Ixigo का राजस्व 26% बढ़कर 206.47 करोड़ रुपये पहुंचा

Ixigo

ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर (OTA) ixigo ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में अपने परिचालन से होने वाले राजस्व में 26% की वृद्धि दर्ज की है, जो 206.47 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से फ्लाइट और बस बुकिंग से प्रेरित रही, जहां फ्लाइट ग्रॉस ट्रांजैक्शन वैल्यू (GTV) में सालाना आधार पर 43% की बढ़ोतरी हुई और बस GTV में 46% की वृद्धि हुई।

गुरुग्राम स्थित ixigo ने स्टॉक एक्सचेंज में अपनी फाइलिंग में बताया कि कंपनी का योगदान मार्जिन Q2 FY25 में 24% बढ़कर 91.08 करोड़ रुपये हो गया, जबकि Q2 FY24 में यह 73.67 करोड़ रुपये था। हालांकि, परिचालन से होने वाले राजस्व के प्रतिशत के रूप में योगदान मार्जिन में हल्की गिरावट दर्ज की गई, जो Q2 FY24 के 45% से घटकर Q2 FY25 में 44% रह गई।

प्रमुख राजस्व स्रोत: ट्रेन टिकटिंग

ixigo की आय का प्रमुख हिस्सा ट्रेन टिकटिंग से आता है। Q1 FY25 में कंपनी ने अपने कुल परिचालन राजस्व का 53.5% ट्रेन टिकटिंग से उत्पन्न किया, जो 110.4 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, फ्लाइट बुकिंग सेवाओं का कंपनी की आय में 27% और बस बुकिंग का 19.3% योगदान रहा।

ऑपरेटिंग खर्चों में वृद्धि

Q2 FY25 में कंपनी के परिचालन खर्चों में भी वृद्धि हुई है, जो कंपनी के विस्तार और बाजार में अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए किए गए निवेश को दर्शाता है। उपयोगकर्ता अधिग्रहण और बाजार में प्रवेश के लिए कंपनी ने अपने कर्मचारी खर्चों और मार्केटिंग लागतों में भी इजाफा किया।

हालांकि कंपनी के खर्चों में बढ़ोतरी हुई है, फिर भी EBITDA में जबरदस्त उछाल देखा गया है। EBITDA (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डिप्रिशिएशन, एंड अमोर्टिजेशन) Q2 FY25 में 655% की वृद्धि के साथ 22.4 करोड़ रुपये हो गया, जबकि Q2 FY24 में यह केवल 2.96 करोड़ रुपये था। इसी तरह, समायोजित EBITDA में भी 326% की बढ़ोतरी हुई, जो Q2 FY25 में 20.99 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

कंपनी का विस्तार और भविष्य की योजनाएं

Ixigo का यह वित्तीय प्रदर्शन दर्शाता है कि कंपनी की रणनीतियां उपयोगकर्ता आधार बढ़ाने और विभिन्न ट्रैवल सेगमेंट में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए सफल रही हैं। फ्लाइट और बस बुकिंग के क्षेत्र में कंपनी की उच्च वृद्धि के साथ, Ixigo अब और अधिक सेवाओं में निवेश कर रही है ताकि इसे और बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही कंपनी अपने ट्रेन टिकटिंग कारोबार में भी मजबूत पकड़ बनाए हुए है, जो कि भारत में यात्रा उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

कंपनी ने अपने ऑपरेटिंग खर्चों में वृद्धि के बावजूद लाभप्रदता को बनाए रखा है, जो इसके कारोबार के स्थायित्व को दर्शाता है। Ixigo के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसने लागत प्रबंधन के साथ-साथ आय बढ़ाने में भी संतुलन बनाए रखा है, जिससे भविष्य में इसके विकास की संभावनाएं उज्जवल दिख रही हैं।

मार्केट में Ixigo की स्थिति

Ixigo भारत के ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर सेक्टर में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है, जो अपने उपयोगकर्ताओं को ट्रेन, फ्लाइट और बस बुकिंग की व्यापक सेवाएं प्रदान करता है। इसके साथ ही, कंपनी का ध्यान यूजर्स को सस्ती और सुविधाजनक यात्रा विकल्प प्रदान करने पर है, जिससे वह तेजी से बढ़ते ट्रैवल सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।

कंपनी के लिए चुनौती यह होगी कि वह अपने बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखते हुए और अधिक राजस्व स्रोतों की पहचान करे। इसके अलावा, कंपनी को ट्रैवल सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नई तकनीकों और सेवाओं में निवेश करना होगा।

निष्कर्ष

Ixigo का Q2 FY25 का वित्तीय प्रदर्शन दर्शाता है कि कंपनी सही दिशा में कदम बढ़ा रही है। 26% की राजस्व वृद्धि और EBITDA में जबरदस्त उछाल यह दर्शाते हैं कि कंपनी ने न केवल अपने बाजार में स्थान को मजबूत किया है, बल्कि अपने उपयोगकर्ताओं के लिए उच्च मूल्य भी उत्पन्न किया है।

हालांकि कंपनी को भविष्य में अपने खर्चों और परिचालन लागतों को संतुलित करने की आवश्यकता होगी, लेकिन वर्तमान प्रदर्शन यह संकेत देता है कि Ixigo भारतीय ट्रैवल मार्केट में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए तैयार है।

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Space Startups के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड

Space Startups

भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने Space Startups क्षेत्र में सहयोग देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्वीकृत किया है। इस फंड का उद्देश्य पूरे भारत में लगभग 40 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करना है, जिससे निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रगति को गति मिलेगी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवीनता के अवसर बढ़ेंगे।

यह फंड केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य घरेलू अंतरिक्ष कंपनियों को बनाए रखना और उन्हें उन्नत चरणों में विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सक्षम बनाना है।

केंद्र का लक्ष्य: निजी Space Startups तेजी लाना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के केंद्रीय बजट के दौरान इस फंड की घोषणा की थी। इसे अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा। इस फंड का औसत वार्षिक आवंटन 150 से 250 करोड़ रुपये के बीच होगा। वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, उसके बाद अगले तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपये और अंतिम वर्ष में 100 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।

IN-SPACe करेगा फंड का प्रबंधन

इस फंड का प्रबंधन भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) द्वारा किया जाएगा, जो कि भारत में निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष उद्योग में भागीदारी को बढ़ावा देने वाली एजेंसी है। IN-SPACe का मुख्य कार्य निजी कंपनियों को अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें सरकारी संसाधनों और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में सहायता प्रदान करना है।

निवेश सीमा: 10 करोड़ से 60 करोड़ रुपये तक

इस फंड के तहत निवेश की राशि कंपनी की स्थिति, विकास की संभावनाओं और राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्षमताओं पर उसके प्रभाव के आधार पर तय की जाएगी। कंपनी के विकास के प्रारंभिक चरण के लिए 10 से 30 करोड़ रुपये तक का निवेश किया जा सकता है, जबकि देर से विकास के चरणों में यह राशि 30 से 60 करोड़ रुपये तक हो सकती है। इस तरह के निवेश से स्टार्टअप्स को अपनी तकनीक विकसित करने, नए उत्पादों का परीक्षण करने और अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी जगह बनाने में मदद मिलेगी।

अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को नई ऊर्जा

भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र हाल के वर्षों में तेजी से विकसित हुआ है और निजी कंपनियों की भागीदारी ने इसमें और अधिक संभावनाओं को जन्म दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कई निजी कंपनियों को प्रोत्साहित किया है, जो नई तकनीकें और नवाचार लाने में सक्षम हैं। इस वेंचर कैपिटल फंड का उद्देश्य उन्हीं स्टार्टअप्स को पूंजी प्रदान करना है, जो अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने विचारों और उत्पादों को बाजार में लाने के लिए वित्तीय मदद की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी से न केवल देश के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा।

फंड से क्या लाभ होंगे?

