अपरकेस ने सीरीज ए फंडिंग में 9 मिलियन डॉलर जुटाए

डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर लगेज ब्रांड अपरकेस ने 9 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की
अपरकेस, जो एक डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर लगेज ब्रांड है, ने हाल ही में सीरीज ए फंडिंग राउंड में 9 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व एक्सेल पार्टनर्स ने किया। यह निवेश कंपनी की तेज़ी से बढ़ती हुई प्रगति और मजबूत यूनिट इकोनॉमिक्स के आधार पर किया गया है।

तेजी से बढ़ी राजस्व और घाटे में कमी
FY24 में अपरकेस ने अपने राजस्व में 5.8 गुना की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की। इसके साथ ही कंपनी ने अपने नुकसान को भी 19% से अधिक घटाने में सफलता पाई है। यह वित्तीय वर्ष कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, क्योंकि यह न केवल अपने व्यवसाय को विस्तार देने में कामयाब रही, बल्कि घाटे को भी सफलतापूर्वक नियंत्रित किया।

कंपनी का परिचालन
अपरकेस का परिचालन Acefour Accessories द्वारा किया जाता है। FY24 में कंपनी की ऑपरेशनल रेवेन्यू 62.2 करोड़ रुपये तक पहुँच गई, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक बड़ी छलांग है। यह वृद्धि कंपनी की डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर बिजनेस मॉडल की सफलता को दर्शाती है, जहां वह अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा रही है।

अपरकेस की स्थापना और ब्रांड पहचान
अपरकेस ने अपनी पहचान एक प्रीमियम लगेज ब्रांड के रूप में बनाई है। इसकी स्थापना का उद्देश्य ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता और स्टाइलिश ट्रैवल बैग्स और लगेज प्रदान करना है। ब्रांड की रणनीति प्रोडक्ट क्वालिटी, डिज़ाइन और कंज्यूमर फीडबैक पर आधारित है, जिससे इसे बाजार में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त हुआ है।

संस्थापक और नेतृत्व टीम
हालांकि कंपनी के संस्थापकों के बारे में विशिष्ट जानकारी का उल्लेख नहीं किया गया है, अपरकेस और Acefour Accessories की नेतृत्व टीम ने कंपनी को एक सफल बिजनेस मॉडल पर स्थापित किया है। यह टीम अपने अनुभव और दूरदर्शिता से कंपनी को तेजी से बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाएं
FY24 में अपरकेस ने अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करते हुए, राजस्व में वृद्धि और घाटे को कम किया है। एक्सेल पार्टनर्स जैसे निवेशकों का समर्थन इसे और भी मजबूत बना रहा है। कंपनी अपनी भविष्य की योजनाओं के तहत नई तकनीकों और उत्पाद नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करेगी, साथ ही अपनी उपभोक्ता पहुंच को और बढ़ाने का प्रयास करेगी।

एक्सेल पार्टनर्स से निवेश का महत्व
एक्सेल पार्टनर्स द्वारा किए गए इस निवेश से कंपनी को अपनी विस्तार योजनाओं को गति देने में मदद मिलेगी। यह निवेश न केवल कंपनी के उत्पाद विकास और ऑपरेशंस को बेहतर बनाएगा, बल्कि ब्रांड को वैश्विक बाजारों में भी प्रवेश करने का मौका देगा।

भारतीय बाजार में अपरकेस की स्थिति
भारतीय लगेज और ट्रैवल बैग मार्केट में अपरकेस ने तेजी से अपनी जगह बनाई है। कंपनी अपने किफायती, टिकाऊ और स्टाइलिश उत्पादों के कारण ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हो रही है। बढ़ती ई-कॉमर्स की मांग के साथ, अपरकेस का डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल उसे बाजार में अन्य प्रतिस्पर्धियों से आगे बनाए रखने में मदद कर रहा है।

कंपनी का मिशन और सामाजिक प्रभाव
अपरकेस का मिशन उच्च गुणवत्ता वाले ट्रैवल उत्पादों को सुलभ और ग्राहकों के लिए सुविधाजनक बनाना है। कंपनी का उद्देश्य टिकाऊ और इको-फ्रेंडली उत्पादों के माध्यम से समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालना भी है, जिससे पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके।

वेदांतु ने स्ट्राइड वेंचर्स से 19.25 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाई

Edtech यूनिकॉर्न कंपनी वेदांतु ने 19.25 करोड़ रुपये जुटाए
बेंगलुरु स्थित एडटेक कंपनी वेदांतु ने हाल ही में 19.25 करोड़ रुपये (लगभग 2.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की राशि जुटाई है। यह निवेश कंपनी को स्ट्राइड वेंचर्स से मिला है। यह धनराशि वेदांतु के लिए एक महत्वपूर्ण फंडिंग है, क्योंकि यह उनके पिछले $100 मिलियन के राउंड के बाद की पहली वित्तीय सहायता मानी जा रही है, जिसमें कंपनी की वैल्यूएशन करीब 1.1 बिलियन डॉलर की थी।

वेदांतु का सफर और स्थापना
वेदांतु की स्थापना 2011 में चार भारतीय इंजीनियरों – वम्सी कृष्णा, पुलकित जैन, आनंद प्रकाश, और सौरभ सक्सेना द्वारा की गई थी। इनका मकसद था कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ऑनलाइन के माध्यम से सुलभ हो सके। वेदांतु भारत की उन प्रमुख एडटेक कंपनियों में से एक है, जिसने लाइव ऑनलाइन ट्यूटरिंग का चलन शुरू किया। यह प्लेटफॉर्म छात्रों को लाइव इंटरएक्टिव कक्षाओं में भाग लेने की सुविधा प्रदान करता है।

