ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म Evenflow ने ब्रिज राउंड में जुटाए फंड्स

Evenflow

ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म Evenflow ने हाल ही में एक ब्रिज राउंड में अज्ञात राशि जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व सीरियल एंटरप्रेन्योर शैल पटेल और कुछ मौजूदा निवेशकों ने किया है। यह फंडिंग Evenflow के चल रहे 5 मिलियन डॉलर के सीरीज़ ए राउंड का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कंपनी की संचालन क्षमता को बढ़ाना और इसके अधिग्रहित सात भारतीय ब्रांड्स को वैश्विक स्तर पर विस्तारित करना है।

Evenflow: कंपनी का परिचय और रणनीति

Evenflow एक ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म है, जिसका उद्देश्य भारतीय बाज़ार में सफल होमग्रोन ब्रांड्स को अधिग्रहित करना और उन्हें तेजी से विकसित करना है। यह प्लेटफ़ॉर्म भारत और अमेरिका दोनों में काम करता है और अमेज़न, फ्लिपकार्ट, क्रेड, ज़ेप्टो, और इंस्टामार्ट जैसे मार्केटप्लेस पर अपने ब्रांड्स की 350% वृद्धि का दावा करता है।

कंपनी ने सात प्रमुख ब्रांड्स का अधिग्रहण किया है, जिनमें Xtrim, Yogarise, Rusabl, BabyPro, Trendy Homes, Cinagro, और Frenchware शामिल हैं। इन ब्रांड्स को नए बाजारों में प्रवेश दिलाने के साथ-साथ उनकी वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाना Evenflow की प्रमुख रणनीति है।

Evenflow कंपनी के संस्थापक और नई नियुक्तियाँ

Evenflow के सह-संस्थापक और सीईओ उत्सव अग्रवाल हैं, जिन्होंने कंपनी की दीर्घकालिक योजनाओं को स्पष्ट किया है। हाल ही में कंपनी ने शशांक रंजन को सह-संस्थापक के रूप में प्रमोट किया है, जो कंपनी के सप्लाई चेन, मार्केटप्लेस और डी2सी (डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर) मॉडल को मजबूत करने में मदद करेंगे। इन नियुक्तियों के साथ, कंपनी ने अपनी विकास गति को बढ़ाने के लिए रणनीतिक प्रयास किए हैं।

वित्तीय स्थिति और विकास योजनाएँ

Evenflow ने अपने मौजूदा ब्रिज राउंड में जुटाए गए फंड्स को संचालन का विस्तार और अधिग्रहित ब्रांड्स के वैश्विक स्तर पर विस्तार के लिए उपयोग करने की योजना बनाई है। कंपनी की दीर्घकालिक योजना 2027 तक अपनी आय को 10 गुना और मुनाफे को छह गुना बढ़ाने की है।

हालांकि, इन लक्ष्यों को प्राप्त करना कंपनी के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, क्योंकि कई रोल-अप प्लेटफ़ॉर्म स्केलिंग के दौरान कठिनाइयों का सामना करते हैं। कंपनी का लक्ष्य 2027 के अंत तक एक आईपीओ (Initial Public Offering) के लिए तैयारी करना भी है, जो इसे बाजार में एक मजबूत स्थिति में स्थापित करने में मदद करेगा।

ई-कॉमर्स रोल-अप इंडस्ट्री का इतिहास

2021 में ई-कॉमर्स रोल-अप कंपनियों की मांग उच्चतम स्तर पर थी, और इस दौरान कई कंपनियाँ उभरीं। 2021 में भारत में इस क्षेत्र ने Mensa और Globalbees जैसे दो यूनिकॉर्न दिए, जबकि 10club ने 40 मिलियन डॉलर जुटाए, जो भारत के सबसे बड़े सीड राउंड्स में से एक था।

हालांकि, वैश्विक रोल-अप पोस्टरबॉय थारासियो के विफल होने और कठिन फंडिंग माहौल के कारण इस क्षेत्र में उत्साह धीरे-धीरे कम हो गया। इसके परिणामस्वरूप, इन कंपनियों के लिए निवेश में तेज गिरावट आई है। 2021 में जहां इस क्षेत्र में 540 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ था, वहीं 2022 में यह घटकर 70 मिलियन डॉलर रह गया, 2023 में 78 मिलियन डॉलर, और वर्तमान कैलेंडर वर्ष में केवल 39 मिलियन डॉलर जुटाए गए हैं।

