Swiggy ने launched किया SNACC ऐप, 15 मिनट में मिलेगा खाना

Swiggy

फूडटेक दिग्गज Swiggy ने 15 मिनट में खाना डिलीवर करने के लिए अपना नया ऐप SNACC लॉन्च किया है। यह ऐप स्विगी की तेजी से बढ़ती डिलीवरी सेवाओं का हिस्सा है, जो ग्राहकों को जल्द से जल्द उनका ऑर्डर पहुंचाने पर केंद्रित है।


Swiggy का त्वरित डिलीवरी सफर: Bolt से SNACC तक

Bolt की शुरुआत

पिछले साल अक्टूबर में, Swiggy ने चुनिंदा शहरों में 10 मिनट की फूड डिलीवरी सेवा Bolt लॉन्च की थी।

  • Bolt का उद्देश्य ग्राहकों को लोकप्रिय रेस्टोरेंट्स और क्विक-सर्विस रेस्टोरेंट्स (QSR) से जल्दी तैयार होने वाले भोजन की डिलीवरी करना था।
  • यह सेवा ग्राहक के 2-किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध रेस्टोरेंट्स से भोजन प्रदान करती थी।

SNACC का आगमन

SNACC Bolt के ही विस्तारित वर्शन के रूप में सामने आया है, जो 15 मिनट में फूड डिलीवरी की सुविधा देता है।

  • यह ऐप ब्रेकफास्ट, कॉफी, बेकरी आइटम, कोल्ड बेवरेज, अंडे और प्रोटीन जैसे उत्पादों की डिलीवरी करता है।
  • SNACC पर मौजूद भोजन को थर्ड-पार्टी फूड प्रोवाइडर्स और Blue Tokai तथा The Whole Truth जैसे ब्रांड्स से मंगवाया जाता है।

SNACC की विशेषताएं और रणनीति

तेज और कुशल सेवा

SNACC ऐप का मुख्य फोकस ग्राहकों को तेज और कुशल डिलीवरी सेवा प्रदान करना है।

  • 15 मिनट की समय सीमा ग्राहकों की सुविधा और त्वरित जरूरतों को पूरा करने के लिए तय की गई है।
  • SNACC का मॉडल उन उत्पादों पर आधारित है, जिन्हें जल्दी तैयार किया जा सकता है और ग्राहकों तक तेजी से पहुंचाया जा सकता है।

डेडिकेटेड ऐप का लाभ

स्विगी का SNACC ऐप Zepto और Blinkit जैसे प्रतिस्पर्धियों की रणनीति का अनुसरण करता है, जिन्होंने फूड डिलीवरी के लिए अलग-अलग ऐप्स लॉन्च किए हैं।

  • यह कदम ग्राहकों को अधिक केंद्रित अनुभव देने और स्पेशलाइज्ड मार्केट में प्रवेश करने की दिशा में है।

ग्राहकों के लिए नए अवसर

विविधता और गुणवत्ता

SNACC ग्राहकों को न केवल त्वरित डिलीवरी की सुविधा देता है, बल्कि वह गुणवत्ता और विविधता के लिए भी जाना जाएगा।

  • लोकप्रिय ब्रांड्स और उत्पादों की उपस्थिति SNACC को प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाती है।
  • Blue Tokai की कॉफी और The Whole Truth के हेल्दी स्नैक्स जैसे ब्रांड्स ग्राहकों के बीच SNACC की लोकप्रियता बढ़ाने में मदद करेंगे।

लघु दूरी पर डिलीवरी

SNACC केवल 2 किलोमीटर के दायरे में सेवाएं प्रदान करता है, जिससे डिलीवरी समय कम हो जाता है और भोजन की ताजगी बरकरार रहती है।


स्विगी की बढ़ती बाजार हिस्सेदारी

फूडटेक इंडस्ट्री में अग्रणी

SNACC ऐप लॉन्च करना स्विगी की फूडटेक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।

  • त्वरित डिलीवरी सेवाओं की मांग में वृद्धि के साथ, स्विगी ने ग्राहकों की जरूरतों को प्राथमिकता दी है।
  • SNACC का लॉन्च प्रतिस्पर्धा में बढ़त बनाए रखने का प्रयास है।

प्रतिस्पर्धियों को चुनौती

SNACC सीधे तौर पर Zepto और Blinkit जैसे ब्रांड्स को चुनौती देता है, जो पहले ही क्विक फूड डिलीवरी मार्केट में सक्रिय हैं।

  • स्विगी का बड़ा नेटवर्क और ग्राहकों का भरोसा SNACC को प्रतिस्पर्धा में लाभ देगा।

स्विगी की भविष्य की योजनाएं

नई श्रेणियों में विस्तार

SNACC की लॉन्चिंग के साथ, स्विगी अन्य नई श्रेणियों में भी विस्तार कर सकता है।

  • ब्रेकफास्ट और स्नैक्स के अलावा, मुख्य भोजन और विशेष रेस्टोरेंट्स से साझेदारी SNACC की अपील को और बढ़ा सकती है।

टेक्नोलॉजी और लॉजिस्टिक्स में निवेश

  • स्विगी अपने लॉजिस्टिक्स और तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए निवेश कर रहा है।
  • तेजी से बढ़ती मांग को संभालने और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए AI और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किया जाएगा।

ग्राहकों के लिए क्या है नया?

बेहतर सुविधा और समय की बचत

SNACC ग्राहकों को समय की बचत और आसान पहुंच प्रदान करता है।

  • ऑफिस गोअर्स और कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए यह सेवा विशेष रूप से लाभदायक होगी।
  • सुबह का नाश्ता, कॉफी ब्रेक, या काम के बीच स्नैक्स, SNACC हर जरूरत के लिए तैयार है।

विशेष ऑफर्स और डिस्काउंट

  • SNACC ऐप पर विशेष छूट और ऑफर्स ग्राहकों को आकर्षित करेंगे।
  • नए लॉन्च के साथ, स्विगी ग्राहकों को लुभाने के लिए शुरुआती प्रमोशन भी कर सकता है।

निष्कर्ष

SNACC ऐप का लॉन्च स्विगी के फूडटेक इकोसिस्टम में एक बड़ा कदम है।

  • 15 मिनट की डिलीवरी सेवा के साथ, स्विगी ग्राहकों को तेज, गुणवत्ता-पूर्ण और सुविधाजनक अनुभव प्रदान करने का वादा करता है।
  • बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच, SNACC स्विगी की बाजार हिस्सेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भविष्य में, SNACC और स्विगी का यह कदम फूडटेक इंडस्ट्री में नए मानक स्थापित कर सकता है।

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Deep-tech startup Enlog ने CTO आयुष गुप्ता को सह-संस्थापक बनाया

Enlog

डीप-टेक स्टार्टअप Enlog ने अपने मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) आयुष गुप्ता को कंपनी के सह-संस्थापक के रूप में प्रमोट किया है। आयुष गुप्ता ने 2023 में Enlog जॉइन किया था और उनके पास तकनीकी क्षेत्र में पांच से अधिक वर्षों का अनुभव है।

इससे पहले, आयुष एक हाइपर-लोकल ई-कॉमर्स स्टार्टअप में वाइस प्रेसिडेंट ऑफ टेक्नोलॉजी के पद पर काम कर चुके हैं।


आयुष गुप्ता: Enlog की सफलता के स्तंभ

तकनीकी विशेषज्ञता और अनुभव

Enlog के अनुसार, आयुष गुप्ता की विशेषज्ञता स्केलेबल टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम तैयार करने और IoT-आधारित ऊर्जा अनुकूलन समाधानों को विकसित करने में है।

