CityMall ने Trifecta और Alteria Capital से ₹55 करोड़ का कर्ज जुटाया

CityMall

ग्रोसरी-फोकस्ड सोशल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म CityMall ने अपने विस्तार और ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए Trifecta Venture Debt Fund और Alteria Capital Fund से ₹55 करोड़ ($6.3 मिलियन) का कर्ज जुटाया है।


📌 फंडिंग डिटेल्स: CityMall ने कैसे जुटाई पूंजी?

CityMall के बोर्ड ने 400 सीरीज X NCDs (Non-Convertible Debentures) को Trifecta Venture और 1,500 सीरीज X1 NCDs को Alteria Capital Fund को जारी करने का प्रस्ताव पारित किया। इनका फेस वैल्यू ₹10 लाख और ₹1 लाख क्रमशः तय किया गया, जिससे कुल ₹55 करोड़ की राशि जुटाई गई।

➡️ कंपनी इस कर्ज का इस्तेमाल अपने व्यापार के विस्तार और विकास में करेगी।


📊 ESOP पूल में बढ़ोतरी

CityMall ने अपने ESOP (Employee Stock Ownership Plan) पूल को भी बड़ा किया है

🔹 कंपनी ने 1,03,300 नए ESOP ऑप्शंस जोड़े हैं, जिनकी कुल कीमत ₹47 करोड़ है।
🔹 इससे CityMall का कुल ESOP पूल बढ़कर 3,73,200 ऑप्शंस हो गया, जिसका मूल्य ₹171 करोड़ आंका गया है।
🔹 हर 100 ESOP ऑप्शंस को 1 इक्विटी शेयर में बदला जाएगा।

➡️ यह कदम टॉप टैलेंट को रिटेन करने और कर्मचारियों को कंपनी के साथ जोड़ने की दिशा में उठाया गया है।


🛒 CityMall का बिजनेस मॉडल और विस्तार योजना

CityMall टियर II और III शहरों में ग्रोसरी, लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स और अन्य आवश्यक वस्तुएं बेचने के लिए एक समुदाय-आधारित सेलिंग नेटवर्क का उपयोग करता है।

📢 भविष्य की योजनाएं:
✅ कंपनी ब्यूटी प्रोडक्ट्स जैसी नई कैटेगरी जोड़ने की योजना बना रही है।
✅ इसके लिए कम्युनिटी रिसेलर्स के नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा।

➡️ यह कदम छोटे शहरों में सोशल ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने में मदद करेगा।


📉 3 साल बाद उठाया कर्ज, पिछली फंडिंग 2022 में हुई थी

CityMall ने पिछले 3 वर्षों में किसी भी प्रकार की बाहरी फंडिंग (डेट या इक्विटी) नहीं उठाई थी।

💰 पिछली फंडिंग:
✅ मार्च 2022 में Norwest Venture Partners की अगुवाई में कंपनी ने $75 मिलियन जुटाए थे
✅ उस समय कंपनी का मूल्यांकन $320 मिलियन था।
सबसे बड़े निवेशक: Elevation Capital, Accel, और Jungle Ventures हैं।

➡️ हाल की कर्ज जुटाने की प्रक्रिया बताती है कि CityMall अपने विस्तार और ऑपरेशनल खर्चों को सपोर्ट करने के लिए नए संसाधनों की तलाश में है।


📈 वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में 23% की ग्रोथ

CityMall ने वित्त वर्ष 2024 में ₹427 करोड़ का ग्रॉस रेवेन्यू (GMV) दर्ज किया, जो FY23 के ₹346 करोड़ से 23% ज्यादा है

📌 लेकिन घाटा भी बढ़ा:

FY24 में कंपनी को ₹159 करोड़ का नुकसान हुआ।
यह दर्शाता है कि CityMall अभी भी प्रॉफिटेबल बनने के लिए संघर्ष कर रहा है।

➡️ हालांकि, 23% की ग्रोथ बताती है कि कंपनी की सेल्स बढ़ रही हैं, लेकिन घाटे को कंट्रोल करना अभी भी चुनौती बना हुआ है।


⚔️ मुकाबला: DealShare ने बदला बिजनेस मॉडल, लेकिन राजस्व में गिरावट

CityMall के एक प्रमुख प्रतिद्वंदी DealShare ने 2023 में अपने कम्युनिटी ग्रुप-बायिंग मॉडल से हाइब्रिड मॉडल में शिफ्ट किया।

लेकिन,
FY24 में DealShare का राजस्व 75% तक गिर गया।
❌ Tiger Global द्वारा समर्थित यह कंपनी अब अपनी रणनीति को नए सिरे से देख रही है।

➡️ CityMall का फोकस अभी भी सोशल ई-कॉमर्स मॉडल पर है, जो इसे छोटे शहरों में ग्रोथ करने का मौका दे सकता है।


📌 CityMall के लिए आगे की राह?

कर्ज से मिली पूंजी कंपनी के विस्तार और लॉजिस्टिक्स सुधारने में मदद करेगी।
नई कैटेगरी (ब्यूटी प्रोडक्ट्स) जोड़कर मार्केट शेयर बढ़ाने की योजना।
ESOP एक्सपेंशन से कर्मचारियों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।
DealShare जैसे प्रतिद्वंद्वियों की चुनौतियों को देखते हुए, CityMall को अपनी रणनीति बेहतर बनानी होगी।

📢 आपकी राय?

क्या CityMall आने वाले वर्षों में लाभदायक बन पाएगा? क्या सोशल ई-कॉमर्स मॉडल भारत में लंबी अवधि तक टिक पाएगा? हमें कमेंट में बताएं! ⬇️

Read more :भारतीय stock market में सुस्ती, broking ऐप्स के यूजर बेस में गिरावट

भारतीय stock market में सुस्ती, broking ऐप्स के यूजर बेस में गिरावट

stock market

भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में सुस्ती देखने को मिली है, जिसका असर stock market ब्रोकिंग ऐप्स के यूजर बेस पर भी पड़ा है। पिछले एक साल में पहली बार इन प्लेटफॉर्म्स के कुल रजिस्टर्ड यूजर्स की संख्या घटी है। फरवरी 2025 में यह संख्या 1.37% घटकर 48.97 मिलियन हो गई, जबकि जनवरी 2025 में यह 49.64 मिलियन थी।


📉 बड़े ब्रोकर्स के यूजर बेस में गिरावट

1️⃣ Groww : नंबर 1 पर बरकरार, लेकिन गिरावट जारी

मार्केट शेयर: 26.57%
फरवरी 2025: 13.01 मिलियन यूजर्स
जनवरी 2025: 13.23 मिलियन यूजर्स
गिरावट: 1.68%

NSE (National Stock Exchange) के आंकड़ों के अनुसार, Groww  ने अपनी नंबर 1 की स्थिति बनाए रखी, लेकिन इसके यूजर बेस में गिरावट आई। जनवरी के 13.23 मिलियन यूजर्स की तुलना में फरवरी में 13.01 मिलियन यूजर्स ही एक्टिव रहे।


2️⃣ Zerodha: दूसरे स्थान पर, लेकिन 1.55% गिरावट

मार्केट शेयर: 16.25%
फरवरी 2025: 7.96 मिलियन यूजर्स
जनवरी 2025: 8.08 मिलियन यूजर्स
गिरावट: 1.55%

देश की दूसरी सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म Zerodha ने भी गिरावट दर्ज की। इसका एक्टिव यूजर बेस 8.08 मिलियन से घटकर 7.96 मिलियन रह गया।


3️⃣ Angel One: 1.53% की गिरावट के साथ तीसरे स्थान पर

मार्केट शेयर: 15.62%
फरवरी 2025: 7.65 मिलियन यूजर्स
जनवरी 2025: 7.77 मिलियन यूजर्स
गिरावट: 1.53%

Angel One, जो कि भारत की तीसरी सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म है, ने भी यूजर बेस में गिरावट दर्ज की और इसका यूजर बेस 7.77 मिलियन से घटकर 7.65 मिलियन रह गया।


📉 अन्य प्रमुख ब्रोकर्स भी प्रभावित

Upstox और ICICIdirect, जो चौथे और पांचवें स्थान पर हैं, ने भी अपने एक्टिव यूजर बेस में गिरावट दर्ज की।

4️⃣ Upstox: 2.42% की गिरावट

मार्केट शेयर: 5.70%
फरवरी 2025: 2.79 मिलियन यूजर्स
जनवरी 2025: 2.86 मिलियन यूजर्स
गिरावट: 2.42%

