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स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ज़ेरोधा (Zerodha) ने अपने राजस्व में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है, जो 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके साथ ही, कंपनी ने 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया है। कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ ने एक ब्लॉग पोस्ट में यह जानकारी साझा की।

पिछले वित्तीय वर्ष से बड़ा उछाल

यह वृद्धि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले काफी बड़ी है। FY23 में ज़ेरोधा ने 6,875 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल रेवेन्यू और 2,907 करोड़ रुपये का कर पश्चात लाभ (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) दर्ज किया था। कंपनी की इस तेजी से बढ़ती आय और मुनाफे का मुख्य कारण उसके प्लेटफॉर्म पर बढ़ते ग्राहक और सेवाओं की उच्च मांग है।

अभी तक मान्यता प्राप्त नहीं हुआ लाभ

कंपनी ने बताया कि इस लाभ में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के अवास्तविक लाभ (अनरीलाइज्ड गेन) शामिल नहीं हैं। ये लाभ तब तक ज़ेरोधा के वित्तीय आंकड़ों में नहीं दिखाई देंगे जब तक उन्हें औपचारिक रूप से मान्यता नहीं मिल जाती। कंपनी ने अब तक अपने ऑडिटेड वार्षिक रिपोर्ट को औपचारिक रूप से दाखिल नहीं किया है।

ज़ेरोधा का परिचय

ज़ेरोधा भारत की अग्रणी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म है, जो ऑनलाइन ट्रेडिंग सेवाएं प्रदान करती है। इसकी स्थापना 2010 में नितिन कामथ और उनके भाई निखिल कामथ ने की थी। कंपनी का उद्देश्य आम निवेशकों के लिए स्टॉक मार्केट की जटिलता को आसान बनाना है। ज़ेरोधा के सरल और कम लागत वाले ट्रेडिंग मॉडल ने इसे उद्योग में एक प्रमुख स्थान दिलाया है।

कंपनी की सेवाएं और नवाचार

ज़ेरोधा अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए इक्विटी, डेरिवेटिव्स, कमोडिटी और करेंसी में ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा, कंपनी का इनोवेटिव प्लेटफॉर्म Kite और अन्य उपकरण जैसे Coin और Varsity निवेशकों को शिक्षा और अनुसंधान के साथ-साथ ट्रेडिंग में मदद करते हैं।

संस्थापकों का योगदान

नितिन कामथ और निखिल कामथ ने ज़ेरोधा को शुरू से एक पारदर्शी और निवेशक-केंद्रित कंपनी बनाने पर जोर दिया। नितिन, जो कंपनी के सीईओ हैं, ने स्टॉक मार्केट और फाइनेंसियल सेवाओं के क्षेत्र में अपनी गहरी समझ का लाभ उठाकर ज़ेरोधा को एक टेक-ड्रिवेन ब्रोकिंग फर्म में तब्दील कर दिया है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

ज़ेरोधा की वित्तीय स्थिति बेहद मजबूत है, जो उसके लगातार बढ़ते राजस्व और मुनाफे से स्पष्ट होती है। कंपनी का कोई बाहरी निवेशक नहीं है और यह पूरी तरह से संस्थापकों के नियंत्रण में है, जिससे इसका फोकस दीर्घकालिक विकास और नवाचार पर है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की संभावनाएं

हालांकि ज़ेरोधा फिलहाल भारतीय बाजार में ही काम कर रही है, कंपनी के बढ़ते राजस्व और मजबूत वित्तीय स्थिति को देखते हुए भविष्य में अंतरराष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। इसका मौजूदा बिजनेस मॉडल और इनोवेटिव दृष्टिकोण इसे वैश्विक स्तर पर भी सफलता दिला सकते हैं।

अगले कदम और भविष्य की योजनाएं

ज़ेरोधा अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं को लगातार बेहतर बनाने पर काम कर रही है। कंपनी का उद्देश्य और भी नई टेक्नोलॉजी और सुविधाएं जोड़कर ग्राहकों को सर्वोत्तम अनुभव प्रदान करना है। इस बढ़ते राजस्व और मुनाफे के साथ, ज़ेरोधा आने वाले समय में अपने मार्केट लीडरशिप को और मजबूत कर सकती है।

निष्कर्ष

ज़ेरोधा की सफलता उसकी सरल, पारदर्शी और लागत-प्रभावी सेवाओं का परिणाम है। नितिन कामथ और उनकी टीम ने जिस तरह से भारतीय स्टॉक ब्रोकिंग इंडस्ट्री में बदलाव लाया है, वह एक प्रेरणा है। कंपनी का निरंतर विकास और ग्राहकों की संख्या में वृद्धि इसे आने वाले वर्षों में और भी ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखता है।

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