जनवरी में फंडिंग $1.75 बिलियन के पार,

भारतीय स्टार्टअप्स

2025 की शुरुआत भारतीय स्टार्टअप्स के लिए बेहद उत्साहजनक रही। जनवरी में वेंचर फंडिंग $1.76 बिलियन तक पहुंच गई, जो पिछले छह महीनों की तुलना में कहीं अधिक है। इस उछाल में ग्रोथ और लेट-स्टेज स्टार्टअप्स की बड़ी भूमिका रही, हालांकि अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने भी इस बढ़त में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसके अलावा, HUL द्वारा D2C ब्रांड Minimalist का अधिग्रहण और Everstone द्वारा SaaS फर्म Wingify की खरीद जैसी बड़ी डील्स ने भारतीय स्टार्टअप्स की सफलता को और भी मजबूती दी है।


📌 जनवरी 2025 में स्टार्टअप फंडिंग – प्रमुख आंकड़े

कुल फंडिंग: $1.76 बिलियन
कुल डील्स: 128
ग्रोथ और लेट-स्टेज फंडिंग: $1.5 बिलियन (32 डील्स)
अर्ली-स्टेज फंडिंग: $261.26 मिलियन (80 डील्स)
अनडिस्क्लोज़्ड फंडिंग राउंड: 16

💡 TheKredible के डेटा के अनुसार, जनवरी 2025 की फंडिंग, जनवरी 2024 की तुलना में दोगुनी से भी अधिक रही।


📊 मासिक फंडिंग ट्रेंड (MoM Analysis)

📅 2024 में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम ने फंडिंग में उतार-चढ़ाव देखा था:
🔹 जनवरी 2024: $719.42 मिलियन
🔹 जून 2024: $1.92 बिलियन (साल का सबसे ऊंचा स्तर)
🔹 दिसंबर 2024: $1.32 बिलियन

📈 जनवरी 2025 की फंडिंग दिसंबर 2024 से 33% अधिक रही और जनवरी 2024 की तुलना में दो गुना से ज्यादा बढ़ी।


🔹 टॉप 10 ग्रोथ-स्टेज फंडिंग डील्स

🏆 Impetus Technologies (AI डेटा एनालिटिक्स): $350 मिलियन
🏥 Innovaccer (हेल्थटेक AI): $275 मिलियन
🏗️ Infra.Market (प्रॉपटेक): $125 मिलियन
💊 Aragen (ड्रग रिसर्च): $100 मिलियन
🤖 Netradyne (AI SaaS): $90 मिलियन
🏨 OYO: $65 मिलियन
🎓 Leap: $65 मिलियन

🔹 अन्य उल्लेखनीय डील्स में WeWork India, Infinity Fincorp Solutions और Foxtale शामिल हैं।


🔹 टॉप 10 अर्ली-स्टेज फंडिंग डील्स

🚀 Atomicwork (B2B SaaS): $25 मिलियन
🏥 Geri Care Health Services (सीनियर हेल्थकेयर): $13 मिलियन
🏢 MicroMitti (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म): $10.3 मिलियन
✈️ Sarla Aviation और Astrome Technologies (एयरोस्पेस और टेलीकॉम): $10 मिलियन

इसके अलावा, Beyond Snack, VoltUp, Deconstruct, Ambak, और Medusa Beverages भी टॉप 10 में शामिल रहे।


🛒 बड़े अधिग्रहण (Mergers & Acquisitions)

📌 Minimalist (D2C ब्रांड) को HUL ने $350 मिलियन में खरीदा।
📌 Everstone ने SaaS कंपनी Wingify को $200 मिलियन में अधिग्रहित किया।
📌 Milk Mantra (डेयरी टेक) को Hatsun Agro ने $27.5 मिलियन में खरीदा।
📌 Axio (पहले Capital Float) के Amazon द्वारा अधिग्रहण की खबरें।
📌 Filter Coffee को Raise Financials और AgriCentral को DeHaat ने खरीदा।


🏙️ शहर और सेक्टर के हिसाब से फंडिंग ट्रेंड

📌 शहरवार फंडिंग:
📍 दिल्ली-एनसीआर: 33 डील्स, $525.67 मिलियन (कुल का 29.74%)
📍 बेंगलुरु: 39 डील्स, $397.41 मिलियन (22.48%)
📍 मुंबई: 21 डील्स, $145.16 मिलियन (8.21%)
📍 चेन्नई और पुणे: क्रमशः 5 और 4 डील्स

📌 सेक्टरवार फंडिंग:
🏥 हेल्थटेक: $404.83 मिलियन
🤖 AI: $355.68 मिलियन
🏗️ प्रॉपटेक: $278 मिलियन
💳 फिनटेक, SaaS और ई-कॉमर्स को भी अच्छी फंडिंग मिली

💡 EV और फूडटेक में भी निवेश आया, लेकिन डीपटेक और लॉजिस्टिक्स को कम फंडिंग मिली।


💰 फंडिंग स्टेज-वार विश्लेषण

📌 डील की संख्या के अनुसार:
सीड फंडिंग: 36 डील्स
Series A: 26 डील्स
Pre-Seed और Pre-Series A: 17 और 11 डील्स

📌 फंडिंग राशि के अनुसार:
💰 Series D फंडिंग: $441 मिलियन
💳 डेट फंडिंग: $124.67 मिलियन (कुल का 7.05%)


📉 छंटनी, बंद होने और लीडरशिप बदलाव

📉 जनवरी में सिर्फ 3 स्टार्टअप्स ने 200+ कर्मचारियों की छंटनी की, जो एक सकारात्मक संकेत है।
⚠️ Coca-Cola समर्थित Thrive ने संचालन बंद किया।

📌 17+ वरिष्ठ अधिकारी (CEO, MD, CPO, Co-founders) अपने पदों से हटे, जबकि 48 नए नियुक्त हुए।


🔮 नए ट्रेंड्स और भविष्य की संभावनाएं

💡 हेल्थटेक फंडिंग में टॉप: कोविड के बाद से हेल्थटेक सेक्टर सबसे ज्यादा फंडिंग जुटा रहा है।
🔮 एस्ट्रोटेक में बड़ा निवेश संभव: Flipkart, InstaAstro का अधिग्रहण कर सकता है। AstroTalk ने ऑफलाइन सेंटर शुरू किया।
🏢 को-वर्किंग स्टार्टअप्स IPO की ओर:
📌 Awfis भारतीय को-वर्किंग सेक्टर में IPO लाने वाला पहला स्टार्टअप बना।
📌 Smartworks को SEBI से IPO के लिए मंजूरी मिली।
📌 Indiqube और WeWork India ने भी ड्राफ्ट IPO पेपर्स दाखिल किए।
📌 OYO और Pepperfry सही बाजार परिस्थितियों का इंतजार कर रहे हैं।


🔎 निष्कर्ष

🚀 जनवरी 2025 भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक मजबूत महीना रहा।
📈 बड़ी फंडिंग, IPO योजनाएं, अधिग्रहण और नई कंपनियों में निवेश से इकोसिस्टम को मजबूती मिली।
💡 हेल्थटेक, AI और SaaS स्टार्टअप्स सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाले सेक्टर्स रहे।
📌 प्राइवेट और पब्लिक मार्केट्स के बीच का अंतर कम हो रहा है, जिससे निवेशकों और फाउंडर्स के लिए नए अवसर बनेंगे।

