वित्तीय वर्ष 2024 के अंत तक Walmart India ने 4% की ग्रोथ के साथ अपनी स्थिरता बनाए रखी। कंपनी, जो “बेस्ट प्राइस” ब्रांड के तहत 28 B2B आधुनिक थोक स्टोर संचालित करती है, ने इस अवधि में अपने नुकसान को 68% तक कम किया है।
कंपनी की RoC में दर्ज वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, Walmart India का FY24 में राजस्व 5,200 करोड़ रुपये रहा, जो FY23 के 5,006 करोड़ रुपये से बढ़ा है। Walmart India का मुख्य राजस्व थोक व्यापार से आता है, जिसमें खाद्य और गैर-खाद्य दोनों उत्पादों का बड़ा योगदान है। इसके अलावा, अन्य आय, जैसे वित्तीय उपकरणों से लाभ और बैंक जमा पर ब्याज, में 37% की बढ़ोतरी हुई है, जो कि FY24 में 5.42 करोड़ रुपये थी।
Walmart India खर्चों में नियंत्रण
Walmart India का सबसे बड़ा खर्च स्टॉक-इन-ट्रेड की खरीद में हुआ, जो 5.7% बढ़कर 4,820 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, कर्मचारियों के लाभों पर होने वाले खर्चों में थोड़ी गिरावट आई और यह 155 करोड़ रुपये रहा। डिप्रिशिएशन और एमॉर्टाइजेशन खर्च में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जो 87% घटकर 33 करोड़ रुपये पर आ गया। वित्त लागतों में मामूली बढ़त रही और यह 69.64 करोड़ रुपये थी।
कुल मिलाकर, कंपनी के खर्चों में 2.4% की कमी आई और FY24 में कुल खर्च 5,354 करोड़ रुपये रहा। खर्चों को इस प्रकार नियंत्रित करने के कारण Walmart India को अपने घाटे में कमी लाने में मदद मिली है।
Walmart India नुकसान में 68% की कमी
पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान, Walmart India ने अपने राजस्व को स्थिर रखते हुए अपने नुकसान को नियंत्रित किया। अन्य आय को ध्यान में रखते हुए, कंपनी का कुल घाटा 151.91 करोड़ रुपये पर रहा।
Walmart India फ्लिपकार्ट का प्रदर्शन
Walmart के स्वामित्व में Flipkart भी आता है, जो भारत में Amazon का प्रमुख प्रतिस्पर्धी है। Flipkart की समेकित वित्तीय रिपोर्ट अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन इसके मार्केटप्लेस आर्म ने वित्तीय वर्ष 2024 में 26.4% की वृद्धि दर्ज की है और कुल व्यापार मूल्य (GMV) 70,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इसके अलावा, Flipkart ने अपने नुकसान को भी 13.2% तक घटाया है, जो FY24 में 4,248 करोड़ रुपये पर रहा।
प्रतिस्पर्धा
Walmart India को भारतीय थोक और खुदरा बाजार में Reliance Retail और Metro Cash & Carry जैसे संगठित प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
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