Gurugram mall responds after Zomato CEO Deepinder Goyal was denied entry while posing as delivery agent
गुरुग्राम के एंबीएंस मॉल ने Zomato के सीईओ दीपिंदर गोयल को एंट्री देने से इनकार करने के बाद तत्काल कार्रवाई की है। गोयल ने खुद को एक डिलीवरी एजेंट के रूप में पेश कर एंबीएंस मॉल में प्रवेश किया था, लेकिन सुरक्षा गार्ड ने उन्हें मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश करने से रोक दिया था।
इस घटना के बाद एंबीएंस मॉल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक सुविधाजनक ऑनलाइन फूड डिलीवरी पिकअप प्वाइंट बनाया है। मॉल के मालिक अर्जुन ने गोयल के पोस्ट पर ध्यान दिया और तुरंत कार्रवाई की।
गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा, “अर्जुन (एंबीएंस के मालिक) को मेरे पोस्ट का ध्यान आ गया और उन्होंने त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने डिलीवरी पार्टनरों के लिए एक आरामदायक ऑनलाइन फूड डिलीवरी पिकअप प्वाइंट बना दिया है।”
गोयल ने आगे कहा, “वह हमें मॉल के अंदर कुछ वॉकर्स भी तैनात करने के लिए सहमत हुए हैं, ताकि वे जल्दी से रेस्तरां से खाना लेकर इन पिकअप प्वाइंट्स तक पहुंचा सकें और डिलीवरी पार्टनरों को सौंप सकें। मैं अन्य मॉल मालिकों से भी अनुरोध करता हूं कि वे भी इसी तरह के इनोवेटिव समाधान तैयार करें, जिससे हमारे ग्राहक, डिलीवरी पार्टनर, रेस्तरां, डिलीवरी एग्रीगेटर्स और स्वयं मॉल का भी लाभ हो।”
अन्य मॉल भी करें डिलीवरी पार्टनरों के लिए उपाय
मॉल में डिलीवरी पार्टनरों के लिए सुविधाएं बढ़ाना जरूरी
डिलीवरी पार्टनरों के साथ होने वाले व्यवहार को लेकर मॉल प्रबंधन को अधिक संवेदनशील होना चाहिए। उन्हें डिलीवरी पार्टनरों की समस्याओं को समझने और उनके लिए उचित प्रबंधन करने की आवश्यकता है।
मॉल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिलीवरी पार्टनरों को मॉल में आने, ऑर्डर लेने और उन्हें निकालने के लिए सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्हें मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश करने दिया जाना चाहिए और उन्हें लिफ्ट का उपयोग करने की अनुमति देनी चाहिए।
डिलीवरी पार्टनरों के लिए विशेष प्रवेश और पार्किंग सुविधाएं
मॉल प्रशासन को डिलीवरी पार्टनरों के लिए अलग से प्रवेश और पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्हें मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश करने की अनुमति देनी चाहिए और उन्हें पार्किंग में विशेष स्थान देना चाहिए।
यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि डिलीवरी पार्टनर अपने काम को सरलता से और तेजी से कर सकें। उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान नहीं होना पड़ना चाहिए। मॉल प्रबंधन को उनकी जरूरतों और समस्याओं को समझने और उन पर ध्यान देने की जरूरत है।
डिलीवरी पार्टनरों के लिए विशेष क्षेत्र और सीटिंग व्यवस्था
मॉल प्रशासन को डिलीवरी पार्टनरों के लिए विशेष क्षेत्र और सीटिंग व्यवस्था करनी चाहिए। उन्हें अलग से इंतजार करने और आराम करने की जगह मिलनी चाहिए।