  1. नवाचार को प्रोत्साहन: इस फंड के माध्यम से छोटे और मध्यम आकार के स्टार्टअप्स को अपने शोध एवं विकास में निवेश करने और नए उत्पादों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
  2. तेजी से वृद्धि: निवेश के माध्यम से स्टार्टअप्स को अपने ऑपरेशंस का विस्तार करने, नए ग्राहकों तक पहुंचने और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा।
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक लाभ: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग सिर्फ वाणिज्यिक उद्देश्यों तक सीमित नहीं है; यह राष्ट्रीय सुरक्षा और निगरानी के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस फंड के जरिए निवेश किए गए स्टार्टअप्स राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए भी नई तकनीकें विकसित कर सकते हैं।
  4. नए रोजगार अवसर: इस फंड से स्टार्टअप्स को वित्तीय स्थिरता मिलेगी, जिससे नए रोजगार सृजित होंगे और वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में युवाओं को अवसर मिलेंगे।

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का बढ़ता महत्व

भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र, जिसे ISRO की प्रमुखता में स्थापित किया गया है, अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। चंद्रयान 3 और गगनयान जैसे मिशनों ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है। अब, निजी कंपनियों की भागीदारी से इस क्षेत्र में और भी संभावनाएं खुल रही हैं।

केंद्र सरकार की यह पहल न केवल भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को नया आयाम देगी, बल्कि विश्व के अन्य देशों के साथ सहयोग और प्रतिस्पर्धा में भी मददगार साबित होगी।

निजी निवेश का आकर्षण

इस वेंचर कैपिटल फंड के अलावा, केंद्र सरकार को उम्मीद है कि यह निवेश अन्य निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को भी आकर्षित करेगा, जो भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप्स में निवेश करने में रुचि रखते हैं।

इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारत में अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन हों ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें और अपनी तकनीक को वैश्विक बाजारों में लाने में सक्षम हों।

निष्कर्ष

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश के अंतरिक्ष मिशनों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को और मजबूत करेगा। यह फंड न केवल स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं को बेहतर बनाने, विस्तार करने और नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए भी प्रेरित करेगा।

इस पहल से भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास की नई लहर आएगी, जिससे देश की वैश्विक स्थिति और मजबूत होगी।

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X (formerly Twitter) के लिए भारत में बड़ा संकट: वित्त वर्ष 2024 में 90% राजस्व गिरा

X (formerly Twitter)

भारत X (formerly Twitter) के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, लेकिन एलन मस्क द्वारा इसके अधिग्रहण के बाद कंपनी को इसे मोनेटाइज करने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वित्त वर्ष 2024 (FY24) में X इंडिया का राजस्व लगभग 90% गिरकर Rs 21.16 करोड़ रह गया, जो वित्त वर्ष 2023 (FY23) में Rs 207.70 करोड़ था। इसके साथ ही, कंपनी का मुनाफा भी 94% की भारी गिरावट का शिकार हुआ।

X इंडिया की स्टैंडअलोन वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, FY24 में कंपनी ने विभिन्न सेवाओं से मिलने वाले राजस्व में बड़ी कमी दर्ज की। मार्केटिंग सपोर्ट से मिलने वाला राजस्व 95%, रिसर्च एंड डेवलपमेंट से 85.6%, और यूजर सपोर्ट सेवाओं से 89% की गिरावट दर्ज की गई।

प्रमुख कारण: X (formerly Twitter) कर्मचारियों की भारी छंटनी

कंपनी ने इस भारी गिरावट के पीछे का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, लेकिन यह माना जा रहा है कि नवंबर 2022 में हुई 90% कर्मचारियों की छंटनी इसके प्रमुख कारणों में से एक है। इन छंटनियों ने कंपनी के संचालन को गंभीर रूप से प्रभावित किया और खर्चों में भी भारी कटौती की।

कर्मचारियों के लाभों से जुड़े खर्चों में भी भारी गिरावट आई, जो FY23 में Rs 130.10 करोड़ थे, वहीं FY24 में यह सिर्फ Rs 6.20 करोड़ रह गए। इससे यह साफ हो जाता है कि कर्मचारियों की छंटनी का कंपनी के मानव संसाधन पर कितना गहरा प्रभाव पड़ा है।

अन्य खर्चों और लाभों में गिरावट

X इंडिया के अन्य खर्चों में भी कमी देखी गई। FY24 में डिप्रिसिएशन और एमॉर्टाइज़ेशन खर्च Rs 7.16 करोड़ रहा, जो FY23 में Rs 7.96 करोड़ था। इसी तरह, अन्य खर्च FY24 में Rs 5.38 करोड़ रहे, जबकि FY23 में यह Rs 30.19 करोड़ थे।

इसके बावजूद, कंपनी ने FY24 में कर-पहले मुनाफा Rs 2.42 करोड़ कमाया, जबकि FY23 में यह मुनाफा Rs 39.43 करोड़ था। टैक्स कटौती के बाद, X इंडिया का शुद्ध मुनाफा FY24 में Rs 3.18 करोड़ रहा।

X इंडिया की वित्तीय स्थिति और मौजूदा देनदारियां

FY24 में X इंडिया की नेट वर्थ में हल्की बढ़त दर्ज की गई और यह Rs 61.05 करोड़ तक पहुंच गई। हालांकि, कंपनी की मौजूदा देनदारियां FY23 के Rs 77.13 करोड़ से गिरकर FY24 में Rs 25.55 करोड़ रह गईं। इसके साथ ही, कंपनी की नकद आरक्षित राशि भी घटकर Rs 19.88 करोड़ रह गई, जो वित्त वर्ष 2023 में अधिक थी।

एलन मस्क के नेतृत्व में X का भारत में भविष्य

एलन मस्क द्वारा X का अधिग्रहण करने के बाद लागतों में की गई कटौती के चलते यह अनुमान पहले ही लगाया जा रहा था कि X इंडिया का परिचालन मुख्य रूप से अमेरिकी बाजार पर केंद्रित रहेगा और भारत जैसे देशों में इसका परिचालन सीमित हो जाएगा। और ठीक ऐसा ही हुआ है। हालांकि, इसके एकमात्र सकारात्मक पहलू के रूप में यह देखा जा सकता है कि मस्क के अधिग्रहण के बाद X इंडिया का भारत सरकार के साथ संबंध पहले की तरह तनावपूर्ण नहीं रहे हैं।

