Zomato ने QIP के जरिए जुटाए ₹8,500 करोड़

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Zomato Limited ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशंस प्लेसमेंट (QIP) के माध्यम से ₹8,500 करोड़ जुटाए हैं। पिछले सप्ताह, इस फंडरेज के लिए कंपनी को शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई थी।


Zomato शेयर जारी करने का विवरण

Zomato ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि इस प्रक्रिया में कुल 33,64,73,755 इक्विटी शेयर जारी किए गए।

  • प्रत्येक शेयर की कीमत ₹252.62 तय की गई, जिसमें ₹251.62 का प्रीमियम शामिल है।
  • यह इश्यू प्राइस, प्रति शेयर निर्धारित फ्लोर प्राइस ₹265.91 पर 5% की छूट दर्शाता है।

यह पूंजी Zomato की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और उसके तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स सेगमेंट में विस्तार, विशेष रूप से Blinkit के जरिए नई रणनीतिक पहलों को प्रोत्साहित करेगी।


फंडरेजिंग प्रक्रिया और निवेशकों की भागीदारी

Zomato की यह QIP पेशकश 25 नवंबर को शुरू हुई और 28 नवंबर को बंद हुई।

  • Zomato की फंड रेजिंग कमेटी ने आज हुई बैठक में इस पेशकश को मंजूरी दी।
  • इस इश्यू में कई प्रमुख म्यूचुअल फंड्स ने हिस्सा लिया, जिनमें ICICI Prudential और Motilal Oswal जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
    • Motilal Oswal ने इस इश्यू में 6.92 करोड़ शेयर हासिल किए, जो कुल इश्यू साइज का 20.81% है।

Zomato का पूंजी ढांचा

इस फंडरेज के बाद Zomato की पेड-अप इक्विटी शेयर पूंजी ₹917.28 करोड़ तक पहुंच गई है।


कैसे मदद करेगी यह पूंजी?

Zomato इस पूंजी का उपयोग अपने बिजनेस विस्तार और रणनीतिक पहलों के लिए करेगा।

  1. Blinkit के माध्यम से क्विक कॉमर्स स्पेस:
    • Zomato Blinkit के जरिए ग्राहकों को तेज़ और बेहतर सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रहा है।
    • यह फंड Blinkit की सेवाओं और वितरण क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा।
  2. वित्तीय मजबूती और रणनीतिक निवेश:
    • इस पूंजी के साथ Zomato की वित्तीय स्थिति और बेहतर होगी।
    • कंपनी नए बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाने और टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन में निवेश करेगी।
  3. मार्जिन सुधार और ऑपरेशनल एफिशिएंसी:
    • फंड का उपयोग Zomato की लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन को कुशल बनाने में किया जाएगा।
    • कंपनी की मार्जिन प्रोफाइल सुधारने और लाभप्रदता सुनिश्चित करने पर भी जोर रहेगा।

Zomato और Blinkit की साझेदारी

Blinkit के साथ Zomato की साझेदारी भारतीय क्विक कॉमर्स मार्केट में एक महत्वपूर्ण कदम है।

  • Zomato ने 2022 में Blinkit का अधिग्रहण किया था, जिसके जरिए वह 10-20 मिनट की क्विक डिलीवरी सेवाओं में उतरा।
  • भारतीय क्विक कॉमर्स मार्केट का आकार 2025 तक $5 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।

Zomato के वित्तीय प्रदर्शन पर असर

हाल के वर्षों में Zomato ने अपने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार किया है।

  • Blinkit और अन्य नए व्यवसायों के लिए किए गए भारी निवेश के बावजूद, कंपनी ने अपने राजस्व में बढ़ोतरी और लाभप्रदता सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है।
  • इस फंडरेज के बाद, Zomato की क्षमता और भी मजबूत होगी, जिससे वह अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकल सकेगा।

इश्यू की रणनीतिक महत्वता

Zomato का यह कदम भारतीय फूडटेक और क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री में उसकी स्थिति को और मजबूत करेगा।

  • QIP के माध्यम से जुटाई गई यह पूंजी कंपनी को दीर्घकालिक वृद्धि के लिए तैयार करेगी।
  • Blinkit के साथ साझेदारी और नए बाजारों में प्रवेश Zomato को एक मल्टी-कैटेगरी सर्विस प्लेटफॉर्म बनाने की दिशा में ले जाएगा।