भविष्य की चुनौतियाँ और अवसर

ई-कॉमर्स रोल-अप कंपनियों के लिए प्रमुख चुनौती बाजार में विस्तार करते समय स्केलिंग की होती है। इस उद्योग के लिए फंडिंग में आई गिरावट से संकेत मिलता है कि निवेशक अब ज्यादा सावधानी से निवेश कर रहे हैं। हालांकि, Evenflow का मानना है कि उसकी रणनीतिक नियुक्तियाँ और वैश्विक विस्तार की योजना इसे दीर्घकालिक सफलता दिलाने में मदद करेंगी।

मार्केटप्लेस और सप्लाई चेन पर फोकस

Evenflow ने अपने सप्लाई चेन, मार्केटप्लेस और डी2सी मॉडल को मजबूत करने के लिए हाल ही में बड़े कदम उठाए हैं। यह कंपनी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि बाजार की प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और तेजी से विकसित होने के लिए इन क्षेत्रों में नवाचार जरूरी हो गया है।

आने वाले वर्षों की योजना

Evenflow की योजना अगले कुछ वर्षों में अपने अधिग्रहित ब्रांड्स को नए बाजारों में लॉन्च करना और उन्हें तेजी से बढ़ाना है। कंपनी का मानना है कि ये ब्रांड्स वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति को मजबूती से स्थापित कर सकते हैं। इसके साथ ही, 2027 में आईपीओ की तैयारी से कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में और सुधार हो सकता है।

निष्कर्ष

Evenflow का हालिया फंड जुटाना कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इसे दीर्घकालिक विकास के लिए तैयार कर रहा है। हालाँकि ई-कॉमर्स रोल-अप इंडस्ट्री में चुनौतियाँ बनी हुई हैं, Evenflow ने अपनी रणनीतियों में बदलाव और नए बाजारों में विस्तार करके अपनी स्थिति को मजबूत किया है। आने वाले वर्षों में, कंपनी का फोकस न केवल अधिग्रहित ब्रांड्स की वृद्धि पर होगा, बल्कि निवेशकों के लिए मूल्य सृजन पर भी होगा।

Read More : Anicut Capital ने 11 मिलियन डॉलर जुटाए

Anicut Capital ने 11 मिलियन डॉलर जुटाए

Anicut Capital

Anicut Capital, एक प्रमुख वैकल्पिक निवेश फर्म, ने हाल ही में अपनी प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 के तहत 11 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। यह निवेश GIFT City के माध्यम से प्राप्त हुआ है, जो भारत में अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण संरचना है। इस फंड के माध्यम से, कंपनी का उद्देश्य वैश्विक निवेशकों को भारतीय बाजार की ओर आकर्षित करना है, जिसमें प्रमुख निवेशक अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, और मध्य पूर्व से हैं।

Anicut Capital के माध्यम से निवेश

GIFT City (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है, जो विदेशी निवेश को भारत में आकर्षित करने के लिए विकसित किया गया है। अनिकट कैपिटल ने इस संरचना का उपयोग करते हुए डॉलर-आधारित निवेशकों से 11 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। यह संरचना संस्थागत निवेशकों, परिवार कार्यालयों और उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों (HNIs) के लिए विशेष रूप से आकर्षक है।

कंपनी की स्थापना और फोकस

अनिकट कैपिटल की स्थापना आशित मेहता और अभिषेक नायर ने की थी। कंपनी का उद्देश्य मझोले आकार के भारतीय उद्यमों में निवेश करना है, जो पारंपरिक वित्तीय सेवाओं से वंचित रहते हैं। अनिकट कैपिटल प्राइवेट क्रेडिट, इक्विटी और जोखिम पूंजी में निवेश करता है, और यह तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में उन कंपनियों के लिए पूंजी प्रदान करता है जो विकास की अगली लहर चला रही हैं।

