियन+ इंटरनेट यूजर्स हैं — एक डिजिटल रेवोल्यूशन।

🚀 स्टार्टअप इकोनॉमी का आकार

  • अब तक भारत में कुल $161 बिलियन से अधिक की फंडिंग हो चुकी है (2014–2025)।
  • देश में 70,000+ टेक स्टार्टअप, 120 यूनिकॉर्न, और 122 सूनिकॉर्न्स सक्रिय हैं।
  • स्टार्टअप्स ने 1.6 मिलियन से अधिक डायरेक्ट जॉब्स बनाए हैं।

💸 Q1 2025 में फंडिंग का हाल

  • Q1 2025 में भारतीय स्टार्टअप्स ने $3.1 बिलियन+ की फंडिंग जुटाई — जो Q1 2024 की तुलना में 41% अधिक है।
  • कुल 232 डील्स हुईं, जिनमें मीडियन टिकट साइज $3 मिलियन रहा।
  • 6 मेगा डील्स ($100M+), और 1 नया यूनिकॉर्न सामने आया।

🏆 टॉप 10 फंडिंग राउंड्स (Q1 2025)

  • Innovaccer (Healthtech) – $275M
  • Meesho (Ecommerce) – $251M
  • Infra.Market (Real Estate Tech) – $140M
  • अन्य बड़े नाम: upGrad, KreditBee, Livspace, और Teachmint

📍 कौन से शहर बने फंडिंग के हब?

  1. बेंगलुरु – सबसे आगे, लगभग हर सेक्टर में अग्रणी
  2. Delhi NCR – मजबूत निवेश और यूनिकॉर्न इकोसिस्टम
  3. मुंबई, हैदराबाद, पुणे – खासकर फिनटेक और हेल्थटेक फोकस

📂 किस सेक्टर को सबसे ज्यादा फंडिंग मिली?

  • Fintech: ₹6,000+ करोड़ की फंडिंग के साथ सबसे आगे
  • Ecommerce, Enterprise Tech, और Healthtech भी टॉप फंडेड सेगमेंट्स में रहे
  • Seed स्टेज में Ecommerce, Growth स्टेज में Enterprise Tech, और Late स्टेज में Fintech को मिला सबसे अधिक निवेश

🤝 M&A गतिविधियां भी तेज़

Q1 2025 में 73% YoY ग्रोथ के साथ कुल 26+ M&A डील्स हुईं।

  • Wingify (Everstone Capital द्वारा अधिग्रहण)
  • Minimalist (HUL द्वारा अधिग्रहण)
  • Fintech सेगमेंट में सबसे अधिक अधिग्रहण

📉 मेगा डील्स में गिरावट

2019–2021 के मुकाबले अब $100 मिलियन से ऊपर की डील्स में गिरावट है। अब औसतन 6 मेगा डील्स प्रति तिमाही हो रही हैं, जबकि पहले ये संख्या 30+ थी।


💼 निवेशक कौन हैं सबसे एक्टिव?

  • इस तिमाही में 650+ निवेशकों ने हिस्सा लिया।
  • टॉप निवेशकों में शामिल हैं:
    • Alteria Capital, Blume Ventures, Accel, Matrix Partners, और Lightspeed
    • Angel Networks और Accelerators की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही

🔬 निवेशकों का मूड: AI बना टॉप थीम

FundingRaised के विश्लेषण के अनुसार, निवेशकों ने Q1 2025 में “AI Agents” को सबसे बड़ा निवेश अवसर माना।

  • 76% निवेशक मानते हैं कि भारत को अपना स्वदेशी AI इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए
  • अधिकांश निवेशक Exit Multiples 2x–5x पर टिके रहे
  • EV सेक्टर में सब्सिडी कटौती के चलते स्टार्टअप्स को नुकसान की आशंका

💼 फंड लॉन्च: नए निवेश को बढ़ावा

Q1 2025 में $3.2 बिलियन से अधिक के फंड लॉन्च हुए।

  • Accel India, Bessemer, Neo Asset, Expert Dojo, Kotak Alt, Venturi, और कई घरेलू फंड्स ने नया पूंजी संकल्प लिया
  • ज़्यादातर फंड AI, Fintech, SaaS, DeepTech, Consumer Tech सेगमेंट्स पर केंद्रित

📉 स्टॉक्स में गिरावट, लेकिन निवेशकों को उम्मीद

Q1 2025 में भारत के New Age Tech स्टॉक्स में गिरावट देखी गई — लगभग 20-40% की YTD गिरावट। फिर भी, निवेशकों को उम्मीद है कि सुधार जल्द देखने को मिलेगा, खासकर AI, GreenTech, और Consumer Tech सेगमेंट्स में।


🔚 निष्कर्ष

Q1 2025 भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए मिला-जुला रहा — फंडिंग में बढ़त, M&A में तेजी, लेकिन Late-stage डील्स और मेगा फंडिंग में गिरावट। निवेशकों की नजरें अब AI और भारत-केंद्रित रणनीतियों पर हैं।

📢 यदि आप भारत की स्टार्टअप और फंडिंग खबरों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो बने रहिए FundingRaised.in के साथ — जहाँ स्टार्टअप की हर चाल है ख़ास।

read more :🇮🇳 Indian Startups Weekly Funding Report: इस हफ्ते जुटाए गए $181.21 मिलियन, Juspay और Easebuzz के बड़े निवेश 🧾🚀

2024 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण रहा।

2024 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी वर्ष रहा। इस वर्ष न केवल कुल फंडिंग में सुधार देखने को मिला, बल्कि IPO में स्नातक होने वाले स्टार्टअप्स की संख्या भी एक नए स्तर पर पहुंच गई। क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिसमें Zepto ने $1.35 बिलियन की फंडिंग के साथ इस सेगमेंट का नेतृत्व किया।

स्टार्टअप फंडिंग का विश्लेषण

FundingRaised.in Report के अनुसार, भारतीय स्टार्टअप्स ने 2024 में कुल $14.44 बिलियन की फंडिंग जुटाई।

  • ग्रोथ और लेट-स्टेज फंडिंग: $11.2 बिलियन (326 डील्स से)
  • अर्ली-स्टेज फंडिंग: $3.23 बिलियन (810 डील्स से)
  • अनडिस्क्लोज्ड राउंड्स: 201

मासिक फंडिंग ट्रेंड

फंडिंग की प्रवृत्ति पूरे वर्ष अस्थिर रही:

  • जनवरी में $719.42 मिलियन से शुरुआत हुई।
  • जून में $1.92 बिलियन तक पहुंची।
  • जुलाई में गिरावट के बाद, अगस्त और सितंबर में $1.5 बिलियन से अधिक की वृद्धि हुई।
  • दिसंबर में $1.32 बिलियन के साथ वर्ष का अंत मजबूत रहा।

2024 में कुल फंडिंग $14.44 बिलियन रही, जो 2023 के $11.3 बिलियन से अधिक है। हालांकि, यह 2021 के $38 बिलियन और 2022 के $25 बिलियन से अभी भी कम है।

2024 के प्रमुख ग्रोथ-स्टेज सौदे

2024 में कई क्षेत्रों में बड़ी डील्स हुईं।

  1. Zepto – $1.35 बिलियन (क्विक कॉमर्स)
  2. Flipkart – $350 मिलियन (ई-कॉमर्स)
  3. Pharmeasy – $216 मिलियन (हेल्थटेक)
  4. Engrail – $157 मिलियन (हेल्थटेक)
  5. Lenskart – $200 मिलियन (ई-कॉमर्स)
  6. Atlan – $105 मिलियन (AI)
  7. Pocket FM – $103 मिलियन (मीडिया)

अर्ली-स्टेज डील्स

अर्ली-स्टेज फंडिंग में भी कई दिलचस्प डील्स हुईं।

  1. SCOPE – $90 मिलियन (नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म)
  2. Avail – $70 मिलियन (ब्लॉकचेन)
  3. Krutrim – $50 मिलियन (AI सॉल्यूशंस)
  4. Indkal – $36 मिलियन (इलेक्ट्रॉनिक्स)
  5. IBC – $35 मिलियन (लिथियम-आयन बैटरियां)
  6. StockGro – $24.7 मिलियन (सोशल इन्वेस्टिंग)