इससे न केवल डिलीवरी पार्टनरों को आराम मिलेगा, बल्कि मॉल के ग्राहकों को भी परेशानी नहीं होगी। डिलीवरी पार्टनर अलग से बैठकर अपने काम को पूरा कर सकेंगे और ग्राहकों की आवाजाही में बाधा नहीं होगी।
डिलीवरी एग्रीगेटर्स और रेस्तरां भी हों सहयोगी
डिलीवरी एग्रीगेटर्स और रेस्तरां के साथ समन्वय जरूरी
मॉल प्रबंधन को न केवल डिलीवरी पार्टनरों, बल्कि डिलीवरी एग्रीगेटर्स और रेस्तरां के साथ भी समन्वय करना चाहिए। उन्हें इस मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
डिलीवरी एग्रीगेटर्स और रेस्तरां भी डिलीवरी पार्टनरों की समस्याओं को हल करने में मदद कर सकते हैं। वे मॉल प्रबंधन के साथ मिलकर कार्रवाई कर सकते हैं और उनकी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
मॉल, रेस्तरां और डिलीवरी एग्रीगेटर्स का एक साथ काम करना जरूरी
मॉल, रेस्तरां और डिलीवरी एग्रीगेटर्स को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। इससे न केवल डिलीवरी पार्टनरों को लाभ होगा, बल्कि सभी पक्षों को भी।
ग्राहकों को भी इससे लाभ होगा, क्योंकि उन्हें बेहतर और तेज सेवा मिलेगी। रेस्तरां और डिलीवरी एग्रीगेटर्स को भी इससे लाभ होगा, क्योंकि उनके ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
विनिर्माण और रचनात्मक समाधान की जरूरत
डिलीवरी पार्टनरों के लिए निर्माण और रचनात्मक समाधान की जरूरत
मॉल प्रबंधन को डिलीवरी पार्टनरों के लिए रचनात्मक और निर्माण-आधारित समाधान तैयार करने की जरूरत है। वे सिर्फ सुविधाएं प्रदान करने से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि उन्हें इस दिशा में कुछ निर्माण और सुधार करने की जरूरत है।
उदाहरण के लिए, वे डिलीवरी पार्टनरों के लिए विशेष प्रवेश और पार्किंग सुविधाएं बना सकते हैं। वे उनके लिए अलग से क्षेत्र और सीटिंग व्यवस्था भी कर सकते हैं। इससे न केवल डिलीवरी पार्टनरों को लाभ होगा, बल्कि मॉल के ग्राहकों को भी सुविधा मिलेगी।
डिलीवरी पार्टनरों के लिए रचनात्मक और नवीन समाधानों की जरूरत
मॉल प्रबंधन को सिर्फ सुविधाएं प्रदान करने से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि उन्हें रचनात्मक और नवीन समाधान तैयार करने की जरूरत है। वे डिलीवरी पार्टनरों की समस्याओं को समझने और उन पर ध्यान देने की कोशिश करें।
उदाहरण के लिए, वे डिलीवरी पार्टनरों के लिए विशेष प्रवेश और पार्किंग सुविधाएं बना सकते हैं। वे उनके लिए अलग से क्षेत्र और सीटिंग व्यवस्था भी कर सकते हैं। इससे न केवल डिलीवरी पार्टनरों को लाभ होगा, बल्कि मॉल के ग्राहकों को भी सुविधा मिलेगी।
निष्कर्ष
एंबीएंस मॉल गुरुग्राम का तुरंत कदम उठाना सराहनीय है। उन्होंने Zomato सीईओ दीपिंदर गोयल के आने पर तुरंत कार्रवाई की और डिलीवरी पार्टनरों के लिए एक आरामदायक ऑनलाइन फूड डिलीवरी पिकअप प्वाइंट बना दिया।
यह एक अच्छा उदाहरण है कि कैसे मॉल प्रबंधन डिलीवरी पार्टनरों के साथ रचनात्मक और सहयोगी रुख अपना सकते हैं। उन्हें इस दिशा में और कदम बढ़ाने की जरूरत है और अन्य मॉल प्रबंधनों को भी इस तरह के समाधान तैयार करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।