📈 Go Digit General Insurance ने दर्ज की जबरदस्त ग्रोथ,

Go Digit

बेंगलुरु स्थित बीमा कंपनी Go Digit General Insurance ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4 FY25) में शानदार वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है।
कंपनी ने न सिर्फ अपनी ग्रॉस रिटन प्रीमियम (GWP) में बढ़ोतरी दर्ज की है, बल्कि इस दौरान उसका मुनाफा भी दोगुना हो गया है।

💼 GWP में 10% की वृद्धि

Go Digit General Insurance ने चौथी तिमाही में अपनी GWP को 10% बढ़ाकर ₹2,576 करोड़ कर लिया है।
पिछले साल की समान तिमाही यानी Q4 FY24 में कंपनी की GWP ₹2,335 करोड़ थी।

यह आंकड़े नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से जारी कंपनी की फाइनेंशियल रिपोर्ट के जरिए सामने आए हैं।
यह लगातार दूसरी तिमाही है जब Go Digit ने तगड़ी विकास दर दिखाई है, जो कंपनी के मजबूत बिजनेस मॉडल और बढ़ती बाजार पकड़ को दर्शाता है।

🎯 पूरे वित्त वर्ष में नया रिकॉर्ड: ₹10,282 करोड़ का GWP

सिर्फ तिमाही नहीं, पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में भी Go Digit ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है:

  • कंपनी ने पहली बार सालाना GWP में ₹10,000 करोड़ का आंकड़ा पार किया।
  • कुल GWP वित्त वर्ष के अंत में बढ़कर ₹10,282 करोड़ पहुंच गई, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 14% अधिक है।

यह उपलब्धि कंपनी के लिए एक मील का पत्थर है, खासकर ऐसे समय में जब बीमा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ती जा रही है।

💸 मुनाफे में दोगुनी तेजी

Go Digit का मुनाफा चौथी तिमाही में दोगुना हो गया है, हालांकि अभी सटीक लाभ राशि का खुलासा नहीं किया गया है।
लेकिन कंपनी के प्रदर्शन से यह साफ है कि:

  • लागत प्रबंधन में सुधार हुआ है।
  • अंडरराइटिंग मार्जिन बेहतर हुए हैं।
  • दावे (claims) के निपटान में तेजी आई है।

इससे Go Digit की लाभप्रदता (profitability) पर सकारात्मक असर पड़ा है।

🛡️ Go Digit का बिजनेस मॉडल

Go Digit General Insurance का बिजनेस मॉडल पारंपरिक बीमा कंपनियों से काफी अलग है।
कंपनी डिजिटल माध्यम से ग्राहकों को बीमा पॉलिसी खरीदने, क्लेम करने और सर्विस पाने की सुविधा देती है।
इसके कुछ प्रमुख फीचर्स हैं:

  • पूरी तरह डिजिटल प्रोसेस: पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम तक सबकुछ ऑनलाइन।
  • तेज़ क्लेम प्रोसेसिंग: दावा करने पर कम से कम दस्तावेज़ीकरण और तेज निपटान।
  • पारदर्शिता: ग्राहकों के साथ साफ-सुथरा और भरोसेमंद व्यवहार।
  • कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट्स: हर तरह के ग्राहक के लिए बीमा योजनाएं।

यही वजह है कि कम समय में Go Digit ने भारत के बीमा बाजार में एक अलग पहचान बना ली है।

📊 IPO के बाद से लगातार निगरानी में

Go Digit ने मई 2024 में अपना IPO (Initial Public Offering) लॉन्च किया था, जो निवेशकों के बीच अच्छी प्रतिक्रिया पा चुका है।
IPO के बाद कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन बाजार विशेषज्ञों की निगरानी में है और ताजा आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि Go Digit अपने ग्रोथ प्लान पर सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

🌟 बीमा सेक्टर में Go Digit का बढ़ता प्रभाव

भारत में इंश्योरेंस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, खासकर:

  • हेल्थ इंश्योरेंस की बढ़ती मांग।
  • वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्यता।
  • सरकार की पहलें जैसे ‘आयुष्मान भारत’।

Go Digit इस ग्रोथ को भुनाने में सफल रही है।
कंपनी का ध्यान खासतौर पर:

  • मोटर इंश्योरेंस
  • हेल्थ इंश्योरेंस
  • ट्रैवल इंश्योरेंस
  • प्रॉपर्टी इंश्योरेंस

जैसे सेगमेंट्स पर है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर Go Digit बड़े पैमाने पर ग्राहकों तक अपनी पहुंच बना रही है।

🔥 आगे का रास्ता

Go Digit General Insurance के लिए आने वाला समय और भी रोमांचक हो सकता है:

  • कंपनी अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने की योजना बना रही है।
  • नए बीमा प्रोडक्ट्स और ग्राहक अनुभव (customer experience) को बेहतर बनाने पर फोकस रहेगा।
  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में बीमा पेनिट्रेशन बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2025-26 तक अपना GWP और मुनाफा दोनों को और तेज गति से बढ़ाए।

📢 निष्कर्ष

Go Digit General Insurance का ताजा वित्तीय प्रदर्शन न सिर्फ निवेशकों को भरोसा दिलाता है, बल्कि भारतीय बीमा सेक्टर में इसके मजबूत होते कदमों का भी संकेत देता है।
10% GWP ग्रोथ, सालाना ₹10,000 करोड़ का आंकड़ा पार करना और मुनाफे में दोगुनी तेजी — ये सब कंपनी के उज्ज्वल भविष्य की कहानी कहते हैं।

यदि Go Digit इसी गति से आगे बढ़ता रहा, तो आने वाले समय में यह भारत का सबसे भरोसेमंद और पसंदीदा डिजिटल बीमा ब्रांड बन सकता है। 🚀

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🚀 $120 मिलियन फंडिंग राउंड के लिए Ultrahuman की तैयारी,

Ultrahuman

बेंगलुरु आधारित हेल्थटेक स्टार्टअप Ultrahuman एक नए फंडिंग राउंड में $120 मिलियन जुटाने की बातचीत कर रहा है। इस राउंड का नेतृत्व WestBridge Capital द्वारा किया जाएगा।
यह विकास उस समय हो रहा है जब कंपनी ने पिछले साल ही अपना $35 मिलियन का सीरीज़ बी राउंड पूरा किया था।

💰 फंडिंग डिटेल्स और संभावित निवेशक

Moneycontrol की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस फंडिंग राउंड में कुछ प्राइवेट इक्विटी फंड्स भी भाग ले सकते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि:

  • इस राउंड के बाद Ultrahuman का अनुमानित मूल्यांकन $550 से $600 मिलियन के बीच हो सकता है।
  • TheKredible के अनुमानों के अनुसार, सीरीज बी राउंड के बाद कंपनी का मूल्यांकन $125 मिलियन था।

अब तक, Ultrahuman ने $60 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है, जिनमें प्रमुख निवेशक शामिल हैं:

  • Zomato के संस्थापक और CEO दीपिंदर गोयल
  • Nexus Ventures
  • Blume Ventures
  • Alpha Wave

🏋️‍♂️ Ultrahuman: फिटनेस और हेल्थ टेक्नोलॉजी का भविष्य

Ultrahuman एक सेल्फ-क्वांटिफिकेशन प्लेटफॉर्म है जो यूज़र्स को अपने स्वास्थ्य डेटा को ट्रैक और मॉनिटर करने की सुविधा देता है।
कंपनी के प्रमुख प्रोडक्ट्स में शामिल हैं:

  • Ring Air – एक स्मार्ट रिंग जो स्वास्थ्य संकेतकों को ट्रैक करती है।
  • M1 Live – एक ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस।
  • Blood Vision – एक ब्लड टेस्टिंग प्रोडक्ट।

इसके अलावा, इस साल की शुरुआत में Ultrahuman ने Rare Smart Ring Collection भी लॉन्च किया, जो एक लक्ज़री सेगमेंट को टारगेट करता है।

