⚡ IPO की रफ्तार पर Ather Energy 28 अप्रैल से खुलेगा सब्सक्रिप्शन,

Ather Energy

भारत की अग्रणी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता कंपनी Ather Energy ने अपने इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की तारीखों की घोषणा कर दी है। यह IPO 28 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक खुला रहेगा। यह सार्वजनिक पेशकश ना केवल निवेशकों और प्रमोटरों के लिए बल्कि कंपनी के कर्मचारियों के ESOP होल्डिंग्स के लिए भी लाभदायक साबित हो सकती है।


💼 Ather Energy कुल इश्यू साइज ₹2,980.7 करोड़, जिसमें शामिल है नया इश्यू और OFS

Ather Energy का यह प्रस्तावित IPO कुल मिलाकर ₹2,980.7 करोड़ का है। इसमें:

  • ₹2,626 करोड़ का नया इश्यू (Fresh Issue) और
  • ₹354.76 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है।

OFS के तहत निवेशकों और प्रमोटरों द्वारा हिस्सेदारी बेची जाएगी, जबकि नए इश्यू से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी की ग्रोथ, विस्तार और रिसर्च गतिविधियों में किया जाएगा।


📊 ESOP धारकों को भी मिलेगा मौका, लेकिन थोड़ा इंतज़ार ज़रूरी

Ather के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) के अनुसार, कंपनी के पास वर्तमान में 1.62 करोड़ ESOPs का पूल है। यदि IPO का प्राइस बैंड का ऊपरी स्तर ₹321 माना जाए, तो इन ESOPs की कुल वैल्यू लगभग ₹530 करोड़ (लगभग $62 मिलियन) बनती है।

हालांकि, कंपनी के कर्मचारियों को अपनी होल्डिंग्स को बेचने के लिए कुछ महीनों से लेकर एक साल तक इंतज़ार करना पड़ सकता है, क्योंकि ESOPs पर कुछ शर्तें और लॉक-इन पीरियड लागू होते हैं।

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत से लेकर RHP फाइलिंग तक, Ather ने लगभग 46 लाख नए ESOPs जारी किए हैं।


📈 शेयरों की कीमत ₹304-₹321 प्रति शेयर, न्यूनतम निवेश ₹13,984

Ather Energy के IPO के लिए कंपनी ने प्राइस बैंड ₹304 से ₹321 प्रति शेयर निर्धारित किया है। निवेशक कम-से-कम एक लॉट में 46 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे न्यूनतम निवेश राशि ₹13,984 बनती है।

यह बुक-बिल्ट इश्यू है, जिसमें:

  • 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के लिए,
  • 15% नॉन-इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) के लिए और
  • 10% रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित किया गया है।

🤑 Tiger Global और Caladium Investment करेंगे OFS में हिस्सा

OFS के हिस्से में प्रमुख निवेशक Tiger Global और Caladium Investment अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेंगे।

  • Tiger Global अपने 4,00,000 इक्विटी शेयर बेचेगा, जिन्हें उसने ₹38.58 प्रति शेयर की औसत कीमत पर खरीदा था। इस बिक्री से उसे 8.3 गुना रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
  • वहीं, Caladium Investment को लगभग 57% का रिटर्न मिलने की संभावना है।

📉 FY25 की शुरुआत में घाटा, लेकिन रेवेन्यू में ग्रोथ बरकरार

Ather Energy की वित्तीय स्थिति भी इस IPO के केंद्र में है। कंपनी ने FY25 के पहले 9 महीनों में:

  • 1,08,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे, जिससे
  • ₹1,578.9 करोड़ का राजस्व हासिल हुआ।

हालांकि, इसी अवधि में कंपनी को ₹579.6 करोड़ का घाटा भी हुआ।

वहीं, पूरे FY24 (मार्च 2024 तक) में कंपनी ने:

  • ₹1,753 करोड़ का रेवेन्यू कमाया और
  • ₹1,062 करोड़ का नेट लॉस रिपोर्ट किया।

यह आंकड़े बताते हैं कि Ather अभी भी प्रॉफिटेबिलिटी की ओर बढ़ रही है, लेकिन उसके सेल्स वॉल्यूम और बाजार हिस्सेदारी में निरंतर वृद्धि देखने को मिल रही है।


🔍 कौन हैं Ather के प्रमुख निवेशक?

Ather Energy में कई प्रमुख निवेशकों की भागीदारी है:

  • Hero MotoCorp – 38.19%
  • Caladium Investment (GIC) – 15.43%
  • National Investment and Infrastructure Fund (NIIF) – 14.22%
  • Tiger Global – 6.56%
  • संस्थापक Tarun Mehta और Swapnil Jain – प्रत्येक के पास 6.81% हिस्सेदारी

इस सूची से साफ है कि Ather को निवेशकों का भरपूर समर्थन प्राप्त है, जो इसके दीर्घकालिक ग्रोथ में भरोसा जताते हैं।


📌 निष्कर्ष: Ather का IPO—निवेशकों, कर्मचारियों और मार्केट के लिए बड़ा मौका

Ather Energy का IPO न केवल निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने का वादा करता है, बल्कि कंपनी के कर्मचारियों के लिए भी यह एक वेल्थ क्रिएशन का अवसर है। ESOP धारकों के लिए यह लिस्टिंग आगे चलकर वित्तीय स्वतंत्रता की ओर बड़ा कदम हो सकता है।

हालांकि कंपनी अभी घाटे में है, लेकिन इसके सेगमेंट लीडरशिप, टेक्नोलॉजी इनोवेशन और मजबूत ब्रांड वैल्यू** को देखते हुए यह IPO बाजार में काफी दिलचस्पी पैदा कर रहा है।

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🚚 XpressBees ने FY24 में EBITDA किया पॉजिटिव,

XpressBees

भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन कंपनी Xpressbees ने वित्त वर्ष 2023–24 (FY24) में धीमी लेकिन स्थिर प्रगति दर्ज की है। जहां कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ दो अंकों तक सीमित रही, वहीं खास बात यह रही कि इस दौरान कंपनी EBITDA पॉजिटिव हो गई — जो किसी भी लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।


💸 Xpressbees कमाई में 12% की बढ़त

Xpressbees का ऑपरेटिंग रेवेन्यू FY23 में ₹2,531 करोड़ था, जो बढ़कर FY24 में ₹2,831 करोड़ तक पहुंच गया। यानी कंपनी ने 12% की सालाना बढ़त दर्ज की।

हालांकि यह ग्रोथ तेज़ नहीं थी, लेकिन भारत के चुनौतीपूर्ण लॉजिस्टिक्स माहौल और बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इसे एक स्थिर और स्वस्थ ग्रोथ माना जा रहा है।


🏪 कंपनी की सेवाएं: B2B से लेकर वेयरहाउसिंग तक

XpressBees ई-कॉमर्स कंपनियों को कई प्रकार की लॉजिस्टिक्स सेवाएं देती है, जिनमें शामिल हैं:

  • 🚚 B2B और B2C एक्सप्रेस डिलीवरी सर्विस
  • 🌐 क्रॉस-बॉर्डर लॉजिस्टिक्स
  • 🏬 वेयरहाउसिंग और स्टोरेज समाधान

इसके प्रमुख ग्राहकों में Snapdeal, Myntra, Meesho, Netmeds, BigBasket और कई अन्य ई-कॉमर्स कंपनियां शामिल हैं।


📦 वेयरहाउसिंग से हुआ ज़बरदस्त उछाल

XpressBees की आय का सबसे बड़ा हिस्सा लॉजिस्टिक्स सेवाओं से आता है, जो कि FY24 की कुल आय का 97% रहा।

लेकिन खास बात यह रही कि कंपनी के छोटे लेकिन उभरते वेयरहाउसिंग बिजनेस में ज़बरदस्त ग्रोथ देखी गई:

  • FY23 में: ₹0.77 करोड़
  • FY24 में: ₹48 करोड़
    👉 यानी 60 गुना की बढ़त!