  • उनके नेतृत्व में, Enlog ने ऐसा बुनियादी ढांचा तैयार किया है जो:
    • 10 मिलियन IoT डिवाइसेस को संभाल सकता है।
    • बिलियंस ऑफ डेटा लॉग्स को प्रोसेस कर सकता है।
    • उपयोगकर्ताओं को मापने योग्य ऊर्जा दक्षता लाभ प्रदान करता है।

मार्केट लीडरशिप में योगदान

गुप्ता की तकनीकी दृष्टि ने Enlog को अपने क्षेत्र में नेतृत्व की स्थिति हासिल करने में मदद की है। उनके योगदान ने कंपनी को एनर्जी मैनेजमेंट स्पेस में एक मजबूत खिलाड़ी बनाया है।


Enlog का ESOP पहल और टीम विस्तार

Enlog ने हाल ही में अपने मुख्य तकनीकी टीम को ₹1 करोड़ के ESOP (Employee Stock Ownership Plan) प्रदान किए हैं।

ESOP पहल का उद्देश्य

  • शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करना
  • नवाचार को बढ़ावा देना
  • कंपनी की एनर्जी मैनेजमेंट स्पेस में स्थिति को मजबूत करना

टीम विस्तार पर जोर

Enlog अपनी टेक और नॉन-टेक टीमों में तेजी से विस्तार कर रहा है।

  • यह पहल कंपनी की विकास यात्रा का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इनोवेशन और उत्पादकता में सुधार करना है।

Enlog: ऊर्जा प्रबंधन में एक अग्रणी स्टार्टअप

Enlog का विज़न

Enlog एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो उन्नत तकनीकों और IoT समाधानों के माध्यम से ऊर्जा दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित है।

  • कंपनी स्व-प्रबंधित ऊर्जा अनुकूलन प्रणाली विकसित कर रही है जो उपयोगकर्ताओं को उनकी ऊर्जा खपत को मॉनिटर और अनुकूलित करने में मदद करती है।

टेक्नोलॉजी और IoT में निवेश

  • Enlog का IoT प्लेटफॉर्म बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग में सक्षम है।
  • यह उपयोगकर्ताओं को उनकी ऊर्जा खपत और लागत को प्रभावी ढंग से कम करने में मदद करता है।

पर्यावरणीय लाभ

Enlog की तकनीक न केवल ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में सहायक है, बल्कि यह कार्बन उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है।


Enlog का भविष्य: नवाचार और विकास

टीम निर्माण और प्रतिभा प्रबंधन

  • Enlog शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए निवेश कर रहा है।
  • ESOP पहल कंपनी के कर्मचारियों को प्रेरित करने और दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ जोड़ने का एक प्रमुख कदम है।

मार्केट विस्तार

  • कंपनी का उद्देश्य ऊर्जा प्रबंधन में अपनी सेवाओं को और अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाना है।
  • इसके साथ ही, Enlog अपने IoT-आधारित समाधानों को बड़े पैमाने पर स्केल करने की योजना बना रहा है।

तकनीकी नवाचार

  • Enlog नई तकनीकों और समाधानों पर काम कर रहा है जो उपयोगकर्ताओं को रीयल-टाइम डेटा एनालिटिक्स और ऊर्जा खपत अनुकूलन में मदद करेंगे।
  • कंपनी अपने उत्पादों को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और किफायती बनाने के लिए R&D में भी निवेश कर रही है।

आयुष गुप्ता: नेतृत्व में नई संभावनाएं

Enlog के सह-संस्थापक के रूप में, आयुष गुप्ता के पास कंपनी को अगले स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी होगी।

  • उनकी विशेषज्ञता कंपनी के तकनीकी दृष्टिकोण को और अधिक सशक्त बनाएगी।
  • उनके नेतृत्व में, Enlog अपनी एनर्जी मैनेजमेंट स्पेस में वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने की दिशा में काम करेगा।

निष्कर्ष

Enlog का आयुष गुप्ता को सह-संस्थापक बनाना कंपनी के विकास और नवाचार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

  • IoT-आधारित ऊर्जा समाधान और स्केलेबल तकनीकी प्लेटफॉर्म के माध्यम से Enlog न केवल बाजार में नेतृत्व की स्थिति बनाए रखने का प्रयास कर रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहा है।
  • कंपनी की ESOP पहल और टीम विस्तार रणनीति इसे दीर्घकालिक सफलता के लिए तैयार कर रही है।

Enlog का यह कदम भारतीय डीप-टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक नई मिसाल कायम करेगा और ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचार को प्रेरित करेगा।

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South Park Commons: भारत-केंद्रित फंड के लिए जुटा रहा है निवेश

South Park

South Park Commons (SPC), एक तकनीकी समुदाय और प्रारंभिक-स्तर का वेंचर फंड, भारत-केंद्रित फंड के लिए धन जुटाने की प्रक्रिया में है। यह जानकारी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) में दायर फाइलिंग से सामने आई है।

South Park Commons $40 मिलियन जुटाने का लक्ष्य


भारत में SPC की मौजूदगी

SPC की यह फंडरेजिंग गतिविधि भारत में प्रवेश के छह महीने बाद सामने आई है।

  • जून 2023 में, SPC ने भारत में अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय शाखा बेंगलुरु में शुरू की।
  • यह पहल फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल के सहयोग से की गई।

SPC का सफर: शुरुआत और उद्देश्य

स्थापना

SPC की स्थापना 2015 में रुचि सांघवी ने की थी।

  • रुचि सांघवी फेसबुक की पहली महिला इंजीनियर और ड्रॉपबॉक्स की पूर्व ऑपरेशन्स वाइस प्रेसीडेंट रही हैं।
  • बाद में, आदित्य अग्रवाल, ड्रॉपबॉक्स के पूर्व CTO, ने 2018 में SPC फंड की स्थापना में रुचि का साथ दिया।

मिशन

SPC का उद्देश्य शुरुआती चरण के स्टार्टअप संस्थापकों, टेक्नोलॉजिस्ट और शोधकर्ताओं को एक समर्थनशील वातावरण प्रदान करना है।

  • यह प्लेटफॉर्म इनोवेटर्स को उनके करियर की शुरुआती चुनौतियों को समझने और पार करने में मदद करता है।

SPC के फंड और निवेश

पहला फंड

SPC का पहला फंड 2018 में लॉन्च हुआ, जिसकी वैल्यू $50 मिलियन (लगभग ₹415 करोड़) थी।

दूसरा फंड

इसके बाद, SPC ने 2020 में दूसरा फंड लॉन्च किया, जिसकी वैल्यू $150 मिलियन (लगभग ₹1,240 करोड़) थी।

भारत-केंद्रित फंड

SPC का नया भारत-केंद्रित फंड इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

  • यह फंड भारतीय टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स और इनोवेटिव उद्यमों के विकास में सहायक होगा।

बेंगलुरु: एक रणनीतिक केंद्र

SPC ने भारत में अपने पहले केंद्र के लिए बेंगलुरु को चुना।

  • बेंगलुरु को भारत का “स्टार्टअप हब” माना जाता है, जहां तकनीकी और नवाचार की गहरी जड़ें हैं।
  • यहां SPC का उद्देश्य स्थानीय उद्यमियों को वैश्विक स्तर पर सफल होने में मदद करना है।