📈 कारोबार में जबरदस्त ग्रोथ

Ultrahuman ने 2024 कैलेंडर ईयर (CY24) के दौरान अपने संचालन के स्केल में जबरदस्त उछाल दर्ज किया है:

  • कंपनी का कुल ऑपरेटिंग स्केल $74.5 मिलियन (लगभग ₹620 करोड़) रहा।
  • कंपनी ने 11% प्रॉफिट बिफोर टैक्स (PBT) और 8% EBITDA मार्जिन हासिल करने का दावा किया है।

यह उपलब्धि इस बात का संकेत है कि Ultrahuman केवल राजस्व बढ़ा ही नहीं रहा है, बल्कि लाभप्रदता की दिशा में भी मजबूती से आगे बढ़ रहा है — जो आज के प्रतिस्पर्धी स्टार्टअप वातावरण में एक दुर्लभ बात है।

👨‍💼 नेतृत्व और विजन

Ultrahuman के संस्थापक और CEO मोहित कुमार के नेतृत्व में कंपनी ने हेल्थटेक सेगमेंट में एक अनोखी पहचान बनाई है।
उनका मानना है कि:

“हमें विश्वास है कि अगली पीढ़ी का स्वास्थ्य समाधान केवल इलाज नहीं, बल्कि रियल टाइम प्रिवेंटिव हेल्थकेयर होगा।”

Ultrahuman का लक्ष्य लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक बनाना है, ताकि बीमारियों से पहले ही बचाव किया जा सके।

🌎 ग्लोबल प्लान्स और एक्सपैंशन रणनीति

Ultrahuman ने भारत में तो अपनी पकड़ मजबूत की ही है, अब कंपनी की नजरें वैश्विक विस्तार पर भी हैं।
कंपनी का लक्ष्य है:

  • अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व जैसे बड़े बाजारों में प्रवेश करना।
  • अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार करना, जैसे कि और अधिक बायोमेट्रिक ट्रैकिंग डिवाइस लॉन्च करना।
  • स्वास्थ्य डेटा एनालिटिक्स और AI-बेस्ड हेल्थ इनसाइट्स पर निवेश बढ़ाना।

🔥 क्यों खास है Ultrahuman?

Ultrahuman अन्य फिटनेस ट्रैकिंग कंपनियों से अलग इसलिए है क्योंकि:

  • यह केवल फिटनेस ट्रैकिंग नहीं, बल्कि बायोलॉजिकल हेल्थ मैनेजमेंट पर फोकस करता है।
  • रिंग और ग्लूकोज मॉनिटरिंग के साथ-साथ ब्लड बायोमार्कर टेस्टिंग भी ऑफर करता है।
  • हेल्थ डेटा को रियल टाइम में एनालाइज कर यूज़र्स को actionable insights देता है।
  • डिजाइन और तकनीक के स्तर पर कंपनी का अप्रोच बेहद प्रीमियम और उपयोगकर्ता-केंद्रित है।

📢 निष्कर्ष

Ultrahuman की $120 मिलियन फंडिंग डील न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारत के हेल्थटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि होगी।
बढ़ता हुआ राजस्व, मजबूत लाभप्रदता, और वैश्विक विस्तार की योजनाएं — ये सब दर्शाते हैं कि Ultrahuman आने वाले वर्षों में फिटनेस और स्वास्थ्य तकनीक की दुनिया में एक बड़ा नाम बनने जा रहा है।

अगर यह डील सफल होती है, तो Ultrahuman को नए मार्केट्स में एंट्री करने, प्रोडक्ट इनोवेशन बढ़ाने और ब्रांड को और मजबूत करने में जबरदस्त मदद मिलेगी।
बिना शक, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में यह एक और प्रेरणादायक सफलता कहानी बन सकती है! 🌟

Read more :📢 Meesho बदलेगा अपना आधिकारिक नाम, IPO से पहले बड़ी रणनीतिक तैयारी

📢 Meesho बदलेगा अपना आधिकारिक नाम, IPO से पहले बड़ी रणनीतिक तैयारी

Meesho

घरेलू ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Meesho ने अपने आगामी पब्लिक लिस्टिंग (IPO) से पहले एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी के बोर्ड ने अपनी लीगल पहचान बदलने के लिए मंजूरी दे दी है। अब “Fashnear Technologies Private Limited” का नाम बदलकर “Meesho Private Limited” किया जाएगा।

आइए जानते हैं इस बदलाव के पीछे का कारण और Meesho की भविष्य की बड़ी योजनाओं के बारे में।

🏷️ ब्रांड पहचान के साथ नाम का मेल

Meesho ने वर्षों से डिजिटल कॉमर्स में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है।
कंपनी ने छोटे विक्रेताओं और ग्राहकों के बीच जबरदस्त विश्वास और ब्रांड वैल्यू हासिल की है।

रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, बोर्ड ने यह महसूस किया कि Meesho ब्रांड के साथ कंपनी की कानूनी पहचान को मेल कराना अब जरूरी हो गया है। इससे निवेशकों और ग्राहकों दोनों के बीच एक स्पष्ट और मजबूत छवि बनेगी, जो कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए फायदेमंद होगी।

📈 IPO की तैयारी जोरों पर

यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब Meesho अपने $1 बिलियन (लगभग ₹8,300 करोड़) के आईपीओ की तैयारी कर रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक:

  • कंपनी ने अपने IPO एडवाइज़र्स के तौर पर Morgan Stanley, Kotak Mahindra Capital और Citi को शॉर्टलिस्ट किया है।
  • JP Morgan को भी इस सिंडिकेट में शामिल करने की चर्चा चल रही है।

बैंकरों ने Meesho का अनुमानित मूल्यांकन $10 बिलियन (लगभग ₹83,000 करोड़) तय किया है।
कंपनी की योजना है कि इस साल दिवाली के आसपास स्टॉक एक्सचेंज पर अपनी सूचीबद्धता पूरी करे।

💸 ESOP बायबैक से कर्मचारियों को बड़ा फायदा

Meesho ने इस साल अपने अब तक के सबसे बड़े ESOP बायबैक प्रोग्राम की भी घोषणा की।
इस कार्यक्रम के तहत:

  • कंपनी ने ₹200 करोड़ (लगभग $25 मिलियन) मूल्य के शेयर वापस खरीदे।
  • इस योजना से करीब 1,700 पूर्व और वर्तमान कर्मचारी लाभान्वित हुए, जिनमें जूनियर एग्जीक्यूटिव से लेकर सीनियर लीडरशिप तक के लोग शामिल हैं।

इसके अलावा, इस महीने की शुरुआत में Meesho के को-फाउंडर्स ने भी 27 लाख ऑप्शंस एक्सरसाइज़ किए, जिनकी कुल वैल्यू लगभग $120 मिलियन थी।
यह खबर सबसे पहले Entrackr ने रिपोर्ट की थी।

📊 वित्तीय प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार

Meesho ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में शानदार प्रदर्शन किया है:

  • कंपनी की सालाना राजस्व वृद्धि 33% रही, जो बढ़कर ₹7,615 करोड़ पहुंच गई।
  • कंपनी ने अपने एडजस्टेड घाटे को 97% तक घटाकर मात्र ₹53 करोड़ कर दिया।

यह वित्तीय प्रदर्शन यह दिखाता है कि Meesho न केवल तेज़ी से बढ़ रही है, बल्कि मुनाफे की दिशा में भी मजबूती से कदम बढ़ा रही है।

इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में कंपनी ने 1.3 बिलियन ऑर्डर डिलीवर किए हैं, जो इसके बढ़ते हुए ग्राहक आधार और संचालन क्षमता का प्रमाण है।