यह दर्शाता है कि कंपनी अब सिर्फ कूरियर तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि नॉन-कूरियर बिजनेस जैसे वेयरहाउसिंग और सपोर्ट सेवाओं की तरफ भी गंभीरता से ध्यान दे रही है।


💼 सपोर्ट सर्विस और अन्य आमदनी

वेयरहाउसिंग के अलावा कंपनी ने सपोर्ट सर्विसेस से ₹31 करोड़ की आय की, जो कि एक साल पहले की तुलना में उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है।

साथ ही, XpressBees ने ₹109 करोड़ की अतिरिक्त आय नॉन-ऑपरेटिंग स्रोतों से भी अर्जित की — जिससे कंपनी की कुल इनकम बढ़कर ₹2,940 करोड़ तक पहुंच गई।


📉 खर्चे भी बढ़े, लेकिन नियंत्रण में

ग्रोथ के साथ कंपनी के खर्चों में भी इजाफा हुआ, लेकिन इन्हें अपेक्षाकृत नियंत्रित तरीके से मैनेज किया गया:

खर्च का प्रकारFY24 में खर्च
🚚 कूरियर चार्जेस₹1,816 करोड़ (12% वृद्धि)
🚛 लाइनहॉल चार्जेस₹494 करोड़ (6% वृद्धि)
👨‍💼 एम्प्लॉयी बेनिफिट्स₹355 करोड़ (10% वृद्धि)
🏚️ डिप्रिसिएशन₹159 करोड़ (49% वृद्धि)
🔧 अन्य ऑपरेशनल खर्च₹319 करोड़

कुल मिलाकर, कूरियर चार्जेस XpressBees का सबसे बड़ा खर्च बना रहा। डिप्रिसिएशन खर्चों में तेज़ उछाल से पता चलता है कि कंपनी ने इंफ्रास्ट्रक्चर और एसेट्स में निवेश बढ़ाया है।


📈 EBITDA पॉजिटिव: मुनाफे की ओर बढ़ता कदम

सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में EBITDA पॉजिटिव हासिल कर लिया — यानी कंपनी के संचालन से जुड़े मुनाफे में सकारात्मक बदलाव आया है।

यह एक मजबूत संकेत है कि XpressBees अपने व्यवसाय मॉडल को स्थिरता की ओर ले जा रही है, और निकट भविष्य में नेट प्रॉफिटेबिलिटी की ओर भी बढ़ सकती है।


🔍 रणनीतिक झुकाव: नॉन-कूरियर सेगमेंट पर फोकस

XpressBees के FY24 प्रदर्शन से साफ़ झलकता है कि कंपनी अब केवल पारंपरिक डिलीवरी मॉडल पर निर्भर नहीं रहना चाहती। वेयरहाउसिंग और सपोर्ट सेवाओं में तेजी से बढ़ोतरी इस बात की पुष्टि करती है।

यह रणनीति आने वाले वर्षों में कंपनी को डायवर्सिफिकेशन और स्टेबल रेवेन्यू के रास्ते पर ले जा सकती है।


📌 निष्कर्ष: धीमी पर स्थिर प्रगति

XpressBees ने FY24 में भले ही हाई ग्रोथ नहीं दिखाई, लेकिन इसके बिजनेस मॉडल की परिपक्वता, खर्चों का प्रबंधन और नॉन-कूरियर बिजनेस की ओर बढ़ता फोकस इसे लॉन्ग टर्म में एक मजबूत खिलाड़ी बनाता है।

कंपनी की EBITDA पॉजिटिव स्थिति और रणनीतिक दिशा बताती है कि XpressBees अब केवल एक “ई-कॉमर्स डिलीवरी फर्म” नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सॉल्यूशन प्रोवाइडर बनने की राह पर है।

Read more :⚡Ather Energy का IPO आया मैदान में ₹2980 करोड़ की पेशकश,

⚡Ather Energy का IPO आया मैदान में ₹2980 करोड़ की पेशकश,

Ather Energy

भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट लगातार रफ्तार पकड़ रहा है और अब इस रेस में अग्रणी कंपनी Ather Energy ने एक नया मोड़ ले लिया है। कंपनी अपना Initial Public Offering (IPO) लॉन्च करने जा रही है, जो निवेशकों के बीच बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है।

Ather Energy ने अपने IPO के लिए ₹304 से ₹321 प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। यह इश्यू 28 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक निवेश के लिए खुला रहेगा।


📦 Ather इश्यू डिटेल्स: क्या है खास?

Red Herring Prospectus (RHP) के अनुसार, Ather Energy का कुल इश्यू साइज ₹2,980.7 करोड़ का है, जिसमें दो हिस्से शामिल हैं:

  • 👉 Fresh Issue: ₹2,626 करोड़
  • 👉 Offer for Sale (OFS): ₹354.76 करोड़

इस इश्यू का उद्देश्य कंपनी के ग्रोथ प्लान्स को फंड करना और कुछ निवेशकों को आंशिक रूप से एग्ज़िट देना है।


🧮 कितने शेयर? कितनी लागत?

IPO में निवेश करने के लिए निवेशकों को कम से कम 1 लॉट के लिए अप्लाई करना होगा, जिसमें 46 शेयर होंगे। इसका मतलब है कि न्यूनतम निवेश राशि ₹13,984 होगी।

इस इश्यू को बुक-बिल्डिंग प्रोसेस के तहत लाया जा रहा है, जिसमें:

  • 🏦 75% हिस्सा QIBs (Qualified Institutional Buyers) के लिए आरक्षित है।
  • 💼 15% NIIs (Non-Institutional Investors) के लिए रखा गया है।
  • 🛒 10% रिटेल निवेशकों के लिए खुला रहेगा।

🐯 बड़े निवेशकों की कमाई की तैयारी

इस IPO के ज़रिए कई बड़े निवेशक अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचने जा रहे हैं:

🔹 Tiger Global:

  • बेच रहा है: 4,00,000 शेयर
  • खरीदे थे: ₹38.58 प्रति शेयर की दर से
  • संभावित रिटर्न: 8.3 गुना यानी 730%+

🔹 Caladium Investment:

  • संभावित रिटर्न: 57%

🔹 NIIF (National Investment and Infrastructure Fund II):

  • संभावित रिटर्न: 74%

इससे यह साफ़ होता है कि Ather Energy में पहले निवेश करने वाले निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है।


📊 शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर: कौन है सबसे बड़ा खिलाड़ी?

