Vecmocon Technologies को $10 मिलियन की फंडिंग

Vecmocon

वाहन इंटेलिजेंस कंपनी Vecmocon Technologies ने अपनी सीरीज ए फंडिंग के पहले चरण में $10 मिलियन (लगभग ₹83 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Ecosystem Integrity Fund (EIF) ने किया, जिसमें Blume Ventures और British International Investment (BII) ने भी हिस्सा लिया।


Vecmocon पिछले फंडिंग राउंड्स में भी रही मजबूत पकड़

इससे पहले, अक्टूबर 2022 में Vecmocon ने Tiger Global और Blume Ventures के नेतृत्व में $5.2 मिलियन जुटाए थे। हालांकि, इस बार के राउंड में Tiger Global ने भाग नहीं लिया। इसके अलावा, दिल्ली आधारित इस स्टार्टअप ने शुरुआती दिनों में $300k की फंडिंग प्राप्त की थी और इसे IIT दिल्ली और ISB में इनक्यूबेट किया गया था।


फंडिंग का उपयोग किसके लिए होगा?

Vecmocon इस नई फंडिंग का इस्तेमाल अपने अनुसंधान एवं विकास (R&D) क्षमताओं को मजबूत करने में करेगा। कंपनी का फोकस हाई-वोल्टेज सिस्टम्स, एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स (ESS), 5G ऑटोमोटिव कनेक्टिविटी, और Zonal ECU कंप्लायंट आर्किटेक्चर पर है। इसके अलावा, कंपनी की योजना एक अंतरराष्ट्रीय-स्तरीय R&D इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और अपनी टीम का विस्तार करने की भी है।


Vecmocon का सफर और तकनीकी समाधान

Vecmocon Technologies की शुरुआत 2016 में IIT दिल्ली में हुई थी। इसके संस्थापक पीयूष असाटी, आदर्शकुमार बालारामन, और शिवम वानखेड़े हैं। यह स्टार्टअप इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए एडवांस्ड कंप्यूटिंग सॉल्यूशंस प्रदान करता है।

कंपनी के प्रमुख उत्पाद:

  1. बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS)
  2. वाहन इंटेलिजेंस मॉड्यूल (VIM)
  3. EV चार्जर

कंपनी के इन उत्पादों का इस्तेमाल वर्तमान में 70,000 से अधिक वाहनों में हो रहा है।


प्रमुख ग्राहक और साझेदारियां

Vecmocon ने अपने प्रोडक्ट्स को कई बड़े नामों तक पहुंचाया है, जिनमें शामिल हैं:

  • Exide
  • BGauss
  • Battery Smart

इन साझेदारियों से कंपनी ने भारतीय EV बाजार में अपनी मजबूत पहचान बनाई है।


EV सेक्टर में Vecmocon की अहम भूमिका

इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में तेजी से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच, Vecmocon जैसी कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनके तकनीकी समाधान न केवल वाहनों की दक्षता बढ़ाते हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा और स्थिरता भी सुनिश्चित करते हैं।

R&D में निवेश क्यों जरूरी है?

Vecmocon अपने प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाने के लिए R&D में निवेश कर रहा है।

  • हाई-वोल्टेज सिस्टम्स: EVs की बढ़ती मांग के साथ, हाई-वोल्टेज सिस्टम्स का महत्व बढ़ गया है।
  • 5G ऑटोमोटिव कनेक्टिविटी: यह EVs को स्मार्ट और कनेक्टेड बनाता है।
  • एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स (ESS): बेहतर बैटरी क्षमता और दीर्घायु सुनिश्चित करता है।

फाउंडर्स का दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाएं

पीयूष असाटी और उनकी टीम का लक्ष्य है कि Vecmocon को भारत के EV क्षेत्र में अग्रणी बनाया जाए। इस दिशा में, कंपनी ने:

  1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार की योजना बनाई है।
  2. EV क्षेत्र के लिए सस्टेनेबल और ट्रेसेबल प्रोडक्ट्स विकसित करने का लक्ष्य रखा है।

भारत के EV बाजार में Vecmocon की भूमिका

भारत सरकार की EV को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं और नीति समर्थन से Vecmocon जैसी कंपनियों को बड़े अवसर मिल रहे हैं।

  • बढ़ती EV मांग: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी से वृद्धि हो रही है।
  • टेक्नोलॉजी-आधारित समाधान: Vecmocon के प्रोडक्ट्स EV निर्माताओं के लिए जरूरी साबित हो रहे हैं।

क्या कहता है भविष्य?

Vecmocon Technologies का फोकस भारतीय EV बाजार को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने पर है।

  • कंपनी के उत्पादों को भारत के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर अपनाया जा रहा है।
  • R&D में निवेश और इनोवेशन इसे EV क्षेत्र में मजबूती प्रदान करेगा।

सफलता की कहानी

Vecmocon की यात्रा यह दर्शाती है कि कैसे एक इनक्यूबेटेड स्टार्टअप तकनीकी समाधान देकर बाजार में अपनी जगह बना सकता है।


निष्कर्ष

Vecmocon Technologies ने भारतीय EV बाजार में नई तकनीक और इनोवेशन के जरिए अपनी पहचान बनाई है। नई फंडिंग से कंपनी के विकास की गति तेज होगी और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करेगी। EV क्षेत्र में ऐसे स्टार्टअप्स की सफलता भारत के तकनीकी भविष्य को दर्शाती है।

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Ola के IPO की तैयारी, 14 नवंबर को होगी महत्वपूर्ण बैठक

Ola

राइड-हेलिंग फर्म Ola ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए 14 नवंबर को अपनी पेरेंट कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के सदस्यों के लिए एक विशेष बैठक का आयोजन किया है। इस बात की जानकारी कंपनी सेक्रेटरी के 23 अक्टूबर को भेजे गए एक ईमेल में दी गई है, जिसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि ओला वर्तमान में IPO की संभावना पर विचार कर रही है, जो बाजार की स्थिति, नियामक अनुमतियों, कानूनी सहमति और अन्य प्रासंगिक आवश्यकताओं पर निर्भर करेगा।

Ola का IPO: ताज़ा इक्विटी और शेयरधारकों की बिक्री का हो सकता है मिश्रण

सूत्रों के मुताबिक, Ola की योजना IPO में ताज़ा इक्विटी जारी करने और योग्य मौजूदा शेयरधारकों के द्वारा हिस्सेदारी बेचने का विकल्प शामिल करने की है। यह माना जा रहा है कि कंपनी अगले तीन से चार सप्ताह के भीतर ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल कर सकती है। एक स्रोत ने बताया, “योजना के अनुसार, ओला अगले तीन से चार सप्ताह में DRHP दाखिल करेगी।” हालांकि, इस पर ओला ने अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है।

निवेशकों की मंजूरी से सार्वजनिक कंपनी बनने की ओर कदम

हाल ही में, द आर्क की रिपोर्ट में बताया गया कि Ola ने सार्वजनिक कंपनी बनने के लिए अपने निवेशकों से मंजूरी मांगी थी। अगस्त में Ola के सीईओ भविश अग्रवाल ने घोषणा की थी कि ओला कैब्स का नाम बदलकर ओला कंज्यूमर रखा जाएगा, जिसमें वित्तीय सेवाएँ, क्लाउड किचन और इलेक्ट्रिक लॉजिस्टिक्स को एक ही ब्रांड के तहत शामिल किया जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2023 में आय में 42% की वृद्धि, घाटे में कमी

Ola की पेरेंट कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजीज ने FY23 में 42% की वृद्धि के साथ Rs 2,799 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, साथ ही अपने घाटे को लगभग 50% घटाकर Rs 772 करोड़ कर दिया। हालांकि, कंपनी ने अभी तक FY24 के वित्तीय आंकड़े आधिकारिक रूप से नहीं प्रस्तुत किए हैं।

वेंगार्ड ने ओला का मूल्यांकन घटाकर किया $2 बिलियन

वेंगार्ड की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त के अंत में ओला का मूल्यांकन लगभग $2 बिलियन रहा। इससे पहले नवंबर 2023 में वेंगार्ड ने ओला का मूल्यांकन $1.88 बिलियन तक घटाया था। यह ध्यान देने योग्य है कि वर्ष 2021 में ओला का मूल्यांकन $7.3 बिलियन था। इस मूल्यांकन में गिरावट से यह स्पष्ट होता है कि ओला के सामने कुछ चुनौतियाँ हैं, खासकर तब जब उसकी सब्सिडियरी ओला इलेक्ट्रिक ने भी अपने स्टॉक मूल्य में उतार-चढ़ाव देखा है।

ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में गिरावट: IPO से पहले जोखिम