प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 और निवेश संरचना

अनिकट कैपिटल का प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 भारत के मध्यम आकार के उद्यमों में ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। इस फंड के तहत कंपनी वर्तमान में कुल 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है, जिसका एक हिस्सा GIFT City के माध्यम से प्राप्त 11 मिलियन डॉलर से आता है। यह संरचना भारत में निजी ऋण के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश को आसान बनाती है।

फंड का उपयोग और कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड

इस फंड के पहले वर्ष के संचालन में ही अनिकट कैपिटल ने छह कंपनियों में निवेश किया है, जिनमें Earth Rhythm, Neemans, Wheelocity, The Ayurveda Experience, Blue Tokai Coffee, और XYXX शामिल हैं। इन कंपनियों का चयन भारतीय बाजार में उनकी अनूठी स्थिति और तेजी से बढ़ने की क्षमता के आधार पर किया गया है। यह दर्शाता है कि अनिकट कैपिटल भारतीय उद्यमों में दीर्घकालिक मूल्य सृजन के लिए प्रतिबद्ध है।

SIDBI के साथ साझेदारी

सितंबर 2023 में, अनिकट कैपिटल ने Small Industries Development Bank of India (SIDBI) से 50 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया था, जो कि अनिकट इक्विटी फंड में किया गया था। SIDBI का यह निवेश भारतीय छोटे और मझोले आकार के उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन था, और अनिकट कैपिटल के निवेश दृष्टिकोण की सफलता को भी दर्शाता है।

निवेश का प्रभाव

अनिकट कैपिटल द्वारा जुटाए गए इन फंड्स का उद्देश्य उन कंपनियों में निवेश करना है जो अपने विकास के महत्वपूर्ण चरण में हैं। कंपनी ने अब तक 3,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और कई मझोले आकार के भारतीय उद्यमों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अनिकट कैपिटल का मानना है कि भारत में निजी ऋण क्षेत्र में अभी बहुत संभावनाएं हैं, और यह फंड उन कंपनियों की सहायता करेगा जो तेजी से विस्तार कर रही हैं।

निवेशकों के लिए लाभ

अनिकट कैपिटल की इस फंड संरचना का प्रमुख लाभ यह है कि यह निवेशकों को भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश करने का एक सुरक्षित और संगठित तरीका प्रदान करती है। GIFT City के माध्यम से प्राप्त होने वाले डॉलर-नामित निवेशों के कारण, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भारतीय बाजार में अपने पोर्टफोलियो को विस्तार करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी से वृद्धि और मझोले उद्यमों के विकास की क्षमता को देखते हुए, अनिकट कैपिटल के निवेशकों को आकर्षक रिटर्न की उम्मीद है।

भविष्य की योजनाएं

अनिकट कैपिटल की योजना अपने प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 के माध्यम से और अधिक कंपनियों में निवेश करने की है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी हैं। कंपनी का फोकस उन कंपनियों पर है जो नवाचार और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देती हैं। भविष्य में, अनिकट कैपिटल का लक्ष्य भारतीय निजी ऋण क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करना और वैश्विक निवेशकों के लिए भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाना है।

निष्कर्ष

अनिकट कैपिटल की हालिया फंडिंग न केवल भारतीय बाजार में उनके निवेश की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे GIFT City जैसी संरचनाएं वैश्विक निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित कर रही हैं। 11 मिलियन डॉलर की यह फंडिंग अनिकट के प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 का एक हिस्सा है, जो भारतीय उद्यमों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय संसाधन बन रहा है।

Read More : Licious ने My Chicken and More का किया अधिग्रहण

Licious ने My Chicken and More का किया अधिग्रहण

Licious

भारत की प्रमुख D2C (Direct-to-Consumer) मीट और सीफूड ब्रांड Licious ने बेंगलुरु स्थित ऑफलाइन रिटेलर My Chicken and More का अधिग्रहण किया है। इस सौदे की राशि का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह कदम Licious की ओम्निचैनल (ऑनलाइन और ऑफलाइन) उपस्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। Licious पहले से ही 4 मिलियन घरों तक अपनी डिजिटल कॉमर्स सेवाएं पहुंचा चुका है, और अब My Chicken and More की 23 स्टोर्स के साथ, Licious अपनी फिजिकल रिटेल उपस्थिति को 26 बिक्री केंद्रों तक बढ़ा सकेगा।

