हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान आधारित कई YouTube चैनलों पर बैन लगा दिया है। इस कदम ने दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया है।
📺 YouTube किन-किन पाकिस्तानी चैनलों पर लगा बैन?
भारत सरकार ने जिन प्रमुख पाकिस्तानी न्यूज चैनलों के YouTube अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें शामिल हैं:
- Samaa TV
- Bol News
- Geo News
- Dawn News
- GNN
इसके अलावा, कुछ व्यक्तिगत यूट्यूब अकाउंट्स जैसे कि मुनीब फारूक और अर्जू काज़मी के चैनलों को भी ब्लॉक कर दिया गया है।
इतना ही नहीं, सरकार ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर के यूट्यूब अकाउंट पर भी बैन लगा दिया है।
❌ यूजर्स को क्या दिख रहा है?
भले ही इन चैनलों की लैंडिंग पेज अभी यूट्यूब पर दिख रही हो, लेकिन जब कोई यूजर चैनल पर क्लिक करता है, तो उसे यह संदेश दिखाई देता है:
“यह सामग्री इस देश में वर्तमान में उपलब्ध नहीं है क्योंकि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के तहत इसे हटाने का आदेश दिया है। सरकार के हटाने के अनुरोधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए transparencyreport.google.com पर जाएं।”
यह स्पष्ट है कि सरकार ने अभी केवल यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की है, ना कि उन चैनलों की आधिकारिक वेबसाइटों पर। यदि भविष्य में जरूरत पड़ी, तो सरकार स्थानीय Internet Service Providers (ISPs) को भी इन वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का निर्देश दे सकती है।
🛡️ पहले भी हुई हैं ऐसी कार्रवाइयां
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने इस तरह का सख्त कदम उठाया है।
याद दिला दें कि 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत सरकार ने TikTok समेत कई चीनी ऐप्स पर बैन लगाया था, जिसमें डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी का हवाला दिया गया था।
सरकार का स्पष्ट रुख रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे वह डिजिटल स्पेस में हो या वास्तविक दुनिया में।
📰 आतंकवादी हमले की मीडिया कवरेज पर भी नजर
सरकार सिर्फ यूट्यूब चैनलों पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया और समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी कड़ी नजर बनाए हुए है। जम्मू-कश्मीर में हुए हमले की रिपोर्टिंग को लेकर सरकार काफी सतर्क है।
विदेश मंत्रालय के एक्सटर्नल पब्लिसिटी एंड पब्लिक डिप्लोमेसी (XPD) डिवीजन ने हाल ही में BBC इंडिया प्रमुख जैकी मार्टिन को कड़ा संदेश भेजा है।
सरकार ने BBC की रिपोर्टिंग में आतंकवादियों को “मिलिटेंट्स” कहने पर नाराजगी जताई और औपचारिक पत्र के जरिए विरोध दर्ज कराया है।
सरकार का मानना है कि आतंकवादियों को नरम शब्दों में प्रस्तुत करना गलत संदेश देता है और इससे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों पर असर पड़ सकता है।
📢 मीडिया और सोशल मीडिया के लिए सरकार की एडवाइजरी
भारत सरकार ने सभी मीडिया चैनलों को निर्देश दिया है कि वे:
- रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज से बचें।
- सुरक्षा बलों की गतिविधियों की सीधी रिपोर्टिंग ना करें।
- सोशल मीडिया पर सही और जिम्मेदार रिपोर्टिंग करें।
- मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें।
सरकार ने अपने सर्कुलर में कहा है:
“राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स से अपेक्षा की जाती है कि वे अत्यधिक जिम्मेदारी से कार्य करें और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते समय देश के कानूनों का पूर्णतः पालन करें।”
यह कदम सुनिश्चित करेगा कि संवेदनशील मामलों में गलत सूचनाओं के प्रसार को रोका जा सके और देश के सामरिक हितों की रक्षा की जा सके।
🌐 डिजिटल दुनिया में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियाँ
जैसे-जैसे डिजिटल मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े खतरे भी नई शक्ल में सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग कर प्रोपेगेंडा फैलाना, फेक न्यूज और साइबर हमलों का खतरा अब सरकारों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है।
भारत सरकार लगातार ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर सख्त निगरानी रख रही है और समय-समय पर ठोस कदम उठा रही है ताकि देश के नागरिकों तक सही जानकारी पहुंचे और किसी भी तरह का दुष्प्रचार न फैल सके।