मर्जर और अधिग्रहण

2024 में कुल 144 अधिग्रहण हुए।

  • OYO ने G6 Hospitality को $525 मिलियन में खरीदा।
  • Zomato ने Paytm की मूवी और टिकटिंग सेवा को $244 मिलियन में अधिग्रहित किया।
  • Freshworks ने Device42 को $230 मिलियन में खरीदा।

ESOP बायबैक और लिक्विडिटी

2024 में कुल $190 मिलियन के ESOP बायबैक और लिक्विडिटी दर्ज की गई।

  1. Swiggy – $65 मिलियन
  2. Whatfix – $58 मिलियन
  3. Urban Company – $24.4 मिलियन

2024 का ESOP आंकड़ा 2023 के $802 मिलियन की तुलना में काफी कम रहा। हालांकि, IPO ने कर्मचारियों के लिए बड़े लिक्विडिटी इवेंट्स प्रदान किए।


शहर और सेगमेंट-वाइज फंडिंग

शहर-वाइज डील्स

  1. बेंगलुरु: 485 डील्स ($5.06 बिलियन)
  2. दिल्ली-एनसीआर: 332 डील्स ($3.12 बिलियन)
  3. मुंबई: 231 डील्स ($3.76 बिलियन)

सेगमेंट-वाइज डील्स

  1. ई-कॉमर्स: 222 डील्स ($3.51 बिलियन)
  2. फिनटेक: 211 डील्स ($3.23 बिलियन)
  3. हेल्थटेक: 120 डील्स ($1.14 बिलियन)

लेऑफ्स और शटडाउन्स

2024 में 4,700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया।

  • BYJU’s: 500 कर्मचारी
  • Swiggy: 350 कर्मचारी
  • Unacademy: 250 कर्मचारी

शटडाउन्स

2024 में 17 कंपनियों ने संचालन बंद कर दिया, जिनमें प्रमुख थे:

  • Resso (India): जनवरी में
  • Koo: जुलाई में
  • Kenko: अगस्त में

2024 की मुख्य प्रवृत्तियां

  1. IPO में वृद्धि: 13 स्टार्टअप्स ने IPO लॉन्च किए, जो 2023 के 6 IPO से दोगुने हैं।
  2. AI और हेल्थटेक का विकास:
    • AI ने 59 डील्स में $429.66 मिलियन जुटाए।
    • हेल्थटेक ने $1.14 बिलियन जुटाए।
  3. लेऑफ्स में कमी: 2023 के 24,000 की तुलना में 2024 में केवल 4,700।

Report:

2024 ने भारतीय स्टार्टअप्स को न केवल वित्तीय बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी सशक्त किया।
2025 के लिए संकेत सकारात्मक हैं, जहां IPO लाइनअप मजबूत दिखता है। उम्मीद है कि क्लाइमेट टेक, एग्रीटेक, और लॉजिस्टिक्स में नई संभावनाएं उभरेंगी।

भारतीय स्टार्टअप्स का यह सफर न केवल आर्थिक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि नवाचार और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते भारत की कहानी भी कहता है।

Read more :Sports startup KIBI Sports ने प्री-सीड फंडिंग राउंड में जुटाए ₹83 लाख

Swiggy का शानदार आईपीओ डेब्यू: पहले ही दिन शेयर में उछाल

Swiggy IPO

फूडटेक कंपनी Swiggy ने आज स्टॉक मार्केट में धमाकेदार एंट्री की, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 420 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट होकर 7.69% की बढ़त दर्ज की। Swiggy के आईपीओ का प्राइस बैंड 371-390 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था और इसकी कीमत 390 रुपये थी। शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद पहले ही दिन 7.69% का प्रीमियम देखने को मिला।

IPO के जरिए Swiggy ने जुटाए 4,499 करोड़ रुपये

Swiggy के आईपीओ को निवेशकों ने जबरदस्त प्रतिक्रिया दी। IPO को 3.6 गुना अधिक सब्सक्राइब किया गया, जिसमें 4,499 करोड़ रुपये की नई इश्यू और 17.51 करोड़ शेयरों की ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) शामिल थी। ओएफएस के जरिए 6,828 करोड़ रुपये की रकम जुटाई गई।

Swiggy में निवेशकों का भारी मुनाफा

Swiggy का आईपीओ कई बड़े निवेशकों के लिए एक मजबूत निवेश साबित हुआ। Prosus, Accel, Elevation, Tencent, और SoftBank जैसे निवेशकों ने Swiggy में निवेश किया था। स्विग्गी के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, Prosus ने 9,055 करोड़ रुपये (लगभग 1.07 बिलियन डॉलर) का निवेश किया था और आईपीओ में 26,927 करोड़ रुपये (3.2 बिलियन डॉलर) का मुनाफा कमाया। इस तरह Prosus ने अपने निवेश पर 2.12 बिलियन डॉलर का लाभ हासिल किया है।

Tencent और SoftBank को भी हुआ अच्छा रिटर्न

Tencent ने Swiggy में लगभग 1,343 करोड़ रुपये का निवेश किया और आईपीओ में 3,166 करोड़ रुपये कमाए, यानी 2.35X रिटर्न मिला। इसी तरह, SoftBank और Tencent का निवेश क्रमशः 6,743 करोड़ रुपये ($800 मिलियन) और 3,165 करोड़ रुपये ($377 मिलियन) था, जो एक महत्वपूर्ण रिटर्न साबित हुआ। ये आंकड़े 390 रुपये के इश्यू प्राइस पर आधारित हैं, लेकिन स्टॉक की कीमत में बदलाव के साथ ये संख्या बदल सकती है।

Swiggy के IPO से कर्मचारियों को भी होगा बड़ा लाभ

Swiggy के IPO से कंपनी के लगभग 500 कर्मचारियों को भी बड़ा फायदा होगा। ESOP (Employee Stock Ownership Plan) के माध्यम से कर्मचारियों को लगभग 9,000 करोड़ रुपये का लाभ मिलने की संभावना है। यह उनके लिए एक बड़ी आर्थिक उपलब्धि साबित हो सकती है, जो उन्हें दीर्घकालिक विकास में मदद करेगी।

Swiggy का शेयर मार्केट में मजबूत प्रदर्शन

Swiggy का शेयर इस समय 445.45 रुपये पर ट्रेड कर रहा है, जिससे कंपनी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 99,745 करोड़ रुपये ($11.87 बिलियन) हो गया है। यह पिछली $10 बिलियन की वैल्यूएशन से 18.4% अधिक है, जो कंपनी ने अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस फाइलिंग के समय हासिल की थी।

CEO श्रीहर्ष माजेटी ने जताई Swiggy के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद

Swiggy के CEO श्रीहर्ष माजेटी ने कंपनी के भविष्य को लेकर आशावाद व्यक्त किया। लिस्टिंग सेरेमनी के दौरान माजेटी ने कहा, “हम अगले 3-5 वर्षों में बहुत मजबूत विकास की उम्मीद कर रहे हैं। हम अपने Instamart व्यवसाय के लिए भौगोलिक विस्तार और स्टोर नेटवर्क में वृद्धि कर रहे हैं।” कंपनी का इरादा है कि वह अपनी सेवाओं को और अधिक स्थानों तक पहुंचाए और Instamart के जरिए किराना डिलीवरी को नए स्तर तक ले जाए।

लिस्टिंग से पहले Swiggy ने जुटाए 600 मिलियन डॉलर

Swiggy की लिस्टिंग से पहले कंपनी ने कुछ बड़े एंकर निवेशकों से 600 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि जुटाई थी। इनमें BlackRock, Fidelity, SBI Mutual Fund, ICICI Prudential Mutual Fund, HSBC, Nomura, BNP Paribas, और Allianz Global जैसे प्रमुख संस्थागत निवेशक शामिल थे। इन निवेशकों का समर्थन Swiggy के मजबूत बिजनेस मॉडल और उसके विकास की संभावनाओं पर भरोसे को दर्शाता है।