My Chicken and More: एक तेजी से बढ़ती ब्रांड

My Chicken and More बेंगलुरु के उपभोक्ताओं के बीच अपने इन-स्टोर अनुभव के लिए जाना जाता है। 2021 से 2023 के बीच, इस ब्रांड ने अपने आउटलेट्स की संख्या 10 से बढ़ाकर 23 कर ली, और 2023 में इसका कुल राजस्व 110 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह ब्रांड सालाना 1.6 से 1.8 मिलियन ऑर्डर प्रोसेस करने का दावा करता है। कुछ स्टोर्स में मासिक फुटफॉल (ग्राहकों की संख्या) 10,000 से 12,000 तक रहती है, जो इसकी लोकप्रियता और गुणवत्ता को दर्शाता है।

Licious: ऑनलाइन से ऑफलाइन की ओर कदम

Licious की स्थापना 2015 में अभय हांजुरा और विवेक गुप्ता ने की थी। कंपनी ने मीट, सीफूड और रेडी-टू-कुक प्रोडक्ट्स के लिए भारत में 25 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। इस अधिग्रहण के जरिए, Licious का मकसद अपने डिजिटल कारोबार के साथ-साथ फिजिकल स्टोर्स के माध्यम से भी उपभोक्ताओं तक पहुंचना है। Licious के पास अब अपने उत्पादों की बिक्री के लिए दोनों प्लेटफॉर्म होंगे, जिससे यह अपने ग्राहकों को एक व्यापक और सहज अनुभव प्रदान कर सकेगा।

Liciousके वित्तीय आंकड़े और विकास की कहानी

Licious की यात्रा में वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) महत्वपूर्ण रहा। हालांकि, कंपनी को बड़े निवेश प्राप्त हुए, लेकिन इसका ऑपरेटिंग इनकम केवल 9.6% की मामूली वृद्धि के साथ 747.7 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जो FY22 में 682.5 करोड़ रुपये था। वहीं, इसके नुकसान में भी वृद्धि हुई और FY23 में 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 485 करोड़ रुपये था।

Licious की फंडिंग और यूनिकॉर्न बनने की कहानी

Licious ने अक्टूबर 2021 में IIFL AMC के लेट स्टेज टेक फंड से 52 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की और उसके बाद यह कंपनी यूनिकॉर्न बन गई। उसी साल, इसे सीरीज F राउंड में 192 मिलियन डॉलर का निवेश भी प्राप्त हुआ। अब तक, Licious ने कुल 490 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिससे यह मीट और सीफूड सेगमेंट में सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन चुकी है।

इन्फिनिटी: Licious की लॉयल्टी प्रोग्राम

Licious का प्रमुख लॉयल्टी प्रोग्राम Infiniti भी कंपनी के व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस प्रोग्राम के 2 लाख साप्ताहिक सक्रिय सब्सक्राइबर्स हैं, जो कंपनी के मासिक व्यापार का 58% योगदान करते हैं। यह लॉयल्टी प्रोग्राम कंपनी के ग्राहकों को अपने साथ बनाए रखने में मदद करता है और यह उनकी ब्रांडिंग को भी मजबूत करता है।

My Chicken and More का अधिग्रहण क्यों है महत्वपूर्ण?

My Chicken and More का अधिग्रहण Licious के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह कदम कंपनी को सिर्फ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निर्भर रहने से अलग करता है। अब कंपनी के पास ऑफलाइन रिटेल नेटवर्क भी होगा, जिससे उसे और अधिक ग्राहकों तक पहुंचने और अपने व्यवसाय को और विस्तारित करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, My Chicken and More के स्टोर्स में मिलने वाले इन-स्टोर अनुभव से ग्राहकों को बेहतर सेवा मिल सकेगी।