भारतीय फूडटेक इंडस्ट्री का परिदृश्य

भारत में फूडटेक इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है।

  • NASSCOM की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक भारतीय फूड डिलीवरी मार्केट का आकार $15 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।
  • Zomato और Swiggy जैसी कंपनियां इस इंडस्ट्री में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
  • क्विक कॉमर्स सेगमेंट में Blinkit, Zepto और BigBasket जैसे खिलाड़ियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है।

भविष्य की संभावनाएं

Zomato के लिए यह फंडरेज महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसे निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा:

  1. ग्राहक अनुभव में सुधार:
    • डिलीवरी सेवाओं को और तेज और कुशल बनाना।
  2. मार्केट विस्तार:
    • छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाओं को पहुंचाना।
  3. नवाचार और टेक्नोलॉजी में निवेश:
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में निवेश करना।

निष्कर्ष

₹8,500 करोड़ का यह फंडरेज Zomato की रणनीतिक योजनाओं और बिजनेस विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

  • Blinkit के जरिए कंपनी भारतीय क्विक कॉमर्स मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।
  • यह कदम न केवल Zomato को अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे ले जाएगा, बल्कि इसे एक मजबूत और स्थिर फूडटेक पावरहाउस बनने में भी मदद करेगा।

Zomato का यह कदम भारतीय फूडटेक इंडस्ट्री के भविष्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।

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Zomato को शेयरधारकों से ₹8,500 करोड़ जुटाने की मंजूरी

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भारत की प्रमुख फूडटेक और क्विक कॉमर्स कंपनी Zomato ने ₹8,500 करोड़ जुटाने के लिए Qualified Institutional Placement (QIP) के माध्यम से शेयरधारकों की मंजूरी प्राप्त कर ली है। यह फंडरेज Swiggy के आगामी IPO और अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मुकाबले अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।


फंडरेज की प्रक्रिया और उद्देश्य

निवेश बैंक की नियुक्ति:

Zomato ने इस नई QIP प्रक्रिया के लिए निवेश बैंक Morgan Stanley को नियुक्त किया है।

कैसे होगा फंडरेज?

  • कंपनी यह फंड योग्य संस्थागत निवेशकों (Qualified Institutional Investors) से इक्विटी शेयर जारी करके जुटाएगी।
  • इस कदम की जानकारी Zomato ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी।

लक्ष्य:

  • इस धनराशि का उपयोग Zomato की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और Swiggy, Zepto जैसे प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

प्रतिस्पर्धा पर प्रभाव

Swiggy की IPO तैयारी:

  • Swiggy ने अपने IPO के माध्यम से ₹4,500 करोड़ जुटाए हैं, जिससे कंपनी के पास पर्याप्त धन है।

Zepto की फंडिंग:

  • Zepto ने हाल ही में ₹3,000 करोड़ की फंडिंग जुटाई है, जिससे वह क्विक कॉमर्स स्पेस में मजबूत स्थिति में है।

Zomato का उद्देश्य:

Zomato का यह फंडरेज सीधे तौर पर अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने और वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए है, ताकि यह अपने प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ प्रभावी रूप से मुकाबला कर सके।


कर्मचारियों के लिए ESOP योजनाएं

ESOP प्लान का विस्तार:

Zomato ने कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न ESOP योजनाओं को मंजूरी दी है:

  1. Zomato Employee Stock Option Plan 2018
  2. Zomato Employee Stock Option Plan 2021
  3. Zomato Employee Stock Option Plan 2022
  4. Zomato Employee Stock Option Plan 2024

ब्याज-मुक्त ऋण:

  • कंपनी ने Foodie Bay Employees ESOP Trust को बिना ब्याज के ऋण देने की भी मंजूरी दी है, ताकि ये योजनाएं लागू की जा सकें।

कर्मचारियों के लिए लाभ:

इन योजनाओं से कर्मचारियों को कंपनी के साथ जुड़ाव और उनके प्रदर्शन में सुधार का मौका मिलेगा।


वित्तीय प्रदर्शन में सुधार

राजस्व में वृद्धि:

  • FY25 की दूसरी तिमाही (Q2) में Zomato ने ₹4,799 करोड़ की परिचालन आय दर्ज की, जो FY24 की इसी तिमाही में ₹2,848 करोड़ थी।
  • यह 68.5% की तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि को दर्शाता है।

लाभ में उछाल:

  • Zomato ने Q2 FY25 में ₹176 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.8 गुना अधिक है।

मजबूत वित्तीय स्थिति:

  • कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में यह सुधार इसे बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगा।