प्रतिद्वंद्वी Zomato से मार्केट कैप में पीछे

Swiggy का सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी Zomato है, जिसका बाजार पूंजीकरण इस समय 27.23 बिलियन डॉलर है, जो Swiggy की वर्तमान मार्केट कैप से लगभग दोगुना है। Swiggy और Zomato के बीच यह मुकाबला भारतीय फूड डिलीवरी बाजार में ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

Swiggy का आईपीओ भारत के टेक और फूड डिलीवरी सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। यह न केवल कंपनी के निवेशकों के लिए लाभदायक रहा, बल्कि कंपनी के कर्मचारियों और इसके बिजनेस विस्तार के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

Readmore: boAt: कैसे एक भारतीय ब्रांड ने ऑडियो इंडस्ट्री में मचाई धूम

boAt: कैसे एक भारतीय ब्रांड ने ऑडियो इंडस्ट्री में मचाई धूम

Boat Office

boAt के संस्थापकों के बारे में

1. boAt Co-Founder: अमन गुप्ता (Aman Gupta):

aman gupta founder Boat
  • पृष्ठभूमि: अमन गुप्ता दिल्ली में पले-बढ़े और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप में की। इसके बाद, उन्होंने MBA की डिग्री आईआईएम कोलकाता से प्राप्त की।
  • उद्यमिता: अमन ने पहले विभिन्न कंपनियों में काम किया, लेकिन उनका सपना हमेशा अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का था। उन्होंने boAt की स्थापना 2016 में की और इसे ऑडियो उपकरणों के क्षेत्र में एक प्रमुख ब्रांड बनाने के लिए कई रणनीतियाँ अपनाईं।
  • भूमिका: अमन गुप्ता boAt के को-फाउंडर और सीएमओ (Chief Marketing Officer) हैं। उन्होंने मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दिया, जिससे boAt ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की। अमन की उद्यमिता की यात्रा और उनके दृष्टिकोण ने कंपनी को युवा उपभोक्ताओं के बीच एक अनूठी पहचान दिलाई।

2. Sameer Mehta boAt के सह-संस्थापक (Co-founder) :

  • Sameer Mehta boAt के सह-संस्थापक (Co-founder) और निदेशक (Director) हैं। उन्होंने अमन गुप्ता के साथ मिलकर boAt की स्थापना की थी और कंपनी को एक प्रमुख ऑडियो ब्रांड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • Sameer Mehta का boAt में मुख्य योगदान प्रोडक्ट डेवेलपमेंट, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और व्यवसायिक रणनीतियों को लेकर रहा है। उनकी विशेषज्ञता और बाजार की समझ ने boAt को गुणवत्तापूर्ण, आकर्षक और किफायती उत्पादों के साथ ग्राहकों की पसंद बनने में मदद की। इसके अलावा, Sameer Mehta ने कंपनी के ऑपरेशंस को अधिक सुगम और कुशल बनाने के लिए मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण किया, जिससे boAt उत्पादों की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित हो सके।

boAt की सफलता का सफर

बोट का ब्रांडिंग स्ट्रेटेजी:

  1. सशक्त पहचान: boAt ने अपने ब्रांड का नाम और लोगो बहुत सोच-समझकर चुना। “boAt” नाम एक नाव के संदर्भ में है, जो यात्रा और संगीत के अनुभव को जोड़ता है। इसका सरल और यादगार नाम युवाओं को आसानी से पसंद आया।
  2. टारगेट ऑडियंस: boAt ने अपनी मार्केटिंग रणनीति में युवा उपभोक्ताओं को प्राथमिकता दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Instagram, Facebook, और YouTube का उपयोग किया, जहां युवा लोग अधिक सक्रिय होते हैं।
  3. इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग: boAt ने कई प्रभावशाली व्यक्तियों और सेलिब्रिटीज़ के साथ सहयोग किया। जैसे कि क्रिकेट खिलाड़ी, बॉलीवुड सितारे, और संगीतकार। इनकी मदद से boAt ने अपने उत्पादों को प्रमोट किया, जिससे ब्रांड की विश्वसनीयता बढ़ी।
  4. किफायती मूल्य: boAt के उत्पादों की कीमत अन्य प्रीमियम ब्रांड्स की तुलना में काफी कम थी। इसने युवाओं के बीच इसकी लोकप्रियता को बढ़ाने में मदद की। boAt ने गुणवत्ता के साथ-साथ मूल्य पर भी ध्यान दिया, जिससे ग्राहक संतुष्ट रहें।
  5. उत्पाद विविधता: boAt ने अपने उत्पादों की रेंज को काफी विस्तृत रखा। उनके पास हेडफोन्स, ईयरफोन्स, स्पीकर्स और स्मार्ट वॉच जैसी विभिन्न श्रेणियां हैं। यह विभिन्न उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को पूरा करता है और बाजार में उनकी स्थिति को मजबूत करता है।

उत्पाद की गुणवत्ता:

boAt ने अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया है। कंपनी ने उच्च गुणवत्ता के ऑडियो ड्राइवर, लंबे समय तक चलने वाली बैटरी और आरामदायक डिजाइन जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया। इसके परिणामस्वरूप, ग्राहकों को एक संतोषजनक अनुभव मिला, जिसने ब्रांड के प्रति विश्वास को बढ़ाया।

सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग:

boAt ने सोशल मीडिया को अपने ब्रांडिंग का एक प्रमुख हिस्सा बनाया। उन्होंने विभिन्न कंटेंट जैसे कि मीम्स, वीडियो और इन्फोग्राफिक्स का उपयोग करके युवा उपभोक्ताओं के साथ संबंध बनाने का प्रयास किया। इसके अलावा, boAt ने लाइव इवेंट्स और प्रतियोगिताएं आयोजित कीं, जिससे उपभोक्ताओं का जुड़ाव बढ़ा।

उपभोक्ता प्रतिक्रिया और समीक्षा:

boAt ने उपभोक्ताओं की समीक्षाओं को बहुत गंभीरता से लिया। उन्होंने ग्राहकों से फीडबैक मांगा और उत्पादों में सुधार के लिए उसे लागू किया। यह ग्राहकों को यह एहसास दिलाने में मदद करता है कि उनकी राय महत्वपूर्ण है और इससे ब्रांड की विश्वसनीयता बढ़ी है।

ब्रांड के विकास के परिणाम:

boAt ने 2016 से लेकर अब तक तेज़ी से विकास किया है। 2020 में, boAt भारत में हेडफोन्स और ईयरफोन्स के लिए सबसे बड़े ब्रांडों में से एक बन गया। कंपनी की बिक्री में भारी वृद्धि हुई है, और इसकी उपस्थिति ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों चैनलों में बढ़ी है।

भविष्य की संभावनाएं:

boAt ने अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए विभिन्न नए उत्पाद लॉन्च करने की योजना बनाई है। साथ ही, उन्होंने नई तकनीकों और स्मार्ट उपकरणों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। boAt का लक्ष्य न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बनाना है।

boAt की फंडिंग के बारे में

boAt ने अपनी स्थापना के बाद से कई फंडिंग राउंड्स के माध्यम से वित्तीय समर्थन प्राप्त किया है। यहाँ हम boAt की फंडिंग के प्रमुख चरणों का विवरण देंगे:

1. प्रारंभिक फंडिंग:

  • boAt ने अपने शुरुआती दिनों में व्यक्तिगत निवेशकों और संस्थागत निवेशकों से प्रारंभिक फंडिंग प्राप्त की। इस प्रारंभिक पूंजी का उपयोग उत्पाद विकास, मार्केटिंग और ब्रांड निर्माण में किया गया।

2. सीड राउंड:

  • boAt ने अपने पहले सीड राउंड में लगभग $2 मिलियन (लगभग 14 करोड़ रुपये) जुटाए। इस फंडिंग से कंपनी ने अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने और बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए।

3. सीरीज A फंडिंग (2019):

  • boAt ने 2019 में सीरीज A फंडिंग राउंड में $4 मिलियन (लगभग 28 करोड़ रुपये) जुटाए। इस राउंड का नेतृत्व सिर्फ़ वेंचर्स (Sequoia Capital India) ने किया। यह फंडिंग boAt के विस्तार और नई तकनीकों के विकास में मददगार साबित हुई।

4. सीरीज B फंडिंग (2020):

