🦄 2025 में यूनिकॉर्न की ताबड़तोड़ बारिश! AI की वजह से Startup दुनिया में नई क्रांति

2025 अभी आधा भी नहीं बीता है और दुनिया भर में यूनिकॉर्न क्रिएशन तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. इस साल अब तक 53 कंपनियाँ अरब-डॉलर वैल्यूएशन का स्तर पार कर चुकी हैं, जो साफ संकेत देता है कि 2025, 2024 में बने 80 यूनिकॉर्न के आंकड़े को आसानी से पीछे छोड़ सकता है.

लेकिन इस तेजी का असली हीरो कौन है?
सीधा जवाब— AI Boom! 🚀🤖

2025 में अब तक जितने भी नए यूनिकॉर्न बने हैं, उनमें से 53% सिर्फ AI आधारित स्टार्टअप्स हैं. AI-based कंपनियों की ग्रोथ इतनी तेज है कि वे सिर्फ 6 साल में यूनिकॉर्न बन रही हैं— जबकि पहले औसत समय 7 साल था.

यानी AI न सिर्फ बिज़नेस बदल रहा है, बल्कि वैल्यूएशन की स्पीड भी दोगुनी कर रहा है!


🤖🦾 AI Agents का जलवा: हर 5 में से 1 नया यूनिकॉर्न AI Agent कंपनी

2025 के यूनिकॉर्न परिदृश्य का सबसे बड़ा ट्रेंड है— AI Agents का उभार.

हर 5 में से 1 यूनिकॉर्न सिर्फ AI Agents बना रहा है, यानी ऐसे ऑटोनोमस AI सिस्टम जो हेल्थकेयर, कस्टमर सपोर्ट, सिक्योरिटी और सेल्स जैसी इंडस्ट्रीज को खुद चला रहे हैं.

इस साल बने नए AI Agent यूनिकॉर्न में शामिल कंपनियाँ—

  • Hippocratic AI – हेल्थकेयर एजेंट्स
  • Cyberhaven – डेटा सिक्योरिटी एजेंट
  • Parloa – कस्टमर सपोर्ट AI

AI Agents को लेकर निवेशकों की भूख इतनी ज्यादा है कि इन कंपनियों को शुरुआती सालों में ही बिलियन-डॉलर वैल्यूएशन मिल रहा है.


💼📈 नए यूनिकॉर्न ज़्यादा Lean & Efficient — प्रति कर्मचारी 83% अधिक Revenue

2025 के यूनिकॉर्न सिर्फ वैल्यूएशन में ही नहीं, बल्कि Efficiency में भी पुराने यूनिकॉर्न्स को पीछे छोड़ रहे हैं.

🔹 नए यूनिकॉर्न का Revenue Per Employee: $814K
🔹 सभी यूनिकॉर्न का औसत: $446K

यानि नए स्टार्टअप्स में 83% अधिक प्रोडक्टिविटी!

इस lean ऑपरेशन के पीछे बड़ी वजह है—
👉 AI-Automation
👉 कम बर्न, ज्यादा आउटपुट
👉 छोटी लेकिन हाई-स्पीड टीम्स

उदाहरण के तौर पर:

  • Olipop — $1.2M प्रति कर्मचारी
  • Clay (AI Sales Agent) — $1M प्रति कर्मचारी

ये मॉडल बताता है कि आने वाले समय में स्टार्टअप्स “कम लोग, ज्यादा टेक, ज्यादा आउटपुट” वाली स्ट्रैटेजी पर काम करेंगे.


🛒💳 कौन सी कंपनियाँ Exit के लिए तैयार? Consumer और Fintech सबसे आगे

वैल्यूएशन की रफ्तार बढ़ रही है, लेकिन इसके साथ M&A (Merger & Acquisition) एक्टिविटी भी तेज हो रही है.

2025 में, Mosaic Score के आधार पर, सबसे ज्यादा अधिग्रहण की संभावना वाली कंपनियाँ हैं:

🔥 Top Potential M&A Targets

सेक्टरकंपनीअगले 2 साल में अधिग्रहण की संभावना
FintechPPRO53%
Identity VerificationID.me41%
E-commerce InfraCart.com33%
Luxury MarketplaceVestiaire Collective31%

फिनटेक और कंज़्यूमर स्टार्टअप्स में M&A की संभावना सबसे ज्यादा है, खासकर:

  • पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर
  • आइडेंटिटी वेरिफिकेशन
  • ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स
  • डिजिटल मार्केटप्लेस

इन सेक्टर्स में बड़ी टेक कंपनियाँ और ग्लोबल कॉर्पोरेट्स नए इनोवेशन को खरीदकर अपने सिस्टम में इंटीग्रेट करना चाहती हैं.


🚀🌍 2025 क्या संकेत देता है? Startup दुनिया का अगला दशक कैसा दिखेगा?

2025 के यूनिकॉर्न डेटा से साफ झलकता है कि आने वाले 10 साल में टेक दुनिया कैसे बदलेगी—

🔮 1. AI First, Everything Later

हर नया स्टार्टअप अब AI-first बन रहा है।
AI ही प्रोडक्ट, AI ही इंजन, AI ही ग्रोथ!

🔮 2. Lean Teams, Super Productivity

छोटी-छोटी टीमें वैल्यू बिल्ड करेंगी,
टेक और ऑटोमेशन 10X आउटपुट देगा.

🔮 3. Faster Valuations

यूनिकॉर्न स्टेज तक पहुँचने में लगने वाला समय
7 साल → 6 साल → जल्द ही 5 साल हो सकता है.

🔮 4. Fintech + Consumer = सबसे Hot Exit Market

जहाँ यूज़र बेस है, वहाँ M&A की डील्स हैं.

🔮 5. Global AI Race अब असली Battle Ground

जो देश AI Agents और Automation में आगे रहेगा,
वही टेक इकोसिस्टम का Future लीड करेगा.


🦄✨ निष्कर्ष: 2025—AI यूनिकॉर्न्स का साल, तेज रफ्तार ग्रोथ का नज़ारा

2025 ने साबित कर दिया है कि यूनिकॉर्न क्रिएशन सिर्फ जारी नहीं है, बल्कि तेज़ी से Accelerate हो रहा है.
AI ने स्टार्टअप को सिर्फ स्मार्ट नहीं बनाया—
बल्कि तेज़, lean और highly profitable बनाया है.

इस साल बनी नई कंपनियाँ बता रही हैं कि—

  • भविष्य AI Agents का है
  • कंपनियाँ कम लोगों के साथ भी ज्यादा आउटपुट देंगी
  • फिनटेक और कंज्यूमर सेक्टर में M&A की बाढ़ आएगी
  • यूनिकॉर्न बनने की रफ्तार और तेज होगी

आने वाले दिनों में टेक दुनिया और भी रोचक होने वाली है—
और AI इसका सबसे बड़ा गेम-चेंजर होगा! 🚀🤖🔥

Read more : Startup India के 9 साल भारत के स्टार्टअप सफर का नया अध्याय

🇮🇳 Startup India के 9 साल भारत के स्टार्टअप सफर का नया अध्याय

founder artical

16 जनवरी 2025 को भारत Startup India के 9 साल पूरे कर रहा है — एक ऐसा मिशन जिसने देश में उद्यमिता, इनोवेशन और युवा शक्ति को नई दिशा दी। 2016 में शुरू हुई यह पहल आज नेशनल स्टार्टअप डे के रूप में मनाई जाती है, जो भारत की आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता की यात्रा का महत्वपूर्ण प्रतीक बन चुकी है।

🚀 भारत: दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम

DPIIT के अनुसार 15 जनवरी 2025 तक 1.59 लाख से अधिक स्टार्टअप्स आधिकारिक रूप से रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
भारत आज सिलिकॉन वैली के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन चुका है।

• 100+ यूनिकॉर्न
• बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली-NCR प्रमुख हब
• टियर-2 व टियर-3 शहरों की तेजी से बढ़ती भूमिका

Zomato, Nykaa, Ola जैसी कंपनियों ने दिखाया है कि भारत केवल जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब क्रिएटर बन चुका है।


