Anicut Capital ने 11 मिलियन डॉलर जुटाए

Anicut Capital

Anicut Capital, एक प्रमुख वैकल्पिक निवेश फर्म, ने हाल ही में अपनी प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 के तहत 11 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। यह निवेश GIFT City के माध्यम से प्राप्त हुआ है, जो भारत में अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण संरचना है। इस फंड के माध्यम से, कंपनी का उद्देश्य वैश्विक निवेशकों को भारतीय बाजार की ओर आकर्षित करना है, जिसमें प्रमुख निवेशक अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, और मध्य पूर्व से हैं।

Anicut Capital के माध्यम से निवेश

GIFT City (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है, जो विदेशी निवेश को भारत में आकर्षित करने के लिए विकसित किया गया है। अनिकट कैपिटल ने इस संरचना का उपयोग करते हुए डॉलर-आधारित निवेशकों से 11 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। यह संरचना संस्थागत निवेशकों, परिवार कार्यालयों और उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों (HNIs) के लिए विशेष रूप से आकर्षक है।

कंपनी की स्थापना और फोकस

अनिकट कैपिटल की स्थापना आशित मेहता और अभिषेक नायर ने की थी। कंपनी का उद्देश्य मझोले आकार के भारतीय उद्यमों में निवेश करना है, जो पारंपरिक वित्तीय सेवाओं से वंचित रहते हैं। अनिकट कैपिटल प्राइवेट क्रेडिट, इक्विटी और जोखिम पूंजी में निवेश करता है, और यह तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में उन कंपनियों के लिए पूंजी प्रदान करता है जो विकास की अगली लहर चला रही हैं।

प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 और निवेश संरचना

अनिकट कैपिटल का प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 भारत के मध्यम आकार के उद्यमों में ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। इस फंड के तहत कंपनी वर्तमान में कुल 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है, जिसका एक हिस्सा GIFT City के माध्यम से प्राप्त 11 मिलियन डॉलर से आता है। यह संरचना भारत में निजी ऋण के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश को आसान बनाती है।

फंड का उपयोग और कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड

इस फंड के पहले वर्ष के संचालन में ही अनिकट कैपिटल ने छह कंपनियों में निवेश किया है, जिनमें Earth Rhythm, Neemans, Wheelocity, The Ayurveda Experience, Blue Tokai Coffee, और XYXX शामिल हैं। इन कंपनियों का चयन भारतीय बाजार में उनकी अनूठी स्थिति और तेजी से बढ़ने की क्षमता के आधार पर किया गया है। यह दर्शाता है कि अनिकट कैपिटल भारतीय उद्यमों में दीर्घकालिक मूल्य सृजन के लिए प्रतिबद्ध है।

SIDBI के साथ साझेदारी

सितंबर 2023 में, अनिकट कैपिटल ने Small Industries Development Bank of India (SIDBI) से 50 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया था, जो कि अनिकट इक्विटी फंड में किया गया था। SIDBI का यह निवेश भारतीय छोटे और मझोले आकार के उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन था, और अनिकट कैपिटल के निवेश दृष्टिकोण की सफलता को भी दर्शाता है।

निवेश का प्रभाव

अनिकट कैपिटल द्वारा जुटाए गए इन फंड्स का उद्देश्य उन कंपनियों में निवेश करना है जो अपने विकास के महत्वपूर्ण चरण में हैं। कंपनी ने अब तक 3,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और कई मझोले आकार के भारतीय उद्यमों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अनिकट कैपिटल का मानना है कि भारत में निजी ऋण क्षेत्र में अभी बहुत संभावनाएं हैं, और यह फंड उन कंपनियों की सहायता करेगा जो तेजी से विस्तार कर रही हैं।

निवेशकों के लिए लाभ

अनिकट कैपिटल की इस फंड संरचना का प्रमुख लाभ यह है कि यह निवेशकों को भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश करने का एक सुरक्षित और संगठित तरीका प्रदान करती है। GIFT City के माध्यम से प्राप्त होने वाले डॉलर-नामित निवेशों के कारण, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भारतीय बाजार में अपने पोर्टफोलियो को विस्तार करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी से वृद्धि और मझोले उद्यमों के विकास की क्षमता को देखते हुए, अनिकट कैपिटल के निवेशकों को आकर्षक रिटर्न की उम्मीद है।

भविष्य की योजनाएं

अनिकट कैपिटल की योजना अपने प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 के माध्यम से और अधिक कंपनियों में निवेश करने की है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी हैं। कंपनी का फोकस उन कंपनियों पर है जो नवाचार और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देती हैं। भविष्य में, अनिकट कैपिटल का लक्ष्य भारतीय निजी ऋण क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करना और वैश्विक निवेशकों के लिए भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाना है।

निष्कर्ष

अनिकट कैपिटल की हालिया फंडिंग न केवल भारतीय बाजार में उनके निवेश की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे GIFT City जैसी संरचनाएं वैश्विक निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित कर रही हैं। 11 मिलियन डॉलर की यह फंडिंग अनिकट के प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 का एक हिस्सा है, जो भारतीय उद्यमों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय संसाधन बन रहा है।

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Licious ने My Chicken and More का किया अधिग्रहण

Licious

भारत की प्रमुख D2C (Direct-to-Consumer) मीट और सीफूड ब्रांड Licious ने बेंगलुरु स्थित ऑफलाइन रिटेलर My Chicken and More का अधिग्रहण किया है। इस सौदे की राशि का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह कदम Licious की ओम्निचैनल (ऑनलाइन और ऑफलाइन) उपस्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। Licious पहले से ही 4 मिलियन घरों तक अपनी डिजिटल कॉमर्स सेवाएं पहुंचा चुका है, और अब My Chicken and More की 23 स्टोर्स के साथ, Licious अपनी फिजिकल रिटेल उपस्थिति को 26 बिक्री केंद्रों तक बढ़ा सकेगा।

My Chicken and More: एक तेजी से बढ़ती ब्रांड

My Chicken and More बेंगलुरु के उपभोक्ताओं के बीच अपने इन-स्टोर अनुभव के लिए जाना जाता है। 2021 से 2023 के बीच, इस ब्रांड ने अपने आउटलेट्स की संख्या 10 से बढ़ाकर 23 कर ली, और 2023 में इसका कुल राजस्व 110 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह ब्रांड सालाना 1.6 से 1.8 मिलियन ऑर्डर प्रोसेस करने का दावा करता है। कुछ स्टोर्स में मासिक फुटफॉल (ग्राहकों की संख्या) 10,000 से 12,000 तक रहती है, जो इसकी लोकप्रियता और गुणवत्ता को दर्शाता है।

