🚀 Rapido बना AdvantEdge Founders Fund I का सबसे बड़ा Contributor,

Rapido

भारत के mobility startup ecosystem में Rapido ने एक बार फिर अपनी सफलता का बड़ा सबूत पेश किया है। बाइक-टैक्सी प्लेटफ़ॉर्म Rapido अब AdvantEdge Founders Fund I का सबसे बड़ा contributor बन गया है, जिसने शानदार 11.5x MOIC (Multiple on Invested Capital) और 3x DPI (Distribution to Paid-In Capital) दर्ज किया है।

कंपनी को मिला यह बड़ा फायदा मुख्य रूप से Rapido में हुए हाल के partial exit के कारण आया है, जिसने निवेशकों को 67% IRR (Internal Rate of Return) और लगभग 111x का जबरदस्त return दिया।


💰 $2.5–3 Million का निवेश → $28 Million की Partial Exit

एक हालिया ET रिपोर्ट के मुताबिक, AdvantEdge की Rapido में की गई शुरुआती $2.5–3 million की निवेश राशि अब $28 million की partial exit तक पहुँच चुकी है।

यानी यह भारत के mobility सेक्टर में सबसे सफल early-stage निवेशों में से एक बन गया है।


🏍️ Rapido में बड़े Secondary Deals ने बनाया माहौल

Rapido के valuation में तेजी और secondary deals ने भी इस शानदार exit में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले कुछ महीनों में कई बड़े निवेशकों ने Rapido में अपनी हिस्सेदारी बेची है:

🔹 Swiggy Exit

  • सितंबर 2025 में Swiggy ने अपनी 12% stake को लगभग ₹2,400 करोड़ में बेच दिया।
  • Swiggy का Rapido में निवेश 2022 में शुरू हुआ था।

🔹 TVS Motor Exit

  • इसी महीने TVS Motor ने भी अपनी हिस्सेदारी लगभग ₹288 करोड़ में बेच दी।
  • यह Rapido और TVS के बीच 2022 में बने partnership का अंत रहा।

इन exits से AdvantEdge का confidence और भी बढ़ा क्योंकि market में Rapido की strong demand और investor interest साफ दिखाई दे रहा है।


💼 AdvantEdge की Investment Strategy को मिला बड़ा Validation

AdvantEdge Founders Fund के मुताबिक, Rapido की success ने यह साबित किया है कि mobility सेक्टर में उनकी investment thesis सही दिशा में है

फंड ने mobility और auto-tech ecosystem में कई रणनीतिक निवेश किए हैं, जिनमें शामिल हैं:

🚖 Shared Mobility

  • Rapido
  • Chalo
  • Zingbus

🛠️ Auto Aftermarket

  • Park+
  • TyrePlex

⚡ EV & Energy Ecosystem

  • Exponent Energy
  • Baaz
  • Moonrider
  • Zeno
  • Astranova
  • Pulse Energy

Rapido का बड़ा exit फंड के लिए benchmark की तरह काम कर रहा है और mobility investments में उनकी understanding को मजबूत करता है।


📈 Fund I और Fund II की सफलता के बाद अब आ रहा है Fund III

AdvantEdge अब अपने नए Fund III के लिए पूँजी जुटाने की प्रक्रिया में है।

नया फंड mobility sector में आने वाले EV transition पर फोकस करेगा — जो भारत का सबसे बड़ा और तेज़ी से बढ़ता हुआ market opportunity है।

🔮 Fund III का फोकस होगा इन सेगमेंट्स पर:

  • बैटरी सिस्टम्स
  • EV चार्जिंग नेटवर्क्स
  • नई EV प्लेटफ़ॉर्म्स
  • Energy Infra
  • EV-ecosystem आधारित नए mobility समाधान

फंड ने कहा है कि उनके existing LPs जैसे:

  • Motherson Group
  • Hero Group

ने नए फंड में re-invest करने की प्रतिबद्धता दिखाई है। इसके साथ ही कई नए domestic और global निवेशकों की भी मजबूत रुचि है।


📊 Rapido की Growth Story: क्यों पसंद आता है निवेशकों को यह मॉडल?