RHP के मुताबिक, Ather Energy में Hero MotoCorp सबसे बड़ा शेयरधारक है, जिसकी हिस्सेदारी 38.19% है। अन्य प्रमुख शेयरधारक इस प्रकार हैं:

निवेशकहिस्सेदारी (%)
Hero MotoCorp38.19%
Caladium Investment (GIC)15.43%
NIIF14.22%
Tiger Global6.56%
Tarun Mehta (Co-founder)6.81%
Swapnil Jain (Co-founder)6.81%

इससे कंपनी की मजबूती और उसके पीछे की ताकतवर निवेशक प्रोफाइल का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।


🏷️ वैल्यूएशन और ग्रोथ

Startup विश्लेषक Entrackr के अनुसार, Ather Energy ने अपने IPO में $1.44 बिलियन (लगभग ₹12,000 करोड़) की वैल्यू पर खुद को आंका है।

यह वैल्यूएशन भारत के EV स्पेस में Ather की स्थिति को मजबूत और भरोसेमंद साबित करती है। कंपनी की ब्रांड इमेज, टेक्नोलॉजी में लीडरशिप और सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर सकारात्मक नीतियाँ इसके फेवर में जाती हैं।


📈 फाइनेंशियल परफॉर्मेंस: क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?

Ather Energy का वित्तीय प्रदर्शन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संकेत देता है। FY25 की पहली नौ महीनों में (अप्रैल–दिसंबर 2024) कंपनी ने:

  • 🚲 कुल बिक्री: 1,08,000 व्हीकल्स
  • 💰 राजस्व: ₹1,578.9 करोड़
  • 📉 घाटा: ₹579.6 करोड़

वहीं पूरे वित्त वर्ष 2023–24 के लिए:

  • 💵 कुल रेवेन्यू: ₹1,753 करोड़
  • ❌ कुल घाटा: ₹1,062 करोड़

इससे यह स्पष्ट है कि कंपनी राजस्व के मोर्चे पर तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन अभी भी घाटे से जूझ रही है। हालांकि, यह EV इंडस्ट्री के लिए शुरुआती दौर की सामान्य स्थिति है।


🔍 क्यों निवेश करें Ather Energy में?

Ather Energy के IPO में निवेश के कई कारण हो सकते हैं:

  1. 🔋 तेज़ी से बढ़ता EV मार्केट – भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
  2. 🔧 तकनीकी नवाचार में अग्रणी – Ather के प्रोडक्ट्स जैसे Ather 450X ने बाजार में अच्छी पहचान बनाई है।
  3. 🤝 मजबूत निवेशक आधार – Hero MotoCorp जैसे ब्रांड की हिस्सेदारी इसकी मजबूती को दर्शाती है।
  4. 📈 राजस्व में ग्रोथ – लगातार बढ़ती बिक्री और रेवेन्यू ग्राफ इसे निवेश के लिए आकर्षक बनाता है।
  5. 🇮🇳 सरकार का EV को समर्थन – FAME II जैसी सरकारी योजनाएं Ather जैसी कंपनियों को फायदा पहुंचा रही हैं।

📅 महत्वपूर्ण तिथियां

विवरणजानकारी
📆 IPO ओपन28 अप्रैल 2025
⏳ IPO क्लोज30 अप्रैल 2025
💵 प्राइस बैंड₹304 – ₹321 प्रति शेयर
📦 लॉट साइज46 शेयर
💰 मिनिमम निवेश₹13,984

📝 निष्कर्ष: क्या है अंतिम राय?

Ather Energy का IPO उन निवेशकों के लिए एक दिलचस्प मौका है, जो भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी फ्यूचर पर भरोसा रखते हैं।

हालांकि कंपनी घाटे में है, लेकिन इसका मजबूत ब्रांड, टेक्नोलॉजिकल लीडरशिप, और EV सेगमेंट में बढ़ती पकड़ इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है।

अगर आप लंबी अवधि का नजरिया रखते हैं और भारत के ग्रीन मोबिलिटी मिशन में भागीदार बनना चाहते हैं, तो Ather Energy का IPO आपके पोर्टफोलियो में ऊर्जा भर सकता है।

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🧠💡 “Ivory” ने जुटाए ₹8.3 करोड़ भारत में ब्रेन हेल्थ के लिए नई उम्मीद!

Ivory

भारत में बुज़ुर्गों की मानसिक सेहत को लेकर एक नई क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। 🧓🏻🧓🏼
Ivory, एक ब्रेन हेल्थ स्टार्टअप, ने हाल ही में $1 मिलियन (~₹8.3 करोड़) की फंडिंग जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व IIM-A Ventures और Capital A ने किया, जबकि 1Crowd, Stanford Angels और एंजेल निवेशकों जैसे डॉ. संजय अरोड़ा, आदर्श नरहरी, और जूही भटनागर ने भी भाग लिया। 💸🤝


📈 Ivory पिछली फंडिंग और भविष्य की योजनाएं

📅 फरवरी 2024 में, Ivory ने $500,000 (~₹4.15 करोड़) की फंडिंग जुटाई थी, जिसका नेतृत्व Capital A ने किया था। इस फंडिंग का उद्देश्य था भारत में 15 मिलियन से अधिक बुज़ुर्गों तक पहुंचना, जो डिमेंशिया के जोखिम में हैं। 🧓🏼📊

🧠 अब, नई फंडिंग के साथ, Ivory अपने कॉग्निटिव असेसमेंट टेक्नोलॉजी को और बेहतर बनाएगा, देशभर में अपनी सेवाओं का विस्तार करेगा, और भारतीय आबादी के लिए कॉग्निटिव हेल्थ बेंचमार्क स्थापित करने के लिए अनुसंधान में निवेश करेगा। 🔬🇮🇳


🧪 Ivory की तकनीकी पहल

Ivory का उद्देश्य है डिजिटल असेसमेंट्स के माध्यम से कॉग्निटिव डिक्लाइन की प्रारंभिक पहचान करना। इसके लिए कंपनी न्यूरोसाइंस पर आधारित तकनीकों का उपयोग करती है। 🧠📱

कंपनी की सेवाओं में शामिल हैं:

  • क्लिनिकल-ग्रेड कॉग्निटिव स्क्रीनिंग ऐप के माध्यम से
  • क्लिनिशियंस, साइकोलॉजिस्ट्स, इंश्योरेंस फर्म्स और कंपनियों जैसे Ather Energy, WeWork, और PUMA के साथ साझेदारी 🤝🏢

🎯 मिशन: भारत में ब्रेन हेल्थ को प्राथमिकता देना

Ivory का मिशन है भारत में ब्रेन हेल्थ को एक प्राथमिकता बनाना और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के खिलाफ रोकथाम के उपकरण विकसित करना। 🛡️🧠

कंपनी का मानना है कि भारत में कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट की पहचान कम होती है, और इसके लिए जागरूकता और तकनीकी समाधान आवश्यक हैं। 📣🔧


📊 निवेशकों की भूमिका और समर्थन

इस फंडिंग राउंड में शामिल प्रमुख निवेशकों में हैं:

