🛵 कर्नाटक में बैन जारी Ola, Uber, Rapido को झटका,

Rapido

कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक बार फिर बाइक टैक्सी सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा है, जिससे Ola, Uber और Rapido जैसी कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इन कंपनियों की अपीलों को खारिज करते हुए कहा है कि कोई अंतरिम राहत नहीं दी जाएगी, यानी यह बैन कम से कम 24 जून 2025 तक लागू रहेगा।

यह फैसला न केवल स्टार्टअप इंडस्ट्री बल्कि लाखों कम्यूटरों और बाइक राइडर्स के लिए भी चिंता का विषय है, जो रोज़ाना इन सेवाओं पर निर्भर रहते हैं।


⚖️ क्यों लगाया गया प्रतिबंध?

यह पूरा मामला 2 अप्रैल 2025 को कर्नाटक हाई कोर्ट के एक आदेश से शुरू हुआ, जिसमें कहा गया था कि:

“बाइक टैक्सी सेवाएं फिलहाल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत विधिवत रेग्युलेट नहीं हैं, इसलिए इन्हें तब तक रोका जाए जब तक सरकार कोई स्पष्ट नियम नहीं लाती।”

इसके बाद कोर्ट ने 14 मई को इस बैन को चार और हफ्तों के लिए बढ़ा दिया था, जिससे अब यह बैन 15 जून 2025 तक प्रभावी है।


🚫 अब क्या होगा?

कोर्ट के अनुसार, यह आदेश पूरे राज्य में लागू रहेगा और:

  • सोमवार, 16 जून 2025 से कोई भी बाइक टैक्सी सेवा कानूनी रूप से संचालन नहीं कर पाएगी।
  • ✅ अगली सुनवाई की तारीख 24 जून 2025 तय की गई है, जहां पूरे मामले पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

🧑‍⚖️ कोर्ट का तर्क: “कानूनी ढांचे के बिना संचालन नहीं हो सकता”

हाई कोर्ट ने कहा कि चूंकि बाइक टैक्सी सेवा के लिए न तो कोई परिभाषित लाइसेंसिंग सिस्टम है, न ही सरकारी रेग्युलेशन, इसलिए इन्हें अभी अवैध माना जा सकता है।

सरकार की ओर से भी कोर्ट को यह सूचित किया गया कि फिलहाल उनके पास कोई तात्कालिक योजना नहीं है जिससे बाइक टैक्सी को वैधता दी जा सके।


🚕 Ola, Uber, Rapido को तगड़ा झटका

देश की तीन प्रमुख राइड-हेलिंग कंपनियों Ola, Uber और Rapido ने कोर्ट में याचिका दायर कर इस बैन के खिलाफ अंतरिम राहत की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

इन कंपनियों का तर्क था कि:

  • ✅ लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी इन सेवाओं पर निर्भर है।
  • ✅ बाइक टैक्सी शहरी ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करने में मदद करती है।
  • ✅ इससे उपभोक्ताओं को किफायती यात्रा का विकल्प मिलता है।

फिर भी कोर्ट ने यह माना कि कानून से ऊपर कोई सुविधा नहीं हो सकती।


👨‍🔧 राइडर्स और यूज़र्स पर असर

इस बैन का सबसे बड़ा असर पड़ेगा:

  1. बाइक टैक्सी ड्राइवर्स पर — जो फुल टाइम या पार्ट टाइम इन सेवाओं के ज़रिए कमाई कर रहे थे।
  2. कॉलेज और ऑफिस जाने वाले यात्रियों पर — जिन्हें यह सेवा सस्ती, सुविधाजनक और ट्रैफिक से बचने का ज़रिया मिलती थी।
  3. स्टार्टअप ईकोसिस्टम पर — जो भारत में मोबिलिटी सेक्टर को डिजिटल और सस्टेनेबल बना रहे हैं।

📈 आर्थिक नुकसान की आशंका

  • 🚫 विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हजारों ड्राइवरों की आय बंद हो सकती है।
  • 🚫 कंपनियों को बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में रेवन्यू लॉस झेलना पड़ सकता है।
  • 🚫 स्टार्टअप्स के इन्वेस्टर्स और फंडिंग पार्टनर्स भी अनिश्चितता में आ सकते हैं।

📣 क्या है आगे का रास्ता?

हालांकि फिलहाल कोई स्पष्ट नियम नहीं है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि:

  • सरकार नई बाइक टैक्सी पॉलिसी पर विचार कर सकती है।
  • अगली सुनवाई (24 जून 2025) में कुछ निर्देश सामने आ सकते हैं।
  • कंपनियां लीगल रूट या रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत नए तरीके से सेवा शुरू कर सकती हैं।

📌 निष्कर्ष: सुविधाजनक सेवा, लेकिन नियमों के दायरे में

बाइक टैक्सी भारत जैसे देश में जहां ट्रैफिक, प्रदूषण और शहरी मोबिलिटी बड़ी चुनौतियाँ हैं, वहाँ यह एक क्रांतिकारी मॉडल बन सकता है। लेकिन यह भी जरूरी है कि ऐसी सेवाएं कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त और रेग्युलेटेड हों।

फिलहाल, बेंगलुरु जैसे टेक सिटी में यह सेवा बंद होना कई लोगों के लिए असुविधा का कारण बनेगा। अब सबकी निगाहें 24 जून की अगली सुनवाई पर टिकी हैं।


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✍️ रिपोर्ट: FundingRaised हिंदी टीम

Read more :♻️ Pehle Jaisa ने जुटाए $300K

♻️ Pehle Jaisa ने जुटाए $300K

Pehle Jaisa

गुरुग्राम स्थित इनोवेटिव वेस्ट मैनेजमेंट स्टार्टअप Pehle Jaisa ने हाल ही में अपने प्री-सीरीज़ ए फंडिंग राउंड में $300,000 (लगभग ₹2.5 करोड़) की पूंजी जुटाई है। यह निवेश Pantnagar Capital और Climate Angels द्वारा सह-नेतृत्व में किया गया है।

इससे पहले, कंपनी ने एक सीड राउंड में $169,000 (लगभग ₹1.4 करोड़) जुटाए थे। अब इस नई फंडिंग से स्टार्टअप अपने डिसेंट्रलाइज़्ड रूरल वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल को भारत के गांवों में तेज़ी से फैलाने की योजना बना रहा है।


🌱 कचरा नहीं, अवसर है: गांवों में बना रही है ऑर्गेनिक क्रांति

Pehle Jaisa की स्थापना 2022 में पंकज पांडे, एहतशाम फारूक़ी, शबीह अब्बास, सुमित सुमन, वसीम अख्तर और मंतोष कुमार द्वारा की गई थी। यह स्टार्टअप गांवों में फैले कचरे को संसाधित करके ऑर्गेनिक खाद में बदलता है और उसे किसानों को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराता है।

कंपनी का मुख्य उद्देश्य है:

“भारत के हर गांव को आत्मनिर्भर बनाना — जहां स्थानीय स्तर पर गैस, बिजली और खाद का उत्पादन संभव हो।”


🚜 किसानों के लिए वरदान बनी है ये ऑर्गेनिक खाद

Pehle Jaisa विशेष रूप से सोइल कंडीशनर्स और बायो-स्टिमुलेंट्स जैसे ऑर्गेनिक उत्पाद तैयार करता है, जो अलग-अलग फसलों और मिट्टी के प्रकारों के अनुसार बनाए जाते हैं। कंपनी का उद्देश्य “फर्स्ट माइल” कॉस्ट (जैसे कच्चा माल लाने की लागत) को खत्म करके गुणवत्ता युक्त लेकिन कम कीमत वाली खाद बनाना है।