👥 1. Huge Market Opportunity

Rapido का मॉडल भारत के लिए perfect fit है — affordable, fast और urban mobility की बड़ी समस्या को solve करता है।

🏍️ 2. Light-asset Model

बाइक टैक्सी मॉडल cost-efficient है और ज़्यादातर शहरों में high demand रखता है।

📦 3. Diversified Services

Rapido अब bike taxi के साथ-साथ:

  • Rapido Auto
  • Rapido Cabs
  • Rapido Rentals
  • Hyperlocal Delivery

भी प्रदान करता है।

💵 4. Strong Monetisation Strategy

High-frequency user base, repeat usage और FMCG/logistics partnerships से revenue streams diversified हो गए हैं।


🔚 निष्कर्ष: Rapido की सफलता ने AdvantEdge को दिलाया शानदार 111x Return

Rapido न सिर्फ भारत का leading mobility startup है, बल्कि निवेशकों के लिए भी एक multi-bagger साबित हुआ है। AdvantEdge Founders Fund I के लिए यह सबसे बड़ा contributor बन चुका है, जिसकी मजबूत performance ने पूरे VC ecosystem का ध्यान खींचा है।

अब सभी की नजरें होंगी:

  • Rapido के अगले growth chapter पर
  • और AdvantEdge के नए Fund III पर,
    जो आने वाले EV dominated भारत में mobility का भविष्य लिखने की तैयारी कर रहा है।

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🛵 कर्नाटक में बैन जारी Ola, Uber, Rapido को झटका,

Rapido

कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक बार फिर बाइक टैक्सी सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा है, जिससे Ola, Uber और Rapido जैसी कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इन कंपनियों की अपीलों को खारिज करते हुए कहा है कि कोई अंतरिम राहत नहीं दी जाएगी, यानी यह बैन कम से कम 24 जून 2025 तक लागू रहेगा।

यह फैसला न केवल स्टार्टअप इंडस्ट्री बल्कि लाखों कम्यूटरों और बाइक राइडर्स के लिए भी चिंता का विषय है, जो रोज़ाना इन सेवाओं पर निर्भर रहते हैं।


⚖️ क्यों लगाया गया प्रतिबंध?

यह पूरा मामला 2 अप्रैल 2025 को कर्नाटक हाई कोर्ट के एक आदेश से शुरू हुआ, जिसमें कहा गया था कि:

“बाइक टैक्सी सेवाएं फिलहाल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत विधिवत रेग्युलेट नहीं हैं, इसलिए इन्हें तब तक रोका जाए जब तक सरकार कोई स्पष्ट नियम नहीं लाती।”

इसके बाद कोर्ट ने 14 मई को इस बैन को चार और हफ्तों के लिए बढ़ा दिया था, जिससे अब यह बैन 15 जून 2025 तक प्रभावी है।


🚫 अब क्या होगा?

कोर्ट के अनुसार, यह आदेश पूरे राज्य में लागू रहेगा और:

  • सोमवार, 16 जून 2025 से कोई भी बाइक टैक्सी सेवा कानूनी रूप से संचालन नहीं कर पाएगी।
  • ✅ अगली सुनवाई की तारीख 24 जून 2025 तय की गई है, जहां पूरे मामले पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

🧑‍⚖️ कोर्ट का तर्क: “कानूनी ढांचे के बिना संचालन नहीं हो सकता”

हाई कोर्ट ने कहा कि चूंकि बाइक टैक्सी सेवा के लिए न तो कोई परिभाषित लाइसेंसिंग सिस्टम है, न ही सरकारी रेग्युलेशन, इसलिए इन्हें अभी अवैध माना जा सकता है।

सरकार की ओर से भी कोर्ट को यह सूचित किया गया कि फिलहाल उनके पास कोई तात्कालिक योजना नहीं है जिससे बाइक टैक्सी को वैधता दी जा सके।


🚕 Ola, Uber, Rapido को तगड़ा झटका

देश की तीन प्रमुख राइड-हेलिंग कंपनियों Ola, Uber और Rapido ने कोर्ट में याचिका दायर कर इस बैन के खिलाफ अंतरिम राहत की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

इन कंपनियों का तर्क था कि:

  • ✅ लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी इन सेवाओं पर निर्भर है।
  • ✅ बाइक टैक्सी शहरी ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करने में मदद करती है।
  • ✅ इससे उपभोक्ताओं को किफायती यात्रा का विकल्प मिलता है।