📦 Meesho का बिजनेस मॉडल और बाजार में पकड़

Meesho भारत का एक प्रमुख सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन चुका है।
कंपनी छोटे विक्रेताओं, खासकर महिलाओं और छोटे व्यवसायों को सीधे ग्राहकों से जोड़ती है, जिससे वे बिना किसी बड़े निवेश के ऑनलाइन व्यापार कर सकते हैं।

Meesho का बिजनेस मॉडल निम्नलिखित पहलुओं पर केंद्रित है:

  • कम लागत वाला और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल।
  • छोटे शहरों और कस्बों में गहरी पहुंच।
  • सरल और सुलभ मोबाइल ऐप अनुभव।
  • विक्रेताओं के लिए सुविधाजनक लॉजिस्टिक्स और पेमेंट सॉल्यूशंस।

कंपनी की रणनीति ने उसे भारत के तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स सेक्टर में एक मजबूत स्थान दिलाया है, खासकर उस सेगमेंट में जो Amazon और Flipkart जैसे बड़े खिलाड़ियों से अलग है।

🌟 भविष्य की योजनाएं

Meesho की भविष्य की योजनाएं भी बेहद दिलचस्प हैं:

  • IPO से जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल अपने तकनीकी प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने में किया जाएगा।
  • नए-नए क्षेत्रों में विस्तार, खासकर ग्रामीण और सेमी-अर्बन मार्केट्स पर ध्यान।
  • लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना।
  • और अधिक विक्रेताओं और ग्राहकों को जोड़ने के लिए बेहतर मार्केटिंग और ब्रांडिंग अभियान।

Meesho का लक्ष्य है न केवल भारत में, बल्कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने पंख फैलाना।


🔥 निष्कर्ष

Meesho का “Fashnear Technologies” से “Meesho Private Limited” बनने का कदम केवल एक नाम परिवर्तन नहीं है, बल्कि एक बड़ी रणनीतिक चाल है।
IPO के ज़रिए Meesho भारत के सबसे बड़े टेक आईपीओ में से एक बन सकता है और अपने सोशल कॉमर्स मॉडल को दुनिया के सामने पेश कर सकता है।

जैसे-जैसे कंपनी अपने अगले विकास चरण में प्रवेश कर रही है, सभी की निगाहें Meesho पर टिकी हैं। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो दिवाली 2025 भारत के स्टार्टअप और फिनटेक इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ सकती है। 🚀

Read more :💉 Care.fi को 6 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली,

💉 Care.fi को 6 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली,

Care.fi

हेल्थकेयर-फोकस्ड फिनटेक स्टार्टअप Care.fi ने हाल ही में RevX से 6 करोड़ रुपये की डेब्ट फंडिंग जुटाई है। कंपनी इस फंड का इस्तेमाल विशेष रूप से अपने आयुष्मान भारत योजना (AB-PMJAY) से जुड़े संचालन को मजबूत करने में करेगी।

आइए जानते हैं इस डील के पीछे की पूरी कहानी और Care.fi की आगे की योजनाएं।

🏥 आयुष्मान भारत योजना से जुड़े संचालन पर फोकस

Care.fi ने बताया कि इस फंडिंग से वह आयुष्मान भारत योजना के तहत अपने कार्यों को और प्रभावी बनाने पर जोर देगा।
गौरतलब है कि जून 2024 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत:

  • 550 मिलियन (55 करोड़) से अधिक लाभार्थी कवर किए जा चुके हैं।
  • 29,000 से अधिक अस्पतालों को योजना में शामिल किया गया है।

यह आंकड़े दिखाते हैं कि देशभर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा लगातार बढ़ रहा है, और Care.fi जैसे स्टार्टअप्स को इसमें अहम भूमिका निभाने का अवसर मिल रहा है।

📈 सरकारी हेल्थकेयर खर्च में इज़ाफा

मार्केट रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार का हेल्थकेयर पर खर्च अब GDP का 1.84% हो चुका है।
इस बढ़े हुए बजट ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) जैसी पहलों को सपोर्ट किया है, जिससे लाखों लोगों को मुफ्त और किफायती इलाज मिल रहा है।

Care.fi इस बढ़ती स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए अपने टेक्नोलॉजी-संचालित वित्तीय समाधानों के जरिए अस्पतालों को बेहतर कैश फ्लो मैनेजमेंट और क्लेम सेटलमेंट में सहायता प्रदान कर रहा है।

👨‍⚕️ Care.fi की स्थापना और अब तक की यात्रा

Care.fi की स्थापना सिदक सिंह और विक्रांत अग्रवाल ने की थी।
कंपनी का उद्देश्य था — हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के जरिए तेज़ और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करना।

अब तक Care.fi ने:

  • 100 से अधिक अस्पतालों को वित्तीय सहायता दी है।
  • कुल मिलाकर 800 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया है।
  • शुरुआत के दो सालों के भीतर NBFC लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया है।

ये उपलब्धियां Care.fi के तेज़ विकास और मजबूत बिजनेस मॉडल का संकेत देती हैं।

🔧 फंड का इस्तेमाल कहां होगा?

Care.fi ने स्पष्ट किया है कि इस नई फंडिंग का इस्तेमाल मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाएगा:

  • आयुष्मान भारत योजना के तहत तेज़ और सुरक्षित क्लेम सेटलमेंट सिस्टम बनाना।
  • अस्पतालों के लिए कैश फ्लो मैनेजमेंट को आसान और कुशल बनाना।
  • अपने बैकएंड ऑपरेशंस को मजबूत करना ताकि बड़े स्तर पर सेवा दी जा सके।
  • हेल्थकेयर सेक्टर के लिए AI और डेटा एनालिटिक्स आधारित समाधान तैयार करना।

जैसे-जैसे आयुष्मान भारत योजना और अधिक केंद्रीकृत हो रही है, वैसे-वैसे अस्पतालों के लिए भुगतान का प्रोसेस अधिक तकनीकी और तेज़ बनाना आवश्यक होता जा रहा है — और Care.fi इसी जरूरत को पूरा करने के लिए काम कर रहा है।

🛡️ Care.fi का रणनीतिक दृष्टिकोण

Care.fi की रणनीति न केवल तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने की है, बल्कि अस्पतालों को दीर्घकालिक स्थिरता और ग्रोथ के लिए तैयार करना भी है।
इसके लिए कंपनी:

  • अस्पतालों को समय पर क्लेम सेटलमेंट में मदद करती है।
  • ऑपरेशनल खर्चों के बेहतर प्रबंधन में सपोर्ट करती है।
  • टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्यूशंस के माध्यम से प्रक्रियाओं को ऑटोमेट करती है।

Care.fi मानता है कि यदि अस्पतालों का वित्तीय आधार मजबूत होगा, तो वे मरीजों को बेहतर सेवा प्रदान कर पाएंगे और देश का हेल्थकेयर सिस्टम भी मजबूत होगा।

🌐 भविष्य की योजनाएं

Care.fi भविष्य में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को और विस्तृत करने की योजना बना रहा है। इसके तहत:

  • छोटे और मझोले अस्पतालों के लिए वर्किंग कैपिटल सॉल्यूशंस
  • बीमा कंपनियों के साथ गठजोड़ कर इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेसिंग को तेज़ करना।
  • टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का विस्तार कर ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को जोड़ना।

साथ ही, कंपनी AI-ड्रिवन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है जिससे हेल्थकेयर सेक्टर में निर्णय प्रक्रिया और भी तेज और डेटा-आधारित हो सके।


✨ निष्कर्ष

Care.fi की इस 6 करोड़ रुपये की फंडिंग ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत में हेल्थकेयर फिनटेक सेक्टर तेजी से उभर रहा है।
आयुष्मान भारत जैसी सरकारी योजनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए, Care.fi जैसी कंपनियां भारत के डिजिटल हेल्थकेयर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

आगे आने वाले समय में, Care.fi का प्रभाव भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम में और भी अधिक देखने को मिलेगा — खासकर ऐसे समय में जब सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ा रही है और टेक्नोलॉजी अपनाने पर जोर दे रही है। 🚀

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🚫 जम्मू-कश्मीर हमले के बाद भारत ने कई पाकिस्तानी YouTube चैनलों पर लगाया बैन

YouTube

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान आधारित कई YouTube चैनलों पर बैन लगा दिया है। इस कदम ने दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया है।

📺 YouTube किन-किन पाकिस्तानी चैनलों पर लगा बैन?