संस्थापकों की शिक्षा और दृष्टिकोण
वम्सी कृष्णा, जो वर्तमान में वेदांतु के सीईओ हैं, ने आईआईटी बॉम्बे से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार की आवश्यकता को समझा और ऑनलाइन शिक्षा के महत्व को देखते हुए इस कंपनी की स्थापना की। पुलकित जैन, आनंद प्रकाश और सौरभ सक्सेना भी आईआईटी से पढ़े हैं और ये सभी शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

वित्तीय दृष्टिकोण से कंपनी की स्थिति
वेदांतु की वित्तीय स्थिति ने इसे एक यूनिकॉर्न बना दिया है, जिसका मतलब है कि कंपनी की वैल्यूएशन $1 बिलियन से अधिक हो चुकी है। 2021 में कंपनी ने $100 मिलियन का बड़ा फंडिंग राउंड पूरा किया, जिसके बाद इसकी वैल्यूएशन $1.1 बिलियन हो गई। इसके बाद से कंपनी ने फंडिंग नहीं जुटाई थी, और अब यह 19.25 करोड़ रुपये की राशि कंपनी के विकास में मदद करेगी।

स्ट्राइड वेंचर्स से फंडिंग का महत्व
स्ट्राइड वेंचर्स द्वारा वेदांतु में किया गया यह निवेश कंपनी की आगे की योजनाओं और विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। वेदांतु का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में और भी नवाचार लाना है, और यह फंडिंग कंपनी को तकनीकी सुधारों और उत्पादों के विकास में मदद करेगी।

भारत के एडटेक बाजार में वेदांतु की स्थिति
भारत का एडटेक बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और वेदांतु इसमें एक प्रमुख खिलाड़ी है। बायजूस, अनएकेडमी जैसी अन्य कंपनियों के साथ वेदांतु भी छात्रों को व्यक्तिगत और समूह आधारित कक्षाएं देने के लिए जाना जाता है। यह फंडिंग कंपनी को प्रतिस्पर्धा में मजबूत बनाए रखने में सहायक होगी।

कंपनी की चुनौतियाँ और भविष्य की योजनाएं
हालांकि वेदांतु ने हाल के वर्षों में तेजी से विकास किया है, लेकिन यह कंपनी अन्य एडटेक कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही है। भविष्य में कंपनी अपने पाठ्यक्रमों को और अधिक विस्तृत और आकर्षक बनाने, नए बाजारों में प्रवेश करने और तकनीकी नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है।

कंपनी की सोशल इम्पैक्ट और मिशन
वेदांतु का मिशन न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाना है। कंपनी का मानना है कि तकनीक के माध्यम से शिक्षा को सभी के लिए सुलभ और प्रभावी बनाया जा सकता है।

इज़राइल के Tel Aviv स्थित AI प्लेटफॉर्म डेवलपर ने जुटाए $19 मिलियन, जलवायु आपदाओं से संबंधित रियल एस्टेट जोखिम का विश्लेषण करेगा

Tel Aviv, इज़राइल में स्थित एक स्टार्टअप, जो जलवायु संबंधी आपदाओं से जुड़े रियल एस्टेट जोखिमों के विश्लेषण के लिए AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म विकसित करता है, ने हाल ही में $19 मिलियन की सीरीज A फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग का उद्देश्य कंपनी को अपने प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत करने और वैश्विक बाजारों में विस्तार करने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करना है।

फंडिंग का उद्देश्य

इस $19 मिलियन की सीरीज A फंडिंग का उपयोग मुख्य रूप से कंपनी के AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म को और सशक्त बनाने के लिए किया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए जलवायु संबंधी आपदाओं से उत्पन्न जोखिमों का विश्लेषण करता है, जिससे इस क्षेत्र में निवेशकों और डेवलपर्स को महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके। यह फंडिंग कंपनी को नई तकनीकों को विकसित करने और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगी।

कंपनी का परिचय

Tel Aviv स्थित यह स्टार्टअप AI-पावर्ड रियल एस्टेट एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म विकसित करता है, जो जलवायु परिवर्तन से जुड़े जोखिमों को पहचानने और उनके प्रभावों का आकलन करने में मदद करता है। प्लेटफॉर्म के जरिए रियल एस्टेट डेवलपर्स, निवेशक, और बीमा कंपनियां बेहतर तरीके से योजना बना सकते हैं और जोखिम प्रबंधन कर सकते हैं।

संस्थापक और नेतृत्व

कंपनी के संस्थापक एक अनुभवी टेक्नोलॉजी और रियल एस्टेट विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने रियल एस्टेट इंडस्ट्री और पर्यावरणीय विज्ञान के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। उनके नेतृत्व में, कंपनी ने एक उन्नत AI मॉडल विकसित किया है जो विभिन्न जलवायु आपदाओं, जैसे बाढ़, तूफान, और जंगल की आग से संबंधित जोखिमों का गहराई से विश्लेषण करता है।

कंपनी का वित्तीय दृष्टिकोण

कंपनी ने इससे पहले भी कुछ छोटे फंडिंग राउंड्स में निवेश प्राप्त किया है, लेकिन यह $19 मिलियन की सीरीज A फंडिंग कंपनी के लिए सबसे बड़ा फंडिंग राउंड है। इस फंडिंग के जरिए कंपनी अपने प्लेटफॉर्म के तकनीकी विकास और वैश्विक स्तर पर विस्तार की योजना बना रही है।

प्लेटफॉर्म की तकनीक

कंपनी का AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म जलवायु संबंधी डेटा का उपयोग करके रियल एस्टेट संपत्तियों के जोखिम का विश्लेषण करता है। यह प्लेटफॉर्म बड़े डेटा सेट्स को प्रोसेस करता है और संभावित आपदाओं के प्रभावों का पूर्वानुमान लगाता है। इससे रियल एस्टेट कंपनियों और निवेशकों को अपने व्यवसाय को सुरक्षित करने में मदद मिलती है।

रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए उपयोगिता

कंपनी का प्लेटफॉर्म खासतौर पर उन रियल एस्टेट कंपनियों और निवेशकों के लिए बनाया गया है जो जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न जोखिमों को कम करना चाहते हैं। यह उन्हें निवेश से पहले संभावित जोखिमों का आकलन करने में मदद करता है और बीमा कंपनियों को भी उनके जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को बेहतर बनाने के लिए जानकारी प्रदान करता है।

निवेशकों की भूमिका

इस सीरीज A फंडिंग राउंड में कई प्रमुख निवेशकों ने हिस्सा लिया है, जो कि जलवायु परिवर्तन और रियल एस्टेट क्षेत्र में नवाचारों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। इन निवेशकों के साथ साझेदारी कंपनी के भविष्य के विकास और विस्तार के लिए महत्वपूर्ण होगी।

भविष्य की योजनाएं

फंडिंग प्राप्त करने के बाद, कंपनी का लक्ष्य अपने AI प्लेटफॉर्म को और उन्नत करना है, जिससे वह जलवायु परिवर्तन से संबंधित जोखिमों का और सटीक तरीके से पूर्वानुमान लगा सके। इसके अलावा, कंपनी वैश्विक स्तर पर अपने प्लेटफॉर्म की पहुंच बढ़ाने और नए बाजारों में प्रवेश करने की योजना बना रही है।

निष्कर्ष

Tel Aviv स्थित यह स्टार्टअप जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने और उनके प्रभाव को कम करने में रियल एस्टेट इंडस्ट्री की मदद कर रहा है। सीरीज A फंडिंग के जरिए, कंपनी को अपने प्लेटफॉर्म के विस्तार और विकास के लिए महत्वपूर्ण संसाधन प्राप्त हुए हैं, जिससे वह इस इंडस्ट्री में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकेगी।

क्लाउड किचन स्टार्टअप Curefoods ने जुटाए Rs 80 करोड़, बिन्नी बंसल और जितेंद्र कुमार बंसल से लिया कर्ज

बेंगलुरु स्थित क्लाउड किचन स्टार्टअप Curefoods ने हाल ही में Rs 80 करोड़ (लगभग $9.6 मिलियन) का कर्ज जुटाया है। यह कर्ज कंपनी ने फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल और जितेंद्र कुमार बंसल से लिया है। यह पिछले छह महीनों में कंपनी का दूसरा फंडरेज है, जिससे कंपनी के विकास की गति और भविष्य की योजनाओं का संकेत मिलता है।

कर्ज का स्रोत और उद्देश्य

ROC फाइलिंग्स के अनुसार, कंपनी ने यह कर्ज बिन्नी बंसल और जितेंद्र कुमार बंसल से अनसिक्योर्ड मेंबर डिपॉज़िट के माध्यम से प्राप्त किया है। यह कर्ज कंपनी और निवेशकों के बीच हुए एक विशेष लोन एग्रीमेंट के तहत दिया गया है। Curefoods ने इस कर्ज को अपनी विस्तार योजनाओं और अपने मौजूदा व्यवसाय को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया है।

Curefoods का परिचय

Curefoods एक क्लाउड किचन प्लेटफॉर्म है, जो विभिन्न ब्रांड्स के फूड ऑपरेशन्स को संभालता है। यह कंपनी खासतौर पर मल्टी-ब्रांड क्लाउड किचन के लिए जानी जाती है और विभिन्न प्रकार के फूड्स और कुज़ीन्स को ग्राहकों तक पहुंचाने का काम करती है। Curefoods का उद्देश्य है कि वह टेक्नोलॉजी के जरिए अपने फूड ऑपरेशन्स को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाए, ताकि ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिल सके।

संस्थापक और नेतृत्व

कंपनी के संस्थापक अनकीत नागोरी हैं, जो इससे पहले Flipkart के मुख्य व्यवसाय अधिकारी (CBO) रह चुके हैं। अनकीत ने Curefoods की स्थापना 2020 में की थी, और तब से कंपनी ने भारतीय क्लाउड किचन इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उनके नेतृत्व में Curefoods ने तेजी से विकास किया है और भारतीय फूड डिलीवरी बाजार में अपनी पहचान बनाई है।

वित्तीय स्थिति

Curefoods ने अपने विभिन्न फंडरेज राउंड्स के माध्यम से बड़ी मात्रा में पूंजी जुटाई है। यह हालिया Rs 80 करोड़ का कर्ज कंपनी को अपने संचालन को और मजबूत करने में मदद करेगा। इससे पहले, कंपनी ने कई इक्विटी राउंड्स के माध्यम से निवेश प्राप्त किया है, और यह कर्ज उसके फंडिंग स्ट्रक्चर का एक नया हिस्सा है।

बाजार में स्थिति

Curefoods भारतीय क्लाउड किचन उद्योग में तेजी से उभरती हुई कंपनी है। कंपनी ने प्रमुख बाजारों में अपने क्लाउड किचन स्थापित किए हैं और फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों के माध्यम से ग्राहकों को सेवाएं प्रदान की हैं। इसके साथ ही Curefoods ने फ्रेंचाइज़ ब्रांड्स के साथ भी साझेदारी की है, ताकि वे अपने ग्राहकों को बेहतर और विविधतापूर्ण फूड ऑप्शन्स प्रदान कर सकें।

बिन्नी बंसल की भागीदारी

बिन्नी बंसल का इस कर्ज में निवेश Curefoods के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बिन्नी बंसल भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के प्रमुख चेहरों में से एक हैं और उनकी भागीदारी Curefoods को न केवल वित्तीय सहयोग, बल्कि रणनीतिक मार्गदर्शन भी दे सकती है। बिन्नी बंसल का अनुभव Curefoods के विकास को और तेज़ करने में सहायक हो सकता है।