बिन्नी बंसल का सहयोग

  • SPC और बिन्नी बंसल की साझेदारी भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक बड़ा अवसर पैदा करती है।
  • यह पहल भारतीय संस्थापकों को SPC के वैश्विक अनुभव और नेटवर्क से जोड़ने का काम करेगी।

SPC के योगदान और प्रभाव

टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को बढ़ावा

SPC तकनीकी समुदायों और शुरुआती-स्तर के उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।

  • यह न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करता है, बल्कि एक सहयोगी वातावरण भी बनाता है।

वैश्विक अनुभव का लाभ

SPC के पास अमेरिका में कई सफल स्टार्टअप्स के साथ काम करने का अनुभव है।

  • भारत में इसका विस्तार स्थानीय प्रतिभाओं को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने में मदद करेगा।

भारतीय स्टार्टअप्स के लिए संभावनाएं

  • SPC का भारत-केंद्रित फंड स्थानीय स्टार्टअप्स को आवश्यक वित्तीय और रणनीतिक समर्थन देगा।
  • इससे भारतीय उद्यमी नई तकनीकों और विचारों को साकार कर पाएंगे।

SPC के भविष्य की योजनाएं

SPC की भारत-केंद्रित फंडिंग और बेंगलुरु में उपस्थिति इसकी भविष्य की योजनाओं की ओर संकेत देती है:

  1. भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश
    • फंड का उपयोग शुरुआती चरण के भारतीय स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने में किया जाएगा।
  2. तकनीकी नवाचार को बढ़ावा
    • भारत के तकनीकी क्षेत्र में वैश्विक स्तर की तकनीक और संसाधनों का समावेश।
  3. स्थानीय और वैश्विक नेटवर्क का निर्माण
    • भारतीय उद्यमियों को वैश्विक निवेशकों और संसाधनों से जोड़ना।

निष्कर्ष

South Park Commons का भारत-केंद्रित फंड न केवल भारतीय स्टार्टअप्स को आवश्यक वित्तीय और तकनीकी समर्थन देगा, बल्कि देश में इनोवेशन और उद्यमिता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

  • बेंगलुरु जैसे तकनीकी केंद्र में SPC की उपस्थिति भारतीय तकनीकी क्षेत्र के लिए ग्लोबल कनेक्शन और सस्टेनेबल ग्रोथ का संकेत है।
  • SPC की यह पहल भारतीय स्टार्टअप्स और तकनीकी समुदायों को वैश्विक सफलता की दिशा में प्रेरित करेगी।

SPC का भारत-केंद्रित दृष्टिकोण न केवल भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश के तकनीकी भविष्य को भी उज्जवल बनाने में सहायक होगा।

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Farm-to-face luxury skincare brand RAS ने सीरीज़ A राउंड में जुटाए $5 मिलियन

RAS

प्राकृतिक और वैज्ञानिक रूप से तैयार उत्पादों के लिए प्रसिद्ध फार्म-टू-फेस लक्ज़री स्किनकेयर और पर्सनल केयर ब्रांड RAS Luxury ने हाल ही में सीरीज़ A फंडिंग राउंड में $5 मिलियन (लगभग ₹41 करोड़) जुटाए। इस राउंड का नेतृत्व यूनिलीवर वेंचर्स ने किया, जो यूनिलीवर की इन्वेस्टमेंट शाखा है। इस फंडिंग में Amazon Smbhav Venture Fund ने भी हिस्सा लिया।


RAS Luxury पहले भी जुटाई थी फंडिंग

अप्रैल 2023 में RAS ने $1.5 मिलियन (लगभग ₹12 करोड़) की प्री-सीरीज़ A फंडिंग हासिल की थी। यह फंडिंग ग्रीन फ्रंटियर कैपिटल, न्यूयॉर्क स्थित क्लाइमेट-चेंज और सस्टेनेबिलिटी-केंद्रित वेंचर कैपिटल फर्म से मिली थी।


फंड का उपयोग

RAS Luxury ने फंड का उपयोग निम्न क्षेत्रों में करने की योजना बनाई है:

  1. रिटेल विस्तार
    • एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट्स (EBOs) और शॉप-इन-शॉप रिटेल नेटवर्क का विस्तार।
  2. टैलेंट एक्विजिशन
    • उच्च-स्तरीय पेशेवरों की भर्ती।
  3. नए प्रोडक्ट्स के लिए R&D
    • नवीन प्रोडक्ट लाइन विकसित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास।
  4. ब्रांडिंग और मार्केटिंग
    • ब्रांड पहचान को मजबूत बनाने और उपभोक्ता तक पहुंच बढ़ाने के लिए।
  5. टेक्नोलॉजी एन्हांसमेंट
    • डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और संचालन में तकनीकी सुधार।

मौजूदा निवेशकों की भागीदारी

RAS के मौजूदा निवेशकों, जैसे Sixth Sense Ventures और प्रमुख एंजल निवेशकों (जैसे केकी मिस्त्री का परिवार), ने भी इस राउंड में भाग लिया है।


RAS की स्थापना और दृष्टिकोण

RAS की स्थापना शुभिका जैन, संगीता जैन, और सुरम्या जैन ने की थी।

उद्देश्य

  • प्राकृतिक और शक्तिशाली वैज्ञानिक फॉर्मुलेशन के जरिए प्रीमियम स्किनकेयर उत्पाद उपलब्ध कराना।
  • ग्राहकों को लक्ज़री स्किनकेयर अनुभव प्रदान करना।

निर्माण सुविधाएं

  • RAS के उत्पाद रायपुर, छत्तीसगढ़ में स्थित वर्टिकली इंटीग्रेटेड रिसर्च फैसिलिटी और फार्म्स में बनाए जाते हैं।

उत्पाद पोर्टफोलियो

RAS विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक और वैज्ञानिक रूप से तैयार स्किनकेयर और ब्यूटी उत्पाद प्रदान करता है।

प्रमुख विशेषताएं:

  1. प्राकृतिक अवयवों का उपयोग।
  2. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार फॉर्मुलेशन।
  3. पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन प्रक्रिया।

रिटेल विस्तार

वर्तमान स्थिति

  • फिलहाल RAS के पास दो एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट्स (EBOs) हैं।

भविष्य की योजना

  • अगले 3 वर्षों में पूरे भारत में 50 और EBOs खोलने की योजना।
  • यह कदम ब्रांड की रिटेल उपस्थिति को मजबूत करेगा और इसे देश भर के ग्राहकों के करीब लाएगा।

भारतीय ब्यूटी और स्किनकेयर बाजार में RAS की भूमिका

बढ़ता बाजार

भारतीय ब्यूटी और स्किनकेयर बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें प्राकृतिक और लक्ज़री उत्पादों की मांग अधिक है।

  • उपभोक्ता अब केमिकल-मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
  • ब्रांड्स जो गुणवत्ता, प्रकृति और विज्ञान का मेल प्रस्तुत करते हैं, वे बाजार में अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं।

RAS की ताकत

RAS अपनी अनूठी पेशकशों के कारण इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है:

  1. फार्म-टू-फेस दृष्टिकोण
    • उत्पाद सीधे खेतों से बनाकर ग्राहकों तक पहुंचाना।
  2. लक्ज़री और नैचुरल ब्रांड
    • ग्राहकों को प्रीमियम अनुभव प्रदान करना।
  3. स्थानीय उत्पादन
    • अपने उत्पाद भारत में ही विकसित और निर्मित करना।