रतन टाटा द्वारा समर्थित Upstox का यूजर बेस 2.86 मिलियन से घटकर 2.79 मिलियन रह गया।


5️⃣ ICICIdirect: हल्की गिरावट

मार्केट शेयर: 3.96%
फरवरी 2025: 1.94 मिलियन यूजर्स
जनवरी 2025: 1.95 मिलियन यूजर्स
गिरावट: 0.57%

ICICIdirect का यूजर बेस हल्की गिरावट के साथ 1.95 मिलियन से 1.94 मिलियन रह गया।


📈 पारंपरिक ब्रोकर्स का प्रदर्शन

जहां प्रमुख ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म्स में गिरावट देखी गई, वहीं कुछ पारंपरिक ब्रोकरेज फर्म्स ने बेहतर प्रदर्शन किया।

✔️ HDFC Securities ने 1.97% की ग्रोथ दर्ज की

फरवरी 2025: 1.56 मिलियन यूजर्स
जनवरी 2025: 1.53 मिलियन यूजर्स
वृद्धि: 1.97%

HDFC Securities ने बाकी ब्रोकर्स के विपरीत 1.97% की बढ़त दर्ज की

❌ Kotak Securities में 0.93% की गिरावट

फरवरी 2025: 1.49 मिलियन यूजर्स
जनवरी 2025: 1.51 मिलियन यूजर्स
गिरावट: 0.93%

Kotak Securities ने हल्की गिरावट दर्ज की और 1.49 मिलियन यूजर्स पर सिमट गया।


📊 अन्य प्रमुख ब्रोकर्स की स्थिति

ब्रोकरेज फर्मफरवरी 2025 (मिलियन)जनवरी 2025 (मिलियन)बदलाव (%)
Motilal Oswal1.021.04🔻 1.92%
SBI Securities0.980.99🔻 1.01%

Motilal Oswal और SBI Securities ने अपनी क्रमशः 8वीं और 9वीं स्थिति बनाए रखी, लेकिन उनके यूजर बेस में गिरावट आई।


🚀 नए ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म्स में तेजी

जहां पुराने ब्रोकर्स गिरावट का सामना कर रहे हैं, वहीं नए और उभरते ब्रोकर्स ने मजबूत प्रदर्शन किया।

📌 PhonePe’s Share.Market ने सबसे ज्यादा ग्रोथ दर्ज की

फरवरी 2025: 0.35 मिलियन यूजर्स
जनवरी 2025: 0.34 मिलियन यूजर्स
वृद्धि: 2.58%

PhonePe का स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Share.Market ने 2.58% की वृद्धि दर्ज की, जो इस महीने की सबसे अधिक ग्रोथ थी।

📌 Dhan और INDmoney में भी बढ़त

Dhan: 0.70% की वृद्धि
INDmoney: 1.12% की वृद्धि


📉 शेयर बाजार में सुस्ती की वजह?

🔸 बाजार में उतार-चढ़ाव: हाल के महीनों में भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता रही है, जिससे नए निवेशकों का इंटरेस्ट घटा है।
🔸 लाभ बुकिंग: कई निवेशकों ने मुनाफा कमाने के लिए अपने पोर्टफोलियो से पैसा निकाला।
🔸 ब्याज दरों में बढ़ोतरी: RBI की नीतियों और महंगाई की वजह से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।


🔮 आगे का रास्ता

शेयर बाजार में स्थिरता आने के बाद नए निवेशकों की वापसी संभव है।
उभरते ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे PhonePe Share.Market और INDmoney निवेशकों को आकर्षित कर सकते हैं।
ब्रोकर्स को नए फीचर्स, आकर्षक डिस्काउंट और बेहतर सर्विसेज के जरिए ग्राहकों को बनाए रखना होगा।


📢 आपकी राय?

क्या आप भी स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं? क्या यह सही समय है नए निवेशकों के लिए एंट्री लेने का? हमें कमेंट में बताएं! ⬇️

Read more :Lahori Zeera beverage brand FY24 में 312 करोड़ रुपये का राजस्व

Lahori Zeera beverage brand FY24 में 312 करोड़ रुपये का राजस्व

Lahori Zeera

भारत के पारंपरिक स्वाद को एक नई पहचान देने वाला LAHORI ZEERA बीते एक दशक में देश के सबसे तेजी से बढ़ने वाले स्वतंत्र बेवरेज ब्रांड्स में से एक बन चुका है। पंजाब के रूपनगर स्थित इस कंपनी ने FY24 (अप्रैल 2023 – मार्च 2024) में 312 करोड़ रुपये की कमाई दर्ज की, जो कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 47.2% की वृद्धि को दर्शाता है।

📊 LAHORI ZEERA 47% की ग्रोथ, 3 गुना मुनाफा

LAHORI ZEERA की ग्रोथ केवल रेवेन्यू तक सीमित नहीं रही, बल्कि कंपनी का शुद्ध लाभ (Profit) भी FY23 के 7.6 करोड़ रुपये से बढ़कर FY24 में 22.5 करोड़ रुपये हो गया। यानी सिर्फ एक साल में 3 गुना की बढ़ोतरी


📌 Lahori Zeera की ग्रोथ के पीछे की वजहें

1️⃣ मजबूत प्रोडक्ट लाइनअप

कंपनी की ग्रोथ में इसकी लोकप्रिय ड्रिंक्स का बड़ा योगदान है:

Lahori Zeera – पारंपरिक भारतीय ज़ीरा ड्रिंक
Lahori Nimboo – नींबू-आधारित रिफ्रेशिंग ड्रिंक
Lahori Shikanji – देशी शिकंजी फ्लेवर

Lahori Zeera के साथ-साथ स्क्रैप सेल्स और अन्य गैर-ऑपरेटिंग आय (जैसे कि निवेश से हुए लाभ) ने भी कुल राजस्व को 313.5 करोड़ रुपये तक पहुंचाने में मदद की।


📊 Lahori Zeera के FY24 के वित्तीय आंकड़े

➡️ ऑपरेटिंग रेवेन्यू (Revenue from Operations):

FY24 – ₹312 करोड़
FY23 – ₹212 करोड़
वृद्धि: 47.2%

➡️ कुल राजस्व (Total Revenue):

FY24 – ₹313.5 करोड़

➡️ लागत में वृद्धि (Expenses Growth)

किसी भी FMCG ब्रांड के लिए कच्चे माल और उत्पादन लागत सबसे बड़ा खर्च होता है। FY24 में Lahori Zeera की सबसे बड़ी लागतें इस प्रकार थीं:

कच्चे माल की खरीद (Procurement Cost): ₹184 करोड़ (FY23: ₹136 करोड़) – 35.3% की वृद्धि
कर्मचारियों के वेतन (Employee Benefit Expenses): ₹27 करोड़ – 68.8% की वृद्धि
अन्य परिचालन लागत (Rent, Freight, Legal Fees, Overheads): ₹278 करोड़ (FY23: ₹203 करोड़) – 36.9% की वृद्धि

➡️ मुनाफा (Profit After Tax – PAT):

FY24: ₹22.5 करोड़
FY23: ₹7.6 करोड़
वृद्धि: 3X (तीन गुना)

➡️ प्रति रुपये की लागत (Cost Per Rupee Earned):

₹0.89 खर्च करने पर कंपनी को ₹1 की कमाई हुई।

➡️ EBITDA और ROCE मार्जिन:

EBITDA मार्जिन: 13.65%
ROCE (Return on Capital Employed): 15.36%

➡️ कुल मौजूदा संपत्ति (Total Current Assets – FY24):

✅ ₹76 करोड़
✅ जिसमें से ₹38 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस के रूप में जमा हैं।


🚀 Lahori Zeera की सफलता के पीछे की रणनीति

✅ 1. भारत के पारंपरिक स्वाद को बढ़ावा

Lahori Zeera की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह भारतीय स्वाद और पारंपरिक ड्रिंक्स को मॉडर्न पैकेजिंग और टेक्नोलॉजी के साथ प्रस्तुत करता है। ज़ीरा, शिकंजी और नींबू जैसे फ्लेवर भारतीय उपभोक्ताओं के बीच काफी पसंद किए जाते हैं।

✅ 2. छोटे शहरों और ग्रामीण बाजारों में पकड़ मजबूत

Lahori Zeera ने मेट्रो सिटीज़ के अलावा टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी अपनी बिक्री को बढ़ाया है। भारत के छोटे शहरों में हेल्दी और देसी बेवरेज की मांग बढ़ रही है, और Lahori Zeera इसी सेगमेंट पर फोकस कर रहा है।