Curefoods का विस्तार और भविष्य की योजनाएं

कंपनी इस कर्ज का उपयोग अपने मौजूदा क्लाउड किचन ऑपरेशन्स का विस्तार करने और नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए करेगी। इसके साथ ही, Curefoods अपने ब्रांड पोर्टफोलियो को और मजबूत बनाने और अपनी टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी की योजना है कि वह अपनी सेवाओं को और भी अधिक ग्राहकों तक पहुंचाए और भारतीय फूड डिलीवरी इंडस्ट्री में अग्रणी बने।

पिछले छह महीने में दूसरा फंडरेज

Curefoods का यह दूसरा फंडरेज पिछले छह महीनों में हुआ है, जिससे कंपनी की तेज़ी से विकास करने की योजना साफ़ नज़र आती है। इस कर्ज से कंपनी अपने वित्तीय ढांचे को और मज़बूत करेगी और अपने व्यापारिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए संसाधन जुटाएगी।

निष्कर्ष

Curefoods का यह नया कर्ज फंडरेज कंपनी के विकास में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। बिन्नी बंसल और जितेंद्र कुमार बंसल जैसे निवेशकों की भागीदारी से कंपनी को न केवल वित्तीय सहयोग मिलेगा, बल्कि इसे अपने रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। Indian क्लाउड किचन उद्योग में Curefoods अपनी स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में अग्रसर है।

Swiggy ने IPO के लिए SEBI के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया, Rs 3,750 करोड़ जुटाने की योजना

भारतीय फूडटेक दिग्गज Swiggy ने अपने आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है। कंपनी ने इस IPO के माध्यम से Rs 3,750 करोड़ जुटाने की योजना बनाई है, जिसमें नए इक्विटी शेयरों का ताजा इश्यू और 185,286,265 इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है।

IPO का विवरण

इस IPO में Swiggy ने Rs 3,750 करोड़ तक के नए इक्विटी शेयर जारी करने का प्रस्ताव रखा है, साथ ही OFS के तहत Prosus सहित अन्य शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं। Prosus, जो Swiggy के प्रमुख निवेशकों में से एक है, इस OFS में अपनी 63.8% हिस्सेदारी बेचने वाला सबसे बड़ा शेयरधारक होगा। बाकी शेयरधारक भी अपने कुछ शेयर इस बिक्री में उतारेंगे।

कंपनी का परिचय

Swiggy की स्थापना 2014 में हुई थी और तब से यह भारत के प्रमुख फूड डिलीवरी और ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म में से एक बन गया है। कंपनी की सेवाओं में रेस्तरां से खाने की डिलीवरी, ग्रॉसरी की होम डिलीवरी, और फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) शामिल हैं। Swiggy ने समय के साथ अपने ग्राहक आधार और सेवा क्षेत्रों का विस्तार किया है, जिससे यह भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता इंटरनेट प्लेटफार्मों में से एक बन गया है।

संस्थापक और प्रबंधन

Swiggy के सह-संस्थापक Sriharsha Majety, Nandan Reddy, और Rahul Jaimini हैं। इनमें से Sriharsha Majety वर्तमान में कंपनी के CEO के रूप में कार्यरत हैं। उनके नेतृत्व में, Swiggy ने भारतीय फूडटेक इंडस्ट्री में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं और बड़े पैमाने पर विस्तार किया है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

Swiggy ने वित्तीय रूप से मजबूत स्थिति बनाई है, हालांकि यह अभी भी लाभदायक नहीं हुआ है। फंडिंग के कई दौरों के माध्यम से, कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर पूंजी जुटाई है। Prosus और SoftBank Vision Fund जैसे बड़े निवेशक Swiggy के प्रमुख बैकर्स रहे हैं। कंपनी की वैल्यूएशन $10.7 बिलियन के आस-पास है, जो इसे भारत के सबसे मूल्यवान स्टार्टअप्स में से एक बनाती है।

IPO का उद्देश्य

Swiggy इस IPO के जरिए जुटाए गए धन का उपयोग कंपनी की विस्तार योजनाओं और नए उत्पाद विकास के लिए करेगा। इसके साथ ही कंपनी का फोकस होगा अपनी सेवाओं को और अधिक उपभोक्ता-अनुकूल बनाना और प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करना। यह IPO Swiggy को भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद अधिक सार्वजनिक निवेशकों को आकर्षित करने का मौका देगा।

OFS का विवरण

ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत, Swiggy के कई निवेशक अपने शेयर बेचना चाहते हैं। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी Prosus की होगी, जो कंपनी में अपनी 63.8% इक्विटी हिस्सेदारी को OFS के तहत बेचने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, अन्य निवेशक भी अपने हिस्से के शेयर इस ऑफर के तहत बेचेंगे, जिससे कुल 185 मिलियन से अधिक इक्विटी शेयरों की बिक्री होगी।

Swiggy का विकास और प्रतिस्पर्धा

Swiggy ने अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी Zomato के साथ भारतीय फूडटेक इंडस्ट्री में अग्रणी स्थान हासिल किया है। इसके अलावा, कंपनी ने Instamart और Genie जैसे नए वर्टिकल्स में भी कदम रखा है, जो ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी और स्थानीय सेवाओं पर केंद्रित हैं। Swiggy का विस्तार और नवाचार इसे बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाए रखते हैं।

फंडिंग इतिहास

Swiggy ने समय-समय पर कई बड़े फंडिंग राउंड किए हैं। 2021 में, Swiggy ने SoftBank Vision Fund 2 से $450 मिलियन जुटाए थे, जिससे इसकी वैल्यूएशन बढ़कर $5.5 बिलियन हो गई थी। 2022 में, Prosus के नेतृत्व में $700 मिलियन की फंडिंग राउंड से कंपनी की वैल्यूएशन $10.7 बिलियन हो गई थी। अब IPO से कंपनी अपनी पूंजी संरचना को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