यूनिलीवर और अमेज़न का समर्थन

यूनिलीवर वेंचर्स

RAS के साथ यूनिलीवर वेंचर्स का जुड़ना ब्रांड के लिए एक बड़ा समर्थन है। यह निवेश ब्रांड को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में मदद कर सकता है।

Amazon Smbhav Venture Fund

अमेज़न के साथ साझेदारी से RAS की डिजिटल उपस्थिति और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर पहुंच बढ़ेगी।


RAS का प्रभाव और भविष्य

RAS न केवल एक ब्रांड है, बल्कि भारतीय सौंदर्य और स्किनकेयर बाजार में एक ट्रेंडसेटर है।

प्रभाव:

  1. स्थानीय समुदायों का समर्थन
    • रायपुर के खेतों और अनुसंधान केंद्रों के माध्यम से स्थानीय रोजगार सृजन।
  2. पर्यावरण संरक्षण
    • प्रकृति के अनुकूल उत्पादन और पैकेजिंग प्रक्रियाएं।

भविष्य की योजनाएं:

  1. नई उत्पाद लाइन लॉन्च करना।
  2. वैश्विक बाजार में प्रवेश करना।
  3. ग्राहकों के साथ मजबूत जुड़ाव बनाना।

निष्कर्ष

RAS का सीरीज़ A फंडिंग राउंड ब्रांड के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

  • यह न केवल ब्रांड की रिटेल उपस्थिति और तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय और वैश्विक बाजार में इसकी पकड़ को भी और मज़बूत करेगा।

RAS का यह कदम भारत के स्किनकेयर और ब्यूटी उद्योग में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा और पर्यावरण-अनुकूल लक्ज़री उत्पादों के महत्व को बढ़ावा देगा।

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Electric motorcycle manufacturer Oben Electric ने ₹50 करोड़ की फंडिंग जुटाई

Oben

Oben Electric, भारत में इलेक्ट्रिक बाइक निर्माण की अग्रणी कंपनी, ने हाल ही में सीरीज A फंडिंग राउंड में ₹50 करोड़ ($6 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग में प्रमुख निवेशक रहे Ambis Holding US, Kuberan Ventures, Karimjee Group, Mission Vertical, और Polyplex Family Office के संजय सराफ। इसके अलावा, Pravek Kalp Family Office और अन्य मौजूदा निवेशकों ने भी इस राउंड में भाग लिया।


Oben Electric कुल फंडिंग ₹150 करोड़ तक पहुंची

इस नई फंडिंग के साथ, Oben Electric ने अब तक कुल ₹150 करोड़ ($18 मिलियन) जुटा लिए हैं।

  • पिछली फंडिंग: जून 2023 में, कंपनी ने अपने विस्तारित प्री-सीरीज A राउंड में ₹40 करोड़ ($4.8 मिलियन) जुटाए थे।

फंड का उपयोग: विस्तार और विकास पर फोकस

ओबेन इलेक्ट्रिक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस नई फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाएगा:

  1. डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का विस्तार:
    • FY26 तक 100 से अधिक शोरूम और
    • 50 से अधिक शहरों में Oben Care सर्विस सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे।
  2. प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार:
    • कंपनी नई उत्पाद श्रेणियां पेश करेगी।
    • प्रमुख घटकों जैसे बैटरियों, मोटर्स, वाहन नियंत्रण इकाइयों (VCU), और होम फास्ट चार्जर को बेहतर बनाया जाएगा।

ओबेन इलेक्ट्रिक की स्थापना और उद्देश्य

ओबेन इलेक्ट्रिक की स्थापना 2020 में मधुमिता अग्रवाल, सागर ठक्कर, और दिनकर अग्रवाल ने की थी।

कंपनी का उद्देश्य:

  • विश्व स्तर पर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सशक्त बनाना।
  • कटिंग-एज टेक्नोलॉजी और बेहतर उत्पाद पेशकशों के जरिए बाजार में क्रांति लाना।
  • स्थिर घरेलू आपूर्ति श्रृंखला बनाना, जो नियामक और अनुपालन जोखिमों से मुक्त हो।

प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी

ओबेन इलेक्ट्रिक न केवल इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल का निर्माण करता है, बल्कि इसकी मुख्य तकनीकी क्षमताओं में शामिल हैं:

  1. बैटरियों का निर्माण
  2. मोटर्स और वाहन नियंत्रण इकाइयों (VCU) का विकास
  3. होम फास्ट चार्जर का निर्माण

यह कंपनी अपने उत्पादों को न केवल भारतीय बाजार के लिए डिजाइन करती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है।


भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की संभावनाएं

बाजार का विस्तार

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग तेजी से बढ़ रहा है।

  • नीतिगत समर्थन:
    • सरकार द्वारा FAME-II सब्सिडी और अन्य योजनाओं ने EV को बढ़ावा दिया है।
  • उपभोक्ता मांग:
    • पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरणीय चिंताओं के कारण EV का आकर्षण बढ़ा है।

ओबेन इलेक्ट्रिक की भूमिका

  • कंपनी का ध्यान केवल उत्पाद बेचने पर नहीं, बल्कि व्यापक सेवा अनुभव प्रदान करने पर है।
  • इसके Oben Care सर्विस सेंटर्स से ग्राहक सेवा में सुधार होगा।

वितरण नेटवर्क और उत्पादन का विस्तार

डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क

  • FY26 तक 100+ शोरूम खोलने की योजना है।
  • यह कदम न केवल बिक्री को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्राहकों तक पहुंच को भी मजबूत करेगा।

स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का विकास

  • ओबेन इलेक्ट्रिक एक स्थिर घरेलू आपूर्ति श्रृंखला बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
  • यह उन्हें उत्पादन में स्थिरता और गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करेगा।

निवेशकों की भूमिका

प्रमुख निवेशक:

  1. Ambis Holding US
  2. Kuberan Ventures
  3. Karimjee Group
  4. Mission Vertical
  5. Polyplex Family Office (संजय सराफ)
  6. Pravek Kalp Family Office

इन निवेशकों के समर्थन से कंपनी न केवल वित्तीय रूप से मजबूत होगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होगी।


इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में ओबेन की प्रतिस्पर्धा

प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स

  • ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी, और बजाज चेतक जैसे ब्रांड्स से ओबेन इलेक्ट्रिक का सीधा मुकाबला है।
  • ओबेन की रणनीति:
    • बेहतर तकनीक और ग्राहक सेवा के जरिए अपनी पहचान बनाना।

ओबेन की विशेषता

  • अपने उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों को मूल्य वर्धित अनुभव प्रदान करना।

निष्कर्ष

ओबेन इलेक्ट्रिक ने अपनी उन्नत तकनीक, स्थिर आपूर्ति श्रृंखला, और विस्तृत वितरण नेटवर्क के साथ भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बना ली है।

भविष्य की योजनाएं:

  • डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का विस्तार
  • नई तकनीकों और उत्पादों का विकास
  • स्थिर उत्पादन और वैश्विक विस्तार

ओबेन इलेक्ट्रिक का दृष्टिकोण:

भारत और विश्व स्तर पर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सशक्त बनाना और पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को अपनाने में अग्रणी बनना।

ओबेन इलेक्ट्रिक की यह सफलता न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारत के EV उद्योग के लिए भी एक प्रेरणा है।

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Online bakery brand Bakingo की वित्तीय सफलता और चुनौतियां FY24 का विश्लेषण

Bakingo

Bakingo, एक अग्रणी ऑनलाइन बेकरी ब्रांड, ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में 43% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। हालांकि, अपने विस्तार के प्रयासों के चलते, गुरुग्राम स्थित इस कंपनी के घाटे में भी मामूली वृद्धि हुई।