Zomato की बाजार रणनीति

क्विक कॉमर्स स्पेस पर ध्यान:

Zomato अपने फूड डिलीवरी व्यवसाय के अलावा Blinkit और अन्य क्विक कॉमर्स सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

टेक्नोलॉजी और इनोवेशन:

  • कंपनी की रणनीति तकनीकी नवाचार और उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने पर आधारित है।
  • डिजिटल भुगतान और उपभोक्ता डेटा का बेहतर उपयोग Zomato को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

ग्राहक जुड़ाव:

  • Zomato का लक्ष्य ग्राहकों के साथ बेहतर जुड़ाव और उनकी जरूरतों को समझकर उन्हें कुशल सेवाएं प्रदान करना है।

भारतीय फूडटेक उद्योग में Zomato का प्रभाव

नेतृत्व की स्थिति:

Zomato भारतीय फूडटेक उद्योग में अग्रणी है और इसका विस्तार इसे बाजार में अन्य कंपनियों से आगे बनाए रखने में मदद करेगा।

प्रतिस्पर्धा में मजबूती:

  • ₹8,500 करोड़ का यह फंड Zomato को प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्रदान करेगा।
  • Swiggy और Zepto जैसे प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबले के लिए कंपनी के पास पर्याप्त संसाधन होंगे।

निवेशकों का विश्वास:

  • फंडरेज के जरिए Zomato ने निवेशकों का विश्वास मजबूत किया है, जो कंपनी के दीर्घकालिक विकास को समर्थन देगा।

निष्कर्ष

Zomato का ₹8,500 करोड़ का फंडरेज न केवल इसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि Swiggy और Zepto जैसे बड़े खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा में इसे बढ़त भी देगा। कंपनी की राजस्व वृद्धि और लाभप्रदता में सुधार इसके मजबूत प्रबंधन और बाजार रणनीति का प्रमाण है।

आने वाले समय में, Zomato की फोकस्ड रणनीतियां और कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं इसे फूडटेक और क्विक कॉमर्स स्पेस में और अधिक प्रभावी बनाएंगी। भारतीय फूडटेक उद्योग में Zomato का यह कदम एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

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Zomato की राजस्व में 68.5% की तिमाही वृद्धि,

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Zomato, जो भारत के फूडटेक और क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में अग्रणी है, ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में 68.5% की तिमाही दर तिमाही वृद्धि हासिल की है। इस तिमाही के दौरान कंपनी का संचालन राजस्व ₹4,799 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹2,848 करोड़ था। इस वृद्धि का प्रमुख कारण Zomato के मुख्य फूड डिलीवरी व्यवसाय, उसके B2B Hyperpure वर्टिकल और Blinkit के विस्तार को माना जा रहा है।

कंपनी के बोर्ड ने ₹8,500 करोड़ की पूंजी जुटाने का प्रस्ताव पास किया है, जो कि योग्य संस्थागत निवेशकों से प्राप्त किया जाएगा। इस निर्णय के साथ Zomato अपने प्रतिद्वंद्वी Swiggy की सार्वजनिक सूचीबद्धता के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए भी तैयार है।

आइए अब Zomato के विभिन्न राजस्व स्रोतों और उनकी वृद्धि पर नज़र डालते हैं:

फूड डिलीवरी व्यवसाय

Zomato का फूड डिलीवरी व्यवसाय अभी भी इसके कुल संग्रह का मुख्य स्रोत बना हुआ है, जो कि Q2 FY25 में कुल राजस्व का 42% है। इस क्षेत्र से राजस्व 30% की वृद्धि के साथ ₹2,012 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि Q2 FY24 में यह ₹1,546 करोड़ था। इस वृद्धि का मुख्य कारण ऑर्डर वॉल्यूम में बढ़ोतरी, औसत ऑर्डर मूल्य में इजाफा और नए शहरों में विस्तार है।

क्विक कॉमर्स (Blinkit)

Zomato के Blinkit द्वारा संचालित क्विक कॉमर्स सेगमेंट ने अद्वितीय वृद्धि दिखाई है। इस क्षेत्र का राजस्व Q2 FY25 में ₹1,156 करोड़ तक पहुँच गया, जो कि Q2 FY24 में ₹504 करोड़ था, यानि 129% की वृद्धि। इस वृद्धि का मुख्य कारण ऑर्डर आवृत्ति में इजाफा और नए स्टोर्स की बढ़ोतरी है, जिसने कंपनी की कुल राजस्व में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

Hyperpure (B2B सप्लाई)