इसके लिए कंपनी गांवों में ही कचरा प्रसंस्करण केंद्र स्थापित कर रही है, जिससे गांवों का कचरा वहीं के किसानों के लिए उपयोगी बन जाए।


📈 आठ महीने में 500 टन से 1500 टन तक पहुँची बिक्री

कंपनी के अनुसार, लॉन्च के केवल 8 महीनों के भीतर FY24 में Pehle Jaisa ने 500 मीट्रिक टन (MT) ऑर्गेनिक खाद की बिक्री की। अगले ही साल FY25 में यह आंकड़ा 1500 MT को पार कर गया और कंपनी ने ₹2.5 करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित किया।

स्टार्टअप का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में यह राजस्व ₹100 करोड़ के पार ले जाया जाए।


🔄 रूरल सर्कुलर इकोनॉमी का मॉडल

Pehle Jaisa का दृष्टिकोण सिर्फ व्यवसाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सस्टेनेबल और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की कल्पना करता है। इसका “सर्कुलर इकोनॉमी” मॉडल गांवों को उनके खुद के संसाधनों से सक्षम बनाता है।

यह मॉडल:

  • ✅ गांव में ही कचरे का प्रसंस्करण करता है।
  • ✅ उसी कचरे से खाद, गैस और बिजली बनाता है।
  • ✅ तैयार उत्पाद को स्थानीय किसानों को उपलब्ध कराता है।

💬 संस्थापकों की बात: “गांवों की शक्ति को पहचानने का समय आ गया है”

पंकज पांडे, सह-संस्थापक और सीईओ ने फंडिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“हमारे गांवों में अपार संभावनाएं हैं। अगर उन्हें सही तकनीक और मॉडल दिया जाए, तो वे खुद की ऊर्जा, खाद और संसाधनों का निर्माण कर सकते हैं। Pehle Jaisa का सपना है कि भारत के हर गांव को आत्मनिर्भर बनाएं।”


🌍 निवेशकों की रुचि: क्यों पसंद आ रहा है ये मॉडल?

Pantnagar Capital और Climate Angels जैसे निवेशक अब ऐसे स्टार्टअप्स की ओर रुख कर रहे हैं जो:

  • ♻️ क्लाइमेट फ्रेंडली हों,
  • 🧑‍🌾 ग्रामीण भारत को सशक्त करें,
  • 📊 और तेज़ी से स्केलेबल मॉडल पेश करें।

यह फंडिंग दर्शाती है कि Pehle Jaisa का मॉडल इन सभी मानकों पर खरा उतरता है।


🚀 आगे की योजना

कंपनी अब:

  1. देश के अधिक गांवों में डिसेंट्रलाइज्ड वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट्स खोलने की योजना बना रही है।
  2. नई प्रकार की ऑर्गेनिक खाद पर रिसर्च कर रही है — जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर टेलर-मेड फर्टिलाइज़र।
  3. किसानों को ट्रेनिंग और तकनीकी सहायता देने की योजना भी बनाई जा रही है।

📢 निष्कर्ष: गांवों से निकलेगा भारत का अगला यूनिकॉर्न?

कचरा जहाँ देश के अधिकतर हिस्सों में बोझ समझा जाता है, वहीं Pehle Jaisa उसे एक आर्थिक संसाधन बना रहा है। इसका मॉडल न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि रोज़गार, ऊर्जा और कृषि उत्पादकता के लिए भी लाभकारी है।

अगर कंपनी इसी रफ्तार से बढ़ती रही, तो आने वाले समय में यह न केवल एक बड़ी आर्थिक ताकत बनेगी, बल्कि ‘ग्रीन भारत’ मिशन की रीढ़ भी साबित होगी।


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✍️ रिपोर्ट: FundingRaised हिंदी टीम

Read more :🎬Chai Shots जल्द जुटाएगा $5 मिलियन फंडिंग,

🎬Chai Shots जल्द जुटाएगा $5 मिलियन फंडिंग,

Chai Shots

हैदराबाद स्थित माइक्रोड्रामा OTT प्लेटफॉर्म Chai Shots जल्द ही अपने पहले संस्थागत फंडिंग राउंड में $5 मिलियन (लगभग ₹41 करोड़) जुटाने जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, इस राउंड का नेतृत्व General Catalyst और Info Edge कर रहे हैं, जबकि कुछ एंजेल इन्वेस्टर्स के भी भाग लेने की उम्मीद है।


🧃 Chai Bisket टीम की नई पेशकश

Chai Shots प्लेटफॉर्म को लोकप्रिय डिजिटल मीडिया कंपनी Chai Bisket की टीम ने तैयार किया है। Chai Bisket पिछले 9 वर्षों से तेलुगु और दक्षिण भारतीय डिजिटल स्पेस में एक मजबूत उपस्थिति बनाए हुए है।

उनके कंटेंट ब्रह्मांड में शामिल हैं:

  • 🎥 First Show (फिल्म वितरण)
  • 🎙️ Mutiny Talent (टैलेंट मैनेजमेंट)
  • 📖 Studio Panchatantra (रिज़नल स्टोरीटेलिंग)
  • 📱 और अब — Chai Shots

⏱️ क्या है Chai Shots?

Chai Shots एक शॉर्ट-फॉर्म OTT प्लेटफॉर्म है जहाँ हर एपिसोड की लंबाई दो मिनट से कम होगी। यह प्लेटफॉर्म भारत की विभिन्न भाषाओं में कंटेंट पेश करेगा — जिससे देश के छोटे कस्बों और क्षेत्रीय दर्शकों तक डिजिटल एंटरटेनमेंट की पहुंच आसान होगी।

मुख्य फीचर्स:

  • 🎭 शॉर्ट ड्रामा, माइक्रो स्टोरीज़
  • 🌐 मल्टीलैंग्वुअल कंटेंट (तेलुगु, हिंदी, तमिल, आदि)
  • 📲 मोबाइल-फर्स्ट व्यूइंग एक्सपीरियंस

🏗️ लॉन्च की तैयारी जोरों पर

Chai Shots अभी डेवलपमेंट स्टेज में है और इसकी आधिकारिक लॉन्चिंग अगले कुछ हफ्तों में होने की उम्मीद है।

एक सूत्र के अनुसार:

“Chai Shots का लॉन्च और फंडिंग की आधिकारिक घोषणा जल्द होगी। फिलहाल इसका बीटा टेस्टिंग और कंटेंट बैंक तैयार किया जा रहा है।”


📈 कंटेंट स्पेस में बढ़ती दिलचस्पी

हाल ही में कंटेंट और माइक्रो OTT सेक्टर में निवेश बढ़ा है। इस सप्ताह ही एक अन्य प्लेटफॉर्म Flick TV ने $2.3 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई है, जिसका नेतृत्व Stellaris Venture Partners ने किया। इसमें Gemba Capital और Titan Capital ने भी हिस्सा लिया।

Chai Shots को आने वाले समय में इन प्लेटफॉर्म्स से मुकाबला करना होगा:

  • Kuku TV (Kuku FM की शॉर्ट वीडियो यूनिट)
  • ShareChat का QuickTV
  • Reel Saga
  • Reelies

