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WeWork India

दिल्ली‑एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई जैसे बड़े महानगरों में प्रीमियम को‑वर्किंग स्पेस उपलब्ध कराने वाली वीवर्क इंडिया मैनेजमेंट लिमिटेड (WeWork India) को पूंजी बाज़ार नियामक सेबी (SEBI) से अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लॉन्च करने की मंज़ूरी मिल गई है। यह आईपीओ पूरी तरह ऑफ़र फ़ॉर सेल (OFS) स्वरूप होगा, जिसके तहत कुल 4 करोड़ 37 लाख इक्विटी शेयर बिकेंगे। इस निर्गम से कंपनी को प्रत्यक्ष तौर पर कोई पूंजी नहीं मिलेगी, पर इसके प्रमोटर और रणनीतिक निवेशकों को جز‑आउट का अवसर अवश्य मिलेगा।


🏗️ कौन बेच रहा है कितने शेयर?

विक्रेतापेशकश किए जाने वाले शेयर*
Embassy Buildcon LLP (प्रमोटर)3,34,00,000
1 Ariel Way Tenant Lt. (WeWork Global की सहायक)1,03,00,000
कुल4,37,00,000

*आंकड़े DRHP में दर्ज ‘अप टू’ सीमा पर आधारित हैं। अंतिम संख्या प्राइस बैंड तय होने तथा बाज़ार स्थितियों के अनुसार बदल सकती है।

इश्यू का प्रबंधन JM Financial, ICICI Securities, Kotak Mahindra Capital, Jefferies India और 360 ONE WAM के पास रहेगा। उम्मीद है कि प्राइस‑बैंड और खुलने‑बंद होने की तिथियां अगले कुछ हफ़्तों में घोषित कर दी जाएंगी।


🏢 कंपनी प्रोफ़ाइल: WeWork India ब्रैंड का भारतीय संस्करण

  • आरंभ : 2017 में Embassy Group ने WeWork Global के साथ लाइसेंस समझौता कर WeWork India की शुरुआत की।
  • पोर्टफोलियो : 59 सेंटर्स, 94,440 डेस्क और लगभग 6.4 मिलियन वर्गफ़ुट क्षेत्र, जिनमें 93% ग्रेड‑A कॉमर्शियल इमारतें हैं।
  • शहर : बेंगलुरु (मुख्यालय), मुंबई, दिल्ली‑एनसीआर, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, गुरुग्राम आदि।
  • उपभोक्ता वर्ग : स्टार्टअप, एमएसएमई, फ़्रीलांसर, कॉर्पोरेट्स और एंटरप्राइज़ क्लाइंटों का मिश्रण।
  • ब्रैंड लाइसेंस : WeWork Global से एक्सक्लूसिव भारतीय लाइसेंस; ब्रैंड‑फी/रॉयल्टी मॉडल के अंतर्गत संचालन।

Embassy Buildcon LLP के पास DRHP के समय 73.82% हिस्सेदारी थी, जबकि WeWork Global की सहायक 1 Ariel Way Tenant के पास 22.72% स्टेक था। OFS के बाद दोनों हिस्सेदार अपनी शेयरहोल्डिंग आंशिक रूप से घटाएँगे, पर नियंत्रण Embassy समूह के पास ही रहेगा।


📊 वित्तीय प्रदर्शन: लाभ‑हानि का ताज़ा लेखा‑जोखा

अवधिपरिचालन आयEBITDA/EBITPBT/PAT*
FY24₹1,651  करोड़₹112  करोड़ (EBITDA+)‑₹136  करोड़
H1 FY25₹918  करोड़₹85  करोड़ (EBITDA+)₹60.3  करोड़ (PBT)

*PAT की तुलना हेतु FY24 में नेट लॉस ₹136 करोड़ रहा। H1 FY25 में कंपनी कर‐पूर्व लाभ पर पहुंच गई है; पूरे FY25 में मुनाफ़ा दर्ज करने की उम्मीद जताई जा रही है।

WeWork India ने लगातार तीन वित्त वर्षों (FY22‑FY24) में सबसे ज़्यादा राजस्व वाली को‑वर्किंग कंपनी का तमगा बनाए रखा है। H1 FY25 में 56% सीट‑ऑक्युपेंसी से बढ़कर 72% तक पहुँचने का दावा किया गया, जिससे राजस्व चक्रवृद्धि और परिचालन लाभ सुधरा।