  • IIM-A Ventures: IIM अहमदाबाद द्वारा स्थापित स्टार्टअप इनक्यूबेटर, जो नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देता है।
  • Capital A: एक प्रारंभिक चरण का वेंचर कैपिटल फंड, जो उभरते स्टार्टअप्स में निवेश करता है।
  • 1Crowd और Stanford Angels: अनुभवी निवेशकों का समूह, जो नवाचार को समर्थन देते हैं।
  • एंजेल निवेशक: डॉ. संजय अरोड़ा, आदर्श नरहरी, और जूही भटनागर। 👥💼

📱 ऐप और सेवाएं

Ivory का ऐप उपयोगकर्ताओं को प्रदान करता है:

  • FDA-पंजीकृत असेसमेंट्स
  • ब्रेन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स
  • व्यक्तिगत सलाह और मार्गदर्शन
  • गेमिफाइड एक्टिविटीज और इंटरएक्टिव कंटेंट 🎮📘

🌐 सामाजिक पहल और जागरूकता

Ivory ने World Alzheimer’s Day पर #TimeToAct अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य था कॉग्निटिव डिक्लाइन और प्रारंभिक हस्तक्षेप के बारे में जागरूकता बढ़ाना। 🗓️📢

कंपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Instagram, Facebook, और LinkedIn पर ब्रेन हेल्थ टिप्स, सक्सेस स्टोरीज़, और शैक्षिक सामग्री साझा करती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को जानकारी और समर्थन मिलता है। 📲📚


🧠 विशेषज्ञों की राय

न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. सुमीति सहारण कहती हैं, “2050 तक, भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति बुज़ुर्ग होगा। डिमेंशिया की पहचान और प्रबंधन के लिए नवाचार की आवश्यकता है। Ivory जैसे समाधान इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।” 👩‍⚕️📈


📺 मीडिया में उपस्थिति

Ivory ने हाल ही में Shark Tank India Season 4 में भी भाग लिया, जहाँ इसके नवाचार और मिशन की सराहना की गई। 📺🦈


🔚 निष्कर्ष

Ivory का उद्देश्य है भारत में ब्रेन हेल्थ को सुलभ और प्रभावी बनाना। नई फंडिंग के साथ, कंपनी अपने तकनीकी समाधानों का विस्तार करेगी, अनुसंधान में निवेश करेगी, और देशभर में अपनी सेवाओं को पहुंचाएगी। 🇮🇳🧠


📌 Ivory की यह पहल भारत में ब्रेन हेल्थ के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करती है, जो न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 🌟💼 Ivory health

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Krutrim

भारत में एआई का सूरज अब और तेज़ चमकने वाला है! 🌞
ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल की एआई कंपनी Krutrim SI Designs एक बार फिर चर्चा में है — और इस बार वजह है इसका $300 मिलियन (~₹2,500 करोड़) का फंडिंग राउंड! 💸


💰 Krutrim क्या है इस फंडिंग राउंड में खास?

📉 पहले 💰 Krutrim क्या है इस फंडिंग राउंड में खास?

$500 मिलियन उठाना चाहती थी, लेकिन अब प्लान डाउनसाइज़ कर के $300 मिलियन पर ला दिया गया है।
📊 रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डील की बागडोर संभाल रहे हैं Goldman Sachs, JP Morgan और SBI Capital Markets — यानी बड़ी लीग के प्लेयर मैदान में हैं! 🏦⚙️
📈 ये Krutrim की पहली बड़ी फंडिंग होगी 2024 में यूनिकॉर्न बनने के बाद।


🦄 पिछली फंडिंग: कैसे बना Krutrim यूनिकॉर्न?

📅 जनवरी 2024 में Krutrim ने $75 मिलियन जुटाकर यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी थी।
👥 निवेशकों में शामिल हैं:

  • Z47 (पहले का Matrix)
  • Sarin Family
  • और कई नामचीन एंजेल इन्वेस्टर्स 🌟

🛡️ इतना ही नहीं, भाविश ने Krutrim को सपोर्ट देने के लिए Ola Electric के शेयर भी गिरवी रखे थे — अब इसे कहते हैं “all in”! 🎯


🧪 Krutrim AI Labs: भारत के लिए बना ‘AI का ISRO’ 🚀

📍 जनवरी 2025 में लॉन्च हुआ Krutrim AI Labs
💼 ₹2,000 करोड़ का शुरुआती निवेश और 2026 तक ₹10,000 करोड़ तक स्केल करने की योजना
🎯 लक्ष्य: भारत के लिए अपना Made-in-India एआई इकोसिस्टम बनाना — जो OpenAI और Google जैसे दिग्गजों को टक्कर दे सके 🔥


🧠 कौन-कौन से मॉडल्स पर काम चल रहा है?

Krutrim सिर्फ बातें नहीं कर रहा, बल्कि AI की दुनिया में बड़ा धमाका कर रहा है 💣

📌 Krutrim-2: अगली पीढ़ी का भाषा मॉडल
📌 Chitrarth 1: टेक्स्ट और इमेज जेनरेशन के लिए
📌 Dhwani 1: भाषण आधारित AI मॉडल
📌 Vyakhyarth 1: भारतीय भाषाओं के लिए खास मॉडल 🎙️📜

🎯 इनका मकसद? भारतीय संदर्भों को समझने वाला देसी एआई बनाना — बिना डेटा डाउट के!


🖥️ इंडिया का सबसे बड़ा AI सुपरकंप्यूटर 🔋

Krutrim बना रहा है भारत का सबसे पावरफुल AI सुपरकंप्यूटर —
💡 NVIDIA के GB200 चिप्स पर आधारित
📡 Cloud और AI इंफ्रास्ट्रक्चर को देगा नया आयाम
📊 कंप्यूटेशन पावर में होगा टॉप लेवल — एकदम ‘Make in India, Scale for World’ वाला स्टाइल! 🇮🇳🌍


🛠️ क्या बनता है इसका मतलब?

💥 भारत को मिलेगा ग्लोबल एआई लीडर बनने का मौका
💬 भारतीय भाषाओं में ज्यादा समझदार AI
🧑‍💻 स्टार्टअप्स और कंपनियों को मिलेगा सस्ता, स्केलेबल AI इंफ्रास्ट्रक्चर
📈 Investors के लिए next big bet!


📢 Bonus Scoop – Krutrim की ओपन-सोर्स स्ट्रैटेजी 🧩

Krutrim अपने कुछ AI मॉडल्स को ओपन-सोर्स भी कर रहा है — यानी बाकी इंडियन डेवलपर्स भी इससे सीख सकेंगे, बना सकेंगे और देश के लिए AI इनोवेशन को स्पीड मिल सकेगी। 🚀🤝


🔮 निष्कर्ष: “कृत्रिम” सिर्फ स्टार्टअप नहीं, एक मिशन है

⚙️ Krutrim अब सिर्फ AI स्टार्टअप नहीं है — ये भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का अगला चैप्टर है।
📈 $300 मिलियन की फंडिंग, हाई-क्लास AI मॉडल्स, और सुपरकंप्यूटर के साथ, ये भारत के लिए एक AI रिवॉल्यूशन ला सकता है।

🧡 अब सवाल सिर्फ इतना है — क्या Krutrim अगले 2 साल में OpenAI को टक्कर दे पाएगा?