यह प्रतिस्पर्धा साबित करती है कि भारत का शॉर्ट-वीडियो OTT स्पेस अब एक नया बूम देखने जा रहा है।


💼 General Catalyst की भारत में गहरी होती जड़ें

General Catalyst ने भारत में अपने इन्वेस्टमेंट फोकस को मजबूत करने के लिए Venture Highway के साथ पिछले साल जून में मर्ज किया था। इसके बाद से फर्म ने कई अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश किया है:

  • 🧓 Primus Senior Living
  • 🤖 Nurix AI (Mukesh Bansal की एआई स्टार्टअप)
  • 🏥 PB Healthcare

अब Chai Shots भी इस सूची में शामिल होने वाला है — यह दिखाता है कि General Catalyst का विश्वास भारत के रीज़नल कंटेंट मार्केट में लगातार बढ़ रहा है।


🏢 Info Edge की मौजूदगी और रणनीति

Info Edge (जिसने Naukri.com, Zomato, PolicyBazaar जैसे ब्रांड्स को शुरुआती दौर में समर्थन दिया था) अब कंटेंट-फर्स्ट स्टार्टअप्स की ओर रुख कर रहा है।

Chai Shots में उनका संभावित निवेश यह दर्शाता है कि क्षेत्रीय मनोरंजन और माइक्रो-ड्रामा स्पेस को वे अगली बड़ी चीज़ मान रहे हैं।


📢 आधिकारिक प्रतिक्रिया अब तक नहीं

Entrackr की रिपोर्ट के अनुसार, Chai Shots, General Catalyst और Info Edge को इस डील को लेकर भेजे गए सवालों पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह डील जल्द ही फाइनल और पब्लिक हो जाएगी।


🔍 निष्कर्ष: क्या Chai Shots बदल देगा भारत का शॉर्ट वीडियो OTT परिदृश्य?

भारत में कंटेंट की खपत तेजी से मोबाइल-फर्स्ट और शॉर्ट-फॉर्म की ओर बढ़ रही है। ऐसे में Chai Shots का यूनिक माइक्रो-ड्रामा फॉर्मेट और रीज़नल भाषा पर फोकस इसे एक संभावनाओं से भरपूर प्लेटफॉर्म बनाता है।

  • 🎯 Tier-2 और Tier-3 शहरों में जबरदस्त संभावनाएं
  • 🧠 मजबूत प्रोडक्शन टीम और कंटेंट क्राफ्टिंग एक्सपीरियंस
  • 💸 शक्तिशाली निवेशकों का साथ — General Catalyst, Info Edge

यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो Chai Shots भारतीय डिजिटल एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक नया अध्याय जोड़ सकता है।


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✍️ रिपोर्ट: FundingRaised हिंदी टीम

Read more :👓 Lenskart की वैल्यूएशन पहुंची $6.1 बिलियन,

📊 Groww को मिला ₹1,735 करोड़ का नया निवेश

Groww

फिनटेक दिग्गज Groww की पैरेंट कंपनी Billionbrains Garage Ventures Limited ने ₹1,735 करोड़ (लगभग $200 मिलियन) की ताजा फंडिंग जुटाई है। इस निवेश दौर का नेतृत्व सिंगापुर की GIC (Government of Singapore Investment Corporation) और मौजूदा निवेशक ICONIQ Capital कर रहे हैं।

यह फंडिंग ऐसे समय पर आई है जब Groww ने कुछ ही दिन पहले भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास अपना गोपनीय ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह आगामी IPO के ज़रिए $700 मिलियन से $1 बिलियन जुटाए।


💰 डील का स्ट्रक्चर और निवेशकों की हिस्सेदारी

Registrar of Companies (RoC) से प्राप्त फाइलिंग के अनुसार, Groww के बोर्ड ने एक स्पेशल रेजोल्यूशन पास किया है जिसके तहत 3.59 करोड़ प्रेफरेंस शेयर्स को ₹482.8 प्रति शेयर की कीमत पर जारी किया जाएगा।

इस राउंड में:

  • GIC (Viggo Investment के ज़रिए) ₹867.5 करोड़ ($100 मिलियन) का निवेश करेगी
  • ICONIQ Capital (ISP VII-B Blocker GW के ज़रिए) भी ₹867.5 करोड़ ($100 मिलियन) डालेगी

फाइलिंग के अनुसार, इस निवेश के बाद दोनों निवेशक – Viggo Investment और ISP Blocker – Groww में 1.43% हिस्सेदारी के मालिक बन जाएंगे।


📈 पोस्ट-मनी वैल्यूएशन $7 बिलियन

इस फंडिंग के बाद Groww की अनुमानित पोस्ट-मनी वैल्यूएशन $7 बिलियन (₹58,000 करोड़ से अधिक) तक पहुंचने की उम्मीद है। यह कंपनी के लिए एक बड़ी छलांग है, क्योंकि 2021 के सीरीज़ E राउंड में इसकी वैल्यूएशन लगभग $3 बिलियन थी।

Groww ने अब तक करीब $600 मिलियन की कुल फंडिंग जुटाई है। इसके अन्य प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • Peak XV Partners (पूर्व में Sequoia Capital India)
  • Tiger Global
  • Ribbit Capital
  • Y Combinator Continuity Fund

📊 कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर एक नजर

Groww का फिनटेक सेक्टर में शानदार परफॉर्मेंस जारी है। एक आंतरिक दस्तावेज के मुताबिक:

  • FY25 में कंपनी का रेवेन्यू ₹4,056 करोड़ रहा, जो कि FY24 के ₹3,145 करोड़ की तुलना में 31% की बढ़त है
  • मुनाफा तीन गुना बढ़कर ₹1,819 करोड़ हो गया है, जबकि FY24 में ऑपरेटिंग प्रॉफिट ₹545 करोड़ था

हालांकि FY24 में Groww ने अपने डोमिसाइल को भारत में शिफ्ट करने के चलते एक वन-टाइम टैक्स ₹1,340 करोड़ का भुगतान किया, जिससे उसे उस साल ₹805 करोड़ का नेट लॉस झेलना पड़ा। FY25 के लिए अभी तक कंपनी ने अपने ऑडिटेड फाइनेंशियल्स RoC में जमा नहीं किए हैं


🌐 Groww का बिजनेस मॉडल

Groww एक डिजिटल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म है जो यूज़र्स को म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक्स, ETF, SIP, सरकारी बॉन्ड और F&O में निवेश करने की सुविधा देता है। इसके मोबाइल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म ने युवाओं और नए निवेशकों के बीच विशेष लोकप्रियता हासिल की है।

कंपनी का उद्देश्य है भारत में फाइनेंशियल इनक्लूजन को बढ़ाना और निवेश को सरल बनाना। इसके टूल्स, यूज़र इंटरफेस और एजुकेशनल कंटेंट ने इसे भारत के टॉप इन्वेस्टमेंट ऐप्स में शुमार कर दिया है।


🏦 IPO की तैयारी

Groww की यह फंडिंग कंपनी को IPO से पहले की तैयारी के लिए जरूरी पूंजी प्रदान करेगी। DRHP दाखिल करने के बाद, अब कंपनी भारतीय स्टॉक मार्केट में 2025 के अंत तक लिस्टिंग की दिशा में अग्रसर है। माना जा रहा है कि Groww का IPO $700 मिलियन से $1 बिलियन के बीच हो सकता है।

यह भारत के फिनटेक और स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, खासकर उस समय में जब Tech कंपनियों की लिस्टिंग धीमी गति से हो रही है।


📌 निष्कर्ष: क्या Groww बनेगा अगला लिस्टेड फिनटेक दिग्गज?