🏬 सेक्टर परिदृश्य: चुस्त मांग, बढ़ती प्रतिस्पर्धा

को‑वर्किंग सेगमेंट महामारी के बाद हाइब्रिड वर्क कल्चर में तेज़ी से लोकप्रिय हुआ है। Awfis (मई 2024 में सूचीबद्ध), Indiqube, Smartworks, 91springboard, Innov8 तथा नए‑उभरते ब्रैंड्स जैसे MyBranch इस स्पेस को गर्माए हुए हैं।

कंपनीFY25 राजस्व*स्टेटस
Awfis₹1,208 Crलिस्टेड (Mkt Cap ~$530 M)
Smartworks₹1,374 CrIPO अलॉटमेंट पूरा; लिस्टिंग शीघ्र
WeWork India₹1,651 CrIPO की मंज़ूरी मिली
IndiqubeDRHP फ़ाइल (कन्‍फ़िडेंशियल)प्राइवेट

*सार्वजनिक स्रोत/DRHP के आधार पर।

बढ़ती मांग के साथ कीमत‑प्रतिस्पर्धा भी तीव्र है। WeWork India का दावा है कि उसके 93% स्पेस ‘ग्रेड‑A’ हैं जो मल्टीनेशनल्स को आकर्षित करते हैं, जबकि कई साझेदारियाँ (जैसे 12‑18 महीने की कमिटेड लीज़) राजस्व स्थिरता देती हैं।


💡 IPO से जुड़े प्रमुख कारक

  1. प्योर OFS : कंपनी के बहीखाते में नक़द प्रवाह नहीं आएगा; लेकिन प्रोमोटर‑इन्वेस्टर को आंशिक निकास मिलेगा।
  2. मार्केट टाइमिंग : Awfis की सफल लिस्टिंग और Smartworks की तेज़ ओवरसब्सक्रिप्शन ने सेक्टर सेंटिमेंट सुधारा है।
  3. लाभप्रदता का ट्रैक‑रिकॉर्ड : H1 FY25 में मुनाफ़े में लौटना निवेशकों का भरोसा बढ़ा सकता है।
  4. ब्रैंड‑फी लायबिलिटी : WeWork Global को रॉयल्टी भुगतान और ब्रैंड विवाद (US चैप्टर 11 का असर)– संभावित जोखिम।
  5. रीयल‑एस्टेट साइकल : वाणिज्यिक किराया दरों व स्थानिक मांग में बदलाव लघु‑मध्यम अवधि में मार्जिन दबाव बढ़ा सकते हैं।

🔭 आगे की रणनीति

  • नई सेंटर्स : FY26 तक 1 लाख+ डेस्क का टार्गेट, टियर‑II शहरों में भी विस्तार।
  • एंटरप्राइज़ सॉल्यूशंस : बड़ी कंपनियों के लिए को‑ब्रैंडेड फ्लोर, टेक‑सपोर्टेड सीट‑मैनेजमेंट टूल्स।
  • हाइब्रिड मॉडल : पास‑आधारित ‘WePass’, फ्लेक्सिबल डे‑डेस्क, इवेंट स्पेस मॉनेटाइज़ेशन।
  • सततता (ESG) : ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफ़िकेशन, ऊर्जा दक्षता, अपसायक्ल्ड फ़र्नीचर – निवेशकों के ESG मापदंडों पर फ़ोकस।

✈️ निष्कर्ष

WeWork India का प्रस्तावित IPO भारतीय को‑वर्किंग उद्योग का तीसरा बड़ा पब्लिक इश्यू होगा। EBITDA‑पॉज़िटिवटि, ब्रैंड रिकॉल और स्ट्रांग एंकर (Embassy Group) इसे आकर्षक बना सकते हैं, हालांकि वैश्विक WeWork संकट से जुड़ा ब्रैंड‑परसेप्शन और ऑफ़र‑साइज़ (पूरी तरह OFS) निवेशकों के लिए विचारणीय पहलू रहेंगे।

बहरहाल, सेबी की स्वीकृति और मज़बूत वित्तीय पुनरुद्धार ने WeWork India को बाजार‑उन्मुख विकास के लिए एक ठोस मंच पर खड़ा कर दिया है। अब लिस्टिंग के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी निवेशकों को वैल्यू क्रिएशन का कितना यक़ीन दिला पाती है और प्रतिस्पर्धी फ्लेक्स‑स्पेस बाज़ार में अपना नेतृत्व कैसे कायम रखती है।

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