Licious की ओम्निचैनल रणनीति

Licious की ओम्निचैनल रणनीति से यह स्पष्ट है कि कंपनी अब सिर्फ डिजिटल तक सीमित नहीं रहना चाहती। कंपनी अब एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाकर अपनी सेवाओं को फिजिकल रिटेल नेटवर्क के जरिए भी बढ़ा रही है। इससे कंपनी को उन ग्राहकों तक भी पहुंचने में मदद मिलेगी, जो ऑनलाइन खरीदारी में रुचि नहीं रखते, लेकिन फिजिकल स्टोर्स से खरीदारी करना पसंद करते हैं।

भविष्य की योजनाएं

Licious का लक्ष्य अधिग्रहण के बाद अपने उत्पाद पोर्टफोलियो और वितरण नेटवर्क को और मजबूत करना है। कंपनी आने वाले समय में और अधिक शहरों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, Licious ने अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और ग्राहकों की संतुष्टि को हमेशा प्राथमिकता दी है, और इस अधिग्रहण से वह अपने ग्राहकों के लिए और भी बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए तत्पर है।

निष्कर्ष

Licious द्वारा My Chicken and More का अधिग्रहण एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इसे भारतीय मीट और सीफूड बाजार में और अधिक मजबूत स्थिति में लाएगा। डिजिटल और फिजिकल दोनों प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने ग्राहकों तक पहुंचकर, Licious अपनी ओम्निचैनल रणनीति के जरिए अपनी मार्केट उपस्थिति को और व्यापक बनाने के लिए तैयार है। कंपनी के संस्थापकों की दूरदर्शिता और निवेशकों का विश्वास इसे और भी ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

Read More : Perceptyne: AI-आधारित रोबोटिक्स स्टार्टअप ने जुटाए $3 मिलियन

Perceptyne: AI-आधारित रोबोटिक्स स्टार्टअप ने जुटाए $3 मिलियन

Perceptyne

Perceptyne, एक गहरे तकनीकी (deep tech) और AI-आधारित रोबोटिक्स स्टार्टअप, ने अपने सीड फंडिंग राउंड में $3 मिलियन जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Endiya Partners और Yali Capital ने किया, जिसमें Whiteboard Capital और कुछ प्रमुख एंजल निवेशकों ने भी भाग लिया। इस फंडिंग का उपयोग कंपनी अपने प्रोडक्ट डेवलपमेंट, कस्टमर एक्विजिशन और ग्रोथ में तेजी लाने के लिए करेगी। Perceptyne वर्तमान में ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ घनिष्ठता से काम कर रही है।

Percept yne की शुरुआत और संस्थापक

Perceptyne की स्थापना तीन संस्थापकों – रवितेजा शिवुकुला, जग्गा राजू नडिंपल्ली, और मृत्युंजय नडिमिंती ने की। ये सभी संस्थापक गहरी तकनीकी पृष्ठभूमि से आते हैं और रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उनकी तकनीकी क्षमता और इनोवेशन के लिए दृष्टिकोण ने इस स्टार्टअप को एक मजबूत नींव प्रदान की है। उनकी सोच है कि AI और रोबोटिक्स के माध्यम से उन कार्यों को स्वचालित किया जा सके, जिन्हें अभी तक केवल मनुष्यों द्वारा किया जाता था।

Perceptyne की प्रमुख टेक्नोलॉजी

Perceptyne का मुख्य फोकस AI और रोबोटिक्स को मिलाकर एक ऐसी प्रणाली तैयार करना है, जो मानवीय कौशल और चपलता के साथ काम कर सके। कंपनी का दावा है कि उनके उत्पाद जैसे PR-34D और PR-9D, जो क्रमशः ड्यूल-आर्म और सिंगल-आर्म रोबोट्स हैं, मैन्युफैक्चरिंग और असेंबली लाइन जैसे कार्यों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त हैं। ये रोबोट कंप्यूटर विज़न, मल्टी-मोडल सेंसिंग और उन्नत एंड-इफेक्टर्स के साथ आते हैं, जो उन्हें विभिन्न कार्यों के लिए अत्यधिक सक्षम बनाते हैं।