Bakingo राजस्व में प्रभावशाली वृद्धि

Bakingo ने FY24 में अपने संचालन से ₹208.7 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि FY23 के ₹145.7 करोड़ से 43% अधिक है।
बेकिंगो के संस्थापक:

  • हिमांशु चावला
  • श्रे सहगल
  • सुमन पात्र

यह ब्रांड विभिन्न प्रकार के केक्स और डेसर्ट्स की पेशकश करता है, जिनमें इसके सिग्नेचर चीज़केक, गौरमेट केक्स, जार केक्स, और 100 से अधिक SKU शामिल हैं। बेकिंगो के लिए राजस्व का एकमात्र स्रोत इन उत्पादों की बिक्री ही है।


कुल खर्च का विश्लेषण

Bakingo के संचालन खर्च FY24 में 46% बढ़कर ₹213.8 करोड़ हो गए, जो FY23 में ₹146.3 करोड़ थे।

मुख्य खर्च घटक:

  1. उत्पाद प्रोक्योरमेंट (Product Procurement):
    • कुल खर्च का 42.2%
    • FY24 में ₹90 करोड़ (43% वृद्धि)
  2. कर्मचारी लाभ (Employee Benefits):
    • FY24 में ₹31.6 करोड़ (40% वृद्धि)
  3. विज्ञापन खर्च (Advertising Expenses):
    • FY24 में ₹27.7 करोड़ (38% वृद्धि)
  4. प्लेटफॉर्म कमीशन शुल्क (Platform Commission Fees):
    • FY24 में ₹26.2 करोड़ (65% वृद्धि)

कुल व्यय और राजस्व अनुपात:

बेकिंगो का व्यय-से-राजस्व अनुपात ₹1.02 रहा, जो कंपनी के परिचालन खर्च के स्तर को दर्शाता है।


वित्तीय प्रदर्शन और घाटा

वित्तीय वर्ष 2024 के दौरान, बेकिंगो की आय में तेज वृद्धि के बावजूद, इसके घाटे में भी वृद्धि हुई।

  • FY24 का घाटा: ₹5.3 करोड़
  • FY23 का घाटा: ₹0.6 करोड़

प्रमुख वित्तीय संकेतक:

  1. ROCE (Return on Capital Employed): -6.05%
  2. EBITDA मार्जिन: -0.98%

घाटे में यह वृद्धि मुख्य रूप से कर्मचारी लाभ, विज्ञापन, और उत्पाद प्रोक्योरमेंट की बढ़ती लागत के कारण हुई।


कुल संपत्ति और वित्तीय स्थिति

FY24 के दौरान बेकिंगो की कुल वर्तमान संपत्ति ₹96.5 करोड़ थी। हालांकि, कंपनी का घाटा बढ़ा, लेकिन इसके कुल वित्तीय आंकड़े इसके विस्तार और बढ़ते बाजार हिस्से को दर्शाते हैं।


बेकिंगो की प्रमुख चुनौतियां और अवसर

चुनौतियां:

  1. बढ़ती लागत:
    • कर्मचारी लाभ, विज्ञापन, और कमीशन शुल्क जैसे खर्च राजस्व वृद्धि से अधिक तेज़ी से बढ़े।
  2. घाटे में वृद्धि:
    • परिचालन लागत और राजस्व वृद्धि के बीच असंतुलन।
  3. मुनाफे की कमी:
    • EBITDA मार्जिन और ROCE जैसे वित्तीय संकेतक नकारात्मक रहे।

अवसर:

  1. उत्पाद विविधीकरण:
    • बेकिंगो के 100 से अधिक SKUs और सिग्नेचर डेसर्ट्स इसे प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में अलग बनाते हैं।
  2. बाजार विस्तार:
    • FY24 में राजस्व वृद्धि इस बात का संकेत है कि ब्रांड का ग्राहक आधार बढ़ रहा है।
  3. तकनीकी उन्नयन:
    • कंपनी डिजिटल प्लेटफॉर्म और डिलीवरी मॉडल के जरिए बाजार में अपनी पहुंच को और मजबूत कर सकती है।

आगे की राह

बेकिंगो के लिए FY24 मिश्रित परिणाम लेकर आया:

  • राजस्व में तेज़ वृद्धि के साथ-साथ घाटे में भी वृद्धि।
  • विज्ञापन और प्रोक्योरमेंट में निवेश, ब्रांड की दीर्घकालिक रणनीति को दर्शाता है।

भविष्य की रणनीति:

  1. लागत नियंत्रण:
    • उत्पाद प्रोक्योरमेंट और प्लेटफॉर्म कमीशन में कुशलता लाने पर ध्यान देना।
  2. डिजिटल मार्केटिंग:
    • अधिक किफायती और प्रभावी विज्ञापन चैनलों का उपयोग।
  3. नवाचार और विस्तार:
    • नई उत्पाद श्रेणियां और बाजारों में प्रवेश करके राजस्व वृद्धि को बनाए रखना।

निष्कर्ष

Bakingo ने FY24 में अपने राजस्व और बाजार हिस्सेदारी में उल्लेखनीय प्रगति की है। हालांकि, बढ़ते खर्च और घाटे ने इसकी वित्तीय स्थिति पर दबाव डाला। कंपनी के संस्थापकों और प्रबंधन को लागत नियंत्रण और संचालन दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा ताकि FY25 में लाभप्रदता को हासिल किया जा सके।

बेकिंगो का विकास यह साबित करता है कि भारत में ऑनलाइन बेकरी उद्योग में बड़े पैमाने पर अवसर हैं। सही रणनीति के साथ, यह ब्रांड न केवल अपने घाटे को नियंत्रित कर सकता है, बल्कि बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है।

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Sports startup KIBI Sports ने प्री-सीड फंडिंग राउंड में जुटाए ₹83 लाख

KIBI Sports

बेंगलुरु स्थित KIBI Sports ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में ₹83 लाख ($100,000) जुटाए हैं। इस फंडिंग में कई एंजल निवेशकों ने भाग लिया, जिनमें सौरभ अग्रवाल, अर्पित भारद्वाज, वर्तिका जोशी, सूर्यांश जैन, प्रांजल बंसल, अमित कुमार साहू, प्रतिभा रानी, और सुशीला शामिल हैं।

इससे पहले, KIBI Sports ने लक्ष्मण पद्मनाभन और अन्य निवेशकों से ₹1.07 करोड़ ($129,000) जुटाए थे।

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह नई फंडिंग ऑपरेशंस का विस्तार, तकनीक को उन्नत करने, और प्लेटफॉर्म को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए उपयोग की जाएगी।


KIBI Sports एक परिचय

स्थापना और उद्देश्य

KIBI Sports की स्थापना 2020 में सागर राय द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य खेल जगत के खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता और पेशेवर अवसरों की कमी से राहत देना है।

दृष्टिकोण और मिशन

KIBI Sports का मुख्य उद्देश्य एक सतत खेल पारिस्थितिकी तंत्र (sustainable sports ecosystem) तैयार करना है, जहां एथलीट, ब्रांड्स, और संस्थान एक साथ फल-फूल सकें।

  1. खिलाड़ियों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना।
  2. खेल जगत के कामकाज में सुधार लाना।
  3. स्केलेबल और प्रभावी समाधानों के माध्यम से खेल उद्योग में बदलाव लाना।