Zomato का Hyperpure व्यवसाय, जो रेस्टोरेंट्स को सप्लाई प्रदान करता है, ने भी बेहतरीन परिणाम दिखाए। इस सेगमेंट का राजस्व Q2 FY25 में ₹1,473 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि Q2 FY24 में यह ₹747 करोड़ था, यानि 97% की वृद्धि। यह B2B सेगमेंट Zomato के लिए एक प्रमुख वृद्धि चालक बना हुआ है, क्योंकि अधिक रेस्टोरेंट्स इसके प्रोक्योरमेंट सेवाओं पर निर्भर हो रहे हैं।

अन्य राजस्व स्रोत

इन मुख्य क्षेत्रों के अलावा, Zomato ने अपने “गोइंग-आउट” सेवाओं और अन्य गतिविधियों से भी अतिरिक्त आय अर्जित की, जिससे कंपनी का कुल राजस्व Q2 FY25 में ₹4,799 करोड़ तक पहुँचा।

खर्च और लाभप्रदता

उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद, Zomato को बढ़ते खर्चों का सामना करना पड़ा। डिलीवरी और संबंधित शुल्कों में 97.9% की वृद्धि हुई, जो ₹1,334 करोड़ तक पहुँच गया और कुल खर्च का 29.2% हिस्सा बना। कंपनी का कुल खर्च Q2 FY25 में ₹4,783 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि Q2 FY24 में यह ₹3,039 करोड़ था। यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रोक्योरमेंट, कर्मचारी लाभ, मार्केटिंग और विज्ञापन खर्चों में हुई वृद्धि के कारण हुई। कर्मचारी लाभ ही ₹709 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले तिमाही की तुलना में 11.2% कम था। इस कमी का मुख्य कारण ESOP लागत में कमी रहा।

कंपनी ने लाभप्रदता के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की, क्योंकि इसका शुद्ध मुनाफा 4.8 गुना बढ़कर ₹176 करोड़ हो गया, जबकि Q2 FY24 में यह ₹36 करोड़ था। EBITDA, जो ESOP खर्चों से पहले का आंकड़ा है, में भी सुधार हुआ और यह -₹186 करोड़ पर पहुँच गया, जो कि पिछले तिमाही के मुकाबले ₹359 करोड़ का सुधार है।

कैश बैलेंस और बाजार प्रदर्शन

Zomato ने तिमाही को ₹10,800 करोड़ के कैश बैलेंस के साथ समाप्त किया, जो इसकी मजबूत नकदी स्थिति को दर्शाता है। हालाँकि, वित्तीय सुधारों के बावजूद, Zomato के शेयरों में गिरावट देखी गई और यह ₹256.55 के भाव पर कारोबार कर रहा था। कंपनी की कुल बाजार पूंजीकरण ₹2,26,645 करोड़ (लगभग $27 बिलियन) रही।

जैसे-जैसे Zomato का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी Swiggy अपने IPO की तैयारी कर रहा है, Zomato का अपने संचालन को बढ़ाने, यूनिट इकोनॉमिक्स को सुधारने, और अपने व्यवसाय सेगमेंट को विस्तार देने पर ध्यान केंद्रित करना इसके भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है। मजबूत बुनियाद के साथ, Zomato आने वाले समय में फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स क्षेत्रों में और अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।

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Zomato के सह-संस्थापक Deepinder Goyal ने शुरू की नई कंपनी ‘Continue’

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Zomato के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपिंदर गोयल ने एक नई वेंचर ‘Continue’ की स्थापना की है, जो स्वास्थ्य ट्रैकिंग और मानसिक वेलनेस पर ध्यान केंद्रित करेगी। हालांकि, यह नया वेंचर पूरी तरह से व्यक्तिगत है और इसका Zomato से कोई संबंध नहीं है।

अप्रैल 2024 में लॉन्च की गई इस नई कंपनी का कानूनी नाम Upslove Advisors Private Limited है। इस कंपनी के शेयरधारकों में दीपिंदर गोयल (99.9%) और आशीष गोताल (0.1%) शामिल हैं। दोनों ने मिलकर शुरुआती पूंजी के रूप में 50 लाख रुपये का योगदान दिया है, जैसा कि कंपनी के रेगुलेटरी फाइलिंग से पता चला है।

वेबसाइट और स्वास्थ्य ट्रैकर

Continue.com डोमेन, जिसे “The Ultimate Health Tracker” के रूप में मार्केट किया जा रहा है, वर्तमान में कोई अतिरिक्त विवरण प्रदान नहीं करता है। यह डोमेन नई इकाई Upslove Advisors Private Limited के तहत पंजीकृत है।