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Shadowfax ने ₹34.2 करोड़ ($4 मिलियन) की फंडिंग जुटाई,

Shadowfax

भारतीय लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप Shadowfax ने Series F फंडिंग राउंड में ₹34.2 करोड़ ($4 मिलियन) की नई पूंजी जुटाई है। यह निवेश ऐसे समय में आया है जब कंपनी ने 11 महीने पहले $100 मिलियन की फंडिंग हासिल की थी।

Shadowfax के निदेशक मंडल ने 5773 Series F अनिवार्य क्यूम्यूलेटिव प्रेफरेंस शेयर (CCPS) जारी करने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया। इन शेयरों की कीमत ₹59,320 प्रति शेयर रखी गई है, जिससे कंपनी ने यह फंड जुटाया।


🔹 Shadowfax प्रमुख निवेशक और फंडिंग डिटेल्स

📌 Mirae Asset ने इस दौर में ₹17.4 करोड़ का निवेश किया
📌 Nokia Growth Partners ने ₹16.79 करोड़ का योगदान दिया

रिपोर्ट्स के अनुसार, Shadowfax कुल $50 मिलियन (₹415 करोड़) जुटाने की योजना बना रहा है और यह निवेश उसी बड़े फंडिंग राउंड का हिस्सा है।


🔹 Shadowfax की नई वैल्यूएशन

📊 Entrackr के अनुमानों के मुताबिक, Flipkart-समर्थित Shadowfax की वैल्यूएशन अब ₹5,981 करोड़ ($712 मिलियन) हो गई है

💡 हालांकि, यह आंकड़ा आगे मिलने वाली फंडिंग के अनुसार बदल सकता है।


🔹 Shadowfax का बिजनेस मॉडल और ग्रोथ

📍 Shadowfax भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में तेजी से उभरता हुआ स्टार्टअप है, जो कम लागत पर तेजी से डिलीवरी (Turnaround Time – TAT) सेवाएं देने के लिए जाना जाता है।

📍 कंपनी की खासियत इसका क्राउडसोर्सिंग नेटवर्क है, जिसमें:
1.25 लाख (125,000) मंथली एक्टिव डिलीवरी पार्टनर्स शामिल हैं।
35 लाख (3.5 मिलियन) रजिस्टर्ड यूजर्स हैं।

📍 Shadowfax फ्लिपकार्ट, ई-कॉमर्स, रेस्टोरेंट्स, फार्मा और रिटेल कंपनियों को लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करता है

📍 बेंगलुरु-स्थित इस स्टार्टअप ने अब तक $200 मिलियन (₹1,660 करोड़) से अधिक फंडिंग जुटाई है


🔹 Shadowfax के प्रमुख निवेशक

📢 TheKredible के आंकड़ों के मुताबिक, Shadowfax में सबसे बड़े बाहरी निवेशक हैं:

Eight Road Ventures (सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर)
Flipkart
NewQuest Asia
Nokia Growth Partners

📍 Flipkart की भागीदारी इसे भारतीय ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स सेक्टर में मजबूत बनाती है


🔹 IPO की तैयारी में Shadowfax

📢 रिपोर्ट्स के मुताबिक, Shadowfax ₹2,500-3,000 करोड़ ($300-$360 मिलियन) का IPO लाने की योजना बना रहा है

📌 कंपनी ने JM Financial, Morgan Stanley और ICICI Securities को अपने लीड बैंकर के रूप में चुना है
📌 IPO 2025 की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसंबर) में लाने की योजना है

💡 यदि Shadowfax का IPO सफल होता है, तो यह भारतीय लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में सबसे बड़े सार्वजनिक ऑफरिंग्स में से एक होगा


🔹 Shadowfax के लिए आगे की संभावनाएं

Shadowfax के बढ़ते बिजनेस और IPO योजना को देखते हुए, यह भारतीय लॉजिस्टिक्स मार्केट में एक मजबूत खिलाड़ी बन सकता है।

बढ़ती ई-कॉमर्स डिमांड: भारत में ऑनलाइन शॉपिंग और फूड डिलीवरी में तेजी आ रही है, जिससे लॉजिस्टिक्स कंपनियों की डिमांड बढ़ेगी।
IPO से ग्रोथ को मिलेगा बूस्ट: फंडिंग और IPO से Shadowfax को नए बाजारों में विस्तार और टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने में मदद मिलेगी।
प्रतिस्पर्धा में आगे रहने की चुनौती: Shadowfax को Delhivery, XpressBees और Ecom Express जैसी कंपनियों से मुकाबला करना होगा


🔹 निष्कर्ष

🚀 Shadowfax का ₹34.2 करोड़ की नई फंडिंग जुटाना और $50 मिलियन तक फंडिंग बढ़ाने की योजना यह दिखाती है कि लॉजिस्टिक्स सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है

📈 कंपनी के लिए IPO लाना एक बड़ा कदम होगा, जिससे Shadowfax को लॉन्ग-टर्म ग्रोथ मिलेगी और यह भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में मजबूत स्थिति बना सकेगा

👉 क्या Shadowfax का IPO भारतीय निवेशकों के लिए अच्छा मौका होगा?
👉 क्या कंपनी Delhivery जैसी बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों से मुकाबला कर पाएगी?

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Paytm Cloud ने Seven Tech में 25% हिस्सेदारी खरीदी,

Paytm

Paytm Cloud, जो One97 Communications की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, ने डेलावेयर (अमेरिका) स्थित Seven Tech में 25% हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। यह डील करीब ₹8.70 करोड़ ($1 मिलियन) में पूरी होगी।

Paytm का यह अधिग्रहण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने मर्चेंट पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विसेज मॉडल के विस्तार की रणनीति का हिस्सा है।


🔹 Seven Tech का परिचय और Paytm के लिए इसकी भूमिका

Seven Tech ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेज उपलब्ध कराने में मदद करता है, खासतौर पर ब्राजील के माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) के लिए।

💡 Paytm के इस अधिग्रहण के बाद, Seven Tech और Dinie (Seven Tech की फिनटेक यूनिट) दोनों Paytm के एसोसिएट एंटिटीज बन जाएंगी

इसका मतलब यह है कि Paytm अब ब्राजील के छोटे व्यापारियों को डिजिटल वित्तीय सेवाएं देने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है


🔹 Paytm Cloud का अंतरराष्ट्रीय विस्तार

📌 2018 में लॉन्च हुए Paytm Cloud ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह UAE, सऊदी अरब और सिंगापुर में अपना बिजनेस शुरू करेगा

📌 इसका उद्देश्य अपने टेक्नोलॉजी-सक्षम मर्चेंट पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज मॉडल को इन नए बाजारों में ले जाना है

📌 Paytm Cloud के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट और वित्तीय समाधान उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी


🔹 Paytm के Q3 FY25 वित्तीय नतीजे

Seven Tech में हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा Paytm के Q3 FY25 (अक्टूबर-दिसंबर 2024) के वित्तीय नतीजों के ठीक बाद आई है