हालांकि, ब्राज़ील जैसे बाजारों में, X को न्यायपालिका के साथ गंभीर संघर्षों का सामना करना पड़ा है, लेकिन भारत में यह स्थिति मस्क के नेतृत्व में थोड़ी बेहतर रही है।

X का भारतीय बाजार में संघर्ष

X इंडिया का राजस्व इस समय भारी संकट में है। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए भारत एक बड़ा और महत्वपूर्ण बाजार है, लेकिन कंपनी को अपने प्लेटफार्म को मोनेटाइज करने में असफलता का सामना करना पड़ा है। राजस्व में इतनी बड़ी गिरावट से यह साफ है कि कंपनी को अपने खर्चों में कटौती के बावजूद वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में दिक्कत हो रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी को भारत में अपने संचालन को फिर से मजबूत करने के लिए नए रणनीतिक उपायों की आवश्यकता होगी। हालांकि, मस्क के नेतृत्व में X का मुख्य फोकस अमेरिका जैसे बड़े बाजारों पर है, जिससे भारत में इसका भविष्य अनिश्चित दिख रहा है।

X इंडिया के राजस्व में भारी गिरावट और कर्मचारियों की छंटनी ने कंपनी की स्थिति को और कमजोर कर दिया है। इसके बावजूद, कंपनी ने लागत कटौती के माध्यम से अपनी स्थिति को संभालने की कोशिश की है।

निष्कर्ष

भारत में X (ट्विटर) के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। एलन मस्क के नेतृत्व में कंपनी का मुख्य ध्यान अमेरिका और अन्य प्रमुख बाजारों पर है, जिससे भारत जैसे बाजारों में इसका प्रभाव कम होता जा रहा है। हालांकि, कंपनी ने वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन राजस्व में इतनी बड़ी गिरावट को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि X इंडिया आने वाले समय में कैसे पुनर्गठन करेगा।

भारतीय सोशल मीडिया बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है और X को इस दौड़ में बने रहने के लिए नई रणनीतियों पर विचार करना होगा।

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NG Earsafe ने सीड फंडिंग में जुटाए 1.06 करोड़ रुपये

NG Earsafe

NG EarSafe ने इन्फ्लेक्शन पॉइंट वेंचर्स के नेतृत्व में अपने सीड फंडिंग राउंड में 1.06 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस फंडिंग का मुख्य उद्देश्य ब्रांड और श्रेणी की जागरूकता को बढ़ाना, ब्रांड की पहुंच का विस्तार करना और नए उत्पादों के विकास को गति देना है। इस रणनीतिक निवेश से एनजी ईयरसेफ की बाजार में उपस्थिति को मजबूत करने और ग्राहकों की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए नए और नवाचारी उत्पाद पेश करने की योजना है।

एनजी ईयरसेफ: सुरक्षित सुनने का अनूठा समाधान

NG EarSafe के सह-संस्थापक मीट शाह और राज शाह द्वारा स्थापित यह ब्रांड कानों के स्वास्थ्य और सुनने के आराम को प्राथमिकता देने वाला एक प्रीमियम ओपन-ईयर हेडफोन ब्रांड है। ब्रांड ईएनटी-प्रमाणित है और इसकी विशेषता एयर कंडक्शन और बोन कंडक्शन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो ध्वनि को कंपन के माध्यम से कान के पर्दे को बायपास करते हुए सुनने योग्य बनाती है। इससे उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित और आरामदायक सुनने का अनुभव मिलता है।

बोन कंडक्शन तकनीक विशेष रूप से उन लोगों के लिए भी उपयोगी होती है जिन्हें कानों से संबंधित समस्याएं होती हैं या जो लंबे समय तक हेडफोन का उपयोग करते हैं। यह तकनीक कानों पर किसी भी अतिरिक्त दबाव को कम करती है, जिससे सुनने के दौरान कोई परेशानी नहीं होती। एनजी ईयरसेफ अपने उत्पादों के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और स्वस्थ सुनने के समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

फंडिंग का उद्देश्य और ब्रांड की रणनीति

इस फंडिंग राउंड से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल मुख्य रूप से तीन उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. ब्रांड और श्रेणी जागरूकता बढ़ाना: एनजी ईयरसेफ का उद्देश्य अपने ब्रांड को उपभोक्ताओं के बीच और भी मजबूत बनाना और सुरक्षित सुनने की तकनीक के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  2. ब्रांड की पहुंच का विस्तार करना: कंपनी अपने उत्पादों को और अधिक बाजारों तक पहुंचाने के लिए अपनी वितरण प्रणाली को मजबूत करने की योजना बना रही है। एनजी ईयरसेफ का लक्ष्य ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों चैनलों पर अपनी उपस्थिति को और मजबूत बनाना है।
  3. नए उत्पादों का विकास: कंपनी का ध्यान नए और उन्नत उत्पादों को विकसित करने पर भी है, जो उपयोगकर्ताओं की बदलती जरूरतों को पूरा करेंगे। इस फंडिंग से एनजी ईयरसेफ इनोवेशन और रिसर्च में निवेश करेगा ताकि नए उत्पादों की लाइन पेश की जा सके।

ब्रांड की प्रगति और भविष्य की योजनाएं

एनजी ईयरसेफ का दावा है कि अब तक 43,000 से अधिक हेडफोन बेचे जा चुके हैं। ब्रांड की एक मजबूत डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) उपस्थिति है और इसके उत्पाद अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा, एनजी ईयरसेफ के उत्पाद भारत में 100 से अधिक रिटेल स्टोर्स में भी उपलब्ध हैं, जिनमें संगीता और फोनवाले जैसे प्रमुख रिटेलर शामिल हैं। वर्तमान में, कंपनी का वार्षिक राजस्व रन रेट (ARR) 10 करोड़ रुपये है।

एनजी ईयरसेफ को 2022 में रिटेल स्टार्टअप अवॉर्ड्स में फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया था, और इसे 2019 में आईआईटी बॉम्बे के आयोजन ‘आकार’ में पहला पुरस्कार भी मिला था।

सुरक्षित सुनने की तकनीक पर जोर

एनजी ईयरसेफ की सफलता का एक बड़ा कारण उसकी अभिनव तकनीक है, जो हेडफोन के उपयोग के दौरान कानों को सुरक्षित रखती है। बोन कंडक्शन तकनीक विशेष रूप से कान के पर्दे के बिना ध्वनि को सुनने योग्य बनाती है। इसके जरिए ध्वनि कंपन हड्डियों के माध्यम से भेजे जाते हैं, जिससे कानों पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। यह तकनीक उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है, जो लंबे समय तक हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं या जिन्हें सुनने में परेशानी होती है।

कंपनी का मानना है कि इस तकनीक से उपयोगकर्ताओं को न केवल बेहतर सुनने का अनुभव मिलेगा, बल्कि उनके कानों की सेहत भी सुरक्षित रहेगी। एनजी ईयरसेफ का उद्देश्य कानों के स्वास्थ्य और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सुनने के समाधानों को और भी उन्नत बनाना है।

फंडिंग के साथ नई उम्मीदें

एनजी ईयरसेफ की यह फंडिंग न केवल कंपनी के विकास को गति देगी, बल्कि नए उत्पादों के विकास में भी सहायक होगी। इस फंडिंग से कंपनी को अपने ब्रांड को और मजबूत करने, नए ग्राहकों तक पहुंचने और बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