भारत सरकार ने जिन प्रमुख पाकिस्तानी न्यूज चैनलों के YouTube अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें शामिल हैं:

  • Samaa TV
  • Bol News
  • Geo News
  • Dawn News
  • GNN

इसके अलावा, कुछ व्यक्तिगत यूट्यूब अकाउंट्स जैसे कि मुनीब फारूक और अर्जू काज़मी के चैनलों को भी ब्लॉक कर दिया गया है।

इतना ही नहीं, सरकार ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर के यूट्यूब अकाउंट पर भी बैन लगा दिया है।

❌ यूजर्स को क्या दिख रहा है?

भले ही इन चैनलों की लैंडिंग पेज अभी यूट्यूब पर दिख रही हो, लेकिन जब कोई यूजर चैनल पर क्लिक करता है, तो उसे यह संदेश दिखाई देता है:

“यह सामग्री इस देश में वर्तमान में उपलब्ध नहीं है क्योंकि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के तहत इसे हटाने का आदेश दिया है। सरकार के हटाने के अनुरोधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए transparencyreport.google.com पर जाएं।”

यह स्पष्ट है कि सरकार ने अभी केवल यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की है, ना कि उन चैनलों की आधिकारिक वेबसाइटों पर। यदि भविष्य में जरूरत पड़ी, तो सरकार स्थानीय Internet Service Providers (ISPs) को भी इन वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का निर्देश दे सकती है।

🛡️ पहले भी हुई हैं ऐसी कार्रवाइयां

यह पहली बार नहीं है जब भारत ने इस तरह का सख्त कदम उठाया है।
याद दिला दें कि 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत सरकार ने TikTok समेत कई चीनी ऐप्स पर बैन लगाया था, जिसमें डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी का हवाला दिया गया था।

सरकार का स्पष्ट रुख रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे वह डिजिटल स्पेस में हो या वास्तविक दुनिया में।

📰 आतंकवादी हमले की मीडिया कवरेज पर भी नजर

सरकार सिर्फ यूट्यूब चैनलों पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया और समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी कड़ी नजर बनाए हुए है। जम्मू-कश्मीर में हुए हमले की रिपोर्टिंग को लेकर सरकार काफी सतर्क है।

विदेश मंत्रालय के एक्सटर्नल पब्लिसिटी एंड पब्लिक डिप्लोमेसी (XPD) डिवीजन ने हाल ही में BBC इंडिया प्रमुख जैकी मार्टिन को कड़ा संदेश भेजा है।
सरकार ने BBC की रिपोर्टिंग में आतंकवादियों को “मिलिटेंट्स” कहने पर नाराजगी जताई और औपचारिक पत्र के जरिए विरोध दर्ज कराया है।

सरकार का मानना है कि आतंकवादियों को नरम शब्दों में प्रस्तुत करना गलत संदेश देता है और इससे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों पर असर पड़ सकता है।

📢 मीडिया और सोशल मीडिया के लिए सरकार की एडवाइजरी

भारत सरकार ने सभी मीडिया चैनलों को निर्देश दिया है कि वे:

  • रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज से बचें।
  • सुरक्षा बलों की गतिविधियों की सीधी रिपोर्टिंग ना करें।
  • सोशल मीडिया पर सही और जिम्मेदार रिपोर्टिंग करें।
  • मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें।

सरकार ने अपने सर्कुलर में कहा है:

“राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स से अपेक्षा की जाती है कि वे अत्यधिक जिम्मेदारी से कार्य करें और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते समय देश के कानूनों का पूर्णतः पालन करें।”

यह कदम सुनिश्चित करेगा कि संवेदनशील मामलों में गलत सूचनाओं के प्रसार को रोका जा सके और देश के सामरिक हितों की रक्षा की जा सके।

🌐 डिजिटल दुनिया में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियाँ

जैसे-जैसे डिजिटल मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े खतरे भी नई शक्ल में सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग कर प्रोपेगेंडा फैलाना, फेक न्यूज और साइबर हमलों का खतरा अब सरकारों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है।

भारत सरकार लगातार ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर सख्त निगरानी रख रही है और समय-समय पर ठोस कदम उठा रही है ताकि देश के नागरिकों तक सही जानकारी पहुंचे और किसी भी तरह का दुष्प्रचार न फैल सके।

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🚀 Zepto जल्द करेगा ₹1,500 करोड़ का डील फाइनल,

Zepto

भारत का उभरता हुआ Quick Commerce प्लेटफॉर्म Zepto अब अपने अगले बड़े फाइनेंशियल मूव के बिल्कुल करीब है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Zepto जल्द ही ₹1,500 करोड़ (करीब $175 मिलियन) की एक स्ट्रक्चर्ड डेट डील फाइनल करने वाला है। इस डील में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं Edelweiss Alternative Asset और कुछ अन्य निवेशक।

🎯 विदेशी निवेशकों से शेयर खरीदने के लिए होगा फंड का इस्तेमाल

Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, Zepto इस फंड का इस्तेमाल अपने कुछ विदेशी निवेशकों से शेयर वापस खरीदने (Buyback) में करेगा। इसका मकसद है Zepto में भारतीय हिस्सेदारी बढ़ाना, ताकि कंपनी के प्रस्तावित IPO से पहले इसकी स्ट्रक्चरिंग भारतीय नियमों के अनुसार हो सके।

बताया जा रहा है कि Zepto 2025 के मध्य में अपना IPO ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल कर सकता है। कंपनी ने पहले ही अपनी रजिस्ट्री सिंगापुर से भारत में शिफ्ट करने के लिए जरूरी मंजूरी हासिल कर ली है। यानी Zepto अब पूरी तरह भारतीय कंपनी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

💰 Edelweiss और अन्य भारतीय निवेशक होंगे मुख्य फाइनेंसर

डील से जुड़े सूत्रों के अनुसार, Edelweiss इस पूरे लोन का लगभग आधा हिस्सा अंडरराइट करेगा, यानी करीब ₹750 करोड़। बाकी का फंड भारत के कुछ घरेलू फैमिली ऑफिसेज और क्रेडिट फंड्स द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

इस स्ट्रक्चर्ड डेट डील के बाद Zepto की वैल्यूएशन करीब $5 बिलियन के आस-पास रहने की उम्मीद है — जो कि पिछले साल नवंबर में हुए इसके आखिरी इक्विटी फंडिंग राउंड के समान है। उस समय Motilal Oswal Private Wealth के नेतृत्व में Zepto ने $350 मिलियन जुटाए थे।

🧑‍💼 फाउंडर्स की हिस्सेदारी भी बढ़ेगी

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस डील के बाद Zepto के फाउंडर्स — आदित पलीचा और कैवल्य वोहरा — की कंपनी में हिस्सेदारी बढ़कर 18% से करीब 20% तक पहुँच जाएगी। इसके साथ ही Zepto में भारतीय निवेशकों की कुल हिस्सेदारी 30% से अधिक हो सकती है, जो भारत के Foreign Direct Investment (FDI) नियमों के हिसाब से एक सकारात्मक कदम होगा।

इस बढ़ी हुई घरेलू हिस्सेदारी से Zepto को अपने आगामी IPO में निवेशकों के बीच और भी मजबूत भरोसा बनाने में मदद मिलेगी।