कंपनी के निदेशक मंडल

रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, दीपिंदर गोयल सक्रिय निदेशक के रूप में कार्य कर रहे हैं, जबकि सिमरनदीप सिंह और अकृति मेहता को Upslove Advisors Private Limited के अतिरिक्त निदेशकों के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके LinkedIn प्रोफाइल के अनुसार, सिंह और मेहता पिछले 5 और 7 वर्षों से Zomato के साथ जुड़े हुए हैं।

कंपनी की स्थापना की पृष्ठभूमि

दीपिंदर गोयल ने हमेशा से स्वास्थ्य और वेलनेस के क्षेत्र में रुचि दिखाई है। ‘Continue’ का उद्देश्य लोगों को उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करना है। गोयल का मानना है कि वर्तमान समय में स्वास्थ्य ट्रैकिंग और मानसिक वेलनेस बेहद महत्वपूर्ण हो गए हैं, और इसी दिशा में ‘Continue’ काम करेगी।

स्वास्थ्य और मानसिक वेलनेस पर ध्यान

‘Continue’ का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके स्वास्थ्य और मानसिक वेलनेस को ट्रैक करने में मदद करना है। आज के तेजी से भागते जीवन में, स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन बनाए रखना एक चुनौती बन गया है। ‘Continue’ के जरिए, उपयोगकर्ता अपने स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं को ट्रैक कर सकेंगे और आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कदम उठा सकेंगे।

दीपिंदर गोयल की दृष्टि

दीपिंदर गोयल ने Zomato के माध्यम से खाद्य वितरण उद्योग में क्रांति ला दी है। अब, ‘Continue’ के माध्यम से, वह स्वास्थ्य और वेलनेस के क्षेत्र में एक नई शुरुआत करना चाहते हैं। उनकी दृष्टि है कि लोग न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त हों।

स्वास्थ्य ट्रैकिंग की आवश्यकता

स्वास्थ्य ट्रैकिंग आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। कई लोग अपने व्यस्त जीवन में अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं। ‘Continue’ जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से, लोग अपने स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझ सकेंगे और समय पर सुधारात्मक कदम उठा सकेंगे।

मानसिक वेलनेस की भूमिका

मानसिक वेलनेस भी स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। तनाव, चिंता, और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित अन्य मुद्दों का समय पर समाधान करना बेहद आवश्यक है। ‘Continue’ का उद्देश्य लोगों को मानसिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें उनकी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है।

‘Continue’ क्या है?

‘Continue’ एक हेल्थ और मेंटल फिटनेस प्लेटफार्म है जो लोगों को फिटनेस, स्वास्थ्य और मानसिक सशक्तिकरण से जुड़ी सेवाएं और सुझाव प्रदान करेगा। इसके माध्यम से, लोग अपने स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल कर पाएंगे, जिसमें योग, मेडिटेशन, फिटनेस ट्रेनिंग, न्यूट्रिशन प्लानिंग और मानसिक स्वास्थ्य के लिए टूल्स और तकनीकों की सुविधा दी जाएगी।

निष्कर्ष

‘Continue’ के माध्यम से दीपिंदर गोयल का उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य और वेलनेस पर ध्यान केंद्रित करना है। यह प्लेटफार्म उपयोगकर्ताओं को उनके स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझने और सुधारात्मक कदम उठाने में मदद करेगा। गोयल का यह नया प्रयास समाज में स्वास्थ्य और वेलनेस के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होगा।

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ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल की ‘मानवीय’ पहल: डिलीवरी पार्टनर्स के लिए आवाज उठाई

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ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने हाल ही में एक अनोखी पहल की है जो उनके नेतृत्व कौशल और संवेदनशीलता को दर्शाती है। गुरुग्राम में एक मॉल में खाद्य वितरण करते समय उन्होंने जो अनुभव किया, उसने उन्हें डिलीवरी पार्टनर्स की चुनौतियों के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया। गोयल ने अपनी पत्नी ग्रेसिया मुनोज़ (जो अब इंस्टाग्राम पर गिया गोयल के नाम से जानी जाती हैं) के साथ मिलकर डिलीवरी पार्टनर्स की भूमिका निभाई। इस अनुभव ने उन्हें यह एहसास दिलाया कि मॉल्स को डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। यह घटना न केवल ज़ोमैटो के भीतर बल्कि पूरे फूड डिलीवरी उद्योग में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है।