  • boAt ने 2020 में एक और फंडिंग राउंड में $20 मिलियन (लगभग 140 करोड़ रुपये) जुटाए। इस राउंड में भी सिर्फ़ वेंचर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस फंडिंग का उपयोग boAt ने अपने ब्रांड की पहुंच बढ़ाने और नए उत्पाद लॉन्च करने के लिए किया।

5. सीरीज C फंडिंग (2021):

  • boAt ने 2021 में एक और फंडिंग राउंड में $100 मिलियन (लगभग 700 करोड़ रुपये) जुटाए। इस राउंड में फरवरी कैपिटल (Fireside Ventures) और अन्य निवेशकों ने हिस्सा लिया। इस फंडिंग ने boAt को अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार करने की अनुमति दी और नए उत्पादों के विकास में मदद की।

boAt की फंडिंग का प्रभाव

  • उत्पाद विकास: boAt ने फंडिंग का उपयोग नए उत्पादों के विकास, तकनीकी नवाचार, और गुणवत्ता सुधार के लिए किया है।
  • मार्केटिंग और ब्रांडिंग: फंडिंग का एक बड़ा हिस्सा मार्केटिंग और ब्रांड प्रमोशन में लगाया गया, जिससे boAt ने युवा उपभोक्ताओं के बीच एक मजबूत पहचान बनाई।
  • विस्तार: फंडिंग से boAt को अपने उत्पादों की विविधता बढ़ाने और नई श्रेणियों में प्रवेश करने का अवसर मिला।
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार: फंडिंग ने boAt को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश करने की योजना बनाने में सहायता की, जिससे कंपनी की वैश्विक पहचान मजबूत हुई।

Read More: UK के 27 बड़े स्टार्टअप्स 2024

UK के 27 बड़े स्टार्टअप्स 2024

UK के 27 बड़े स्टार्टअप्स 2024

UK के 27 बड़े स्टार्टअप्स जो नए आइडियाज से व्यापार में बदलाव ला रहे हैं, यूके के 27 बड़े स्टार्टअप्स और उनके आइडियाज के बारे मैं पढ़े, और जाने स्टार्टअप्स की फंडिंग और वैल्यूएशन के बारे में

UK startups
UK

UK To Startups

  1. Beckley Psytech
    साइकेडेलिक थैरेपी के जरिए मानसिक स्वास्थ्य का इलाज करने वाली कंपनी।
    संस्थापक: लेडी अमांडा फील्डिंग, कॉस्मो फील्डिंग मेलन
    वैल्यूएशन: £229 मिलियन
    फंडिंग: £110 मिलियन
  2. Bloom & Wild
    फ्लॉवर डिलीवरी के क्षेत्र में डिजिटल सेवाएं देने वाला स्टार्टअप।
    संस्थापक: आरोन गेलबर्ड
    वैल्यूएशन: £416 मिलियन
    फंडिंग: £131.72 मिलियन
  3. Checkout.com
    ऑनलाइन पेमेंट प्रोसेसिंग की सुविधा देने वाला प्लेटफार्म।
    संस्थापक: गिलियम पाउसेज
    वैल्यूएशन: £8.6 बिलियन
    फंडिंग: £1.8 बिलियन
  4. Unitary.ai
    एआई की मदद से इमेज और वीडियो मॉडरेशन में विशेषज्ञता।
    संस्थापक: सैश हाको, जेम्स थेवलिस
    वैल्यूएशन: £40 मिलियन
    फंडिंग: £20 मिलियन
  5. Lottie
    केयर होम और रिटायरमेंट लिविंग खोजने की सुविधा।
    संस्थापक: विल डॉनेली, क्रिस डॉनेली
    वैल्यूएशन: £80 मिलियन
    फंडिंग: £25.5 मिलियन
  6. Gymshark
    फिटनेस वियर का उत्पादन करने वाला स्टार्टअप।
    संस्थापक: बेन फ्रांसिस
    वैल्यूएशन: £1 बिलियन
    फंडिंग: £220 मिलियन
  7. OakNorth Bank
    छोटे व्यवसायों को वित्तीय सेवाएं देने वाला ऑनलाइन बैंक।
    संस्थापक: ऋषि खोसला
    वैल्यूएशन: £3.9 बिलियन
    फंडिंग: £759 मिलियन
  8. Bloom
    ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए शॉर्ट-टर्म फाइनेंसिंग समाधान।
    संस्थापक: नीना मोहंती, जेसी लीमग्रुबर
    वैल्यूएशन: £1.5-1.9 बिलियन
    फंडिंग: £312 मिलियन
  9. Sano Genetics
    व्यक्तिगत चिकित्सा अनुसंधान को आसान बनाने वाला प्लेटफार्म।
    संस्थापक: चार्लोट गुज्जो, पैट्रिक शॉर्ट, विलियम जोन्स
    वैल्यूएशन: £47 मिलियन
    फंडिंग: £21 मिलियन
  10. Hyperexponential
    बीमा क्षेत्र के लिए प्राइसिंग सॉफ्टवेयर।
    संस्थापक: अमृत संथिरसेनन
    वैल्यूएशन: £300-380 मिलियन
    फंडिंग: £61 मिलियन
  11. Tide
    छोटे व्यवसायों के लिए डिजिटल बैंकिंग सेवाएं।
    संस्थापक: टॉम ब्लॉमफील्ड
    वैल्यूएशन: £650 मिलियन
    फंडिंग: £79 मिलियन
  12. Birdie
    बुजुर्गों के लिए पर्सनलाइज्ड होम केयर सेवाएं।
    संस्थापक: अबीद मोहम्मद, मैक्स पर्मेंटियर
    वैल्यूएशन: £200 मिलियन
    फंडिंग: £40 मिलियन
  13. Zopa
    पीयर-टू-पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म।
    संस्थापक: गिल्स एंड्रयूज, जेम्स एलेक्जेंडर
    वैल्यूएशन: £700 मिलियन
    फंडिंग: £600 मिलियन
  14. Conigital
    एआई-ड्रिवन ड्राइवरलेस वाहन तकनीक।
    संस्थापक: डॉन-पॉल धालीवाल, मोनिका सेठ
    वैल्यूएशन: £2 बिलियन
    फंडिंग: £400 मिलियन
  15. Graphcore
    एआई और मशीन लर्निंग के लिए प्रोसेसर बनाने वाली कंपनी।
    संस्थापक: निगेल टून, साइमन नोलेस
    वैल्यूएशन: £1.8 बिलियन
    फंडिंग: £500 मिलियन
  16. SuperAwesome
    बच्चों के लिए सुरक्षित डिजिटल मीडिया अनुभव देने वाला प्लेटफार्म।
    संस्थापक: डिलन कॉलिन्स
    वैल्यूएशन: £79 मिलियन
    फंडिंग: £40 मिलियन
  17. Monzo Bank
    डिजिटल बैंकिंग सेवा में अग्रणी।
    संस्थापक: टिम बॉमफील्ड
    वैल्यूएशन: £3.4 बिलियन
    फंडिंग: £1 बिलियन
  18. Starling Bank
    ऐप-आधारित बैंकिंग स्टार्टअप।
    संस्थापक: ऐनी बोडेन
    वैल्यूएशन: £2.6 बिलियन
    फंडिंग: £800 मिलियन
  19. Darktrace
    साइबर सुरक्षा के लिए एआई पर आधारित स्टार्टअप।
    संस्थापक: पोपी गुस्ताफसन, डेव पामर
    वैल्यूएशन: £2.3 बिलियन
    फंडिंग: £182 मिलियन
  20. Wise (TransferWise)
    अंतर्राष्ट्रीय मनी ट्रांसफर सेवा।
    संस्थापक: क्रिस्टो क्यारमन, टावेट हिनरिकस
    वैल्यूएशन: £4.7 बिलियन
    फंडिंग: £312 मिलियन
  21. Cazana
    यूज़्ड कार मार्केट में क्रांति लाने वाली कंपनी।
    संस्थापक: टॉम वुड
    वैल्यूएशन: £26 मिलियन
    फंडिंग: £2.5 मिलियन
  22. Deliveroo
    फूड डिलीवरी सेवा।
    संस्थापक: विलियम शु
    वैल्यूएशन: £1.1 बिलियन
    फंडिंग: £1.3 बिलियन
  23. Improbable
    गेमिंग और सिमुलेशन तकनीक में अग्रणी।
    संस्थापक: हरमन नरुला, रॉब व्हाइटहेड
    वैल्यूएशन: £2.7 बिलियन
    फंडिंग: £650 मिलियन
  24. Revolut
    डिजिटल बैंकिंग में क्रांति लाने वाला प्लेटफार्म।
    संस्थापक: निकोलाई स्टोरोंस्की, व्लाद यत्सेंको
    वैल्यूएशन: £14 बिलियन
    फंडिंग: £1.3 बिलियन
  25. Ometria
    ई-कॉमर्स मार्केटिंग ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर।
    संस्थापक: इवान मज़ोर
    वैल्यूएशन: £130 मिलियन
    फंडिंग: £49 मिलियन
  26. Fever
    एक्टिविटी और इवेंट्स खोजने में मदद करने वाला ऐप।
    संस्थापक: पेप गोमेज़
    वैल्यूएशन: £1.4 बिलियन
    फंडिंग: £345 मिलियन
  27. SumUp
    छोटे व्यवसायों के लिए पेमेंट सॉल्यूशंस।
    संस्थापक: डैनियल क्लाइन, मार्क-एलेक्सेंडर क्रिस्ट
    वैल्यूएशन: £6.7 बिलियन
    फंडिंग: £550 मिलियन