📌 Paytm ने इस तिमाही में ₹1,828 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया, लेकिन कंपनी को ₹208 करोड़ का नुकसान हुआ

📌 यह परिणाम भारतीय डिजिटल पेमेंट मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और रेगुलेटरी चैलेंजेज को दर्शाता है

📌 ऐसे में Paytm नए बाजारों में प्रवेश कर अपनी सेवाओं का विस्तार करना चाहता है, ताकि लंबे समय में रेवेन्यू ग्रोथ को बढ़ावा मिले


🔹 Paytm के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अवसर

Paytm Cloud के अंतरराष्ट्रीय विस्तार की यह रणनीति कई नए अवसरों के दरवाजे खोल सकती है

ब्राजील का MSME सेक्टर: ब्राजील में छोटे और मध्यम व्यापारियों की संख्या बहुत अधिक है, जो डिजिटल वित्तीय सेवाओं की मांग बढ़ा रहे हैं।

UAE और सऊदी अरब का फिनटेक इकोसिस्टम: इन देशों में डिजिटल पेमेंट और ई-कॉमर्स तेजी से बढ़ रहा है। Paytm Cloud यहां मर्चेंट पेमेंट सॉल्यूशंस के लिए बड़ी संभावनाएं देख रहा है

सिंगापुर में टेक्नोलॉजी का बड़ा बाजार: सिंगापुर एक ग्लोबल फिनटेक हब बन चुका है, जहां Paytm अपनी मजबूत टेक्नोलॉजी के साथ उतर सकता है।


🔹 चुनौतियां और आगे की राह

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करना Paytm के लिए आसान नहीं होगा

⚠️ रेगुलेटरी चैलेंजेज: अलग-अलग देशों के फाइनेंशियल रेगुलेशंस और डिजिटल पेमेंट गाइडलाइंस को समझना और पालन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

⚠️ लोकल ब्रांड्स से प्रतिस्पर्धा: ब्राजील, UAE और सिंगापुर में पहले से ही मजबूत लोकल प्लेयर्स मौजूद हैं, जिनसे मुकाबला करना होगा।

⚠️ फंडिंग और प्रॉफिटेबिलिटी: Paytm अभी भी मुनाफे में नहीं आया है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर खर्च कंपनी के फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकता है।


🔹 निष्कर्ष: क्या Paytm की यह रणनीति सफल होगी?

Paytm Cloud का Seven Tech में निवेश और अंतरराष्ट्रीय विस्तार का प्लान एक महत्वपूर्ण कदम है

📌 अगर Paytm ब्राजील, UAE और सिंगापुर में अपने मर्चेंट पेमेंट और डिजिटल फाइनेंस मॉडल को सफलतापूर्वक स्थापित कर पाता है, तो इससे कंपनी के रेवेन्यू ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा

📌 हालांकि, रेगुलेटरी चैलेंजेज और प्रतिस्पर्धा के कारण यह राह आसान नहीं होगी।

👉 क्या Paytm का यह निवेश उसे ग्लोबल डिजिटल पेमेंट लीडर बनने में मदद करेगा?
👉 क्या कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मुनाफे की ओर बढ़ पाएगी?

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Read more :UPI ने जनवरी में दर्ज किए 16.99 billion transactions,

UPI ने जनवरी में दर्ज किए 16.99 billion transactions,

UPI

भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा माध्यम बन चुके यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने जनवरी 2025 में 16.99 अरब ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹23.48 लाख करोड़ रही। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 39% अधिक ट्रांजैक्शन वॉल्यूम और 28% अधिक ट्रांजैक्शन वैल्यू को दर्शाता है।

अगर मासिक वृद्धि की बात करें तो जनवरी में UPI ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 1.55% और ट्रांजैक्शन वैल्यू में लगभग 1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिसंबर 2024 में UPI ने 16.73 अरब ट्रांजैक्शन के साथ ₹23.25 लाख करोड़ की ट्रांजैक्शन वैल्यू हासिल की थी।


🔹 NPCI के आंकड़ों में UPI की जबरदस्त ग्रोथ

📌 नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में UPI के औसत दैनिक ट्रांजैक्शन 548 मिलियन (54.8 करोड़) तक पहुंच गए

📌 UPI का उपयोग करने वाले कुल 450 मिलियन (45 करोड़) यूजर्स में से 200 मिलियन (20 करोड़) डेली एक्टिव यूजर्स हैं।

📌 NPCI प्रमुख दिलीप अस्बे ने हाल ही में कहा कि UPI यूजरबेस को 200-300 मिलियन (20-30 करोड़) नए उपयोगकर्ताओं तक बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), सरकार और व्यापक वित्तीय इकोसिस्टम का सहयोग जरूरी होगा


🔹 UPI मार्केट शेयर: PhonePe टॉप पर, Google Pay और Paytm की स्थिति स्थिर

भारतीय UPI बाजार में PhonePe सबसे आगे है, जिसके पास 47.7% मार्केट शेयर है। इसके बाद Google Pay का 36.7% और Paytm का 6.87% हिस्सा है।

✔️ PhonePe: 47.7%
✔️ Google Pay: 36.7%
✔️ Paytm: 6.87%

📢 UPI मार्केट शेयर में बदलाव की संभावना फिलहाल कम है क्योंकि NPCI ने थर्ड-पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAPs) के लिए UPI वॉल्यूम कैप लागू करने की समयसीमा 31 दिसंबर 2026 तक बढ़ा दी है। इससे PhonePe और Google Pay की मार्केट लीडरशिप बनी रहेगी


🔹 WhatsApp Pay के लिए अच्छी खबर: NPCI ने लिमिट हटाई

NPCI ने WhatsApp Pay के लिए यूजर ऑनबोर्डिंग लिमिट हटा दी है, जिससे अब यह पूरे भारत में अपने सभी उपयोगकर्ताओं के लिए UPI सेवाएं प्रदान कर सकता है

📌 पहले, WhatsApp Pay को NPCI द्वारा 100 मिलियन यूजर्स तक सीमित किया गया था, लेकिन अब यह सभी भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगा।

📌 WhatsApp Pay की इस नई उपलब्धि से UPI को और अधिक विस्तार मिलेगा और डिजिटल भुगतान को अपनाने की दर और तेज होगी।


🔹 UPI के विस्तार की चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं

🔥 UPI को 200-300 मिलियन नए उपयोगकर्ताओं तक कैसे ले जाया जाएगा?

✔️ सरल इंटरफेस और अधिक भाषा समर्थन:
UPI को ग्रामीण इलाकों में तेजी से अपनाने के लिए स्थानीय भाषाओं और वॉयस-आधारित इंटरफेस को बढ़ावा देना होगा।

✔️ फिनटेक कंपनियों का सहयोग:
सरकार और NPCI को PhonePe, Google Pay, Paytm और WhatsApp Pay जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि UPI का दायरा बढ़े।

✔️ इनोवेशन और सुरक्षा:
UPI के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर सिक्योरिटी और फ्रॉड प्रिवेंशन पर ध्यान देना जरूरी होगा ताकि उपभोक्ताओं का भरोसा बना रहे।

✔️ ऑफलाइन पेमेंट सिस्टम का विकास:
NPCI पहले से ही UPI Lite और UPI 123Pay जैसी सुविधाओं पर काम कर रहा है, जो कम इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में भी भुगतान को आसान बनाएंगी


🔹 भारत में डिजिटल भुगतान की क्रांति जारी

UPI की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट बाजारों में से एक बना दिया हैजनवरी 2025 में दर्ज किए गए 16.99 अरब ट्रांजैक्शन इस बात का सबूत हैं कि भारतीय उपभोक्ता कैशलेस और डिजिटल पेमेंट को तेजी से अपना रहे हैं

👉 क्या भारत आने वाले वर्षों में पूरी तरह से डिजिटल भुगतान पर शिफ्ट हो जाएगा?
👉 क्या UPI दुनिया का सबसे बड़ा पेमेंट इकोसिस्टम बन सकता है?