फिर भी कोर्ट ने यह माना कि कानून से ऊपर कोई सुविधा नहीं हो सकती।


👨‍🔧 राइडर्स और यूज़र्स पर असर

इस बैन का सबसे बड़ा असर पड़ेगा:

  1. बाइक टैक्सी ड्राइवर्स पर — जो फुल टाइम या पार्ट टाइम इन सेवाओं के ज़रिए कमाई कर रहे थे।
  2. कॉलेज और ऑफिस जाने वाले यात्रियों पर — जिन्हें यह सेवा सस्ती, सुविधाजनक और ट्रैफिक से बचने का ज़रिया मिलती थी।
  3. स्टार्टअप ईकोसिस्टम पर — जो भारत में मोबिलिटी सेक्टर को डिजिटल और सस्टेनेबल बना रहे हैं।

📈 आर्थिक नुकसान की आशंका

  • 🚫 विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हजारों ड्राइवरों की आय बंद हो सकती है।
  • 🚫 कंपनियों को बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में रेवन्यू लॉस झेलना पड़ सकता है।
  • 🚫 स्टार्टअप्स के इन्वेस्टर्स और फंडिंग पार्टनर्स भी अनिश्चितता में आ सकते हैं।

📣 क्या है आगे का रास्ता?

हालांकि फिलहाल कोई स्पष्ट नियम नहीं है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि:

  • सरकार नई बाइक टैक्सी पॉलिसी पर विचार कर सकती है।
  • अगली सुनवाई (24 जून 2025) में कुछ निर्देश सामने आ सकते हैं।
  • कंपनियां लीगल रूट या रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत नए तरीके से सेवा शुरू कर सकती हैं।

📌 निष्कर्ष: सुविधाजनक सेवा, लेकिन नियमों के दायरे में

बाइक टैक्सी भारत जैसे देश में जहां ट्रैफिक, प्रदूषण और शहरी मोबिलिटी बड़ी चुनौतियाँ हैं, वहाँ यह एक क्रांतिकारी मॉडल बन सकता है। लेकिन यह भी जरूरी है कि ऐसी सेवाएं कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त और रेग्युलेटेड हों।

फिलहाल, बेंगलुरु जैसे टेक सिटी में यह सेवा बंद होना कई लोगों के लिए असुविधा का कारण बनेगा। अब सबकी निगाहें 24 जून की अगली सुनवाई पर टिकी हैं।


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✍️ रिपोर्ट: FundingRaised हिंदी टीम

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Rapido ने सीरीज E फंडिंग राउंड में ₹250 करोड़ जुटाए,

Rapido

भारत की प्रमुख माइक्रो-मोबिलिटी फर्म Rapido ने सीरीज E फंडिंग राउंड में ₹250 करोड़ (~$29.7 मिलियन) जुटाए हैं। इस राउंड में Prosus मुख्य निवेशक के रूप में शामिल हुआ है। यह निवेश उस फंडिंग के सिर्फ 7 महीने बाद आया है, जब Rapido ने WestBridge के नेतृत्व में $120 मिलियन जुटाए थे

फंडिंग ब्रेकअप: Rapido कैसे जुटाए गए ₹250 करोड़?

Rapido के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पारित किया है, जिसके तहत 47,743 सीरीज E प्रेफरेंस शेयर्स को ₹52,467 प्रति शेयर की कीमत पर जारी किया गया है। इस राउंड में कुल ₹250 करोड़ ($29.7 मिलियन) जुटाए गए हैं।

👉 सीरीज E राउंड में कुल निवेश – $200 मिलियन
👉 Rapido की मौजूदा वैल्यूएशन – $1.1 बिलियन (~₹8,726 करोड़)

Prosus की Rapido में हिस्सेदारी

इस नए निवेश के बाद Prosus की Rapido में हिस्सेदारी लगभग 2.9% हो जाएगी। इसके साथ ही, कंपनी की कुल वैल्यूएशन ₹8,726 करोड़ (~$1.1 बिलियन) तक पहुंच गई है, जो इसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की सूची में बनाए रखता है

Rapido की ग्रोथ: मजबूत राजस्व और घाटे में कमी

Rapido ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में 46.3% सालाना ग्रोथ दर्ज की और कंपनी का राजस्व ₹648 करोड़ तक पहुंच गया।

👉 राजस्व (FY24) – ₹648 करोड़
👉 घाटा (FY24) – ₹371 करोड़ (45% की कमी)