📈 Zepto का नया सेकंडरी शेयर सेल डील भी अंतिम चरण में

Zepto केवल डेट डील तक ही सीमित नहीं है। खबरों के मुताबिक, कंपनी लगभग $250 मिलियन के सेकंडरी शेयर सेल को भी अंतिम रूप देने के करीब है। इस डील में भी प्राइवेट इक्विटी फर्म्स जैसे Motilal Oswal मुख्य भूमिका निभा रही हैं।

इस सेकंडरी डील का मकसद है — कुछ पुराने निवेशकों को एग्जिट का मौका देना और कंपनी के कैप टेबल को IPO के लिहाज से और अधिक मजबूत बनाना।

🔥 ग्रोथ ट्रैक पर Zepto: $4 बिलियन का Gross Order Value

Zepto की ग्रोथ भी शानदार दिख रही है। हाल ही में एक इंटरव्यू में CEO आदित पलीचा ने खुलासा किया कि Zepto अब सालाना आधार पर लगभग $4 बिलियन के Gross Order Value (GOV) को छूने के बेहद करीब है।

GOV यानी कि कंपनी के प्लेटफॉर्म पर होने वाले कुल ऑर्डर का मूल्य — जो किसी भी ई-कॉमर्स या क्विक कॉमर्स कंपनी के स्केल का महत्वपूर्ण संकेतक होता है।

इस तेज़ी से बढ़ती ग्रोथ और स्ट्रॉन्ग फाइनेंशियल स्ट्रक्चर के चलते, Zepto ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपनी अलग पहचान बना ली है।

🛒 Zepto: भारत के Quick Commerce का भविष्य?

Zepto अपनी तेज डिलीवरी सर्विस, मजबूत टेक्नोलॉजी बैकबोन और अब IPO की दिशा में बढ़ते कदमों के चलते भारतीय बाजार में तेजी से एक भरोसेमंद नाम बनता जा रहा है।

कंपनी का फोकस सिर्फ ग्रोथ पर नहीं, बल्कि सही निवेशकों, मजबूत हिस्सेदारी ढांचे और लॉन्ग-टर्म बिजनेस सस्टेनेबिलिटी पर भी है।

यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो 2025 का साल Zepto के लिए एक बड़ा माइलस्टोन साबित हो सकता है — जब यह स्टार्टअप भारत के स्टॉक मार्केट में अपने IPO के ज़रिए एंट्री करेगा।

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🇮🇳 VerSe Innovation AI के दम पर भारत के डिजिटल कंटेंट का भविष्य बना रहा है

VerSe

VerSe Innovation आज भारत के करोड़ों यूज़र्स तक अपनी पहुंच बना चुका है। अपने लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स जैसे Dailyhunt, Josh और Oneindia के ज़रिए यह कंपनी भारत के अलग-अलग भाषाई दर्शकों को जोड़ने का काम कर रही है। अब VerSe ने अपने पूरे कंटेंट ईकोसिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को बड़ी गहराई से शामिल कर लिया है — फिर चाहे वह भारत-स्तरीय recommendation engines हों या generative AI एप्लिकेशंस, जो यूज़र एक्सपीरियंस, एंगेजमेंट और कमाई (monetization) को बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं।

🚀 कंटेंट, एडवरटाइजिंग और क्रिएटर प्लेटफॉर्म्स में बड़ा बदलाव

VerSe Innovation का AI ईकोसिस्टम कंटेंट, विज्ञापन और क्रिएटर-चालित प्लेटफॉर्म्स में जबरदस्त बदलाव ला रहा है। इस मोर्चे पर सबसे आगे है NexVerse.ai, जो कि VerSe का AI-चालित प्रोग्रामेटिक AdTech इंजन है। इससे विज्ञापन की एफिशिएंसी और ब्रांड के नतीजे बहुत बड़े पैमाने पर बेहतर हो रहे हैं।

VerSe Innovation के Co-founder और CEO उमंग बेदी ने बताया,

“हम deep learning मॉडल्स का इस्तेमाल करके रियल-टाइम यूज़र इंटरैक्शन्स का विश्लेषण करते हैं, जिससे एड सेलेक्शन, प्लेसमेंट और प्राइसिंग को ऑप्टिमाइज़ किया जाता है। हमारा AI-पावर्ड कंटेंट-ऐड मैचिंग सिस्टम सही ऑडियंस तक सही विज्ञापन पहुँचाने में मदद करता है, जिससे एंगेजमेंट और परफॉर्मेंस में भारी इज़ाफा होता है।”

📖 डिजिटल न्यूज़ को नया अनुभव दे रहा है VerSe का AI

एडवरटाइजिंग से आगे बढ़ते हुए, VerSe का AI-ड्रिवन कंटेंट इंटेलिजेंस डिजिटल न्यूज़ खपत को भी नए सिरे से बदल रहा है।
Dailyhunt Premium, जो कि एक subscription-based प्रीमियम कंटेंट प्लेटफॉर्म है, अब भारत के बदलते डिजिटल पाठकों के लिए टॉप चॉइस बन रहा है। यह प्लेटफॉर्म Magzter की तकनीक पर आधारित है, जहाँ Visual AI मॉडल्स का इस्तेमाल कर अखबारों और मैगज़ीन आर्टिकल्स को ezRead जैसे मोबाइल-फ्रेंडली फॉर्मेट में बदला जाता है।

उमंग बेदी बताते हैं,

“Magzter पर हम visual AI models का उपयोग करके अखबार और मैगज़ीन कंटेंट से आर्टिकल्स एक्सट्रैक्ट करते हैं और उन्हें मोबाइल पर पढ़ने लायक आसान फॉर्मेट में बदलते हैं।”

📰 छोटे फॉर्मेट की न्यूज़: Xpresso में AI का कमाल

VerSe का शॉर्ट न्यूज़ फॉर्मेट प्रोडक्ट Xpresso भी AI का बेजोड़ इस्तेमाल कर रहा है। यहाँ पर multimodal generative AI की मदद से शॉर्ट न्यूज़ कार्ड्स, वेब स्टोरीज़ और छोटे कंटेंट फॉर्मेट्स का ऑटोमेटेड तरीके से निर्माण होता है।

बेदी के अनुसार,

“हमारे AI सिस्टम्स इंटरनल टीम्स और एक्सटर्नल क्रिएटर्स दोनों को सही समय पर, रिलेटेड और एंगेजिंग छोटे कंटेंट बनाने में मदद कर रहे हैं।”

इससे न केवल यूज़र एंगेजमेंट बढ़ा है, बल्कि पूरी कंटेंट एक्सपीरियंस भी next-level हो गया है।

✍️ WISE: स्मार्ट कंटेंट क्रिएशन का नया साथी

VerSe का AI टूल WISE भी काफी कमाल का है। यह एक AI-चालित ऑथरिंग और मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है, जो हेडलाइन जेनरेशन, AI-आधारित इमेजरी और सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएशन में मदद करता है। इससे कंटेंट प्रोडक्शन में काफी तेजी और क्वालिटी दोनों आ गई है।

🎧📹 ऑडियो, वीडियो और बातचीत के फॉर्मेट्स में भी AI का धमाल

VerSe अब AI-पावर्ड ऑडियो और वीडियो फॉर्मेट्स में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
Josh Audio Stories जैसे फीचर्स के ज़रिए यूज़र्स को ड्रामा, रोमांस, थ्रिलर, हॉरर और फैंटेसी जैसी कहानियाँ भारतीय भाषाओं में सुनने को मिल रही हैं।

बेदी के मुताबिक,

“AI स्क्रिप्टिंग, वॉयस मॉड्यूलेशन और पर्सनलाइज़ेशन में बड़ी भूमिका निभा रहा है, जिससे हम बड़ी स्केल पर हाई-क्वालिटी ऑडियो एक्सपीरियंस बना पा रहे हैं।”