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Read more :Paras Chopra की नई पहल भारत में आधुनिक AI लैब स्थापित करने की योजना

Paras Chopra की नई पहल भारत में आधुनिक AI लैब स्थापित करने की योजना

Paras Chopra

भारतीय उद्यमी Paras Chopra, जिन्होंने हाल ही में अपनी कंपनी Wingify को $200 मिलियन में बेच दिया, अब भारत में एक आधुनिक AI लैब स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। यह लैब एडवांस्ड AI एल्गोरिदम और कुशल रीजनिंग मॉडल विकसित करने पर केंद्रित होगी, जिससे वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाला जा सके

Paras Chopra ने इस पहल की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले Twitter) पर की और कहा कि वे भारत की AI क्षमताओं को मजबूत करने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए काम करेंगे।


🔹 Paras Chopra AI लैब का उद्देश्य और रणनीति

Paras Chopra की यह नई पहल भारत के AI इकोसिस्टम को एक नया आयाम देने की कोशिश करेगी।

✔️ स्मार्ट और कुशल रीजनिंग मॉडल: लैब का मुख्य लक्ष्य ऐसे AI मॉडल विकसित करना होगा, जो बेहतर तर्कशक्ति और समस्या समाधान क्षमताओं से लैस हों।

✔️ वैश्विक प्रभाव: ये मॉडल गरीबी, कैंसर, ब्रह्मांड और मानव चेतना से जुड़े मूलभूत प्रश्नों के उत्तर खोजने में मदद कर सकते हैं।

✔️ न्यूनतम संसाधनों में अधिकतम दक्षता: पश्चिमी देशों के बड़े AI लैब्स के पास भारी GPU बजट होता है, लेकिन Chopra की लैब अधिक कुशल और किफायती तरीकों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

✔️ आधुनिक तकनीकों का उपयोग: इस लैब में Reinforcement Learning, Distillation, Pruning, और Neuroscience-Based Approaches जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे कम कंप्यूटेशनल संसाधनों में अधिक प्रभावी AI मॉडल बनाए जा सकें


🔹 भारत के AI मिशन में योगदान

Paras Chopra ने बताया कि वे एक तकनीकी विशेषज्ञों की टीम बना रहे हैं, जो भारत के AI मिशन के लिए एक मजबूत प्रस्ताव तैयार करेगी। उन्होंने इच्छुक लोगों को फुल-टाइम या पार्ट-टाइम रूप से इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

✔️ यह पहल भारत में AI अनुसंधान को बढ़ावा देने और स्वदेशी AI समाधानों को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

✔️ सरकार भी AI और डिजिटल इंडिया मिशन को तेजी से आगे बढ़ा रही है, जिससे इस प्रोजेक्ट को मजबूत समर्थन मिल सकता है।

✔️ AI लैब स्टार्टअप्स, एजुकेशनल संस्थानों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर AI इनोवेशन को नया आयाम दे सकती है


🔹 Paras Chopra: तीसरी स्टार्टअप यात्रा की शुरुआत

Paras Chopra इससे पहले दो कंपनियों Wingify (VWO) और Nintee के संस्थापक रह चुके हैं।

📌 Wingify (VWO):
👉 2010 में स्थापित, यह कंपनी A/B टेस्टिंग और कस्टमर एक्सपीरियंस ऑप्टिमाइजेशन पर केंद्रित थी।
👉 Everstone ने हाल ही में इसे $200 मिलियन में अधिग्रहित किया।

📌 Nintee:
👉 यह स्टार्टअप Peak XV, Kunal Shah और अन्य निवेशकों द्वारा समर्थित था।
👉 हालांकि, अप्रैल 2023 में इसे बंद कर दिया गया और कंपनी ने निवेशकों का अधिकांश पैसा वापस कर दिया।

अब Paras Chopra अपनी तीसरी स्टार्टअप यात्रा शुरू कर रहे हैं और यह भारत के AI इकोसिस्टम के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।


🔹 भारत में AI लैब का महत्व और संभावनाएं

📢 भारत AI अनुसंधान और विकास में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन अब भी बड़े AI इनोवेशन मुख्य रूप से अमेरिका, चीन और यूरोप में हो रहे हैं

✅ इस लैब के माध्यम से भारतीय टेक टैलेंट को ग्लोबल AI इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा
स्वदेशी AI इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय स्टार्टअप्स और कंपनियां खुद के AI मॉडल विकसित कर सकेंगी।
स्टूडेंट्स और रिसर्चर्स को अत्याधुनिक AI अनुसंधान करने का अवसर मिलेगा।

भारत में OpenAI, Google DeepMind, और Anthropic जैसी कंपनियों का कोई सीधा प्रतिस्पर्धी नहीं है, लेकिन अगर Paras Chopra की यह पहल सफल होती है, तो भारत वैश्विक AI दौड़ में मजबूती से अपनी जगह बना सकता है


🔹 निष्कर्ष: क्या भारत से अगला बड़ा AI इनोवेशन आएगा?

Paras Chopra का भारत में आधुनिक AI लैब स्थापित करने का सपना भारतीय टेक इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है

👉 अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो भारत से भी AI में वैश्विक स्तर पर बड़े इनोवेशन देखने को मिल सकते हैं।
👉 यह सरकार, स्टार्टअप्स, और टेक्नोलॉजी इन्वेस्टर्स के लिए AI अनुसंधान और विकास में निवेश करने का सही समय हो सकता है।
👉 युवाओं और रिसर्चर्स के लिए भी AI में करियर बनाने के नए अवसर खुलेंगे

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Paras Chopra इस AI लैब को कैसे आगे बढ़ाते हैं और भारत के AI इकोसिस्टम में कितना बदलाव लाते हैं

📢 आपका क्या विचार है? क्या भारत अगला AI इनोवेशन हब बन सकता है? हमें कमेंट में बताएं! 🚀

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Trifecta Capital ने लॉन्च किया वेंचर डेब्ट फंड, ₹2,000 करोड़ जुटाने की योजना

Trifecta Capital

पहली क्लोजिंग और फंडिंग लक्ष्य

भारत की प्रमुख वेंचर डेब्ट फर्म Trifecta Capital ने अपने चौथे और सबसे बड़े वेंचर डेब्ट फंड की पहली क्लोजिंग की घोषणा की है। यह नया फंड ₹2,000 करोड़ (जिसमें ₹500 करोड़ का ग्रीनशू ऑप्शन शामिल है) जुटाने की योजना बना रहा है।