निष्कर्ष

Swiggy का IPO फूडटेक इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे कंपनी को अपनी विस्तार योजनाओं और विकास के नए अवसरों को भुनाने का मौका मिलेगा। Prosus सहित अन्य निवेशकों के शेयरों की बिक्री से यह IPO निवेशकों के लिए एक आकर्षक मौका हो सकता है, जो फूडटेक और कंज्यूमर इंटरनेट सेक्टर में निवेश करने के इच्छुक हैं।

Innsbruck की एंटरप्राइज ऑटोमेशन स्टार्टअप ने जुटाए €11 मिलियन, Red River West और AIpha Intelligence Capital के नेतृत्व में फंडिंग

ऑस्ट्रिया के इंसब्रुक में स्थित एक स्टार्टअप, जो एंटरप्राइज एजेंटिक प्रोसेस ऑटोमेशन में विशेषज्ञता रखता है, ने €11 मिलियन की फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Red River West और AIpha Intelligence Capital ने किया, जिसमें मौजूदा निवेशक Lunar Ventures और Stride VC ने भी भाग लिया।

कंपनी का परिचय

यह स्टार्टअप एंटरप्राइज स्तर पर प्रोसेस ऑटोमेशन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे कंपनियों को अपने ऑपरेशनल वर्कफ्लो में सुधार करने में मदद मिलती है। कंपनी के सॉफ़्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य व्यवसायों के कार्य प्रक्रियाओं को स्वचालित करना और एआई-संचालित समाधान देना है, ताकि कंपनियों का समय और संसाधन बच सके। इनका मुख्य फोकस एंटरप्राइज ग्राहकों पर है, जिन्हें जटिल प्रक्रियाओं को सरल और कुशल बनाना होता है।

कंपनी के फाउंडर्स

कंपनी की स्थापना कुछ साल पहले हुई थी, और इसके फाउंडर्स टेक्नोलॉजी और ऑटोमेशन के क्षेत्र में गहरा अनुभव रखते हैं। स्टार्टअप के संस्थापक उच्च-स्तरीय तकनीकी विशेषज्ञता और एआई के अनुप्रयोगों में माहिर हैं। हालाँकि, फाउंडर्स के नाम सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उन्होंने इस कंपनी को विकसित करने के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और इनोवेशन को अपनाया है।

फंडिंग का उपयोग

स्टार्टअप इस ताजा फंडिंग का उपयोग अपने सॉफ़्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म को उन्नत करने, नई फीचर्स जोड़ने और अपने क्लाइंट बेस का विस्तार करने में करेगा। इसके अलावा, कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इस फंडिंग से कंपनी अपने टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को और मज़बूत करेगी, ताकि यह बड़े एंटरप्राइज ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा कर सके।

प्रोडक्ट और सेवाएं

कंपनी का मुख्य उत्पाद एंटरप्राइज एजेंटिक प्रोसेस ऑटोमेशन है, जो कंपनियों के कार्यों को ऑटोमेट करता है। इसका सॉफ़्टवेयर मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करता है, ताकि बड़े पैमाने पर होने वाले कार्यों को तेज़ी और कुशलता से पूरा किया जा सके। इससे कंपनियों को न केवल लागत में कटौती करने में मदद मिलती है, बल्कि कार्यों की गुणवत्ता भी सुधरती है।

वित्तीय स्थिति

फिलहाल कंपनी के वित्तीय आंकड़े पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं हैं, लेकिन €11 मिलियन की यह नई फंडिंग बताती है कि निवेशकों को कंपनी की ग्रोथ और भविष्य की संभावनाओं पर भरोसा है। इससे पहले भी कंपनी ने विभिन्न निवेशकों से फंडिंग प्राप्त की थी, जो इस बात का संकेत है कि यह स्टार्टअप अपने मार्केट में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।

बाजार में कंपनी की स्थिति

एंटरप्राइज ऑटोमेशन का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और इस स्टार्टअप ने अपनी खास तकनीक और सेवाओं के माध्यम से इसमें एक मजबूत पकड़ बना ली है। बड़ी कंपनियाँ अपनी प्रक्रियाओं को ऑटोमेट करने के लिए इस तरह की सेवाओं की ओर रुख कर रही हैं, और इस स्टार्टअप का प्लेटफॉर्म उनके लिए एक आदर्श समाधान के रूप में सामने आया है।

अंतरराष्ट्रीय विस्तार

इस फंडिंग के साथ, स्टार्टअप अब वैश्विक विस्तार की योजना बना रहा है। यूरोप के अलावा, यह अन्य बाजारों में भी अपनी सेवाओं को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करेगा। इसके लिए कंपनी नई साझेदारियों पर ध्यान केंद्रित करेगी और अपने उत्पादों को और अधिक उन्नत बनाने की योजना बना रही है।

भविष्य की योजनाएं

कंपनी अपने मौजूदा ग्राहकों के लिए नई और बेहतर सुविधाएँ लाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, स्टार्टअप ने अपने मार्केटिंग और बिक्री टीमों को मजबूत करने का भी लक्ष्य रखा है, ताकि यह अधिक से अधिक एंटरप्राइज ग्राहकों तक पहुँच सके।

निष्कर्ष

€11 मिलियन की इस फंडिंग के साथ, यह इंसब्रुक आधारित स्टार्टअप अपने उद्योग में और अधिक उन्नति करने की दिशा में बढ़ रहा है। एंटरप्राइज प्रोसेस ऑटोमेशन की बढ़ती मांग और इसकी उन्नत तकनीक के चलते, कंपनी आने वाले समय में और भी ऊँचाइयाँ छूने की संभावना रखती है।

Zomato समर्थित Adtech स्टार्टअप AdOnMo ने जुटाए $25 मिलियन, Rigel Capital और Sinar Mas के नेतृत्व में फंडिंग

Zomato समर्थित एडटेक स्टार्टअप AdOnMo ने हाल ही में $25 मिलियन (लगभग ₹209 करोड़) की फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व सिंगापुर स्थित वेंचर कैपिटल फर्म Rigel Capital और इंडोनेशिया स्थित Sinar Mas ने किया। इस निवेश से AdOnMo को अपने व्यवसाय के विस्तार और तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

AdOnMo क्या करता है?