कंपनी के सह-संस्थापक मीट शाह का कहना है, “हम इस फंडिंग से न केवल अपने मौजूदा उत्पादों को बेहतर बनाने की योजना बना रहे हैं, बल्कि नए और इनोवेटिव उत्पादों को भी विकसित करेंगे, जो हमारे ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करेंगे।”

भविष्य की योजनाएं

फंडिंग के बाद एनजी ईयरसेफ का लक्ष्य अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करना और नए बाजारों तक पहुंचना है। कंपनी अपने ब्रांड की जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ नए ग्राहकों को आकर्षित करने की भी योजना बना रही है।

एनजी ईयरसेफ का ध्यान मुख्य रूप से ग्राहकों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक सुनने के अनुभव को बेहतर बनाने पर है, और कंपनी आने वाले समय में और भी नवाचारी उत्पादों को लॉन्च करने की योजना बना रही है।

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Blinkit ने ग्राहकों के लिए EMI विकल्प पेश किया, बड़ी खरीदारी होगी आसान

Blinkit

क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म Blinkit ने अपने ग्राहकों के लिए एक नई सुविधा पेश की है। अब ग्राहक Rs 2,999 से अधिक की खरीदारी पर EMI (Equated Monthly Installments) के जरिए भुगतान कर सकते हैं। यह विकल्प सभी ऑर्डरों पर उपलब्ध होगा, सिवाय उन ऑर्डरों के जिनमें सोने और चांदी के सिक्के शामिल हैं।

ग्राहकों की सुविधा और बड़ी खरीदारी को प्रोत्साहन

EMI विकल्प Blinkit की रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक ग्राहकों को आकर्षित करना और प्लेटफॉर्म पर बड़ी खरीदारी को प्रोत्साहित करना है। आजकल, तेजी से बढ़ती क्विक कॉमर्स सेवाओं के जरिए लोग किराना, घरेलू सामान और अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी कर रहे हैं। ऐसे में EMI विकल्प उन्हें बड़ी खरीदारी करने में सक्षम बना सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुविधा उपभोक्ताओं को समय के साथ भुगतान करने का विकल्प देकर उच्च मूल्य वाले ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे सकती है। इसके साथ ही, Blinkit की यह पहल उसके औसत ऑर्डर मूल्य को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है, जो कंपनी की विकास रणनीति के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है।

बैंकों के साथ साझेदारी

फिलहाल, Blinkit ने कई बैंकों के साथ साझेदारी की है, जिसमें HDFC, SBI, ICICI, Kotak Mahindra, Axis, RBL और CITI Bank शामिल हैं। ये बैंक अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड के जरिए EMI का विकल्प प्रदान करेंगे। इस साझेदारी के जरिए Blinkit ग्राहकों को सुविधाजनक भुगतान का मौका दे रहा है, जिससे वह बिना किसी वित्तीय दबाव के अपनी ज़रूरतों के मुताबिक खरीदारी कर सकते हैं।

ग्राहक वफादारी और वृद्धि पर ध्यान

EMI विकल्प पेश करना Blinkit की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य न केवल अपने ग्राहक आधार को बढ़ाना है, बल्कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म से जोड़े रखना भी है। क्विक कॉमर्स बाजार में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है, जहां Swiggy Instamart, Zepto जैसी कंपनियां Blinkit को टक्कर दे रही हैं। ऐसे में EMI जैसे सुविधाजनक विकल्प Blinkit को न केवल ग्राहकों को आकर्षित करने में मदद करेंगे, बल्कि प्लेटफॉर्म पर बार-बार आने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ाने में भी मददगार साबित होंगे।

Seller Hub की लॉन्चिंग

इसी सप्ताह Blinkit ने Seller Hub लॉन्च किया, जो ब्रांड्स को अपने उत्पादों की उपस्थिति को सीधे प्लेटफॉर्म पर प्रबंधित करने की सुविधा देता है। इस सुविधा का उपयोग 200 से अधिक ब्रांड्स पहले से ही कर रहे हैं, और यह ब्रांड्स को बिना किसी मध्यस्थ के अपनी क्विक कॉमर्स संचालन को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के उपकरण प्रदान करता है।

Blinkit की बाजार में स्थिति और भविष्य की संभावनाएं

Blinkit ने क्विक कॉमर्स स्पेस में एक मजबूत स्थिति बनाई है। हाल ही में, HSBC ने Blinkit की वैल्यूएशन लगभग $20.8 बिलियन आंकी, जो कि इसकी पेरेंट कंपनी Zomato की वैल्यूएशन ($9.2 बिलियन) से दो गुना अधिक है।

EMI विकल्प कंपनी के मार्जिन को बढ़ाने का एक और तरीका है, खासकर तब, जब Blinkit अपने ग्राहकों को इस सुविधा के माध्यम से अधिक खर्च करने के लिए प्रोत्साहित कर सके। क्विक कॉमर्स में मार्जिन कम होते हैं, इसलिए EMI जैसी सुविधाएं कंपनी के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने में मददगार साबित हो सकती हैं।

EMI विकल्प के फायदे और चुनौतियां

EMI सुविधा से Blinkit न केवल उच्च मूल्य के ऑर्डरों को आकर्षित करेगा, बल्कि उन ग्राहकों को भी प्लेटफॉर्म से जोड़े रखेगा, जो सुविधा और लचीलापन चाहते हैं। इसके अलावा, Blinkit ने हाल ही में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता लाते हुए सोने और मोबाइल जैसी वस्तुएं भी शामिल की हैं। ऐसे में EMI विकल्प उन ग्राहकों के लिए एक स्वाभाविक प्रगति के रूप में देखा जा सकता है, जो बड़ी खरीदारी करना चाहते हैं लेकिन तुरंत भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं।

हालांकि, कुछ शुरुआती चुनौतियां भी हो सकती हैं, जैसे कि EMI फीचर को लागू करने की प्रारंभिक लागत। लेकिन लंबे समय में, Blinkit के लिए इसका फायदा काफी ज्यादा हो सकता है, बशर्ते यह फीचर सफलतापूर्वक लागू हो जाए। अगर ऐसा होता है, तो यह फीचर जल्द ही बाजार में अन्य क्विक कॉमर्स कंपनियों द्वारा भी अपनाया जा सकता है, क्योंकि प्रतिस्पर्धा हमेशा आगे रहने के लिए नए रास्ते तलाशती है।

निष्कर्ष: Blinkit की नई पहल

EMI विकल्प की शुरुआत Blinkit के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उसे ग्राहकों के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाएगा, बल्कि प्लेटफॉर्म पर उच्च मूल्य वाले ऑर्डरों को भी आकर्षित करेगा। इसके अलावा, कंपनी के Seller Hub जैसी नई पहलों के साथ, Blinkit ने अपने प्लेटफॉर्म को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

क्विक कॉमर्स का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, और Blinkit अपनी अनूठी रणनीतियों के साथ इस प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में अग्रणी बने रहने की कोशिश कर रहा है। EMI विकल्प और Seller Hub जैसी सुविधाएं कंपनी को दीर्घकालिक लाभ और स्थिरता प्रदान कर सकती हैं, जिससे वह भारतीय क्विक कॉमर्स स्पेस में अपनी पकड़ और मजबूत कर सके।