Trifecta Capital 2015 में लॉन्च किए गए अपने पहले वेंचर डेब्ट फंड के साथ इस एसेट क्लास की नींव रखने वाली पहली भारतीय फर्मों में से एक रही है। इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स और ग्रोथ-स्टेज कंपनियों को बिना इक्विटी डाइल्यूशन के फंडिंग समाधान प्रदान करना है, जो आमतौर पर बैंक और NBFC से आसानी से कर्ज नहीं ले पातीं।


Trifecta Capital की अब तक की उपलब्धियां 🚀

तीन वेंचर डेब्ट फंड सफलतापूर्वक लॉन्च किए
₹6,500 करोड़ (लगभग $875 मिलियन) से अधिक का निवेश कर चुका है
IRR (Internal Rate of Return) और DPI (Distributions to Paid-in Capital) दोनों में मजबूत रिटर्न उत्पन्न किए
कोई भी निवेशक पूंजी हानि नहीं हुई, बल्कि ₹700 करोड़ से अधिक इक्विटी गेन हुआ

Trifecta Capital का कहना है कि उनके पिछले तीन वेंचर डेब्ट फंड्स ने लगातार अच्छे रिटर्न दिए हैं, जिससे निवेशकों का विश्वास मजबूत हुआ है।


Trifecta Capital Venture Debt Fund – IV किन क्षेत्रों में निवेश करेगा?

Trifecta Capital अपने नए वेंचर डेब्ट फंड – IV के माध्यम से 100 से अधिक कंपनियों में निवेश करने की योजना बना रहा है।

📌 मुख्य सेक्टर जिन पर फोकस रहेगा:

🔹 फिनटेक (Fintech) – डिजिटल बैंकिंग, पेमेंट सॉल्यूशंस और लेंडिंग प्लेटफॉर्म
🔹 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) – बैटरी टेक्नोलॉजी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी
🔹 कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और सर्विसेज – FMCG, हेल्थकेयर और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांड्स
🔹 लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन – डिलीवरी टेक्नोलॉजी और ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स
🔹 न्यू एज मैन्युफैक्चरिंग – एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमेशन
🔹 B2B सर्विसेज – SaaS (Software as a Service), क्लाउड टेक्नोलॉजी और एंटरप्राइज सॉल्यूशंस
🔹 कोर टेक्नोलॉजी (Core Tech) – सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस


नए उभरते सेक्टर्स में भी निवेश की योजना

Trifecta Capital नए और उभरते हुए क्षेत्रों में भी निवेश करने पर विचार कर रहा है।

🔋 ये सेक्टर भविष्य में निवेश के लिए महत्वपूर्ण होंगे:

रिन्यूएबल एनर्जी – सौर (Solar) और पवन ऊर्जा (Wind Energy)
क्लाइमेट और सस्टेनेबिलिटी – जलवायु परिवर्तन से निपटने वाली तकनीकें
ग्रीन हाइड्रोजन – हाइड्रोजन-आधारित एनर्जी सॉल्यूशंस

Trifecta Capital पहले ही Hygenco (ग्रीन हाइड्रोजन कंपनी), Euler Motors और BatterySmart जैसी हाई-ग्रोथ कंपनियों में निवेश कर चुका है।


Trifecta Venture Debt Fund-III से मिले अनुभव और रणनीति

Trifecta फिलहाल अपने तीसरे वेंचर डेब्ट फंड (Venture Debt Fund – III) से कैपिटल रीसायकल कर रहा है, क्योंकि इसका पूरा ड्रॉडाउन हो चुका है।

📊 फंड की प्रमुख बातें:

✔️ टोटल क्रेडिट कॉस्ट 0.8% से कम रही
✔️ ₹700 करोड़ से अधिक के इक्विटी गेन प्राप्त हुए
✔️ कोई भी कैपिटल लॉस नहीं हुआ
✔️ नए निवेशकों के लिए आकर्षक रिटर्न बनाए रखा

Trifecta के अनुसार, इसका निवेश मॉडल स्टार्टअप्स और ग्रोथ-स्टेज कंपनियों के लिए एक मजबूत फाइनेंशियल बैकबोन प्रदान करता है, जिससे वे बिना इक्विटी डाइल्यूशन के विकास कर सकें।


वेंचर डेब्ट क्यों है महत्वपूर्ण?

👉 बिना इक्विटी डाइल्यूशन के स्टार्टअप्स को फंडिंग मिलती है।
👉 तेजी से ग्रोथ करने वाले स्टार्टअप्स को वर्किंग कैपिटल में मदद मिलती है।
👉 स्टार्टअप्स को लचीलापन मिलता है और वे बिना अतिरिक्त इक्विटी बेचे विस्तार कर सकते हैं।
👉 पारंपरिक बैंक और NBFC लोन की तुलना में यह अधिक उपयुक्त समाधान है, खासकर उन कंपनियों के लिए जिनके पास अभी तक प्रोफिटेबिलिटी नहीं आई है।


क्या Trifecta Capital वेंचर डेब्ट इंडस्ट्री को नया रूप देगा?

Trifecta Capital का यह नया ₹2,000 करोड़ का वेंचर डेब्ट फंड भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है

📌 स्टार्टअप्स को बिना इक्विटी डाइल्यूशन के ग्रोथ फंडिंग मिलेगी
📌 नई-नई इंडस्ट्रीज जैसे EVs, फिनटेक और क्लाइमेट टेक में निवेश बढ़ेगा
📌 इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम को इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट्स से मुकाबला करने में मदद मिलेगी

अगर Trifecta Capital अपने नए वेंचर डेब्ट फंड के माध्यम से सही स्टार्टअप्स में निवेश करता है, तो यह भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।


🔥 क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

स्टार्टअप्स के लिए वेंचर डेब्ट एक फायदेमंद विकल्प बन चुका है।
बैंकों और NBFCs के सख्त नियमों के कारण वेंचर डेब्ट अब तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
2025 तक भारत में वेंचर डेब्ट फंडिंग ₹30,000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।


क्या Trifecta Capital भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में बदलाव ला पाएगा?

💬 आपका क्या विचार है? क्या वेंचर डेब्ट स्टार्टअप्स के लिए सही समाधान है? हमें कमेंट में बताएं! 🚀

Read more :CHK ने Accel और Bluestone से जुटाए $2.5 मिलियन,

CHK ने Accel और Bluestone से जुटाए $2.5 मिलियन,

CHK

फंडिंग डिटेल्स और निवेशक

भारतीय D2C फुटवियर स्टार्टअप CHK ने Accel, Bluestone और अन्य निवेशकों से $2.5 मिलियन (लगभग ₹21 करोड़) की फंडिंग हासिल की है। इससे पहले, नवंबर 2024 में, Bluestone ने कंपनी में ₹12 करोड़ ($1.3 मिलियन) का निवेश किया था।

CHK ने कहा है कि इस ताजा निवेश का उपयोग कंपनी के उत्पादन बढ़ाने, अनुसंधान और विकास (R&D) को मजबूत करने और अप्रैल 2025 में आधिकारिक लॉन्च की तैयारियों में किया जाएगा