Read More : Last Week Indian startups ने 449.33 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई

Zerodha ने Open-Source प्रोजेक्ट्स के लिए नए फंड की घोषणा की-16 Oct’24

Zerodha

ज़ेरोधा (Zerodha), जो भारत की प्रमुख फिनटेक यूनिकॉर्न कंपनी है, ने हाल ही में FLOSS/fund नामक एक नया फंड लॉन्च किया है। इस फंड का उद्देश्य उन ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिन्हें व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, लेकिन उन्हें अक्सर वित्तीय स्थिरता की चुनौती का सामना करना पड़ता है। ज़ेरोधा का यह कदम ओपन-सोर्स समुदाय के प्रति एक महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है, क्योंकि कंपनी खुद भी अपने विकास में ओपन-सोर्स टूल्स का इस्तेमाल करती रही है।

FLOSS/fund: ओपन-सोर्स के लिए वित्तीय सहायता

FLOSS/fund का मुख्य उद्देश्य Free/Libre and Open Source Software (FOSS) प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इन प्रोजेक्ट्स का तकनीकी क्षेत्र में बड़ा योगदान होता है, लेकिन इनके डेवलपर्स को आमतौर पर स्थिर वित्तीय सहायता नहीं मिल पाती। इस फंड के तहत ज़ेरोधा सालाना $1 मिलियन की राशि ओपन-सोर्स परियोजनाओं को देगी, ताकि वे अपनी गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकें और तकनीकी विकास में योगदान जारी रख सकें।

ज़ेरोधा और ओपन-सोर्स का कनेक्शन

ज़ेरोधा के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) ने बताया कि कंपनी का अधिकतर तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर ओपन-सोर्स टूल्स पर आधारित है। इन ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स के बिना ज़ेरोधा का मौजूदा स्वरूप संभव नहीं होता। ज़ेरोधा का ये नया फंड इस बात को मान्यता देता है कि ओपन-सोर्स समुदाय का उनके व्यवसाय पर गहरा प्रभाव रहा है, और कंपनी अब उसी समुदाय को वापस देने की दिशा में कदम उठा रही है।

रेन्मैटर: ज़ेरोधा की वेंचर कैपिटल शाखा

यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि ज़ेरोधा की एक वेंचर कैपिटल शाखा है जिसका नाम रेन्मैटर (Rainmatter) है। यह शाखा 2016 में लॉन्च की गई थी और तब से अब तक 100 से ज्यादा स्टार्टअप्स में निवेश कर चुकी है। इनमें 31 फिनटेक स्टार्टअप्स, 28 क्लाइमेट टेक स्टार्टअप्स, और 21 हेल्थ और न्यूट्रिशन सेक्टर से जुड़े स्टार्टअप्स शामिल हैं। रेन्मैटर के जरिए ज़ेरोधा न केवल वित्तीय, बल्कि पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्रों में भी निवेश कर रही है।

ज़ेरोधा के संस्थापक: निखिल और नितिन कामत

ज़ेरोधा के संस्थापक निखिल कामत और नितिन कामत दोनों ही स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सक्रिय नाम हैं। वे एंजल इन्वेस्टर्स के रूप में भी जाने जाते हैं, जो उभरते हुए स्टार्टअप्स में शुरुआती निवेश करते हैं। निखिल कामत ने अभिजीत पाई के साथ मिलकर ग्रुहास (Gruhas) की भी सह-स्थापना की है, जो एक और महत्वपूर्ण वेंचर है।

ज़ेरोधा की वित्तीय स्थिति

ज़ेरोधा का वित्तीय प्रदर्शन भी उल्लेखनीय है। हाल ही में कंपनी ने अपने FY24 के परिणामों में 61% की वृद्धि दर्ज की। कंपनी का समेकित लाभ कर (PAT) INR 4,700 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह INR 2,909 करोड़ था। इस वृद्धि का मुख्य कारण व्यवसाय के विस्तार और ग्राहक आधार में वृद्धि था।

ज़ेरोधा ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल INR 8,320 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि पिछले साल के INR 6,875 करोड़ से 21% अधिक था। यह आंकड़े ज़ेरोधा की स्थिरता और इसके कारोबार के विस्तार का स्पष्ट संकेत हैं।

ग्राहकों के लिए मुफ़्त सेवाएँ

ज़ेरोधा ने अपने ग्राहकों के लिए एक्विटी डिलीवरी को मुफ्त रखने का निर्णय लिया है, भले ही SEBI के नए फ्लैट फीस ढांचे के तहत बदलाव किए गए हों। इस निर्णय से ज़ेरोधा ने अपने प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को एक अतिरिक्त लाभ प्रदान किया है, जिससे यह अन्य ब्रोकरेज फर्मों से अलग नजर आता है।

SEBI का नया डेरिवेटिव फ्रेमवर्क

हालांकि, ज़ेरोधा को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। SEBI के नए डेरिवेटिव फ्रेमवर्क के तहत, कंपनी को ट्रेड्स की संख्या में लगभग 30% की कमी का अनुमान है। इस नए ढांचे के कारण ज़ेरोधा के प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आ सकती है, जो इसके लाभ पर कुछ असर डाल सकता है।

ओपन-सोर्स का भविष्य

FLOSS/fund का लॉन्च ओपन-सोर्स समुदाय के लिए एक सकारात्मक कदम है। इस पहल से ज़ेरोधा ने यह साबित कर दिया है कि वह न केवल अपने व्यापारिक हितों का ध्यान रखती है, बल्कि तकनीकी और सामाजिक सुधारों में भी योगदान देने के लिए तैयार है। इस फंड के जरिए कई ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे अपनी परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकेंगे।

Zerodha

ज़ेरोधा का नया FLOSS/fund ओपन-सोर्स परियोजनाओं के लिए एक मजबूत समर्थन है। इस कदम से ज़ेरोधा ने यह दिखा दिया है कि वह केवल मुनाफे के लिए काम नहीं करती, बल्कि अपने द्वारा उपयोग किए गए टूल्स और समुदाय को भी वापस देना चाहती है। इसके अलावा, ज़ेरोधा का वित्तीय प्रदर्शन और इसकी उद्यमशीलता में सक्रियता इसे फिनटेक उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती है।

Read More : Top 27 Funded Startups: 27 सबसे ज़्यादा फंडिंग प्राप्त करने वाले स्टार्टअप्स

Read More Top 20 Failed स्टार्टअप्स in India

Jio Cinema Crosses 1.6 Crore Paid Subscribers- जियो सिनेमा ने 1.6 करोड़ पेड सब्सक्राइबर का माइलस्टोन पार किया