Groww का हालिया वित्तीय प्रदर्शन, निवेशकों का मजबूत भरोसा, और भारत में तेजी से बढ़ता निवेशकों का आधार इसे एक IPO-ready फिनटेक यूनिकॉर्न बना चुका है। $7 बिलियन की वैल्यूएशन और ₹1,819 करोड़ के प्रॉफिट के साथ Groww अब उन चुनिंदा भारतीय स्टार्टअप्स में शामिल हो रहा है जो पब्लिक मार्केट्स में एंट्री लेने को तैयार हैं।

अब देखना यह होगा कि Groww का IPO भारतीय शेयर बाजार में कितना सफल रहता है, और क्या यह कंपनी Zerodha या Paytm जैसे दिग्गजों को चुनौती दे सकेगी।


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✍️ लेखक: FundingRaised हिंदी टीम

Read more :📈 Credgenics ने FY25 में ₹220 करोड़ का राजस्व,

📈 Credgenics ने FY25 में ₹220 करोड़ का राजस्व,

Credgenics

डेट रेजोल्यूशन प्लेटफॉर्म Credgenics ने वित्त वर्ष 2024–25 (FY25) में ₹220 करोड़ का ऑपरेटिंग रेवेन्यू अर्जित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 40% अधिक है। कंपनी ने इसी अवधि में ₹25 करोड़ का प्री-टैक्स प्रॉफिट भी दर्ज किया है। इन नतीजों के साथ Credgenics ने न केवल मुनाफे की दिशा में मजबूती दिखाई है, बल्कि इसे भारत की उभरती हुई प्रॉफिटेबल फिनटेक कंपनियों में भी शुमार किया जा सकता है।


🏛 क्या करता है Credgenics?

2018 में स्थापित, Credgenics एक SaaS-आधारित डिजिटल कलेक्शन और डेट रेजोल्यूशन प्लेटफॉर्म है। यह भारत और विदेशों में बैंकों, NBFCs, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs), फिनटेक लेंडर्स और एसेट रिकंस्ट्रक्शन फर्म्स को कलेक्शन प्रोसेस को ऑटोमेट और आसान बनाने के लिए डिजिटल सॉल्यूशंस प्रदान करता है।

कंपनी ने FY24 के दौरान:

  • 98 मिलियन लोन अकाउंट्स को संभाला
  • $250 बिलियन (₹20 लाख करोड़ से अधिक) के कर्ज पोर्टफोलियो को मैनेज किया
  • 1.7 बिलियन ओम्नीचैनल कम्युनिकेशन—SMS, ईमेल, IVR, कॉलिंग आदि के जरिए भेजे

🤖 टेक्नोलॉजी-ड्रिवन रिकवरी

Credgenics का प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन का इस्तेमाल करके कलेक्शन एफिशिएंसी को बढ़ाता है और लागत को कम करता है। यह विशेष रूप से रिटेल और SME/MSME लोन पोर्टफोलियोज में असरदार साबित हुआ है, जहाँ आमतौर पर रिकवरी चुनौतीपूर्ण होती है।

कंपनी के सीईओ और सह-संस्थापक ऋषभ गोयल के अनुसार:

“हमारे लगातार मजबूत वित्तीय प्रदर्शन से यह साफ है कि ग्राहक हमारी टेक्नोलॉजी और समाधानों पर भरोसा कर रहे हैं। हम भारत के साथ-साथ साउथईस्ट एशिया और मिडल ईस्ट में अपने विस्तार की योजना बना रहे हैं।”


🌍 इंटरनेशनल विस्तार की योजना

Credgenics केवल भारत तक सीमित नहीं रहना चाहता। कंपनी अब दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व (Middle East) जैसे उभरते बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में है। साथ ही, कंपनी का फोकस जनरेटिव AI में निवेश कर अपने प्रोडक्ट्स को और अधिक उन्नत बनाने पर है।


💸 अब तक कितना निवेश मिला?

अब तक Credgenics को लगभग $80 मिलियन (₹665 करोड़ से अधिक) की फंडिंग मिल चुकी है:

  • 2023 में: $50 मिलियन की सीरीज़ B फंडिंग, जिसका नेतृत्व WestBridge Capital ने किया था
  • 2021 में: $25 मिलियन की सीरीज़ A फंडिंग, जिसमें Accel और Tanglin Partners जैसे निवेशकों ने भाग लिया
  • 2020 में: $3.5 मिलियन का प्री-सीरीज़ A राउंड, Titan Capital और अन्य से मिला

इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • WestBridge Capital
  • Accel
  • Tanglin Venture Partners
  • Titan Capital
  • Beams Fintech Fund

📊 ग्रोथ के पीछे का कारण

Credgenics की सफलता के पीछे कई रणनीतिक पहल हैं:

  • बैंकों और NBFCs के लिए एंड-टू-एंड डिजिटल कलेक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर
  • AI-आधारित स्कोरिंग और कस्टमर बिहेवियर एनालिटिक्स
  • ओम्नीचैनल कम्युनिकेशन – SMS, ईमेल, वॉइस कॉल्स, वॉट्सऐप आदि के माध्यम से
  • कस्टमाइज़्ड रिमाइंडर और लीगल नोटिस जेनरेशन टूल्स

इन सभी पहलुओं ने कंपनी को भारत में कर्ज वसूली टेक्नोलॉजी के लीडर के रूप में स्थापित कर दिया है।


🛡️ क्यों है Credgenics की ज़रूरत?

भारत में तेजी से बढ़ते लोन डिफॉल्ट और RBI के सख्त नियमों के चलते बैंकों और लेंडर्स को अब टेक-सक्षम समाधान की आवश्यकता है, जो लागत को कम रखते हुए रिकवरी बढ़ा सकें। Credgenics इस अंतर को भरने का काम कर रहा है।


📌 निष्कर्ष: भारत का अगला यूनिकॉर्न?

अगर Credgenics की यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले कुछ वर्षों में यह डेट रेजोल्यूशन क्षेत्र का पहला यूनिकॉर्न बन सकता है। इसका मजबूत टेक्नोलॉजी बेस, विश्वसनीय क्लाइंट पोर्टफोलियो और लगातार बढ़ती फाइनेंशियल परफॉर्मेंस इसे एक सस्टेनेबल और स्केलेबल बिज़नेस बनाते हैं।


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✍️ लेखक: FundingRaised हिंदी टीम

Read more :🛕 Durlabh Darshan को मिल रही है $2 मिलियन की पहली संस्थागत फंडिंग,

🛕 Durlabh Darshan को मिल रही है $2 मिलियन की पहली संस्थागत फंडिंग,

Durlabh Darshan

भारत में आध्यात्मिकता और टेक्नोलॉजी का संगम एक नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है, और इसका ताज़ा उदाहरण है भोपाल आधारित स्पिरिचुअल स्टार्टअप Durlabh Darshan, जो अब अपनी पहली संस्थागत फंडिंग में $2 मिलियन (लगभग ₹16.6 करोड़) जुटाने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Prime Venture Partners करेगी।