ओला इलेक्ट्रिक का अगस्त में लिस्टिंग के समय प्रति शेयर मूल्य Rs 76 था, लेकिन यह मूल्य घटकर Rs 72.6 पर आ गया, जो इसके उच्चतम स्तर Rs 157.53 से काफी कम है। ओला का IPO इस संबंध में दूसरा होगा जो कि भविश अग्रवाल के नेतृत्व में सार्वजनिक होने जा रहा है। हाल के रुझानों को देखते हुए, ओला का यह कदम चुनौतियों भरा हो सकता है, लेकिन अग्रवाल के नेतृत्व में ओला ने नई दिशा में कदम बढ़ाया है, जिससे इसे बाजार में स्थिरता प्राप्त हो सके।

14 नवंबर की बैठक का एजेंडा

कंपनी के सेक्रेटरी गगनदीप सिंह द्वारा भेजे गए ईमेल में उल्लेख किया गया है कि “एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (कंपनी) के सदस्यों की एक विशेष बैठक गुरुवार, 14 नवंबर, 2024 को दोपहर 4:00 बजे कंपनी के रजिस्टर्ड कार्यालय में आयोजित की जाएगी।” यह बैठक ओला की IPO प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिसमें निवेशकों और शेयरधारकों के साथ चर्चा कर IPO को अंतिम रूप देने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

भविष्य की रणनीति और संभावित विकास

ओला का IPO इसके व्यवसाय को एक नया आयाम दे सकता है, क्योंकि कंपनी ने अपने राइड-हेलिंग प्लेटफ़ॉर्म के साथ-साथ वित्तीय सेवाओं और लॉजिस्टिक्स में भी विस्तार किया है। कंपनी का फोकस न केवल राइड-हेलिंग सेवाओं में बल्कि इसके नए वर्टिकल में भी मजबूत उपस्थिति बनाना है। यह भी उम्मीद की जा रही है कि IPO से प्राप्त पूंजी से ओला अपने विस्तार और नवाचार योजनाओं को गति देगा।

निष्कर्ष

ओला के लिए IPO एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, विशेष रूप से वर्तमान बाजार स्थितियों और प्रतिस्पर्धी चुनौतियों के बीच। कंपनी की योजना अपने राजस्व को बढ़ाने और घाटे को कम करने की है, और IPO के माध्यम से सार्वजनिक बनने से इसे नई ऊँचाइयों पर पहुँचने का अवसर मिल सकता है।

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Boldfit: फिटनेस स्टार्टअप ने जुटाए ₹110 करोड़

Boldfit

बेंगलुरु स्थित डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) फिटनेस स्टार्टअप Boldfit ने हाल ही में ₹110 करोड़ (लगभग $13 मिलियन) की फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Bessemer Venture Partners ने किया, जो Boldfit की विकास योजनाओं को गति देगा। इसके पहले भी कंपनी ने ₹8.37 करोड़ का निवेश हासिल किया था, जिसमें भारतीय क्रिकेटर केएल राहुल भी निवेशकों में शामिल थे।

Boldfit का उद्देश्य: उत्पाद नवाचार और ब्रांड विस्तार

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस नई फंडिंग का उपयोग Boldfit के उत्पाद नवाचार और ब्रांड विस्तार को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। Boldfit के संस्थापक पल्लव बिहानी और आशना गुप्ता ने 2018 में इस कंपनी की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य फिटनेस के प्रति जुनून रखने वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती उत्पाद प्रदान करना है।

Boldfit एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो खेल और फिटनेस से जुड़े विभिन्न उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराता है। इनके उत्पादों में फिटनेस उपकरण, पोषण सप्लीमेंट, परिधान, और एक्सेसरीज़ शामिल हैं। कंपनी का कहना है कि वह बास्केटबॉल, साइक्लिंग, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, और क्रिकेट जैसे खेलों के लिए उपयुक्त उत्पाद प्रदान करती है। Boldfit की वेबसाइट पर 400 से अधिक उत्पाद उपलब्ध हैं, जो फिटनेस के प्रति लोगों के जुनून को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं।

Boldfit का बढ़ता नेटवर्क और सहयोग

Boldfit का दावा है कि उसने मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर जैसी IPL टीमों के साथ साझेदारी की है। यह सहयोग कंपनी को ब्रांड के रूप में और अधिक मजबूती प्रदान करता है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है। Boldfit अब तक 1 करोड़ से अधिक ग्राहकों की सेवा कर चुका है, जो फिटनेस के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है।

कंपनी का आगामी विस्तार: ऑफलाइन स्टोर्स और मिडिल ईस्ट मार्केट में प्रवेश

Boldfit ने अगले 12 से 18 महीनों में ऑफलाइन स्टोर खोलने की योजना बनाई है। इस पहल से कंपनी अपने ग्राहकों के साथ सीधे जुड़ने का मौका प्राप्त करेगी और उन्हें उत्पादों का अनुभव प्रदान कर सकेगी। साथ ही, Boldfit मिडिल ईस्ट के बाजार में भी प्रवेश करने की योजना बना रहा है, जहाँ फिटनेस और खेल से जुड़े उत्पादों की अच्छी मांग है।

कंपनी का मानना है कि नए बाजारों में जाने और अपने उत्पादों में नवाचार के माध्यम से, वे गुणवत्ता और इनोवेशन में नई ऊँचाइयों को छू सकते हैं।

Boldfit की फिटनेस इंडस्ट्री में भूमिका और उद्देश्यों का विस्तार

Boldfit का उद्देश्य है कि वह उच्च गुणवत्ता और किफायती उत्पादों के साथ भारतीय फिटनेस उद्योग में नए मानक स्थापित करे। फिटनेस की जरूरतों को पूरा करने के लिए Boldfit ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया है जो शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने वालों को सुविधाजनक और किफायती विकल्प प्रदान करता है।

पारंपरिक फिटनेस ब्रांडों से हटकर, Boldfit ने खुद को डिजिटल रूप से सशक्त ब्रांड के रूप में स्थापित किया है, जो फिटनेस के प्रति जुनून रखने वाले लोगों को सीधे उत्पाद उपलब्ध कराता है। उनकी प्रोडक्ट रेंज न केवल खेल और फिटनेस के उत्पादों तक सीमित है, बल्कि उनके पोषण सप्लीमेंट्स और एक्सेसरीज़ भी ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हैं।

कंपनी का भविष्य: और अधिक उत्पाद नवाचार

Boldfit मौजूदा फंडिंग का उपयोग अपने उत्पादों में और अधिक नवाचार करने के लिए करेगा। कंपनी का मानना है कि फिटनेस के प्रति भारतीय बाजार की दिलचस्पी बढ़ रही है और इसके लिए वह ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

कंपनी के अनुसार, वह ऐसे उत्पाद बनाने की कोशिश कर रही है जो ग्राहकों के लिए उपयोग में आसान, किफायती, और गुणवत्ता में उत्कृष्ट हों। इसके साथ ही, कंपनी अपनी उत्पाद रेंज को और विस्तृत करने की योजना बना रही है ताकि सभी प्रकार की फिटनेस आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

Boldfit का नजरिया: फिटनेस को हर व्यक्ति तक पहुंचाना

Boldfit की पूरी टीम का मानना है कि फिटनेस केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। वे अपने उत्पादों के माध्यम से इस विचार को बढ़ावा देना चाहते हैं और समाज में फिटनेस के प्रति जागरूकता फैलाना चाहते हैं। Boldfit का मिशन है कि वह फिटनेस को सभी लोगों के लिए किफायती और सुविधाजनक बनाए।

अंततः Boldfit भारतीय फिटनेस उद्योग में अपनी छवि को एक प्रीमियम फिटनेस ब्रांड के रूप में स्थापित करना चाहता है। इसके लिए कंपनी का मानना है कि वे ग्राहकों को न केवल गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन्हें फिटनेस के प्रति प्रेरित भी कर रहे हैं।

निष्कर्ष

Boldfit का यह फंडिंग राउंड उसे भारतीय फिटनेस बाजार में और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। Bessemer Venture Partners और अन्य निवेशकों के साथ, कंपनी ने एक मजबूत वित्तीय स्थिति बनाई है जो उसे उत्पाद विकास, ब्रांड विस्तार, और ग्राहकों के साथ प्रत्यक्ष संवाद में सहायक सिद्ध होगी। ऑफलाइन स्टोर्स की योजना और मिडिल ईस्ट मार्केट में प्रवेश Boldfit को नए ऊँचाइयों तक पहुँचाएगा, जो इसे एक वैश्विक फिटनेस ब्रांड के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा।

Boldfit के प्रयास और उनके उद्देश्यों का यह विस्तार एक संकेत है कि भारतीय फिटनेस बाजार में नवाचार और गुणवत्ता का भविष्य उज्ज्वल है। इस फंडिंग के साथ, Boldfit भारतीय ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता के उत्पाद और सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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EV-as-a-Service प्लेटफार्म Hala Mobility ने जुटाए ₹51 करोड़, भारत में विस्तार की योजना