PR-34D और PR-9D: रोबोटिक्स में क्रांति

Perceptyne के इन फ्लैगशिप उत्पादों का डिज़ाइन विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग उद्योग के लिए किया गया है। इन रोबोट्स को इस प्रकार से बनाया गया है कि वे उत्पाद असेंबली और पैकेजिंग जैसे कार्यों में मानवीय दक्षता के साथ काम कर सकें। AI द्वारा संचालित होने के कारण ये रोबोट जटिल और सूक्ष्म कार्यों को भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं, जिससे मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में गति और सटीकता दोनों बढ़ती हैं।

कंपनी की योजना और भविष्य की रणनीति

फंडिंग के बाद, Perceptyne अब अपने उत्पादों को और उन्नत करने, नए ग्राहकों को जोड़ने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने की योजना बना रहा है। कंपनी वर्तमान में ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग दिग्गजों के साथ काम कर रही है, और आने वाले समय में अन्य उद्योगों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने का लक्ष्य रखती है।

निवेशकों की भूमिका

Endiya Partners और Yali Capital जैसे प्रमुख निवेशकों का इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व करना दर्शाता है कि Perceptyne का व्यवसाय मॉडल और तकनीक निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। Whiteboard Capital और अन्य एंजल निवेशकों ने भी इस स्टार्टअप के भविष्य को लेकर अपने विश्वास को व्यक्त किया है। इस निवेश से यह स्पष्ट है कि रोबोटिक्स और AI का संयोजन आने वाले समय में और अधिक महत्वपूर्ण होने वाला है।

मैन्युफैक्चरिंग उद्योग पर प्रभाव

Perceptyne के उत्पाद मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। असेंबली लाइन में दक्षता और स्वचालन को बढ़ाने के साथ-साथ, ये रोबोट कंपनियों के लिए लागत को भी कम कर सकते हैं। मानव श्रम की जगह स्वचालित मशीनों का इस्तेमाल करना मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को तेज बनाता है और उत्पादन में त्रुटियों को भी कम करता है।

AI और रोबोटिक्स का भविष्य

Perceptyne जैसे स्टार्टअप्स यह दिखा रहे हैं कि भविष्य में AI और रोबोटिक्स का मेल एक नई क्रांति ला सकता है। न केवल बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग बल्कि अन्य उद्योगों में भी इस तकनीक का विस्तार किया जा सकता है। Perceptyne की तकनीक उन क्षेत्रों में भी काम आ सकती है जहां जटिल और संवेदनशील कार्यों की आवश्यकता होती है।

कंपनी का वित्तीय पक्ष

Perceptyne ने अपने सीड राउंड में $3 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, जो इसके विकास के शुरुआती चरण के लिए एक महत्वपूर्ण राशि है। यह फंडिंग कंपनी के लिए प्रोडक्ट डेवलपमेंट, ग्राहक जोड़ने और अपने मार्केट विस्तार को मजबूत करने में मदद करेगी। इसके संस्थापक का कहना है कि यह निवेश उन्हें अपने AI और रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत बनाने में सक्षम बनाएगा।

निष्कर्ष

Perceptyne का उदय AI और रोबोटिक्स के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति का संकेत है। कंपनी का उद्देश्य उन कार्यों को स्वचालित करना है, जिन्हें अभी तक केवल मनुष्यों द्वारा ही किया जा सकता था। संस्थापकों की दूरदृष्टि और निवेशकों का समर्थन इस स्टार्टअप को भविष्य में और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

Read More :UPI का नया रिकॉर्ड: सितंबर 2024 में 15 बिलियन ट्रांजैक्शन के पार

Muybridge नॉर्वे की डीपटेक स्टार्टअप ने जुटाए €8 मिलियन

Muybridge

फॉर्नेबू, नॉर्वे स्थित डीपटेक स्टार्टअप Muybridge ने हाल ही में अपने नवीनतम फंडिंग राउंड में €8 मिलियन (लगभग ₹70 करोड़) की फंडिंग जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व Fairpoint Capital ने किया, जिसमें RunwayFBU, Idekapita, Vikingstad Invest, और कुछ एंजेल निवेशकों ने भी भाग लिया। कंपनी इस फंड का उपयोग अपने इमेजिंग प्लेटफार्म को विस्तार करने और इसे स्पोर्ट्स, ब्रॉडकास्टिंग, सर्विलांस और एंटरप्राइज कम्युनिकेशन जैसे विभिन्न बाज़ारों में लाने के लिए करेगी।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