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Shiprocket ने FY24 में हासिल की शानदार वृद्धि, 1,316 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया

Shiprocket

भारत की प्रमुख लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन एनेबलर कंपनी Shiprocket ने वित्तीय वर्ष 2024 में अच्छी वृद्धि दर्ज की है। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहिल गोयल के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 21% बढ़कर 1,316 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

पिछले वर्षों की तुलना

Shiprocket ने वित्तीय वर्ष 2023 में 1,088.7 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग रेवेन्यू रिकॉर्ड किया था। हालांकि, उस समय कंपनी को 333.81 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जिसमें 63.16 करोड़ रुपये की असाधारण मदें जैसे अमॉर्टाइजेशन ऑफ इंटैन्जिबल एसेट्स और निवेश प्रावधान शामिल थे।

हालांकि, अभी भी कंपनी मुनाफे से दूर है, लेकिन गोयल का दावा है कि कंपनी ने अपने नकद EBITDA बर्न को 48% तक कम किया है। FY23 में यह बर्न 191 करोड़ रुपये था, जो FY24 में घटकर 100 करोड़ रुपये रह गया। यह घाटे में कमी कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई है, जिससे FY25 की पहली दो तिमाहियों में कंपनी नकद लाभप्रदता हासिल कर पाई।

ऑपरेशनल एफिशिएंसी और लागत में कमी

Shiprocket की EBITDA मार्जिन में सुधार दर्शाता है कि कंपनी ने अपने संचालन को कुशल बनाने, लागत को कम करने और मुनाफे को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है। गोयल के अनुसार, कंपनी की इन रणनीतियों ने न केवल लागतों को नियंत्रित किया, बल्कि कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद की है।

उन्होंने अपने LinkedIn पोस्ट में बताया कि, “हमारे इमर्जिंग बिज़नेस लगभग 75% की साल-दर-साल दर से बढ़ रहे हैं। इसमें Shiprocket Cross Border, Checkout, Capital, और अन्य नवाचार शामिल हैं, जो भारतीय SMBs (छोटे और मझौले व्यवसायों) के लिए नए उत्पाद और सेवाएँ तेजी से ला रहे हैं।”

Pickrr का इंटीग्रेशन और कोर प्लेटफॉर्म को मजबूती

Shiprocket की कोर प्लेटफॉर्म को और मज़बूत करने में Pickrr के घरेलू शिपिंग इंटीग्रेशन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। Pickrr के इंटीग्रेशन के बाद से कंपनी की क्षमताओं में वृद्धि हुई है और यह अब अपने ग्राहकों को और भी बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो गई है।

Shiprocket: कंपनी का परिचय

Shiprocket की स्थापना साहिल गोयल, गौतम कपूर, और विशेष खुराना द्वारा की गई थी। यह कंपनी लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सॉल्यूशंस प्रदान करती है, जो खुदरा विक्रेताओं को उनकी शॉपिंग वेबसाइट्स को Shopify, Magenta और अन्य ई-कॉमर्स एनेबलर्स के साथ इंटीग्रेट करने की सुविधा देती है। Shiprocket का प्लेटफॉर्म भारत के ई-कॉमर्स बाजार का लगभग 5% सशक्त बनाता है और 1.5 लाख से अधिक सक्रिय व्यवसायों को सक्षम करता है।

Shiprocket की सेवाएं और SMBs पर फोकस

Shiprocket न केवल अपने पारंपरिक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सेवाओं के लिए जाना जाता है, बल्कि यह छोटे और मझौले व्यवसायों (SMBs) को उनके संचालन को बढ़ाने में भी मदद करता है। कंपनी का फोकस केवल लॉजिस्टिक्स सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्रॉस-बॉर्डर शिपिंग, चेकआउट सॉल्यूशंस, और कैपिटल सॉल्यूशंस जैसी नई और नवाचारी सेवाएं भी प्रदान करती है।

Shiprocket की उभरती चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं

हालांकि कंपनी ने FY24 में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई है, लेकिन Shiprocket के लिए सबसे बड़ी चुनौती मुनाफे की दिशा में बढ़ना है। कंपनी ने अपने EBITDA बर्न को कम करने और परिचालन दक्षता में सुधार करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, लेकिन मुनाफे तक पहुंचने का सफर अभी बाकी है।

फाइनेंशियल स्थिरता और बाजार विस्तार की दिशा में कंपनी के प्रयास आने वाले वित्तीय वर्षों में इसे और आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, गोयल के अनुसार, कंपनी का ध्यान नई सेवाओं और उत्पादों को विकसित करने पर भी रहेगा, जो भारतीय SMBs की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष: FY25 की राह में संभावनाएं

Shiprocket ने FY24 में अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने और ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। FY25 की पहली दो तिमाहियों में नकद लाभप्रदता हासिल करने के बाद, कंपनी आने वाले समय में और भी अधिक स्थिरता की ओर अग्रसर हो सकती है।

साहिल गोयल के नेतृत्व में Shiprocket भारतीय लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है और इसके इमर्जिंग बिज़नेस आने वाले समय में कंपनी को और अधिक सशक्त बना सकते हैं। Shiprocket की विकास यात्रा भारतीय ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स बाजार में उल्लेखनीय योगदान दे रही है, और इसका प्रभाव आने वाले वर्षों में और अधिक बढ़ने की संभावना है।

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Zouk ने $10 मिलियन जुटाए

Zouk

भारत की डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) बैग्स और लगेज ब्रांड Zouk ने अपने सीरीज बी फंडिंग राउंड में $10 मिलियन (लगभग 83 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Aavishkaar Group ने किया, और इसमें Stellaris Venture Partners, Titan Capital, Sharrp Ventures, और JJ Family ने भी भाग लिया। इस ताज़ा फंडिंग के बाद, Zouk का कुल फंडिंग $14.5 मिलियन हो गया है।

भविष्य की योजनाएं: ब्रांड आउटलेट्स और मार्केटिंग में निवेश

इस नए निवेश का उपयोग Zouk अपने एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट्स का विस्तार करने के लिए करेगा, और कंपनी का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में 75 से अधिक स्टोर्स खोलने का है। इसके अलावा, कंपनी अपने मार्केटिंग प्रयासों को बढ़ावा देने और सप्लाई चेन को मजबूत करने की योजना बना रही है। Zouk विभिन्न वर्टिकल्स में प्रतिभाओं की भर्ती करने के लिए भी निवेश करेगा, जिससे कंपनी का परिचालन और अधिक कुशल हो सके।

Zouk की स्थापना और इसके खास उत्पाद

2015 में दिशा सिंह और प्रदीप कृष्णकुमार द्वारा स्थापित Zouk ब्रांड अपने हैंडमेड उत्पादों के लिए जाना जाता है। यह ब्रांड लैपटॉप बैग्स, टोट हैंडबैग्स, स्लिंग बैग्स, और वॉलेट्स जैसे उत्पाद पेश करता है, जिन्हें 100% वेगन लेदर से तैयार किया जाता है। इस लेदर को पूरी तरह से भारत में ही सोर्स किया जाता है, जो ब्रांड के ‘मेड इन इंडिया’ दृष्टिकोण को दर्शाता है। अब तक, Zouk 700,000 से अधिक ग्राहकों की सेवा कर चुका है और अपने लगेज सेगमेंट में भी कदम रख रहा है। इसके तहत कंपनी बैकपैक्स और ट्रॉली बैग्स लॉन्च करने की तैयारी में है, और इस क्षेत्र में मजबूत वृद्धि की उम्मीद कर रही है।