🏆 Startup India मिशन की प्रमुख उपलब्धियाँ

📈 1. स्टार्टअप्स की रिकॉर्ड ग्रोथ

2016 में जहाँ सिर्फ 500 स्टार्टअप्स थे, वहीं आज यह संख्या 1,59,157 पार कर चुकी है।

👩‍💼 2. महिला उद्यमियों का उभार

31 अक्टूबर 2024 तक,
73,151 स्टार्टअप्स में कम से कम एक महिला डायरेक्टर शामिल है।

👨‍💼 3. 16.6 लाख से अधिक नौकरियाँ

Startup India ने अब तक 16.6 लाख+ डायरेक्ट जॉब्स बनाई हैं, जो भारत के रोजगार बाजार में बड़ा योगदान है।


⚙️ Startup India की मुख्य सुविधाएँ

🧾 Ease of Doing Business

• सेल्फ-सर्टिफिकेशन
• सिंगल विंडो क्लियरेंस
• सरल कॉम्प्लायंस

💸 टैक्स बेनिफिट्स

• 3 साल तक टैक्स छुट
• Angel Tax में रिलैक्सेशन

💰 फंडिंग सपोर्ट

• ₹10,000 करोड़ का Fund of Funds for Startups (FFS)
• शुरुआती चरणों में निवेश की सुविधा

🌾 सेक्टर-विशेष नीतियाँ

• बायोटेक
• एग्रीटेक
• रिन्यूएबल एनर्जी
• हेल्थ-टेक
• डीपटेक


🧑‍💼 कौन-कौन से सेक्टर दे रहे हैं सबसे ज्यादा नौकरियाँ?

31 अक्टूबर 2024 तक सबसे ज्यादा जॉब्स बनाने वाले सेक्टर:

IT सर्विसेज – 2.04 लाख
हेल्थकेयर और लाइफसाइंसेज – 1.47 लाख
प्रोफेशनल सर्विसेज – 94,000

यह दर्शाता है कि स्टार्टअप्स न सिर्फ इनोवेशन, बल्कि अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों का मजबूत आधार बन चुके हैं।


🌱 Startup India की प्रमुख योजनाएँ

🌟 1. Startup India Seed Fund Scheme (SISFS)

स्टार्टअप के शुरुआती चरण में फंडिंग सपोर्ट।

🛡️ 2. Credit Guarantee Scheme for Startups (CGSS)

लोन के लिए क्रेडिट गारंटी उपलब्ध कराना।

💼 3. Fund of Funds for Startups (FFS)

₹10,000 करोड़ की फंडिंग व्यवस्था जो VC फंड्स के जरिए स्टार्टअप्स तक पहुँचती है।


🤝 अन्य प्रमुख पहलें

🏫 Capacity Building व Handholding

• नॉन-मेट्रो शहरों में वर्कशॉप
• इन्क्यूबेटर्स को स्पेशल हैंडहोल्डिंग

📣 Outreach & Awareness

• स्टार्टअप शोकेस
• फंडिंग कनेक्ट
• सोशल मीडिया प्रमोशन

🌍 इकोसिस्टम डेवलपमेंट प्रोग्राम्स

• Startup Mahakumbh
• ASCEND वर्कशॉप
• Startup India Innovation Week

🔗 अंतरराष्ट्रीय सहयोग

• G20 की Startup20 Engagement Group
• ग्लोबल इवेंट्स व पार्टनरशिप


🔵 BHASKAR Platform: स्टार्टअप्स का डिजिटल कॉर्नर

2024 में लॉन्च हुआ BHASKAR — Bharat Startup Knowledge Access Registry, Startup India का बड़ा कदम माना जा रहा है।

⭐ इसकी विशेषताएँ:

• आसान नेटवर्किंग
• स्टार्टअप्स के लिए यूनिक BHASKAR ID
• सेंट्रलाइज़्ड रिसोर्सेज
• ग्लोबल डिस्कवरी
• नॉन-मेट्रो शहरों तक पहुंच

यह प्लेटफॉर्म भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक डिजिटल छत के नीचे लाता है।


🎪 Startup Mahakumbh: भारत का सबसे बड़ा स्टार्टअप उत्सव

2024 के पहले एडिशन की खास बातें:

• 1,300+ एक्सहिबिटर्स
• 48,000+ बिजनेस विज़िटर्स
• 392 स्पीकर्स
• 200+ इन्वेस्टर्स
• PM मोदी की उपस्थिति

🔮 अगला एडिशन

3–5 अप्रैल 2025
थीम: “Startup India @ 2047 – Unfolding the Bharat Story”

यह भारत की भविष्य की डिजिटल व इनोवेशन यात्रा को दर्शाएगा।


🏁 निष्कर्ष

पिछले नौ वर्षों में Startup India ने:

✔ 1.59 लाख से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया
✔ लाखों युवाओं को रोजगार दिया
✔ देश के सबसे छोटे कस्बों में भी उद्यमिता की लहर जगाई
✔ भारत को वैश्विक इनोवेशन मानचित्र पर मजबूत जगह दिलाई

आज भारत सिर्फ स्टार्टअप नेशन नहीं, बल्कि स्टार्टअप सुपरपावर बनने की ओर बढ़ रहा है।
Startup India इनोवेशन, उद्यमिता और आर्थिक विकास की इस यात्रा का सबसे बड़ा इंजन बन चुका है।

read more ; Lenskart Q2 FY26 Results: Revenue में 21% की Growth,

👓📈 Lenskart Q2 FY26 Results: Revenue में 21% की Growth,

Lenskart

भारत की अग्रणी eyewear कंपनी Lenskart ने अपने Q2 FY26 के ताज़ा वित्तीय परिणाम जारी कर दिए हैं। हाल ही में भारतीय शेयर बाज़ार में लिस्ट होने के बाद कंपनी के नतीजों पर सभी की नज़रें थीं — और Lenskart ने इस तिमाही में मजबूत प्रदर्शन करते हुए Revenue और Profit दोनों में डबल-डिजिट ग्रोथ दर्ज की है।


💰📊 Revenue में 21% की दमदार बढ़ोतरी

कंपनी के अनुसार, Q2 FY26 में Lenskart का Revenue बढ़कर ₹2,096 करोड़ हो गया, जो पिछले साल इसी तिमाही के ₹1,736 करोड़ से 21% अधिक है।

इसके अलावा, अन्य आय (Other Income) से ₹33 करोड़ की अतिरिक्त कमाई हुई, जिससे कंपनी की कुल आय ₹2,129 करोड़ पर पहुँच गई।

अगर छह महीने (H1 FY26) के आंकड़े देखें, तो कंपनी ने फिर शानदार प्रदर्शन किया:

  • H1 FY26 Revenue: ₹3,991 करोड़
  • H1 FY25 Revenue: ₹3,256 करोड़
    ➡️ यानी 23% Year-on-Year Growth

📦⚙️ खर्चे भी बढ़े, लेकिन नियंत्रण में

जैसा कि तेजी से बढ़ती उपभोक्ता कंपनियों में होता है, Lenskart के खर्चों में भी बढ़ोतरी देखी गई:

🔹 1. Cost of Material — सबसे बड़ा खर्चा

  • Q2 FY26: ₹650 करोड़
  • Q2 FY25: ₹546 करोड़
    ➡️ 19% वृद्धि

यह खर्च कुल लागत का लगभग 33% हिस्सा है, यानी कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग और रॉ मटीरियल कॉस्ट अभी भी बिज़नेस मॉडल का भारी हिस्सा बने हुए हैं।

🔹 2. Employee Benefit Expense — 55% की बड़ी Jump

  • Q2 FY26: ₹502.5 करोड़
  • Q2 FY25: ₹325 करोड़

यह बढ़ोतरी संकेत है कि Lenskart अपने टेक, रिटेल और सप्लाई चेन नेटवर्क में भारी निवेश कर रहा है।

🔹 3. अन्य खर्चे

Finance cost, depreciation, और अन्य overheads को मिलाकर कुल खर्च बढ़कर ₹1,980 करोड़ हो गया — यानी 18.5% की वृद्धि


🟢📈 Profit में 20% की बढ़त, H1 में 120% Jump

खर्चों में बढ़ोतरी के बावजूद Lenskart ने लाभ में मजबूत उछाल दिखाया है:

Q2 FY26 Profit

  • Q2 FY26: ₹103 करोड़
  • Q2 FY25: ₹86 करोड़
    ➡️ 20% वृद्धि

H1 FY26 Profit

  • H1 FY26: ₹165 करोड़
  • H1 FY25: ₹75 करोड़
    ➡️ पूरे 120% की Jump!