Muybridge की स्थापना 2020 में हाकॉन एस्पेलैंड और आंडर्स टोमरन ने की थी। कंपनी का मुख्य उद्देश्य इमेजिंग तकनीक को नए स्तर पर ले जाना है। उन्होंने एक अत्याधुनिक इमेजिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जो सामान्य कैमरों को सॉफ्टवेयर में बदल देता है। इसका आधार एक मल्टी-कैमरा सिस्टम है, जो हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेज सेंसर और हार्डवेयर आर्किटेक्चर के साथ जुड़ा हुआ है। यह प्लेटफार्म वीडियो प्रोसेसिंग और सेंसर फ्यूजन एप्लीकेशन में अत्यधिक सक्षम है, जिससे रियल-टाइम वर्चुअल कैमरा मूवमेंट्स और अनंत विस्तार योग्य कवरेज प्रदान की जा सकती है।

फंडिंग का महत्व और उद्देश्य

€8 मिलियन की इस फंडिंग से Muybridge को अपने इमेजिंग प्लेटफार्म को विभिन्न इंडस्ट्रीज में लाने का अवसर मिलेगा। कंपनी का मुख्य ध्यान स्पोर्ट्स, ब्रॉडकास्टिंग, सर्विलांस और एंटरप्राइज कम्युनिकेशन पर है। इस प्लेटफार्म की खासियत यह है कि यह बहुत ही कम भौतिक स्थान में अत्यधिक प्रभावी कैमरा मूवमेंट और इमेज प्रोसेसिंग प्रदान करता है। यह उन क्षेत्रों में बहुत ही उपयोगी है जहां कैमरों के स्थान और दृष्टिकोण को बार-बार बदलने की आवश्यकता होती है, जैसे कि लाइव स्पोर्ट्स कवरेज और ब्रॉडकास्टिंग।

तकनीकी क्षमताएं और नवाचार

Muybridge का यह इमेजिंग प्लेटफॉर्म विशेष रूप से मल्टी-कैमरा सिस्टम पर आधारित है, जो लगातार उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेज सेंसर से युक्त होता है। इस सिस्टम के जरिए, यह प्लेटफॉर्म बेहद कम जगह में रियल-टाइम इमेज प्रोसेसिंग और वर्चुअल कैमरा मूवमेंट्स को साकार करता है। यह तकनीक न केवल इमेजिंग के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है, बल्कि यह उन कंपनियों और संगठनों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है, जो विजुअल डेटा को अधिक सटीक और प्रभावी तरीके से प्रबंधित करना चाहते हैं।

विस्तार की योजना और नए बाज़ारों में प्रवेश

Muybridge की योजना है कि इस फंडिंग के जरिए वे न केवल अपनी तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाएं, बल्कि नए बाज़ारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। स्पोर्ट्स और ब्रॉडकास्टिंग के अलावा, कंपनी सर्विलांस और एंटरप्राइज कम्युनिकेशन में भी अपनी तकनीक को लागू करने की योजना बना रही है। सर्विलांस के क्षेत्र में, यह प्लेटफार्म सुरक्षा एजेंसियों और संगठनों को बेहतर और सटीक विजुअल डेटा प्रदान करने में मदद कर सकता है, जबकि एंटरप्राइज कम्युनिकेशन के क्षेत्र में यह प्लेटफार्म संगठनों को उनकी आंतरिक और बाहरी कम्युनिकेशन जरूरतों के लिए अधिक प्रभावी समाधान प्रदान करेगा।

फाउंडर्स और उनकी दूरदर्शिता

Muybridge के फाउंडर्स हाकॉन एस्पेलैंड और आंडर्स टोमरन दोनों ही तकनीक और इमेजिंग के क्षेत्र में विशेष अनुभव रखते हैं। दोनों का मानना है कि इमेजिंग तकनीक में अभी भी बहुत सारे नवाचारों की गुंजाइश है, और यही वजह है कि उन्होंने इस प्लेटफार्म को विकसित किया। उनका उद्देश्य केवल बेहतर इमेजिंग समाधान देना नहीं है, बल्कि एक ऐसी तकनीक बनाना है जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार हो और जो समय के साथ और भी उन्नत हो सके।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