साथ ही Dream Call फीचर भी काफी लोकप्रिय हो रहा है, जिसमें यूज़र्स लाइव, पर्सनलाइज़्ड बातचीत कर सकते हैं अपने फेवरेट क्रिएटर्स के साथ। यहाँ भी AI यूज़र-क्रिएटर मैचिंग और इंटरेक्शन को स्मूद और सेफ बनाने में अहम भूमिका निभाता है।

🤝 VerSe Collab: ब्रांड्स और क्रिएटर्स को जोड़ने का AI प्लेटफॉर्म

VerSe का Collab प्लेटफॉर्म एक फुल-स्टैक इन्फ्लुएंसर मार्केटप्लेस है, जो भारत के टॉप ब्रांड्स को 1 लाख से ज़्यादा क्रिएटर्स और सेलिब्रिटीज से जोड़ता है। इसमें AI का उपयोग करके कैंपेन आइडिएशन, स्ट्रैटेजी बनाना और परफॉर्मेंस ट्रैक करना बेहद आसान हो गया है। इससे Influencer marketing campaigns तेज़ी से और ज़्यादा असरदार हो रहे हैं।

🔥 भविष्य की दिशा: स्केलेबल, डेटा-ड्रिवन मीडिया

बेदी कहते हैं,

“हम अपने सभी प्लेटफॉर्म्स में इंटेलिजेंट सिस्टम्स को शामिल करके न केवल यूज़र्स का अनुभव बेहतर कर रहे हैं, बल्कि क्रिएटर्स, एडवर्टाइजर्स और कंज्यूमर्स के लिए सस्टेनेबल वैल्यू भी बना रहे हैं।”

VerSe Innovation अब AI-ड्रिवन मीडिया के भविष्य को आकार दे रहा है, जहाँ स्केलेबल, डेटा-ड्रिवन ऑपरेशंस और ऑटोमेटेड कंटेंट जनरेशन मुख्य भूमिका निभाएंगे।

जैसे-जैसे VerSe अपनी AI क्षमताओं को और मजबूत कर रहा है, वह भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में अपनी स्थिति को और अधिक सशक्त बना रहा है — और सुनिश्चित कर रहा है कि हर यूज़र तक उनकी भाषा में, सही समय पर, सही कंटेंट पहुँचे।

Read more :🚀 इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $112 मिलियन फंडिंग, 70% की जोरदार बढ़त 📈

🚀 इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $112 मिलियन फंडिंग, 70% की जोरदार बढ़त 📈

भारतीय स्टार्टअप्स

भारतीय स्टार्टअप्स ईकोसिस्टम में इस हफ्ते जबरदस्त हलचल देखने को मिली। कुल 22 भारतीय स्टार्टअप्स ने लगभग $112.35 मिलियन (करीब ₹936 करोड़) की फंडिंग जुटाई, जिसमें 6 ग्रोथ-स्टेज और 12 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल रहीं। वहीं, 6 स्टार्टअप्स ने अपनी फंडिंग डिटेल्स सार्वजनिक नहीं कीं।

📊 पिछले हफ्ते के मुकाबले (जब $62.67 मिलियन जुटाए गए थे) इस बार 70% की बढ़त दर्ज हुई है।


🍔 भारतीय स्टार्टअप्स ग्रोथ-स्टेज डील्स का हाल

इस हफ्ते ग्रोथ और लेट-स्टेज स्टार्टअप्स ने लगभग $85 मिलियन जुटाए। प्रमुख डील्स में शामिल हैं:

  • Rebel Foods (फूडटेक यूनिकॉर्न) ने Qatar Investment Authority से $25 मिलियन जुटाए।
  • Uniqus Consultech (एंटरप्राइज टेक स्टार्टअप) ने Series C राउंड में $20 मिलियन फंडिंग पाई, जिसका नेतृत्व Nexus Venture Partners ने किया।
  • Vayudh (ड्रोन टेक कंपनी) ने Series A में $10 मिलियन का निवेश हासिल किया।
  • Bankbazaar, Farmart (एग्रीटेक स्टार्टअप) और Fabric (Intellicar) ने भी इस हफ्ते फंडिंग जुटाई।

🌱 अर्ली-स्टेज डील्स की चमक

अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने इस हफ्ते मिलकर $27.41 मिलियन जुटाए। कुछ प्रमुख डील्स:

  • Emversity (स्किल-ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म) ने $5 मिलियन के राउंड से लीड किया।
  • SaveIN (हेल्थकेयर फिनटेक स्टार्टअप),
  • Bachatt (सेविंग्स ऐप),
  • GreenGrahi (एग्री-बायोटेक स्टार्टअप),
  • Phab (D2C स्नैक ब्रांड),
  • ऑनलाइन वीजा अप्लिकेशन के लिए एक ट्रैवलटेक स्टार्टअप ने भी फंडिंग जुटाई।

इसके अलावा, DevAssure, Tummoc, Catalogus और KiranaPro जैसे स्टार्टअप्स ने भी फंडिंग प्राप्त की, लेकिन इन्होंने राशि का खुलासा नहीं किया।


📍 शहर और सेक्टर के हिसाब से डील्स

शहर के अनुसार:

  • Delhi-NCR सबसे आगे रहा, जहां 9 डील्स हुईं।
  • इसके बाद Bengaluru, Mumbai और Chennai का नंबर रहा।

सेक्टर के हिसाब से:

  • Fintech स्टार्टअप्स ने टॉप किया, 4 डील्स के साथ।
  • Travel Tech और Foodtech ने क्रमशः 3 और 2 डील्स हासिल कीं।
  • Agritech, E-commerce, AI, Deeptech, Drone tech आदि ने भी निवेश पाया।

🛠️ सीरीज वाइज डील्स

  • Seed Funding ने सबसे ज्यादा, यानी 9 डील्स में लीड किया।
  • इसके बाद Series A, Pre-Seed, और Series C डील्स रही।

📈 वीकली फंडिंग ट्रेंड

साप्ताहिक तुलना में इस हफ्ते स्टार्टअप फंडिंग $62.67 मिलियन से बढ़कर $112.35 मिलियन हो गई — यानी करीब 70% की बढ़त

पिछले 8 हफ्तों में औसत वीकली फंडिंग लगभग $232.47 मिलियन रही, जिसमें औसतन 25 डील्स दर्ज की गईं।


👨‍💼 प्रमुख हायरिंग्स और डिपार्चर्स

इस हफ्ते कुछ बड़े प्रमोशंस और बदलाव देखने को मिले:

  • Mamaearth पैरेंट कंपनी ने Karan Bajwa और Avinash Dhagat को CXO रोल्स में प्रमोट किया।
  • Accel ने Pratik Agarwal और Rachit Parekh को Partner बनाया।
  • Pine Labs ने Amrish Rau को MD और चेयरमैन बनाया।
  • Ideaspring ने Kailashnath को Partner नियुक्त किया।

डिपार्चर्स:

  • Sandip Basu (Group CFO, VerSe) ने स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ा।
  • Nitin Agarwal (CEO, Globalbees) ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया।

🔥 मर्जर और अधिग्रहण

  • Ampivo AI ने Commerce Forever Solutions में 51% हिस्सेदारी खरीदी।
  • Cars24 ने प्रमुख ऑटोमोटिव कम्युनिटी प्लेटफॉर्म Team-BHP का अधिग्रहण किया।
  • ClearDekho (आईवियर ब्रांड) को Jaipuria Group ने खरीदा।

💔 छंटनी

  • Cars24 ने लागत में कटौती के तहत 200+ कर्मचारियों को (प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी डिवीजनों से) निकाल दिया।

💰 फंड लॉन्च

  • A91 Partners ने अपना तीसरा फंड $665 मिलियन में बंद किया।
  • Blue Ocean Games (Krafton समर्थित) ने $30 मिलियन का फंड लॉन्च किया।
  • Trident Growth Partners ने अपने पहले फंड के लिए ₹1,000 करोड़ जुटाए।