Licious: ऑनलाइन से ऑफलाइन की ओर कदम

Licious की स्थापना 2015 में अभय हांजुरा और विवेक गुप्ता ने की थी। कंपनी ने मीट, सीफूड और रेडी-टू-कुक प्रोडक्ट्स के लिए भारत में 25 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। इस अधिग्रहण के जरिए, Licious का मकसद अपने डिजिटल कारोबार के साथ-साथ फिजिकल स्टोर्स के माध्यम से भी उपभोक्ताओं तक पहुंचना है। Licious के पास अब अपने उत्पादों की बिक्री के लिए दोनों प्लेटफॉर्म होंगे, जिससे यह अपने ग्राहकों को एक व्यापक और सहज अनुभव प्रदान कर सकेगा।

Liciousके वित्तीय आंकड़े और विकास की कहानी

Licious की यात्रा में वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) महत्वपूर्ण रहा। हालांकि, कंपनी को बड़े निवेश प्राप्त हुए, लेकिन इसका ऑपरेटिंग इनकम केवल 9.6% की मामूली वृद्धि के साथ 747.7 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जो FY22 में 682.5 करोड़ रुपये था। वहीं, इसके नुकसान में भी वृद्धि हुई और FY23 में 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 485 करोड़ रुपये था।

Licious की फंडिंग और यूनिकॉर्न बनने की कहानी

Licious ने अक्टूबर 2021 में IIFL AMC के लेट स्टेज टेक फंड से 52 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की और उसके बाद यह कंपनी यूनिकॉर्न बन गई। उसी साल, इसे सीरीज F राउंड में 192 मिलियन डॉलर का निवेश भी प्राप्त हुआ। अब तक, Licious ने कुल 490 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिससे यह मीट और सीफूड सेगमेंट में सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन चुकी है।

इन्फिनिटी: Licious की लॉयल्टी प्रोग्राम

Licious का प्रमुख लॉयल्टी प्रोग्राम Infiniti भी कंपनी के व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस प्रोग्राम के 2 लाख साप्ताहिक सक्रिय सब्सक्राइबर्स हैं, जो कंपनी के मासिक व्यापार का 58% योगदान करते हैं। यह लॉयल्टी प्रोग्राम कंपनी के ग्राहकों को अपने साथ बनाए रखने में मदद करता है और यह उनकी ब्रांडिंग को भी मजबूत करता है।

My Chicken and More का अधिग्रहण क्यों है महत्वपूर्ण?

My Chicken and More का अधिग्रहण Licious के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह कदम कंपनी को सिर्फ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निर्भर रहने से अलग करता है। अब कंपनी के पास ऑफलाइन रिटेल नेटवर्क भी होगा, जिससे उसे और अधिक ग्राहकों तक पहुंचने और अपने व्यवसाय को और विस्तारित करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, My Chicken and More के स्टोर्स में मिलने वाले इन-स्टोर अनुभव से ग्राहकों को बेहतर सेवा मिल सकेगी।

Licious की ओम्निचैनल रणनीति

Licious की ओम्निचैनल रणनीति से यह स्पष्ट है कि कंपनी अब सिर्फ डिजिटल तक सीमित नहीं रहना चाहती। कंपनी अब एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाकर अपनी सेवाओं को फिजिकल रिटेल नेटवर्क के जरिए भी बढ़ा रही है। इससे कंपनी को उन ग्राहकों तक भी पहुंचने में मदद मिलेगी, जो ऑनलाइन खरीदारी में रुचि नहीं रखते, लेकिन फिजिकल स्टोर्स से खरीदारी करना पसंद करते हैं।

भविष्य की योजनाएं

Licious का लक्ष्य अधिग्रहण के बाद अपने उत्पाद पोर्टफोलियो और वितरण नेटवर्क को और मजबूत करना है। कंपनी आने वाले समय में और अधिक शहरों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, Licious ने अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और ग्राहकों की संतुष्टि को हमेशा प्राथमिकता दी है, और इस अधिग्रहण से वह अपने ग्राहकों के लिए और भी बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए तत्पर है।

निष्कर्ष

Licious द्वारा My Chicken and More का अधिग्रहण एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इसे भारतीय मीट और सीफूड बाजार में और अधिक मजबूत स्थिति में लाएगा। डिजिटल और फिजिकल दोनों प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने ग्राहकों तक पहुंचकर, Licious अपनी ओम्निचैनल रणनीति के जरिए अपनी मार्केट उपस्थिति को और व्यापक बनाने के लिए तैयार है। कंपनी के संस्थापकों की दूरदर्शिता और निवेशकों का विश्वास इसे और भी ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

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Perceptyne: AI-आधारित रोबोटिक्स स्टार्टअप ने जुटाए $3 मिलियन

Perceptyne

Perceptyne, एक गहरे तकनीकी (deep tech) और AI-आधारित रोबोटिक्स स्टार्टअप, ने अपने सीड फंडिंग राउंड में $3 मिलियन जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Endiya Partners और Yali Capital ने किया, जिसमें Whiteboard Capital और कुछ प्रमुख एंजल निवेशकों ने भी भाग लिया। इस फंडिंग का उपयोग कंपनी अपने प्रोडक्ट डेवलपमेंट, कस्टमर एक्विजिशन और ग्रोथ में तेजी लाने के लिए करेगी। Perceptyne वर्तमान में ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ घनिष्ठता से काम कर रही है।

Percept yne की शुरुआत और संस्थापक

Perceptyne की स्थापना तीन संस्थापकों – रवितेजा शिवुकुला, जग्गा राजू नडिंपल्ली, और मृत्युंजय नडिमिंती ने की। ये सभी संस्थापक गहरी तकनीकी पृष्ठभूमि से आते हैं और रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उनकी तकनीकी क्षमता और इनोवेशन के लिए दृष्टिकोण ने इस स्टार्टअप को एक मजबूत नींव प्रदान की है। उनकी सोच है कि AI और रोबोटिक्स के माध्यम से उन कार्यों को स्वचालित किया जा सके, जिन्हें अभी तक केवल मनुष्यों द्वारा किया जाता था।

Perceptyne की प्रमुख टेक्नोलॉजी

Perceptyne का मुख्य फोकस AI और रोबोटिक्स को मिलाकर एक ऐसी प्रणाली तैयार करना है, जो मानवीय कौशल और चपलता के साथ काम कर सके। कंपनी का दावा है कि उनके उत्पाद जैसे PR-34D और PR-9D, जो क्रमशः ड्यूल-आर्म और सिंगल-आर्म रोबोट्स हैं, मैन्युफैक्चरिंग और असेंबली लाइन जैसे कार्यों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त हैं। ये रोबोट कंप्यूटर विज़न, मल्टी-मोडल सेंसिंग और उन्नत एंड-इफेक्टर्स के साथ आते हैं, जो उन्हें विभिन्न कार्यों के लिए अत्यधिक सक्षम बनाते हैं।

PR-34D और PR-9D: रोबोटिक्स में क्रांति

Perceptyne के इन फ्लैगशिप उत्पादों का डिज़ाइन विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग उद्योग के लिए किया गया है। इन रोबोट्स को इस प्रकार से बनाया गया है कि वे उत्पाद असेंबली और पैकेजिंग जैसे कार्यों में मानवीय दक्षता के साथ काम कर सकें। AI द्वारा संचालित होने के कारण ये रोबोट जटिल और सूक्ष्म कार्यों को भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं, जिससे मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में गति और सटीकता दोनों बढ़ती हैं।