📌 FundingRaised आपके लिए लाता है हर हफ्ते ऐसी ही धड़कनों से भरी स्टार्टअप कहानियाँ —
जहाँ टेक्नोलॉजी मिलती है जोश, जुनून और जुगाड़ से! 💥🇮🇳

Read more :🚀 इस हफ्ते स्टार्टअप्स ने उड़ान भरी धीमी रफ्तार से: फंडिंग घटी 65% लेकिन कहानियाँ फिर भी जोशीली रहीं!

☀️ Rayzon Solar को ₹137.8 करोड़ की धूप मिली! IPO से पहले बड़ा निवेश,

Rayzon Solar

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम रखते हुए, सूरत स्थित Rayzon Solar ने अपने पहले बाहरी फंडिंग राउंड में ₹137.8 करोड़ (लगभग $16.2 मिलियन) की फंडिंग जुटा ली है। यह फंडिंग ऐसे समय में आई है जब कंपनी IPO (Initial Public Offering) की दिशा में बढ़ रही है और भारत के उभरते सोलर टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स में अपना नाम मजबूत कर रही है।


💸 Rayzon Solar कौन-कौन बना सूरज की किरण?

इस राउंड का लाइट ऑन किया हर्षदकुमार पटेल ने, जिन्होंने अकेले ₹26.8 करोड़ का चेक काटा। साथ ही दिव्यांग पटेल ने ₹5 करोड़ जोड़े। इनके अलावा करीब 80 और individual investors ने भी छोटे-बड़े चेक्स से इस फंडिंग को मजबूत किया।

🧾 58,89,092 शेयर ₹234 के रेट पर अलॉट किए गए।


🎯 पैसा जाएगा कहाँ?

Rayzon Solar का कहना है कि ये पैसा लगेगा:

  • कंपनी के तेज़ी से बढ़ते सोलर बिज़नेस को और ऊपर ले जाने में
  • IPO की तैयारी में — जो आने वाले कुछ महीनों में दस्तक देगा
  • और कुछ पैसा जाएगा कॉर्पोरेट खर्चों और ग्रोथ प्लान्स में

🌞 ESOP की रौशनी

अब सुनिए असली ट्विस्ट — कंपनी ने ESOP 2025 प्लान भी लॉन्च कर दिया है, जिसमें 1 करोड़ स्टॉक ऑप्शंस होंगे।

👉 वैल्यू? करीब ₹234 करोड़ ($27.5 मिलियन)!
मतलब सिर्फ निवेशक नहीं, अब एम्प्लॉयीज़ भी बनेंगे रेज़ॉन के मालिक।


📊 कंपनी की सेहत कैसी है?

  • Revenue (FY24): ₹1,273 करोड़
  • Profit: ₹61 करोड़
  • Post-money Valuation: ₹7,158 करोड़ (~$842 मिलियन)
  • Pre-IPO वाली फ्रेशनेस और पैसे की चमक साफ़ दिख रही है!

🚀 IPO on the radar

खबर है कि कंपनी जल्द ही अपना DRHP (Draft Red Herring Prospectus) दाखिल करने वाली है।

मतलब अब गेम सीरियस हो चुका है — सोलर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में Rayzon भी अपनी जगह स्टॉक मार्केट पर पक्की करने जा रही है।


🏭 रेज़ॉन की सोलर दुनिया

रेज़ॉन B2B और B2C दोनों मोडलों पर काम करती है। उनके कस्टमर बेस में शामिल हैं:

  • डिस्ट्रीब्यूटर्स
  • EPC कंपनियाँ
  • और सीधे एंड यूज़र्स

कंपनी घरेलू और इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स में हाई एफिशिएंसी सोलर PV मॉड्यूल बनाती है।


🌐 सोलर इंडस्ट्री की धूप छांव

पिछले दो सालों में सोलर सेक्टर की कहानी 0 से Hero वाली रही है:

  • Import Duties और Make in India पॉलिसीज़ से इंडस्ट्री को रफ्तार मिली
  • सरकार की PLI स्कीम्स और नॉन-टैरिफ बैरियर्स ने प्रॉफिट मार्जिन में बढ़ोतरी कर दी
  • अब तो Solar Cells पर भी 2026 से घरेलू इस्तेमाल अनिवार्य होने वाला है

⚠️ लेकिन थोड़ा सावधान रहना होगा

Rayzon ने तो US प्लांट की योजना भी बनाई थी, लेकिन Trumponomics ने वो सपना तोड़ दिया।

ऊपर से अब मार्केट में आ रहे हैं बड़े खिलाड़ी:

  • Adani की नई capacity
  • Reliance backed by PLI
  • और Chinese imports की छाया अभी भी पूरी तरह गई नहीं है

यानि मार्केट में ओवरकैपेसिटी का खतरा भी मंडरा रहा है।


🧠 निवेशक के लिए सलाह?

अगर आप सोच रहे हैं कि “अभी घुस जाओ, बाद में पैसा डबल”, तो थोड़ा touch and go वाला मामला है।

Rayzon ने मजबूत ग्रोथ और मुनाफा जरूर दिखाया है, लेकिन सोलर इंडस्ट्री में कंपटीशन, कैपेसिटी और कच्चे माल की dependency जैसे मुद्दे अभी भी बरकरार हैं।


✍️ निष्कर्ष: सूरज की रौशनी से पहले थोड़ा बादल भी है

Rayzon Solar की ये स्टोरी स्टार्टअप की उस क्लासिक जर्नी की याद दिलाती है — जहाँ एक कंपनी छोटे शहर से निकलकर IPO की डगर पर तेज़ी से बढ़ रही है।

फंडिंग, ESOPs, IPO प्लान और प्रॉफिट की ये चारधाम यात्रा एक चीज़ जरूर कहती है:

“India में Make in India अब सिर्फ नारा नहीं, इक्विटी की रियलिटी है।”


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Read more :🧬 Risa Labs को मिला ₹29 करोड़ का निवेश,

🧬 Risa Labs को मिला ₹29 करोड़ का निवेश,

Risa Labs

Palo Alto (कैलिफोर्निया) स्थित ऑन्कोलॉजी AI स्टार्टअप RISA Labs ने अपने फंडिंग राउंड में $3.5 मिलियन (लगभग ₹29 करोड़) जुटाए हैं। इस निवेश का नेतृत्व किया है Flipkart के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल ने।

इस फंडिंग राउंड में अन्य निवेशकों में शामिल हैं:

  • Oncology Ventures
  • General Catalyst
  • z21 Ventures
  • ODD BIRD VC
  • एंजेल इन्वेस्टर आशीष गुप्ता

🎯 कंपनी का उद्देश्य: भारत में 100 कैंसर सेंटर्स तक पहुंच

Risa Labs का लक्ष्य है कि इस पूंजी का उपयोग करते हुए अगले दो वर्षों में भारत के 100 कैंसर उपचार केंद्रों में अपने AI समाधानों की तैनाती की जाए।

यह कदम भारत जैसे देश में जहाँ कैंसर के इलाज में देरी और संसाधनों की कमी एक आम चुनौती है, वहाँ तकनीकी हस्तक्षेप से जीवन बचाने की दिशा में बड़ा बदलाव ला सकता है।


🤖 क्या है Risa Labs और इसका BOSS प्लेटफॉर्म?