✅ 3. किफायती मूल्य और क्वालिटी प्रोडक्ट्स

✅ ₹10-₹30 की किफायती रेंज में उपलब्ध Lahori Zeera की ड्रिंक्स सभी वर्गों के ग्राहकों के लिए सुलभ हैं।
FMCG मार्केट में प्रतिस्पर्धी प्राइसिंग से यह Coca-Cola और Pepsi जैसी कंपनियों को भी टक्कर दे रहा है।

✅ 4. डिजिटल और ऑफलाइन डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क

Lahori Zeera ने मजबूत ऑफलाइन डिस्ट्रीब्यूशन के साथ-साथ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (Amazon, Flipkart, Jiomart) पर भी अपनी पकड़ बना ली है। इससे कंपनी की पहुंच और सेल्स में बड़ा इज़ाफा हुआ है।


📈 भविष्य की योजनाएं

Lahori Zeera की तेज़ी से बढ़ती ग्रोथ यह संकेत देती है कि कंपनी आने वाले वर्षों में और अधिक विस्तार करने वाली है।

📌 नई कैटेगरी में एंट्री:
➡️ कंपनी जल्द ही नई बेवरेज कैटेगरी (जैसे एनर्जी ड्रिंक्स, हर्बल ड्रिंक्स, डेयरी-आधारित प्रोडक्ट्स) में कदम रख सकती है।

📌 डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का विस्तार:
➡️ मेट्रो शहरों के अलावा ग्लोबल मार्केट में भी विस्तार किया जाएगा।

📌 कैपेसिटी और मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाना:
➡️ बढ़ती डिमांड को देखते हुए नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाई जा सकती हैं।

📌 ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर अधिक निवेश:
➡️ कोला ब्रांड्स से मुकाबला करने के लिए कंपनी टीवी, डिजिटल और इंफ्लुएंसर मार्केटिंग पर ज़ोर दे सकती है।


🔮 निष्कर्ष: Lahori Zeera बना देसी FMCG ब्रांड का सितारा

FY24 में ₹312 करोड़ का राजस्व, 47% की ग्रोथ
मुनाफा 3 गुना बढ़कर ₹22.5 करोड़
भारतीय स्वाद और किफायती कीमतों के कारण ग्रामीण और छोटे शहरों में मजबूत पकड़
नए कैटेगरी और ग्लोबल विस्तार की योजना

💬 आपकी राय?

क्या Lahori Zeera भारत का अगला बड़ा FMCG ब्रांड बन सकता है? हमें कमेंट में बताएं! ⬇️

Read more :Elevation Capital के प्रिंसिपल अमित अग्रवाल ने दिया इस्तीफा,

Elevation Capital के प्रिंसिपल अमित अग्रवाल ने दिया इस्तीफा,

Elevation Capital

स्टार्टअप और वेंचर कैपिटल (VC) इकोसिस्टम में एक और बड़ी हलचल देखने को मिली है। प्रमुख VC फर्म Elevation Capital के प्रिंसिपल अमित अग्रवाल ने चार साल की सेवा के बाद कंपनी छोड़ने का फैसला किया है।

यह Elevation Capital के लिए हाल ही में दूसरा बड़ा इस्तीफा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी में लीडरशिप स्तर पर बड़े बदलाव हो रहे हैं।


📌 Elevation Capital अमित अग्रवाल के इस्तीफे की बड़ी बातें

➡️ चार साल तक Elevation Capital में निवेश की रणनीति तैयार करने के बाद इस्तीफा।
➡️ सोशल मीडिया, कंटेंट और B2C कॉमर्स स्टार्टअप्स में निवेश पर था उनका फोकस।
➡️ Facebook (Meta) और Hero Group जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं।
➡️ VC सेक्टर में बने रहेंगे या खुद का स्टार्टअप शुरू करेंगे? अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं।
➡️ Elevation Capital की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।


🚀 अमित अग्रवाल की निवेश यात्रा

🔹 Elevation Capital में योगदान

अमित अग्रवाल Elevation Capital में अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश की रणनीति का नेतृत्व कर रहे थे। उनके कार्यकाल में कई उभरते हुए भारतीय स्टार्टअप्स को ग्रोथ में मदद मिली।

🔹 Elevation से पहले के अनुभव

📌 Facebook (Meta) – फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के भारत में विकास के लिए रणनीति तैयार की।
📌 Hero Group – Qubo – कंज्यूमर IoT वेंचर “Qubo” के डेवलपमेंट को लीड किया।


📊 Elevation Capital में हाल ही में हुए बदलाव

अमित अग्रवाल के इस्तीफे से पहले, Elevation Capital के COO और पार्टनर विवेक माथुर ने भी कंपनी छोड़ दी थी।

➡️ विवेक माथुर ने 14 साल तक Elevation Capital में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
➡️ अब वे एडवाइजरी और मेंटरशिप रोल्स में फोकस करेंगे।
➡️ दिसंबर 2024 में कृष्णा मेहरा Elevation Capital में शामिल हुए, जो AI और SaaS निवेश का नेतृत्व कर रहे हैं।
➡️ कंपनी ने अप्रैल 2022 में $670 मिलियन का “Fund VIII” लॉन्च किया था।


💰 Elevation Capital और अन्य VC फर्म्स में इस्तीफों की लहर?

🔹 Peak XV Partners (पहले Sequoia Capital India)

📌 2025 में तीन बड़े एग्जीक्यूटिव्स ने इस्तीफा दिया:

  • शैलेश लखानी
  • अभीक आनंद
  • श्रेयांश ठाकुर

📌 ये सभी एक दशक से ज्यादा समय तक Peak XV में कार्यरत थे।

🔹 अन्य प्रमुख बदलाव

Accel, Lightspeed, और Nexus Venture Partners जैसी VC फर्म्स में भी हाल ही में टॉप मैनेजमेंट में बदलाव हुए हैं।
✅ यह संकेत करता है कि भारत के वेंचर कैपिटल इकोसिस्टम में नेतृत्व स्तर पर बड़े बदलाव हो रहे हैं।


📈 Elevation Capital की भविष्य की रणनीति?

अमित अग्रवाल और विवेक माथुर के जाने के बाद, Elevation Capital को नई रणनीति अपनानी होगी।

📌 AI, SaaS और फिनटेक स्टार्टअप्स पर फोकस बढ़ सकता है।
📌 Silicon Valley और भारत में निवेश को और मजबूत करने की योजना।
📌 नए पार्टनर और निवेश लीडरशिप की जल्द घोषणा हो सकती है।
📌 सीड-स्टेज और अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स के लिए नए फंड लॉन्च होने की संभावना।


🔮 क्या करेंगे अमित अग्रवाल?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अमित अग्रवाल अपनी अगली पारी कहां खेलेंगे?

➡️ क्या वे किसी अन्य VC फर्म से जुड़ेंगे?
➡️ क्या वे खुद का स्टार्टअप शुरू करेंगे?
➡️ या फिर किसी बड़ी टेक कंपनी में लीडरशिप रोल लेंगे?

फिलहाल, उन्होंने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।


📢 निष्कर्ष: Elevation Capital में बड़े बदलाव का संकेत

Elevation Capital से अमित अग्रवाल का इस्तीफा एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
VC सेक्टर में हाल के महीनों में कई बड़े नामों ने अपनी भूमिका छोड़ी है।
भारतीय और वैश्विक स्तर पर निवेश रणनीति में बदलाव हो सकता है।
Elevation Capital को अब नए निवेश नेतृत्व की जरूरत होगी।

💬 आपकी राय?

क्या अमित अग्रवाल किसी नए स्टार्टअप की शुरुआत करेंगे या किसी अन्य इन्वेस्टमेंट फर्म से जुड़ेंगे? हमें कमेंट में बताएं! ⬇️

read more:Infibeam Avenues की UAE सब्सिडियरी ने IPO से पहले किया शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर में बदलाव

Infibeam Avenues की UAE सब्सिडियरी ने IPO से पहले किया शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर में बदलाव

Infibeam Avenues

फिनटेक कंपनी Infibeam Avenues Ltd की UAE सब्सिडियरी ने अपनी शेयरहोल्डिंग संरचना (Shareholding Structure) में बदलाव किया है। यह रणनीतिक बदलाव डिजिटल पेमेंट रणनीति को मजबूत करने और आगामी IPO (अबू धाबी स्टॉक एक्सचेंज – ADX) के लिए अनुकूलन के तहत किया गया है। कंपनी ने इस बदलाव की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी।


📌 Infibeam Avenues नई शेयरहोल्डिंग संरचना: क्या बदला?