Jio cinema

Jio Cinema नेटवर्क18 ने के पेड यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी का कारण किफायती मंथली सब्सक्रिप्शन प्लान्स और कंटेंट कैटलॉग को बताया है।
कंपनी ने कहा कि डिजिटल-फर्स्ट रियलिटी शो और इंटरनेशनल कंटेंट कैटलॉग ने सब्सक्राइबर की संख्या में अहम भूमिका निभाई है।
यह विकास ऐसे समय में हो रहा है जब रिलायंस इंडस्ट्रीज, वायकॉम18 और द वॉल्ट डिज़नी कंपनी के मर्जर की प्रक्रिया जारी है।

रिलायंस का स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म जियोसिनेमा ने सितंबर 2024 के अंत तक 1.6 करोड़ पेड सब्सक्राइबर का आंकड़ा पार कर लिया है।

दूसरी तिमाही (Q2) का अपडेट: नेटवर्क18 की दूसरी तिमाही (Q2) के फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (FY25) की रिपोर्ट के अनुसार, ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म ने पिछली तिमाही की तुलना में 2X वृद्धि दर्ज की है।
कंपनी ने कहा कि सब्सक्राइबर की इस वृद्धि का मुख्य कारण किफायती मंथली सब्सक्रिप्शन प्लान्स और विस्तारित कंटेंट कैटलॉग है।

सब्सक्रिप्शन प्लान्स का असर: नेटवर्क18 के BSE फाइलिंग के अनुसार, “जियोसिनेमा ने INR 29 प्रति महीने और INR 89 प्रति महीने (फैमिली प्लान) के किफायती सब्सक्रिप्शन प्लान्स की वजह से 16 मिलियन पेड सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा पार किया और यह सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला OTT प्लेटफॉर्म बन गया।”
इस प्लानिंग के साथ, जियोसिनेमा का कंटेंट कैटलॉग भी बढ़ता जा रहा है, जिसमें डिजिटल-फर्स्ट रियलिटी शो और इंटरनेशनल कंटेंट प्रमुख हैं।

गैर-क्रिकेट खेलों में बढ़ती रुचि: पेरिस ओलंपिक्स 2024 की व्यापक कवरेज और क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में बढ़ती दिलचस्पी ने भी यूजर एंगेजमेंट को बढ़ावा दिया है।
नेटवर्क18 के अनुसार, “जियोसिनेमा पर यूजर्स का औसत एंगेजमेंट प्रतिदिन 50 मिनट से अधिक हो गया है।”
इसके साथ ही, यह OTT प्लेटफॉर्म दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में देश का सबसे तेज़ी से बढ़ता सब्सक्रिप्शन-बेस्ड प्लेटफॉर्म बन गया है।

सब्सक्रिप्शन प्लान की रणनीति: रिलायंस द्वारा संचालित इस OTT प्लेटफॉर्म ने अप्रैल 2024 में INR 29 प्रति महीने का सब्सक्रिप्शन प्लान लॉन्च किया था, जो कि इंडस्ट्री के औसत प्लान (Zee5, SonyLiv, Disney+ Hotstar के प्रीमियम प्लान्स के INR 103 प्रति महीने और Netflix प्रीमियम प्लान के INR 358) से काफी सस्ता था।

बड़ी मीडिया कंपनियों का मर्जर: यह तेजी ऐसे समय में आ रही है जब रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL), वायकॉम 18 और वॉल्ट डिज़नी कंपनी अपनी ऑपरेशन्स का मर्जर कर रही हैं।
यह मर्जर एक संयुक्त उद्यम (JV) के तहत $8.5 बिलियन मूल्य का होगा, जो 117 टीवी चैनल्स और 75 करोड़ दर्शकों को कवर करेगा।
इस मर्जर के अंतर्गत जियोसिनेमा और Disney+ Hotstar जैसे प्रमुख OTT प्लेटफॉर्म्स भी शामिल होंगे।

प्रमुख मीडिया सौदे: जियोसिनेमा ने अपने ऑपरेशन्स को पिछले दो सालों में काफी बढ़ाया है।
इस दौरान, कंपनी ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के स्ट्रीमिंग अधिकार हासिल किए और HBO तथा NBCUniversal जैसे अमेरिकन स्टूडियोज के साथ शो के लिए पार्टनरशिप की।
यह कदम जियोसिनेमा की स्थिति को और मज़बूत करने में मददगार साबित हुआ है।

Jio Cinema किफायती सब्सक्रिप्शन प्लान्स, विस्तारित कंटेंट लाइब्रेरी और डिजिटल-फर्स्ट कंटेंट के चलते जियोसिनेमा का ग्रोथ जारी है।
रिलायंस, वायकॉम 18 और डिज़नी का मर्जर OTT मार्केट में और भी बड़ा प्रभाव डालेगा, और जियोसिनेमा इस मर्जर के बाद एक और बड़ी सफलता की ओर अग्रसर है।

Read More : Top 27 Funded Startups: 27 सबसे ज़्यादा फंडिंग प्राप्त करने वाले स्टार्टअप्स

Top 27 Funded Startups: 27 सबसे ज़्यादा फंडिंग प्राप्त करने वाले स्टार्टअप्स

Top 27 Funded Startups

भारत के 27 सबसे ज़्यादा फंडिंग प्राप्त करने वाले स्टार्टअप्स

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम पिछले कुछ सालों में तेज़ी से बढ़ रहा है। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशक भारतीय स्टार्टअप्स में गहरी रुचि दिखा रहे हैं। यहां भारत के Top 27 Funded Startups की सूची दी गई है।

Ola Cabs

  • उद्योग: परिवहन
  • कुल फंडिंग: $3.8 बिलियन
  • विवरण: ओला कैब्स एक राइड-हेलिंग प्लेटफार्म है जो कैब, बाइक और अन्य वाहनों की बुकिंग की सुविधा देता है।
  • वेबसाइट

OYO

  • उद्योग: यात्रा और पर्यटन
  • कुल फंडिंग: $3.2 बिलियन
  • विवरण: ओयो एक होटल चेन है जो किफायती और आरामदायक स्टे की सुविधा प्रदान करता है।
  • वेबसाइट

ReNew Power

  • उद्योग: ऊर्जा
  • कुल फंडिंग: $2.8 बिलियन
  • विवरण: ReNew Power भारत की प्रमुख नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी है, जो सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में काम करती है।
  • वेबसाइट

Snapdeal

  • उद्योग: वाणिज्य
  • कुल फंडिंग: $1.8 बिलियन
  • विवरण: स्नैपडील एक ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म है जो फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उत्पादों की खरीदारी की सुविधा देता है।
  • वेबसाइट

Swiggy

  • उद्योग: खाद्य और पेय
  • कुल फंडिंग: $1.6 बिलियन
  • विवरण: स्विगी एक फूड डिलीवरी प्लेटफार्म है जो रेस्त्रां से खाने की डिलीवरी की सुविधा देता है।
  • वेबसाइट

BYJU’S

  • उद्योग: शिक्षा
  • कुल फंडिंग: $1.4 बिलियन
  • विवरण: बायजूस एक ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफार्म है जो बच्चों और छात्रों को शिक्षा सेवाएं प्रदान करता है।
  • वेबसाइट

BigBasket

  • उद्योग: वाणिज्य
  • कुल फंडिंग: $1.1 बिलियन
  • विवरण: बिगबास्केट एक ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर है जो ताजे फल, सब्जियाँ और घरेलू उत्पादों की डिलीवरी करता है।
  • वेबसाइट

Delhivery

  • उद्योग: लॉजिस्टिक्स
  • कुल फंडिंग: $934.6 मिलियन
  • विवरण: डेल्हिवरी एक सप्लाई चेन सर्विस कंपनी है जो लॉजिस्टिक और पार्सल डिलीवरी सेवाएं प्रदान करती है।
  • वेबसाइट

Zomato

  • उद्योग: खाद्य और पेय
  • कुल फंडिंग: $914.6 मिलियन
  • विवरण: ज़ोमैटो एक रेस्त्रां सर्च और रिव्यू प्लेटफार्म है, जो खाने की डिलीवरी और टेबल बुकिंग सेवाएं भी देता है।
  • वेबसाइट

Udaan

  • उद्योग: ई-कॉमर्स
  • कुल फंडिंग: $899.9 मिलियन
  • विवरण: उदान एक B2B मार्केटप्लेस है जो छोटे और मध्यम व्यवसायों को जोड़ता है।
  • वेबसाइट