Hala Mobility

EV-as-a-Service प्लेटफार्म Hala Mobility ने हाल ही में अपने प्री-सीरीज A फंडिंग राउंड में ₹51 करोड़ (लगभग $6 मिलियन) जुटाए हैं। यह फंडिंग संस्थापकों श्रीकांत रेड्डी और स्नेहित रेड्डी, Previa Health के संस्थापक फणी रामिनेनी, रोहन बजाज सिंडिकेट के माध्यम से Invstt, सार्थी एंजेल्स, Bestvantage, और कई हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) तथा फैमिली ऑफिस के नेटवर्क से प्राप्त हुई है।

Hala Mobility EV फ्लीट विस्तार और छह शहरों में विस्तार का लक्ष्य

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस फंड का उपयोग Hala Mobility के EV फ्लीट को बढ़ाने और भारत के छह अतिरिक्त शहरों में अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए किया जाएगा। Hala Mobility का लक्ष्य दिसंबर अगले साल तक 10,000 नए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने फ्लीट में शामिल करना है, जिससे यह शहरी परिवहन को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-सम्मत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा सके।

2020 में हुई Hala Mobility की स्थापना

Hala Mobility की स्थापना 2020 में श्रीकांत रेड्डी, स्नेहित रेड्डी मेड, और आनंद पारीक द्वारा की गई थी। कंपनी का उद्देश्य EV-as-a-Service प्लेटफार्म के माध्यम से ई-कॉमर्स कंपनियों और गिग वर्कर्स को इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा प्रदान करना है। कंपनी का प्लेटफार्म एक ऐप के साथ आता है, जिसमें EV, बैटरी और ड्राइवर प्रबंधन के लिए सॉफ़्टवेयर शामिल है, जो 95% अपटाइम गारंटी और चौबीसों घंटे सेवा उपलब्धता सुनिश्चित करता है।

Hala Mobility ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ भागीदारी

हैदराबाद स्थित इस स्टार्टअप ने वर्तमान में Bigbasket, Zomato, और Zepto जैसी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ भागीदारी की है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने 13 इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माताओं और आठ बैटरी निर्माताओं के साथ साझेदारी की है। Hala Mobilityका एक सघन सेवा नेटवर्क सेटअप है, जिसे S3 स्टेशन के रूप में जाना जाता है। ये S3 स्टेशन मांग और आपूर्ति के केंद्र के रूप में कार्य करते हैं, जो कंपनी के EV-as-a-Service मॉडल को समर्थन प्रदान करते हैं।

Hala Mobility टिकाऊ और पर्यावरण-सम्मत शहरी परिवहन का उद्देश्य

Hala Mobility का उद्देश्य है कि वह अपने प्लेटफार्म के माध्यम से शहरी परिवहन को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-सम्मत बनाए। इसके लिए वे नए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने बेड़े में शामिल कर रहे हैं और कई शहरों में अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं। कंपनी के संस्थापक मानते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते उपयोग से शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण कम होगा और लोगों को एक सस्ता, सुलभ और प्रभावी परिवहन का विकल्प मिलेगा।

अगले कदम

इस फंडिंग के साथ, Hala Mobility का लक्ष्य है कि वह अपनी सेवाओं का दायरा और अधिक बढ़ा सके। कंपनी अपनी EV फ्लीट का आकार बढ़ाने के साथ-साथ अपने ऐप में नए फीचर्स जोड़ने की योजना बना रही है, जिससे ग्राहकों को एक सहज अनुभव मिल सके।

EV क्षेत्र में तेजी से बढ़ते कदम

Hala Mobility का फोकस EV फ्लीट में तेज वृद्धि पर है। कंपनी ने अगले वर्ष के अंत तक 10,000 से अधिक नए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने बेड़े में जोड़ने की योजना बनाई है। Hala का EV-as-a-Service मॉडल भारत के शहरी क्षेत्रों में गिग वर्कर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए परिवहन सेवाओं में सुधार कर रहा है, जिससे इन व्यवसायों के संचालन में कुशलता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है। कंपनी का लक्ष्य शहरों में अधिक EV प्वाइंट्स, जैसे चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग केंद्र, स्थापित करना भी है, ताकि ड्राइवरों को निरंतर सेवा उपलब्ध हो सके और वे समय की बचत कर सकें।

तकनीकी नवाचार: ऐप और बैटरी प्रबंधन

Hala Mobility का प्लेटफार्म तकनीकी नवाचारों पर आधारित है, जिसमें EV और बैटरी प्रबंधन के लिए एक विशेष ऐप शामिल है। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य फ्लीट का प्रभावी प्रबंधन करना, बैटरी उपयोग की निगरानी करना और ड्राइवरों के कार्य को सुगम बनाना है। Hala का यह ऐप ग्राहकों को 24×7 सेवा उपलब्ध कराने की सुविधा देता है, साथ ही वाहन और बैटरी की स्थिति की जानकारी भी देता है। इसके जरिए कंपनी अपने फ्लीट का अपटाइम अधिकतम 95% तक सुनिश्चित करने में सक्षम हो रही है, जिससे यह अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान कर सके।

सस्टेनेबल मोबिलिटी के लिए बढ़ती मांग

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति रुचि लगातार बढ़ रही है, और Hala Mobility इस मांग को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है। बढ़ते शहरीकरण, वायु प्रदूषण की समस्याओं और पर्यावरणीय समस्याओं के कारण EV सेक्टर में निवेश और उपयोग दोनों ही बढ़ रहे हैं। Hala Mobility, ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी कंपनियों के साथ मिलकर अपने प्लेटफार्म का विस्तार कर रही है, ताकि उन कंपनियों को अपने संचालन को अधिक पर्यावरण-सम्मत बनाने में मदद मिले।

ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण

Hala Mobility ने अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी है, विशेष रूप से ई-कॉमर्स और गिग इकोनॉमी से जुड़े कर्मचारियों के लिए। ये ड्राइवर अक्सर दिन में लंबे समय तक सड़क पर रहते हैं, और उनके लिए एक सुरक्षित, सुगम और पर्यावरण-सम्मत परिवहन माध्यम महत्वपूर्ण है। Hala के प्लेटफार्म में अत्याधुनिक बैटरी प्रबंधन सिस्टम और कस्टमर सपोर्ट सुविधाएं शामिल हैं, जो ड्राइवरों के लिए हर परिस्थिति में उपयोगी साबित होती हैं। इसके अलावा, Hala Mobility अपने ड्राइवरों और ग्राहकों को वास्तविक समय में वाहन की स्थिति और सेवा की उपलब्धता की जानकारी प्रदान करती है, जिससे सेवा में पारदर्शिता और भरोसे में इजाफा होता है।

सस्टेनेबल मोबिलिटी में बदलाव का प्रयास

Hala Mobility के संस्थापकों का मानना है कि भारत में सस्टेनेबल मोबिलिटी में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने की क्षमता है। कंपनी का उद्देश्य देश में प्रदूषण को कम करना और शहरी परिवहन को एक नया स्वरूप देना है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती स्वीकार्यता और सरकार द्वारा EV क्षेत्र में प्रोत्साहन नीतियों से Hala जैसे स्टार्टअप्स को बड़े स्तर पर काम करने का अवसर मिल रहा है। कंपनी का लक्ष्य भारत में EV परिवहन को अधिक किफायती और सुलभ बनाना है, ताकि लोग आसानी से इसे अपनाएं और प्रदूषण को कम करने में योगदान दें।

आगे की योजना

फंडिंग प्राप्त करने के बाद, Hala Mobility के पास EV क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ाने का अच्छा अवसर है। कंपनी ने अपनी EV फ्लीट में नए वाहनों को जोड़ने के साथ-साथ, देश के अन्य प्रमुख शहरों में विस्तार करने की योजना बनाई है। भविष्य में, Hala अन्य परिवहन साधनों जैसे इलेक्ट्रिक तिपहिया और चार-पहिया वाहनों को भी अपने प्लेटफार्म में शामिल करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, कंपनी अपने EV सॉल्यूशन को और भी बेहतर बनाने के लिए नए तकनीकी समाधान और ग्राहक-केंद्रित सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

निष्कर्ष

Hala Mobility का यह फंडिंग राउंड न केवल कंपनी के विकास के लिए बल्कि भारत में EV-as-a-Service क्षेत्र में विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। कंपनी का सस्टेनेबल मोबिलिटी के प्रति समर्पण और विभिन्न शहरों में अपनी सेवाओं का विस्तार करने का लक्ष्य इसे एक प्रमुख EV सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। Hala Mobility का यह प्रयास शहरी परिवहन को बदलने और भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

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Weekly funding report इस हफ्ते 13 Indian startup ने जुटाए $362 मिलियन: ग्रोथ, फंडिंग और नए लॉन्च पर एक नजर

Last Week Indian startups

Weekly funding report पिछले हफ्ते Indian startup ने $362 मिलियन की फंडिंग जुटाई, जिसमें 13 स्टार्टअप्स ने अपनी पूंजी में बढ़ोतरी की। इनमें 6 ग्रोथ-स्टेज डील और 5 अर्ली-स्टेज डील शामिल हैं, जबकि 2 स्टार्टअप्स ने अपने ट्रांजेक्शन विवरण का खुलासा नहीं किया। यह आंकड़ा पिछले हफ्ते की तुलना में 93.84% अधिक है, जिसमें लगभग $187 मिलियन की फंडिंग की गई थी।