KIBI Sports का प्रभाव

एथलीट्स के लिए अवसर

KIBI Sports ने खिलाड़ियों के लिए एक ऐसा मंच तैयार किया है, जहां वे वित्तीय बाधाओं को पार कर अपने करियर को आगे बढ़ा सकें।

  • प्लेटफॉर्म की विशेषताएं:
    • खिलाड़ियों को प्रायोजकों से जोड़ना।
    • वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    • पेशेवर प्रशिक्षण और नेटवर्किंग के अवसर।

खेल उद्योग का डिजिटलीकरण

KIBI Sports खेल उद्योग में तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देता है।

  • डेटा-ड्रिवन समाधान प्रदान करना।
  • खिलाड़ियों और ब्रांड्स के बीच साझेदारी को सरल बनाना।

फंडिंग का उपयोग और विस्तार योजना

KIBI Sports ने अपनी नई फंडिंग के लिए स्पष्ट रणनीति तैयार की है।

1. संचालन का विस्तार:

कंपनी अब देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाओं का विस्तार करना चाहती है।

2. तकनीकी उन्नयन:

  • प्लेटफॉर्म को अधिक इंटरैक्टिव और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना।
  • डेटा एनालिटिक्स और AI आधारित समाधान शामिल करना।

3. व्यापक पहुंच:

  • खेल संगठनों, एथलीट्स, और ब्रांड्स के साथ जुड़ने के लिए एक व्यापक नेटवर्क तैयार करना।

खेल उद्योग में KIBI Sports की भूमिका

भारत में खेल उद्योग एक उभरता हुआ क्षेत्र है।

बाजार की चुनौतियां:

  • खिलाड़ियों के लिए सीमित वित्तीय सहायता।
  • पेशेवर अवसरों की कमी।
  • उद्योग में पारदर्शिता और संरचना की कमी।

KIBI Sports का समाधान:

  • एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करना जो खिलाड़ियों को ब्रांड्स और संस्थानों से जोड़ता है।
  • खिलाड़ियों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय और पेशेवर स्थिरता सुनिश्चित करना।
  • खेल संगठनों और ब्रांड्स के साथ सहयोग को सरल बनाना।

खेल उद्योग का बाजार परिदृश्य

विकास के आंकड़े:

  • भारत का खेल उद्योग तेजी से बढ़ रहा है।
  • अनुमान है कि 2027 तक यह उद्योग ₹15,000 करोड़ से अधिक का हो सकता है।

खेल स्टार्टअप्स की भूमिका:

  • तकनीकी नवाचारों और वित्तीय समाधानों के माध्यम से खेल उद्योग को नया रूप देना।
  • खेल संगठनों, एथलीट्स, और ब्रांड्स के लिए एक समग्र समाधान प्रदान करना।

KIBI Sports के लिए भविष्य की संभावनाएं

वैश्विक स्तर पर विस्तार:

KIBI Sports का उद्देश्य न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सेवाओं का विस्तार करना है।

तकनीकी नवाचार:

  • KIBI Sports नए AI और ML-आधारित समाधानों का विकास करेगा।
  • प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत बनाने के लिए R&D में निवेश करेगा।

खेल पारिस्थितिकी तंत्र का सुदृढ़ीकरण:

  • खेल उद्योग में पारदर्शिता और संरचना बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

निष्कर्ष

KIBI Sports ने केवल तीन वर्षों में खेल उद्योग में एक महत्वपूर्ण पहचान बनाई है।

  • सागर राय के नेतृत्व में, यह स्टार्टअप खिलाड़ियों और ब्रांड्स के लिए एक विश्वसनीय मंच के रूप में उभरा है।
  • फंडिंग और तकनीकी नवाचार के साथ, KIBI Sports भारतीय खेल उद्योग को एक नई दिशा में ले जा रहा है।

KIBI Sports न केवल खिलाड़ियों के लिए वित्तीय और पेशेवर अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि खेल जगत के संचालन में सुधार लाकर इसे अधिक संगठित और पारदर्शी बना रहा है।

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Energy-tech स्टार्टअप EMO Energy ने सीरीज A फंडिंग में 51 करोड़ रुपये जुटाए

EMO Energy

बेंगलुरु स्थित EMO Energy ने अपने सीरीज A फंडिंग राउंड में 51 करोड़ रुपये (6.2 मिलियन डॉलर) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Subhkam Ventures ने किया, जिसमें मौजूदा निवेशक Transition VC ने भी भाग लिया।

इससे पहले, EMO Energy ने Sat Industries और अन्य निवेशकों से 1.43 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी।

कंपनी इस फंडिंग का उपयोग अपने 2-व्हीलर और 3-व्हीलर एनर्जी सॉल्यूशन्स को अगले दो वर्षों में 1 लाख वाहनों तक पहुंचाने, अनुसंधान एवं विकास (R&D) क्षमताओं को मजबूत करने, और बढ़ते परिचालन की मांग को पूरा करने के लिए टीम का विस्तार करने में करेगी।


EMO Energy: यात्रा और उद्देश्य

स्थापना और संस्थापक

EMO Energy की स्थापना 2022 में शीतांशु त्यागी और राहुल पटेल ने की थी। यह एक गहन ऊर्जा-तकनीकी (deep energy-tech) स्टार्टअप है, जिसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को व्यापक रूप से अपनाने में मदद करना और शहरी ऊर्जा के डिकार्बनाइजेशन को बढ़ावा देना है।

मिशन और तकनीकी क्षमताएं

कंपनी का मिशन है:

  1. शहरी ऊर्जा परिदृश्य को सशक्त बनाना।
  2. इलेक्ट्रिक वाहनों को सुरक्षित और किफायती बनाना।
  3. ऊर्जा भंडारण और मोबिलिटी में अभिनव समाधानों के जरिए हरित ऊर्जा (green energy) को प्रोत्साहित करना।

ZEN: EMO Energy की स्वामित्व तकनीक

EMO Energy की प्रोप्राइटरी टेक्नोलॉजी ZEN इसे उद्योग में अग्रणी बनाती है।

मुख्य विशेषताएं:

  1. अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग:
    • केवल 20 मिनट में बैटरी चार्ज करने की क्षमता।
  2. फायरप्रूफ डिजाइन:
    • सुरक्षा के मामले में उच्च मानकों को सुनिश्चित करता है।
  3. 3000 चार्जिंग साइकिल:
    • लंबे समय तक उपयोग के लिए बैटरी की बेहतर जीवन।
  4. AI बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम:
    • बैटरी के प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग।
  5. थर्मल मैनेजमेंट:
    • तापमान नियंत्रण के लिए सक्रिय प्रबंधन।
  6. मशीन लर्निंग एल्गोरिदम:
    • बैटरी की जीवन अवधि को बढ़ाने के लिए।

लाभ:

ZEN तकनीक के माध्यम से कंपनी मोबिलिटी और ऊर्जा भंडारण में अभिनव समाधान प्रदान कर रही है। यह तकनीक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, लाइट कमर्शियल व्हीकल्स, और उद्योगों में ऊर्जा भंडारण जैसे कई क्षेत्रों में उपयोग की जा सकती है।


उद्योग और बाजार परिदृश्य

बाजार का आकार और संभावनाएं

  • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी:
    भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
  • ग्रीन एनर्जी स्टोरेज:
    उद्योगों और शहरी क्षेत्रों में हरित ऊर्जा समाधानों की बढ़ती मांग से EMO Energy को लाभ होगा।

ग्लोबल मार्केट:

कंपनी की तकनीक का उद्देश्य एक बहु-अरब डॉलर के बाजार को संबोधित करना है, जिसमें मोबिलिटी और औद्योगिक हरित ऊर्जा भंडारण समाधान शामिल हैं।