Grofers

  • उद्योग: वाणिज्य
  • कुल फंडिंग: $597.1 मिलियन
  • विवरण: ग्रोफर्स एक ऑनलाइन सुपरमार्केट है जो रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे कि ग्रोसरी और स्वास्थ्य उत्पादों की डिलीवरी करता है।
  • वेबसाइट

Policy Bazaar

  • उद्योग: वित्तीय सेवाएँ
  • कुल फंडिंग: $496.6 मिलियन
  • विवरण: पॉलिसी बाजार एक बीमा एग्रीगेटर है जो विभिन्न पॉलिसियों की तुलना और चयन की सुविधा देता है।
  • वेबसाइट

Lenskart

  • उद्योग: स्वास्थ्य सेवा
  • कुल फंडिंग: $459.6 मिलियन
  • विवरण: लेंसकार्ट एक आईवियर रिटेल कंपनी है जो चश्मे और ऑप्टिकल प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है।
  • वेबसाइट

Quikr

  • उद्योग: वाणिज्य
  • कुल फंडिंग: $424.2 मिलियन
  • विवरण: क्विकर एक ऑनलाइन क्लासीफाइड और मार्केटप्लेस है जो खरीदी और बिक्री की सुविधा प्रदान करता है।
  • वेबसाइट

FirstCry

  • उद्योग: वाणिज्य
  • कुल फंडिंग: $418.4 मिलियन
  • विवरण: फर्स्टक्राई एक बेबी प्रोडक्ट्स ई-कॉमर्स प्लेटफार्म है जो खिलौने, कपड़े और अन्य शिशु उत्पाद बेचता है।
  • वेबसाइट

PharmEasy

  • उद्योग: स्वास्थ्य सेवा
  • कुल फंडिंग: $328.5 मिलियन
  • विवरण: फार्मईज़ी एक ऑनलाइन फ़ार्मेसी प्लेटफार्म है जो दवाइयाँ और स्वास्थ्य उत्पादों की डिलीवरी करता है।
  • वेबसाइट

InMobi

  • उद्योग: एंटरप्राइज़ सॉफ़्टवेयर
  • कुल फंडिंग: $320.6 मिलियन
  • विवरण: इनमोबी एक मोबाइल विज्ञापन प्लेटफार्म है जो विभिन्न डिजिटल मार्केटिंग सेवाएं देता है।
  • वेबसाइट

Top 20 Failed स्टार्टअप्स in India

Pine Labs

  • उद्योग: वित्तीय सेवाएँ
  • कुल फंडिंग: $310.8 मिलियन
  • विवरण: पाइन लैब्स एक फिनटेक कंपनी है जो रिटेल पेमेंट और फाइनेंसिंग सेवाओं में काम करती है।
  • वेबसाइट

Blackbuck

  • उद्योग: लॉजिस्टिक्स
  • कुल फंडिंग: $297 मिलियन
  • विवरण: ब्लैकबक एक लॉजिस्टिक प्लेटफार्म है जो ट्रकिंग और माल ढुलाई सेवाएं प्रदान करता है।
  • वेबसाइट

Rivigo

  • उद्योग: लॉजिस्टिक्स
  • कुल फंडिंग: $257.4 मिलियन
  • विवरण: रिविगो एक टेक्नोलॉजी-आधारित लॉजिस्टिक कंपनी है जो फास्ट और सुरक्षित माल ढुलाई सेवाएं प्रदान करती है।
  • वेबसाइट

CarDekho

  • उद्योग: परिवहन
  • कुल फंडिंग: $247.5 मिलियन
  • विवरण: कारदेखो एक नई और पुरानी कारों के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जो कारों की तुलना, समीक्षा और खरीदने-बेचने की सुविधा प्रदान करता है।
  • वेबसाइट

Lendingkart

  • उद्योग: वित्तीय सेवाएँ
  • कुल फंडिंग: $242.5 मिलियन
  • विवरण: लेंडिंगकार्ट छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को तेज़ और सरल ऋण प्रदान करता है।
  • वेबसाइट

Billdesk

  • उद्योग: वित्तीय सेवाएँ
  • कुल फंडिंग: $241.4 मिलियन
  • विवरण: बिलडेस्क भारत में ऑनलाइन पेमेंट और बिल भुगतान सेवाओं का एक अग्रणी प्लेटफार्म है।
  • वेबसाइट

ShareChat

  • उद्योग: सोशल नेटवर्क
  • कुल फंडिंग: $222.8 मिलियन
  • विवरण: शेयरचैट एक भारतीय सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म है जो यूज़र्स को क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट शेयर और कनेक्ट करने की सुविधा देता है।
  • वेबसाइट

Meesho

  • उद्योग: वाणिज्य
  • कुल फंडिंग: $215.2 मिलियन
  • विवरण: मीशो एक सोशल कॉमर्स प्लेटफार्म है, जो छोटे विक्रेताओं को उनके उत्पाद ऑनलाइन बेचने की सुविधा देता है।
  • वेबसाइट

Mu Sigma

  • उद्योग: डेटा और एनालिटिक्स
  • कुल फंडिंग: $211.4 मिलियन
  • विवरण: म्यु सिग्मा एक डेटा एनालिटिक्स और निर्णय विज्ञान कंपनी है, जो विभिन्न उद्योगों को बड़े डेटा का उपयोग करके समाधान प्रदान करती है।
  • वेबसाइट

Cars24

  • उद्योग: परिवहन
  • कुल फंडिंग: $193.8 मिलियन
  • विवरण: कार्स24 एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है जहां यूज़र अपनी पुरानी कारें बेच सकते हैं।
  • वेबसाइट

अन्य प्रमुख स्टार्टअप्स में Swiggy, BYJU’s, Zomato, Delhivery, और BigBasket शामिल हैं, जो खाद्य वितरण, शिक्षा, लॉजिस्टिक्स और ऑनलाइन ग्रॉसरी में काम करते हैं। यह सूची दिखाती है कि भारत में विविध क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को भारी फंडिंग मिली है और वे तेजी से बढ़ रहे हैं।

Read More : Checkout Weekly Funding Report: 07-12 Oct

Top 20 Failed स्टार्टअप्स in India

Top 20 Failed स्टार्टअप्स in India

Top 20 Failed स्टार्टअप्स

यहां भारत की शीर्ष 20 असफल स्टार्टअप्स का एक संक्षिप्त विवरण है, जिन्हें उनके समय में बड़ी उम्मीदों के साथ शुरू किया गया था, लेकिन किसी न किसी कारण से विफल रहीं:

Top 20 Failed स्टार्टअप्स List

AskMe
एक लोकल सर्च इंजन जो सेवाओं, शॉपिंग और अन्य जरूरतों के लिए जानकारी देता था। फंडिंग की कमी और प्रबंधन विवादों के चलते 2016 में बंद हो गया।

TinyOwl
फूड डिलीवरी ऐप जिसने 2014 में बड़े जोर-शोर से शुरुआत की। लेकिन ऑपरेशनल खर्चों और खराब प्रबंधन के चलते इसे 2016 में बंद करना पड़ा।

Stayzilla
होमस्टे और बजट होटल बुकिंग प्लेटफॉर्म जिसने एयरबीएनबी जैसी सेवा देने की कोशिश की। फंडिंग और कानूनी विवादों के चलते 2017 में बंद हो गया।

Dazo
पहले TapCibo के नाम से शुरू किया गया यह फूड डिलीवरी स्टार्टअप 2015 में बंद हो गया, क्योंकि यह जोमैटो और स्विगी जैसी बड़ी कंपनियों से मुकाबला नहीं कर पाया।

Zeppery
फूड प्री-ऑर्डरिंग प्लेटफॉर्म जो 2015 में लॉन्च हुआ था। लेकिन इसे पर्याप्त ग्राहक आधार नहीं मिला और यह जल्द ही बंद हो गया।

Peppertap
एक ग्रोसरी डिलीवरी ऐप, जिसने ग्रोफर्स और बिगबास्केट जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा की। लॉजिस्टिक्स की समस्याओं और ज्यादा खर्चों के चलते 2016 में बंद हो गया।