Infibeam Avenues ने Avenues World FZ-LLC की शेयरहोल्डिंग को अपनी नई अबू धाबी-आधारित इकाई Infibeam Avenues ME SPV Ltd को ट्रांसफर कर दिया है।

➡️ Infibeam Avenues की UAE सब्सिडियरी Vavian International Ltd अब 80% हिस्सेदारी Infibeam Avenues ME SPV Ltd में रखेगी।
➡️ Infibeam Avenues ME SPV Ltd, Avenues World FZ-LLC की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी होगी।
➡️ Avenues World FZ-LLC वही कंपनी है जो UAE में CCAvenue.ae पेमेंट गेटवे का संचालन करती है


🚀 MENA रीजन में डिजिटल पेमेंट सेक्टर पर Infibeam Avenues की आक्रामक रणनीति

Infibeam Avenues का यह संरचनात्मक पुनर्गठन (Strategic Reshuffling) उसके मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका (MENA) में बढ़ते डिजिटल पेमेंट सेक्टर को देखते हुए किया गया है।

📌 इस कदम से Infibeam Avenues को अबू धाबी में मुख्यालय स्थापित करने में मदद मिलेगी, जो कि ADX IPO के लिए एक अनिवार्य शर्त है।
📌 इससे कंपनी को आर्थिक रूप से संगठित तरीके से अपने कारोबार का विस्तार करने का मौका मिलेगा।
📌 यह कंपनी के डिजिटल भुगतान समाधानों (Digital Payment Solutions) को और अधिक मजबूती देगा।


💰 Pre-IPO फंडिंग और कंपनी की वैल्यूएशन

Infibeam Avenues ने पहले खुलासा किया था कि उसकी UAE स्थित स्टेप-डाउन सब्सिडियरी Avenues World FZ-LLC ने Pre-IPO इक्विटी प्लेसमेंट के जरिए $20 मिलियन (लगभग ₹166 करोड़) जुटाए थे

📌 इस 20% हिस्सेदारी की बिक्री के बाद कंपनी की पोस्ट-मनी वैल्यूएशन $100 मिलियन (₹830 करोड़) आंकी गई।


📊 Infibeam Avenues की UAE में ग्रोथ स्टोरी

📌 अगस्त 2023 में, Infibeam Avenues ने एक महीने में AED 1 बिलियन (₹22,500 करोड़) से अधिक के ट्रांजैक्शन्स प्रोसेस किए
📌 अक्टूबर 2023 तक, CCAvenue.ae पेमेंट गेटवे ने AED 24.5 बिलियन (₹5,50,000 करोड़) के ट्रांजैक्शन्स प्रोसेस किए
📌 कंपनी 5,000+ व्यापारियों (Merchants) को सर्विस देती है, जिनमें कुछ हाई-प्रोफाइल क्लाइंट शामिल हैं:
Burj Khalifa
Emaar
Damac
Nakheel
Trump Golf Dubai


📱 Infibeam Avenues का QR Code पेमेंट सॉल्यूशन और ऑफलाइन मार्केट में एंट्री

Infibeam Avenues ने UAE में मोबाइल-बेस्ड QR कोड पेमेंट सॉल्यूशन भी लॉन्च किया था।

📌 यह पहल ऑफलाइन पेमेंट सेक्टर को टारगेट करने के लिए की गई थी।
📌 इस लॉन्च से Infibeam Avenues ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी विस्तार रणनीति को मजबूत किया।
📌 UAE के बाद कंपनी अन्य MENA देशों में भी इस मॉडल को अपनाने की योजना बना रही है।


🇸🇦 सऊदी अरब में Infibeam Avenues की उपलब्धियां

Infibeam Avenues की सऊदी अरब स्थित सब्सिडियरी ने हाल ही में सऊदी अरब की मौद्रिक प्राधिकरण (Saudi Arabian Monetary Authority – SAMA) से “Payment Tokenization Service Provider (PTSP)” सर्टिफिकेशन प्राप्त किया

📌 यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय फिनटेक कंपनियों में से एक बनी।
📌 इससे कंपनी को सऊदी अरब में डिजिटल पेमेंट सेवाओं को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी

📌 कंपनी की साल-दर-साल (YoY) ग्रोथ भी प्रभावशाली रही


💡 डिजिटल पेमेंट्स में इनोवेशन: नई सेवाएं और विस्तार

Infibeam Avenues ने MENA क्षेत्र में डिजिटल भुगतान नवाचारों (Digital Payment Innovations) पर ध्यान केंद्रित किया है।

📌 Express Settlement for Merchants – व्यापारी अब भुगतान तेजी से प्राप्त कर सकते हैं।
📌 CCAvenue TapPay – टचलेस डिजिटल भुगतान समाधान।
📌 मिडिल ईस्ट में आक्रामक विस्तार रणनीति – कंपनी अधिक व्यापारियों को जोड़ने और डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है।


📢 निष्कर्ष: Infibeam Avenues का ADX IPO और भविष्य की रणनीति

Infibeam Avenues की UAE सब्सिडियरी का यह शेयरहोल्डिंग पुनर्गठन उसके Abu Dhabi Stock Exchange (ADX) पर IPO लाने की तैयारियों का हिस्सा है

📌 कंपनी ने Pre-IPO फंडिंग में $20 मिलियन जुटाए, जिससे इसकी वैल्यू $100 मिलियन हो गई।
📌 MENA क्षेत्र में डिजिटल भुगतान क्षेत्र के विस्तार को देखते हुए, Infibeam Avenues अपनी सेवाओं का तेजी से विस्तार कर रही है।
📌 सऊदी अरब में “PTSP” सर्टिफिकेशन हासिल कर, Infibeam Avenues ने मिडिल ईस्ट में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है

📌 भविष्य में, यह IPO Infibeam Avenues को वैश्विक स्तर पर डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी बना सकता है।


💬 आपकी राय? क्या Infibeam Avenues का ADX IPO मिडिल ईस्ट में डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को और मजबूत करेगा? हमें कमेंट में बताएं! ⬇️

Read more :इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $355.02 मिलियन, फंडिंग में 3.3X की बढ़ोतरी

इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $355.02 मिलियन, फंडिंग में 3.3X की बढ़ोतरी

भारतीय स्टार्टअप

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में इस हफ्ते 30 स्टार्टअप्स ने मिलकर लगभग $355.02 मिलियन (₹2,950 करोड़) जुटाए। इसमें 3 ग्रोथ-स्टेज और 20 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल रहीं, जबकि 2 स्टार्टअप्स ने अपनी फंडिंग डिटेल्स सार्वजनिक नहीं कीं

📊 पिछले हफ्ते की तुलना में, इस हफ्ते स्टार्टअप फंडिंग में 3.3 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई।
पिछले हफ्ते 21 स्टार्टअप्स ने $105.87 मिलियन (₹880 करोड़) जुटाए थे।


🔹 ग्रोथ-स्टेज फंडिंग डील्स

📌 HR टेक स्टार्टअप DarwinBox ने $140 मिलियन की Series D फंडिंग जुटाई, जिसका नेतृत्व Partners Group और KKR ने किया।
📌 फिनटेक स्टार्टअप Leap Finance ने $100 मिलियन का डेट फंडिंग ASEAN Growth Fund से प्राप्त किया।
📌 इंश्योरटेक स्टार्टअप InsuranceDekho ने $70 मिलियन की Series C फंडिंग जुटाई, जिसका नेतृत्व Beams Fintech Fund ने किया।


🔹 अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स को मिला $45.02 मिलियन

इस हफ्ते 20 अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल $45.02 मिलियन की फंडिंग प्राप्त की।

📌 Revenue AI प्लेटफॉर्म MaxIQ ने $7.8 मिलियन जुटाए, जिससे यह इस हफ्ते की सबसे बड़ी अर्ली-स्टेज फंडिंग रही।
📌 Beacon.li (एंटरप्राइज़ टेक स्टार्टअप), Nuuk (D2C होम अप्लायंसेज ब्रांड), indē wild (ब्यूटी ब्रांड), Rezolv (डेट रेज़ोल्यूशन प्लेटफॉर्म), FluxGen (क्लाइमेट टेक स्टार्टअप) समेत कई अन्य स्टार्टअप्स को भी निवेश मिला।

📌 SILA (रियल एस्टेट), Zuppa (डीपटेक), KiranaPro (क्विक कॉमर्स) ने भी फंडिंग जुटाई, लेकिन राशि का खुलासा नहीं किया।