फंडिंग का उपयोग और विस्तार योजना

EMO Energy ने अपनी फंडिंग के उपयोग के लिए स्पष्ट रणनीति बनाई है:

  1. बाजार में विस्तार:
    • अगले दो वर्षों में 1 लाख वाहनों के लिए अपनी ऊर्जा समाधान प्रणाली का विस्तार।
  2. R&D में सुधार:
    • अनुसंधान और विकास क्षमताओं को मजबूत करना, ताकि उन्नत तकनीक विकसित की जा सके।
  3. टीम विस्तार:
    • नई प्रतिभाओं की भर्ती और संचालन का प्रबंधन।
  4. तकनीकी उन्नयन:
    • बैटरी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना।

शहरी ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रभाव

EMO Energy की तकनीक और उत्पाद शहरी ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पर्यावरणीय प्रभाव:

  • कार्बन उत्सर्जन में कमी:
    इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम होगी।
  • सुरक्षित और टिकाऊ ऊर्जा समाधान:
    फायरप्रूफ और लंबी जीवन वाली बैटरियां हरित ऊर्जा को बढ़ावा देंगी।

आर्थिक प्रभाव:

  • कम परिचालन लागत:
    बैटरियों की लंबी उम्र और तेजी से चार्जिंग किसानों, छोटे व्यवसायों, और अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए किफायती समाधान पेश करती है।
  • नौकरी के अवसर:
    टीम विस्तार और उत्पादन में वृद्धि से नए रोजगार के अवसर बनेंगे।

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में योगदान

EMO Energy भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक प्रमुख स्थान रखती है।

इनोवेशन के लिए प्रतिबद्धता:

  • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ऊर्जा प्रबंधन में उन्नत तकनीक का विकास।
  • हरित ऊर्जा को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास।

स्टार्टअप समुदाय के लिए प्रेरणा:

  • एक मजबूत तकनीकी दृष्टिकोण और दीर्घकालिक दृष्टि के साथ, EMO Energy अन्य स्टार्टअप्स के लिए एक उदाहरण है।

निष्कर्ष

EMO Energy ने केवल कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ऊर्जा तकनीक के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।

  • शीतांशु त्यागी और राहुल पटेल के नेतृत्व में, यह स्टार्टअप भारतीय और वैश्विक बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है।
  • ZEN तकनीक और मजबूत फंडिंग के साथ, EMO Energy का उद्देश्य शहरी ऊर्जा परिदृश्य को बदलना और इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक रूप से अपनाने में मदद करना है।

भविष्य में EMO Energy भारतीय ऊर्जा और मोबिलिटी क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभा सकता है, जो इसे एक सस्टेनेबल और लाभप्रद यात्रा की ओर ले जाएगा।

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इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर तकनीक कंपनी Moonrider ने 19 करोड़ रुपये का सीड फंडिंग राउंड पूरा किया

Moonrider

इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाली बेंगलुरु आधारित कंपनी Moonrider ने 19 करोड़ रुपये (2.2 मिलियन डॉलर) की सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व AdvantEdge Founders और Micelio Technology Fund ने किया, जिसमें कई एंजल निवेशकों ने भी भाग लिया।

कंपनी इस राशि का उपयोग वाहन इंजीनियरिंग, वाहन सॉफ्टवेयर, और बैटरी टेक्नोलॉजी में नवाचार को बढ़ावा देने और मजबूत क्षमताएं विकसित करने के लिए करेगी।


Moonrider: शुरुआत और मिशन

स्थापना और संस्थापक

Moonrider की स्थापना अगस्त 2023 में अनूप श्रीकांतस्वामी और रवि कुलकर्णी ने की थी।

  • अनूप श्रीकांतस्वामी और रवि कुलकर्णी ने पहले Volvo Group, Ola Electric, और Olectra BYD जैसी कंपनियों में वाहन इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक वाहन अनुसंधान एवं विकास (R&D) में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • इनकी गहरी विशेषज्ञता और अनुभव ने Moonrider को एक मजबूत नींव प्रदान की है।

कंपनी का उद्देश्य

Moonrider का मिशन है:

  1. किसानों और फ्लीट ऑपरेटरों के लिए परिचालन लागत को कम करना।
  2. टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना।
  3. कृषि उत्पादकता और लाभप्रदता में सुधार करना।

इनोवेशन और तकनीकी क्षमताएं

Moonrider अपने इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के माध्यम से भारी-भरकम कृषि कार्यों के लिए उन्नत तकनीकी समाधान पेश करता है।

मुख्य विशेषताएं:

  1. कीमत समानता:
    • कंपनी के ट्रैक्टरों की कीमत डीजल ट्रैक्टरों के बराबर है, जिससे किसानों को किफायती विकल्प मिलते हैं।
  2. विश्वसनीयता और कम लागत:
    • ट्रैक्टरों की डिजाइन और निर्माण किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे आरंभिक स्वामित्व लागत में कमी आती है।
  3. बैटरी तकनीक:
    • उन्नत बैटरी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके लंबे समय तक चलने वाले और किफायती समाधान प्रदान किए गए हैं।
  4. सप्लाई चेन एक्सपर्टाइज:
    • मजबूत सप्लाई चेन ने कंपनी को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करने में सक्षम बनाया है।

सतत विकास और पर्यावरण पर प्रभाव

Moonrider टिकाऊ खेती और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

लाभ:

  • इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का उपयोग कार्बन उत्सर्जन को कम करता है।
  • पारंपरिक डीजल ट्रैक्टरों की तुलना में ये पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल हैं।
  • ट्रैक्टरों की डिज़ाइन किसानों के लिए दीर्घकालिक आर्थिक लाभ सुनिश्चित करती है।

खेती में सुधार:

  • Moonrider के ट्रैक्टर न केवल खेती के कार्यों को आसान बनाते हैं, बल्कि किसानों को अधिक उत्पादकता और कम परिचालन खर्च के साथ लाभप्रदता बढ़ाने में मदद करते हैं।

कृषि में तकनीक का भविष्य

Moonrider जैसे स्टार्टअप भारत में कृषि क्षेत्र में तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं।

बाजार की संभावनाएं:

  • भारत जैसे कृषि-प्रधान देश में, इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और टिकाऊ तकनीकी समाधानों की भारी मांग है।
  • डीजल ट्रैक्टरों के मुकाबले इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की लागत और प्रदर्शन किसानों के लिए आकर्षक विकल्प प्रदान करते हैं।

वैश्विक दृष्टिकोण:

  • वैश्विक स्तर पर, कृषि में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ रहा है।
  • Moonrider का उद्देश्य न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है।

फंडिंग का उपयोग

Moonrider ने अपनी फंडिंग योजना को स्पष्ट किया है:

  1. वाहन इंजीनियरिंग:
    • बेहतर और टिकाऊ ट्रैक्टर डिजाइनों के विकास के लिए।
  2. सॉफ्टवेयर विकास:
    • ट्रैक्टरों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए स्मार्ट सॉफ्टवेयर समाधान।
  3. बैटरी टेक्नोलॉजी:
    • उन्नत बैटरी सिस्टम के विकास और उत्पादन।
  4. टीम विस्तार:
    • नई प्रतिभाओं की भर्ती और प्रमुख प्रबंधन कार्यों को मजबूत करना।
  5. इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड:
    • उत्पादन और वितरण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए।