कंपनी की योजना और भविष्य की रणनीति

फंडिंग के बाद, Perceptyne अब अपने उत्पादों को और उन्नत करने, नए ग्राहकों को जोड़ने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने की योजना बना रहा है। कंपनी वर्तमान में ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग दिग्गजों के साथ काम कर रही है, और आने वाले समय में अन्य उद्योगों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने का लक्ष्य रखती है।

निवेशकों की भूमिका

Endiya Partners और Yali Capital जैसे प्रमुख निवेशकों का इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व करना दर्शाता है कि Perceptyne का व्यवसाय मॉडल और तकनीक निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। Whiteboard Capital और अन्य एंजल निवेशकों ने भी इस स्टार्टअप के भविष्य को लेकर अपने विश्वास को व्यक्त किया है। इस निवेश से यह स्पष्ट है कि रोबोटिक्स और AI का संयोजन आने वाले समय में और अधिक महत्वपूर्ण होने वाला है।

मैन्युफैक्चरिंग उद्योग पर प्रभाव

Perceptyne के उत्पाद मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। असेंबली लाइन में दक्षता और स्वचालन को बढ़ाने के साथ-साथ, ये रोबोट कंपनियों के लिए लागत को भी कम कर सकते हैं। मानव श्रम की जगह स्वचालित मशीनों का इस्तेमाल करना मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को तेज बनाता है और उत्पादन में त्रुटियों को भी कम करता है।

AI और रोबोटिक्स का भविष्य

Perceptyne जैसे स्टार्टअप्स यह दिखा रहे हैं कि भविष्य में AI और रोबोटिक्स का मेल एक नई क्रांति ला सकता है। न केवल बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग बल्कि अन्य उद्योगों में भी इस तकनीक का विस्तार किया जा सकता है। Perceptyne की तकनीक उन क्षेत्रों में भी काम आ सकती है जहां जटिल और संवेदनशील कार्यों की आवश्यकता होती है।

कंपनी का वित्तीय पक्ष

Perceptyne ने अपने सीड राउंड में $3 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, जो इसके विकास के शुरुआती चरण के लिए एक महत्वपूर्ण राशि है। यह फंडिंग कंपनी के लिए प्रोडक्ट डेवलपमेंट, ग्राहक जोड़ने और अपने मार्केट विस्तार को मजबूत करने में मदद करेगी। इसके संस्थापक का कहना है कि यह निवेश उन्हें अपने AI और रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत बनाने में सक्षम बनाएगा।

निष्कर्ष

Perceptyne का उदय AI और रोबोटिक्स के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति का संकेत है। कंपनी का उद्देश्य उन कार्यों को स्वचालित करना है, जिन्हें अभी तक केवल मनुष्यों द्वारा ही किया जा सकता था। संस्थापकों की दूरदृष्टि और निवेशकों का समर्थन इस स्टार्टअप को भविष्य में और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

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UPI का नया रिकॉर्ड: सितंबर 2024 में 15 बिलियन ट्रांजैक्शन के पार

UPI

सितंबर 2024 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया, जब कुल ट्रांजैक्शन की संख्या 15 बिलियन से अधिक हो गई। अप्रैल 2016 में लॉन्च होने के बाद से, UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इस तेजी से बढ़ते पेमेंट सिस्टम ने न केवल भुगतान के तरीकों को सरल बनाया है, बल्कि इसे भारत के आर्थिक और डिजिटल परिदृश्य का एक अभिन्न हिस्सा भी बना दिया है।

PhonePe का वर्चस्व जारी

UPI ट्रांजैक्शन में PhonePe सबसे बड़ा खिलाड़ी बना हुआ है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, PhonePe ने सितंबर 2024 में 7.22 बिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹10,30,871 करोड़ थी। यह आंकड़ा UPI की पूरी सफलता और PhonePe की इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ को दर्शाता है।

हालांकि, PhonePe के ट्रांजैक्शन वॉल्यूम और वैल्यू में मामूली गिरावट देखी गई, जबकि Google Pay ने दोनों में वृद्धि दर्ज की। अगस्त 2024 की तुलना में PhonePe का बाजार हिस्सा 48% तक गिर गया, जो पहले 48.3% था। इसके बावजूद, यह अभी भी UPI मार्केट का सबसे बड़ा हिस्सा रखता है।

Google Pay की तेजी

Google Pay, जो इस रेस में PhonePe के बाद दूसरे स्थान पर है, ने सितंबर में 5.62 बिलियन ट्रांजैक्शन किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹7,46,690.05 करोड़ थी। Google Pay का बाजार हिस्सा अब 37.4% है, जो अगस्त में 37.3% था। Google Pay की इस स्थिर और लगातार बढ़ती प्रगति से यह स्पष्ट है कि इसका यूजर बेस और ट्रांजैक्शन दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं।

Paytm की स्थिति स्थिर, लेकिन चुनौतीपूर्ण

Paytm ने सितंबर 2024 में अपनी स्थिति को लगभग स्थिर रखा है, जिसमें इसके ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। Paytm का बाजार हिस्सा अब 7% है, जो अगस्त में 7.21% था। हालांकि, Paytm ने बाजार में अपनी स्थिति को बनाए रखा है, लेकिन PhonePe और Google Pay के दबदबे के सामने इसे कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

अन्य खिलाड़ियों की बढ़ती उपस्थिति

सितंबर 2024 में CRED और Navi जैसे नए खिलाड़ी भी अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। CRED ने 140 मिलियन ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जिनकी वैल्यू ₹47,982.71 करोड़ थी, जबकि Navi ने 120 मिलियन ट्रांजैक्शन के साथ ₹6,549.10 करोड़ की वैल्यू हासिल की। खास बात यह रही कि Navi ने ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 35% की वृद्धि दर्ज की और पहली बार शीर्ष पांच UPI ऐप्स में शामिल हो गया।

इसके अलावा, Flipkart के Super.money ऐप ने भी सितंबर में 120% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की और यह 15वें स्थान पर पहुंच गया, जो BHIM ऐप से ठीक पीछे है।

P2M और P2P ट्रांजैक्शन का बंटवारा

सितंबर 2024 में कुल 15 बिलियन UPI ट्रांजैक्शन में से, पीयर-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन ने 62% का हिस्सा बनाया, जबकि पीयर-टू-पीयर (P2P) ट्रांजैक्शन ने शेष 38% का योगदान दिया। हालाँकि, ट्रांजैक्शन वैल्यू के मामले में, P2P ट्रांजैक्शन का हिस्सा 72.5% से अधिक था, जबकि P2M ट्रांजैक्शन का योगदान शेष हिस्से के लिए था। यह बंटवारा यह दर्शाता है कि लोग P2P ट्रांजैक्शन में बड़ी रकम ट्रांसफर करते हैं, जबकि P2M का उपयोग अधिकतर छोटे भुगतानों के लिए किया जाता है।