📍 शहर और सेगमेंट के आधार पर फंडिंग ट्रेंड

🏙️ शहरों के हिसाब से:
📌 बेंगलुरु में सबसे ज्यादा 12 डील्स हुईं।
📌 दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और अन्य शहरों में भी स्टार्टअप्स ने फंडिंग हासिल की।

💼 सेगमेंट के हिसाब से:
📌 फिनटेक स्टार्टअप्स ने 5 डील्स के साथ बढ़त बनाई।
📌 AI स्टार्टअप्स ने 4 डील्स, जबकि ई-कॉमर्स, हेल्थटेक, SaaS स्टार्टअप्स ने 3-3 डील्स हासिल कीं।
📌 एग्रीटेक, HR टेक और एंटरप्राइज़ टेक स्टार्टअप्स ने भी निवेश प्राप्त किया।

📌 सीरीज-वाइज डील्स:
इस हफ्ते सीड फंडिंग सबसे आगे रही, जिसमें 15 स्टार्टअप्स ने निवेश जुटाया। इसके बाद Series A, प्री-सीड और प्री-Series A राउंड हुए।


📈 वीकली स्टार्टअप फंडिंग ट्रेंड

📌 इस हफ्ते की फंडिंग ($355.02 मिलियन) पिछले 8 हफ्तों के औसत ($303.42 मिलियन) से अधिक रही।
📌 हर हफ्ते औसतन 28 डील्स होती हैं।


👥 स्टार्टअप्स में प्रमुख नियुक्तियां और इस्तीफे

📌 OYO ने Sonal Sinha को G6 Hospitality का CEO बनाया।
📌 Lightrock ने Samir Abhyankar को भारत प्रमुख नियुक्त किया।
📌 PhonePe ने Amit Doshi को ग्रुप CMO बनाया।
📌 ParkMate ने Ziaul Hoda को VP (B2C) नियुक्त किया।
📌 T-Hub ने ex-OYO एग्जीक्यूटिव Kavikrut को CEO बनाया।

📌 Peak XV Partners के इन्वेस्टर Shraeyansh Thakur ने एक दशक बाद इस्तीफा दिया।


🔄 मर्जर और एक्विजिशन (विलय और अधिग्रहण)

📌 M2P Fintech ने AI स्टार्टअप Mad Street Den का अधिग्रहण किया।
📌 Mintoak ने फिनटेक स्टार्टअप Digiledge को खरीदा।
📌 GaragePlug ने Freshreview (रिव्यू मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म) का अधिग्रहण किया।


💰 नए फंड लॉन्च और विस्तार

📌 Prime Venture Partners ने $100 मिलियन का फिफ्थ फंड लॉन्च किया।
📌 A Junior VC (AJVC) ने ₹100 करोड़ (प्री-सीड स्टार्टअप्स के लिए) का पहला फंड लॉन्च किया।
📌 Gravity Holdings (Rohan Misra) ने $150 मिलियन जुटाए।
📌 Lighthouse Canton ने Kotak Mahindra AM से इन्वेस्टमेंट प्राप्त किया।


⚠️ छंटनी (Layoffs) और संकट में कंपनियां

📌 Ola Electric ने 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की।
📌 Safexpay पर साइबर अटैक हुआ, जिससे 67% राजस्व घटा और नुकसान दोगुना हो गया
📌 M2P Fintech का राजस्व 13% गिरा, लेकिन नुकसान स्थिर रहा।


🆕 नए लॉन्च और पार्टनरशिप्स

📌 ETAC × The ePlane Company → भारत में अर्बन एयर मोबिलिटी को बढ़ावा देंगे।
📌 Garuda Aerospace × Bank of India → एग्री ड्रोन लोन पेश करेंगे।
📌 STAN × FanCraze → फैन एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए गेम लॉन्च करेंगे।
📌 Krutrim × Lenovo → भारत का सबसे बड़ा सुपरकंप्यूटर बनाएंगे।
📌 Ultraviolette → ‘Tesseract’ इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ EV सेगमेंट में एंट्री।
📌 AbhiBus × YoloBus → भारत की पहली “महिलाओं के लिए” इंटरसिटी बस सेवा लॉन्च।


📊 प्रमुख स्टार्टअप्स के वित्तीय नतीजे (FY24)

📌 Indifi का राजस्व ₹300 करोड़ के पार, मुनाफा बरकरार।
📌 Falca का राजस्व ₹350 करोड़ पार, लेकिन नुकसान 3X बढ़ा।
📌 KKR-समर्थित Leap India का मुनाफा 4X बढ़ा


🔮 संभावित निवेश सौदे (अपकमिंग डील्स)

📌 Swish (10-min डिलीवरी स्टार्टअप)$14 मिलियन जुटाने की तैयारी।
📌 Truemeds (Accel India के नेतृत्व में)$44 मिलियन जुटा रहा है।
📌 Punch (Kunal Shah समर्थित) → नया फंड जुटाने की योजना।
📌 BetterPlace$3.8 मिलियन जुटाने को तैयार।


🔚 निष्कर्ष: भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में जबरदस्त उछाल!

📌 इस हफ्ते स्टार्टअप्स ने $355.02 मिलियन जुटाए, जो पिछले हफ्ते से 3.3X ज्यादा है।
📌 फिनटेक, AI और हेल्थटेक स्टार्टअप्स को प्रमुख फंडिंग मिली।
📌 Ola Electric की छंटनी और फंडिंग राउंड्स जैसे बड़े बदलाव देखने को मिले।

📢 आपकी राय? क्या भारतीय स्टार्टअप्स का ग्रोथ ट्रेंड जारी रहेगा? हमें कमेंट में बताएं! ⬇️

read more :Razorpay का सिंगापुर विस्तार: साउथईस्ट एशिया में बढ़ते डिजिटल पेमेंट मार्केट पर नजर

Razorpay का सिंगापुर विस्तार: साउथईस्ट एशिया में बढ़ते डिजिटल पेमेंट मार्केट पर नजर

Razorpay

🔹 Southeast Asia में Razorpay की अगली बड़ी छलांग

भारत की अग्रणी फिनटेक कंपनी Razorpay ने सिंगापुर में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। यह Razorpay का दूसरा साउथईस्ट एशियाई (SEA) बाजार है, जहां वह मलेशिया के बाद कदम रख रहा है।

💡 साउथईस्ट एशिया के डिजिटल पेमेंट मार्केट की ग्रोथ तेजी से बढ़ रही है। एक स्टडी के मुताबिक, यह बाजार 2030 तक $2 ट्रिलियन (₹165 लाख करोड़) से ज्यादा का हो सकता है।

🌍 सिंगापुर में Razorpay की एंट्री क्यों महत्वपूर्ण है?

सिंगापुर एक बड़ा फाइनेंशियल हब है, लेकिन वहां क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजैक्शन फीस काफी अधिक (4-6%) है। इसके अलावा, पेमेंट सिस्टम काफी फ्रैगमेंटेड (बिखरा हुआ) है।

Razorpay की खासियत:

  • AI-पावर्ड डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशंस 🧠💰
  • मल्टी-करंसी ट्रांजैक्शन और रियल-टाइम पेमेंट्स
  • क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजैक्शन में लागत कम करने वाले समाधान

💡 इन सेवाओं से सिंगापुर में लोकल बिज़नेस को फायदा होगा, क्योंकि वे कम लागत में ग्लोबल ट्रांजैक्शन कर पाएंगे।


🚀 Razorpay के एडवांस AI-पावर्ड टूल्स

1️⃣ Agentic-AI टूलकिट 🧠

Razorpay का Agentic-AI टूलकिट बिजनेस ट्रांजैक्शन और फाइनेंशियल ऑपरेशन्स को ऑटोमेट करता है।

2️⃣ RAY – AI-कॉन्सियर्ज 🤖

RAY, एक AI-पावर्ड डिजिटल असिस्टेंट है, जो पेमेंट, पेरोल, फ्रॉड डिटेक्शन और अन्य फाइनेंशियल ऑपरेशन्स को मैनेज करता है।

3️⃣ Magic Checkout ⚡

Magic Checkout एक वन-क्लिक पेमेंट सिस्टम है, जिससे बिज़नेस कन्वर्ज़न रेट को बढ़ा सकते हैं और ग्राहकों के लिए तेज़ और स्मूथ पेमेंट एक्सपीरियंस दे सकते हैं।

Razorpay की यह एडवांस AI टेक्नोलॉजी बिज़नेस के लिए पेमेंट प्रोसेस को आसान और सुरक्षित बनाएगी।


