भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने Space Startups क्षेत्र में सहयोग देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्वीकृत किया है। इस फंड का उद्देश्य पूरे भारत में लगभग 40 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करना है, जिससे निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रगति को गति मिलेगी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवीनता के अवसर बढ़ेंगे।
यह फंड केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य घरेलू अंतरिक्ष कंपनियों को बनाए रखना और उन्हें उन्नत चरणों में विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सक्षम बनाना है।
केंद्र का लक्ष्य: निजी Space Startups तेजी लाना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के केंद्रीय बजट के दौरान इस फंड की घोषणा की थी। इसे अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा। इस फंड का औसत वार्षिक आवंटन 150 से 250 करोड़ रुपये के बीच होगा। वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, उसके बाद अगले तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपये और अंतिम वर्ष में 100 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
IN-SPACe करेगा फंड का प्रबंधन
इस फंड का प्रबंधन भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) द्वारा किया जाएगा, जो कि भारत में निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष उद्योग में भागीदारी को बढ़ावा देने वाली एजेंसी है। IN-SPACe का मुख्य कार्य निजी कंपनियों को अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें सरकारी संसाधनों और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में सहायता प्रदान करना है।
निवेश सीमा: 10 करोड़ से 60 करोड़ रुपये तक
इस फंड के तहत निवेश की राशि कंपनी की स्थिति, विकास की संभावनाओं और राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्षमताओं पर उसके प्रभाव के आधार पर तय की जाएगी। कंपनी के विकास के प्रारंभिक चरण के लिए 10 से 30 करोड़ रुपये तक का निवेश किया जा सकता है, जबकि देर से विकास के चरणों में यह राशि 30 से 60 करोड़ रुपये तक हो सकती है। इस तरह के निवेश से स्टार्टअप्स को अपनी तकनीक विकसित करने, नए उत्पादों का परीक्षण करने और अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी जगह बनाने में मदद मिलेगी।
अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को नई ऊर्जा
भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र हाल के वर्षों में तेजी से विकसित हुआ है और निजी कंपनियों की भागीदारी ने इसमें और अधिक संभावनाओं को जन्म दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कई निजी कंपनियों को प्रोत्साहित किया है, जो नई तकनीकें और नवाचार लाने में सक्षम हैं। इस वेंचर कैपिटल फंड का उद्देश्य उन्हीं स्टार्टअप्स को पूंजी प्रदान करना है, जो अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने विचारों और उत्पादों को बाजार में लाने के लिए वित्तीय मदद की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी से न केवल देश के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा।
फंड से क्या लाभ होंगे?
- नवाचार को प्रोत्साहन: इस फंड के माध्यम से छोटे और मध्यम आकार के स्टार्टअप्स को अपने शोध एवं विकास में निवेश करने और नए उत्पादों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
- तेजी से वृद्धि: निवेश के माध्यम से स्टार्टअप्स को अपने ऑपरेशंस का विस्तार करने, नए ग्राहकों तक पहुंचने और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा।
- राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक लाभ: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग सिर्फ वाणिज्यिक उद्देश्यों तक सीमित नहीं है; यह राष्ट्रीय सुरक्षा और निगरानी के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस फंड के जरिए निवेश किए गए स्टार्टअप्स राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए भी नई तकनीकें विकसित कर सकते हैं।
- नए रोजगार अवसर: इस फंड से स्टार्टअप्स को वित्तीय स्थिरता मिलेगी, जिससे नए रोजगार सृजित होंगे और वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में युवाओं को अवसर मिलेंगे।
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का बढ़ता महत्व
भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र, जिसे ISRO की प्रमुखता में स्थापित किया गया है, अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। चंद्रयान 3 और गगनयान जैसे मिशनों ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है। अब, निजी कंपनियों की भागीदारी से इस क्षेत्र में और भी संभावनाएं खुल रही हैं।
केंद्र सरकार की यह पहल न केवल भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को नया आयाम देगी, बल्कि विश्व के अन्य देशों के साथ सहयोग और प्रतिस्पर्धा में भी मददगार साबित होगी।
निजी निवेश का आकर्षण
इस वेंचर कैपिटल फंड के अलावा, केंद्र सरकार को उम्मीद है कि यह निवेश अन्य निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को भी आकर्षित करेगा, जो भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप्स में निवेश करने में रुचि रखते हैं।
इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारत में अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन हों ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें और अपनी तकनीक को वैश्विक बाजारों में लाने में सक्षम हों।
निष्कर्ष
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश के अंतरिक्ष मिशनों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को और मजबूत करेगा। यह फंड न केवल स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं को बेहतर बनाने, विस्तार करने और नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए भी प्रेरित करेगा।
इस पहल से भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास की नई लहर आएगी, जिससे देश की वैश्विक स्थिति और मजबूत होगी।
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