CHK: भारतीय फुटवियर इंडस्ट्री में नया खिलाड़ी

📌 ब्रांड की स्थापना और विजन

CHK की शुरुआत अक्टूबर 2024 में Sankar Bora, Deepan Babu, Bharat Mahajan और Deepak Patil ने मिलकर की थी।

कंपनी “Concept to Creation” मॉडल पर काम करती है, जिसका मतलब है कि यह डिजाइन, निर्माण और बिक्री की पूरी प्रक्रिया को खुद मैनेज करती है

CHK का फोकस प्रीमियम और मास-प्रीमियम सेगमेंट के लिए इनोवेटिव और स्टाइलिश फुटवियर डिजाइन करने पर है।

📌 मैन्युफैक्चरिंग और टीम का विस्तार

📍 CHK का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट तमिलनाडु में स्थित है
📍 कंपनी शुरुआत में अपने D2C वेबसाइट के जरिए बिक्री करेगी और बाद में ऑफलाइन रीटेल में भी कदम रखेगी।
📍 फिलहाल, CHK के बेंगलुरु और तमिलनाडु में 25 कर्मचारी हैं, लेकिन कंपनी अप्रैल तक अपनी टीम को 100 लोगों तक बढ़ाने की योजना बना रही है।


भारत में फुटवियर इंडस्ट्री और CHK की रणनीति

📈 D2C मार्केट में बढ़ती संभावनाएं

भारत में D2C बिजनेस मॉडल तेजी से पॉपुलर हो रहा है, जहां ब्रांड्स सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंच रहे हैं।

2023 में भारतीय फुटवियर बाजार करीब ₹90,000 करोड़ का था और 2028 तक इसके ₹1.5 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
✅ युवा उपभोक्ताओं के बीच प्रीमियम और स्टाइलिश फुटवियर की मांग तेजी से बढ़ रही है।
✅ ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल ट्रेंड्स के चलते D2C ब्रांड्स को ज्यादा एक्सपोजर मिल रहा है।

🛠️ CHK की रणनीति:

✔️ In-House मैन्युफैक्चरिंग: कंपनी अपने जूते खुद डिजाइन और मैन्युफैक्चर करेगी, जिससे क्वालिटी कंट्रोल आसान होगा।
✔️ BIS सर्टिफिकेशन: भारत सरकार ने सभी फुटवियर कंपनियों के लिए Bureau of Indian Standards (BIS) सर्टिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। CHK ने आवेदन कर दिया है और इसे अप्रैल 2025 तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
✔️ डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच: कंपनी पहले अपने D2C प्लेटफॉर्म पर बिक्री शुरू करेगी और फिर ऑफलाइन स्टोर्स खोलने की योजना बना रही है।
✔️ इनोवेटिव प्रोडक्ट्स: स्टाइल, आराम और किफायती कीमतों के साथ नए फुटवियर डिजाइन करना।

CHK और अन्य D2C ब्रांड्स के लिए अवसर

📌 भारत में फुटवियर इंडस्ट्री में घरेलू उत्पादन को सरकार का समर्थन मिल रहा है, जिससे CHK जैसी कंपनियों को फायदा होगा।
📌 अगर कंपनी अपने प्रोडक्ट क्वालिटी, कस्टमर एक्सपीरियंस और इनोवेशन पर ध्यान देती है, तो यह जल्द ही एक बड़ा नाम बन सकती है।
📌 डीटूसी ब्रांड्स (D2C) जैसे Neeman’s, Solethreads, और Flatheads की सफलता को देखकर CHK भी एक नया ट्रेंड सेट कर सकता है।


CHK के लिए आगे की राह 🚀

📍 कंपनी की प्रमुख योजनाएं:

अप्रैल 2025 में D2C प्लेटफॉर्म पर आधिकारिक लॉन्च
मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर अधिक ध्यान देकर ग्राहकों तक पहुंच बनाना
मजबूत सप्लाई चेन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार करना
BIS सर्टिफिकेशन प्राप्त कर भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करना


क्या CHK भारत में D2C फुटवियर मार्केट में बड़ा बदलाव लाएगा?

✔️ मजबूत निवेशकों का समर्थन और इनोवेटिव बिजनेस मॉडल CHK के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं।
✔️ भारत में बढ़ते D2C ट्रेंड और BIS सर्टिफिकेशन नियमों के चलते, स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को फायदा होगा।
✔️ अगर कंपनी गुणवत्ता, ब्रांडिंग और कस्टमर एक्सपीरियंस को प्राथमिकता देती है, तो यह भारत में एक प्रमुख फुटवियर ब्रांड बन सकता है।

📢 क्या आप CHK जैसे नए D2C ब्रांड्स से खरीदारी करना पसंद करेंगे? हमें कमेंट में बताएं! 🏆👟

Read more :Salad Days ने जुटाए ₹30 करोड़ की फंडिंग

Salad Days ने जुटाए ₹30 करोड़ की फंडिंग

Salad Days

भारत में हेल्दी फूड के बढ़ते ट्रेंड के बीच SALAD DAYS ने ₹30 करोड़ ($3.6 मिलियन) की Series A फंडिंग जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व V3 Ventures और Client Associates Alternate Fund (CAAF) ने किया। यह Salad Days के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि कंपनी ने 10 वर्षों तक बिना किसी बाहरी निवेश (bootstrapped) के प्रॉफिटेबल ग्रोथ हासिल की थी

कंपनी के अनुसार, इस फंडिंग का उपयोग ऑमnichannel विस्तार, ऑपरेशनल क्षमताओं को मजबूत करने, नई टेक्नोलॉजी को अपनाने और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।

SALAD DAYS: हेल्दी फूड मार्केट में अग्रणी ब्रांड

2014 में स्थापित Salad Days आज भारत के सबसे लोकप्रिय हेल्दी फूड ब्रांड्स में से एक बन चुका है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराना है।

SALAD DAYS का बिजनेस मॉडल और विस्तार

  • वर्तमान में कंपनी 25 क्लाउड किचन के माध्यम से अपना संचालन करती है।
  • 12 आउटलेट दिल्ली-एनसीआर में, 9 बेंगलुरु में, और 4 मुंबई में स्थित हैं।
  • केवल सलाद तक सीमित न रहकर, यह ब्रांड ग्रेन बाउल्स, सैंडविच, पीटा पॉकेट्स, ओटमील बाउल्स, सूप, कोल्ड-प्रेस्ड जूस, स्मूदी और डेसर्ट भी उपलब्ध कराता है।

कंपनी की आगामी योजनाएं

Salad Days इस नई फंडिंग का उपयोग तेजी से विस्तार और नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर करेगा।
1️⃣ नई स्टोर्स खोलना – भारत के अन्य शहरों में भी Salad Days अपने आउटलेट्स शुरू करेगा।
2️⃣ टेक्नोलॉजी अपग्रेड – ऑर्डर प्रोसेसिंग और ग्राहक अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा।
3️⃣ बेहतर मार्केटिंग और ब्रांडिंग – हेल्दी फूड के प्रति ग्राहकों की रुचि बढ़ाने के लिए कंपनी नए प्रमोशन और कैंपेन लॉन्च करेगी।
4️⃣ नए टैलेंट की भर्ती – बिजनेस विस्तार को देखते हुए, कंपनी अपने वर्कफोर्स में नए टैलेंट्स को जोड़ेगी।

