वेल्थटेक प्लेटफॉर्म Smallcase ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने ऑपरेशनल रेवेन्यू को 50% से अधिक बढ़ाया है। कंपनी का राजस्व ₹106 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष FY24 में ₹67.4 करोड़ था। यह जानकारी कंपनी के दस्तावेज़ों और सूत्रों के हवाले से मिली है।
Smallcase ने न केवल अपने रेवेन्यू में ज़बरदस्त इज़ाफा किया है, बल्कि लागत पर भी नियंत्रण रखकर अपनी EBITDA हानि को घटाकर ₹9 करोड़ तक ला दिया है। हालांकि, FY25 में कंपनी को कुल ₹34 करोड़ का नेट लॉस हुआ है।
🧩 Smallcase क्या करता है?
Smallcase एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ब्रोकरों को एक्सचेंज-ट्रेडेड प्रोडक्ट्स (ETPs) में निवेश के लिए ट्रांजैक्शन की सुविधा देता है। इसका मुख्य रेवेन्यू स्रोत इन्हीं ब्रोकरों से ट्रांजैक्शन फीस वसूलना है। इसके अलावा, यह रिसर्च सर्विसेज और अन्य सहायक सेवाओं से भी कमाई करता है।
कंपनी का दावा है कि अब तक ₹1.2 लाख करोड़ से ज्यादा की ट्रांजैक्शन वैल्यू को प्रोसेस किया जा चुका है और इसके पास 1 करोड़ से ज्यादा निवेशकों का यूज़रबेस है।
💰 FY25 के फाइनेंशियल हाइलाइट्स
| मेट्रिक | FY24 | FY25 |
|---|---|---|
| ऑपरेशनल रेवेन्यू | ₹67.4 करोड़ | ₹106 करोड़ |
| EBITDA लॉस | ₹18 करोड़ (अनुमानित) | ₹9 करोड़ |
| नेट लॉस | ₹34 करोड़ | ₹34 करोड़ |
| ट्रांजैक्शन वैल्यू | ₹90,000 करोड़+ | ₹1.2 लाख करोड़ |
रेवेन्यू में उछाल के बावजूद, कंपनी ने अपने खर्चों पर नियंत्रण रखा जिससे इसका यूनिट इकॉनॉमिक्स पहले से बेहतर हुआ।
💸 फंडिंग और वैल्यूएशन का ग्राफ
Smallcase ने अब तक लगभग $120 मिलियन (₹1,000 करोड़ से ज्यादा) जुटाए हैं। मार्च 2025 में कंपनी ने $50 मिलियन की सीरीज़ D फंडिंग राउंड पूरी की, जिसे Elev8 Ventures ने लीड किया। इस राउंड में State Street Global Advisors, Niveshaay AIF, और Faering Capital ने भी हिस्सा लिया।
इससे पहले, 2022 में कंपनी ने $40 मिलियन जुटाए थे।
TheKredible के अनुसार, Smallcase की मौजूदा वैल्यूएशन $285-290 मिलियन (₹2,375 करोड़ लगभग) है।
🔹 मुख्य निवेशक और हिस्सेदारी:
- Peak XV Partners – 16.2%
- Faering Capital – 9.67%
- Blume Ventures – 7.67%
🧠 बाजार में प्रतिस्पर्धा
वेल्थटेक सेक्टर में Smallcase को कई दूसरे स्टार्टअप्स से प्रतिस्पर्धा मिल रही है:
- INDmoney – FY24 रेवेन्यू ₹70 करोड़
- Wint Wealth – FY24 रेवेन्यू ₹21 करोड़
- Scripbox, Dezerv, और अन्य – उभरते प्लेटफॉर्म्स जो निवेशकों को डायरेक्ट और स्मूथ एक्सेस देने का दावा करते हैं।
इनमें से कई प्लेटफॉर्म्स बॉन्ड्स, रियल एसेट्स, और स्मार्ट पोर्टफोलियोज़ में निवेश की सुविधा दे रहे हैं, जिससे यूज़र्स को विविध विकल्प मिलते हैं।
🚀 आगे की रणनीति
Smallcase अब अपने प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है। कंपनी के फोकस क्षेत्र:
- AI और डेटा एनालिटिक्स के ज़रिए यूज़र के व्यवहार को समझना
- नए प्रोडक्ट ऑफरिंग्स – जैसे थीमैटिक पोर्टफोलियो, SIP आधारित निवेश
- ब्रोकर पार्टनरशिप्स को मजबूत करना
- रीटेल निवेशकों को एडवाइजरी सेवाएं देना
हालांकि, FY25 में घाटा अभी भी बना हुआ है, लेकिन कम होता हुआ घाटा और बढ़ता हुआ रेवेन्यू यह दिखाता है कि कंपनी एक स्थिर बिज़नेस मॉडल की दिशा में बढ़ रही है।
📝 निष्कर्ष
Smallcase ने FY25 में सुधरते वित्तीय संकेतकों के साथ अपने लिए एक मज़बूत आधार तैयार किया है। वेल्थटेक सेक्टर में जहां निवेशक अनुभव, ट्रस्ट और परफॉर्मेंस अहम भूमिका निभाते हैं, वहां Smallcase अपनी जगह बनाने में कामयाब हो रहा है।
जैसे-जैसे भारत में डिजिटल इन्वेस्टमेंट और रीटेल फाइनेंशियल लिटरेसी बढ़ेगी, Smallcase और जैसे प्लेटफॉर्म्स के लिए अवसर भी उतने ही बढ़ते जाएंगे।
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