AdOnMo एक एडटेक स्टार्टअप है जो आउटडोर डिजिटल विज्ञापन में नयापन लाने का प्रयास कर रहा है। यह स्टार्टअप बड़े शहरों में आउटडोर डिजिटल डिस्प्ले और स्मार्ट विज्ञापन समाधान उपलब्ध कराता है। AdOnMo का उद्देश्य विज्ञापन को डिजिटल और रियल-वर्ल्ड वातावरण के साथ एकीकृत करना है, ताकि कंपनियों को अपने उत्पादों और सेवाओं को व्यापक रूप से प्रचारित करने का मौका मिल सके।

कंपनी की शुरुआत और उद्देश्य

AdOnMo की स्थापना 2017 में उत्कर्ष बहल और संदीप बनसोड़ द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य इनोवेटिव आउटडोर विज्ञापन के माध्यम से ब्रांड्स को एक प्रभावी प्लेटफॉर्म देना है। कंपनी के अनुसार, वह पारंपरिक विज्ञापन को डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ मिलाकर उसे अधिक आकर्षक और इंटेलिजेंट बनाना चाहती है, जिससे ब्रांड्स को बेहतर ROI मिल सके।

फाउंडर्स की भूमिका

उत्कर्ष बहल और संदीप बनसोड़ दोनों ने स्टार्टअप जगत में अपने अनुभवों के आधार पर AdOnMo को सफलता की ओर बढ़ाया है। उत्कर्ष की टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग में गहरी समझ है, जबकि संदीप का फोकस बिजनेस डेवलपमेंट और स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप्स पर है। दोनों की संयुक्त क्षमताएं कंपनी को तेजी से विकास के पथ पर ले जा रही हैं।

फंडिंग का उपयोग

कंपनी इस फंडिंग से अपनी टेक्नोलॉजी को और बेहतर बनाने, बड़े शहरों में अपने डिस्प्ले नेटवर्क का विस्तार करने और अपने एडटेक प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने का इरादा रखती है। इसके साथ ही, कंपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने परिचालन का विस्तार करने की योजना बना रही है।

निवेशकों की भूमिका और दृष्टिकोण

Rigel Capital और Sinar Mas दोनों ने AdOnMo में अपनी निवेशित राशि के जरिए स्टार्टअप की संभावनाओं पर विश्वास जताया है। Rigel Capital का कहना है कि AdOnMo का बिजनेस मॉडल और इसकी इनोवेटिव एडटेक तकनीक भविष्य में और भी बड़े मार्केट्स को टैप करने की क्षमता रखती है। वहीं, Sinar Mas का मानना है कि आउटडोर विज्ञापन की यह नई लहर आने वाले समय में बेहद सफल साबित होगी।

Zomato की भागीदारी

Zomato, जो भारत की सबसे बड़ी फूड डिलीवरी कंपनियों में से एक है, पहले से ही AdOnMo का समर्थन कर रही है। Zomato का समर्थन AdOnMo के लिए एक बड़ा प्लस पॉइंट है, क्योंकि इससे कंपनी को अपने विज्ञापन नेटवर्क के विस्तार में और मदद मिली है। Zomato ने अपनी डिलीवरी वाहनों और ऐप के माध्यम से AdOnMo के विज्ञापन समाधानों का लाभ उठाया है।

AdOnMo की वित्तीय स्थिति

AdOnMo की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है। इस नवीनतम फंडिंग राउंड के साथ, कंपनी का कुल फंडिंग लगभग ₹300 करोड़ हो चुकी है। कंपनी का राजस्व बढ़ रहा है, और इसके आउटडोर डिजिटल विज्ञापन प्लेटफॉर्म को कई बड़े ब्रांड्स से समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा, AdOnMo अपने टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म में निरंतर निवेश कर रही है, ताकि यह प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी जगह बनाए रख सके।

अगले कदम

AdOnMo की योजना आने वाले समय में बड़े भारतीय शहरों के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी प्रवेश करने की है। इसके अलावा, कंपनी अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का विस्तार करके अधिक से अधिक विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करना चाहती है। नई फंडिंग के साथ, कंपनी अपनी टीम का विस्तार और नई तकनीक में निवेश करने की योजना बना रही है।

निष्कर्ष

AdOnMo की ताजा फंडिंग और इसके पीछे के प्रमुख निवेशक इस बात का संकेत देते हैं कि एडटेक के क्षेत्र में आउटडोर विज्ञापन की बढ़ती मांग को भुनाने का समय आ गया है। स्टार्टअप का इनोवेटिव बिजनेस मॉडल और फाउंडर्स की प्रतिबद्धता इसे आने वाले समय में और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

Seekho, एक लर्निंग-फोकस्ड OTT प्लेटफॉर्म, वर्तमान में $8-10 मिलियन की नई फंडिंग

Seekho app New Funding

Seekho: लर्निंग-फोकस्ड OTT प्लेटफॉर्म के नए फंडिंग राउंड में उन्नति

Seekho, एक लर्निंग-फोकस्ड OTT प्लेटफॉर्म, वर्तमान में $8-10 मिलियन की नई फंडिंग जुटाने के उन्नत चरण में है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व प्रमुख निवेशक Lightspeed और Elevation Capital कर रहे हैं। इससे पहले, कंपनी ने मार्च 2022 में Elevation और अन्य निवेशकों से $3 मिलियन जुटाए थे।

Seekho की स्थापना 2020 में रोहित चौधरी, कीर्तय अग्रवाल और यश बनवानी ने की थी। यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से टियर II और उससे नीचे के क्षेत्रों के उपयोगकर्ताओं को विभिन्न कौशल सिखाने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह शॉर्ट वीडियो सीरीज के माध्यम से नौकरियों और व्यक्तिगत विकास के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। इसके कोर्स parenting, शेयर मार्केट, इंस्टाग्राम और एजुकेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हैं।