Salad Days के बिजनेस मॉडल की ताकत

1️⃣ Cloud Kitchen मॉडल – कम लागत, अधिक विस्तार

Salad Days की खासियत यह है कि यह क्लाउड किचन मॉडल पर काम करता है। इसके 25 क्लाउड किचन भारत के तीन प्रमुख शहरों में मौजूद हैं।
✔️ कम लागत में अधिक विस्तार
✔️ फूड डिलीवरी पार्टनर्स जैसे Swiggy और Zomato के साथ मजबूत टाई-अप
✔️ ग्राहकों तक तेजी से ताजा और हेल्दी खाना पहुंचाने की क्षमता

2️⃣ हेल्दी फूड का बढ़ता बाजार

आज की युवा पीढ़ी और कामकाजी प्रोफेशनल्स फास्ट फूड की बजाय पोषणयुक्त और संतुलित भोजन की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। भारत में बढ़ते फिटनेस ट्रेंड के कारण Salad Days जैसे ब्रांड्स को जबरदस्त ग्रोथ मिल रही है।

3️⃣ प्रीमियम लेकिन किफायती हेल्दी फूड विकल्प

Salad Days का मेन्यू सलाद से आगे बढ़कर ग्रेन बाउल्स, सूप, ओटमील, स्मूदी और हेल्दी डेसर्ट्स तक विस्तृत है। यह न केवल हाई-प्रोटीन और कम कैलोरी वाले विकल्प प्रदान करता है, बल्कि इनकी कीमतें भी प्रतिस्पर्धी हैं, जिससे अधिक ग्राहक आकर्षित हो रहे हैं।

क्यों बढ़ रही है हेल्दी फूड की मांग?

📌 लोगों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ रही है।
📌 फिटनेस और हेल्दी डाइट को अपनाने का चलन तेजी से बढ़ा है।
📌 वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए हेल्दी और जल्दी मिलने वाले विकल्पों की जरूरत बढ़ी है।
📌 फास्ट फूड के बजाय न्यूट्रीशन से भरपूर विकल्पों की ओर रुझान बढ़ा है।

Salad Days के लिए आगे की राह 🚀

💡 कंपनी की प्राथमिक योजनाएं:

मेट्रो और टियर-1 शहरों में नए आउटलेट्स खोलना
फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करके पूरे भारत में विस्तार करना
नए हेल्दी फूड आइटम्स जोड़कर मेन्यू को और विस्तृत बनाना
ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर अधिक ध्यान देकर अधिक ग्राहकों को जोड़ना

क्या Salad Days भारतीय बाजार में एक बड़ा नाम बन सकता है?

Salad Days का मजबूत बिजनेस मॉडल और ऑमnichannel अप्रोच इसे भारत के प्रमुख हेल्दी फूड ब्रांड्स में शामिल कर सकता है।

💡 अगर कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करती है, तो आने वाले वर्षों में यह भारत के हेल्दी फूड इंडस्ट्री का एक बड़ा खिलाड़ी बन सकती है।

क्या भारत में हेल्दी फूड का भविष्य उज्जवल है? 🚀

Salad Days जैसी कंपनियां फास्ट फूड और पारंपरिक भोजन का हेल्दी विकल्प देकर इस सेगमेंट को और विकसित कर सकती हैं। भारत में हेल्दी ईटिंग का ट्रेंड लगातार बढ़ रहा है, जिससे इस तरह के ब्रांड्स को तेजी से अपनाया जा रहा है।

क्या Salad Days आने वाले समय में भारत का सबसे बड़ा हेल्दी फूड ब्रांड बन सकता है? यह देखना दिलचस्प होगा! 🍏🥗

Read more : Shoppin को मिली 1 मिलियन डॉलर की फंडिंग, तेजी से बढ़ा रहा है विस्तार

Shoppin को मिली 1 मिलियन डॉलर की फंडिंग, तेजी से बढ़ा रहा है विस्तार

Shoppin

फैशन और टेक्नोलॉजी के संगम से एक नई क्रांति लाने वाले स्टार्टअप shoppin ने हाल ही में 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व InfoEdge Ventures ने किया। इस निवेश के साथ, कंपनी अपने AI-पावर्ड सर्च इंजन को और विकसित करने, टेक्नोलॉजी को एडवांस बनाने और टैलेंट हायरिंग पर जोर देगी।

Shoppin के फाउंडर श्लोक भार्तिया का लक्ष्य है कि फैशन-शॉपिंग को ज़्यादा स्मार्ट और इंटरैक्टिव बनाया जाए। Shoppin का AI-पावर्ड फैशन सर्च इंजन यूज़र्स को प्रॉम्प्ट्स, वाइब्स, प्रोडक्ट डिस्क्रिप्शन और इमेजेज के ज़रिए मनचाहे फैशन प्रोडक्ट्स खोजने में मदद करता है।

shoppin कैसे बदल रहा है फैशन डिस्कवरी का तरीका?

shoppin एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो सोशल मीडिया पर फैशन इंस्पिरेशन और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर मौजूद प्रोडक्ट्स के बीच की दूरी को खत्म करना चाहता है।

Shoppin के इनोवेटिव फीचर्स:

AI-पावर्ड सर्च इंजन – यह पारंपरिक ई-कॉमर्स सर्च इंजन से अलग एक इंटेलिजेंट फैशन डिस्कवरी सिस्टम है।
सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स का मेल – इंस्टाग्राम, पिनटेरेस्ट और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म्स पर दिखने वाले ट्रेंडिंग फैशन को तुरंत ढूंढने में मदद करता है।
कस्टम AI मॉडल्स – Shoppin खासतौर पर फैशन इंडस्ट्री के लिए छोटे भाषा मॉडल्स (SLMs) तैयार कर रहा है, जिससे सर्च रिजल्ट्स ज्यादा सटीक होंगे।
डिस्कवरी-फोकस्ड अप्रोच – यूज़र्स केवल नाम से ही नहीं, बल्कि वाइब्स (moods), इमेज और डिस्क्रिप्शन से भी प्रोडक्ट्स खोज सकते हैं।

Shoppin की ग्रोथ और फ्यूचर प्लान्स

Shoppin तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और इसके शुरुआती आंकड़े इसका प्रमाण हैं।

  • 35,000+ इंस्टाग्राम फॉलोअर्स – इसका सोशल मीडिया बेस लगातार बढ़ रहा है।
  • 20,000+ लोग वेटलिस्ट में – लोग इस प्लेटफॉर्म को आज़माने के लिए उत्साहित हैं।
  • बीटा लॉन्च फरवरी 2025 में – Shoppin जल्द ही अपनी AI-पावर्ड फैशन सर्च टेक्नोलॉजी को पब्लिक के लिए उपलब्ध कराएगा।

कंपनी की योजना एक मजबूत AI इंजीनियरिंग टीम बनाने की है, जो इस प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाएगी और फैशन इंडस्ट्री के लिए विशेष रूप से कस्टमाइज़ किए गए AI मॉडल्स विकसित करेगी।

Shoppin को मिली फंडिंग का उपयोग कहाँ किया जाएगा?