Frankly.me
एक वीडियो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म जो सेलेब्रिटी और फैंस को जोड़ने का प्रयास करता था। पर्याप्त यूजर एंगेजमेंट नहीं होने के कारण 2016 में इसे बंद करना पड़ा।

Tazzo
इलेक्ट्रिक बाइक रेंटल स्टार्टअप, जो 2016 में शुरू हुआ था। निवेश की कमी और खराब स्केलेबिलिटी के चलते जल्द ही इसका संचालन रुक गया।

Fashionara
एक फैशन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जिसने Myntra और Jabong जैसी कंपनियों से मुकाबला किया। लेकिन प्रतिस्पर्धा और वित्तीय समस्याओं के कारण 2016 में बंद हो गया।

Shotang
यह बी2बी ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस था, जो रिटेलर्स और वितरकों को जोड़ता था। लेकिन खराब बिजनेस मॉडल और संचालन की समस्याओं के चलते यह 2017 में बंद हो गया।
Yumist
फूड डिलीवरी स्टार्टअप जो ऑफिस और घर के लिए किफायती, घरेलू खाना देने की सेवा प्रदान करता था। 2017 में इसे ऑपरेशनल खर्चों और प्रतिस्पर्धा के चलते बंद करना पड़ा।

StayGlad
ऑन-डिमांड ब्यूटी और ग्रूमिंग सर्विसेज ऐप, जिसने ब्यूटीशियनों को ग्राहकों के घर भेजने का कॉन्सेप्ट पेश किया। लेकिन ज्यादा ऑपरेशनल खर्चों और मार्केट की समझ की कमी के चलते 2016 में बंद हो गया।

Finomena
यह एक फिनटेक स्टार्टअप था, जो युवा प्रोफेशनल्स को बिना क्रेडिट स्कोर के लोन देने की सुविधा प्रदान करता था। फंडिंग की कमी और खराब क्रेडिट रिकवरी के कारण 2018 में इसे बंद करना पड़ा।

Zupermeal
होम-कुक्ड फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म, जो घरों में बने खाने को ग्राहकों तक पहुंचाता था। लेकिन Swiggy और Zomato जैसी बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के कारण 2016 में बंद हो गया।

MonkeyBox
बच्चों के लिए हेल्दी लंच बॉक्स डिलीवरी स्टार्टअप था। अच्छे कॉन्सेप्ट के बावजूद यह कस्टमर बेस बढ़ाने में नाकाम रहा और 2018 में बंद हो गया।

Roder
कैब एग्रीगेटर जो छोटे शहरों में ओला और उबर जैसी सेवाओं को चुनौती देने के लिए आया था। लेकिन बड़े ब्रांड्स से प्रतिस्पर्धा और फंडिंग की कमी के चलते 2016 में बंद हो गया।

Grabhouse
बिना ब्रोकर के किराए पर घर लेने का प्लेटफॉर्म था। हालांकि आइडिया अच्छा था, लेकिन बिजनेस मॉडल और मार्केट की चुनौतियों की वजह से 2016 में इसे बंद करना पड़ा।

iTiffin
हेल्दी टिफिन सेवा देने वाला यह स्टार्टअप हेल्थ कॉन्शियस लोगों को टारगेट कर रहा था। लॉजिस्टिक्स और बढ़ते खर्चों के चलते 2016 में यह बंद हो गया।

Taskbob
ऑन-डिमांड होम सर्विसेज प्लेटफॉर्म, जो घर के छोटे-मोटे कामों जैसे इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर आदि की सेवाएं देता था। बाजार में पैठ न बना पाने के कारण 2017 में इसे बंद करना पड़ा।

GoZoomo
यह एक पीयर-टू-पीयर यूज्ड कार मार्केटप्लेस था। फंडिंग की कमी और व्यवसायिक चुनौतियों के चलते 2016 में बंद हो गया।

Top 20 स्टार्टअप विफलता के कारण?

स्टार्टअप की विफलता के कई कारण होते हैं, और हर स्टार्टअप का अनुभव अलग हो सकता है। लेकिन कुछ सामान्य कारण हैं जिनकी वजह से स्टार्टअप्स असफल हो जाते हैं। आइए देखें कुछ मुख्य कारण:

1. मार्केट की मांग न समझ पाना

कई स्टार्टअप्स ऐसे प्रोडक्ट या सेवाएं पेश करते हैं जिनकी बाजार में सही मांग नहीं होती। ग्राहकों की समस्याओं को सही से पहचान न पाने के कारण उनकी पेशकश बेअसर हो जाती है।

2. पूंजी और फंडिंग की कमी

स्टार्टअप को बढ़ने और स्केल करने के लिए पर्याप्त पूंजी की जरूरत होती है। कई स्टार्टअप्स को समय पर निवेश नहीं मिल पाता, या वे तेजी से अपने पैसे खत्म कर देते हैं, जिससे उन्हें अपना संचालन बंद करना पड़ता है।

3. गलत बिजनेस मॉडल

यदि स्टार्टअप का बिजनेस मॉडल सही नहीं होता या वो मुनाफे वाला नहीं होता, तो कंपनी लंबे समय तक टिक नहीं पाती। ऐसे मॉडल जो फंडिंग के बिना खुद को सस्टेन नहीं कर सकते, अक्सर असफल हो जाते हैं।

4. कड़ी प्रतिस्पर्धा

कई स्टार्टअप्स बड़ी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं जिनके पास अधिक संसाधन, ग्राहक आधार और मार्केट एक्सपर्टीज होती है। इससे नई कंपनियों के लिए खुद को स्थापित करना मुश्किल हो जाता है।

5. प्रोडक्ट का खराब निष्पादन

कई बार प्रोडक्ट या सेवा का आईडिया अच्छा होता है, लेकिन उसे सही से डिलीवर या निष्पादित नहीं किया जाता। इससे ग्राहकों की संतुष्टि नहीं होती और स्टार्टअप की छवि खराब हो जाती है।

6. कमजोर टीम

एक स्टार्टअप की सफलता उसकी टीम पर निर्भर करती है। यदि टीम में स्किल्स की कमी हो या आपस में तालमेल न हो, तो यह कंपनी के लिए विनाशकारी हो सकता है। खराब नेतृत्व या प्रबंधन भी एक बड़ा कारण हो सकता है।

7. लॉजिस्टिक्स और ऑपरेशनल समस्याएं

कई स्टार्टअप्स के पास अपने ऑपरेशंस को ठीक से मैनेज करने की क्षमता नहीं होती, जैसे डिलीवरी में देरी, खराब सप्लाई चैन, या ग्राहकों की सही सेवा न कर पाना। इससे ग्राहक असंतुष्ट हो जाते हैं।

8. मार्केटिंग और ग्राहक अधिग्रहण की रणनीति की कमी

स्टार्टअप्स के लिए ग्राहकों को आकर्षित करना और उन्हें बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है। सही मार्केटिंग रणनीति न होने के कारण वे अपने टारगेट ऑडियंस तक नहीं पहुंच पाते।

9. बाजार में बदलाव

कई बार बाजार में अचानक बदलाव आते हैं—नई टेक्नोलॉजी, सरकारी नीतियां, या बदलते ट्रेंड्स—जिससे स्टार्टअप्स अपने बिजनेस मॉडल को एडजस्ट नहीं कर पाते और असफल हो जाते हैं।

10. लीगल और रेगुलेटरी चुनौतियां

कानूनी समस्याएं या सरकारी नियमों में बदलाव भी कई बार स्टार्टअप्स के लिए बड़ी चुनौती बन जाते हैं। सही कानूनी सलाह न मिलने या रेगुलेटरी बाधाओं के चलते कई स्टार्टअप्स को बंद करना पड़ता है।

इन कारणों से यह स्पष्ट है कि स्टार्टअप की सफलता केवल एक अच्छे आइडिया पर निर्भर नहीं करती, बल्कि इसे सही तरह से निष्पादित करना और मार्केट की मांग के अनुसार ढलना भी जरूरी होता है।

Readmore : Quarterly Funding Report Sep 24: भारतीय स्टार्टअप्स ने दिखाया शानदार प्रदर्शन, $4 बिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई
Readmore : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस -AI के उभरते हुए TOP 10 इनोवेटिव स्टार्टअप्स