यह बढ़ोतरी कंपनी के स्केलेबल मॉडल, बेहतर यूनिट इकॉनमी और बढ़ते प्रीमियम प्रोडक्ट इकोसिस्टम की वजह से हुई।


📉📝 शेयर बाज़ार में Lenskart की साधारण शुरुआत

Lenskart ने भारतीय शेयर बाज़ार में ऐसी धमाकेदार लिस्टिंग नहीं की जैसा कि निवेशक उम्मीद कर रहे थे।

  • Issue Price: ₹402
  • Listing Price (NSE): ₹395
    ➡️ 1.7% नीचे

हालांकि लिस्टिंग शांत रही, लेकिन Lenskart का लंबे समय का बिज़नेस मॉडल निवेशकों को अभी भी आकर्षित कर रहा है।


💵🏦 IPO ने जुटाए ₹7,178 करोड़ — भारत का बड़ा उपभोक्ता IPO

Lenskart ने अपने IPO में:

  • Fresh issue: ₹2,150 करोड़
  • Offer for Sale (OFS): ₹5,028 करोड़
    ➡️ Total: ₹7,178 करोड़

कंपनी का कुल मूल्यांकन (Valuation) करीब ₹70,000 करोड़ ($8 billion) तय हुआ।

🟣 IPO Subscription Breakdown

  • Retail Investors: 7.53x
  • QIBs (ex-anchors): 40.35x
  • NIIs: 18.2x
  • Employee quota: 4.96x
    ➡️ Overall: 28.26x Oversubscribed

📌📉 वर्तमान शेयर प्राइस और मार्केट कैप

नवीनतम ट्रेडिंग सत्र में:

  • शेयर प्राइस: ₹411.80
  • Market Cap: ₹71,441 करोड़ ($7.9 billion)

लिस्टिंग के कुछ दिनों के भीतर प्राइस में सुधार दिखना यह दर्शाता है कि निवेशकों का भरोसा दीर्घकालिक ग्रोथ पर टिका हुआ है।


🏢🌐 Lenskart: भारत का सबसे बड़ा Omnichannel Eyewear Player

Lenskart की ग्रोथ कई कारणों से मजबूत बनी हुई है:

🔸 विशाल Omnichannel नेटवर्क

  • 2,100+ स्टोर
  • तेज़ी से बढ़ती ऑनलाइन बिक्री

🔸 अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट

कंपनी अपने चश्मे खुद बनाती है, जिससे लागत नियंत्रित रहती है।

🔸 टेक-ड्रिवन मॉडल

AI-based eye checkup
3D try-on
Digital inventory

🔸 अंतरराष्ट्रीय विस्तार

सिंगापुर, UAE, सऊदी, दक्षिण-पूर्व एशिया में तेजी से कदम


🚀📌 FundingRaised की राय: Lenskart की अगली तिमाही और भी दिलचस्प हो सकती है

कंपनी की रणनीति स्पष्ट है —
✔ विस्तार
✔ प्रीमियम प्रोडक्ट लाइंस
✔ ग्लोबल रिटेल इकोसिस्टम
✔ टेक और सप्लाई चेन पर गहरा निवेश

Q2 के नतीजे दिखाते हैं कि Lenskart न सिर्फ मुनाफा कमा रहा है, बल्कि भविष्य की ग्रोथ के लिए अपनी नींव भी मजबूत कर रहा है।

Read more : SEBI का बड़ा एक्शन! Droneacharya Aerial Innovations पर 2 साल का मार्केट बैन

🚨 SEBI का बड़ा एक्शन! Droneacharya Aerial Innovations पर 2 साल का मार्केट बैन

SEBI

💥 फर्जी राजस्व, फंड डाइवर्जन और गलत जानकारी—ड्रोन स्टार्टअप पर लगा कड़ा शिकंजा

भारतीय शेयर बाज़ार नियामक SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने पुणे-आधारित ड्रोन स्टार्टअप Droneacharya Aerial Innovations और इसके प्रमोटर-डायरेक्टर्स प्रतीक श्रीवास्तव और निकिता श्रीवास्तव पर दो साल का मार्केट बैन लगा दिया है।
SEBI ने कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि स्टार्टअप ने ग़लत बयानों, फंड की हेराफेरी और फर्जी राजस्व दिखाकर निवेशकों को गुमराह किया—वह भी IPO से पहले और बाद में।


📌 IPO में उठाए ₹34 करोड़, लेकिन इस्तेमाल कहीं और!

Droneacharya दिसंबर 2022 में BSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हुई थी। कंपनी ने IPO के जरिए लगभग ₹34 करोड़ जुटाए थे और निवेशकों को बताया था कि लगभग ₹27.98 करोड़ ड्रोन और एक्सेसरीज़ खरीदने पर खर्च किए जाएंगे।

लेकिन SEBI की जांच कुछ और ही तस्वीर बताती है:

❌ ड्रोन खरीद पर खर्च: सिर्फ ₹70 लाख

❌ बाकी ₹27 करोड़: संदिग्ध “सॉफ़्टवेयर और कंप्यूटर आइटम” की खरीद

SEBI के अनुसार—

  • कंपनी ने इन खरीदारियों के कोटेशन IPO दस्तावेज़ में शामिल नहीं किए।
  • कई इनवॉइस बाज़ार कीमत से अलग और फर्जी थीं।
  • कुछ विक्रेता सॉफ़्टवेयर व्यवसाय में थे ही नहीं!

SEBI ने इसे “mis-utilised, siphoned and misrepresented” यानी गलत इस्तेमाल, हेराफेरी और ग़लत बयानी बताया।


📉 फर्जी रेवेन्यू: FY24 के आंकड़ों में बड़ा खेल

SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक ड्रोन कंपनी ने FY24 में लगभग ₹12.35 करोड़ का फर्जी राजस्व दिखाया।
यह आय दो कंपनियों—Triconix और IRed—के नाम पर बुक की गई थी।

👉 लेकिन SEBI ने पाया कि:

  • कोई सेवा नहीं दी गई,
  • कोई सामान नहीं भेजा गया,
  • कोई वास्तविक बिज़नेस लेनदेन हुआ ही नहीं।

कुल राजस्व का 35% हिस्सा फर्जी था
अगर यह फर्जी आय हटाई जाए, तो कंपनी को लाभ नहीं, बल्कि प्री-टैक्स नुकसान दिखाना चाहिए था।

फिर भी कंपनी ने FY24 में ₹8.44 करोड़ का मुनाफा दिखाया।
SEBI के अनुसार “प्रमोटर्स ने जानबूझकर गलत प्रदर्शन दिखाया ताकि कंपनी की ग्रोथ का झूठा आभास बने।”


🧧 Pre-IPO फंडिंग भी सवालों के घेरे में

IPO से पहले, फरवरी से जून 2022 के बीच, कंपनी ने:

  • 60,000+ OCPS (optionally convertible preference shares)
  • 199 निवेशकों को जारी किए
  • और ₹32.35 करोड़ जुटाए

SEBI ने पाया कि:

  • कई निवेशकों, जिनमें सेलिब्रिटीज भी शामिल थे, को “जल्द लिस्टिंग” का मौखिक भरोसा दिया गया।
  • कंपनी ने लिस्टिंग के तुरंत बाद लगातार “misleading announcements” जारी किए ताकि शेयर में रुचि बनी रहे।

📈 168 प्री-IPO निवेशकों ने लिस्टिंग के बाद ₹89.6 करोड़ का मुनाफा कमाया।
एक निवेशक—Instafin Financial Advisors के पार्टनर की बेटी—को 5,800% रिटर्न मिला।


🔥 Related-party transactions: प्रमोटर्स की कंपनी को ₹10.6 करोड़ ट्रांसफर

SEBI ने एक और बड़ा खुलासा किया—
Droneacharya ने Awyam Synergies नाम की एक कंपनी को लगभग ₹10.6 करोड़ ट्रांसफर किए,
जो पूरी तरह प्रमोटर्स के स्वामित्व वाली कंपनी थी!