Shoppin ने कहा कि इस 1 मिलियन डॉलर की फंडिंग का उपयोग मुख्य रूप से तीन प्रमुख क्षेत्रों में किया जाएगा:

1️⃣ नए टैलेंट की भर्ती

  • कंपनी बेहतरीन AI इंजीनियर्स और डेटा साइंटिस्ट्स को हायर करने की योजना बना रही है।
  • बिजनेस ग्रोथ और मार्केटिंग के लिए एक्सपर्ट्स की नियुक्ति की जाएगी।

2️⃣ टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट

  • कंपनी अपने AI-पावर्ड सर्च इंजन को और एडवांस बनाएगी।
  • फैशन इंडस्ट्री के लिए कस्टम-बिल्ट AI मॉडल्स तैयार किए जाएंगे।
  • यूज़र्स को अधिक पर्सनलाइज्ड सर्च एक्सपीरियंस मिलेगा।

3️⃣ मार्केट एक्सपेंशन और ग्रोथ

  • फैशन ब्रांड्स और D2C कंपनियों के साथ साझेदारी की जाएगी।
  • डिजिटल मार्केटिंग और प्रमोशन पर फोकस किया जाएगा।

फैशन और AI का भविष्य: क्या Shoppin ला सकता है बदलाव?

आज के डिजिटल युग में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) कई इंडस्ट्रीज़ को बदल रहे हैं, और फैशन भी इससे अछूता नहीं है।

  • यदि Shoppin सफल हुआ, तो यह फैशन शॉपिंग का भविष्य बन सकता है।
  • यह सोशल मीडिया से इंस्पिरेशन लेने और उसे वास्तविक शॉपिंग अनुभव में बदलने के बीच की खाई को खत्म कर सकता है।

Shoppin बन सकता है फैशन इंडस्ट्री का गेम-चेंजर

Shoppin की यह नई फंडिंग और AI-पावर्ड अप्रोच इसे फैशन इंडस्ट्री में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला प्लेटफॉर्म बना सकती है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Shoppin अपने AI मॉडल्स और फैशन टेक इनोवेशन के जरिए भारतीय और वैश्विक बाजारों में कैसे अपनी जगह बनाता है।

क्या Shoppin आने वाले समय में फैशन शॉपिंग का तरीका बदल पाएगा? 🚀

Read more :CityMall ने FY24 में 23% की ग्रोथ दर्ज की, लेकिन घाटा भी बढ़ा

CityMall ने FY24 में 23% की ग्रोथ दर्ज की, लेकिन घाटा भी बढ़ा

CityMall

सिटीमॉल (CityMall), जो भारत के छोटे शहरों और कस्बों में सोशल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के रूप में काम करता है, ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में 23% से अधिक सालाना वृद्धि दर्ज की। कंपनी का सकल राजस्व (GMV) ₹420 करोड़ के पार चला गया

CityMall मुख्य रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों में ग्रोसरी, लाइफस्टाइल और अन्य आवश्यक उत्पादों को कम्युनिटी रिसेलर्स के माध्यम से बेचता है। कंपनी की सकल राजस्व (GMV) FY24 में ₹427 करोड़ तक पहुंच गई, जो कि FY23 के ₹346.4 करोड़ से 23% अधिक है


📈 FY24 में CityMall की कमाई और राजस्व

मुख्य राजस्व स्रोत:
CityMall का अधिकांश राजस्व प्रोडक्ट सेल्स से आया, जो कि कंपनी के कुल ऑपरेटिंग रेवेन्यू का 91.62% है। FY24 में प्रोडक्ट सेल्स से कमाई 17.1% बढ़कर ₹391.5 करोड़ हो गई

लॉजिस्टिक्स और मार्केटिंग सेवाएं:
बाकी का GMV लॉजिस्टिक्स और मार्केटिंग सेवाओं से आया, जो ₹35.8 करोड़ रहा।

अन्य आय स्रोत:
कंपनी ने FY24 में ₹32 करोड़ की अतिरिक्त आय अर्जित की। यह आय डिपॉजिट और इन्वेस्टमेंट पर ब्याज से आई, जिससे कंपनी की कुल आय ₹459 करोड़ हो गई।

📌 तुलनात्मक रूप से FY23 में CityMall की कुल आय ₹378 करोड़ थी, जो कि इस वर्ष की तुलना में कम थी


💰 खर्चों में बढ़ोतरी, लेकिन घाटा भी बढ़ा

CityMall का सबसे बड़ा खर्च प्रोडक्ट्स की खरीद (procurement of products) रहा, जो 20.4% बढ़कर ₹390 करोड़ हो गया

📌 अन्य प्रमुख खर्च:

  • कर्मचारियों का वेतन और भत्ते: ₹91 करोड़ (7.7% वृद्धि)
  • ट्रांसपोर्टेशन खर्च: ₹56 करोड़ (45.5% की भारी वृद्धि)

📌 FY24 में सिटीमॉल के कुल खर्च 17.7% बढ़कर ₹615.2 करोड़ हो गए, जबकि FY23 में यह ₹522.7 करोड़ थे।

👉 अधिक खर्च और बढ़ती लागत के कारण, कंपनी का घाटा 10% बढ़कर ₹159 करोड़ हो गया, जबकि FY23 में यह ₹145 करोड़ था


📊 प्रमुख वित्तीय संकेतक (Financial Indicators)

📌 ROCE (Return on Capital Employed): -36.18%
📌 EBITDA Margin: -30.34%
📌 यूनिट इकोनॉमिक्स: ₹1 कमाने के लिए कंपनी ने ₹1.44 खर्च किए।

👉 हालांकि सिटीमॉल का राजस्व बढ़ा है, लेकिन घाटे में भी बढ़ोतरी हुई है।


🏦 कंपनी की वित्तीय स्थिति

CityMall के कुल चालू परिसंपत्तियां (Total Current Assets) FY24 में ₹427 करोड़ थी। इसमें ₹187 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस के रूप में शामिल थे

📌 इसका मतलब है कि कंपनी के पास अपनी ऑपरेशंस जारी रखने और आगे निवेश करने के लिए पर्याप्त फंड्स उपलब्ध हैं।


🚀 CityMall की रणनीति और आगे की राह

CityMall सोशल ई-कॉमर्स मॉडल पर काम करता है, जो छोटे शहरों और कस्बों में लोगों को अपने नेटवर्क से सामान बेचने का अवसर देता है। कंपनी ग्रोसरी, लाइफस्टाइल, और अन्य आवश्यक उत्पादों की बिक्री को मजबूत कर रही है और अपने लॉजिस्टिक्स और टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर रही है

CityMall की भविष्य की रणनीति:

तेजी से विस्तार और नए शहरों में प्रवेश
रिसेलर्स नेटवर्क को और मजबूत बनाना
लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार
घाटे को नियंत्रित करने के लिए लागत प्रबंधन


📌 निष्कर्ष

CityMall ने FY24 में 23% की ग्रोथ दर्ज की है, लेकिन उच्च खर्चों के कारण कंपनी का घाटा भी बढ़ा है

💡 क्या CityMall आने वाले वर्षों में अपने घाटे को कम कर पाएगा और मुनाफे में आ सकेगा?

👉 आपकी राय क्या है? हमें कमेंट में बताएं! 🚀

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