📌 SEA मार्केट में Razorpay की रणनीति

सिंगापुर में सफलता सुनिश्चित करने के लिए Razorpay बैंकों, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस और रेगुलेटर्स के साथ कोलैबोरेशन करेगा।

🔹 Razorpay SEA Head अंगद धिन्डसा ने कहा कि “सस्ते और तेज़ इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन की ज़रूरत SEA मार्केट में तेजी से बढ़ रही है। Razorpay इस डिमांड को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

🔹 कंपनी के को-फाउंडर शशांक कुमार का कहना है कि “AI-पावर्ड सॉल्यूशंस लोकल बिज़नेस को ग्लोबल लेवल पर ग्रो करने में मदद करेंगे।”


🌎 SEA में Razorpay की ग्रोथ स्ट्रेटजी

Razorpay ने SEA में अपनी ग्रोथ को और मजबूत करने के लिए पहले ही मलेशिया में Curlec का अधिग्रहण कर लिया था।

Curlec के साथ Razorpay ने मलेशिया में शानदार परफॉर्म किया है और अब वही मॉडल सिंगापुर में अपनाने की योजना है।

🔹 SEA में Razorpay की प्रतिस्पर्धा PayPal, Stripe और स्थानीय पेमेंट गेटवे कंपनियों जैसे GrabPay और PayNow से होगी। लेकिन Razorpay की AI-पावर्ड सॉल्यूशंस और कम लागत वाली क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजैक्शन सेवा इसे एक अनोखा एडवांटेज देते हैं।


🚀 Razorpay के SEA विस्तार का भारत पर प्रभाव?

🔹 Razorpay की ग्लोबल एक्सपेंशन स्ट्रेटजी यह दर्शाती है कि भारतीय फिनटेक कंपनियां अब इंटरनेशनल लेवल पर मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।
🔹 भारत में UPI पेमेंट्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन का बढ़ता दायरा Razorpay जैसे स्टार्टअप को ग्लोबल टेक इनोवेशन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।
🔹 SEA में Razorpay की ग्रोथ से भारत में फिनटेक कंपनियों के लिए नए बिज़नेस मॉडल और इंटरनेशनल एक्सपेंशन के अवसर खुलेंगे।


🔮 भविष्य में Razorpay की योजनाएं

💡 आने वाले महीनों में Razorpay:
✅ अन्य SEA देशों जैसे थाईलैंड, इंडोनेशिया और वियतनाम में भी एंट्री कर सकता है।
Cryptocurrency और Web3 पेमेंट्स को शामिल कर सकता है।
✅ और अधिक AI-पावर्ड फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लॉन्च कर सकता है।


🔚 निष्कर्ष: Razorpay की SEA विस्तार यात्रा

📌 Razorpay का सिंगापुर में प्रवेश केवल एक शुरुआत है। कंपनी धीरे-धीरे SEA में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है और भारत के बाहर एक ग्लोबल ब्रांड बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

📌 अगर Razorpay अपनी लो-कॉस्ट, AI-पावर्ड पेमेंट टेक्नोलॉजी के साथ SEA बाजार में मजबूती से टिकता है, तो यह PayPal और Stripe जैसी दिग्गज कंपनियों को कड़ी टक्कर दे सकता है।

📢 आपके विचार?
💬 क्या Razorpay SEA मार्केट में PayPal और Stripe को चुनौती दे पाएगा? हमें कमेंट में बताएं! ⬇️

read more :MSME लेंडर Indifi Technologies ने FY24 में 60% की ग्रोथ दर्ज की,

MSME लेंडर Indifi Technologies ने FY24 में 60% की ग्रोथ दर्ज की,

Indifi Technologies

🚀 MSME लेंडिंग स्टार्टअप Indifi Technologies ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में 60% से अधिक सालाना वृद्धि दर्ज की। यह सफलता उसके पिछले शानदार वित्त वर्ष (FY23) के बाद आई है, जब कंपनी ने अपनी स्केल को दोगुना कर लिया था और लाभदायक बन गई थी।


📈 Indifi Technologies की FY24 में शानदार ग्रोथ

📊 Indifi Technologies की ऑपरेशनल रेवेन्यू FY24 में ₹317 करोड़ पहुंच गई, जो FY23 में ₹198 करोड़ थी।

📌 Indifi छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) को लोन प्रदान करता है, विशेष रूप से उन सेक्टर्स में जहां पारंपरिक बैंकों से लोन प्राप्त करना मुश्किल होता है।

💡 इसके लोन प्रमुख रूप से ट्रैवल, होटल, ई-कॉमर्स, रेस्टोरेंट, ट्रेडिंग और रिटेल सेक्टर के छोटे व्यापारियों के लिए होते हैं।

📌 Indifi की खासियत:
1,00,000+ लोन वितरित किए
80+ वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी
400+ शहरों में कारोबार का विस्तार


💰 Indifi की कमाई के प्रमुख स्रोत

Indifi की कमाई मुख्य रूप से तीन स्रोतों से होती है:

1️⃣ लोन प्रोसेसिंग फीस – जो कंपनी उधारकर्ताओं से वसूलती है
2️⃣ लेंडर्स से सर्विस फीस – लोन डिस्बर्सल, सर्विसिंग और कलेक्शन जैसी सेवाओं के लिए
3️⃣ ब्याज और अन्य स्रोतों से कमाई – FY24 में इससे ₹24 करोड़ की कमाई हुई

📊 कुल मिलाकर, Indifi का FY24 में कुल राजस्व ₹341 करोड़ रहा, जो FY23 में ₹213 करोड़ था।


💸 Indifi की लागत और प्रमुख खर्च

Indifi ने बैंकों और NBFCs के साथ को-लेंडिंग पार्टनरशिप की है, जिसके कारण ब्याज लागत कंपनी के लिए सबसे बड़ा खर्च बन गई।

📌 ब्याज खर्च:

  • FY24 में ₹107 करोड़ (FY23 में ₹66 करोड़)
  • कुल खर्च का 32% हिस्सा

📌 कर्मचारी वेतन और लाभ:

  • FY24 में 28.6% बढ़कर ₹72 करोड़ हो गया

📌 खराब कर्ज (Bad Debt) की लागत:

  • 2.1X बढ़कर ₹45 करोड़ हो गई

📌 कुल खर्च:

  • FY24 में ₹335 करोड़ तक पहुंच गया (FY23 में ₹203 करोड़)
  • इसमें विज्ञापन, कानूनी खर्च, IT और अन्य ओवरहेड्स शामिल हैं

📉 मुनाफे में गिरावट, लेकिन स्थिर विकास

Indifi की आय भले ही तेजी से बढ़ी हो, लेकिन बढ़ती लागत और खराब कर्ज की वजह से कंपनी का मुनाफा घट गया।

📊 कंपनी का शुद्ध लाभ FY24 में ₹2.7 करोड़ रहा, जो FY23 में ₹5.1 करोड़ था।

📌 प्रति रुपये खर्च: Indifi ने हर ₹1 कमाने के लिए ₹1.06 खर्च किए

📌 कुल एसेट्स:

  • FY24 के अंत तक ₹1,169 करोड़
  • ₹232 करोड़ नकद और बैंक बैलेंस में

💡 फंडिंग और निवेशक

Indifi अब तक $80 मिलियन (₹665 करोड़) से अधिक की फंडिंग जुटा चुका है।

💰 Series E राउंड:

  • $35 मिलियन जुटाए
  • ICICI Venture के नेतृत्व में
  • मौजूदा निवेशकों की भी भागीदारी

📊 TheKredible के अनुसार, Indifi के प्रमुख निवेशक:
CDC Group (सबसे बड़ा बाहरी निवेशक)
Accel
Omidyar Network


🔍 Indifi Technologies: फाइनेंशियल ट्रेंड्स और बिजनेस मॉडल

1️⃣ Indifi की ऑपरेशनल स्ट्रेटजी

Indifi का मुख्य उद्देश्य छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSME) को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, खासकर उन व्यापारियों को जो पारंपरिक बैंकों से लोन प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं।

Indifi की रणनीति:
पार्टनरशिप मॉडल: Indifi बैंकों और NBFCs के साथ मिलकर MSMEs को फंडिंग प्रदान करता है।
डेटा-ड्रिवन अप्रोच: कंपनी उधारकर्ताओं के लिए वैकल्पिक क्रेडिट स्कोरिंग मॉडल का उपयोग करती है, जिससे पारंपरिक क्रेडिट हिस्ट्री की कमी वाले व्यापारियों को लोन मिल सके।
तेज लोन प्रोसेसिंग: डिजिटल प्लेटफॉर्म और AI-ड्रिवन अंडरराइटिंग के जरिए Indifi MSMEs को तेजी से लोन अप्रूवल और डिस्बर्सल की सुविधा देता है।

