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Nao Spirits

गोवा आधारित Nao Spirits, जो प्रीमियम क्राफ्ट जिन ब्रांड Greater Than और Hapusa के लिए प्रसिद्ध है, ने वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में अपने राजस्व में 145% की वृद्धि दर्ज की। यह उल्लेखनीय वृद्धि कंपनी के प्रबंधन और उनके उत्पादों की बढ़ती मांग को दर्शाती है।

Nao Spirits राजस्व और प्रदर्शन

Nao Spirits का परिचालन राजस्व FY24 में ₹81 करोड़ तक पहुँच गया, जो FY23 में ₹33 करोड़ था।

  • घरेलू बाजार का दबदबा:
    • कंपनी के अधिकांश राजस्व का स्रोत भारत ही रहा।
  • निर्यात आय:
    • FY24 में निर्यात से ₹2 करोड़ की कमाई हुई।

कंपनी का परिचय

2015 में आनंद विरमानी, अभिनव राजपूत, अपराजिता निनान, और वैभव सिंह द्वारा स्थापित, Nao Spirits भारतीय क्राफ्ट डिस्टिलरी में अग्रणी है।

  • यह कंपनी Greater Than और Hapusa जैसे प्रीमियम क्राफ्ट जिन का उत्पादन करती है।
  • दोनों ब्रांड्स ने भारतीय उपभोक्ताओं के बीच बड़ी लोकप्रियता हासिल की है।

लागत का विश्लेषण

हालाँकि Nao Spirits ने अपने राजस्व में प्रभावशाली वृद्धि की है, कंपनी की लागत भी उसी अनुपात में बढ़ी।

प्रमुख लागत कारक:

  1. एक्साइज ड्यूटी (आबकारी शुल्क):
    • कुल लागत का 48% हिस्सा।
    • FY24 में ₹43 करोड़ (FY23 में ₹6 करोड़ से 7 गुना बढ़ोतरी)।
  2. सामग्री खरीद और कर्मचारी लाभ:
    • सामग्री खरीद: ₹17 करोड़ (42% वृद्धि)।
    • कर्मचारी लाभ: ₹8 करोड़ (33% वृद्धि)।
  3. विज्ञापन और प्रचार:
    • कंपनी ने FY24 में विज्ञापन और व्यवसाय प्रचार पर ₹17 करोड़ खर्च किए।
  4. अन्य संचालन लागत:
    • कानूनी, यात्रा, किराया और अन्य ओवरहेड्स में FY24 में ₹96 करोड़ खर्च हुए।
    • FY23 में यह आंकड़ा ₹50 करोड़ था।

बढ़ती मांग के पीछे का कारण

Nao Spirits की सफलता का मुख्य कारण उनकी जिन ब्रांड्स की बढ़ती लोकप्रियता और उच्च गुणवत्ता है।

Greater Than और Hapusa का आकर्षण:

  • Greater Than:
    • एक क्लासिक जिन ब्रांड, जिसे भारतीय और विदेशी बाजारों में बड़ी पसंद मिल रही है।
  • Hapusa:
    • हिमालयी जुनिपर से तैयार किया गया, यह ब्रांड प्रीमियम सेगमेंट को टारगेट करता है।

विज्ञापन और ब्रांडिंग रणनीतियाँ:

  • Nao Spirits ने FY24 में ₹17 करोड़ के विज्ञापन खर्च के साथ उपभोक्ताओं तक अपनी पहुँच बढ़ाई।
  • डिजिटल मीडिया और सोशल प्लेटफ़ॉर्म्स का प्रभावी उपयोग।

चुनौतियाँ और अवसर

चुनौतियाँ:

  1. एक्साइज ड्यूटी का बोझ:
    • लागत में बड़ा योगदान, जो मार्जिन को प्रभावित करता है।
  2. प्रतिस्पर्धा:
    • भारतीय बाजार में नई जिन कंपनियों की एंट्री।

अवसर:

  1. निर्यात बाजार का विस्तार:
    • FY24 में निर्यात ₹2 करोड़ तक पहुँचा, जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में संभावनाएँ दिखाता है।
  2. प्रीमियम सेगमेंट का विस्तार:
    • भारत में प्रीमियम अल्कोहल ब्रांड्स की बढ़ती मांग।
  3. ब्रांड वफादारी:
    • उच्च गुणवत्ता और अनूठे स्वाद के कारण ब्रांड के प्रति उपभोक्ताओं की वफादारी।

आगे की योजनाएँ

Nao Spirits ने FY24 में अपने प्रदर्शन से मजबूत नींव रखी है और आगे की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है।

  1. निर्यात पर ध्यान:
    • वैश्विक बाजारों में ब्रांड की उपस्थिति बढ़ाने की योजना।
  2. विविध उत्पाद पोर्टफोलियो:
    • नए प्रीमियम उत्पादों की लॉन्चिंग।
  3. कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन:
    • लागत कम करने और मार्जिन बढ़ाने की रणनीति।

भारतीय क्राफ्ट डिस्टिलरी उद्योग का प्रभाव

भारतीय क्राफ्ट डिस्टिलरी उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और Nao Spirits इस बदलाव का एक प्रमुख हिस्सा है।

उद्योग की वृद्धि:

  • बढ़ते मध्यवर्ग और प्रीमियम उत्पादों की ओर उपभोक्ताओं की रुचि।
  • निर्यात बाजारों में बढ़ती माँग।

Nao Spirits की भूमिका:

  • प्रीमियम क्राफ्ट जिन के माध्यम से भारतीय डिस्टिलरी उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना।
  • अभिनव उत्पादों और उच्च गुणवत्ता के साथ ग्राहकों को आकर्षित करना।

निष्कर्ष

Nao Spirits ने FY24 में अपने राजस्व में 145% की वृद्धि करके अपनी क्षमता और उत्पादों की मांग को साबित किया है।

  • हालाँकि लागत में वृद्धि एक चुनौती है, लेकिन कंपनी की रणनीतिक योजनाएँ और निर्यात विस्तार इसे लंबे समय में फायदेमंद बनाएँगे।
  • प्रीमियम जिन ब्रांड्स Greater Than और Hapusa के साथ, Nao Spirits भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी मजबूत स्थिति बना रहा है।

Nao Spirits की यह यात्रा भारतीय क्राफ्ट डिस्टिलरी उद्योग के लिए प्रेरणादायक है और इसके भविष्य की संभावनाएँ उज्ज्वल हैं।

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