फंडिंग और कंपनी का मूल्यांकन

Zouk की कुल फंडिंग अब $14.5 मिलियन तक पहुंच गई है। कंपनी के सूत्रों के अनुसार, Zouk का मौजूदा मूल्यांकन $50 मिलियन (लगभग 400 करोड़ रुपये) तक हो सकता है। TheKredible के डेटा के अनुसार, मुंबई स्थित इस स्टार्टअप का मूल्यांकन पिछली फंडिंग के समय $7 मिलियन के करीब था।

कंपनी में हिस्सेदारी

पिछले फंडिंग राउंड के समय, Zouk के सह-संस्थापक दिशा सिंह और प्रदीप कृष्णकुमार के पास क्रमशः 31% हिस्सेदारी थी। Stellaris सबसे बड़े बाहरी शेयरधारक थे, जिनके पास कंपनी में 19.63% हिस्सेदारी थी। Zouk की बढ़ती लोकप्रियता और उत्पादों की मांग के साथ, यह हिस्सेदारी कंपनी के विकास के साथ और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

वित्तीय स्थिति: राजस्व में वृद्धि, लेकिन घाटा भी बढ़ा

Zouk ने मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में 47.41 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो FY22 में 21.82 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी के घाटे में भी वृद्धि हुई है। FY23 में Zouk का घाटा 10.55 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह घाटा केवल 77 लाख रुपये था। कंपनी ने अभी तक FY24 के लिए अपने वित्तीय आंकड़े दर्ज नहीं किए हैं, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आगामी वित्तीय वर्ष में कंपनी अपने घाटे को कम करने और राजस्व को बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।

Aavishkaar Group और निवेशकों की भूमिका

इस राउंड में Zouk का नेतृत्व करने वाला Aavishkaar Group पहले भी कई स्टार्टअप्स में निवेश कर चुका है। इनमें AgroStar, Altum Credo, Ergos, GoDesi, Milk Mantra, और Newtrace जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। Aavishkaar की विशेषज्ञता और वित्तीय सहयोग से Zouk को अपनी विस्तार योजनाओं को साकार करने में मदद मिलेगी, और कंपनी भारतीय बाजार में अपनी पहचान और मजबूत करेगी।

Zouk का लक्ष्य और भविष्य की संभावनाएं

Zouk की स्थापना एक विशिष्ट उद्देश्य के साथ की गई थी—भारतीय उपभोक्ताओं के लिए स्टाइलिश, टिकाऊ और वेगन उत्पाद प्रदान करना। कंपनी ने धीरे-धीरे अपनी जगह बनाई है और अब वह लगेज सेगमेंट में भी प्रवेश करने की तैयारी कर रही है। बैकपैक्स और ट्रॉली बैग्स के नए लॉन्च के साथ, Zouk का लक्ष्य अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को और विस्तारित करना है।

इसके अलावा, कंपनी का जोर अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और स्थिरता पर है। Zouk ने वेगन लेदर और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग कर एक अलग पहचान बनाई है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं को आकर्षित कर रही है। कंपनी का मानना है कि टिकाऊ उत्पाद ही भविष्य का रास्ता हैं, और यही Zouk के विकास की कुंजी भी है।

निष्कर्ष

Zouk ने अपने सीरीज बी फंडिंग राउंड में $10 मिलियन जुटाकर अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। कंपनी अब अपने ब्रांड आउटलेट्स के विस्तार, मार्केटिंग और सप्लाई चेन सुधार पर ध्यान केंद्रित करेगी। वित्तीय दृष्टिकोण से, Zouk का राजस्व तेजी से बढ़ रहा है, हालांकि घाटे में भी वृद्धि देखी गई है। कंपनी का उद्देश्य अपने प्रोडक्ट्स को और विकसित करना और भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को और भी मजबूत बनाना है। Zouk की आगामी योजनाएं और विस्तार संभावनाएं इसे एक उभरते हुए भारतीय D2C ब्रांड के रूप में स्थापित करने में सहायक होंगी।

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Moglix की FY24 में 4,964 करोड़ रुपये की राजस्व रिपोर्ट

Moglix

B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Moglix ने वित्तीय वर्ष 2024 में 5.5% की मामूली वृद्धि दर्ज की है। हालांकि FY23 में कंपनी ने 82.6% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की थी, लेकिन FY24 में यह वृद्धि धीमी रही। इसके बावजूद, कंपनी ने अपने घाटे को 16% तक कम करने में सफलता पाई है।

Moglix FY24 में Moglix का राजस्व

Moglix का संचालन से होने वाला राजस्व FY24 में 4,964 करोड़ रुपये ($591 मिलियन) हो गया, जो FY23 में 4,704 करोड़ रुपये ($560 मिलियन) था। यह आंकड़े कंपनी की सिंगापुर स्थित समूह कंपनी से प्राप्त वित्तीय बयानों के अनुसार हैं। Moglix का कुल राजस्व बिक्री किए गए सामान से प्राप्त होता है, जो FY24 में 5.4% बढ़कर 4,914 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, कंपनी की आय का बाकी हिस्सा ऑनलाइन बिक्री से प्राप्त कमीशन, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं, फैक्टरिंग, और अन्य सहायक सेवाओं से आता है।

FY24 में कुल राजस्व और अतिरिक्त आय

कंपनी को गैर-ऑपरेशनल आय और ब्याज से भी लाभ हुआ, जिससे Moglix का कुल राजस्व बढ़कर 5,309 करोड़ रुपये ($632 मिलियन) हो गया। इसमें से भारत का योगदान सबसे प्रमुख रहा, जहां से कंपनी को कुल राजस्व का 97.1% प्राप्त हुआ। वहीं, अमेरिका से 2.7% और सिंगापुर से 0.16% का योगदान रहा।

भारत में प्रमुख योगदान

भारत में Moglix का व्यापार सबसे मजबूत रहा, और कंपनी ने यहां से लगभग पूरा राजस्व प्राप्त किया। कंपनी का फोकस भारत के तेजी से बढ़ते B2B ई-कॉमर्स बाजार पर है, जहां छोटे और बड़े व्यवसायों के लिए आपूर्ति श्रृंखला को आसान और किफायती बनाया जा रहा है। Moglix अपने ग्राहकों को एक व्यापक और सुलभ प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जहाँ वे अपने उद्योग की जरूरतों के अनुसार उत्पादों की खरीद कर सकते हैं।

खर्च और लाभ प्रबंधन

FY24 में Moglix के कुल खर्चों का 84% इसके खरीद लागत पर रहा, जो कि 4.4% बढ़कर 4,620 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23 में 4,427 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, कंपनी ने 218 करोड़ रुपये कर्मचारियों के लाभ और 92 करोड़ रुपये शिपिंग खर्चों पर खर्च किए। विज्ञापन, कानूनी सेवाएं, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं और अन्य ओवरहेड्स पर कंपनी ने FY24 में कुल 5,493 करोड़ रुपये ($654 मिलियन) खर्च किए, जो FY23 में 5,208 करोड़ रुपये ($620 मिलियन) थे।