🤝 निवेश सौदे पर बनी बात

सूत्रों के अनुसार, Prime VP और Durlabh Darshan के बीच यह डील अंतिम चरण में है और शर्तें तय हो चुकी हैं। हालांकि दोनों पक्षों ने इस खबर पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि यह सौदा जल्द ही सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

Durlabh Darshan का यह फंडिंग राउंड भारत में तेजी से बढ़ते स्पिरिचुअल टेक्नोलॉजी सेगमेंट को एक नया बूस्ट देगा, जहाँ AstroTalk, Vama, InstaAstro और DevDham जैसे कई स्टार्टअप्स पहले ही निवेशकों को आकर्षित कर चुके हैं।


📅 2022 में मिल चुकी है एंजेल फंडिंग

Durlabh Darshan ने इससे पहले 2022 में ₹7.45 करोड़ की एंजेल फंडिंग हासिल की थी। इस राउंड में व्यक्तिगत निवेशकों में सौरव जिंदल, दीपक गर्ग, गौरव रैजादा, जसवीर सिंह, और नितेश गुप्ता शामिल थे। हालांकि यह फंडिंग मीडिया में ज्यादा चर्चित नहीं हुई थी, लेकिन कंपनी ने इसे RoC में दर्ज कराया था।


🧑‍💻 क्या करता है Durlabh Darshan?

2024 में प्रशांत कुमार मिश्रा द्वारा स्थापित Durlabh Darshan, भारत के प्रमुख हिंदू मंदिरों और पूजा विधियों के 3D वर्चुअल दर्शन का अनुभव उपलब्ध कराता है। इसके कुछ प्रमुख फीचर्स:

  • 360° वर्चुअल रियलिटी (VR) दर्शन
  • प्रसिद्ध मंदिरों जैसे काशी विश्वनाथ (वाराणसी), महाकालेश्वर (उज्जैन), वैष्णो देवी (कटरा) का डिजिटल अनुभव
  • Durlabh Darshan Kendras – भौतिक केंद्र जहाँ लोग VR हेडसेट्स के ज़रिए दर्शन कर सकते हैं
  • घर बैठे VR किट्स, जिनकी कीमत ₹150–250 के बीच होती है
  • लाइव आरती जैसे उज्जैन की भस्म आरती को घर से देखने की सुविधा

🔬 टेक्नोलॉजी और पेटेंट

कंपनी का सफर एक लो-कॉस्ट XR कंट्रोलर के पेटेंट से शुरू हुआ था जो स्मार्टफोन को वर्चुअल अनुभव में बदलने में सक्षम बनाता है। Durlabh Darshan तकनीक के साथ आध्यात्मिकता को जोड़ते हुए एक नई श्रेणी का अनुभव दे रहा है, जिसे पहले कभी इस रूप में नहीं देखा गया।


💼 कंपनी का मूल्यांकन और संभावनाएं

इस फंडिंग के बाद Durlabh Darshan का पोस्ट-मनी वैल्यूएशन $10 मिलियन (लगभग ₹83 करोड़) से कम रहने की संभावना है। कंपनी की ऑन-ग्राउंड और डिजिटल उपस्थिति दोनों मजबूत होती जा रही है, और यह भारत के टियर II और टियर III शहरों में विशेष रूप से लोकप्रिय हो रही है।


📱 प्रतिस्पर्धा बढ़ती लेकिन अनूठी पेशकश

Durlabh Darshan के क्षेत्र में पहले से ही कई खिलाड़ी मौजूद हैं:

  • Temple360
  • WhoVR
  • Pilgrimage Tour App

लेकिन Durlabh Darshan की फिजिकल और डिजिटल दोनों स्तर पर सेवाएं उसे एक विशिष्ट पहचान देती हैं। यह न केवल ऐप या वेबसाइट पर वर्चुअल कंटेंट दिखाता है, बल्कि इसे व्यक्तिगत रूप से अनुभव करने का मौका भी देता है।


🔮 आध्यात्मिक टेक सेक्टर की उभरती लहर

TheKredible के अनुसार, AstroTalk, Vama, DevDham, InstaAstro, Melooha जैसे स्टार्टअप्स ने पिछले ढाई वर्षों में $75 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है। यह दर्शाता है कि भारत में स्पिरिचुअल टेक्नोलॉजी सेक्टर तेजी से निवेशकों का ध्यान खींच रहा है।

🧩 सेक्टर में हुए अधिग्रहण:

  • BrahmVeda ने VedVaani का अधिग्रहण किया
  • Melooha ने Munitalks को खरीदा

यह दिखाता है कि यह सेक्टर न केवल विस्तार कर रहा है बल्कि कंसोलिडेशन के दौर में भी प्रवेश कर चुका है।


🛍️ Flipkart की भी है नजर

सूत्रों के मुताबिक, ई-कॉमर्स दिग्गज Flipkart भी InstaAstro जैसे प्लेटफॉर्म के अधिग्रहण के ज़रिए स्पिरिचुअल और ज्योतिष बाजार में प्रवेश करने की योजना बना रही थी। यह ट्रेंड दर्शाता है कि बड़े कॉर्पोरेट्स भी इस क्षेत्र की असीम संभावनाओं को समझने लगे हैं।


📌 निष्कर्ष: आस्था और टेक का सुंदर संगम

Durlabh Darshan भारत के पारंपरिक धार्मिक अनुभवों को डिजिटल युग में लाने का प्रयास कर रहा है। फंडिंग से कंपनी को अपने टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर, कंटेंट प्रोडक्शन, और विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

ऐसे समय में जब लोग दूर-दराज के मंदिरों तक यात्रा नहीं कर सकते, Durlabh Darshan जैसे स्टार्टअप्स उन्हें आस्था का डिजिटल अनुभव देकर न सिर्फ सुविधा प्रदान कर रहे हैं, बल्कि एक बड़े बाजार को भी खोल रहे हैं।


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✍️ लेखक: FundingRaised हिंदी टीम

Read more :💸 Zype को Xponentia से ₹34 करोड़ की डेब्ट फंडिंग,

💸 Zype को Xponentia से ₹34 करोड़ की डेब्ट फंडिंग,

Zype

तेज़ी से उभरते फिनटेक प्लेटफॉर्म Zype ने अपने मौजूदा निवेशक Xponentia Capital से ₹34 करोड़ (लगभग $4 मिलियन) की डेब्ट फंडिंग हासिल की है। यह फंडिंग Xponentia Opportunities Fund II के ज़रिए की गई है और इसे कंपनी की लॉन्ग-टर्म वर्किंग कैपिटल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।


🧾 RoC फाइलिंग में हुआ खुलासा

Zype ने Registrar of Companies (RoC) में की गई फाइलिंग में जानकारी दी कि कंपनी के बोर्ड ने 10,000 रुपये प्रति यूनिट के फेस वैल्यू के साथ 34,000 नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) Xponentia Capital को आवंटित किए हैं, जिससे ₹34 करोड़ की पूंजी जुटाई गई।

इस फंडिंग के ज़रिए कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने और भविष्य की विकास योजनाओं को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी।


🏦 क्या है Zype?