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में Moonrider की भूमिका

Moonrider का उदय भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में हो रहे बदलावों का उदाहरण है।

कृषि स्टार्टअप में वृद्धि:

  • हाल के वर्षों में, कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी समाधानों पर ध्यान बढ़ा है।
  • Moonrider इस परिवर्तन का नेतृत्व करते हुए किसानों के लिए किफायती और टिकाऊ समाधान पेश कर रहा है।

बेंगलुरु: इनोवेशन का केंद्र:

  • बेंगलुरु भारत का टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब है।
  • Moonrider का यहां आधारित होना इसे अन्य प्रमुख तकनीकी स्टार्टअप्स के साथ जोड़ता है।

निष्कर्ष

Moonrider ने केवल कुछ महीनों में भारतीय कृषि क्षेत्र में अपनी जगह बनाई है।

  • अनूप श्रीकांतस्वामी और रवि कुलकर्णी के अनुभव और दृष्टिकोण ने इसे एक मजबूत शुरुआत दी है।
  • कंपनी की फंडिंग और तकनीकी क्षमताएं इसे भारत और वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकती हैं।

Moonrider का लक्ष्य सस्टेनेबल फार्मिंग और किसानों के लिए आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है। इसकी अभिनव तकनीक और किसानों के लिए प्रतिबद्धता इसे भविष्य में सफलता की ओर ले जाएगी।

यह देखना दिलचस्प होगा कि Moonrider अपने मिशन और उद्देश्यों को कैसे साकार करता है और भारतीय कृषि क्षेत्र में तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करता है।

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Udaan के co-founder अमोद मालवीय और ऋषि केडिया ने लॉन्च किया नया स्टार्टअप ‘Pre6’

Udaan

Udaan (Udaan) के को-फाउंडर अमोद मालवीय और कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) ऋषि केडिया ने मिलकर एक नया स्टार्टअप ‘Pre6’ लॉन्च किया है। यह घोषणा दोनों ने LinkedIn पर की।

हालांकि, इस नए स्टार्टअप के बारे में अभी अधिक जानकारी साझा नहीं की गई है। यह स्टार्टअप बेंगलुरु में आधारित होगा।


Udaan ‘Pre6’ की घोषणा

अमोड मालवीय और ऋषि केडिया ने Pre6 के बारे में LinkedIn पोस्ट के जरिए जानकारी दी, लेकिन उन्होंने स्टार्टअप के उद्देश्यों, सेवाओं, या उत्पादों के बारे में कोई विस्तृत विवरण नहीं दिया।


स्टार्टअप लॉन्च करने वाले अन्य प्रमुख संस्थापक

मालवीय और केडिया ने ‘Pre6’ के जरिए उन संस्थापकों और शीर्ष अधिकारियों की सूची में अपना नाम शामिल कर लिया है, जिन्होंने हाल ही में नए स्टार्टअप शुरू किए हैं।

1. BorderPlus:

  • मयंक कुमार (upGrad के को-फाउंडर) और आयुष माथुर (पूर्व प्रेसीडेंट, OYO यूरोप) ने सोमवार को BorderPlus लॉन्च किया।
  • यह स्टार्टअप ब्लू-कॉलर वर्कर्स को ग्लोबल जॉब अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है।

2. Sports For Life:

  • DealShare के को-फाउंडर सौरज्येन्दु मेड्डा ने पिछले साल स्पोर्ट्सटेक क्षेत्र में कदम रखा और अपना नया स्टार्टअप Sports For Life लॉन्च किया।

3. OppDoor:

  • Flipkart के को-फाउंडर बिन्नी बंसल ने OppDoor नामक स्टार्टअप शुरू किया।

4. Unikon:

  • Bella Vita के फाउंडर आकाश आनंद ने Unikon लॉन्च किया।

5. Gabit:

  • Zomato के को-फाउंडर गौरव गुप्ता ने Gabit नामक नया प्लेटफॉर्म शुरू किया।

6. Callmatic:

  • Mitron TV के को-फाउंडर शिवांक अग्रवाल ने Callmatic नामक स्टार्टअप लॉन्च किया।

7. Lyskraft और Nurix AI:

  • Cult.fit के को-फाउंडर मुकेश बंसल ने Lyskraft और Nurix AI नामक दो नए स्टार्टअप लॉन्च किए हैं।

अमोड मालवीय और ऋषि केडिया: अनुभव और योगदान

अमोड मालवीय:

  • Udaan के को-फाउंडर होने के नाते, अमोड ने भारत के सबसे बड़े B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के निर्माण में अहम भूमिका निभाई।
  • उनकी गहरी तकनीकी विशेषज्ञता और नेतृत्व कौशल ने उड़ान को मजबूत नींव दी।

ऋषि केडिया:

  • उड़ान के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) के रूप में, ऋषि ने कंपनी के वित्तीय पहलुओं को कुशलता से प्रबंधित किया।
  • उन्होंने कंपनियों के वित्तीय स्थायित्व और विस्तार में अहम भूमिका निभाई है।

स्टार्टअप इकोसिस्टम में नई पहलें

बेंगलुरु: भारत का स्टार्टअप हब

  • ‘Pre6’ का बेंगलुरु में आधारित होना दर्शाता है कि यह शहर अभी भी स्टार्टअप इकोसिस्टम का केंद्र है।
  • बेंगलुरु भारत का सिलिकॉन वैली माना जाता है, जहां तकनीकी और नवाचार की भरमार है।

नए क्षेत्रों में विस्तार

  • हाल के वर्षों में, कई प्रमुख संस्थापक AI, स्पोर्ट्सटेक, ग्लोबल वर्कफोर्स, और स्मार्ट टेक्नोलॉजी जैसे नए क्षेत्रों में कदम रख रहे हैं।
  • यह दर्शाता है कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम केवल ई-कॉमर्स या फिनटेक तक सीमित नहीं है।

Pre6: संभावित दृष्टिकोण और अपेक्षाएं

हालांकि ‘Pre6’ के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन अमोड मालवीय और ऋषि केडिया की पृष्ठभूमि को देखते हुए, इस स्टार्टअप से बड़ी उम्मीदें हैं।

संभावित फोकस:

  1. B2B ई-कॉमर्स:
    • उड़ान की सफलता को देखते हुए, यह नया स्टार्टअप B2B क्षेत्र में कुछ नया कर सकता है।
  2. टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सॉल्यूशन्स:
    • अमोड मालवीय की तकनीकी विशेषज्ञता के कारण, स्टार्टअप AI, मशीन लर्निंग, या IoT पर आधारित हो सकता है।
  3. वैश्विक विस्तार:
    • बेंगलुरु में आधारित होने के बावजूद, यह स्टार्टअप अंतरराष्ट्रीय बाजारों को लक्षित कर सकता है।

निष्कर्ष

‘Pre6’ का लॉन्च भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक और महत्वपूर्ण कदम है। अमोड मालवीय और ऋषि केडिया जैसे अनुभवी पेशेवरों के नेतृत्व में, यह स्टार्टअप भविष्य में नवाचार और विकास का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है।

जबकि इस स्टार्टअप के उद्देश्यों और सेवाओं के बारे में अधिक जानकारी का इंतजार है, यह स्पष्ट है कि ‘Pre6’ के पास स्टार्टअप जगत में अपनी छाप छोड़ने की पूरी क्षमता है।

उम्मीद है कि ‘Pre6’ जल्द ही अपनी योजना और उत्पादों के बारे में अधिक जानकारी साझा करेगा, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह नया उद्यम किस दिशा में जा रहा है।

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