FY24 में घाटे में कमी

वित्तीय वर्ष 2024 में, Moglix ने अपने घाटे में 16% की कमी दर्ज की। इस सुधार का मुख्य कारण था कंपनी की परिचालन दक्षता और खर्चों पर नियंत्रण। FY23 में, कंपनी ने अपने परिचालन और अन्य सहायक सेवाओं पर बड़ा खर्च किया था, लेकिन FY24 में खर्चों को नियंत्रित करने से घाटे में कमी आई।

उद्योग में Moglix की स्थिति

Moglix ने B2B ई-कॉमर्स क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है और भारतीय उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला समाधान प्रस्तुत किया है। कंपनी का उद्देश्य है कि वह अपने ग्राहकों के लिए सबसे बेहतर और किफायती उत्पाद उपलब्ध कराए, जिससे उनके व्यवसाय की गति बढ़ सके। Moglix के उत्पाद पोर्टफोलियो में उद्योगों की हर तरह की जरूरतों के लिए व्यापक रेंज के प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं।

Moglix का वैश्विक विस्तार

हालांकि, Moglix का व्यापार मुख्य रूप से भारत में केंद्रित है, लेकिन कंपनी अमेरिका और सिंगापुर जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने पैर पसार रही है। अमेरिका से प्राप्त 2.7% और सिंगापुर से 0.16% का राजस्व इसके वैश्विक विस्तार की दिशा में उठाए गए कदमों का संकेत है। कंपनी आने वाले वर्षों में इन बाजारों में अपनी उपस्थिति और मजबूत करने का लक्ष्य रखती है।

आगे की योजनाएं

Moglix आने वाले वित्तीय वर्षों में अपने उत्पादों और सेवाओं की रेंज को बढ़ाने के साथ-साथ अपने ग्राहकों को और भी बेहतर सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रहा है। कंपनी का उद्देश्य है कि वह अपनी परिचालन दक्षता को और बेहतर बनाते हुए, अपने घाटे को और कम करे और राजस्व में और वृद्धि दर्ज करे।

निष्कर्ष

Moglix ने वित्तीय वर्ष 2024 में 4,964 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो मामूली 5.5% की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि यह वृद्धि पिछले वर्ष के मुकाबले धीमी थी, लेकिन कंपनी ने अपने खर्चों पर नियंत्रण रखते हुए घाटे को 16% तक कम किया। कंपनी का मुख्य फोकस भारतीय बाजार पर है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय विस्तार की दिशा में भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं। Moglix आने वाले समय में अपने व्यापार में और भी सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वह अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सके।

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WishNew Wellness वेलनेस ब्रांड को 2.5 लाख डॉलर की एंजल फंडिंग,

WishNew Wellness

दिल्ली आधारित वेलनेस ब्रांड WishNew Wellness ने हाल ही में 2.5 लाख डॉलर की एंजल फंडिंग जुटाई है, जिससे कंपनी का वैल्यूएशन 5.65 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व अंकित खंडेलवाल ने किया, जिसमें DotPe के सह-संस्थापक ज्ञानेश शर्मा, अभिजीत राणा और आशीष सिंह जैसे प्रमुख निवेशकों का भी सहयोग रहा। इस निवेश से WishNew Wellness को अपने प्रोडक्ट्स की रिसर्च और डेवलपमेंट को और मजबूत करने, नए प्रोडक्ट्स लाने और ग्राहकों को प्रीमियम वेलनेस सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।

WishNew Wellness का सफर और फोकस

WishNew Wellness एक उभरता हुआ वेलनेस ब्रांड है जिसकी स्थापना करण खुराना और प्रांशु सिंह ने की है। यह ब्रांड कई स्वास्थ्य और वेलनेस प्रोडक्ट्स जैसे न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स, स्किनकेयर प्रोडक्ट्स, फिटनेस एड्स और मानसिक स्वास्थ्य सॉल्यूशंस की विस्तृत रेंज पेश करता है। कंपनी का लक्ष्य विज्ञान-आधारित समाधानों के जरिए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए सशक्त बनाना है।

कंपनी की विशेषता यह है कि यह आधुनिक वैज्ञानिक शोध को प्राकृतिक अवयवों की पुरानी जानकारी के साथ जोड़ती है। ब्लूबेरी, अश्वगंधा, और ब्राह्मी जैसे तत्वों को उन्नत जैव उपलब्धता तकनीक के साथ इस्तेमाल कर, WishNew Wellness अपने ग्राहकों को अधिकतम पोषण लाभ प्रदान करने की कोशिश करती है।

निवेश का उद्देश्य और रणनीति

WishNew Wellness इस फंडिंग का उपयोग कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में करेगी। इसमें रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ाना, प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार करना, और ग्राहकों तक आसानी से पहुंचाने के लिए प्रीमियम वेलनेस सॉल्यूशंस को सस्ता बनाना शामिल है। कंपनी अपने सप्लाई चेन को ऑप्टिमाइज करने, डिजिटल प्लेटफार्मों में सुधार करने, और रिटेल साझेदारियों को मजबूत बनाने के लिए भी यह फंड उपयोग करेगी।

कंपनी के सह-संस्थापक करण खुराना ने कहा, “हम इस फंडिंग का उपयोग करके अपने रिसर्च को और उन्नत बनाएंगे ताकि हम अपने प्रोडक्ट्स को और भी अधिक प्रभावी बना सकें। हमारी कोशिश है कि हम विज्ञान और प्राकृतिक अवयवों का सही संतुलन बनाए रखें और हमारे ग्राहकों को बेहतरीन वेलनेस सॉल्यूशंस दें।”

FC Goa के साथ साझेदारी

कंपनी ने हाल ही में घोषणा की कि वह आगामी सीजन में FC Goa की आधिकारिक वेलनेस पार्टनर के रूप में काम करेगी। यह साझेदारी WishNew Wellness के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे कंपनी को खेल जगत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करने का मौका मिलेगा। इस साझेदारी के तहत, कंपनी FC Goa के खिलाड़ियों को विशेष वेलनेस प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराएगी, जो उनके प्रदर्शन और फिटनेस को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।

नए प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजी पर जोर

WishNew Wellness न केवल प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता पर ध्यान देता है, बल्कि वह उन्हें विज्ञान और तकनीक के जरिए और प्रभावी बनाने पर भी जोर देता है। कंपनी अपने प्रोडक्ट्स में उन्नत जैव उपलब्धता तकनीक का उपयोग करती है ताकि पोषक तत्वों का अधिकतम लाभ मिल सके। यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि शरीर द्वारा अवशोषण क्षमता बढ़े, जिससे उत्पादों का प्रभाव और अधिक हो सके।

कंपनी के प्रोडक्ट्स में ब्लूबेरी, अश्वगंधा, ब्राह्मी जैसे प्राकृतिक अवयवों का उपयोग किया जाता है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह ब्रांड आधुनिक वैज्ञानिक खोजों और पारंपरिक चिकित्सा के ज्ञान को एक साथ लाकर अपने उत्पादों को अद्वितीय बनाता है।

ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने की कोशिश

कंपनी का फोकस केवल प्रोडक्ट्स पर ही नहीं, बल्कि ग्राहकों के अनुभव को भी बेहतर बनाने पर है। डिजिटल प्लेटफॉर्म और रिटेल साझेदारियों को मजबूत बनाकर, WishNew Wellness अपने ग्राहकों के लिए खरीदारी को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। कंपनी का मानना है कि बेहतर ग्राहक अनुभव ही किसी भी ब्रांड की सफलता की कुंजी होता है, और इस दिशा में वे निरंतर प्रयासरत हैं।

वेलनेस उद्योग में WishNew Wellness की पहचान

WishNew Wellness ने कम समय में ही वेलनेस उद्योग में अपनी अलग पहचान बनाई है। ब्रांड का ध्यान ग्राहकों के स्वास्थ्य और भलाई पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य उन्हें संपूर्ण स्वास्थ्य का अनुभव कराना है। कंपनी अपने इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और सेवाओं के माध्यम से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रही है।

भविष्य की योजनाएं

कंपनी आने वाले समय में अपने प्रोडक्ट्स की रेंज को और भी विस्तृत करने की योजना बना रही है। WishNew Wellness न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने उत्पादों को विस्तार देने की दिशा में काम कर रहा है। उनकी योजना है कि वे अपने प्रोडक्ट्स को हर व्यक्ति तक पहुँचाएं जो अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहता है।

निष्कर्ष

WishNew Wellness एक उभरता हुआ ब्रांड है जो विज्ञान और प्राकृतिक अवयवों के संयोजन से वेलनेस उत्पादों की एक नई दिशा तय कर रहा है। 2.5 लाख डॉलर की एंजल फंडिंग से प्राप्त इस सफलता के बाद, कंपनी अपने शोध, उत्पाद और ग्राहकों के अनुभव को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है। आने वाले समय में, यह ब्रांड वेलनेस उद्योग में और भी बड़ा नाम बनने की दिशा में अग्रसर है।

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Working capital प्लेटफॉर्म GetVantage Funding

GetVantage

Working capital प्लेटफॉर्म GetVantage ने हाल ही में लॉजिस्टिक्स सेक्टर में अपने कदम बढ़ाए हैं। इस पहल के तहत, कंपनी ने Celcius Logistics, Ohm Logistics, और Fitsol नामक तीन स्टार्टअप्स को विकास पूंजी के रूप में प्रति स्टार्टअप 1.8 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है।

GetVantage का वित्तीय समर्थन

GetVantage इन निवेशों को अपनी लाइसेंस प्राप्त NBFC GetGrowth Capital और AIF Venture Finance Fund के माध्यम से फंड करता है, जो कि Varanium Capital सहित अन्य NBFC भागीदारों के साथ साझेदारी में कार्य कर रहा है। इस वित्तीय सहायता से Celcius, Ohm, और Fitsol अपनी ऑपरेशनों को बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे।

Celcius Logistics का लक्ष्य

Celcius Logistics, जिसे Swarup Bose ने लॉन्च किया, तकनीक के माध्यम से ठंडे श्रृंखला लॉजिस्टिक्स की दक्षता और विश्वसनीयता को बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। यह प्लेटफॉर्म एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की कोशिश कर रहा है, जो खाद्य, दवा और अन्य नाशवान वस्तुओं की सुरक्षित और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करता है। Celcius Logistics का उद्देश्य पूरे देश में तापमान-संवेदनशील सामानों के लिए एक प्रभावी लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करना है।

Fitsol की अनोखी पहल

दूसरी ओर, Fitsol, जो कि Anand Pathak द्वारा 2022 में स्थापित किया गया, विनिर्माण कंपनियों के लिए एक डिकार्बोनाइजेशन पार्टनर के रूप में कार्य करता है। Fitsol का लक्ष्य आपूर्ति श्रृंखला से 1 बिलियन टन CO2 की कमी लाना है। यह एक AI-शक्ति प्राप्त कार्बन प्रबंधन प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्बन फुटप्रिंट को इकट्ठा, मापने और रिपोर्ट करने में सहायता करता है।

Ohm Logistics का महत्व

Ohm Logistics, जिसे लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में अग्रणी माना जा रहा है, भी GetVantage द्वारा फंड किए गए स्टार्टअप्स में से एक है। यह स्टार्टअप समग्र लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करने के लिए नवोन्मेषी तकनीकों का उपयोग करता है। इसका उद्देश्य स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में कस्टमर्स की बढ़ती जरूरतों को पूरा करना है।

GetVantage का प्रभाव

GetVantage की स्थापना 2019 में Bhavik Vasa और Amit Srivastava ने की थी। यह प्लेटफॉर्म डेटा-आधारित निवेशों की सुविधा प्रदान करता है, जो 2 लाख रुपये से लेकर 20 करोड़ रुपये तक होते हैं। अब तक, GetVantage ने 1,500 से अधिक SMEs और स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान की है।

GetVantage विभिन्न प्रकार के नॉन-डिल्यूटिव कार्यशील पूंजी समाधान प्रदान करता है, जिसमें मार्केटिंग, इन्वेंट्री, लॉजिस्टिक्स, और अन्य आवर्ती संचालन खर्च शामिल हैं। यह B2B SaaS, ई-कॉमर्स, D2C, एडटेक, क्लाउड किचन, और कई अन्य क्षेत्रों में व्यापारियों के लिए सहायक है।

प्रमुख निवेशकों का समर्थन

GetVantage को भारत और जापान के प्रमुख निवेशकों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें Chirate Ventures, Sony, DI Japan, DMI Fund, और InCred Capital शामिल हैं। इन निवेशों ने GetVantage को अपने लक्ष्यों को हासिल करने और स्टार्टअप्स को मजबूत करने में सहायता की है।

वर्तमान और भविष्य की योजनाएँ

GetVantage का लक्ष्य है कि वह लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में और अधिक स्टार्टअप्स के साथ काम करे। यह कंपनी न केवल वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि यह प्रौद्योगिकी के माध्यम से व्यवसायों को बढ़ाने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र भी विकसित कर रही है।

आने वाले समय में, GetVantage की योजना है कि वह और अधिक स्टार्टअप्स को फंडिंग प्रदान करे, जिससे वे अपने कारोबार को और अधिक प्रभावी ढंग से बढ़ा सकें। यह न केवल भारतीय स्टार्टअप्स के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।

निष्कर्ष

GetVantage की लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एंट्री और स्टार्टअप्स को प्रदान की गई वित्तीय सहायता एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल नवोन्मेषी कंपनियों को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान करेगी। यह पहल यह दर्शाती है कि कैसे नवाचार और वित्तीय समर्थन के माध्यम से भारतीय स्टार्टअप्स को एक नई दिशा मिल सकती है।

GetVantage के द्वारा प्रदान की गई सहायता से न केवल लाभार्थी स्टार्टअप्स को बल्कि समग्र लॉजिस्टिक्स उद्योग को भी एक नई ऊर्जा मिलेगी, जिससे उद्योग में स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

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