Risa Labs, जिसकी स्थापना क्षितिज जग्गी और कुमार शिवांग ने की है, एक SaaS आधारित AI कंपनी है जो कैंसर उपचार प्रक्रियाओं को स्वचालित (automate) करने के लिए काम करती है।

कंपनी का फ्लैगशिप प्रोडक्ट है – BOSS (Better Oncology Support System)

यह एक AI-संचालित वर्कफ़्लो ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य है:

  • कैंसर उपचार की जटिल प्रक्रियाओं को छोटे-छोटे माइक्रोटास्क में बांटना
  • इन कार्यों को इंटेलिजेंट एजेंट्स (LLMs, डिजिटल ट्विन्स, और रिइंफोर्समेंट लर्नर्स) के ज़रिए निष्पादित करना
  • इससे पूरे संस्थान के सॉफ़्टवेयर इकोसिस्टम में एक समानांतर डिजिटल वर्कफोर्स खड़ा किया जा सकता है

🧠 तकनीकी विशेषताएं: Agentic AI और Digital Twins का कमाल

BOSS प्लेटफॉर्म का आधार है अत्याधुनिक तकनीक:

  • Agentic AI – जो निर्णय ले सकती है और कार्यों को स्वतः निष्पादित कर सकती है
  • Digital Twins – हर रीयल वर्ल्ड प्रोसेस का वर्चुअल रिव्यू व प्रतिरूप
  • LLMs (Large Language Models) – जटिल मेडिकल डॉक्युमेंट्स को समझने और कार्रवाई योग्य निर्देशों में बदलने की क्षमता

यह सारी तकनीकें मिलकर ह्यूमन मेडिकल टीमों के साथ मिलकर काम करती हैं, जिससे इलाज में लगने वाला समय कम होता है और देखभाल की गुणवत्ता बढ़ती है।


🏥 भारत में कैंसर केयर की ज़रूरत

भारत में हर साल 13 लाख से अधिक कैंसर केस रिपोर्ट होते हैं। लेकिन:

  • विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी
  • प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी
  • और हैंडलिंग इरर के चलते इलाज में देरी होती है

Risa Labs जैसी तकनीकी कंपनियाँ इस अंतर को भर सकती हैं। एक AI-सहायक सिस्टम डॉक्टरों को:

  • प्राथमिकताओं को जल्दी तय करने
  • डॉक्यूमेंटेशन को ऑटोमेट करने
  • और मरीजों की प्रोसेसिंग तेज़ करने में मदद करता है

💬 संस्थापकों की सोच

Risa Labs के को-फाउंडर क्षितिज जग्गी ने कहा:

“हमारा उद्देश्य है कि हम तकनीक का उपयोग करके कैंसर के इलाज की जटिलताओं को सरल बनाएं। BOSS जैसी AI टेक्नोलॉजी हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को समय पर निर्णय लेने और मरीजों को बेहतर अनुभव देने में सक्षम बनाती है।”


📊 निवेशकों की रणनीति और भरोसा

बिन्नी बंसल जैसे अनुभवी टेक लीडर्स और जनरल कैटालिस्ट जैसे वैश्विक निवेशकों का Risa Labs में निवेश यह दर्शाता है कि:

  • AI in Healthcare एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है
  • भारत जैसे देशों में इस तकनीक की व्यावहारिक उपयोगिता और स्केलेबिलिटी बहुत अधिक है
  • फंडिंग केवल पूंजी नहीं, बल्कि रणनीतिक मार्गदर्शन और विस्तार का संकेत भी है

🌍 ग्लोबल विज़न लेकिन भारत प्राथमिकता

भले ही Risa Labs की शुरुआत अमेरिका में हुई हो, लेकिन इसका ध्यान भारत के:

  • मध्यम और छोटे शहरों में कैंसर सेंटर्स
  • सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के साथ इंटीग्रेशन
  • और AI के लोकलाइज़्ड अनुप्रयोग पर है

यह मॉडल भारत के डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक AI-संचालित स्वास्थ्य प्रणाली की ओर एक कदम है।


📌 निष्कर्ष

Risa Labs का यह फंडिंग राउंड सिर्फ एक स्टार्टअप के ग्रोथ की कहानी नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि अब भारत में हेल्थकेयर और AI का मेल जीवन बदल सकता है

कैंसर जैसे घातक रोगों की पहचान, योजना और उपचार में अगर तकनीक साथ आए, तो सिर्फ सिस्टम ही नहीं, बल्कि मरीजों की ज़िंदगियाँ भी बदल सकती हैं


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Read more :📲 IPO की तैयारी में जुटा PhonePe, ₹1 लाख करोड़ वैल्यूएशन का लक्ष्य

📲 IPO की तैयारी में जुटा PhonePe, ₹1 लाख करोड़ वैल्यूएशन का लक्ष्य

PhonePe

भारत के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स में से एक PhonePe ने अपने आगामी IPO (Initial Public Offering) की प्रक्रिया शुरू करते हुए प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड कंपनी का दर्जा हासिल कर लिया है।

कंपनी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) को दी गई एक नियामकीय फाइलिंग में कहा:

“IPO प्रक्रिया की एक पूर्व-आवश्यकता के रूप में कंपनी को कंपनियों अधिनियम 2013 के तहत पब्लिक लिमिटेड कंपनी में परिवर्तित होना आवश्यक है।”

अब कंपनी का नाम PhonePe Private Limited से बदलकर PhonePe Limited कर दिया गया है।


💰PhonePe IPO में ₹1 लाख करोड़ ($15 बिलियन) की वैल्यूएशन का लक्ष्य

PhonePe अब अपने IPO के ज़रिए $15 बिलियन (₹1.25 लाख करोड़) की वैल्यूएशन को लक्षित कर रही है। कंपनी की योजना है कि वह मार्च 2026 की पहली तिमाही में IPO प्रक्रिया शुरू कर दे।

कंपनी ने इस प्रक्रिया के लिए Kotak Mahindra Capital, JP Morgan, Citi और Morgan Stanley जैसी प्रमुख वित्तीय संस्थाओं को सलाहकार नियुक्त किया है।


🌍 भारत वापसी का ऐतिहासिक कदम

PhonePe ने 2022 में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपना डोमिसाइल सिंगापुर से भारत में स्थानांतरित किया, जिसे ‘रिवर्स फ्लिप’ कहा गया।

इस प्रक्रिया में:

  • कंपनी ने ₹8,000 करोड़ (लगभग $1 बिलियन) का टैक्स भारत सरकार को चुकाया
  • यह कदम भारतीय निवेशकों और बाजार के प्रति PhonePe की प्रतिबद्धता का प्रतीक बना
  • यह पहली भारतीय टेक कंपनी बनी जिसने विदेश से अपने मूल देश में वापसी की

📉 वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में हुआ बड़ा सुधार

PhonePe ने वित्त वर्ष 2023–24 (FY24) में:

  • ₹5,000 करोड़ से अधिक का राजस्व दर्ज किया
  • घाटा घटकर ₹1,996 करोड़ रह गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 28.6% की कमी है

यह प्रदर्शन ऐसे समय में आया है जब कंपनी ने तेजी से UPI ट्रांजैक्शन और मर्चेंट नेटवर्क का विस्तार किया।


📊 UPI मार्केट में अपराजेय बढ़त

PhonePe वर्तमान में UPI इकोसिस्टम का सबसे बड़ा खिलाड़ी है:

  • 47% से अधिक ट्रांजैक्शन वॉल्यूम पर इसका नियंत्रण है
  • हर महीने अरबों ट्रांजैक्शन को प्रोसेस करता है
  • छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े ब्रांड्स तक, PhonePe की उपस्थिति सर्वव्यापी है

🤝 निवेशकों का भरोसा

PhonePe को अब तक $1 बिलियन से अधिक की फंडिंग मिल चुकी है। दिसंबर 2023 में, कंपनी ने:

  • $100 मिलियन का निवेश जुटाया
  • इससे पहले कंपनी की प्री-मनी वैल्यूएशन $12 बिलियन थी

प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • Walmart (अधिकांश हिस्सेदारी वाला निवेशक)
  • Microsoft
  • General Atlantic
  • Tiger Global
  • Ribbit Capital
  • TVS Capital
  • Tencent
  • Qatar Investment Authority

🔄 फिनटेक सेक्टर में IPO की लहर

PhonePe के अलावा अन्य फिनटेक कंपनियाँ भी IPO की ओर अग्रसर हैं:

  • Razorpay ने भी हाल ही में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में तब्दील होकर अपने IPO की दिशा में कदम बढ़ाया है
  • Paytm और MobiKwik पहले से ही लिस्टेड हैं
  • Pine Labs भी जल्द ही IPO लाने की तैयारी कर रही है

भारत का फिनटेक सेक्टर अब IPO के ज़रिए सार्वजनिक निवेशकों को जोड़ने की नई लहर की शुरुआत कर रहा है।


📦 PhonePe की सेवाएं

PhonePe एक बहु-सेवाओं वाला प्लेटफॉर्म है जो सिर्फ भुगतान नहीं, बल्कि वित्तीय सेवाओं का भी व्यापक दायरा पेश करता है:

  • UPI ट्रांजैक्शन और QR पेमेंट्स
  • गोल्ड खरीदारी, बीमा, म्यूचुअल फंड्स, और लोन सेवाएं
  • PhonePe ATM, POS मशीनें और ऑफलाइन पेमेंट समाधान
  • PhonePe Switch के ज़रिए अन्य एप्स तक सीधी पहुंच

📌 निष्कर्ष

PhonePe का पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनना और IPO की तैयारी करना यह दर्शाता है कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो रहा है।

Walmart का समर्थन, मजबूत रेवेन्यू मॉडल, UPI में लीडरशिप और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन अप्रोच इसे भारत के सबसे भरोसेमंद और शक्तिशाली ब्रांड्स में शामिल करता है।

आगामी IPO केवल PhonePe के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारतीय टेक और फिनटेक सेक्टर के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।


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Read more :🥟 Wow! Momo को ₹150 करोड़ की नई फंडिंग,

🥟 Wow! Momo को ₹150 करोड़ की नई फंडिंग,

Wow! Momo

भारत की प्रमुख क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) चेन Wow! Momo ने अपनी ब्रिज फंडिंग राउंड में लगभग ₹130–₹150 करोड़ जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व किया है Kamal Agrawal (Haldiram परिवार) और मलेशियाई फंड Khazanah Nasional ने।

यह निवेश कन्वर्टिबल नोट्स के ज़रिए किया गया है, यानी कंपनी का मूल्यांकन अगली फंडिंग राउंड में तय किया जाएगा।


📈 Wow! Momo कंपनी की अगली बड़ी फंडिंग जल्द

Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, Wow! Momo अब $75–80 मिलियन (₹600–₹700 करोड़) की फंडिंग जुटाने की योजना बना रही है, जो अक्टूबर–दिसंबर 2025 के बीच पूरी हो सकती है।

कंपनी ने अब तक कुल मिलाकर ₹600 करोड़ से अधिक की फंडिंग जुटाई है, जिसमें 2023 में Khazanah Nasional के नेतृत्व में जुटाया गया ₹350 करोड़ (Series D) भी शामिल है।


💼 प्रमुख निवेशक कौन हैं?

  • Kamal Agrawal: Haldiram नागपुर यूनिट से जुड़े रहे हैं, जिसे बाद में दिल्ली यूनिट के साथ मर्ज कर दिया गया।
  • Khazanah Nasional: मलेशिया की सरकार का सॉवरेन वेल्थ फंड।
  • अन्य निवेशक: कई हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और फैमिली ऑफिसेस भी इस राउंड में शामिल हुए हैं।

🍱 Wow! Momo के ब्रांड पोर्टफोलियो

Wow! Momo ने पिछले कुछ वर्षों में अपने बिजनेस मॉडल का सफलतापूर्वक विस्तार किया है और अब यह कंपनी चार ब्रांड्स के तहत संचालित होती है:

  1. Wow! Momo – ट्रेडिशनल स्ट्रीट स्टाइल मोमोज़
  2. Wow! China – इंडो-चाइनीज़ फूड लाइन
  3. Wow! Chicken – फ्राइड चिकन फोकस्ड ब्रांड
  4. Wow! Kulfi – इंडियन डेज़र्ट में कदम

कंपनी वर्तमान में 680 आउटलेट्स चला रही है और अगले वर्ष तक 200–250 नए स्टोर जोड़ने की योजना है।


📊 वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में 470 करोड़ का रेवेन्यू

TheKredible के अनुसार, Wow! Momo ने वित्त वर्ष 2023–24 (FY24) में:

  • ₹470 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया (FY23 में ₹413 करोड़ था)
  • घाटा लगभग स्थिर रहा: ₹114 करोड़

यह आंकड़े दिखाते हैं कि कंपनी अपने विस्तार के साथ-साथ लॉन्ग-टर्म ब्रांड बिल्डिंग पर भी ध्यान दे रही है।


🧊 FMCG सेगमेंट में बढ़ता प्रभाव

Wow! Momo ने हाल ही में अपने FMCG (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेगमेंट में भी कदम बढ़ाया है:

  • फ्रोजन मोमोज़ की बिक्री में तेज़ी
  • हर महीने ₹5 करोड़ की सेल
  • प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं Blinkit, Zepto, Swiggy Instamart जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर

FMCG सेगमेंट कंपनी के लिए एक नया और स्केलेबल ग्रोथ चैनल बन सकता है।


🏬 क्यों है Wow! Momo की रणनीति खास?