UPI का बढ़ता प्रभाव

UPI का यह प्रभाव न केवल बड़े शहरों में, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है। डिजिटल भुगतान के इस प्रसार ने कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में भारत के कदम को तेज कर दिया है। UPI ने आम जनता के लिए वित्तीय समावेशन को आसान बनाया है, और व्यापारियों को भी अपने लेन-देन में अधिक पारदर्शिता और सरलता प्रदान की है।

भविष्य की चुनौतियाँ और अवसर

UPI के इस निरंतर विकास के साथ कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि के कारण NPCI और अन्य वित्तीय संस्थाओं को मजबूत सुरक्षा उपाय लागू करने होंगे। इसके अलावा, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसे दूर करने के लिए सरकार और निजी कंपनियों को मिलकर काम करना होगा।

निष्कर्ष

सितंबर 2024 में UPI का 15 बिलियन ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार करना, डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर है। PhonePe और Google Pay जैसी कंपनियों ने इस क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है, जबकि नए खिलाड़ी भी अपनी जगह बना रहे हैं। UPI का बढ़ता प्रभाव यह संकेत देता है कि आने वाले समय में भारत में डिजिटल भुगतान का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा, और यह वित्तीय समावेशन और पारदर्शिता को और अधिक मजबूत बनाएगा।

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Zypp Electric ने $14 मिलियन जुटाए, FY24 में कुल राजस्व 300 करोड़ रुपये से अधिक

Zypp Electric

गुरुग्राम स्थित बी2बी डिलीवरी और साझा मोबिलिटी स्टार्टअप Zypp Electric ने वित्तीय वर्ष 2024 के अंत में $14 मिलियन (लगभग 115 करोड़ रुपये) की धनराशि जुटाई है। यह कंपनी की तेज़ी से बढ़ती विकास दर का परिणाम है, जो त्वरित वाणिज्य (क्विक कॉमर्स) और फूड डिलीवरी सेक्टर के विस्तार से प्रेरित है। Zypp Electric का राजस्व FY24 में 2.6 गुना बढ़कर 300 करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।

Zypp Electric कंपनी के बारे में

Zypp Electric की स्थापना 2017 में आकाश गुप्ता और राशी अग्रवाल ने की थी। यह एक इलेक्ट्रिक व्हीकल-एज-ए-सर्विस (EV-as-a-service) प्लेटफ़ॉर्म है, जो इलेक्ट्रिक स्कूटर रेंटल्स और डिलीवरी सेवाओं की पेशकश करता है। कंपनी विशेष रूप से गिग वर्कर्स को अपने बेड़े के माध्यम से डिलीवरी सेवाएं प्रदान करती है। Zypp Electric के पास वर्तमान में लगभग 22,000 सक्रिय वाहन हैं, जिनमें से 15,000 दिल्ली एनसीआर, 4,000 बेंगलुरु, और 1,200 मुंबई में चल रहे हैं।

फंडिंग का महत्व

$14 मिलियन की यह नवीनतम फंडिंग Zypp Electric की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस धनराशि का उपयोग कंपनी अपनी टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने, नए क्षेत्रों में विस्तार करने और नए वाहनों को अपने बेड़े में जोड़ने के लिए करेगी। कंपनी की योजना है कि आने वाले वर्षों में न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने EV-as-a-service मॉडल का विस्तार किया जाए।

Zypp Electric का लक्ष्य है कि वे अपने स्कूटर बेड़े को आने वाले वर्षों में और भी बड़ा बनाएं। इससे न केवल गिग वर्कर्स के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेवाओं की तेज़ी से होती मांग को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।

FY24 की वित्तीय स्थिति

Zypp Electric की कुल आय FY24 में 293 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो FY23 में 109 करोड़ रुपये थी। कंपनी की वृद्धि के साथ-साथ खर्चों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई। कुल खर्च FY24 में 2.6 गुना बढ़कर 394 करोड़ रुपये हो गया, जबकि FY23 में यह 152 करोड़ रुपये था। कर्मचारियों के लाभ और किराए की मरम्मत पर खर्च FY24 में क्रमशः 2.1 गुना और 3.9 गुना बढ़ गया।

कंपनी के संस्थापक

Zypp Electric के संस्थापकों, आकाश गुप्ता और राशी अग्रवाल, ने यह कंपनी एक उद्देश्य के साथ शुरू की थी कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से स्थायी और किफायती डिलीवरी सेवाएं प्रदान की जा सकें। दोनों संस्थापक भारत में ईवी अपनाने को बढ़ावा देने और पर्यावरण अनुकूल समाधानों को प्रमुखता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

फंडिंग और विस्तार

Zypp Electric द्वारा जुटाई गई $14 मिलियन की फंडिंग कंपनी की भविष्य की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस नई फंडिंग का उपयोग कंपनी के विस्तार, संचालन और अधिक वाहनों के बेड़े में किया जाएगा। इसके साथ ही, कंपनी नई तकनीकों और डिलीवरी मॉडल्स को अपनाने के लिए अपने R&D (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) में निवेश करने की योजना बना रही है।

व्यय का विवरण

कंपनी ने FY24 में 394 करोड़ रुपये का कुल व्यय दर्ज किया, जिसमें से 274 करोड़ रुपये ‘अन्य खर्चों’ के रूप में सूचीबद्ध किए गए हैं। इन खर्चों में राइडर्स को भुगतान, कानूनी शुल्क, विज्ञापन और अन्य परिचालन खर्च शामिल होने की संभावना है। Zypp Electric की संचालन लागत में तेजी से वृद्धि इसके विस्तार और डिलीवरी नेटवर्क में बढ़ोतरी का संकेत देती है।

निष्कर्ष

Zypp Electric का विकास एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे एक स्टार्टअप अपनी सेवाओं को विस्तार देकर और नवीन समाधानों का उपयोग करके सफलता प्राप्त कर सकता है। $14 मिलियन की फंडिंग से कंपनी को अपने ऑपरेशंस को और मजबूत करने का मौका मिलेगा। कंपनी का फोकस न केवल सस्टेनेबल डिलीवरी सेवाओं पर है, बल्कि गिग वर्कर्स और पर्यावरण दोनों के लिए दीर्घकालिक फायदे देने पर भी है।

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OYO Hiring , 5 प्रमुख पदों पर की नियुक्तियाँ

OYO

भारत की अग्रणी हॉस्पिटैलिटी कंपनी OYO ने हाल ही में अपने नेतृत्व दल में पांच महत्वपूर्ण नियुक्तियों की घोषणा की है। कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी गतिविधियों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इन नियुक्तियों को किया है। इन नियुक्तियों से OYO के वैश्विक विस्तार और ऑपरेशनल दक्षता में और सुधार की उम्मीद है।