कंपनी ने अपने घाटे को 45% तक कम किया, जो पहले की तुलना में एक महत्वपूर्ण सुधार है। यह दर्शाता है कि Rapido अपनी फाइनेंशियल हेल्थ को मजबूत कर रहा है और प्रॉफिटेबिलिटी की ओर बढ़ रहा है

Rapido: भारत की अग्रणी बाइक टैक्सी सर्विस

Rapido एक राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म है, जो मुख्य रूप से बाइक टैक्सी, ऑटो रिक्शा और डिलीवरी सेवाएं प्रदान करता है। यह भारत के 100+ शहरों में काम कर रहा है और तेजी से अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है।

Rapido की सफलता के पीछे की रणनीति

  1. बाइक टैक्सियों की लोकप्रियता – बड़े शहरों में ट्रैफिक की समस्या के कारण, बाइक टैक्सियों की डिमांड बढ़ रही है।
  2. कम लागत, ज्यादा सुविधा – Rapido की सेवाएं अन्य राइड-हेलिंग कंपनियों की तुलना में सस्ती हैं, जिससे यह आम लोगों के लिए किफायती विकल्प बनता है।
  3. डिजिटल पेमेंट और ऑफर्स – कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर डिजिटल वॉलेट और डिस्काउंट ऑफर्स के जरिए ग्राहकों को आकर्षित कर रही है।
  4. ऑटो और डिलीवरी सेगमेंट में विस्तार – Rapido सिर्फ बाइक टैक्सियों तक सीमित नहीं है; अब यह ऑटो राइड्स और डिलीवरी सर्विसेज में भी अपनी पकड़ बना रहा है।

Rapido की भविष्य की योजनाएं

👉 अधिक शहरों में विस्तार – कंपनी आने वाले समय में नए भारतीय शहरों में अपनी सेवाएं लॉन्च कर सकती है।
👉 ऑटो और डिलीवरी सेगमेंट को मजबूत करना – बाइक टैक्सियों के अलावा, Rapido ऑटो सेवाओं और हाइपरलोकल डिलीवरी पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
👉 प्रॉफिटेबिलिटी पर फोकस – घाटे को और कम करने और कंपनी को प्रॉफिटेबल बनाने के लिए नए बिजनेस मॉडल अपनाए जाएंगे।

निष्कर्ष

Rapido की ₹250 करोड़ (~$29.7 मिलियन) की ताजा फंडिंग से यह साफ है कि भारत में माइक्रो-मोबिलिटी और बाइक टैक्सी सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। Prosus जैसे बड़े निवेशकों की भागीदारी इस बात को दर्शाती है कि Rapido का भविष्य उज्ज्वल है।

अगर कंपनी अपनी मौजूदा ग्रोथ को बनाए रखती है, तो यह आने वाले वर्षों में भारत की सबसे बड़ी राइड-हेलिंग कंपनियों में शामिल हो सकती है। 🚀

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Mobility फर्म Rapido $60 मिलियन जुटाने की तैयारी में,

Rapido

भारत की प्रमुख मूविलिटी कंपनी Rapido जल्द ही $60 मिलियन जुटाने की प्रक्रिया में है। यह राशि Prosus से मुख्य रूप से प्राइमरी और सेकेंडरी कैपिटल के मिश्रण के रूप में प्राप्त होगी। तीन सूत्रों के अनुसार, यह निवेश रैपिडो के चल रहे $200 मिलियन फंडिंग राउंड का हिस्सा होगा।

Prosus का निवेश और फंडिंग राउंड का विस्तार

एक सूत्र के अनुसार, Prosus रैपिडो में $60 मिलियन की हिस्सेदारी खरीदेगा। इस डील के नियमों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इससे रैपिडो के शुरुआती निवेशकों को आंशिक निकासी का मौका भी मिलेगा।” यह डील Rapido की वित्तीय रणनीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे कंपनी के भविष्य के विकास को समर्थन मिलेगा।

इससे पहले, रैपिडो ने WestBridge Capital से अपने सीरीज E फंडिंग राउंड में $120 मिलियन पहले ही प्राप्त किए हैं। यह निवेश सेटू AIF और Konark जैसे निवेश वाहनों के जरिए किया गया था।