Weekly funding report ग्रोथ-स्टेज डील्स: फिनटेक और ई-कॉमर्स में भारी निवेश

ग्रोथ-स्टेज में 6 स्टार्टअप्स ने कुल $270.4 मिलियन जुटाए। फिनटेक NBFCs, Finova Capital और Vridhi Home Finance ने क्रमशः $135 मिलियन और $36.9 मिलियन जुटाकर टॉप पोजिशन हासिल की। इसके बाद B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Udaan ने $35 मिलियन जुटाए। अन्य प्रमुख ग्रोथ-स्टेज डील्स में Country Delight ($23.7 मिलियन), EvoluteIQ ($20 मिलियन), और Arya.ag ($19.8 मिलियन) शामिल हैं।

अर्ली-स्टेज डील्स: नई टेक्नोलॉजीज में बढ़ता निवेश

इस हफ्ते 5 अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने $91.92 मिलियन की फंडिंग हासिल की। ट्रेवल प्लेटफॉर्म Tripfactory ने लीड किया, इसके बाद edu-wealthtech स्टार्टअप Zinc, फुल-स्टैक बायोफ्यूल्स फर्म ARYA, AI-बेस्ड डेटा एनालिटिक्स कंपनी Auquan, और ऑन-डिमांड होम सर्विस प्लेटफॉर्म COOX शामिल हैं।

Birla Brainiacs और Dear Me ने भी फंडिंग जुटाई लेकिन अपने ट्रांजेक्शन विवरण का खुलासा नहीं किया है। अधिक जानकारी के लिए TheKredible पर जा सकते हैं।

शहर और सेगमेंट के हिसाब से फंडिंग

शहर के हिसाब से देखें तो बेंगलुरु आधारित स्टार्टअप्स ने 7 डील्स के साथ बढ़त बनाई, इसके बाद दिल्ली-एनसीआर, जयपुर, मुंबई, और इंदौर का स्थान रहा। सेगमेंट के लिहाज से फिनटेक स्टार्टअप्स ने टॉप पोजिशन हासिल की, जिसमें 4 डील्स रही। इसके बाद ई-कॉमर्स, एग्रीटेक, बायोटेक, और एडटेक स्टार्टअप्स ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।

सीरीज-वाइज डील्स: सीड फंडिंग का दबदबा

इस हफ्ते सीड फंडिंग डील्स में सबसे अधिक 4 डील्स हुईं। इसके बाद डेब्ट, सीरीज ए, सीरीज बी, सीरीज ई, और एंजल डील्स आईं।

साप्ताहिक फंडिंग ट्रेंड

पिछले आठ हफ्तों का औसत फंडिंग $308.13 मिलियन प्रति सप्ताह है, जिसमें हर हफ्ते लगभग 27 डील्स हो रही हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में फंडिंग को लेकर सकारात्मक ट्रेंड बना हुआ है।

फंड लॉन्च

अर्ली-स्टेज वेंचर कैपिटल फर्म First Cheque ने अगले 18 महीनों में 15-20 स्टार्टअप्स में निवेश करने की योजना की घोषणा की है। कंपनी ने अपना दूसरा फंड 38 करोड़ रुपये पर बंद किया था और अब तीसरे कोहोर्ट के तहत नए निवेश की योजना बना रही है, जिसमें हर स्टार्टअप के लिए $500,000 तक की प्री-सीड फंडिंग होगी।

प्रमुख नियुक्तियां और इस्तीफे

स्टार्टअप इकोसिस्टम में इस हफ्ते एक महत्वपूर्ण नियुक्ति देखने को मिली। BluSmart ने Rupa Devi Singh को इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया। वहीं, OLX India के एमडी और सीईओ अमित कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

मर्जर और अधिग्रहण

Nazara Technologies की सहायक कंपनी Datawrkz ने Space & Time में 100% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया, जो एक यूके-बेस्ड ग्रोथ मार्केटिंग एजेंसी है। इस अधिग्रहण की कीमत लगभग Rs 52.3 करोड़ ($6.2 मिलियन) रही। इस अधिग्रहण से Datawrkz यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास कर रही है।

नए लॉन्च और पार्टनरशिप

▪️ BharatPe ने निवेश संबंधी नए ऐप की शुरुआत की।

▪️ Swiggy ने बेंगलुरु में 10 मिनट में दवाई डिलीवरी सेवा लॉन्च की।

संभावित डील्स

▪️ Easy Home Finance जल्द ही Rs 210 करोड़ जुटाने की तैयारी में है, जिसका नेतृत्व Claypond Capital करेगा।

▪️ Deepak Ravindran की KiranaPro सीड फंडिंग जुटाने की तैयारी में है।

▪️ InsuranceDekho और RenewBuy संभावित मर्जर में PolicyBazaar को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।

इस हफ्ते के वित्तीय परिणाम

▪️ Facebook India का शुद्ध लाभ 43% बढ़कर Rs 505 करोड़ पहुंचा।

▪️ Whatfix ने US में Rs 306 करोड़ की आय दर्ज की, घाटा घटा।

▪️ MyGate की कुल आय FY24 में Rs 110 करोड़ के करीब, घाटा 82% घटा।

▪️ Meesho ने FY24 में अपने घाटे को 97% घटाकर Rs 53 करोड़ किया।

▪️ Ninjacart ने FY24 में Rs 2002 करोड़ का सकल राजस्व दर्ज किया।

▪️ ElasticRun की GMV 49% घटकर Rs 2,434 करोड़ हो गई, घाटे में 42% की कमी।

▪️ Amazon India की लॉजिस्टिक्स इकाई ने FY24 में Rs 4,889 करोड़ की आय दर्ज की।

▪️ Infra.Market का टैक्स बाद लाभ FY24 में 2.4X बढ़कर Rs 378 करोड़ हुआ।

▪️ Razorpay की भुगतान गेटवे सेवाओं से Rs 2,000 करोड़ की आय FY24 में दर्ज हुई।

▪️ Unicommerce की Q2 FY25 में आय Rs 30.5 करोड़ और शुद्ध लाभ Rs 6 करोड़ रहा।

▪️ Atomberg का FY24 में राजस्व 31% बढ़कर Rs 848 करोड़ हुआ।

▪️ Google India का FY24 में राजस्व Rs 5,518 करोड़ और मुनाफा Rs 1,424 करोड़ रहा।

▪️ Walmart India का FY24 में राजस्व Rs 5,200 करोड़ पर रहा।

▪️ Flipkart Internet का GMV FY24 में $8.5 बिलियन हुआ, घाटा घटा।

इस हफ्ते की प्रमुख सुर्खियाँ

▪️ UPI में अक्टूबर में 10% महीने-दर-महीने की वृद्धि।

▪️ Ola Electric का टू-व्हीलर मार्केट शेयर अक्टूबर में 30% पहुंचा।

▪️ Swiggy ने अपने IPO का आकार घटाया।

▪️ Cashfree Payments को RBI का PPI लाइसेंस मिला।

▪️ भारत में मनी लॉन्डरिंग में संलिप्त अवैध पेमेंट गेटवे पर सख्त कार्रवाई।

▪️ Avanse Financial को Rs 3,500 करोड़ के IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली।

▪️ Tata Group ने ‘Neu Flash’ के साथ क्विक कॉमर्स में कदम रखा।

इस हफ्ते का फंडिंग ट्रेंड दर्शाता है कि भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। नए फंड लॉन्च और प्रमुख फाइनेंसियल परिणाम बताते हैं कि इंडस्ट्री में स्थिरता और विकास की संभावनाएं बनी हुई हैं। वहीं, भारत सरकार अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है, ताकि डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सके।

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मुंबई स्थित Easy Home Finance ने जुटाए 210.35 करोड़ रुपये

Easy Home Finance

मुंबई स्थित होम लोन प्लेटफ़ॉर्म Easy Home Finance ने क्लेपॉन्ड कैपिटल और एसएमबीसी एशिया के नेतृत्व में 210.35 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई है। यह कंपनी के लिए दो साल में पहला पूंजी निवेश है; इससे पहले सितंबर 2023 में कंपनी ने सीरीज ए राउंड में लगभग 8 मिलियन डॉलर जुटाए थे।

Easy Home Finance फंडिंग का वितरण और प्रमुख निवेशक

रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, Easy Home Finance के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पास किया, जिसके तहत 1,27,30,960 फुली पेड इक्विटी शेयर 165.23 रुपये प्रति शेयर की दर पर जारी किए गए। इस निवेश के माध्यम से कंपनी ने कुल 210.35 करोड़ रुपये जुटाए।