मुख्य नियुक्तियाँ

  1. सोनल सिन्हा को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर – इंटरनेशनल नियुक्त किया गया है, जो OYO के अंतरराष्ट्रीय संचालन को और मजबूत करेंगी।
  2. रचित श्रीवास्तव को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर – ओवोकेशन होम्स (OVH), यूरोप के रूप में नियुक्त किया गया है।
  3. शशांक जैन को हेड ऑफ टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन रेवेन्यू के रूप में पदोन्नत किया गया है, जो कंपनी के तकनीकी पहलुओं और ऑनलाइन रेवेन्यू को संभालेंगे।
  4. पंखुरी सकुजा OYO के जर्मनी में स्थित लिस्टिंग व्यवसाय ट्रॉम-फेरीएन्वोनंगन और फ्लेक्स-स्पेस बिजनेस Innov8 का नेतृत्व करेंगी।
  5. आशीष बाजपाई को हेड ऑफ रेवेन्यू एंड ग्लोबल OTA का पद सौंपा गया है, जो राजस्व वृद्धि और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों के साथ संबंधों को और मजबूत करेंगे।

वैश्विक विस्तार पर जोर

OYO ने कहा है कि ये नेतृत्व नियुक्तियाँ कंपनी की नवाचार और वैश्विक विस्तार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। OYO अब विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर होटल और वेकेशन होम्स की एक विस्तृत श्रृंखला को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इससे न केवल कंपनी की बाजार में पहुंच बढ़ेगी, बल्कि इसके संचालन की दक्षता भी बेहतर होगी।

OYO का उद्देश्य है कि वह नए बाजारों में अपनी उपस्थिति को बढ़ाकर और विविधता लाकर अपने वैश्विक व्यवसाय को और मजबूत करे। यह कदम कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मकता को और बढ़ाने में मदद करेगा और इसके ग्राहकों को अधिक विकल्प प्रदान करेगा।

स्टार्टअप इकोसिस्टम में OYO की भूमिका

OYO ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी के अनुसार, 60 से अधिक पूर्व OYO कर्मचारी अपनी स्टार्टअप कंपनियाँ शुरू करने में सफल हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि OYO ने न केवल अपने कर्मचारियों को विकसित किया है, बल्कि उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में भी प्रोत्साहित किया है।

नया अधिग्रहण

हाल ही में OYO ने G6 हॉस्पिटैलिटी, जो मोटेल 6 और स्टूडियो 6 का संचालन करती है, का अधिग्रहण किया है। यह अधिग्रहण 525 मिलियन डॉलर के ऑल-कैश डील के माध्यम से हुआ है। इस अधिग्रहण के साथ OYO ने अमेरिकी बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है।

वित्तीय प्रदर्शन

OYO ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 5,389 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है, और 230 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया है। यह प्रदर्शन पिछले वर्ष के 1,286 करोड़ रुपये के घाटे से एक बड़ा परिवर्तन दर्शाता है। OYO की इस वित्तीय सफलता का श्रेय इसके संचालन में सुधार और व्यवसाय विस्तार को दिया जा सकता है।

संस्थापक और कंपनी की पृष्ठभूमि

OYO की स्थापना 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी, और तब से यह कंपनी भारत की सबसे प्रमुख हॉस्पिटैलिटी स्टार्टअप्स में से एक बन गई है। OYO अपने अभिनव बिजनेस मॉडल के कारण तेजी से विकास कर रही है, और इसके द्वारा विभिन्न बजट कैटेगरी में होटलों और वेकेशन होम्स की पेशकश की जा रही है। कंपनी ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है।

विस्तार योजनाएँ और रणनीति

OYO के नेतृत्व दल में किए गए ये बदलाव कंपनी की भविष्य की रणनीतियों का हिस्सा हैं। कंपनी अपने वैश्विक विस्तार की योजनाओं को और तेजी से अमल में लाना चाहती है और नए बाजारों में प्रवेश करके अपने व्यवसाय का दायरा बढ़ाना चाहती है। इसके साथ ही, OYO तकनीकी नवाचारों के माध्यम से अपने संचालन को और प्रभावी बनाने के लिए काम कर रही है।

निष्कर्ष

OYO के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, जब कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ कर रही है और वैश्विक स्तर पर विस्तार के लिए नए कदम उठा रही है। नए नेतृत्व दल के साथ, OYO को उम्मीद है कि वह अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ प्रदान कर सकेगी और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में अपनी पकड़ और मजबूत कर सकेगी।

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Toplyne का परिचालन बंद, निवेशकों को पूंजी लौटाने का निर्णय

Toplyne

नई दिल्ली: स्टार्टअप की दुनिया में एक बड़ा कदम लेते हुए, प्लग-एंड-प्ले प्लेटफॉर्म Toplyne ने अपने परिचालन को बंद करने और निवेशकों को पूंजी लौटाने का निर्णय लिया है। सूत्रों के मुताबिक, इस फैसले ने उद्योग में हलचल मचा दी है, क्योंकि Toplyne ने Peak XV और Tiger Global जैसे प्रमुख निवेशकों से फंडिंग हासिल की थी। इस कदम के पीछे कंपनी की अपने विकास को एक निश्चित बिंदु से आगे नहीं बढ़ा पाने की चुनौती मुख्य कारण बताई जा रही है।

विकास की चुनौतियां और निर्णय

सूत्रों के अनुसार, हालांकि Toplyne ने प्रारंभिक चरण में उल्लेखनीय सफलता पाई, लेकिन कंपनी अपने उत्पाद के विकास और विस्तार में चुनौतियों का सामना कर रही थी। एक गुमनाम सूत्र ने बताया, “भारी फंडिंग के बावजूद, स्टार्टअप एक निश्चित स्तर से आगे स्केल नहीं कर पाया, जिसके कारण संस्थापक टीम ने परिचालन बंद करने और शेष पूंजी को निवेशकों को वापस करने का कठिन निर्णय लिया।”

कंपनी का परिचय

Toplyne एक प्लग-एंड-प्ले प्लेटफॉर्म है जो प्रोडक्ट-लेड ग्रोथ वाली कंपनियों में बिक्री टीमों को फ्रीमियम उपयोगकर्ताओं के बीच रूपांतरण दर बढ़ाने में मदद करता था। यह स्टार्टअप विभिन्न कंपनियों के उत्पादों में सीधे एकीकृत होकर उपयोगकर्ताओं के डेटा से कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता था, जिससे वे संभावित लीड्स को भुगतान करने वाले ग्राहकों में बदलने में सक्षम होते थे। Toplyne की स्थापना ऋषेन कपूर, रुचिन कुलकर्णी, और रोहित खन्ना ने की थी, और यह स्टार्टअप लगभग साढ़े तीन साल से परिचालन कर रहा था।