Seekho की कंटेंट स्ट्रक्चरिंग काफी अनोखी है, जहां 2-5 मिनट की वीडियो सीरीज एपिसोडिक रूप में बनाई जाती हैं, ताकि उपयोगकर्ता को बेहतर और सरल अनुभव मिल सके। इसके अलावा, कंपनी विभिन्न सब्सक्रिप्शन प्लान्स प्रदान करती है, जिनमें साप्ताहिक और मासिक योजनाएँ शामिल हैं।

Seekho का नवीनतम फंडिंग राउंड इसे लगभग $45 मिलियन के मूल्यांकन पर ले जा सकता है, जहां दो निवेशक कंपनी में 20% हिस्सेदारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके पिछले फंडिंग राउंड के बाद Elevation Capital ने कंपनी में लगभग 24% की हिस्सेदारी हासिल की है, और तीनों को-फाउंडर्स के पास 16.65% हिस्सेदारी है।

प्लेटफॉर्म के बढ़ते उपयोगकर्ता आधार ने Elevation Capital का भरोसा मजबूत किया है। प्लेटफॉर्म के लगभग 30% उपयोगकर्ता वार्षिक प्लान्स के लिए सब्सक्रिप्शन ले रहे हैं, जो कि इसके स्थायी लोकप्रियता का संकेत है।

हाल ही में Seekho का ध्यान कौशल विकास के क्षेत्र में और गहरा होता दिख रहा है। कंपनी की नई फंडिंग न केवल इसके कंटेंट और सुविधाओं के विस्तार में मदद करेगी, बल्कि इसे नए उपयोगकर्ताओं तक पहुँचने में भी सक्षम बनाएगी।

Seekho का उद्देश्य सीखने की प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाना है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां शिक्षा और कौशल विकास के संसाधन सीमित हैं।

Two Point O Capital ने 6.3 मिलियन डॉलर जुटाए, क्लाइमेट फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म के विस्तार की योजना

क्लाइमेट फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म Two Point O Capital ने 6.3 मिलियन डॉलर (लगभग 52 करोड़ रुपये) की सीड फंडिंग जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व Omnivore ने किया, जबकि Multiply Ventures, RTP Global, GrowX, Spectrum Impact, और कुछ प्रमुख एंजल निवेशकों ने भी इसमें भाग लिया। इस फंडिंग का उपयोग कंपनी अपने टेक्नोलॉजी-सक्षम प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाने के लिए करेगी, जो क्लीन एनर्जी सेक्टर में विभिन्न प्रोजेक्ट्स को फाइनेंसिंग, मॉनिटरिंग और सोर्सिंग करने में मदद करेगा।

कंपनी के उद्देश्यों पर ध्यान

Two Point O Capital का मुख्य उद्देश्य क्लाइमेट परिवर्तन से लड़ने के लिए फाइनेंसिंग समाधानों को सरल और सुलभ बनाना है। कंपनी एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित कर रही है जो साफ ऊर्जा (क्लीन एनर्जी) से जुड़े प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग की सुविधा प्रदान करता है। इस फंडिंग के जरिए कंपनी का फोकस क्लाइमेट फाइनेंसिंग सेक्टर में तेजी से उभर रहे डिस्ट्रिब्यूटेड प्रोजेक्ट्स पर है।

फाउंडर्स और उनकी दृष्टि

Two Point O Capital के फाउंडर्स ने क्लाइमेट और वित्तीय क्षेत्र में वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। उनकी दृष्टि है कि वे क्लीन एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट्स को फाइनेंसिंग और मॉनिटरिंग के लिए बेहतर प्लेटफार्म प्रदान करें। इसके पीछे उनका उद्देश्य है कि अधिक से अधिक प्रोजेक्ट्स को आसानी से फाइनेंसिंग मिल सके और वे प्रभावी ढंग से क्लाइमेट परिवर्तन से निपट सकें।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएं

कंपनी ने घोषणा की है कि इस फंडिंग का एक बड़ा हिस्सा टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म को और बेहतर बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा। साथ ही, कंपनी एक शीर्ष स्तरीय टीम को हायर करने की योजना बना रही है ताकि वे तेजी से अपने ऑपरेशन्स को स्केल कर सकें। इसके अलावा, Two Point O Capital क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में नए मार्केट्स में विस्तार करने की दिशा में भी काम करेगी।

कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति

कंपनी के फाइनेंशियल्स पर ध्यान दें तो यह स्टार्टअप अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन इसके फाइनेंसिंग मॉडल में बड़ी संभावनाएं नजर आ रही हैं। फंडिंग में Omnivore, Multiply Ventures और RTP Global जैसे बड़े नामों का शामिल होना इस बात का संकेत है कि निवेशकों को इस मॉडल पर काफी भरोसा है।

क्लाइमेट फाइनेंसिंग की जरूरत

क्लाइमेट परिवर्तन से निपटने के लिए विश्वभर में क्लाइमेट फाइनेंसिंग की बढ़ती मांग है। ऐसे में Two Point O Capital का यह टेक-सक्षम प्लेटफार्म इस सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कंपनी डिस्ट्रिब्यूटेड प्रोजेक्ट्स को फाइनेंसिंग की सुविधा देकर उन प्रोजेक्ट्स की सफलता में योगदान देना चाहती है, जो क्लीन एनर्जी सॉल्यूशंस प्रदान कर रहे हैं।