फंडिंग राउंड का नेतृत्व क्लेपॉन्ड कैपिटल ने किया, जिसने 150.5 करोड़ रुपये का निवेश किया। एसएमबीसी एशिया राइजिंग फंड ने 48.75 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि एसवीएस ट्रस्ट (IV) और आर्ट कॉर्पोरेट एडवाइजर्स ने 5 करोड़ रुपये का योगदान दिया।

क्लेपॉन्ड कैपिटल, मणिपाल समूह के अध्यक्ष रंजन पई के फैमिली ऑफिस के रूप में जाना जाता है, जिसमें हेल्थिफायमी, आकाश इंस्टीट्यूट, ब्लूस्टोन, फार्मईजी और पर्पल जैसी कई अन्य स्टार्टअप्स में भी निवेश किया गया है।

ईज़ी होम फाइनेंस का होम लोन बाजार में प्रभाव

ईज़ी होम फाइनेंस का मुख्य फोकस होम लोन वितरण और इससे जुड़ी सेवाओं जैसे घर खोजने, रेनोवेशन और शिफ्टिंग असिस्टेंस पर है। कंपनी का दावा है कि उसने तृतीय-पक्ष लेंडर्स के माध्यम से 500 करोड़ रुपये से अधिक के लोन फाइनेंस किए हैं, जिससे 5,000 परिवारों को घर खरीदने में मदद मिली है। यह कंपनी का अनोखा व्यवसाय मॉडल है, जो घर के खरीदारों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

ईज़ी होम फाइनेंस का उद्देश्य केवल वित्तीय सहायता प्रदान करना ही नहीं, बल्कि एक समग्र अनुभव प्रदान करना भी है जिसमें घर ढूंढने से लेकर उसे रेनोवेट करने तक की मदद शामिल है। यह पहल उपभोक्ताओं को होम लोन से जुड़े कई पहलुओं में मदद करती है, जिससे उनका घर खरीदने का सपना आसान हो जाता है।

भारत के बढ़ते हाउसिंग मार्केट में ईज़ी होम फाइनेंस की स्थिति

भारत में हाउसिंग सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और इसमें होम लोन की मांग में भी वृद्धि देखी जा रही है। इस बढ़ते बाजार में ईज़ी होम फाइनेंस ने एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। कंपनी का उद्देश्य है कि वह विभिन्न आय वर्गों के ग्राहकों के लिए भी किफायती और आसान लोन विकल्प उपलब्ध कराए।

भारत में मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना एक बड़ी चुनौती रही है। बैंक अक्सर जटिल प्रक्रियाओं और उच्च ब्याज दरों के कारण होम लोन देने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसी चुनौती को देखते हुए ईज़ी होम फाइनेंस ने एक सरल और उपभोक्ता-केंद्रित अप्रोच अपनाया है, जिसमें वे ग्राहकों की आर्थिक स्थिति और उनकी जरूरतों के अनुसार लोन के विकल्प पेश करते हैं।

कंपनी की भविष्य की योजनाएं और इस निवेश का महत्व

यह नया निवेश ईज़ी होम फाइनेंस को अपनी सेवाओं का विस्तार करने और अपने तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मदद करेगा। कंपनी का लक्ष्य है कि वह अपने डिजिटल प्लेटफार्म को और बेहतर बनाकर होम लोन प्रोसेस को और अधिक सहज बनाए। यह निवेश कंपनी को अपने कस्टमर बेस को बढ़ाने में भी सहायक होगा, जिससे अधिक से अधिक लोग होम लोन की सुविधाओं का लाभ उठा सकें।

ईज़ी होम फाइनेंस ने अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए टेक्नोलॉजी-ड्रिवन अप्रोच को अपनाया है, जिससे ग्राहकों को कम से कम समय में लोन मिलने में मदद मिलती है। कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग करके एक ऐसा प्लेटफार्म विकसित किया है, जो ग्राहकों को उनके प्रोफाइल और आवश्यकता के अनुसार सबसे उपयुक्त लोन विकल्प प्रदान करता है।

रंजन पई के नेतृत्व में क्लेपॉन्ड कैपिटल का योगदान

क्लेपॉन्ड कैपिटल ने ईज़ी होम फाइनेंस के लिए सबसे बड़ा निवेश किया है। रंजन पई का स्टार्टअप्स में निवेश का एक लंबा अनुभव है, और उन्होंने कई सफल कंपनियों में निवेश किया है। उनकी निवेश रणनीति उन्हें अन्य निवेशकों से अलग बनाती है, क्योंकि वे केवल वित्तीय सहायता ही नहीं, बल्कि कंपनी के विकास और विस्तार में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।

रंजन पई के फैमिली ऑफिस क्लेपॉन्ड कैपिटल का निवेश केवल एक फाइनेंशियल निवेश नहीं है, बल्कि यह ईज़ी होम फाइनेंस के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन का स्रोत भी है। पई का अनुभव और उनकी टीम की विशेषज्ञता कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी।

भारत में होम लोन के क्षेत्र में बढ़ते अवसर

भारत में होम लोन सेक्टर में तेजी से वृद्धि हो रही है। सरकार द्वारा अफोर्डेबल हाउसिंग पर जोर और लोगों में घर खरीदने की बढ़ती इच्छा ने इस सेक्टर में नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त किया है। ईज़ी होम फाइनेंस जैसी कंपनियां इस बढ़ते बाजार में अपनी सेवाओं के माध्यम से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

ईज़ी होम फाइनेंस का यह निवेश भारत में होम लोन के क्षेत्र में कंपनी की स्थिति को मजबूत करेगा और बाजार में अपनी पकड़ को और भी पुख्ता बनाएगा। कंपनी का उद्देश्य अपने ग्राहकों को एक संपूर्ण अनुभव प्रदान करना है, जिसमें होम लोन के अलावा घर खोजने, खरीदने और शिफ्टिंग की सुविधाएं भी शामिल हैं।

निष्कर्ष

ईज़ी होम फाइनेंस का यह नया निवेश न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारतीय होम लोन सेक्टर के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह अपने ग्राहकों को एक सहज और आसान होम लोन प्रक्रिया प्रदान करे, जिससे वे अपने सपनों का घर खरीदने में सक्षम हो सकें। इस निवेश से ईज़ी होम फाइनेंस को अपने प्लेटफार्म को और अधिक विस्तारित करने का अवसर मिलेगा, जिससे भारत के होम लोन मार्केट में उसकी पकड़ और मजबूत होगी।

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Country delight ने 200 करोड़ रुपये का वेंचर डेट फंडिंग जुटाई,

Country delight

गुरुग्राम स्थित डेयरी और डेली एसेंशियल ब्रांड Country Delight ने हाल ही में ऑल्टरिया कैपिटल से 200 करोड़ रुपये की वेंचर डेट फंडिंग जुटाई है। कंपनी ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि यह फंड उनके विस्तार, उत्पादन क्षमता बढ़ाने और ब्रांड मार्केटिंग के प्रयासों के लिए उपयोग किया जाएगा।

कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ चक्रधर गाडे ने कहा, “जैसे-जैसे हम अपने ऑपरेशन्स का विस्तार कर रहे हैं और आईपीओ यात्रा की तैयारी कर रहे हैं, हमारे लिए विभिन्न प्रकार की पूंजी का उपयोग करके वित्तीय दक्षता में सुधार करना और अगले चरण की वृद्धि के लिए खुद को तैयार करना महत्वपूर्ण है।”

गाडे और नितिन कौशल द्वारा स्थापित, कंट्री डिलाइट अपने ग्राहकों को डेयरी उत्पादों, बेकरी सामान, पोल्ट्री और ताजे फार्म उत्पादों की एक विस्तृत रेंज प्रदान करती है। कंपनी सीधे डेयरी फार्मों से उत्पादों की सोर्सिंग करती है और दिल्ली (एनसीआर), मुंबई, बेंगलुरु, जयपुर, चेन्नई और पुणे सहित 15 शहरों में 1.5 मिलियन ग्राहकों की सेवा करती है।

स्टार्टअप डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म ‘द क्रेडिबल’ के अनुसार, कंट्री डिलाइट यूनिकॉर्न बनने के करीब है, और पिछले इक्विटी राउंड में इसकी वैल्यूएशन लगभग 820 मिलियन डॉलर आंकी गई थी। अब तक कंपनी ने लगभग 200 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।

‘द आर्क’ की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष FY24 में कंट्री डिलाइट ने 1,380 करोड़ रुपये का राजस्व पोस्ट किया, जबकि FY23 में कंपनी का राजस्व लगभग 900 करोड़ रुपये था, जो FY22 के 542.6 करोड़ रुपये से काफी अधिक था। D2C फर्म ने मई और अगस्त में दो किस्तों में 140 करोड़ रुपये का डेट फंडिंग भी प्राप्त किया था।