संस्थापकों का बयान

Toplyne के सह-संस्थापक ऋषेन कपूर ने अपने LinkedIn पोस्ट में कहा, “साढ़े तीन साल तक Toplyne का निर्माण करने के बाद, हमने परिचालन बंद करने और अपने निवेशकों को पूंजी लौटाने का कठिन निर्णय लिया है। हमारी पूरी कोशिशों के बावजूद, हम उस स्केल या प्रोडक्ट-मार्केट फिट को हासिल नहीं कर सके, जिसकी हमें उम्मीद थी।” इस बयान से स्पष्ट है कि संस्थापक टीम ने स्थिति का मूल्यांकन किया और यह निष्कर्ष निकाला कि कंपनी को आगे बढ़ाना अब व्यावहारिक नहीं था।

फंडिंग और निवेशक

Toplyne ने अपनी यात्रा के दौरान Peak XV और Tiger Global जैसे प्रसिद्ध निवेशकों से फंडिंग जुटाई थी। इन निवेशकों का कंपनी पर भरोसा और फंडिंग स्टार्टअप को अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता करने के लिए थी। लेकिन बावजूद इसके, कंपनी उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाई, जहां से यह एक स्थायी और लाभदायक व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ सके। अब, निवेशकों को शेष पूंजी वापस करने का निर्णय Toplyne के निवेशकों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

व्यापार मॉडल और प्रोडक्ट मार्केट फिट की कमी

Toplyne का बिजनेस मॉडल प्रोडक्ट-लेड ग्रोथ वाली कंपनियों के लिए उपयोगकर्ता डेटा से मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करने पर केंद्रित था। हालांकि, जैसा कि कपूर ने बताया, कंपनी उस बाजार में प्रवेश नहीं कर सकी जो उनके उत्पाद के लिए उपयुक्त हो। प्रोडक्ट मार्केट फिट की कमी के कारण कंपनी की वृद्धि रुक गई और उन्हें यह कठिन फैसला लेना पड़ा।

विकास के लिए प्रयास और असफलता

Toplyne ने अपने तीन सालों के सफर में कई विकासात्मक प्रयास किए। कंपनी ने अपने उत्पाद को बेहतर बनाने और इसे अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाने के लिए विभिन्न रणनीतियाँ अपनाई। हालांकि, इनमें से कई प्रयास अपेक्षित परिणाम नहीं दे सके। कंपनी ने बाजार में जो अंतर देखा था, वह उतना बड़ा नहीं था जितना उन्होंने सोचा था। इसके चलते उनके प्रोडक्ट-मार्केट फिट में कमी रही।

कर्मचारियों और बाजार पर प्रभाव

Toplyne के बंद होने का प्रभाव केवल निवेशकों पर ही नहीं, बल्कि कंपनी के कर्मचारियों और पूरे बाजार पर भी पड़ेगा। कंपनी में काम कर रहे कर्मचारी, जिन्होंने कंपनी के निर्माण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, अब नई नौकरियों की तलाश करेंगे। इसके अलावा, Toplyne के बंद होने से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में भी एक संदेश जाएगा कि सही प्रोडक्ट-मार्केट फिट और विकास रणनीति न होने पर बड़ी फंडिंग भी स्टार्टअप को सफल नहीं बना सकती।

भविष्य की योजनाएं

हालांकि Toplyne के बंद होने से कंपनी का सफर समाप्त हो गया है, लेकिन इसके संस्थापक और निवेशक भविष्य में नई संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। ऋषेन कपूर, रुचिन कुलकर्णी, और रोहित खन्ना ने स्टार्टअप की दुनिया में जो अनुभव और ज्ञान हासिल किया है, वह उन्हें भविष्य में नई चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा। वहीं, निवेशक भी नई संभावनाओं की तलाश करेंगे, जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में नई ऊर्जा और नवाचार लाएगी।

निष्कर्ष

Toplyne का बंद होना यह दर्शाता है कि स्टार्टअप की सफलता केवल फंडिंग पर निर्भर नहीं होती, बल्कि सही प्रोडक्ट-मार्केट फिट और प्रभावी स्केलिंग रणनीति पर भी आधारित होती है। तीन वर्षों के प्रयासों और चुनौतियों के बावजूद, संस्थापकों ने निवेशकों को पूंजी वापस करने का निर्णय लिया है, जो उनकी नैतिक जिम्मेदारी और पारदर्शिता को दर्शाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संस्थापक और निवेशक भविष्य में किन नई चुनौतियों और अवसरों का सामना करेंगे।

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Servify  की राजस्व में 23.6% की वृद्धि, घाटे में 59% की कमी

Servify

भारत की प्रमुख पोस्ट-सेल्स सर्विस फर्म, सर्विफाई (Servify), ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में अपने राजस्व में मजबूत वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) के मुकाबले FY24 में 23.6% की राजस्व वृद्धि हासिल की है। इसके साथ ही कंपनी ने अपने घाटे में 59% की कमी भी की है, जो इसके संचालन और रणनीतिक कदमों में सुधार का संकेत देती है।

राजस्व और वित्तीय प्रदर्शन

Servify के संचालन से होने वाला राजस्व FY24 में 755 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि FY23 में यह 611 करोड़ रुपये था। इस अवधि में कंपनी ने अपने घाटे को 59% तक घटा दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी न केवल अपने व्यवसाय में विस्तार कर रही है, बल्कि अपने घाटे को भी नियंत्रित करने में सफल हो रही है।

सेवा का दायरा

सर्विफाई मोबाइल डिवाइस, गैजेट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरणों के लिए ब्रांड-अधिकृत आफ्टर-सेल्स सपोर्ट प्रदान करती है। कंपनी का प्रमुख उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को उनके उपकरणों के खरीद बिलों को संग्रहीत करने और वारंटी के दौरान और बाद में आधिकारिक सेवाओं तक पहुंचने की सुविधा देना है। इस सुविधा ने सर्विफाई को बाजार में एक मजबूत पकड़ दिलाने में मदद की है।

प्रमुख राजस्व स्रोत

सर्विफाई के राजस्व का 87.8% हिस्सा व्हाइट-लेबल्ड प्रोटेक्शन प्लान्स से आता है, जो मोबाइल ऐप्स और वेब पोर्टल्स के माध्यम से बेचे जाते हैं। FY24 में इस श्रेणी से होने वाला राजस्व 19.2% बढ़कर 663 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसके अलावा, मोबाइल हैंडसेट और स्पेयर पार्ट्स की बिक्री से होने वाली आय में भी 66% की वृद्धि दर्ज की गई, जो 91 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

सेवा की विशेषताएँ

सर्विफाई ब्रांडों के साथ मिलकर उनके उपकरणों के लिए आफ्टर-सेल्स सर्विसेज प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ताओं को उनके उपकरणों के लिए वारंटी योजनाओं, स्पेयर पार्ट्स, और मरम्मत सेवाओं तक पहुंचने की अनुमति देता है। सर्विफाई की सेवा में उपयोगकर्ताओं को अपने डिवाइस के सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जैसे खरीद बिल को डिजिटल रूप से संग्रहीत करने का विकल्प भी मिलता है, जिससे वह वारंटी और मरम्मत सेवाओं का आसानी से लाभ उठा सकते हैं।