💡 Indifi का यह मॉडल MSME सेक्टर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि छोटे व्यापारियों को आसानी से बिना ज्यादा दस्तावेजी प्रक्रिया के लोन मिल जाता है।


📊 2️⃣ वित्तीय प्रदर्शन और ग्रोथ ट्रेंड्स

FY24 बनाम FY23 का तुलनात्मक विश्लेषण:

वित्तीय मेट्रिक्सFY24FY23ग्रोथ (%)
ऑपरेशनल रेवेन्यू₹317 करोड़₹198 करोड़60%+ 📈
कुल रेवेन्यू₹341 करोड़₹213 करोड़60.1% 📊
ब्याज खर्च₹107 करोड़₹66 करोड़62.1% 🔺
एम्प्लॉयी कॉस्ट₹72 करोड़₹56 करोड़28.6% 🚀
खराब कर्ज (Bad Debt)₹45 करोड़₹21 करोड़2.1X बढ़त 😬
कुल खर्च₹335 करोड़₹203 करोड़65%+ 🔼
शुद्ध लाभ (Net Profit)₹2.7 करोड़₹5.1 करोड़-47%
प्रति रुपये खर्च₹1.06₹1.03बढ़ा ❗

🔹 Revenue Growth: FY24 में Indifi ने 60% की ग्रोथ दर्ज की, जो MSME फाइनेंसिंग सेक्टर में इसकी मजबूत पकड़ को दर्शाता है।
🔹 Profitability Concern: हालांकि कंपनी का मुनाफा घटकर ₹2.7 करोड़ रह गया, जो बढ़ती ब्याज लागत और खराब कर्ज के कारण हुआ।

💰 फंडिंग और बैलेंस शीट:

  • ₹1,169 करोड़ की कुल एसेट्स
  • ₹232 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस

🏦 3️⃣ Indifi की मार्केट पोजिशन और प्रतियोगिता

MSME लेंडिंग सेक्टर में अब कई बड़े खिलाड़ी आ चुके हैं, जिनसे Indifi को प्रतिस्पर्धा मिल रही है। कुछ प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हैं:

प्रतियोगीस्पेशलाइजेशनIndifi से अंतर
Lendingkartडिजिटल MSME लोनIndifi से तेज प्रोसेसिंग लेकिन महंगे लोन
NeoGrowthPOS मशीन आधारित लोनट्रेडर्स और रिटेलर्स के लिए खास
FlexiLoansशॉर्ट-टर्म लोनतेजी से बढ़ता स्टार्टअप
Rupeek, KreditBeeगोल्ड लोन और कंज्यूमर लोनMSME पर नहीं फोकस करता

Indifi का एडवांटेज:

  • फिनटेक NBFCs और बैंकों के साथ गहरी साझेदारी
  • डेटा-ड्रिवन लेंडिंग मॉडल
  • विभिन्न MSME सेगमेंट में व्यापक कवरेज

📉 चुनौतियां:

  • लोन डिफॉल्ट (Bad Debt) बढ़ने का खतरा
  • ब्याज लागत में वृद्धि
  • बैंकों और बड़े NBFCs से बढ़ती प्रतिस्पर्धा

🚀 4️⃣ भविष्य की योजनाएं और ग्रोथ पोटेंशियल

Indifi Technologies को FY25 और आगे के लिए कुछ प्रमुख रणनीतियों पर काम करना होगा:

1. डिजिटल लेंडिंग मॉडल को और मजबूत बनाना

  • AI और मशीन लर्निंग का उपयोग कर फास्ट अप्रूवल सिस्टम
  • अधिक सटीक क्रेडिट रेटिंग मॉडल

2. नए सेक्टर में विस्तार

  • मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन बिजनेस को अधिक लोन उपलब्ध कराना
  • ई-कॉमर्स और लोकल ट्रेडिंग बिजनेस के लिए स्पेशल लोन प्रोडक्ट

3. को-लेंडिंग और पार्टनरशिप का विस्तार

  • बैंकों के साथ अधिक गहरे स्तर पर साझेदारी
  • नए NBFCs और फिनटेक स्टार्टअप्स के साथ कोलैबोरेशन

4. फंडिंग और बैलेंस शीट को मजबूत करना

  • नए फंडिंग राउंड की प्लानिंग
  • लागत कटौती और बैड डेब्ट कंट्रोल पर ध्यान देना

📢 निष्कर्ष: Indifi Technologies का भविष्य क्या है?

Indifi ने MSME लेंडिंग में एक मजबूत ब्रांड बना लिया है और FY24 में शानदार ग्रोथ दिखाई है।
हालांकि, बढ़ती लागत और बढ़ते बैड डेब्ट के कारण कंपनी को अपने मुनाफे में गिरावट देखनी पड़ी।
अगर Indifi नई तकनीक, फंडिंग और पार्टनरशिप पर ध्यान देता है, तो यह MSME लेंडिंग इंडस्ट्री में बड़ी सफलता हासिल कर सकता है। 🚀

📌 क्या Indifi अगले कुछ वर्षों में Lendingkart और NeoGrowth जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा!

💬 आपका क्या सोचना है Indifi Technologies की ग्रोथ को लेकर? हमें कमेंट में बताएं! ⬇️

Read more :Phot.AI ने $2.7 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई

Phot.AI ने $2.7 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई

Phot.AI

🚀 AI-पावर्ड क्रिएटिव ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म Phot.AI ने $2.7 मिलियन (लगभग ₹22 करोड़) की सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Info Edge Ventures ने किया, जिसमें Together Fund और AC Ventures ने भी भाग लिया।

📢 इस फंडिंग राउंड में 50 से अधिक एंजेल इन्वेस्टर्स ने भी निवेश किया, जिनमें Shiprocket के साहिल गोयल और अक्षय गुलाटी, Bella Vita के आकाश आनंद, Bewakoof के प्रभकिरण सिंह, Tribe Capital के विशेष खुराना और राज स्नेहिल, और Fashinza के पवन गुप्ता शामिल हैं।

👉 Phot.AI इस फंडिंग का उपयोग अपनी टीम को बढ़ाने, R&D में निवेश करने और अपने बहुप्रतीक्षित AI कोपायलट को लॉन्च करने के लिए करेगा।


📸 Phot.AI: एक इनोवेटिव AI-ड्रिवन प्लेटफॉर्म

🔍 Phot.AI की स्थापना 2023 में वीनस धुरिया, अनीश रायंचा, और अक्षित राजा द्वारा की गई थी। ये तीनों इससे पहले AppyHigh का निर्माण कर चुके हैं, जो एक ऐप पब्लिशिंग स्टूडियो है, जिसके 700 मिलियन से अधिक डाउनलोड हैं और 100 से अधिक स्टार्टअप्स में इनकी सीड इन्वेस्टमेंट है।

📌 Phot.AI मुख्य रूप से ई-कॉमर्स, ब्रांड्स और रिटेल सेक्टर के लिए क्रिएटिव डिज़ाइन और मार्केटप्लेस लिस्टिंग को ऑटोमेट करता है।

💡 इसका AI-संचालित सिस्टम लगातार यह सीखता है कि किस तरह के डिज़ाइन विभिन्न प्रोडक्ट कैटेगरीज और मार्केटप्लेस के लिए सबसे बेहतर काम करते हैं।


⚡ Phot.AI: कैसे बदलेगा यह ई-कॉमर्स की दुनिया?