दीपिंदर गोयल का डिलीवरी पार्टनर अनुभव: एक नज़दीकी नज़र

दीपिंदर गोयल ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में जो वीडियो शेयर किया, वह काफी चर्चा में रहा। इस वीडियो में गोयल को ज़ोमैटो की लाल यूनिफॉर्म में एक मॉल के प्रवेश द्वार पर पहुंचते हुए देखा जा सकता है। उनका सुरक्षा गार्ड्स के साथ संक्षिप्त वार्तालाप दिखाया गया है, जिसमें उन्हें एक साइड स्टेयरकेस की ओर निर्देशित किया जाता है।

गोयल का मॉल अनुभव: चुनौतियाँ और प्रतिक्रियाएँ

गोयल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “मेरे दूसरे ऑर्डर के दौरान, मुझे एहसास हुआ कि हमें सभी डिलीवरी पार्टनर्स के लिए काम करने की स्थिति में सुधार लाने के लिए मॉल्स के साथ और अधिक निकटता से काम करने की आवश्यकता है। और मॉल्स को भी डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति अधिक मानवीय होने की ज़रूरत है।”

इस अनुभव ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया:

  • सुविधाओं का अभाव: गोयल को पता चला कि डिलीवरी पार्टनर्स के लिए कोई विशेष लिफ्ट या सुविधाएँ नहीं थीं।
  • भेदभाव का सामना: उन्हें मॉल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई और सीधे सीढ़ियों का उपयोग करने के लिए कहा गया।
  • शारीरिक श्रम: तीसरी मंजिल तक पहुंचने के लिए उन्हें सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ीं, जो एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।

गोयल की पहल का प्रभाव और उद्योग की प्रतिक्रिया

गोयल की यह पहल उद्योग में व्यापक चर्चा का विषय बन गई। कई विशेषज्ञों और उद्योग के नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की:

  • सकारात्मक प्रतिक्रिया: कई लोगों ने गोयल की इस पहल की सराहना की, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों की समस्याओं को समझने का प्रयास किया।
  • सुधार की मांग: कई लोगों ने मॉल्स और अन्य सार्वजनिक स्थानों से डिलीवरी पार्टनर्स के लिए बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने की मांग की।
  • नीतिगत बदलाव: कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि इस मुद्दे को हल करने के लिए नीतिगत स्तर पर बदलाव की आवश्यकता है।

गोयल की पहल का दीर्घकालिक प्रभाव

दीपिंदर गोयल की यह पहल केवल एक दिन की घटना नहीं थी, बल्कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है:

  • जागरूकता बढ़ाना: इस घटना ने डिलीवरी पार्टनर्स की समस्याओं के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाई है।
  • नीतिगत परिवर्तन: यह पहल मॉल्स और अन्य सार्वजनिक स्थानों में डिलीवरी पार्टनर्स के लिए नए नियम और सुविधाओं को लागू करने का कारण बन सकती है।
  • उद्योग मानक: यह घटना फूड डिलीवरी उद्योग में नए मानकों को स्थापित करने का कारण बन सकती है, जिससे श्रमिकों के अधिकारों और सुविधाओं पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।

ज़ोमैटो की व्यावसायिक रणनीति और वित्तीय प्रदर्शन

ज़ोमैटो ने हाल के वर्षों में अपनी व्यावसायिक रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसका सीधा प्रभाव कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर देखा जा सकता है। कंपनी ने अपने मुख्य खाद्य वितरण व्यवसाय के साथ-साथ क्विक कॉमर्स सेगमेंट पर भी ध्यान केंद्रित किया है।

ज़ोमैटो का वित्तीय प्रदर्शन: एक विश्लेषण

ज़ोमैटो के वित्तीय आंकड़े कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाते हैं:

  • लाभ में वृद्धि: वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ बढ़कर 253 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कई गुना अधिक है।
  • राजस्व में उछाल: परिचालन से प्राप्त राजस्व में 74% की वृद्धि देखी गई, जो 4,206 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि ज़ोमैटो न केवल अपने बाजार हिस्से को बढ़ा रहा है, बल्कि लाभप्रदता में भी सुधार कर रहा है।

ब्लिंकिट: ज़ोमैटो की क्विक कॉमर्स रणनीति

ज़ोमैटो ने अपने क्विक कॉमर्स वर्टिकल ब्लिंकिट पर विशेष ध्यान दिया है:

  • तेज़ विकास: ब्लिंकिट ने कंपनी के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • नए बाज़ार: इस सेगमेंट ने ज़ोमैटो को ग्रॉसरी और दैनिक उपयोग की वस्तुओं के वितरण बाज़ार में प्रवेश करने में मदद की है।
  • प्रतिस्पर्धा: यह सेवा ज़ोमैटो को स्विगी जैसे प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाती है।

ज़ोमैटो की भविष्य की रणनीति

कंपनी अपने राजस्व को और मजबूत करने के लिए कई नई पहल कर रही है:

  • गोइंग-आउट बिजनेस: ज़ोमैटो इस सेगमेंट पर विशेष ध्यान दे रहा है, जो रेस्तरां बुकिंग और इवेंट टिकटिंग जैसी सेवाओं को शामिल करता है।
  • पेटीएम अधिग्रहण: कंपनी ने पेटीएम की इवेंट और मूवी टिकटिंग सहायक कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
  • नई सुविधाएँ: ज़ोमैटो ने ‘बुक नाउ, सेल एनीटाइम’ फीचर लॉन्च किया है, जो उपयोगकर्ताओं को ज़ोमैटो ऐप के माध्यम से खरीदे गए किसी भी लाइव इवेंट के टिकट बेचने की अनुमति देता है।

ज़ोमैटो का सामाजिक प्रभाव और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी

दीपिंदर गोयल के नेतृत्व में ज़ोमैटो ने अपने व्यावसायिक लक्ष्यों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी प्राथमिकता दी है। कंपनी का मानना है कि व्यावसायिक सफलता और सामाजिक प्रभाव एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।

ज़ोमैटो की श्रमिक कल्याण नीतियाँ

ज़ोमैटो ने अपने डिलीवरी पार्टनर्स और अन्य कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई पहल की हैं:

  • स्वास्थ्य बीमा: कंपनी ने अपने सभी डिलीवरी पार्टनर्स के लिए व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है।
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम: नियमित रूप से सुरक्षा और कौशल विकास प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं।
  • लचीले काम के घंटे: डिलीवरी पार्टनर्स को अपने काम के घंटे चुनने की स्वतंत्रता दी गई है।

ये नीतियाँ न केवल कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करती हैं, बल्कि कंपनी के प्रति उनकी निष्ठा भी बढ़ाती हैं।

पर्यावरण संरक्षण के प्रयास

ज़ोमैटो ने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए हैं:

  • इको-फ्रेंडली पैकेजिंग: कंपनी ने पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग सामग्री का उपयोग शुरू किया है।
  • कार्बन फुटप्रिंट कम करना: इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि डिलीवरी के दौरान कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके।

ज़ोमैटो की सामुदायिक पहलों

ज़ोमैटो ने सामाजिक विकास के लिए कुछ विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत की है:

  • खाद्य संकट पर ध्यान: ज़ोमैटो ने ‘फूड फॉर ऑल’ नामक पहल शुरू की है, जिसमें जरूरतमंद लोगों को भोजन प्रदान किया जाता है।
  • स्थानीय उत्पादकों का समर्थन: कंपनी स्थानीय खाद्य उत्पादकों और किसानों के साथ जुड़कर उनकी बिक्री में सहायता करती है।

ये कदम ज़ोमैटो की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य में बदलाव: Zomato के CEO दीपिंदर गोयल ने ‘शार्क टैंक इंडिया’ के चौथे सीजन से हटने का किया फैसला

1. परिचय:
भारत के स्टार्टअप जगत में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। Zomato के CEO, दीपिंदर गोयल ने शनिवार को घोषणा की कि वह ‘शार्क टैंक इंडिया’ के चौथे सीजन में जज के रूप में वापसी नहीं करेंगे। यह फैसला पिछले सीजन में उनकी अहम भूमिका से बिल्कुल अलग है, जहाँ उन्होंने उभरते हुए उद्यमियों को मार्गदर्शन दिया था। गोयल का यह निर्णय Zomato के मुख्य प्रतिद्वंदी Swiggy के आगामी सीजन के प्रायोजक बनने से जुड़ा हुआ है।

2. Swiggy के प्रायोजन का प्रभाव:
एक रिपोर्ट के अनुसार, दीपिंदर गोयल का यह फैसला Swiggy के साथ किए गए एक रणनीतिक समझौते से जुड़ा हुआ है, जिसके तहत Swiggy ने ‘शार्क टैंक इंडिया’ के नए सीजन का प्रायोजन लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, Swiggy ने लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च कर इस सीजन को प्रायोजित करने का निर्णय लिया है। Swiggy और Zomato दोनों ही भारतीय फूड डिलीवरी मार्केट के मुख्य खिलाड़ी हैं, और इस प्रायोजन ने गोयल की शो से विदाई का मार्ग प्रशस्त किया है।