कंपनी का विस्तार और विकास

सर्विफाई ने अपने व्हाइट-लेबल्ड प्रोटेक्शन प्लान्स और मोबाइल पार्ट्स के साथ-साथ अन्य उत्पादों की बिक्री के जरिए मजबूत वृद्धि दर्ज की है। इसके अलावा, कंपनी ने अपने घाटे में भी कमी की है, जो यह दर्शाता है कि कंपनी अपने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार की दिशा में कदम उठा रही है।

संस्थापक और नेतृत्व टीम

सर्विफाई की स्थापना सौरभ च्रिंगलकर ने की थी, जो वर्तमान में कंपनी के सीईओ भी हैं। सौरभ के नेतृत्व में, कंपनी ने आफ्टर-सेल्स सेवा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है और अपनी सेवाओं का विस्तार किया है। सौरभ का अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण कंपनी की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

वित्तीय संरचना और भविष्य की योजनाएं

FY24 के वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, कंपनी की वित्तीय संरचना में सकारात्मक सुधार देखा गया है। घाटे में कमी और राजस्व में वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि कंपनी वित्तीय स्थिरता की ओर बढ़ रही है। कंपनी भविष्य में अपने उत्पाद और सेवा पोर्टफोलियो को और अधिक विस्तार देने की योजना बना रही है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरणों के क्षेत्र में।

सर्विफाई की स्थिरता

सर्विफाई का स्थिर वित्तीय प्रदर्शन और मजबूत सेवाओं का पोर्टफोलियो इसे भारतीय आफ्टर-सेल्स सेवा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाता है। इसके व्हाइट-लेबल्ड प्रोटेक्शन प्लान्स और मोबाइल पार्ट्स की बिक्री ने कंपनी को एक स्थिर वित्तीय स्थिति में ला दिया है। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे उसे बाजार में एक मजबूत प्रतिष्ठा मिली है।

निष्कर्ष

सर्विफाई ने FY24 में अपने वित्तीय प्रदर्शन में काफी सुधार किया है, जो इसके राजस्व में 23.6% की वृद्धि और घाटे में 59% की कमी से स्पष्ट होता है। कंपनी का उद्देश्य अपने आफ्टर-सेल्स सेवा पोर्टफोलियो को और विस्तार देना और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है। इसके संस्थापक सौरभ च्रिंगलकर के नेतृत्व में, कंपनी ने एक मजबूत व्यवसायिक ढांचा तैयार किया है और अपने भविष्य के लक्ष्यों की ओर मजबूती से बढ़ रही है।

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The Good Glamm Group ने Sirona Hygiene को 450 करोड़ रुपये में किया अधिग्रहित

Sirona Hygiene

सिरोना हाइजीन का परिचय
The Good Glamm Group ने हाल ही में एक बड़ी डील के तहत Sirona Hygiene का अधिग्रहण 450 करोड़ रुपये (लगभग 60 मिलियन डॉलर) में किया है। यह अधिग्रहण खास इसलिए है क्योंकि यह भारत में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) सेक्टर में सबसे बड़ी नकद डील में से एक है, खासकर महिलाओं की स्वास्थ्य और स्वच्छता (फेमटेक) से जुड़े क्षेत्र में। सिरोना की स्थापना 2015 में दीप बजाज और मोहित बजाज द्वारा की गई थी। यह कंपनी महिलाओं की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नवाचारी उत्पाद बनाती है, जैसे PeeBuddy, हर्बल पीरियड पेन पैच, मेंस्ट्रुअल कप, और एंटी-चैफिंग रैश क्रीम।

संस्थापकों की भूमिका और इस्तीफे
इस अधिग्रहण के बाद, सिरोना के सह-संस्थापक दीप बजाज और मोहित बजाज ने अपने सक्रिय पदों से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले इस साल की शुरुआत में ही उन्होंने सक्रिय भूमिकाओं से हटने का निर्णय लिया था और अब वे डायरेक्टर के पद से भी इस्तीफा दे चुके हैं। यह अधिग्रहण सिरोना के कर्मचारियों के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ है, क्योंकि उनके एस्क्लेटेड ESOP (कर्मचारियों के शेयर स्वामित्व योजना) वेस्टिंग के तहत पहले से आर्थिक लाभ मिला है।

अधिग्रहण की चुनौतियां और कानूनी विवाद
हालांकि इस अधिग्रहण के साथ कुछ विवाद भी जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, सिरोना के सह-संस्थापकों के साथ-साथ The Moms Co और Indian Angel Network (IAN) ने The Good Glamm Group के खिलाफ कानूनी नोटिस दायर किया है। उनका आरोप है कि कंपनी ने अधिग्रहण से संबंधित अंतिम भुगतान समय पर नहीं किया। इस मामले में क्या परिणाम होगा, यह अभी देखा जाना बाकी है।

सिरोना का विकास और उत्पाद
सिरोना महिलाओं के जीवन के विभिन्न चरणों—जैसे किशोरावस्था से लेकर रजोनिवृत्ति तक—के लिए विशेष उत्पाद प्रदान करता है। कंपनी ने कई नवाचारी और महिलाओं की दैनिक समस्याओं का समाधान करने वाले उत्पादों को बाजार में उतारा है। इनमें सबसे प्रमुख हैं PeeBuddy, जो महिलाओं को खड़े होकर पेशाब करने की सुविधा देता है, हर्बल पीरियड पेन पैच, जो पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करते हैं, मेंस्ट्रुअल कप, पीरियड स्टेन रिमूवर्स, और सैनिटरी डिस्पोजल बैग। सिरोना के उत्पादों ने महिलाओं के स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

The Good Glamm Group के अधिग्रहण की रणनीति
The Good Glamm Group, जो कंटेंट-टू-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, ने सिरोना को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करके अपने फेमटेक सेगमेंट को और मजबूत किया है। इस अधिग्रहण के साथ कंपनी का उद्देश्य महिलाओं की स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित समाधान को व्यापक बनाना है। कंपनी पहले से ही महिलाओं के लिए विभिन्न श्रेणियों में प्रोडक्ट्स और सेवाएं प्रदान कर रही है, और सिरोना के अधिग्रहण से वह अपनी पहुंच और प्रभाव को और बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।

वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाएं
यह अधिग्रहण The Good Glamm Group की वित्तीय ताकत को भी दर्शाता है, जो हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है। सिरोना की टीम को इस अधिग्रहण से काफी वित्तीय लाभ मिला है, खासकर एस्क्लेटेड ESOP वेस्टिंग के माध्यम से। इसके साथ ही, कंपनी अब महिला-स्वास्थ्य और स्वच्छता उत्पादों में और अधिक नवाचार लाने की योजना बना रही है।