यह जानकारी न:

  • IPO डॉक्यूमेंट में,
  • न वार्षिक फाइलिंग में दर्ज की गई थी।

⚠️ ऑडिटर्स और वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार

SEBI ने ऑडिटर, कंप्लायंस अधिकारी और मर्चेंट बैंकर पर भी कड़ी टिप्पणियाँ कीं।
उन पर आरोप है कि:

  • फर्जी इनवॉइस,
  • गलत जानकारी,
  • डाइवर्टेड फंड्स
    को या तो नजरअंदाज किया गया या रोकने में असफल रहे।

🏛️ SME प्लेटफॉर्म के लिए बड़ा संदेश

Droneacharya पर यह कार्रवाई हाल के महीनों में SME मार्केट में SEBI की सबसे सख्त कार्रवाइयों में से एक है।

भारत में SME स्टार्टअप्स की लिस्टिंग तेज़ी से बढ़ रही है, ऐसे में SEBI का कड़ा रुख निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की विश्वसनीयता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।


🛰️ ड्रोन सेक्टर पर असर?

ड्रोन सेक्टर भारत में तेजी से बढ़ रहा है—
कई स्टार्टअप्स ड्रोन्स, सर्वे, मैपिंग, AI और एरियल डेटा सर्विसेज में सक्रिय हैं।

लेकिन इस घटना से:

  • निवेशकों का भरोसा हिल सकता है,
  • रेगुलेशन और कड़ा हो सकता है,
  • और स्टार्टअप्स को पारदर्शिता पर ज्यादा ध्यान देना पड़ेगा।

📝 निष्कर्ष

SEBI के अनुसार Droneacharya ने:

  • IPO फंड्स का गलत उपयोग किया,
  • फर्जी राजस्व दिखाया,
  • निवेशकों को गुमराह किया,
  • संबंधित कंपनियों के साथ छिपे हुए लेनदेन किए।

इन गंभीर गड़बड़ियों के चलते:

🚫 कंपनी और इसके प्रमोटर्स पर 2 साल का मार्केट बैन लगा है।

यह मामला SME लिस्टिंग्स में बढ़ते नियामक कड़ेपन और पारदर्शिता की बढ़ती जरूरत की ओर इशारा करता है।

Read more : Dhruva Space ने Pre-Series B राउंड में उठाए ₹51.76 करोड़!

🚀 Dhruva Space ने Pre-Series B राउंड में उठाए ₹51.76 करोड़!

Dhruva Space

भारत के उभरते हुए space-tech ecosystem में एक और बड़ी फंडिंग हुई है। हैदराबाद-आधारित स्पेस-टेक स्टार्टअप Dhruva Space ने अपने Pre-Series B राउंड में कुल ₹51.76 करोड़ (लगभग $6 मिलियन) जुटाए हैं। यह राउंड AVCF1 (Aditum Venture Capital Fund) की अगुवाई में पूरा हुआ, जिसमें कुल 33 निवेशकों ने भाग लिया।

यह फंडिंग न सिर्फ Dhruva Space के लिए, बल्कि भारत के निजी स्पेस सेक्टर के लिए भी एक मजबूत संकेत है कि दुनिया अब भारतीय स्टार्टअप्स पर गहरी नज़र रख रही है। 🌍✨


💰 कितना निवेश और किसने किया?

कंपनी की regulatory filings के अनुसार, बोर्ड ने एक special resolution पास किया है, जिसके तहत 1 इक्विटी शेयर और 553 प्री-सीरीज़ B प्रेफरेंस शेयर जारी किए जाएंगे। हर शेयर का मूल्य ₹9,34,429 तय किया गया है।

👉 इस राउंड के प्रमुख निवेशक:

  • 🟦 AVCF1 (Aditum Venture Capital Fund) – ₹26.16 करोड़
  • 🟧 Aranya Holding Ventures LLP – ₹10 करोड़
  • 🟩 Hyderabad Angel Fund, AR Enterprises, Ativira Technologies
  • 🟨 अन्य कई individual angel investors

Entrackr के अनुमान के अनुसार, इस फंडिंग के बाद Dhruva Space का post-money valuation लगभग $215 मिलियन पहुंच गया है। 🚀🔥


🌌 Dhruva Space: भारत का तेज़ी से उभरता स्पेस-टेक स्टार

2012 में Sanjay Nekkanti और Chaitanya Dora द्वारा शुरू किया गया Dhruva Space आज भारत के प्राइवेट स्पेस सेक्टर का एक अहम नाम बन चुका है।

कंपनी space, launch और ground segments में काम करती है और end-to-end सॉल्यूशन प्रदान करती है:

  • 🛰️ Satellites
  • 🛰️ Earth Stations
  • 🚀 Launch Services

पिछले 24 महीनों में Dhruva Space ने 8 payloads लॉन्च किए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • Thybolt Satellites – नवंबर 2022
  • LEAP-TD Mission – 1 जनवरी 2024

ये उपलब्धियाँ साबित करती हैं कि Dhruva Space सिर्फ एक स्टार्टअप नहीं, बल्कि भारत की नई अंतरिक्ष महत्वाकांक्षा का मजबूत हिस्सा है। 🌠


📈 अब तक कितनी कुल फंडिंग जुटाई?

इस नई फंडिंग के साथ Dhruva Space की कुल जुटाई गई राशि $22 मिलियन से अधिक हो गई है।

कंपनी ने इससे पहले $15 मिलियन Series A राउंड में जुटाए थे जिनमें शामिल थे:

  • Indian Angel Network Alpha Fund
  • Blue Ashva Capital
  • Silverneedle Ventures
  • BITEXCO Group
  • IvyCap Ventures
  • Mumbai Angels
  • Blume Founders Fund

यह लगातार फंडिंग यह दर्शाती है कि Dhruva Space की तकनीक और execution क्षमता पर निवेशकों का भरोसा गहरा है।


🌍 क्यों बढ़ रहा है भारत का स्पेस-टेक सेक्टर?

पिछले कुछ वर्षों में भारत का स्पेस-टेक ecosystem तेजी से बढ़ा है। ISRO ने निजी कंपनियों के लिए रास्ता खोला और IN-SPACe व NSIL जैसी संस्थाओं ने स्टार्टअप्स को अनुकूल माहौल दिया।

आज भारत के space-tech स्टार्टअप्स दुनिया में अपनी पकड़ बना रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • 🚀 Agnikul Cosmos
  • 🚀 Skyroot Aerospace
  • 🛰️ Pixxel
  • 🛰️ Bellatrix Aerospace
  • 🛡️ GlaxEye
  • 🛰️ Vesta Space
  • 🌌 Digantara
  • 🛰️ InspeCity

Dhruva Space की नई फंडिंग इसी momentum को और मजबूत करती है।


🔭 नई फंडिंग का इस्तेमाल कहाँ होगा?

Dhruva Space इस निवेश को अपने प्रोडक्ट और सॉल्यूशन नेटवर्क को आगे बढ़ाने में उपयोग करेगा, जिनमें शामिल हैं:

✔ उपग्रह निर्माण क्षमता बढ़ाना

✔ लॉन्च सेवाओं का स्केल-अप

✔ Hydro, Defence, Maritime और Commercial सेक्टर्स के लिए सॉल्यूशंस

✔ हाई-वॉल्यूम उत्पादन क्षमता विकसित करना

✔ अंतरराष्ट्रीय विस्तार

कंपनी का लक्ष्य है कि भारत को अंतरिक्ष तकनीक में एक global powerhouse बनाया जाए। 🌏💫


🧭 भारत के लिए इसका क्या मतलब?