3. दीपिंदर गोयल का बयान:
ET Startup Awards 2024 के दौरान दीपिंदर गोयल ने कहा, “मैं वापस नहीं जा सकता क्योंकि Swiggy ने इस बार ‘शार्क टैंक’ को प्रायोजित किया और मुझे बाहर कर दिया।” गोयल के इस बयान ने शो के प्रशंसकों के बीच हलचल मचा दी है, जिन्होंने पिछले सीजन में उन्हें एक अहम जज के रूप में देखा था। उनका यह फैसला शो के आगामी सीजन के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

4. Zomato और Swiggy की प्रतिस्पर्धा:
Zomato और Swiggy भारतीय फूड डिलीवरी बाजार में दो प्रमुख प्रतिस्पर्धी हैं। दोनों कंपनियाँ नवाचारी रणनीतियों और तकनीकी समाधानों के माध्यम से अपनी सेवाओं को बेहतर करने में लगी हुई हैं। Swiggy का ‘शार्क टैंक इंडिया’ को प्रायोजित करना न केवल एक मार्केटिंग कदम है, बल्कि यह एक ब्रांड जागरूकता बढ़ाने की कोशिश भी है, क्योंकि कंपनी जल्द ही स्टॉक एक्सचेंज में अपनी शुरुआत करने जा रही है।

5. Swiggy का IPO और ब्रांड निवेश:
Swiggy ने हाल ही में अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) में उल्लेख किया है कि कंपनी ब्रांड मार्केटिंग और जागरूकता के लिए लगभग 930 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है। Swiggy के इस कदम से यह स्पष्ट है कि कंपनी अपनी सार्वजनिक लिस्टिंग से पहले अपने ब्रांड की पहुंच को बढ़ाना चाहती है। ‘शार्क टैंक इंडिया’ के नए सीजन का प्रायोजन भी इसी रणनीति का एक हिस्सा है।

6. शो पर गोयल का प्रभाव:
दीपिंदर गोयल की ‘शार्क टैंक इंडिया’ से विदाई शो के प्रशंसकों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। पिछले सीजन में, गोयल ने युवा और उभरते उद्यमियों को गाइड किया और उनकी विचारशील प्रतिक्रिया और सलाह से उन्हें प्रोत्साहन दिया। उनके अनुभव और स्टार्टअप जगत में उनकी गहरी जानकारी ने उन्हें शो में एक प्रमुख भूमिका में स्थापित किया था। अब उनके न होने से शो का नया स्वरूप देखने लायक होगा।

7. Zomato और Swiggy के भविष्य के कदम:
Zomato और Swiggy के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। जहाँ Swiggy अपने IPO की तैयारी में है, वहीं Zomato भी विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार करने के प्रयास में लगा हुआ है। Zomato ने हाल ही में नए उत्पाद और सेवाएँ लॉन्च की हैं, और कंपनी अपनी मौजूदा स्थिति को बनाए रखने और बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। दूसरी ओर, Swiggy का ध्यान ब्रांड प्रमोशन और जागरूकता बढ़ाने पर है, जिससे उसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ सके।

8. कंपनियों के फाइनेंशियल्स:
Swiggy और Zomato दोनों ही तेजी से बढ़ती हुई फूड डिलीवरी कंपनियाँ हैं। Swiggy ने IPO फाइल किया है और ब्रांड प्रमोशन में भारी निवेश कर रही है, जबकि Zomato ने भी अपने ब्रांड और मार्केटिंग गतिविधियों को मजबूत किया है। इन कंपनियों का फाइनेंशियल ग्रोथ और प्रतिस्पर्धात्मक दृष्टिकोण इन्हें भारतीय स्टार्टअप और ई-कॉमर्स परिदृश्य में महत्वपूर्ण बनाता है।

9. निष्कर्ष:
दीपिंदर गोयल का ‘शार्क टैंक इंडिया’ से हटना और Swiggy का नए सीजन का प्रायोजन भारतीय स्टार्टअप जगत में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह घटनाक्रम दोनों कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और उनके भविष्य के कदमों को दर्शाता है। जहाँ एक ओर Swiggy IPO की ओर बढ़ रहा है, वहीं Zomato भी अपने विभिन्न व्यापारिक कदमों से बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है।