Zype, जिसकी स्थापना 2022 में योगी सदाना (Yogi Sadana) ने की थी, एक डिजिटल फिनटेक प्लेटफॉर्म है जो यूज़र्स को ₹2 लाख तक के इंस्टेंट पर्सनल लोन प्रदान करता है। इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • आसान और फ्लेक्सिबल रिपेमेंट ऑप्शन
  • क्रेडिट एनालाइज़र टूल जिससे ग्राहक अपने खर्च को मॉनिटर कर सकते हैं
  • बिल पेमेंट की सुविधा जिसमें यूज़र्स को कैशबैक रिवॉर्ड्स भी मिलते हैं

Zype का उद्देश्य भारत के युवा और डिजिटल-फ्रेंडली उपभोक्ताओं को तेज़, पारदर्शी और सुविधाजनक क्रेडिट सॉल्यूशंस उपलब्ध कराना है।


📊 अब तक का प्रदर्शन

Zype ने दावा किया है कि उसने अब तक 4.5 लाख से अधिक लोन वितरित किए हैं और उसके iOS और Android प्लेटफॉर्म्स पर 45 लाख से ज़्यादा ऐप डाउनलोड्स हो चुके हैं। यह आंकड़े कंपनी के फास्ट ग्रोथ ट्रैक को दर्शाते हैं।


💰 पिछली फंडिंग: दिसंबर 2022 में मिली थी बड़ी रकम

इस ताज़ा डेब्ट फंडिंग से पहले, Zype ने दिसंबर 2022 में भी अपने मौजूदा निवेशक Xponentia Capital से ₹146 करोड़ ($17.7 मिलियन) की इक्विटी फंडिंग जुटाई थी। यह निवेश कंपनी के शुरुआती विस्तार और प्रोडक्ट डेवलपमेंट में काफी मददगार रहा।


🧮 FY24 के वित्तीय आंकड़े

वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में Zype ने ₹20.3 करोड़ का ऑपरेटिंग रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि ₹7.3 करोड़ का घाटा भी हुआ। हालांकि नुकसान में होने के बावजूद कंपनी की रिवेन्यू ग्रोथ और लोन डिस्ट्रीब्यूशन क्षमता यह दिखाती है कि वह बाज़ार में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।


🏁 प्रतिस्पर्धा में दमदार खिलाड़ी

Zype की प्रतिस्पर्धा भारत के कुछ अन्य प्रमुख पर्सनल लोन प्लेटफॉर्म्स से है, जैसे:

🔹 KreditBee:

  • NBFC शाखा KrazyBee के ज़रिए FY24 में ₹200 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया

🔹 CASHe:

  • FY24 में ₹651 करोड़ का राजस्व

🔹 Kissht:

  • FY24 में ₹1,674 करोड़ का ऑपरेटिंग रेवेन्यू और ₹197 करोड़ का मुनाफा

इन प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले Zype अभी अपने विकास के आरंभिक चरण में है, लेकिन इसकी डिजिटल पहुँच और टेक-फोकस्ड सर्विसेस इसे दीर्घकालीन सफलता की ओर ले जा रही हैं।


💡 रणनीति: फिनटेक + डेटा + यूज़र अनुभव

Zype की यूएसपी यह है कि वह पारंपरिक बैंकों की तुलना में अधिक यूज़र-फ्रेंडली और तेज़ क्रेडिट फैसिलिटी प्रदान करता है। साथ ही, इसका क्रेडिट एनालाइज़र फीचर उपभोक्ताओं को बेहतर फाइनेंशियल डिसीजन लेने में मदद करता है — जो कि आज की जेनरेशन के लिए बहुत ज़रूरी है।

इसका डेटा-ड्रिवन एप्रोच और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी निवेशकों को आकर्षित करता है।


📈 आगे का रास्ता: विस्तार और प्रॉफिटेबिलिटी

Zype की योजना आने वाले महीनों में और अधिक टियर II और टियर III शहरों में विस्तार करने की है, जिससे कि वह अधिक से अधिक underserved ग्राहकों तक पहुंच सके। साथ ही कंपनी अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को भी और विस्तृत करने पर काम कर रही है।

इस डेब्ट फंडिंग से प्राप्त पूंजी को कंपनी टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर, मार्केटिंग और लोन डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मजबूत करने में लगाएगी।


✍️ निष्कर्ष: युवा भारत के लिए तेज़ डिजिटल ऋण सुविधा

Zype जैसे प्लेटफॉर्म यह दिखाते हैं कि कैसे फिनटेक स्टार्टअप्स पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम के विकल्प के रूप में उभरकर नवीन और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। Xponentia जैसे निवेशकों का लगातार समर्थन यह दर्शाता है कि Zype की ग्रोथ रणनीति और बिज़नेस मॉडल में दम है।


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Read more :🚗 Spinny को मिला WestBridge का समर्थन,

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Spinny

प्रयुक्त कारों की बिक्री और खरीद के लिए चर्चित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Spinny ने अपनी चालू फंडिंग राउंड को और विस्तारित करते हुए अब तक कुल $170 मिलियन (लगभग ₹1,400 करोड़) जुटा लिए हैं। इस नई पूंजी में WestBridge Capital ने $35–40 मिलियन का निवेश किया है।

इस डील से जुड़ी जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि WestBridge अब इस राउंड में नई हिस्सेदारी के रूप में जुड़ गया है।


💼 Accel के नेतृत्व में हुआ था पहला ऐलान

इससे पहले मई 2025 में Entrackr की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि Spinny $131 मिलियन की फंडिंग जुटा रहा है, जिसमें मुख्य निवेशक के रूप में Accel Leaders Fund (USA आधारित) शामिल था। इस राउंड में कंपनी के मौजूदा निवेशक — Elevation Capital, Think Investments, और Tiger Global भी भाग ले रहे हैं।


💵 वैल्यूएशन स्थिर, यूनिकॉर्न टैग बरकरार

Spinny के इस फंडिंग राउंड के बाद भी उसकी वैल्यूएशन $1.5–1.7 बिलियन के बीच स्थिर बनी हुई है। हालांकि जुलाई 2021 में कंपनी ने पहली बार यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया था, जब उसकी वैल्यूएशन $1.8 बिलियन तक पहुंच गई थी।

इसका मतलब है कि मौजूदा निवेशकों और नए निवेशकों को कंपनी के दीर्घकालिक विज़न और स्थायित्व पर भरोसा है, भले ही बाजार में फिलहाल अनिश्चितता का माहौल हो।


🌟 क्रिकेट लीजेंड भी हैं हिस्सेदार

Spinny ने दिसंबर 2021 में क्रिकेट आइकन सचिन तेंदुलकर को भी एक Strategic Investor और Brand Ambassador के रूप में अपने साथ जोड़ा था। यह कदम ब्रांड की विश्वसनीयता और उपभोक्ताओं के साथ इमोशनल कनेक्ट बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा था।


🔁 Spinny का फुल-स्टैक बिज़नेस मॉडल

Spinny एक फुल-स्टैक यूज़्ड कार प्लेटफॉर्म है, जो पुरानी कारों की खरीद और बिक्री दोनों को डिजिटली मैनेज करता है। इसमें शामिल हैं:

  • वाहनों की जांच (inspection)
  • रीफर्बिशमेंट (refurbishment)
  • डॉक्यूमेंटेशन प्रोसेस
  • फाइनेंसिंग की सुविधा

इस एकीकृत मॉडल के चलते ग्राहक एक सहज और भरोसेमंद अनुभव प्राप्त करते हैं — चाहे वे कार खरीद रहे हों या बेच रहे हों।