Dhruva Space जैसी कंपनियाँ न सिर्फ भारत के लिए नई तकनीकें विकसित कर रही हैं, बल्कि:

  • 🇮🇳 मेक-इन-इंडिया को मजबूत कर रही हैं
  • 🌍 भारत को global space economy में प्रतिस्पर्धी बना रही हैं
  • 🛰️ अंतरिक्ष सेवाओं को किफायती बना रही हैं
  • 👩‍💻 उच्च कौशल वाली नौकरियाँ पैदा कर रही हैं
  • 🚀 निजी अंतरिक्ष मिशनों में तेजी लाने में मदद कर रही हैं

यह फंडिंग इस बात का संकेत है कि भारत next-generation space technologies में तेजी से आगे बढ़ रहा है।


🎯 निष्कर्ष

Dhruva Space की Pre-Series B फंडिंग ने यह साबित कर दिया है कि भारत का space-tech sector न केवल बढ़ रहा है, बल्कि global level पर अपनी मजबूत पहचान बना रहा है।

नई फंडिंग से Dhruva Space की क्षमता और बढ़ेगी, जिससे भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षा अगले स्तर पर पहुंच सकती है।

🚀 Dhruva Space की नई उड़ान के साथ भारत की अंतरिक्ष यात्रा और भी रोमांचक होने वाली है!

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🚀 इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $353 मिलियन

भारतीय स्टार्टअप्स

इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स इकोसिस्टम में फंडिंग गतिविधि में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। कुल 35 भारतीय स्टार्टअप्स ने $353.19 मिलियन (करीब ₹2,940 करोड़) की फंडिंग जुटाई। इसमें 10 ग्रोथ-स्टेज डील्स और 22 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल रहीं, जबकि 3 कंपनियों ने अपनी राशि सार्वजनिक नहीं की।

पिछले हफ्ते के $220.52 मिलियन के मुकाबले, इस बार 60% ज़्यादा फंडिंग आई है, जो निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को दर्शाती है।


📈 ग्रोथ-स्टेज डील्स — $275.7 मिलियन का निवेश

इस हफ्ते ग्रोथ और लेट-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल $275.7 मिलियन की फंडिंग हासिल की, जिनमें सबसे बड़ी डील Candi Solar की रही।

🔋 1. Candi Solar — $58.5 मिलियन (Debt Round)

क्लीनटेक कंपनी Candi Solar को IFC ने $58.5 मिलियन का डेट फंडिंग दिया। कंपनी भारत और दक्षिण अफ्रीका में अपनी 400 MWp से अधिक सोलर पोर्टफोलियो को बढ़ाने की तैयारी कर रही है।

🚚 2. Ripplr — $45 मिलियन (Series C)

डिस्ट्रीब्यूशन और सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म Ripplr ने SBI और मौजूदा निवेशकों से $45 मिलियन जुटाए।

🥛 3. Ace International — $35 मिलियन

डेयरी टेक कंपनी Ace International ने FMO लीड निवेशक के रूप में $35 मिलियन जुटाए।

🎓 4. Auxilo — ₹225 करोड़ (₹25.5 मिलियन)

Edu-fintech कंपनी Auxilo ने डेट फंडिंग में ₹225 करोड़ जुटाए।

💼 5. NEO Asset Management — $25 मिलियन

Crystal Investment Advisors ने इस फॉलो-ऑन राउंड को लीड किया।

Wealthy, Moneyview, 3ev Industries समेत कई अन्य ग्रोथ कंपनियों ने भी इस हफ्ते निवेश आकर्षित किया।


🌱 अर्ली-स्टेज डील्स — 22 स्टार्टअप्स ने जुटाए $77.49 मिलियन

अर्ली-स्टेज फंडिंग भी सक्रिय रही, जिसमें 22 डील्स में $77.49 मिलियन का निवेश हुआ।

1. 3ev Industries (EV OEM) — ₹120 करोड़ ($13.4M)

EV निर्माण कंपनी 3ev Industries इस हफ्ते की सबसे बड़ी अर्ली-स्टेज डील रही।

🤖 2. Redrob AI — $10 मिलियन (Series A)

AI-लर्निंग स्टार्टअप Redrob ने Series A में $10 मिलियन जुटाए।

Zinit, Mirana Toys, LightSpeed Photonics, Tijori Finance और अन्य स्टार्टअप्स ने भी शुरुआती दौर की फंडिंग हासिल की।

Oatey, Blostem और Definedge ने भी निवेश प्राप्त किए, लेकिन राशि का खुलासा नहीं हुआ।


🏙️ किस शहर ने मारी बाज़ी? — Bengaluru Top पर

शहरवार फंडिंग के आंकड़े:

  • Bengaluru — 14 डील्स
  • Delhi-NCR — 8 डील्स
  • Mumbai — 7 डील्स
  • Pune, Hyderabad और Belagavi ने भी फंडिंग दर्ज की।

🧩 कौन सा सेक्टर रहा सबसे आगे? — Fintech & AI Shine

  • Fintech — 9 डील्स (सबसे ज्यादा)
  • AI — 4 डील्स
  • इसके अलावा Cleantech, EV, E-commerce, Deeptech, F&B आदि सेक्टर्स ने भी निवेश आकर्षित किया।

🌀 कौन-सा स्टेज सबसे आगे रहा? — Seed सबसे सक्रिय

इस हफ्ते:

  • Seed Round — 8 डील्स (टॉप)
  • Series A — 7 डील्स
  • Pre-Series A — 5 डील्स
  • Debt, Series B और Series C में भी गतिविधि दिखी।

📊 साप्ताहिक ट्रेंड — Funding में बड़ी छलांग

पिछले 8 हफ्तों का औसत फंडिंग आंकड़ा लगभग $320 मिलियन रहा है, और इस हफ्ते का आंकड़ा उससे ऊपर है।

स्टार्टअप डील्स का औसत अब 26 डील्स प्रति हफ्ता बना हुआ है।


👥 Startup Ecosystem के बड़े Hirings

इस हफ्ते 11 महत्वपूर्ण हायरिंग्स हुईं:

  • Yatra Online — Dhruv Shringi ने CEO पद छोड़ा; Siddhartha Gupta बने नए CEO
  • upGrad — अमिताभ कांत बने Independent Director
  • Kult — Parag Gupta बने CFO
  • CoinDCX — Arvind Kathpalia Advisory Board में शामिल

और भी कई महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ हुईं।


💼 Fund Launches इस हफ्ते

  • Accel × Google — $2M Co-investment Initiative in Indian AI Startups
  • VentureSoul Partners — Rs 300 Cr Debt Fund Closed
  • India Global Forum — $250M Fund for Global Expansion

🔄 Mergers & Acquisitions

  • Vyapar ने Suvit का अधिग्रहण किया
  • Xoriant ने TestDevLab को अधिग्रहित किया

📉 Layoffs

  • Junglee Games — 350 कर्मचारियों की छंटनी

🎁 ESOP Buyback

  • SpeakX (formerly Yellow Class) — पहला $1M ESOP बायबैक, 20 में से 15 कर्मचारियों को लाभ

🆕 New Launches & Partnerships

  • Accel × Google — Co-investment
  • Bhanzu — पहला ऑफलाइन सेंटर Texas में लॉन्च

💰 Financial Results इस सप्ताह

  • Vyapar — ₹63 Cr Loss (93% Cash Burn)
  • SafeGold — ₹6,867 Cr गोल्ड ट्रांजैक्शन
  • Ayurveda Experience — ₹440 Cr Revenue
  • Ripplr — ₹91 Cr Loss
  • Scripbox — 12 साल बाद मुनाफे में
  • Clear — ₹272 Cr Revenue
  • PayU India — $397M H1 FY26
  • Healthians — ₹263 Cr Revenue

🔥 News Flash

  • Meesho IPO Price Band ₹105–111
  • ED ने WinZO के Founders को किया अरेस्ट
  • CarTrade–CarDekho Deal Cancel
  • Rapido — 111X Return to AdvantEdge Fund
  • Paytm Payments Services — Final RBI Nod
  • 1.86M Adda.io Records Leak Claim

🏁 निष्कर्ष

इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप जगत में फंडिंग, IPO गतिविधियों, अधिग्रहण, और हायरिंग्स का दमदार मिश्रण देखने को मिला।
$353 मिलियन की फंडिंग ने दिखाया कि भारतीय स्टार्टअप्स एक बार फिर तेज़ी पकड़ रहे हैं, खासकर AI, Fintech, Cleantech और EV सेगमेंट में।

अगर आप चाहें, तो मैं इसे SEO-ऑप्टिमाइज़्ड, WordPress-formatted HTML, या थंबनेल हेडलाइन में भी कन्वर्ट कर सकता हूँ।

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🚀 Rencore ने उठाए USD 15M! Microsoft 365

Rencore

म्यूनिख स्थित क्लाउड-गवर्नेंस प्लेटफ़ॉर्म Rencore ने अपनी Series A एक्सटेंशन फ़ंडिंग में USD 15 मिलियन (लगभग ₹126 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व यूरोप के प्रतिष्ठित टेक निवेशक Hi Inov ने किया, जबकि मौजूदा निवेशक UVC Partners और Capnamic Ventures ने भी इसमें भाग लिया।

ये फंड कंपनी को यूरोप और उत्तरी अमेरिका में बड़े पैमाने पर विस्तार, और Microsoft 365 तथा Enterprise AI Ecosystem में अपनी गवर्नेंस क्षमताओं को और मजबूत करने में मदद करेंगे।


💼 Rencore क्या करता है?