Country Delight के तेजी से बढ़ते कारोबार और फंडिंग योजनाओं पर एक नजर

Country Delight की यह हालिया फंडिंग भारतीय डेयरी और उपभोक्ता वस्तुओं के बाजार में उसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है। देश के बड़े शहरों में इसका विस्तार और उत्पादों की बढ़ती मांग ने कंपनी को एक मजबूत स्थिति में ला दिया है। इस वेंचर डेट फंडिंग के साथ, कंपनी न केवल अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना चाहती है, बल्कि अपने उत्पादों की गुणवत्ता और वितरण नेटवर्क को भी विस्तार देने की योजना बना रही है।

Country Delight IPO की तैयारी और वित्तीय रणनीति

चक्रधर गाडे का मानना है कि Country Delight की IPO यात्रा एक महत्वपूर्ण कदम है, और इसके लिए वित्तीय प्रबंधन और पूंजी के विविध स्रोतों का उपयोग आवश्यक है। यह वेंचर डेट फंडिंग IPO के पहले का एक कदम है, जिससे कंपनी को वित्तीय स्थिरता मिलेगी और निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा। इस रणनीति के तहत, कंट्री डिलाइट का उद्देश्य अपने ऑपरेशन्स को बढ़ाना और लागत प्रबंधन को प्रभावी ढंग से करना है।

गाडे ने आगे कहा कि कंपनी का लक्ष्य है कि आने वाले समय में विभिन्न शहरों और छोटे कस्बों में भी अपनी पहुंच को और व्यापक बनाए। उन्होंने कहा, “हम ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी अपने ब्रांड की पहचान को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं ताकि अधिकतम उपभोक्ताओं तक अपने ताजे और गुणवत्ता वाले उत्पाद पहुंचा सकें।”

डेयरी से लेकर अन्य आवश्यक उत्पादों की रेंज में विस्तार

कंट्री डिलाइट ने अपनी शुरुआत डेयरी उत्पादों से की थी, लेकिन समय के साथ कंपनी ने अन्य दैनिक आवश्यकताओं जैसे बेकरी, पोल्ट्री और फार्म उत्पादों को भी अपनी सूची में शामिल किया है। इस व्यापक उत्पाद रेंज ने ग्राहकों को एक भरोसेमंद विकल्प प्रदान किया है, जहाँ से वे अपनी दैनिक आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर सकते हैं।

कंपनी के अनुसार, उनके उत्पाद सीधे फार्मों से ग्राहकों तक पहुंचते हैं, जो उपभोक्ताओं को ताजे और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद सुनिश्चित करता है। यह सीधे फार्म-टू-कस्टमर मॉडल भी कंट्री डिलाइट की प्रमुख यूएसपी (यूनिक सेलिंग प्रोपोजिशन) में से एक है, जिससे वह अन्य प्रतिस्पर्धियों से आगे निकल रही है।

वित्तीय प्रदर्शन में निरंतर वृद्धि

कंट्री डिलाइट ने पिछले कुछ वर्षों में अपने वित्तीय प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है। जहां FY22 में कंपनी का राजस्व 542.6 करोड़ रुपये था, वहीं FY23 में यह बढ़कर 900 करोड़ रुपये हो गया और FY24 में यह 1,380 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कंपनी के इस तेज़ी से बढ़ते राजस्व ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है और इसके यूनिकॉर्न बनने की संभावना को और भी मजबूत किया है।

स्टार्टअप डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफार्म ‘द क्रेडिबल’ की रिपोर्ट के अनुसार, कंट्री डिलाइट की वर्तमान वैल्यूएशन लगभग 820 मिलियन डॉलर है, जो यह संकेत देती है कि यह जल्द ही यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो सकती है। यूनिकॉर्न का दर्जा प्राप्त करना कंपनी के लिए एक बड़ा मील का पत्थर होगा और इससे उसकी बाजार की स्थिति और मजबूत होगी।

नवीनतम फंडिंग और आने वाले भविष्य की योजनाएं

ऑल्टरिया कैपिटल से प्राप्त 200 करोड़ रुपये की यह नवीनतम फंडिंग कंपनी की विस्तार योजनाओं और ब्रांड निर्माण में सहायता करेगी। कंट्री डिलाइट की योजना है कि इन फंड्स का उपयोग कर वह अपने वितरण नेटवर्क को और मजबूत करे, जिससे उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद समय पर और ताजे उपलब्ध हो सकें। कंपनी ने मई और अगस्त में भी 140 करोड़ रुपये का डेट फंड प्राप्त किया था, जो उसके वित्तीय बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ बनाने में मदद करेगा।

कंपनी के सह-संस्थापक नितिन कौशल का कहना है कि कंट्री डिलाइट का फोकस न केवल बड़े शहरों में बल्कि छोटे और मझोले शहरों में भी पहुंच बनाने पर है। “हमारा लक्ष्य है कि हम देश के हर कोने में गुणवत्तापूर्ण डेयरी और फार्म उत्पादों को उपलब्ध कराएं। इस नवीनतम फंडिंग से हमें और अधिक ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिलेगी,” कौशल ने कहा।

कंट्री डिलाइट की ब्रांड पहचान और उपभोक्ता विश्वास

कंट्री डिलाइट ने एक विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण ब्रांड के रूप में अपनी पहचान बनाई है। अपने फार्म-टू-टेबल मॉडल और उत्कृष्ट ग्राहक सेवा के कारण, यह ब्रांड उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हो गया है। कंपनी ने समय-समय पर अपने उत्पादों में नवाचार और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं, जिससे उसका ब्रांड लोयल्टी मजबूत हुआ है।

इस नई फंडिंग से कंट्री डिलाइट को अपने उत्पादों की गुणवत्ता और उपभोक्ता अनुभव को और भी बेहतर करने का अवसर मिलेगा। कंपनी का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह वृद्धि और विस्तार न केवल उसे वित्तीय रूप से लाभान्वित करेगा, बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं को भी लाभान्वित करेगा।

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EvoluteIQ: AI और ऑटोमेशन के जरिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तेजी लाने वाला स्टार्टअप

EvoluteIQ

EvoluteIQ, एक बिजनेस ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म, ने हाल ही में $20 मिलियन की इक्विटी और डेट फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Round2 Capital ने किया, और इसमें Nordea Growth Fund, DCAP Select, और PH Ventures ने भी भाग लिया। कंपनी के मुताबिक, इन फंड्स का उपयोग EvoluteIQ के AI ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने और वैश्विक विस्तार में मदद के लिए किया जाएगा।

EvoluteIQ: क्या है और कैसे काम करता है?

EvoluteIQ की स्थापना 2019 में समीत गुप्ते द्वारा की गई थी। यह एक AI-संचालित एंड-टू-एंड ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म है जो लो-कोड/नो-कोड अप्रोच के जरिए काम करता है। इसका मतलब है कि बिना ज्यादा तकनीकी जानकारी के भी, कंपनियां इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को तेज़ी से आगे बढ़ा सकती हैं। EvoluteIQ के प्लेटफॉर्म में जनरेटिव AI, इंटेलिजेंट डेटा प्रोसेसिंग, प्रोसेस ऑटोमेशन, RPA (रॉबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन), और वेब/मोबाइल एप्लिकेशन डेवेलपमेंट जैसे फीचर्स शामिल हैं।

इस प्लेटफॉर्म में पहले से ही कई कनेक्टर्स इनबिल्ट होते हैं, जो इसे एंटरप्राइज़ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आसान बनाने और गति प्रदान करने में सहायक बनाते हैं। इसके जरिए कंपनियां अपने वर्कफ्लो को बेहतर बना सकती हैं, ऑपरेशनल कॉस्ट को कम कर सकती हैं, और विभिन्न इंडस्ट्रीज़ में बड़े पैमाने पर स्केलेबिलिटी ला सकती हैं।

EvoluteIQ के प्लेटफॉर्म की खासियतें

EvoluteIQ का प्लेटफॉर्म एक ऑल-इन-वन सॉल्यूशन के रूप में कार्य करता है, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख फीचर्स शामिल हैं:

  1. जनरेटिव AI: यह फीचर कंपनी को उनके डेटा का सही उपयोग करने में सक्षम बनाता है, जिससे निर्णय-निर्धारण में सहायता मिलती है।
  2. प्रोसेस ऑटोमेशन और RPA: इससे कंपनियां मैन्युअल प्रक्रियाओं को कम कर सकती हैं और ऑटोमेटेड वर्कफ्लो सेटअप कर सकती हैं।
  3. इंटेलिजेंट डेटा और इवेंट प्रोसेसिंग: यह डेटा की प्रोसेसिंग को तेज करता है और इवेंट-ड्रिवन प्रोसेसिंग को सपोर्ट करता है, जिससे बिजनेस प्रोसेसेज और भी कुशल बनते हैं।
  4. लो-कोड/नो-कोड डेवलपमेंट: इसके जरिए तकनीकी विशेषज्ञता के बिना भी उपयोगकर्ता आसानी से वेब और मोबाइल एप्लिकेशन बना सकते हैं।

कैसे मददगार है EvoluteIQ का प्लेटफॉर्म?