🚀 नए लॉन्च और पार्टनरशिप्स

  • Jason Kothari (Former Housing.com CEO) ने नया स्टार्टअप Mythik लॉन्च किया।
  • Candere के फाउंडर ने Lucira (लैब-ग्रोन डायमंड ज्वेलरी ब्रांड) शुरू किया।
  • Akums ने Tamil Nadu Agricultural University के साथ फार्मा इनोवेशन के लिए करार किया।
  • The Circle FC ने Start-in UP के साथ साझेदारी की।
  • NSDC ने Rapido के साथ मिलकर गिग इकोनॉमी स्किलिंग प्रोग्राम लॉन्च किया।
  • MobiKwik ने Poonawalla Fincorp के साथ मिलकर इंस्टेंट पर्सनल लोन सेवा शुरू की।

📋 संभावित डील्स

  • Krutrim (Bhavish Aggarwal) $300 मिलियन फंडिंग के लिए बातचीत कर रहा है।
  • Captain Fresh कर्ज जुटाने की तैयारी में है।
  • ELIVAAS ₹100 करोड़ फंडिंग राउंड में बातचीत कर रहा है।
  • Pagarbook कैशफ्लो पॉजिटिव हुआ है।

📊 इस हफ्ते के वित्तीय नतीजे

  • XpressBees ने FY24 में EBITDA पॉजिटिव प्रदर्शन किया।
  • Zupee ने FY24 में ₹146 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया।
  • Boult Audio की FY24 रेवेन्यू ₹700 करोड़ से ऊपर पहुंची, 40% की बढ़त के साथ।

🔥 न्यूज़ फ्लैश

  • ED ने FIITJEE से जुड़े 8 ठिकानों पर रेड डाली।
  • Ather Energy ने IPO के लिए RHP फाइल किया (₹2,626 करोड़ का फ्रेश इश्यू)।
  • Flipkart को सिंगापुर से भारत में डोमिसाइल शिफ्ट करने की मंजूरी मिली।
  • Zetwerk अगले 12-24 महीनों में IPO लाने की योजना में है।
  • MobiKwik ने अपनी NBFC सब्सिडियरी बनाई।

📢 निष्कर्ष

इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप फंडिंग ने जबरदस्त 70% ग्रोथ दिखाई। IPOs, M&As, और नए फंड लॉन्च के साथ ईकोसिस्टम में तेज हलचल जारी है। Ather Energy का IPO, Flipkart का भारत लौटना और Cars24 जैसी कंपनियों की स्ट्रैटजिक चालें आने वाले समय के लिए बाजार को और रोमांचक बना रही हैं।

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Read more :🚗 Cars24 ने की 200-250 कर्मचारियों की छंटनी,

🚗 Cars24 ने की 200-250 कर्मचारियों की छंटनी,

Cars24

भारत की जानी-मानी प्री-ओन्ड व्हीकल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Cars24 ने हाल ही में 200-250 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह कदम कंपनी द्वारा लागत में कटौती (Cost-Cutting) की एक रणनीति के तहत उठाया गया है। इस घटनाक्रम की जानकारी से जुड़े तीन सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।

“Cars24 ने इस महीने अपने प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट्स से लगभग 250 कर्मचारियों को निकाला है,” एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया।


🏁Cars24 छंटनी का समय और उद्योग पर असर

यह छंटनी ऐसे समय में हुई है जब Cars24 का एक प्रमुख प्रतिद्वंदी, Spinny, ने हाल ही में $131 मिलियन की नई फंडिंग हासिल की है। Spinny को यह निवेश Accel के Leadership Fund से मिला है, जो ग्लोबली चुनिंदा पोर्टफोलियो में गहरी हिस्सेदारी बनाने पर फोकस करता है।

इसके मुकाबले, Cars24 ने पिछले साढ़े तीन वर्षों में कोई नया बाहरी फंडिंग राउंड नहीं उठाया है।


📋 प्रभावित कर्मचारियों को स्टैंडर्ड सेवरेंस पैकेज

सूत्रों के अनुसार, SoftBank समर्थित Cars24 ने छंटनी किए गए कर्मचारियों को स्टैंडर्ड सेवरेंस पैकेज दिया है, ताकि वे आसानी से ट्रांजिशन कर सकें।

कंपनी ने विभिन्न सर्विसेज के जरिये बाजार में अपनी पहचान बनाई है, जिनमें शामिल हैं:

  • प्री-ओन्ड कार्स की खरीद-बिक्री
  • फाइनेंसिंग और इंश्योरेंस सेवाएं
  • ड्राइवर-ऑन-डिमांड
  • फास्टैग और चालान प्रबंधन
  • गाड़ियों की स्क्रैपिंग सेवा

🗣️ CEO विक्रम चोपड़ा का बयान

Cars24 के को-फाउंडर और सीईओ विक्रम चोपड़ा ने Entrackr को दिए एक बयान में कहा:

“यह एक कठिन निर्णय था। पिछले कुछ हफ्तों में हमें विभिन्न फंक्शनों में लगभग 200 कर्मचारियों से विदाई लेनी पड़ी। हम उनके योगदान के लिए आभारी हैं। यह छंटनी प्रदर्शन से नहीं, बल्कि संरचना और गलत दांव से जुड़ी थी। हमने सीखा है कि स्पीड के बिना स्पष्टता महंगी साबित होती है। भविष्य में हम निवेश और टीम बिल्डिंग में अधिक रणनीतिक और सोच-समझकर कदम उठाएंगे।”


💸 फंडिंग और वैल्यूएशन की कहानी

हालांकि Cars24 ने हाल के वर्षों में कोई नई फंडिंग नहीं जुटाई है, लेकिन दिसंबर 2021 में कंपनी ने $450 मिलियन (लगभग ₹3,400 करोड़) की बड़ी फंडिंग हासिल की थी। इस फंडिंग में शामिल थे:

  • SoftBank
  • Tencent
  • DST Global
  • Falcon Edge’s Alpha Wave

इस फंडिंग के बाद Cars24 का वैल्यूएशन $3.3 बिलियन पर पहुंच गया था।

TheKredible के अनुसार:

  • DST Global के पास Cars24 में सबसे बड़ी बाहरी हिस्सेदारी है
  • इसके बाद KCK Limited, Peak XV, Alpha Wave और Tencent जैसे बड़े निवेशकों का नाम आता है

📈 बिजनेस परफॉर्मेंस: रेवेन्यू बढ़ा लेकिन घाटा भी

वित्त वर्ष 2024 (FY24) में Cars24 ने:

  • रेवेन्यू में 25% सालाना वृद्धि दर्ज की
  • FY23 में ₹5,530 करोड़ के मुकाबले FY24 में रेवेन्यू ₹6,917 करोड़ तक पहुंचा

लेकिन इसके बावजूद:

  • कंपनी को ₹498 करोड़ का नेट लॉस हुआ
  • एडजस्टेड EBITDA लॉस ₹318 करोड़ रहा

यह आंकड़े दिखाते हैं कि भले ही राजस्व बढ़ रहा हो, लेकिन लाभप्रदता हासिल करना अभी भी चुनौती बना हुआ है।


🛠️ क्यों हुई छंटनी?