2013 में Torsten Mandelkow और Matthias Einig द्वारा स्थापित Rencore एक ऐसा cloud-based प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है जो बड़ी कंपनियों को यह सुविधा देता है कि वे—

  • 🔐 Security
  • 📜 Compliance
  • 🤝 Collaboration
  • ⚙️ Workflow Automation
  • 🤖 AI & Agent Governance

को एक ही जगह से प्रबंधित कर सकें।

Microsoft 365 के भारी उपयोग वाले एंटरप्राइजेज के लिए Rencore का प्लेटफ़ॉर्म एक गेम-चेंजर की तरह काम करता है। यह कंपनियों को उनके फैलते हुए collaboration ecosystems जैसे SharePoint, Teams, Power Platform और अब AI Agents पर बेहतर कंट्रोल देता है।


🌍 कौन-कौन है Rencore के ग्राहक?

कंपनी का कहना है कि उसके ग्राहक दुनिया की कई बड़ी एंटरप्राइज़ और पब्लिक-सेक्टर संस्थाएं हैं, जो Rencore पर भरोसा करती हैं ताकि वे—

  • डेटा सुरक्षा मजबूत रखें
  • बिलियन-Documents वाले Microsoft 365 सिस्टम को मैनेज कर सकें
  • AI का उपयोग बिना Compliance खतरे के बढ़ा सकें
  • और अपने IT Governance को automate कर सकें

आज जब कंपनियाँ AI को तेजी से अपनाने लगी हैं, Rencore उन्हें “Responsible AI Governance” का भरोसेमंद इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करता है।


📈 क्यों बढ़ रही है Rencore की डिमांड?

AI और automation के बढ़ते उपयोग से दुनिया भर के एंटरप्राइजेस कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं:

  • ❗ Data leaks
  • ⚠️ Shadow AI tools
  • 📉 Unmonitored automation workflows
  • 🧮 Complicated security compliance

ऐसे में Rencore जैसे प्लेटफॉर्म की demand कई गुना बढ़ गई है क्योंकि कंपनियाँ अपनी Microsoft 365 ecosystem में—

  • कौन क्या बना रहा है?
  • किसने कौन सा automation deploy किया?
  • कौन-सी AI कौन-सा डेटा एक्सेस कर रही है?
  • क्या compliance rules follow हो रहे हैं?

—जैसे critical points को track करना चाहती हैं।

Rencore का प्लैटफॉर्म इन सभी सवालों का रियल-टाइम जवाब देता है, ट्रैकिंग के साथ actionable insights भी देता है।


💡 फंडिंग क्यों ज़रूरी थी? कंपनी की भविष्य की प्लानिंग…

कंपनी ने बताया कि नए फंड का उपयोग इन क्षेत्रों में होगा:

🔹 1. International Expansion

यूरोप और अमेरिका में तेज़ी से अपनी बिक्री और सपोर्ट टीम का विस्तार।

🔹 2. AI और Agent Governance में गहराई

कंपनी का अगला फोकस AI मॉडल्स और ऑटोमेटेड एजेंट्स पर गवर्नेंस इंफ़्रास्ट्रक्चर को और शक्तिशाली बनाना है।

🔹 3. Product Development

Microsoft 365 और Power Platform के लिए नए automation analytics, compliance tools और AI-driven security मॉड्यूल।

🔹 4. Enterprise Cloud Scalability

बड़ी Fortune-500 कंपनियों को onboard करने के लिए क्लाउड स्केलिंग और नई इंटीग्रेशन क्षमताएं।


🗣️ निवेशकों ने क्या कहा?

Hi Inov ने कहा कि Rencore आने वाले समय में यूरोप और अमेरिका में “AI Governance Infrastructure में एक बड़ा नाम” बनने की क्षमता रखता है।

Capnamic और UVC Partners के अनुसार Rencore का सबसे बड़ा मजबूत पक्ष है—
✔️ गहरी तकनीकी समझ
✔️ Microsoft ecosystem में विरासत
✔️ AI governance की भविष्य-ready तकनीक


🧩 Rencore क्यों है महत्वपूर्ण?

आज AI और automation हर संस्थान का हिस्सा बन रहे हैं—
लेकिन जितना तेजी से AI tools अपनाए जा रहे हैं, उतनी ही तेजी से governance gaps भी बढ़ रहे हैं।

Rencore इस समस्या को इन तरीकों से हल करता है:

  • 🔍 पूरे संगठन में फैले डेटा और workflows की निगरानी
  • 🛡️ नियमों और कंप्लायंस का automated enforcement
  • 🤖 AI agents और automations का सुरक्षित इस्तेमाल
  • 📊 रियल-टाइम visibility और कार्रवाई योग्य insights

AI के दौर में “governance” अब optional नहीं, बल्कि essential हो गया है—और Rencore इसी जरूरत को पूरा कर रहा है।


🏁 निष्कर्ष: Rencore की स्पीड अगला स्तर छूने वाली है 🚀

USD 15 मिलियन की इस नई फंडिंग के साथ Rencore अब global stage पर और आक्रामक विस्तार करेगा। AI governance और Microsoft 365 ecosystem के तेजी से बढ़ते उपयोग को देखते हुए यह कंपनी आने वाले समय में enterprise tech landscape में बेहद अहम भूमिका निभाएगी।

“Secure, Compliant, Automated & AI-Ready Workplace”—
Rencore का यही vision है, और ये फंडिंग उस vision को और तेज़ बनाएगी।

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🧬 Gosta Labs ने जुटाए €7.5M Seed Funding

Gosta Labs

हेल्थटेक सेक्टर में AI की तेजी से बढ़ती मौजूदगी के बीच, फिनलैंड की Espoo-based healthtech स्टार्टअप Gosta Labs ने अपनी Seed फंडिंग राउंड में €7.5 मिलियन (करीब ₹67 करोड़) जुटाकर सुर्खियाँ बटोरी हैं। यह राउंड Voima Ventures के नेतृत्व में पूरा हुआ, जिसमें COR Group, Aho Family, और मौजूदा व नए निवेशकों जैसे Reaktor व कई नामी एंजेल निवेशकों ने हिस्सा लिया।

यह फंडिंग ऐसे समय में आई है जब दुनिया भर में healthcare systems जटिल बीमारी क्षेत्रों जैसे oncology, cardiology और critical care में AI-enabled ऑपरेटिंग सिस्टम की भारी मांग देख रहे हैं।


🩺 क्या काम करती है Gosta Labs?

2023 में Lauri Sippola और Henri Viertolahti द्वारा स्थापित,
Gosta Labs एक healthtech कंपनी है जो complex medical specialties के लिए AI-based operating system विकसित करती है।

👉 इसका उद्देश्य है:

  • इलाज को ज़्यादा तेज़,
  • ज़्यादा सटीक,
  • और पूरी तरह पर्सनलाइज़्ड बनाना।

कंपनी का कहना है कि उनका AI सिस्टम मरीजों के पूरे healthcare journey पर काम करता है—
✔ diagnosis
✔ treatment planning
✔ follow-ups
✔ risk prediction
✔ और data-driven decision support

यह doctors और clinicians को complex cases में बेहतर clinical decisions लेने में मदद करता है।


🌍 चार देशों में पहले से उपयोग – Global Presence बढ़ती हुई

Gosta Labs का AI operating system अभी कई देशों में सक्रिय है—

  • 🇫🇮 Finland
  • 🇨🇭 Switzerland
  • 🇱🇹 Baltics
  • 🇦🇺 Australia

हेल्थकेयर प्रदाताओं ने बताया है कि इस प्लेटफॉर्म ने clinical workflow को streamline करने, treatment accuracy बढ़ाने और doctors के decision-making समय को कम करने में मदद की है।


🤖 AI Operating System: क्या है इसकी विशेषता?