आज के दौर में, हर कंपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के महत्व को समझती है। लेकिन इसके साथ आने वाली जटिलताओं और लागत को संभालना एक चुनौती भरा काम हो सकता है। EvoluteIQ इस चुनौती का समाधान प्रदान करता है, जिससे कंपनियों को अपने ऑटोमेशन इनिशिएटिव को आसानी से लागू करने में मदद मिलती है। इसके फीचर्स और यूजर-फ्रेंडली डिज़ाइन इसे उन बिजनेस के लिए भी आदर्श बनाते हैं, जिन्हें तकनीकी ज्ञान की कमी है।

EvoluteIQ का उद्देश्य ऑपरेशनल जटिलता को कम करके डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को गति देना है। इस प्लेटफॉर्म की मदद से कंपनियां जल्दी से जल्दी अपने कार्यों को ऑटोमेट कर सकती हैं, जिससे न केवल उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है बल्कि समय और लागत में भी बचत होती है।

वैश्विक विस्तार और फंडिंग का महत्व

नए फंड्स के जरिए EvoluteIQ अपने प्लेटफॉर्म की AI क्षमताओं को बढ़ाने और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी कंपनियों तक पहुंचाने की योजना बना रही है। ग्लोबल मार्केट में बिजनेस ऑटोमेशन की मांग तेजी से बढ़ रही है, और EvoluteIQ इस मौके का लाभ उठाकर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है।

Round2 Capital, Nordea Growth Fund, और अन्य निवेशकों की भागीदारी से EvoluteIQ के प्रति निवेशकों का विश्वास झलकता है। यह निवेश न केवल EvoluteIQ के उत्पाद को मजबूत करेगा बल्कि इसे एक ग्लोबल ब्रांड के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा।

फाउंडर समीत गुप्ते का विज़न

EvoluteIQ के फाउंडर समीत गुप्ते का कहना है कि उनका लक्ष्य एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित करना है जो विभिन्न इंडस्ट्रीज़ में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आसान बनाए। उनके अनुसार, EvoluteIQ एक ऐसा समाधान प्रदान करता है जो बिजनेस ऑटोमेशन की हर चुनौती का समाधान करता है। समीत का मानना है कि ऑटोमेशन के जरिए कंपनियों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है और उनके संचालन को और भी कुशल बनाया जा सकता है।

EvoluteIQ का प्रभाव

EvoluteIQ का लक्ष्य सिर्फ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छोटे और मझोले आकार के व्यवसायों के लिए भी उपयोगी है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से छोटे व्यवसाय अपने वर्कफ्लो को डिजिटल कर सकते हैं, जिससे उनकी प्रोडक्टिविटी में सुधार होगा और ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान की जा सकेगी।

इसके अलावा, AI और ऑटोमेशन के जरिए यह प्लेटफॉर्म बिजनेस को बढ़ने का नया रास्ता प्रदान करता है। EvoluteIQ का लो-कोड/नो-कोड अप्रोच विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए लाभकारी है, जिनके पास तकनीकी साधनों की कमी है।

निष्कर्ष

EvoluteIQ का भविष्य उज्जवल दिखाई देता है। AI और ऑटोमेशन के क्षेत्र में इसके जैसे प्लेटफॉर्म्स की मांग बढ़ रही है, और EvoluteIQ का यूजर-फ्रेंडली और फीचर-समृद्ध प्लेटफॉर्म इसे बाजार में अलग पहचान दिला सकता है।

इस नए फंडिंग राउंड के साथ, EvoluteIQ ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि EvoluteIQ अपने वैश्विक विस्तार और अपने प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाने के अपने लक्ष्यों को कैसे हासिल करता है।

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B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Udaan ने जुटाए 300 करोड़ रुपये

Udaan

भारतीय बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Udaan ने लगभग 300 करोड़ रुपये (35 मिलियन डॉलर से अधिक) का डेट फंडिंग हासिल किया है। इस फंडिंग राउंड में प्रमुख निवेशक Lighthouse Canton, Stride Ventures, InnoVen Capital, और Trifecta Capital शामिल हैं। यह बेंगलुरु स्थित इस कंपनी का पिछले एक साल का पहला डेट राउंड है। नए फंड का उपयोग कंपनी की बैलेंस शीट को सशक्त बनाने और पूरे भारत में छोटे व्यवसायों को सशक्त करने के लिए किया जाएगा।

Udaan की दिसंबर 2023 में सीरीज़ E फंडिंग राउंड और मूल्यांकन में गिरावट

दिसंबर 2023 में Udaan ने 340 मिलियन डॉलर की सीरीज़ E फंडिंग जुटाई थी। इस राउंड का नेतृत्व M&G Plc ने किया था, जिसमें Lightspeed Venture Partners और DST Global जैसे मौजूदा निवेशक भी शामिल थे। हालांकि इस राउंड ने Udaan को एक वित्तीय बढ़ावा दिया, लेकिन कंपनी का मूल्यांकन 59.3% गिरकर 1.3 बिलियन डॉलर पर आ गया, जो पहले 3.2 बिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर पर था।

लाभ की ओर बढ़ता Udaan और 2024 में राजस्व में वृद्धि

Udaan का कहना है कि कंपनी लाभ की दिशा में बढ़ रही है। 2024 में कंपनी ने राजस्व में 60% की वृद्धि दर्ज की है, और कंपनी के रोज़ाना ट्रांजैक्शन करने वाले ग्राहकों की संख्या में भी 50% से अधिक की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, Udaan ने अपने EBITDA में बर्न रेट को 30% तक कम करने का दावा किया है, जिससे कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।

Udaan का विभिन्न श्रेणियों में व्यवसाय और विस्तृत नेटवर्क

2016 में स्थापित Udaan कई श्रेणियों में एक विशाल मार्केटप्लेस संचालित करता है। इनमें लाइफस्टाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, होम एंड किचन, स्टेपल्स, फल-सब्जियाँ, FMCG, फार्मा, खिलौने, और जनरल मर्चेंडाइज शामिल हैं। कंपनी का दावा है कि उसका नेटवर्क 900 से अधिक शहरों में फैला हुआ है, जिसमें 3 मिलियन से अधिक रिटेलर जुड़े हुए हैं।

लागत में कटौती और कर्मचारियों में कमी

Udaan ने पिछले एक साल में अपनी लागत को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस दिशा में किए गए प्रयासों में कर्मचारियों की छंटनी भी शामिल है। दिसंबर 2023 में, कंपनी ने 100 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से मुक्त किया, जिससे लागत को नियंत्रित करने में मदद मिली है।

भारतीय बाजार में Udaan का भविष्य और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने की योजना

भारतीय बी2बी ई-कॉमर्स क्षेत्र में Udaan ने छोटे व्यवसायों और खुदरा विक्रेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में खुद को स्थापित किया है। कंपनी का उद्देश्य न केवल छोटे व्यवसायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें एक संगठित और प्रौद्योगिकी-सक्षम प्लेटफॉर्म भी प्रदान करना है।

छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने की दिशा में Udaan की रणनीति

Udaan ने छोटे व्यवसायों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और उन्हें देशभर के विभिन्न बाज़ारों से जोड़ने में बड़ी सफलता पाई है। इसके माध्यम से कंपनी का उद्देश्य है कि छोटे और मध्यम स्तर के व्यापारी, जो परंपरागत रूप से बड़े ब्रांड्स से मुकाबला नहीं कर पाते थे, वे अब उभरते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकें। इस प्रयास में Udaan ने न केवल उन्हें एक टेक-ड्रिवन प्लेटफॉर्म प्रदान किया है, बल्कि उनके परिचालन को सरल बनाने के लिए कई सुविधाएं भी दी हैं।

फंडिंग का महत्व और भविष्य की योजनाएं

नए फंडिंग राउंड से प्राप्त 300 करोड़ रुपये का उपयोग Udaan अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने के साथ-साथ कंपनी के विस्तार में करेगा। Udaan की योजना है कि वह अपनी सेवाओं में और सुधार कर सके, जिससे छोटे व्यवसायों के लिए तकनीकी आधार पर खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया और सरल हो सके। नए फंड्स का एक हिस्सा इनवेंटरी मैनेजमेंट और सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन के लिए खर्च किया जाएगा, ताकि व्यवसायियों को एक अधिक भरोसेमंद और तेज़ डिलीवरी का अनुभव मिल सके।

Udaan के इस फंडिंग राउंड में निवेशक Lighthouse Canton, Stride Ventures, InnoVen Capital, और Trifecta Capital जैसे दिग्गज शामिल हैं। ये निवेशक मानते हैं कि Udaan का बिजनेस मॉडल भारतीय बाजार में अद्वितीय है और यह भारतीय खुदरा क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। उनका विश्वास है कि कंपनी द्वारा किए गए यह निवेश न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी साबित होगा।

