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Paytm

फिनटेक कंपनी Paytm ने मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (Q3 FY25) के वित्तीय नतीजे सोमवार को जारी किए। नोएडा स्थित इस कंपनी ने ₹1,828 करोड़ का राजस्व और ₹208 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है।

Paytm राजस्व में गिरावट, तिमाही दर तिमाही सुधार

Paytm द्वारा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में दायर अ-ऑडिटेड कंसोलिडेटेड रिपोर्ट के अनुसार:

  • कंपनी का संचालन से राजस्व साल-दर-साल 35.9% घटकर ₹2,850 करोड़ (Q3 FY24) से ₹1,828 करोड़ (Q3 FY25) हो गया।
  • हालांकि, पिछली तिमाही (Q2 FY25) की तुलना में राजस्व में 10% की वृद्धि दर्ज की गई।

राजस्व स्रोत

पेटीएम का कुल संचालन राजस्व मुख्य रूप से तीन प्रमुख खंडों से आया:

  1. भुगतान सेवा राजस्व:
    • कुल राजस्व का 55%, यानी ₹1,003 करोड़।
  2. वित्तीय और मार्केटिंग सेवाएं:
    • वित्तीय सेवाओं से ₹502 करोड़ और मार्केटिंग सेवाओं से ₹267 करोड़ का योगदान।
  3. गैर-परिचालन आय:
    • अन्य गैर-परिचालन स्रोतों से ₹189 करोड़ का इजाफा, जिससे कुल राजस्व ₹2,016.5 करोड़ तक पहुंचा।

कंपनी के खर्चों में गिरावट

पेटीएम ने अपने खर्चों में उल्लेखनीय कमी की, जो कि कंपनी के घाटे को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

  1. कर्मचारी लाभ:
    • कुल खर्च का 34% हिस्सा, ₹756 करोड़।
    • इसमें ₹182 करोड़ ESOP (इक्विटी शेयर आधारित भुगतान) का गैर-नकद खर्च शामिल है।
    • FY24 की तुलना में कर्मचारी लागत में 36% की कमी।
  2. भुगतान प्रसंस्करण शुल्क और मार्केटिंग लागत:
    • भुगतान प्रसंस्करण शुल्क ₹982 करोड़ से घटकर ₹570 करोड़ हो गया (42% की कमी)।
    • मार्केटिंग लागत ₹275 करोड़ से घटकर ₹141 करोड़ हो गई (48.7% की कमी)।
  3. अन्य खर्च:
    • सॉफ्टवेयर, संचार, कानूनी, कैशबैक और अन्य ओवरहेड खर्च Q3 FY24 में ₹3,216 करोड़ से घटकर Q3 FY25 में ₹2,220 करोड़ हो गए।

आर्थिक प्रदर्शन का अवलोकन

  • कंपनी का घाटा ₹208 करोड़ रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही की तुलना में कम है।
  • तिमाही दर तिमाही प्रदर्शन में सुधार ने कंपनी की संचालन क्षमता में सुधार को दर्शाया।

प्रमुख संकेतक और रणनीतिक दिशा

पेटीएम के नतीजे उसके बढ़ते ऑपरेशनल एफिशिएंसी और खर्च नियंत्रण के प्रयासों को दर्शाते हैं। कंपनी ने अपने भुगतान प्रोसेसिंग शुल्क और मार्केटिंग लागत में कटौती की है, जिससे उसके घाटे में कमी आई है।

  1. भुगतान सेवाओं में स्थिरता:
    • पेटीएम का प्रमुख राजस्व स्रोत भुगतान सेवा बना हुआ है, जो उसकी मजबूत बाजार उपस्थिति को दर्शाता है।
  2. वित्तीय सेवाओं का बढ़ता योगदान:
    • वित्तीय और मार्केटिंग सेवाओं ने कुल राजस्व में 42% से अधिक का योगदान दिया।
  3. गैर-परिचालन आय:
    • गैर-परिचालन आय से कंपनी को ₹189 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ।

चुनौतियाँ और अवसर

  1. चुनौतियाँ:
    • राजस्व में साल-दर-साल गिरावट कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
    • बढ़ते प्रतिस्पर्धात्मक माहौल और बाजार स्थितियों ने राजस्व पर असर डाला।
  2. अवसर:
    • पेटीएम अपनी वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में अधिक विस्तार कर सकता है।
    • खर्च नियंत्रण की मौजूदा रणनीति कंपनी को लाभप्रदता की ओर ले जा सकती है।

पेटीएम का भविष्य

कंपनी ने तिमाही दर तिमाही प्रदर्शन में सुधार दिखाया है, जो इसके दीर्घकालिक विकास और लाभप्रदता की संभावना को दर्शाता है।

  • प्रबंधन का ध्यान: खर्चों को नियंत्रित करने और उच्च राजस्व वृद्धि वाले क्षेत्रों में निवेश पर है।
  • डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवाओं का विस्तार: पेटीएम को इस क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का मौका मिल सकता है।

निष्कर्ष

पेटीएम के Q3 FY25 के नतीजे इसके खर्च प्रबंधन और ऑपरेशनल सुधार को दर्शाते हैं।

  • जबकि साल-दर-साल राजस्व में गिरावट एक चिंता का विषय है, तिमाही दर तिमाही सुधार कंपनी की रिकवरी रणनीति की सफलता को इंगित करता है।
  • पेटीएम का फोकस लाभप्रदता और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने पर है, जिससे यह भारतीय फिनटेक उद्योग में अपनी पहचान बनाए रखने में सफल हो सकता है।

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