Gosta Labs का AI सिस्टम केवल data analytics तक सीमित नहीं है। यह एक full-stack medical operating system है जो:

🔹 1. Complex Disease Modeling

AI algorithms rare और complex diseases के patterns पढ़कर clinicians को risk factors और outcomes का बेहतर अनुमान देते हैं।

🔹 2. Personalized Treatment Planning

मरीज के medical history, genetics, scans और biomarkers को integrate कर tailored treatment suggestions तैयार करता है।

🔹 3. Oncology के लिए विशेष रूप से बनाया गया

कंपनी फिलहाल सबसे ज्यादा focus oncology (कैंसर विज्ञान) पर रख रही है, जहाँ सही और early intervention से patient survival rate में बड़ा अंतर आता है।

🔹 4. Clinicians के लिए सरल Interface

Human-first डिज़ाइन doctors को complicated AI insights आसानी से समझने में मदद करता है।

🔹 5. Data Security & Privacy

यूरोपीय GDPR-compliant data protection, जिससे hospitals और clinics इसे तेज़ी से अपना पा रहे हैं।


💰 फंडिंग का उपयोग कहाँ होगा?

कंपनी इस नए पूंजी निवेश का उपयोग तीन मुख्य क्षेत्रों में करने वाली है:

1️⃣ AI ऑपरेटिंग सिस्टम को स्केल करना

नई disease specialties जोड़ना:

  • oncology
  • neurology
  • cardiology
  • rare disorders

2️⃣ टीम विस्तार

AI, ML, bioinformatics, medical algorithm engineering और clinical research experts की भर्ती की जाएगी।

3️⃣ Global Market Expansion

कंपनी यूरोप, एशिया-पैसिफिक और यूएस मार्केट में अपनी पहुँच बढ़ाएगी।


📈 क्यों बढ़ रही है Gosta Labs की मांग?

आज healthcare दुनिया के सामने कई चुनौतियाँ हैं:

  • बढ़ती chronic diseases
  • complex surgical procedures
  • shortage of specialists
  • diagnostic errors
  • medical data overload

ऐसे में AI-enabled operating systems doctors का बोझ कम कर रहे हैं और precision healthcare के लिए नया foundation तैयार कर रहे हैं।


🧪 Healthtech का तेज़ी से बढ़ता AI युग

दुनिया भर में healthtech बाजार तेजी से AI संचालित हो रहा है—

  • clinical decision support
  • drug discovery
  • radiology AI
  • predictive healthcare analytics

इस ecosystem में Gosta Labs का positioning बेहद मजबूत है क्योंकि यह सीधे clinical outcomes और operational efficiency को प्रभावित करता है।


🗣️ कंपनी का बयान

Gosta Labs के founders का कहना है:

“हमारा मिशन है healthcare systems को AI-powered support देकर clinicians को बेहतर decision-making में सक्षम बनाना। यह फंडिंग हमें global scale पर तेज़ी से विस्तार करने में मदद करेगी।”


🧭 FundingRaised.in की नज़र में

AI-healthcare में काम करने वाली कंपनियाँ तेजी से निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। कारण स्पष्ट हैं—

  • बड़े पैमाने पर patient data
  • डिजिटल health adoption
  • अस्पतालों की cost efficiency की ज़रूरत
  • बेहतर patient outcomes की मांग

Gosta Labs इन सभी trends के intersection पर खड़ी है, जिससे आने वाले वर्षों में यह स्टार्टअप यूरोप और global healthtech ecosystem में major player बन सकता है।


⭐ निष्कर्ष

€7.5M Seed Funding मिलने से Gosta Labs अब global healthcare AI market में अपनी पकड़ और मजबूत करेगा।
इसके advanced AI tools जटिल medical specialties में doctors और health systems के लिए game-changer साबित हो रहे हैं।

AI-driven, personalized और efficient healthcare की दिशा में यह एक और बड़ा कदम है।

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🚧 Gravis Robotics ने जुटाए $23 मिलियन,

Gravis Robotics

स्विट्ज़रलैंड के ज़्यूरिख में स्थित Gravis Robotics ने अपने अत्याधुनिक earthmoving autonomy platform के लिए $23 मिलियन (करीब ₹190 करोड़) की ताज़ा फंडिंग जुटाई है। यह निवेश कंपनी के लिए एक बड़े ग्लोबल एक्सपेंशन की शुरुआत माना जा रहा है, क्योंकि Gravis Robotics अब दुनिया भर में निर्माण उद्योग में स्वचालन (automation) का नया अध्याय लिखने जा रहा है।

नया फंडिंग राउंड IQ Capital और Zacua Ventures के नेतृत्व में पूरा हुआ, जिसमें Pear VC, Imad, Sunna Ventures, Armada Investment और Holcim जैसे ग्लोबल इनोवेशन पार्टनर्स ने भी भाग लिया।


🌍 Gravis Robotics क्या करती है?

Gravis Robotics एक अगली पीढ़ी की टेक कंपनी है जो AI, मशीन विज़न और ह्यूमन-फर्स्ट इंटरफेस का उपयोग करके भारी निर्माण वाहनों—जैसे खुदाई मशीन, बुलडोज़र, मटीरियल मूवर्स—को autonomous यानी स्वचालित बनाती है।

इसका उद्देश्य है:

  • निर्माण स्थलों पर productivity बढ़ाना
  • ऑपरेशंस में waste कम करना
  • बड़े पैमाने पर safety improve करना
  • प्रोजेक्ट को समय पर और कम लागत में पूरा करना

कंपनी के CEO Ryan Luke Johns और CTO Dominic Jud ने कहा है कि उनकी टेक्नोलॉजी “next-generation jobsite autonomy” को नए स्तर तक ले जा रही है।


📈 फंडिंग का इस्तेमाल कहाँ होगा?

$23 मिलियन जुटाने के बाद Gravis Robotics का फोकस इन तीन बड़े लक्ष्यों पर है —

1️⃣ Global Rollout में तेजी

कंपनी पहले ही दुनिया के 7 देशों—UK, EU, US, LATAM और एशिया—में लाइव है।
अब लक्ष्य है और अधिक बाज़ारों में विस्तार करना, विशेषकर उन देशों में जहाँ बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएँ चल रही हैं।

2️⃣ टीम का विस्तार

AI इंजीनियर, रोबोटिक्स विशेषज्ञ, प्रोडक्ट डेवलपर्स और फील्ड ऑपरेशन टीमों की नियुक्ति की जाएगी।

3️⃣ OEMs और Contractors के साथ Partnerships बढ़ाना

Gravis Robotics पहले से कई Heavy Machinery OEMs और contractors के साथ काम कर रही है। इसमें global construction कंपनियाँ शामिल हैं।


🤖 कैसे काम करता है Gravis Robotics का Autonomous Platform?