कठिन आर्थिक परिस्थिति में सकारात्मक वृद्धि

2023 में वैश्विक मंदी के बावजूद Udaan ने सकारात्मक वृद्धि दिखाई है। कंपनी के राजस्व में 60% की वृद्धि और EBITDA बर्न रेट में 30% की कमी इस बात का प्रमाण है कि कंपनी ने अपने संचालन को अत्यधिक कुशल बनाया है। Udaan का लक्ष्य है कि कंपनी 2024 के अंत तक लाभ में आ जाए और आर्थिक संकट के बावजूद यह एक मजबूत वित्तीय स्थिति बनाए रखे।

लागत में कटौती के लिए अपनाई गई रणनीति

लागत में कमी के लिए Udaan ने कई कदम उठाए हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण कदम कर्मचारियों की संख्या में कमी करना था। दिसंबर 2023 में, कंपनी ने 100 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। इस निर्णय से कंपनी की संचालन लागत में कमी आई है और इसे वित्तीय रूप से स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली है। हालांकि, कंपनी ने यह सुनिश्चित किया है कि सेवा गुणवत्ता में कोई कमी न आए और ग्राहकों को पहले जैसी ही उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त हों।

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में Udaan की स्थिति

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में Udaan ने खुद को एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर लिया है। जहां Amazon और Flipkart जैसी कंपनियां B2C मॉडल पर आधारित हैं, वहीं Udaan का B2B मॉडल इसे बाकी कंपनियों से अलग बनाता है। यह मॉडल छोटे खुदरा विक्रेताओं को सीधे निर्माताओं और थोक विक्रेताओं से जोड़ता है, जिससे उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उचित मूल्य पर प्राप्त हो सकते हैं।

Udaan का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है और यह कंपनी को भारतीय बाजार की गहरी समझ प्रदान करता है। इस मजबूत नेटवर्क के माध्यम से Udaan ने न केवल खुदरा विक्रेताओं को बल्कि निर्माताओं और थोक विक्रेताओं को भी लाभ पहुंचाया है। इसने आपूर्ति श्रृंखला में समय और लागत दोनों को कम किया है, जो कि छोटे व्यवसायों के लिए अत्यंत लाभकारी है।

भारतीय ई-कॉमर्स का भविष्य और Udaan की भूमिका

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग लगातार विकासशील है और आने वाले वर्षों में इस उद्योग में कई और नवाचार देखने को मिलेंगे। Udaan का मानना है कि वह इस उद्योग के भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, विशेषकर छोटे और मध्यम व्यवसायों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने में। भारतीय बाजार में B2B ई-कॉमर्स का भविष्य उज्ज्वल है और Udaan जैसी कंपनियां इसमें सबसे आगे हैं।

कंपनी की यह पहल छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाएगी, जिससे भारतीय खुदरा क्षेत्र को नया आयाम मिलेगा। इसके साथ ही, Udaan का फोकस छोटे व्यापारियों के लिए आसानी से उपलब्ध वित्तीय सेवाओं को पेश करने पर भी है। कंपनी वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर छोटे व्यवसायों के लिए वित्तपोषण में सुधार लाने की योजना बना रही है।

निष्कर्ष

Udaan का यह नया फंडिंग राउंड कंपनी के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। कंपनी ने छोटे व्यवसायों के सशक्तिकरण की दिशा में जो प्रयास किए हैं, वे भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग को सकारात्मक दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होंगे।

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COOX ने अपने Seed राउंड में जुटाए $125K

COOX

ऑन-डिमांड होम सर्विसेज प्लेटफॉर्म COOX ने अपने Seed फंडिंग राउंड में $125K जुटाए हैं, जिसका नेतृत्व Inflection Point Ventures ने किया है। इस फंडिंग का उपयोग कंपनी अपनी सेवाओं को 20 से बढ़ाकर 40 शहरों तक फैलाने, मार्केटिंग प्रयासों को मजबूत बनाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने में करेगी, जिससे इसकी कार्यक्षमता और स्केलेबिलिटी में वृद्धि होगी।

COOX: होम सर्विसेज से लेकर इवेंट होस्टिंग तक की सुविधाएं

2019 में अक्षत गुप्ता और रजत जौहरी द्वारा स्थापित, COOX अपने ग्राहकों को 10 से अधिक प्रकार की होम सर्विसेज और इवेंट होस्टिंग सॉल्यूशन्स प्रदान करता है। इनमें प्रोफेशनल शेफ, हॉस्पिटैलिटी स्टाफ, रेंटल्स, और लाइव एंटरटेनमेंट शामिल हैं। इसके अलावा, यह मासिक सब्सक्रिप्शन पर घरेलू कुक की सुविधा भी प्रदान करता है, जिससे घर में खाना पकाने की सभी जरूरतें पूरी की जा सकें।

कंपनी का लक्ष्य न केवल होम सर्विस सेक्टर में टेक्नोलॉजी के माध्यम से सुधार लाना है, बल्कि गिग वर्कर्स के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करना है, विशेषकर हॉस्पिटैलिटी और इवेंट्स सेक्टर में। COOX के पास 3,000 से अधिक प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की टीम है जो देशभर में विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करती है।

5 लाख से अधिक ग्राहकों को कर चुका है सेवा प्रदान

COOX का दावा है कि कंपनी अब तक 5 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा दे चुकी है। यह ग्राहकों को 15 से अधिक प्रकार के व्यंजन जैसे भारतीय, कॉन्टिनेंटल, चाइनीज और अन्य इंटरनेशनल फूड ऑप्शंस भी प्रदान करती है। इसके प्लेटफॉर्म पर 500 से अधिक प्रकार के व्यंजन उपलब्ध हैं, जिससे ग्राहकों को अपने घर पर ही रेस्टोरेंट जैसी सेवाएं मिलती हैं।

20 शहरों में मौजूदगी और सेवाओं का विस्तार

अक्टूबर 2024 तक, COOX की भारत के 20 शहरों में उपस्थिति है और यह विभिन्न प्रकार की इवेंट होस्टिंग और हाउस पार्टी सेवाएं भी प्रदान कर रहा है। कंपनी के इस फंडिंग राउंड से यह उम्मीद की जा रही है कि वह आने वाले समय में अपने सेवा क्षेत्र को बढ़ाकर 40 शहरों तक ले जाएगी।

इसके अलावा, COOX ग्राहकों के लिए मासिक सब्सक्रिप्शन सेवा के रूप में घरेलू कुक की सुविधा भी प्रदान करता है। इस व्यापक सेवाओं के माध्यम से कंपनी ग्राहकों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्पर है, चाहे वे होम कुकिंग की सुविधा चाहते हों या इवेंट होस्टिंग सॉल्यूशन्स।

भारतीय खाद्य सेवा बाजार में अपार संभावनाएं

मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारतीय खाद्य सेवा बाजार के 2030 तक $125 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें विभिन्न सेगमेंट में बढ़ोतरी हो रही है। अकेले कैटरिंग इंडस्ट्री का मूल्य लगभग 20,000 करोड़ रुपये है, जो 15% की वार्षिक दर से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में बढ़ते हुए अवसरों और मांग को देखते हुए COOX का विस्तार इस बाजार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

तकनीकी एकीकरण से बढ़ेगी कार्यक्षमता

COOX अपनी सेवाओं में AI तकनीक को इंटीग्रेट करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिससे इसे बड़े स्तर पर ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी। AI इंटीग्रेशन के माध्यम से कंपनी का उद्देश्य सेवाओं में अधिक सटीकता लाना और उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाना है। इससे COOX न केवल अपनी सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ा पाएगा, बल्कि नए शहरों में तेज़ी से विस्तार कर सकेगा।

इवेंट होस्टिंग और गिग वर्कर्स के लिए रोजगार के अवसर

COOX का बिजनेस मॉडल एकीकृत सेवाएं प्रदान करने पर आधारित है, जिसमें इवेंट होस्टिंग से लेकर घरेलू सेवाएं शामिल हैं। कंपनी का उद्देश्य गिग वर्कर्स के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करना भी है। COOX के प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले 3,000 से अधिक प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, कंपनी का लक्ष्य है कि वह आने वाले समय में और अधिक लोगों को रोजगार दे सके।

COOX के भविष्य की योजनाएं और संभावनाएं

COOX की इस ताज़ा फंडिंग से उसे अपनी योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने का अवसर मिलेगा। कंपनी ने इस फंडिंग का उपयोग विस्तार, मार्केटिंग, और तकनीकी सुधार में करने की योजना बनाई है। COOX का यह कदम भारत के होम सर्विसेज और फूड इंडस्ट्री सेक्टर में एक बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर तब, जब लोग अपने घर पर किफायती और सुविधा जनक सेवाओं की तलाश में हैं।

COOX ने अपने इनोवेटिव मॉडल और उच्च-गुणवत्ता वाली सेवाओं के जरिए ग्राहकों में अपनी खास पहचान बनाई है। फंडिंग के बाद कंपनी के पास नए ग्राहकों को जोड़ने और अपनी सेवाओं को और व्यापक बनाने के बेहतरीन अवसर हैं।

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