Two Point O Capital की अनूठी पहल

Two Point O Capital का क्लाइमेट फाइनेंसिंग मॉडल अन्य फाइनेंसिंग प्लेटफार्म्स से थोड़ा अलग है। इसका फोकस क्लीन एनर्जी के डिस्ट्रिब्यूटेड प्रोजेक्ट्स पर है, जो छोटे और मध्यम आकार के होते हैं लेकिन क्लाइमेट परिवर्तन से निपटने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कंपनी इन प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग और मॉनिटरिंग में पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाने पर जोर दे रही है।

निष्कर्ष

Two Point O Capital की यह फंडिंग जुटाने की उपलब्धि कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह कंपनी क्लाइमेट फाइनेंसिंग के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर रही है, जहां टेक्नोलॉजी और फाइनेंसिंग समाधानों का संगम हो रहा है। भविष्य में यह कंपनी क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकती है, और अपने प्लेटफार्म के जरिए क्लाइमेट परिवर्तन से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।

Giva ने Premji Invest से सीरीज B राउंड में 100 करोड़ रुपये जुटाए

ज्वेलरी स्टार्टअप Giva ने अपनी सीरीज B फंडिंग राउंड में 100 करोड़ रुपये (लगभग $12 मिलियन) जुटाए हैं। यह निवेश Premji Invest द्वारा किया गया है और 2024 में कंपनी का पहला फंडरेजिंग है। Giva की बोर्ड ने 68,028 सीरीज B1 अनिवार्य रूप से कन्वर्टिबल प्रिफरेंस शेयर (CCPS) को 14,700 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से PI Opportunities Fund II (Premji Invest) को जारी करने की मंजूरी दी है।

कंपनी का परिचय

Giva एक ओमनीचैनल ज्वेलरी स्टार्टअप है, जो आधुनिक और स्टाइलिश डिज़ाइन के साथ गहने बनाने पर केंद्रित है। इस स्टार्टअप का उद्देश्य भारतीय ग्राहकों के लिए प्रीमियम क्वालिटी के आभूषणों को किफायती दामों पर उपलब्ध कराना है। Giva अपने ग्राहकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म्स पर खरीदारी का विकल्प देता है। यह कंपनी अपने डिज़ाइन में पारंपरिक और आधुनिक शैलियों का मिश्रण करती है, जिससे युवा और प्रोफेशनल वर्ग की पसंद पर पूरी तरह फिट बैठती है।

संस्थापकों के बारे में

Giva की स्थापना 2019 में विनीत सरायवाला, निशांत सागर और इशिता सिंह द्वारा की गई थी। तीनों संस्थापक विभिन्न बैकग्राउंड से आते हैं, जिसमें फैशन, बिजनेस और मार्केटिंग का अनुभव शामिल है। इनकी विशेषज्ञता ने Giva को बहुत ही कम समय में ज्वेलरी इंडस्ट्री में खास पहचान दिलाई है। विनीत सरायवाला Giva के CEO हैं और उनके नेतृत्व में कंपनी ने नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

Giva ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। 2024 में हुए इस फंडरेज से पहले, Giva ने कई फंडिंग राउंड में निवेश जुटाया था, जो कंपनी के तेजी से विस्तार और विकास का संकेत देता है। कंपनी की बिक्री में हर साल दो अंकों की वृद्धि देखी गई है और यह ओमनीचैनल मॉडल को अपनाने के बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगह अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रही है। Giva के प्रोडक्ट्स की मांग महानगरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी तेजी से बढ़ रही है, जिससे कंपनी की मार्केट हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हुई है।

फंडिंग का उपयोग

इस नए फंडिंग राउंड के बाद, Giva अपनी उत्पाद श्रेणी को और विस्तारित करने, तकनीकी उन्नति, और नए मार्केट्स में प्रवेश करने के लिए तैयार है। कंपनी अपने डिज़ाइन और प्रोडक्शन प्रोसेस को और सुदृढ़ करने के साथ-साथ अपनी सप्लाई चेन में भी सुधार करेगी। Giva का उद्देश्य भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति को बढ़ाना है।

Premji Invest का योगदान

Premji Invest, जो एक प्रमुख वेंचर कैपिटल फंड है, ने Giva में यह निवेश किया है। यह फंड भारत के कई महत्वपूर्ण स्टार्टअप्स और कंपनियों में निवेश कर चुका है और Giva के साथ इसका जुड़ना कंपनी के प्रति उसके विश्वास और कंपनी की दीर्घकालिक क्षमता को दर्शाता है। Premji Invest के साथ यह साझेदारी Giva को वित्तीय स्थिरता के साथ-साथ रणनीतिक सलाह और समर्थन भी प्रदान करेगी।

प्रतिस्पर्धा और भविष्य की रणनीति

ज्वेलरी सेक्टर में Giva का मुकाबला Tanishq, Kalyan Jewellers और CaratLane जैसे बड़े ब्रांड्स से है, लेकिन अपनी अलग और आधुनिक डिज़ाइनों की वजह से Giva तेजी से अपनी पहचान बना रहा है। कंपनी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में अपने प्रोडक्ट रेंज और मार्केटिंग प्रयासों को और आक्रामक बनाना है, जिससे वह न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी स्थिति को मजबूत कर सके।

ग्राहक अनुभव और ओमनीचैनल रणनीति

Giva की ओमनीचैनल रणनीति का मकसद है कि ग्राहक चाहे ऑनलाइन शॉपिंग करें या ऑफलाइन, उन्हें एक समान अनुभव प्राप्त हो। कंपनी ने अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को यूजर-फ्रेंडली बनाया है और ऑफलाइन स्टोर्स में भी उच्च स्तरीय ग्राहक सेवा सुनिश्चित की है। इसके अलावा, Giva का लक्ष्य अपनी लॉयल्टी प्रोग्राम्स और कस्टमाइजेशन सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों को जोड़े रखना है।

निष्कर्ष

Giva का यह नया फंडरेज कंपनी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इस नई पूंजी के साथ, Giva अपनी उत्पाद श्रृंखला को और विस्तृत करने और भारतीय ज्वेलरी बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार है।