छंटनी के पीछे मुख्य कारण:

  • गलत प्रोजेक्ट अनुमान: कुछ प्रोजेक्ट्स और भूमिकाओं को समय से पहले जोड़ा गया था
  • स्पीड के साथ क्लैरिटी की कमी: तेजी से बढ़ने के चक्कर में रणनीतिक स्पष्टता नहीं रही
  • लागत पर नियंत्रण: घाटा कम करने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की जरूरत

🛣️ आगे की राह

Cars24 अब अपनी रणनीति को फिर से परिभाषित करने पर काम कर रही है:

  • सुनियोजित निवेश
  • टीम का रणनीतिक पुनर्गठन
  • मार्जिन बढ़ाने पर फोकस
  • प्रॉफिटेबल ग्रोथ की दिशा में ठोस कदम

भविष्य में कंपनी को अपनी मौजूदा सर्विसेज को और मजबूत करने और घाटे को नियंत्रित करने पर ध्यान देना होगा, ताकि वह बढ़ती प्रतिस्पर्धा में खुद को टिकाऊ बना सके।


🧠 निष्कर्ष: चुनौतीपूर्ण दौर में Cars24 की अग्निपरीक्षा

Cars24 इस समय गंभीर पुनर्गठन (Major Restructuring) के दौर से गुजर रही है। बढ़ते घाटे और प्रतिस्पर्धा के बीच कंपनी को:

  • अपने बिजनेस मॉडल को और फाइन-ट्यून करना पड़ेगा
  • निवेशकों और ग्राहकों दोनों का भरोसा मजबूत बनाए रखना होगा
  • लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए रणनीतिक निर्णय लेने होंगे

अगर Cars24 इन चुनौतियों को सफलतापूर्वक पार कर लेती है, तो वह भारतीय सेकेंड-हैंड कार मार्केट में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रख सकती है।


📢 आपके क्या विचार हैं Cars24 की इस छंटनी पर? नीचे कमेंट में बताएं और ऐसे ही बिजनेस अपडेट्स के लिए जुड़े रहें FundingRaised.in के साथ! 🚀

Read more :🏡ELIVAAS $10-12 मिलियन फंडिंग राउंड की तैयारी में,

🏡ELIVAAS $10-12 मिलियन फंडिंग राउंड की तैयारी में,

ELIVAAS

भारतीय लग्ज़री वेकेशन होम रेंटल प्लेटफॉर्म ELIVAAS एक और बड़ी फंडिंग डील की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, स्टार्टअप $10-12 मिलियन (₹83-100 करोड़) जुटाने की बातचीत अंतिम चरण में है। इस डील के साथ ELIVAAS की वैल्यूएशन ₹500 करोड़ के करीब हो सकती है।

यह नया निवेश राउंड सिर्फ 6 महीने बाद आ रहा है, जब कंपनी ने $5 मिलियन की सीरीज़ A फंडिंग जुटाई थी।


🚀 तेजी से बढ़ती डिमांड और रेवेन्यू ग्रोथ बनी वजह

सूत्रों का कहना है कि यह फंडिंग बातचीत कंपनी की हालिया तेज़ राजस्व वृद्धि (Revenue Growth) को देखते हुए हो रही है। ELIVAAS ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में जबरदस्त प्रदर्शन किया है और रेवेन्यू और ग्रॉस बुकिंग वैल्यू में तीन गुना ग्रोथ दर्ज की है।

“ELIVAAS मौजूदा और नए निवेशकों के साथ बातचीत के अंतिम चरण में है, और एक नया इन्वेस्टर इस राउंड को लीड कर सकता है,” एक सूत्र ने बताया।

बातचीत अभी पूरी तरह से फाइनल नहीं हुई है, इसलिए डील की शर्तों में अंतिम समय पर बदलाव संभव है।


👥 किसने शुरू किया ELIVAAS?

ELIVAAS की शुरुआत 2023 में दो संस्थापकों – ऋत्विक खरे और करन मिगलानी – ने मिलकर की थी। कंपनी का लक्ष्य भारत में लग्ज़री और प्रीमियम वेकेशन स्टे को आसान और सहज बनाना है।

ELIVAAS की पेशकश:

  • लग्ज़री विला और प्रीमियम अपार्टमेंट्स किराए पर
  • लोकेशन: गोवा, कसोल, शिमला, उदयपुर, नैनीताल, ऋषिकेश जैसे प्रमुख वेकेशन डेस्टिनेशन
  • टारगेट यूज़र्स: हाई-एंड ट्रैवलर्स, परिवार, कपल्स और ग्रुप वेकेशन प्लानर्स

💰 अब तक कितनी हुई फंडिंग?

ELIVAAS ने अब तक $7.5 मिलियन (₹62 करोड़ से अधिक) की फंडिंग जुटाई है:

  1. सीरीज़ A फंडिंग ($5 मिलियन) – 3one4 Capital द्वारा लीड की गई, जिसमें Peak XV भी शामिल रहा
  2. सीड राउंड ($2.5 मिलियन) – Peak XV’s Surge ने लीड किया
  3. एंजेल निवेशकों में शामिल हैं:
    • Kunal Shah (CRED)
    • Mohit Gupta (Zomato)
    • Amit Lakhotia (Park+)
    • Naveen Kukreja (Paisabazaar)

📊 कंपनी के फाइनेंशियल नंबर क्या कहते हैं?

हालांकि FY25 के आधिकारिक आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन TheKredible के अनुसार ELIVAAS ने FY24 में:

  • रेवेन्यू: ₹7 करोड़
  • नेट लॉस: ₹10.4 करोड़

स्टार्टअप के घाटे का कारण संभवतः इसके मार्केट एक्सपैंशन, मार्केटिंग खर्च और हाई-क्वालिटी प्रॉपर्टी में निवेश है।


🧭 आगे की योजना: क्या है ELIVAAS का फंडिंग यूज़?

नई फंडिंग का इस्तेमाल कंपनी अपने ऑपरेशन्स एक्सपैंड करने, नए शहरों में विला ऐड करने और तकनीकी अपग्रेडेशन के लिए करेगी।

  • कंपनी अपने AI-बेस्ड बुकिंग इंजन को और स्मार्ट बनाना चाहती है
  • कस्टमर एक्सपीरियंस को पर्सनलाइज़ करने पर भी जोर दिया जाएगा
  • संभावित इंटरनेशनल डेस्टिनेशन्स को भी एक्सप्लोर किया जा सकता है

🇮🇳 भारत में लग्ज़री ट्रैवल का बढ़ता मार्केट

पिछले कुछ वर्षों में भारत में वेकेशन होम्स और लग्ज़री ट्रैवल सेगमेंट में जबरदस्त बूम देखा गया है। खासकर पोस्ट-कोविड दौर में लोग:

  • होटल्स की जगह प्राइवेट विला और हॉलिडे होम्स को तरजीह दे रहे हैं
  • वर्केशन (Work + Vacation) कल्चर ने डिमांड को और बढ़ाया है
  • हायर इनकम ग्रुप्स और मिलेनियल्स के बीच प्रीमियम ट्रैवल तेज़ी से पॉपुलर हो रहा है

ELIVAAS इसी उभरते हुए ट्रेंड का हिस्सा बनकर आगे बढ़ रहा है।


🧳 ELIVAAS बनाम अन्य प्लेयर्स

जहां एक ओर Airbnb, Vista Rooms और SaffronStays जैसे ब्रांड पहले से मौजूद हैं, वहीं ELIVAAS लक्ज़री + टेक इंटीग्रेशन की रणनीति के साथ एक अलग पहचान बना रहा है।

  • AI प्लानिंग
  • Curated स्टे एक्सपीरियंस
  • डिजिटल बुकिंग फ्लो
  • होस्ट और ट्रैवलर दोनों के लिए आसान इंटरफेस

ये सभी फीचर्स ELIVAAS को एक “Tech-enabled Luxury Stay Platform” की कैटेगरी में लाते हैं।


📌 निष्कर्ष: क्या ELIVAAS अगला बड़ा वेकेशन ब्रांड बनेगा?

ELIVAAS ने बहुत कम समय में:

✅ मार्केट में अच्छी पकड़ बनाई
✅ एंजेल और वीसी इन्वेस्टर्स का भरोसा जीता
✅ हाई-एंड यूज़र्स को टारगेट करते हुए ब्रांड वैल्यू बनाई

अब $10-12 मिलियन की नई फंडिंग से कंपनी को और स्केल अप करने का मौका मिलेगा। अगर यह डील फाइनल होती है, तो ELIVAAS आने वाले समय में भारतीय लग्ज़री ट्रैवल मार्केट में एक लीडिंग नाम बन सकता है।


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