फंडिंग राउंड के पूरा होने की प्रक्रिया

सूत्रों के अनुसार, Prosus के $60 मिलियन के साथ रैपिडो का सीरीज E फंडिंग राउंड पूरा हो जाएगा। एक अन्य सूत्र ने बताया, “Prosus के निवेश के बाद रैपिडो का सीरीज E राउंड सफलतापूर्वक संपन्न हो जाएगा।”

इस फंडिंग के बाद कंपनी के विकास और विस्तार की योजनाएं मजबूत होंगी, जिससे रैपिडो के बाजार में पकड़ और अधिक मजबूत हो जाएगी। हालांकि, सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि कंपनी का मूल्यांकन इस दौर के बाद भी अपरिवर्तित रहेगा।

रैपिडो का मूल्यांकन और पहले के निवेश

रैपिडो का अनुमानित मूल्यांकन TheKredible के आंकड़ों के अनुसार लगभग $1.02 बिलियन है। यह मूल्यांकन पहले के सीरीज E राउंड के दौरान तय किया गया था, जो पूरी तरह से WestBridge Capital के जरिए फंड किया गया था। इस नए निवेश के बाद, कंपनी की वैल्यूएशन को कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि Prosus का निवेश कंपनी के वर्तमान विकास पर केंद्रित है।

कंपनी का परिचय

रैपिडो एक प्रमुख मूविलिटी फर्म है, जो बाइक टैक्सी सेवाओं और अन्य शहरी परिवहन समाधानों के लिए जानी जाती है। कंपनी का लक्ष्य तेज, सस्ती और सुरक्षित यात्रा सेवाएं प्रदान करना है। भारत के कई शहरों में अपनी सेवा के विस्तार के बाद, रैपिडो ने अपने उपयोगकर्ता आधार और सेवा की गुणवत्ता में लगातार सुधार किया है।

संस्थापक और कंपनी का नेतृत्व

रैपिडो की स्थापना 2015 में अरविंद संका, पवन गुंटुपल्ली, और आरविंदर सिंह द्वारा की गई थी। कंपनी के संस्थापकों का मानना है कि शहरी परिवहन की समस्याओं का समाधान बाइक टैक्सी सेवाओं के जरिए किया जा सकता है, जिससे यातायात के बढ़ते बोझ को कम किया जा सके। रैपिडो ने भारत के कई शहरों में अपनी सेवाओं का विस्तार किया है और यह तेजी से बढ़ती मूविलिटी कंपनियों में से एक बन चुकी है।

फंडिंग और वित्तीय स्थिति

रैपिडो ने अपने विकास के विभिन्न चरणों में कई महत्वपूर्ण निवेशकों से फंडिंग प्राप्त की है। WestBridge Capital और अब Prosus के साथ, कंपनी ने $200 मिलियन की बड़ी फंडिंग हासिल की है। इसके पहले दौर में, रैपिडो ने $120 मिलियन जुटाए थे, जो कंपनी के सेवा विस्तार और तकनीकी उन्नति में मददगार साबित हुए। अब, Prosus के साथ यह फंडिंग राउंड पूरा होने के बाद, रैपिडो के पास और अधिक संसाधन होंगे ताकि वे नए बाजारों में प्रवेश कर सकें और अपनी सेवाओं में सुधार कर सकें।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएं

इस फंडिंग का उपयोग कंपनी के सेवा विस्तार, तकनीकी सुधार, और उपयोगकर्ता अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। रैपिडो के पास पहले से ही कई भारतीय शहरों में एक मजबूत उपस्थिति है, और अब यह कंपनी छोटे शहरों और कस्बों में भी अपनी सेवा का विस्तार करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, रैपिडो अपने बाइक टैक्सी सेवा को अन्य वाहनों और सेवाओं के साथ जोड़ने पर भी विचार कर रही है, ताकि ग्राहकों को विविध परिवहन विकल्प मिल सकें।

निष्कर्ष

रैपिडो ने अपने सीरीज E फंडिंग राउंड में Prosus के $60 मिलियन के निवेश के साथ एक और मील का पत्थर हासिल किया है। इस फंडिंग से कंपनी को अपने व्यापार को और विस्तार देने और शहरी परिवहन के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूने का अवसर मिलेगा। संस्थापकों के नेतृत्व में, रैपिडो ने एक मजबूत बाजार उपस्थिति बनाई है, और आने वाले समय में यह कंपनी भारतीय परिवहन क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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