🏢 NBFC और मीडिया में एंट्री

Spinny ने हाल ही में Autocar India को अधिग्रहित कर ऑटो मीडिया स्पेस में भी कदम रखा है। इसके अलावा, कंपनी ने अपनी स्वामित्व वाली NBFC (Non-Banking Financial Company) की भी शुरुआत की है, जिससे कार फाइनेंसिंग को और तेज व कुशल बनाया जा सके।

इससे Spinny की वर्टिकल इंटीग्रेशन रणनीति और भी सशक्त हो गई है, जो उसे प्रतियोगियों से अलग करती है।


📈 वित्तीय प्रदर्शन: बढ़ता राजस्व, घटता घाटा

वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में Spinny ने अपने ऑपरेटिंग रेवेन्यू को ₹3,259.78 करोड़ से बढ़ाकर ₹3,725.02 करोड़ तक पहुंचाया। यह लगभग 14% की साल-दर-साल वृद्धि है।

वहीं कंपनी का घाटा ₹590.37 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 28% कम है। यह इंगित करता है कि Spinny का कारोबार ऑपरेशनल स्तर पर अधिक दक्ष और लागत-केंद्रित हो रहा है।


📊 अब तक जुटाई गई कुल फंडिंग

Spinny अब तक अपने कई नामी निवेशकों से $500 मिलियन से अधिक जुटा चुका है, जिनमें शामिल हैं:

  • Tiger Global
  • Elevation Capital
  • General Catalyst
  • Fundamentum
  • और अब WestBridge Capital

यह विविध और मज़बूत निवेशकों की फौज कंपनी की साख और ग्रोथ की दिशा को दर्शाती है।


🔍 Spinny की रणनीति: विस्तार और स्थिरता

Spinny अब न केवल कार खरीदारों और विक्रेताओं को एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रहा है, बल्कि वह पूरे ऑटोमोबाइल इकोसिस्टम — फाइनेंसिंग, मीडिया, और डिस्ट्रीब्यूशन — में अपनी पकड़ बना रहा है।

वर्तमान में कंपनी का लक्ष्य नई पूंजी के माध्यम से परिचालन विस्तार, NBFC संचालन को बढ़ावा देना, और ग्राहक अनुभव को और बेहतर बनाना है।


📌 निष्कर्ष: फिनटेक + ऑटो का नया अवतार

Spinny का यह फंडिंग विस्तार यह दिखाता है कि कैसे एक यूज़्ड कार प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी, फाइनेंस और कंज़्यूमर ट्रस्ट के संगम से एक मजबूत बिज़नेस मॉडल बना सकता है। WestBridge का समर्थन और सचिन तेंदुलकर जैसी शख्सियत का ब्रांड से जुड़ाव इसे भारत के ऑटो सेक्टर में लंबी रेस का घोड़ा बनाते हैं।


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📈 Pine Labs जून के अंत तक IPO का DRHP, ₹6,000 करोड़ जुटाने की तैयारी

Pine Labs

नोएडा स्थित मर्चेंट पेमेंट्स और लेंडिंग प्लेटफॉर्म Pine Labs अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की ओर बड़ा कदम बढ़ा रहा है। खबर है कि कंपनी जून 2025 के अंत तक भारतीय बाजार नियामक SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के पास अपना Draft Red Herring Prospectus (DRHP) दाखिल करने की तैयारी में है।


💰 ₹5,000–6,000 करोड़ जुटाने का प्लान

The Economic Times की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Pine Labs इस IPO के जरिए ₹5,000 से ₹6,000 करोड़ (लगभग $585–700 मिलियन) जुटाने का लक्ष्य बना रहा है। कंपनी की टारगेटेड वैल्यूएशन $4–5 बिलियन रखी गई है, जो इसके पिछले प्राइवेट फंडिंग राउंड की वैल्यूएशन के आसपास है।

Pine Labs लंबे समय से पब्लिक मार्केट में प्रवेश करने की योजना बना रहा है। इससे पहले कंपनी ने 2022 में अमेरिका के SEC (Securities and Exchange Commission) के पास गोपनीय रूप से IPO दस्तावेज दाखिल किए थे, लेकिन वह योजना परवान नहीं चढ़ सकी।


🇮🇳 भारत में लिस्टिंग की ओर वापसी

अमेरिकी बाजार में लिस्टिंग की योजना टलने के बाद Pine Labs ने भारत में लिस्टिंग की दिशा में ध्यान केंद्रित किया। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने अपना कानूनी डोमिसाइल सिंगापुर से भारत में ट्रांसफर कर लिया, जिससे इसके भारतीय IPO की राह आसान हो गई।

इस तैयारी के तहत कंपनी ने खुद को “पब्लिक लिमिटेड कंपनी” में बदल लिया है और नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति भी की है। यह जानकारी सबसे पहले Entrackr ने एक्सक्लूसिव तौर पर दी थी।


🏦 किन बैंकों को किया गया नियुक्त?

IPO को सफल बनाने के लिए Pine Labs ने देश-विदेश के कुछ प्रमुख इन्वेस्टमेंट बैंकों को चुना है:

  • Axis Capital
  • JP Morgan
  • Morgan Stanley
  • Citi
  • Jefferies

इन बैंकों की मदद से Pine Labs DRHP दाखिल करने और निवेशकों को आकर्षित करने की योजना पर काम कर रहा है।


📊 अब तक कितनी फंडिंग मिल चुकी है?

TheKredible के डेटा के अनुसार, Pine Labs ने अब तक कुल $1.3 बिलियन (लगभग ₹10,000 करोड़) से अधिक की फंडिंग जुटाई है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • Peak XV Partners
  • Temasek
  • PayPal
  • Mastercard
  • और अन्य वैश्विक निवेशक

वर्तमान में कंपनी की प्राइवेट वैल्यूएशन $5 बिलियन (₹41,500 करोड़ से अधिक) है।


📉 वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में मामूली ग्रोथ लेकिन बढ़ता घाटा

वित्तीय वर्ष 2023–24 (FY24) के लिए Pine Labs का प्रदर्शन मिला-जुला रहा:

  • 📈 ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹1,317 करोड़ (2.8% की मामूली वृद्धि)
  • 📉 नेट लॉस: ₹187 करोड़ (3 गुना से अधिक की बढ़ोतरी)

इससे पहले कंपनी का घाटा बहुत सीमित था, लेकिन FY24 में इसके खर्चों और नुकसान में तीव्र बढ़ोतरी देखी गई।

FY25 के आंकड़े अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।


🛍️ Pine Labs क्या करता है?

Pine Labs की शुरुआत 1998 में हुई थी और अब यह भारत के सबसे प्रमुख merchant payments और consumer credit solutions देने वाले स्टार्टअप्स में शामिल है। कंपनी के प्रमुख प्रोडक्ट्स में शामिल हैं:

  • POS मशीनें जो डेबिट/क्रेडिट कार्ड पेमेंट स्वीकार करती हैं
  • EMI आधारित लोन सॉल्यूशन्स
  • Buy Now Pay Later (BNPL) सुविधा
  • फिजिकल और ऑनलाइन मर्चेंट्स के लिए पेमेंट इंटीग्रेशन

Pine Labs की सेवाएं न केवल भारत में बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देशों में भी उपलब्ध हैं।


🧠 IPO क्यों है अहम?