कंपनी की तकनीक में तीन मुख्य pillars शामिल हैं:

🔸 AI-Powered Planning

AI एल्गोरिदम साइट का पूरा 3D मॉडल बनाते हैं और earthmoving का सबसे तेज़ व सबसे सुरक्षित तरीका सुझाते हैं।

🔸 Machine Vision

कैमरा + सेंसर सिस्टम मशीनों को आसपास के वातावरण, बाधाओं और workers की गतिविधियों को पहचानने में सक्षम बनाता है।

🔸 Human-First Interface

भारी मशीनों को चलाने वाले ऑपरेटर एक स्मार्ट टैबलेट या कंट्रोल पैनल के जरिए मशीन को आसानी से autonomous मोड में डाल सकते हैं।
यह UI इतना सरल है कि non-technical लोग भी इसे उपयोग कर सकते हैं।


🏗️ निर्माण उद्योग की सबसे बड़ी समस्या—और Gravis Robotics का समाधान

आज भी दुनिया भर के construction sites कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं:

❗ Skilled operators की कमी

भारी मशीनें चलाने वाले कुशल कर्मचारियों की मांग ज़्यादा और सप्लाई बेहद कम है।

❗ Cost & Time Overrun

कई प्रोजेक्ट अपनी timeline से महीनों/सालों पीछे चल रहे हैं।

❗ Safety जोखिम

Earthmoving ऑपरेशन्स में दुर्घटनाओं का खतरा काफी अधिक होता है।

✔ Gravis Robotics इन समस्याओं को tech solution के जरिए हल कर रही है

  • Autonomous सिस्टम 24×7 काम कर सकता है
  • जोखिम कम होता है
  • Fuel efficiency और precision बढ़ती है
  • प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे होते हैं

🌐 कंपनी की Global Presence

Gravis Robotics की टेक्नोलॉजी अभी 7 देशों में इस्तेमाल हो रही है:

  • 🇬🇧 UK
  • 🇪🇺 यूरोपीय संघ
  • 🇺🇸 US
  • 🌎 LATAM
  • 🌏 एशिया

इससे साफ है कि उनकी तकनीक की मांग दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है।


💬 निवेशकों का भरोसा क्यों बढ़ा?

AI + Robotics का संयोजन आने वाले वर्षों में construction industry में सबसे बड़ा disruption माना जा रहा है।
Research के अनुसार, 2030 तक global construction autonomy बाजार $10 बिलियन+ तक पहुंच सकता है।

IQ Capital ने कहा:
“Gravis Robotics ने autonomy tech को commercial scale पर साबित किया है। उनकी execution capability उद्योग में unmatched है।”


🏁 निष्कर्ष: निर्माण उद्योग के भविष्य की ओर बड़ा कदम

Gravis Robotics द्वारा $23 मिलियन की यह फंडिंग सिर्फ एक निवेश नहीं बल्कि भारी मशीनरी को autonomous बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

AI और मशीन विज़न की मदद से दुनिया भर के निर्माण स्थल:

  • ज्यादा सुरक्षित
  • ज्यादा तेज़
  • ज्यादा सटीक
  • और ज्यादा किफायती

बनने जा रहे हैं।

भारत जैसे तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर वाले देश में ऐसी तकनीक बहुत बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

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🌟 VentureSoul Partners ने पूरा किया Rs 300 करोड़ बेस फंड लक्ष्य

VentureSoul Partners

💼 New-Economy कंपनियों को मिलेगा बड़ा Structured Credit सपोर्ट

भारत की तेज़ी से बढ़ती नई अर्थव्यवस्था (New Economy) में फाइनेंसिंग के नए रास्ते बना रही VentureSoul Partners ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने घोषणा की है कि उसका बेस फंड टारगेट Rs 300 करोड़ आधिकारिक रूप से पूरा हो चुका है। यह उपलब्धि VentureSoul को उभरते स्टार्टअप्स और हाई-ग्रोथ कंपनियों के लिए मजबूत structured credit solutions प्रदान करने में और सक्षम बनाती है।


🚀 Green-Shoe Option भी सक्रिय – फंड जुटाना 2026 तक जारी रहेगा

VentureSoul Partners ने अपने green-shoe option की भी पुष्टि की है, जिसके तहत फंड अपना टारगेट बढ़ाकर नई सब्सक्रिप्शन February 2026 तक स्वीकार करेगा।
इसका मतलब है कि फंड का आकार भविष्य में Rs 600 करोड़ या इससे भी अधिक हो सकता है—जो कि VentureSoul के ओवरऑल growth vision और भारत के “Viksit Bharat” मिशन में योगदान को मजबूत करता है।


📊 15 Investments पूरे – High-Growth कंपनियों पर फोकस

अक्टूबर 2024 से अब तक VentureSoul Partners ने 15 निवेश पूरे किए हैं। ये सभी निवेश उन कंपनियों में किए गए हैं जो भारत की बदलती डिजिटल, उपभोक्ता और एंटरप्राइज अर्थव्यवस्था में तेज़ गति से आगे बढ़ रही हैं।
ये निवेश मुख्य रूप से नई आर्थिक श्रेणियों में किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • Fintech
  • B2C ब्रांड्स
  • B2B टेक्नोलॉजी
  • SaaS (Software-as-a-Service)
  • अन्य उभरते, हाई-ग्रोथ डिजिटल बिज़नेस

👨‍💼 किसने शुरू किया VentureSoul?

2023 में स्थापित VentureSoul Partners के तीन को-फाउंडर्स हैं:

  • अनुराग त्रिपाठी
  • आशिष गाला
  • कुनाल वाधवा

तीनों संस्थापकों ने पारंपरिक बैंकिंग अनुभव, आधुनिक डेटा-ड्रिवन रिस्क असेसमेंट और स्टार्टअप इकोसिस्टम की समझ को मिलाकर VentureSoul को ऐसी फर्म के रूप में स्थापित किया है जो कंपनियों को पूंजी देने के साथ-साथ रणनीतिक मार्गदर्शन भी प्रदान करती है।


💰 Venture Debt + Structured Credit = कम Dilution, ज्यादा Growth

VentureSoul का प्रमुख USP यह है कि वे कंपनियों को venture-debt और structured credit solutions देते हैं।
इसका फायदा यह होता है कि:

  • फाउंडर्स को equity कम बेचना पड़ता है
  • कंपनी को ग्रोथ के लिए जरूरी कैपिटल मिल जाता है
  • वित्तीय अनुशासन और जोखिम प्रबंधन मजबूत रहता है

VentureSoul मुख्य रूप से Series A और उसके बाद की स्टेज वाली कंपनियों को फंडिंग प्रदान करता है।
यह मॉडल उन कंपनियों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है जो तेजी से बिज़नेस स्केल करना चाहती हैं, लेकिन बड़े स्तर पर इक्विटी डाइल्यूशन नहीं चाहतीं।


🧭 फंड का Vision: India’s Tech-Enabled Future को Boost करना

VentureSoul Partners का बड़ा लक्ष्य भारत की नई अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना है।

फंड के अनुसार, भारत में:

  • डिजिटल पेमेंट्स
  • कंज्यूमर-टेक
  • SaaS
  • ई-कॉमर्स
  • हेल्थटेक
  • डी2सी (Direct-to-Consumer)

जैसे सेक्टर्स तेज़ी से बढ़ रहे हैं, पर इनसे जुड़ी कंपनियों की जरूरतें पारंपरिक फाइनेंसिंग मॉडल पूरी नहीं कर पाते।

ऐसे में VentureSoul जैसे structured credit फंड इन स्टार्टअप्स को हाई-क्वालिटी फाइनेंशियल सपोर्ट के साथ एक वैकल्पिक अवसर देते हैं।


📈 निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी

फंड के मुताबिक उन्हें देशभर के:

  • डोमेस्टिक फैमिली ऑफिसेज़,
  • HNIs,
  • इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स

से बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
इसी बढ़ते भरोसे की वजह से फंड ने अपनी green-shoe option को सक्रिय रखा है।


🇮🇳 Viksit Bharat में योगदान

VentureSoul ने बयान में कहा है कि उनका लक्ष्य सिर्फ निवेश रिटर्न नहीं बल्कि भारत की नई अर्थव्यवस्था में योगदान देना भी है।
फंड का कहना है:

“हम भारत के high-growth स्टार्टअप्स और उद्यमियों को मजबूत वित्तीय समर्थन देकर अगले दशक की तकनीकी और आर्थिक प्रगति को तेज़ करना चाहते हैं।”


📝 निष्कर्ष

VentureSoul Partners का Rs 300 करोड़ का बेस टारगेट पूरा होना यह दिखाता है कि भारत के नए-युग के बिज़नेस के लिए structured credit जैसे विकल्पों की मांग लगातार बढ़ रही है।

2026 तक फंड का विस्तार और नई कंपनियों में निवेश भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को और गति देगा।
VentureSoul न सिर्फ कैपिटल दे रहा है, बल्कि ऐसे समय में दे रहा है जब कई स्टार्टअप्स के लिए गैर-डाइल्यूटिव फाइनेंसिंग विकल्पों की जरूरत तेजी से बढ़ी है।

यह फंड भारत की नई डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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