Wow! Momo का मॉडल भारत के QSR स्पेस में एक अनोखा मिश्रण है:

  • देसी टेस्ट + स्ट्रीट फूड फील
  • स्मार्ट ब्रांड डिफरिएशन – अलग-अलग ब्रांड्स के जरिए हर टारगेट सेगमेंट को कवर करना
  • आउटलेट + ऑनलाइन बिक्री के ज़रिए ओम्नीचैनल अप्रोच
  • अब D2C और FMCG सेगमेंट में भी सक्रिय

इस मॉडल ने कंपनी को रेगुलर QSR प्लेयर्स से अलग एक मज़बूत पहचान दी है।


🔮 आगे की राह

Wow! Momo की मौजूदा फंडिंग और आगामी $75–80 मिलियन की योजना यह संकेत देती है कि:

  • कंपनी अब IPO की दिशा में तैयारी कर सकती है
  • अगले 18–24 महीनों में ऑपरेशनली ब्रेक-ईवन करने का लक्ष्य हो सकता है
  • QSR मार्केट में Domino’s, McDonald’s और Burger King जैसी कंपनियों को टक्कर देने की स्थिति में आ सकती है

📌 निष्कर्ष

Wow! Momo की नई फंडिंग न केवल ब्रांड की वित्तीय मजबूती को दिखाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत में अब देशी फूड ब्रांड्स भी यूनिकॉर्न बनने की दौड़ में शामिल हैं

जिस तरह से कंपनी ब्रांड डाइवर्सिफिकेशन, टेक्नोलॉजी, और क्विक कॉमर्स चैनलों के साथ अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रही है, वह आने वाले वर्षों में भारत का पहला देसी QSR IPO बन सकता है।


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Read more :That Sassy Thing को मिला ₹6 करोड़ का निवेश, IPV ने किया नेतृत्व

That Sassy Thing को मिला ₹6 करोड़ का निवेश, IPV ने किया नेतृत्व

That Sassy Thing

सेक्सुअल वेलनेस को लेकर भारत में जिस बदलाव की ज़रूरत थी, उसमें अहम भूमिका निभाने वाला स्टार्टअप That Sassy Thing एक और बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। Inflection Point Ventures (IPV) के नेतृत्व में इस ब्रांड ने अपने सीड फंडिंग राउंड में ₹6 करोड़ (लगभग $720,000) जुटाए हैं।

इस राउंड में अन्य निवेशकों में Bala Sarda (Vahdam Teas), Saurabh Munjal (Lahori Zeera), Kirti Jangra (Animall Technologies) और Chandigarh Angels Network शामिल रहे।


🌿 That Sassy Thing कंपनी का उद्देश्य: महिलाओं की सेहत और आत्मविश्वास को प्राथमिकता

2021 में शुरू हुई That Sassy Thing की स्थापना Sachee Malhotra और Himanshu Bhalla ने मिलकर की थी। इस ब्रांड का उद्देश्य महिलाओं को उनकी यौन सेहत, सेल्फ-केयर, और बॉडी पॉज़िटिविटी के प्रति जागरूक बनाना है।

कंपनी के प्रमुख प्रोडक्ट्स में शामिल हैं:

  • फुल-बॉडी मसाजर्स
  • लुब्रिकेंट्स (चिकनाई उत्पाद)
  • इंटीमेट वॉशेस

साथ ही, यह स्टार्टअप ऑनलाइन मास्टरक्लासेस के ज़रिए मुफ्त सेक्स एजुकेशन भी प्रदान करता है।


💸 फंडिंग का इस्तेमाल कहां होगा?

कंपनी ने बताया कि इस नई फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाएगा:

  1. नई प्रोडक्ट रेंज लॉन्च करना
  2. ब्रांड पोजिशनिंग को मज़बूत बनाना
  3. नए डिस्ट्रीब्यूशन चैनलों के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंच बढ़ाना

ब्रांड का उद्देश्य है कि वह महिलाओं की वेलनेस यात्रा को सरल, सुरक्षित और सहज बना सके।


📈 200% सालाना ग्रोथ का दावा

That Sassy Thing ने अब तक:

  • भारतभर में 50,000 से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान की है
  • ब्रांड ने 200% वर्ष दर वर्ष ग्रोथ हासिल करने का दावा किया है
  • इसके प्रोडक्ट्स निम्नलिखित प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं:
    • स्वयं की वेबसाइट
    • Blinkit
    • Zepto
    • Swiggy Instamart
    • और दिल्ली NCR के चुनिंदा कैफे

📢 संस्थापकों की सोच

संस्थापक Sachee Malhotra का कहना है:

“हमारा मिशन सिर्फ उत्पाद बेचना नहीं है, बल्कि महिलाओं को उनकी बॉडी और डिज़ायर के प्रति सकारात्मकता देना है। फंडिंग से हमें वह ताकत मिलेगी जिससे हम अधिक महिलाओं तक पहुंच बना पाएंगे और वेलनेस को एक रोज़मर्रा की बातचीत का हिस्सा बना सकेंगे।”


📊 भारतीय सेक्सुअल वेलनेस बाज़ार: एक तेजी से बढ़ता क्षेत्र

मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारत का सेक्सुअल वेलनेस मार्केट:

  • 2030 तक ₹24,000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना रखता है
  • वर्तमान में यह मार्केट तेजी से urban youth और digitally-aware women के बीच लोकप्रिय हो रहा है
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स, व्यक्तिगत जागरूकता और स्वास्थ्य प्राथमिकताओं ने इस सेक्टर को तेजी से बढ़ने का अवसर दिया है

That Sassy Thing जैसे ब्रांड इस मांग को समझते हुए महिलाओं के लिए गोपनीय, सुरक्षित और सहज समाधान प्रदान कर रहे हैं।


🧠 सेक्स एजुकेशन की अनदेखी: एक बड़ी सामाजिक चुनौती

भारत में सेक्स एजुकेशन आज भी कई जगह वर्जित विषय माना जाता है। यही वजह है कि:

  • गलत जानकारी और मिथक समाज में फैले हुए हैं
  • महिलाएं अपनी यौन ज़रूरतों और स्वास्थ्य के प्रति संकोच करती हैं
  • आत्मविश्वास और हेल्दी रिश्तों में बाधा आती है

That Sassy Thing इस सोच को बदलने के लिए न केवल प्रोडक्ट्स बना रहा है, बल्कि फ्री एजुकेशनल मास्टरक्लासेस के माध्यम से जागरूकता भी फैला रहा है।


👥 निवेशकों की राय

IPV के एक प्रवक्ता ने कहा:

“That Sassy Thing एक ऐसा ब्रांड है जो न केवल सेक्सुअल वेलनेस स्पेस को इनोवेट कर रहा है, बल्कि समाज में बदलाव लाने का भी प्रयास कर रहा है। हम उनके विज़न के साथ पूरी तरह जुड़ाव महसूस करते हैं।”


🛍️ नया बाज़ार, नया सोच

भारत में अब लोग अपने शरीर और भावनाओं के प्रति:

  • खुले विचार रखने लगे हैं
  • सेल्फ-केयर को प्राथमिकता दे रहे हैं
  • और सोशल टैबू को तोड़ने के लिए तैयार हैं

That Sassy Thing जैसे ब्रांड इस परिवर्तन के केंद्र में हैं, जो सिर्फ “उत्पाद बेचने” से आगे जाकर संवाद और सशक्तिकरण पर ध्यान दे रहे हैं।


📌 निष्कर्ष

That Sassy Thing की यह ताज़ा फंडिंग न केवल इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को मजबूत करेगी, बल्कि भारत में सेक्सुअल वेलनेस को लेकर एक नई सोच, नई चर्चा और नई संस्कृति को जन्म देगी।

महिलाओं की बॉडी पॉजिटिविटी और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने वाले ऐसे ब्रांड भारत के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में नए बदलाव के वाहक बनते जा रहे हैं।


📢 ऐसी ही स्टार्टअप ग्रोथ स्टोरीज़, वेलनेस इनोवेशन और निवेश अपडेट्स के लिए पढ़ते रहें FundingRaised.in
📲 जहाँ हर महिला-केंद्रित पहल को मिलती है आवाज़।

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