इस IPO से Pine Labs को न सिर्फ पूंजी जुटाने का मौका मिलेगा, बल्कि:

  • कंपनी की ब्रांड वैल्यू और पारदर्शिता में वृद्धि होगी
  • नए बिजनेस वर्टिकल्स में निवेश और विस्तार संभव होगा
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी साख और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा
  • अन्य फिनटेक कंपनियों को भी लिस्टिंग की प्रेरणा मिलेगी

🧩 प्रतियोगी कंपनियां

Pine Labs का मुकाबला भारत में कई बड़े और उभरते फिनटेक खिलाड़ियों से है, जैसे:

  • Razorpay
  • PhonePe (POS सेवाओं के साथ)
  • Paytm
  • MobiKwik
  • और UPI आधारित छोटे-मोटे भुगतान प्लेटफॉर्म

हालांकि Pine Labs का ध्यान मुख्यतः लोन और EMI आधारित पेमेंट सिस्टम पर है, जिससे यह एक अलग श्रेणी में आता है।


🔮 आगे की राह

यदि DRHP जून के अंत तक दाखिल हो जाता है, तो Pine Labs का IPO 2025 की तीसरी तिमाही में लॉन्च हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि बाजार की स्थिति अनुकूल रही, तो यह भारत के सबसे बड़े फिनटेक IPO में से एक बन सकता है।


✍️ निष्कर्ष

Pine Labs की IPO की तैयारी यह संकेत देती है कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम अब वैश्विक स्टेज पर पहुंचने को तैयार है। लंबे समय से निवेशकों का भरोसा जीतने के बाद, कंपनी अब पब्लिक मार्केट में खुद को परखने की तैयारी में है। इसका IPO न केवल निवेशकों के लिए एक अवसर होगा, बल्कि यह भारतीय फिनटेक सेक्टर के भविष्य की दिशा भी तय कर सकता है।

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Read more :💸 Snapmint जल्द जुटा सकता है ₹330 करोड़ की नई फंडिंग,

💸 Snapmint जल्द जुटा सकता है ₹330 करोड़ की नई फंडिंग,

Snapmint

Buy Now, Pay Later (BNPL) सेवाएं देने वाला मुंबई स्थित स्टार्टअप Snapmint एक बार फिर चर्चा में है। कंपनी फिलहाल $40 मिलियन (लगभग ₹330 करोड़) की नई फंडिंग जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। सूत्रों के अनुसार, यह Snapmint की मार्च 2022 के बाद तीसरी बड़ी फंडिंग होगी।


🤝 General Atlantic कर सकता है नेतृत्व

सूत्रों की मानें तो इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व General Atlantic कर सकता है, और मौजूदा निवेशकों की भी इसमें भागीदारी संभव है।

“General Atlantic और Snapmint के बीच डील के टर्म्स लगभग तय हो चुके हैं। कंपनी की वैल्यूएशन ₹1,300–1,400 करोड़ (करीब $150–160 मिलियन) तय की गई है,”
– एक निवेश सूत्र (नाम न छापने की शर्त पर)

इस डील को अगले कुछ हफ्तों में अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। हालांकि General Atlantic ने इस डील पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, और Snapmint या Prudent Investment से इस खबर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।


💼 अब तक Snapmint ने कितनी फंडिंग जुटाई?

Snapmint ने पिछले 2 वर्षों में लगातार फंडिंग राउंड्स किए हैं:

  • 📌 अगस्त 2022: $21 मिलियन का Series A राउंड
  • 📌 दिसंबर 2023: $18 मिलियन का फंड (डिट और इक्विटी मिश्रण में)
    • नेतृत्व: Prashasta Seth (Prudent Investment Manager)
    • अन्य भागीदार: Perpetuity Ventures, Pegasus Fininvest

इसके पहले Snapmint को Kae Capital, 9Unicorns, Anicut Capital, और Negen Capital जैसे निवेशकों का समर्थन भी मिला है।


🧾 Snapmint क्या करता है?

Snapmint की शुरुआत 2017 में तीन सह-संस्थापकों — नलिन अग्रवाल, अनिल गेलरा, और अभिनीत सावा — द्वारा की गई थी।

Snapmint का मॉडल ग्राहकों को EMI (किस्त) के ज़रिए शॉपिंग की सुविधा देता है, जिसमें वे मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थ & वेलनेस, किचन व घरेलू उत्पाद आदि “Buy Now, Pay Later” मॉडल पर खरीद सकते हैं।

कंपनी का डिजिटल प्लेटफॉर्म Nimbus, D2C ब्रांड्स को कस्टमाइज्ड क्रेडिट सॉल्यूशंस देता है, जिससे उनकी बिक्री और ग्राहक आधार में बढ़ोतरी होती है।


📈 वित्तीय स्थिति: FY24 में सुधार

TheKredible के डेटा के अनुसार, Snapmint ने FY24 (2023–24) में ₹88.56 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो FY23 में ₹79.75 करोड़ था।

  • 📊 FY24 घाटा: ₹33.64 करोड़
  • 📉 FY23 घाटा: ₹32.98 करोड़

यानी घाटा लगभग स्थिर बना रहा है, जबकि रेवेन्यू में 10% से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई।


🧩 Snapmint का प्रतियोगी परिदृश्य

BNPL सेगमेंट में Snapmint की सीधी टक्कर कुछ अन्य प्रमुख कंपनियों से है:

  • 🏦 Axio (पूर्व में Capital Float): जिसे जल्द ही Amazon अधिग्रहित कर सकता है
  • 🔥 ZestMoney: जिसे DMI Group ने 2023 में एक fire sale में खरीदा

Snapmint ने अपने खास D2C पार्टनरशिप मॉडल और आसान EMI प्रक्रिया के ज़रिए इस भीड़ में अलग पहचान बनाई है।


📲 Snapmint की मजबूती: क्यों निवेशक दिखा रहे हैं रुचि?

  • मजबूत ग्रोथ ट्रैक: तीन सालों में तीन बड़े फंडिंग राउंड
  • D2C ब्रांड्स के साथ बढ़ता इकोसिस्टम
  • क्रेडिट तक आसान पहुंच से ग्राहकों की संख्या में निरंतर वृद्धि
  • वित्तीय घाटा सीमित रखने की क्षमता

इन सभी कारणों से Snapmint निवेशकों की नजर में एक मजबूत फिनटेक ब्रांड बनकर उभरा है।


🔮 Snapmint की आगे की योजनाएं

फंडिंग जुटाने के बाद Snapmint निम्न क्षेत्रों में फोकस कर सकता है:

  • 📌 टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म Nimbus को और मज़बूत बनाना
  • 📌 D2C और ईकॉमर्स ब्रांड्स के साथ साझेदारियाँ बढ़ाना
  • 📌 टियर-2 और टियर-3 शहरों में यूज़र बेस का विस्तार
  • 📌 BNPL अनुभव को ज्यादा सरल और सुलभ बनाना

📝 निष्कर्ष

Snapmint की यह प्रस्तावित फंडिंग BNPL स्पेस में निवेशकों की दोबारा होती रुचि को दर्शाती है। General Atlantic जैसी वैश्विक निवेश फर्म का इस डील में रुचि लेना दर्शाता है कि Snapmint ने अपनी स्थिर ग्रोथ, ग्राहक बढ़ोतरी, और साफ बिज़नेस मॉडल के ज़रिए विश्वास हासिल किया है।

जैसे-जैसे भारत में डिजिटल फाइनेंस का दायरा बढ़ता जा रहा है, Snapmint जैसे स्टार्टअप्स “क्रेडिट फॉर द मासेज़” विज़न को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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✍️ लेखक: FundingRaised हिंदी टीम

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