📢 आज के समय में ई-कॉमर्स ब्रांड्स को लगातार नए विजुअल्स की जरूरत होती है – प्रोडक्ट लिस्टिंग, विज्ञापन, सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स के लिए।

🔹 Phot.AI का AI-ड्रिवन ऑटोमेशन सॉल्यूशन
✅ मैनुअल डिजाइनिंग और लिस्टिंग के प्रयास को 80% तक कम करता है
✅ ब्रांड्स के गो-टू-मार्केट टाइम को तेज करता है
A/B टेस्टिंग की मदद से कन्वर्ज़न रेट को 40% तक बढ़ाता है
✅ Amazon, Google Ads और अन्य मार्केटप्लेस के नियमों और गाइडलाइन्स के अनुरूप डिज़ाइन तैयार करता है

📌 इससे ब्रांड्स को अधिक प्रभावी मार्केटिंग और बिक्री में बढ़त मिलेगी।


🚀 Phot.AI के प्रमुख प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजी

🎨 Phot.AI ने एक AI कोर इंजन विकसित किया है, जो ऑटोमेटेड डिज़ाइन और फोटोग्राफी के लिए अत्याधुनिक फीचर्स प्रदान करता है।

25+ एडवांस्ड फोटो एडिटिंग टूल्स
एक डिज़ाइन स्टूडियो, जिसमें इंटीग्रेटेड ऐप स्टोर शामिल है
जनरेटिव AI का उपयोग करके इमेज एन्हांसमेंट और बैच प्रोसेसिंग
AI-पावर्ड फोटो एडिटिंग APIs, जो 25+ बिजनेस पहले से उपयोग कर रहे हैं

📌 Phot.AI का मुख्य उद्देश्य ब्रांड्स और ई-कॉमर्स कंपनियों को तेज़, कुशल और सटीक डिज़ाइनिंग समाधान प्रदान करना है।


📊 Phot.AI की ग्रोथ और भविष्य की संभावनाएं

📈 Phot.AI पहले ही 3 मिलियन से अधिक साइन-अप्स प्राप्त कर चुका है, वो भी अपने प्री-लॉन्च फेज़ में।
📢 इसकी मजबूत ग्राहक मांग दर्शाती है कि AI-ड्रिवन डिज़ाइन ऑटोमेशन टूल्स के लिए एक विशाल बाजार मौजूद है।

💰 इस फंडिंग से Phot.AI अपनी टेक्नोलॉजी को और एडवांस करेगा और नए इनोवेटिव प्रोडक्ट्स लॉन्च करेगा।
🌍 कंपनी भारत और वैश्विक बाजारों में विस्तार करने की योजना बना रही है।

📌 AI और ऑटोमेशन का उपयोग करके, Phot.AI ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।


🔮 क्या Phot.AI AI-ड्रिवन डिज़ाइनिंग का भविष्य है?

🚀 AI आधारित डिज़ाइन और ऑटोमेशन टूल्स का बढ़ता उपयोग यह संकेत देता है कि Phot.AI एक गेम-चेंजर बन सकता है।

इंवेस्टर्स का विश्वास और शुरुआती यूज़र्स की मजबूत दिलचस्पी Phot.AI के उज्जवल भविष्य की ओर इशारा करती है।
AI-पावर्ड फोटो एडिटिंग और ऑटोमेशन सॉल्यूशंस ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के लिए एक नई दिशा तय कर सकते हैं।

📢 अगर Phot.AI अपनी इनोवेशन रणनीति को सही तरीके से लागू करता है, तो यह AI-ड्रिवन डिज़ाइनिंग और मार्केटप्लेस लिस्टिंग का भविष्य बन सकता है! 🚀

Read more :बैटरी क्वालिटी सॉल्यूशंस स्टार्टअप Glimpse ने $10M सीरीज A फंडिंग जुटाई

बैटरी क्वालिटी सॉल्यूशंस स्टार्टअप Glimpse ने $10M सीरीज A फंडिंग जुटाई

Glimpse

🚀 Somerville, MA स्थित स्टार्टअप Glimpse ने अपनी बैटरी क्वालिटी मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी को और आगे बढ़ाने के लिए $10 मिलियन (लगभग ₹83 करोड़) की सीरीज A फंडिंग जुटाई है।

🔋 Glimpse बैटरी सेल प्रोड्यूसर्स और खरीदारों को अपनी बैटरियों की गुणवत्ता को कारखानों, टीमों और समय के साथ बेहतर नियंत्रण में रखने में मदद करता है।


💰Glimpse फंडिंग डिटेल्स और लीड इन्वेस्टर्स

📢 इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व TDK Ventures ने किया, जिसमें Ibex Mobility और Flybridge Capital Partners जैसे मौजूदा निवेशकों ने भी भाग लिया।

📌 Glimpse इस नई पूंजी का उपयोग अपने X-ray CT स्कैनिंग टेक्नोलॉजी को और उन्नत करने और बैटरी सेल इंडस्ट्री से परे नए बाजारों में विस्तार करने के लिए करेगा।


⚡ Glimpse: बैटरी क्वालिटी सॉल्यूशंस में इनोवेशन

Glimpse की स्थापना 2023 में Peter Attia, Patrick Herring, और CEO Eric Moch द्वारा की गई थी।

💡 यह कंपनी बैटरी सेल निर्माताओं और खरीदारों को बेहतर बैटरी क्वालिटी कंट्रोल प्रदान करने के लिए नवीनतम हार्डवेयर एडवांसमेंट्स और हाई-परफॉर्मेंस सॉफ्टवेयर को जोड़ती है।

🔍 Glimpse का X-ray CT स्कैनिंग सिस्टम किसी भी जटिल और महंगे CT स्कैनर को एक स्केलेबल, कोलैबोरेटिव और किफायती बैटरी क्वालिटी मैनेजमेंट सॉल्यूशन में बदलने की क्षमता रखता है।

📌 इस टेक्नोलॉजी की मदद से कंपनी बैटरी इंडस्ट्री में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित कर रही है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य इलेक्ट्रिफाइड प्रोडक्ट्स की सुरक्षा और दक्षता बढ़ाई जा सके।


🔍 बैटरी क्वालिटी मैनेजमेंट: क्यों है यह महत्वपूर्ण?

🔹 बैटरी टेक्नोलॉजी की मांग बढ़ रही है, खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs), कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स में।
🔹 लेकिन बैटरी की खराब गुणवत्ता सुरक्षा जोखिम और कार्यक्षमता में कमी ला सकती है।
🔹 Glimpse की इनोवेटिव X-ray CT टेक्नोलॉजी बैटरी निर्माताओं को किसी भी डिफेक्ट का जल्दी पता लगाने और उसे ठीक करने में मदद करती है।

📌 इससे कंपनियां उच्च गुणवत्ता की बैटरियों का उत्पादन कर सकती हैं, जिससे EVs और अन्य डिवाइसेज की परफॉर्मेंस और सुरक्षा में सुधार होता है।


🌍 Glimpse की वैश्विक विस्तार योजनाएं

✅ इस नए फंडिंग राउंड के साथ, Glimpse सिर्फ बैटरी इंडस्ट्री तक सीमित नहीं रहेगा।
✅ कंपनी अन्य इंडस्ट्रीज़ जैसे एयरोस्पेस, मेडिकल डिवाइसेज, और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग में भी अपनी तकनीक को अपनाने की योजना बना रही है।
Glimpse का लक्ष्य है कि उसकी टेक्नोलॉजी ग्लोबल स्टैंडर्ड बन जाए और कंपनियां बैटरी क्वालिटी को बड़े पैमाने पर नियंत्रित कर सकें।

📌 CEO Eric Moch ने कहा कि Glimpse की बैटरी क्वालिटी सॉल्यूशंस कंपनियों को तेज और सुरक्षित इलेक्ट्रिफिकेशन की ओर बढ़ने में मदद करेंगी।


🔮 Glimpse का भविष्य: क्या यह बैटरी इंडस्ट्री में गेम चेंजर बनेगा?

🚀 Glimpse की बैटरी क्वालिटी कंट्रोल टेक्नोलॉजी भविष्य में बैटरी इंडस्ट्री का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकती है।

💰 TDK Ventures और अन्य निवेशकों का समर्थन यह दर्शाता है कि Glimpse की टेक्नोलॉजी में जबरदस्त संभावनाएं हैं।

📈 अगर कंपनी अपनी तकनीक को तेजी से विकसित करती है और नए मार्केट्स में सफलतापूर्वक प्रवेश करती है, तो यह EV और बैटरी इंडस्ट्री में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।


🚀 निष्कर्ष: Glimpse की ग्रोथ और बैटरी इंडस्ट्री का भविष्य

$10M की सीरीज A फंडिंग से Glimpse अपने X-ray CT स्कैनिंग सिस्टम को और एडवांस बनाएगा।
बैटरी क्वालिटी मैनेजमेंट के जरिए कंपनी EVs और इलेक्ट्रिफिकेशन को सुरक्षित और कुशल बनाने में योगदान दे रही है।
ग्लोबल विस्तार की योजना के साथ, Glimpse अन्य इंडस्ट्रीज़ में भी अपनी टेक्नोलॉजी का प्रसार करने को तैयार है।

📌 अगर Glimpse की इनोवेशन स्ट्रेटजी सफल रहती है, तो यह बैटरी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री का एक महत्वपूर्ण नाम बन सकता है।

Read more :Gravity Holdings के लॉन्च के साथ निवेश जगत में रोहन मिश्रा की मजबूत एंट्री