सिरोना के कर्मचारियों के लिए अवसर
अधिग्रहण के साथ सिरोना के कर्मचारियों को तेजी से आर्थिक लाभ मिला है। ESOP के तहत उन्हें अपने शेयर पहले से वेस्ट करने का अवसर मिला, जिससे उन्हें वित्तीय लाभ भी मिला। यह अधिग्रहण कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है, खासकर एक ऐसे समय में जब स्टार्टअप्स में एक्सिट और वित्तीय लाभ हमेशा आसान नहीं होता।

फेमटेक में सिरोना का योगदान
सिरोना ने भारत के फेमटेक स्पेस में अपनी पहचान बनाई है। कंपनी के नवाचारी उत्पाद, जैसे PeeBuddy और हर्बल पीरियड पेन पैच, ने महिलाओं की स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़े मुद्दों का समाधान करने में अहम भूमिका निभाई है। कंपनी के उत्पाद भारत में लाखों महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं, और The Good Glamm Group के साथ जुड़ने के बाद इसका प्रभाव और भी बढ़ेगा।

निष्कर्ष
इस अधिग्रहण से The Good Glamm Group को महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़े फेमटेक स्पेस में अपने प्रभाव को और बढ़ाने का अवसर मिलेगा। सिरोना के उत्पादों के साथ, कंपनी महिलाओं के लिए और अधिक नवाचारी समाधान लाने की दिशा में काम करेगी।

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Mobility फर्म Rapido $60 मिलियन जुटाने की तैयारी में,

Rapido

भारत की प्रमुख मूविलिटी कंपनी Rapido जल्द ही $60 मिलियन जुटाने की प्रक्रिया में है। यह राशि Prosus से मुख्य रूप से प्राइमरी और सेकेंडरी कैपिटल के मिश्रण के रूप में प्राप्त होगी। तीन सूत्रों के अनुसार, यह निवेश रैपिडो के चल रहे $200 मिलियन फंडिंग राउंड का हिस्सा होगा।

Prosus का निवेश और फंडिंग राउंड का विस्तार

एक सूत्र के अनुसार, Prosus रैपिडो में $60 मिलियन की हिस्सेदारी खरीदेगा। इस डील के नियमों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इससे रैपिडो के शुरुआती निवेशकों को आंशिक निकासी का मौका भी मिलेगा।” यह डील Rapido की वित्तीय रणनीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे कंपनी के भविष्य के विकास को समर्थन मिलेगा।

इससे पहले, रैपिडो ने WestBridge Capital से अपने सीरीज E फंडिंग राउंड में $120 मिलियन पहले ही प्राप्त किए हैं। यह निवेश सेटू AIF और Konark जैसे निवेश वाहनों के जरिए किया गया था।

फंडिंग राउंड के पूरा होने की प्रक्रिया

सूत्रों के अनुसार, Prosus के $60 मिलियन के साथ रैपिडो का सीरीज E फंडिंग राउंड पूरा हो जाएगा। एक अन्य सूत्र ने बताया, “Prosus के निवेश के बाद रैपिडो का सीरीज E राउंड सफलतापूर्वक संपन्न हो जाएगा।”

इस फंडिंग के बाद कंपनी के विकास और विस्तार की योजनाएं मजबूत होंगी, जिससे रैपिडो के बाजार में पकड़ और अधिक मजबूत हो जाएगी। हालांकि, सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि कंपनी का मूल्यांकन इस दौर के बाद भी अपरिवर्तित रहेगा।

रैपिडो का मूल्यांकन और पहले के निवेश

रैपिडो का अनुमानित मूल्यांकन TheKredible के आंकड़ों के अनुसार लगभग $1.02 बिलियन है। यह मूल्यांकन पहले के सीरीज E राउंड के दौरान तय किया गया था, जो पूरी तरह से WestBridge Capital के जरिए फंड किया गया था। इस नए निवेश के बाद, कंपनी की वैल्यूएशन को कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि Prosus का निवेश कंपनी के वर्तमान विकास पर केंद्रित है।

कंपनी का परिचय

रैपिडो एक प्रमुख मूविलिटी फर्म है, जो बाइक टैक्सी सेवाओं और अन्य शहरी परिवहन समाधानों के लिए जानी जाती है। कंपनी का लक्ष्य तेज, सस्ती और सुरक्षित यात्रा सेवाएं प्रदान करना है। भारत के कई शहरों में अपनी सेवा के विस्तार के बाद, रैपिडो ने अपने उपयोगकर्ता आधार और सेवा की गुणवत्ता में लगातार सुधार किया है।

संस्थापक और कंपनी का नेतृत्व

रैपिडो की स्थापना 2015 में अरविंद संका, पवन गुंटुपल्ली, और आरविंदर सिंह द्वारा की गई थी। कंपनी के संस्थापकों का मानना है कि शहरी परिवहन की समस्याओं का समाधान बाइक टैक्सी सेवाओं के जरिए किया जा सकता है, जिससे यातायात के बढ़ते बोझ को कम किया जा सके। रैपिडो ने भारत के कई शहरों में अपनी सेवाओं का विस्तार किया है और यह तेजी से बढ़ती मूविलिटी कंपनियों में से एक बन चुकी है।

फंडिंग और वित्तीय स्थिति

रैपिडो ने अपने विकास के विभिन्न चरणों में कई महत्वपूर्ण निवेशकों से फंडिंग प्राप्त की है। WestBridge Capital और अब Prosus के साथ, कंपनी ने $200 मिलियन की बड़ी फंडिंग हासिल की है। इसके पहले दौर में, रैपिडो ने $120 मिलियन जुटाए थे, जो कंपनी के सेवा विस्तार और तकनीकी उन्नति में मददगार साबित हुए। अब, Prosus के साथ यह फंडिंग राउंड पूरा होने के बाद, रैपिडो के पास और अधिक संसाधन होंगे ताकि वे नए बाजारों में प्रवेश कर सकें और अपनी सेवाओं में सुधार कर सकें।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएं

इस फंडिंग का उपयोग कंपनी के सेवा विस्तार, तकनीकी सुधार, और उपयोगकर्ता अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। रैपिडो के पास पहले से ही कई भारतीय शहरों में एक मजबूत उपस्थिति है, और अब यह कंपनी छोटे शहरों और कस्बों में भी अपनी सेवा का विस्तार करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, रैपिडो अपने बाइक टैक्सी सेवा को अन्य वाहनों और सेवाओं के साथ जोड़ने पर भी विचार कर रही है, ताकि ग्राहकों को विविध परिवहन विकल्प मिल सकें।

निष्कर्ष

रैपिडो ने अपने सीरीज E फंडिंग राउंड में Prosus के $60 मिलियन के निवेश के साथ एक और मील का पत्थर हासिल किया है। इस फंडिंग से कंपनी को अपने व्यापार को और विस्तार देने और शहरी परिवहन के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूने का अवसर मिलेगा। संस्थापकों के नेतृत्व में, रैपिडो ने एक मजबूत बाजार उपस्थिति बनाई है, और आने वाले समय में यह कंपनी भारतीय परिवहन क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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