Muybridge ने हाल ही में जो €8 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, वह उनकी विकास योजनाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे कंपनी को न केवल अपने इमेजिंग प्लेटफार्म को और उन्नत बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि वे अपनी टीम को भी बढ़ाने और नए मार्केट्स में विस्तार करने में सक्षम होंगे। कंपनी के वित्तीय स्थिति को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि Muybridge ने अपने विकास की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है। इस फंडिंग से उन्हें अपनी तकनीक को और भी बेहतर बनाने और नए साझेदारियों के अवसर प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

आगे की योजनाएं

Muybridge की भविष्य की योजनाओं में अधिक से अधिक इंडस्ट्रीज को कवर करना शामिल है। वे स्पोर्ट्स, ब्रॉडकास्टिंग और सर्विलांस के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी अपने इमेजिंग प्लेटफार्म का उपयोग करने की संभावना देख रहे हैं। कंपनी का लक्ष्य है कि उनकी तकनीक का उपयोग हर उस क्षेत्र में हो सके, जहां इमेजिंग और वीडियो प्रोसेसिंग की जरूरत होती है।

निष्कर्ष

Muybridge ने अपने तकनीकी नवाचारों और विस्तार की योजनाओं के जरिए डीपटेक इमेजिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। कंपनी की फंडिंग और उनके फाउंडर्स की दूरदर्शिता यह साबित करती है कि वे आने वाले समय में और भी बड़े और उन्नत प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे। इस फंडिंग से उन्हें अपनी योजनाओं को साकार करने और नए बाजारों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में मदद मिलेगी।

Read More : साइप्रस में सबसे बड़ा टेक इवेंट – तीसरा हैकाथॉन 2024

Zypp Electric ने $14 मिलियन जुटाए, FY24 में कुल राजस्व 300 करोड़ रुपये से अधिक

Zypp Electric

गुरुग्राम स्थित बी2बी डिलीवरी और साझा मोबिलिटी स्टार्टअप Zypp Electric ने वित्तीय वर्ष 2024 के अंत में $14 मिलियन (लगभग 115 करोड़ रुपये) की धनराशि जुटाई है। यह कंपनी की तेज़ी से बढ़ती विकास दर का परिणाम है, जो त्वरित वाणिज्य (क्विक कॉमर्स) और फूड डिलीवरी सेक्टर के विस्तार से प्रेरित है। Zypp Electric का राजस्व FY24 में 2.6 गुना बढ़कर 300 करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।

Zypp Electric कंपनी के बारे में

Zypp Electric की स्थापना 2017 में आकाश गुप्ता और राशी अग्रवाल ने की थी। यह एक इलेक्ट्रिक व्हीकल-एज-ए-सर्विस (EV-as-a-service) प्लेटफ़ॉर्म है, जो इलेक्ट्रिक स्कूटर रेंटल्स और डिलीवरी सेवाओं की पेशकश करता है। कंपनी विशेष रूप से गिग वर्कर्स को अपने बेड़े के माध्यम से डिलीवरी सेवाएं प्रदान करती है। Zypp Electric के पास वर्तमान में लगभग 22,000 सक्रिय वाहन हैं, जिनमें से 15,000 दिल्ली एनसीआर, 4,000 बेंगलुरु, और 1,200 मुंबई में चल रहे हैं।

फंडिंग का महत्व

$14 मिलियन की यह नवीनतम फंडिंग Zypp Electric की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस धनराशि का उपयोग कंपनी अपनी टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने, नए क्षेत्रों में विस्तार करने और नए वाहनों को अपने बेड़े में जोड़ने के लिए करेगी। कंपनी की योजना है कि आने वाले वर्षों में न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने EV-as-a-service मॉडल का विस्तार किया जाए।

Zypp Electric का लक्ष्य है कि वे अपने स्कूटर बेड़े को आने वाले वर्षों में और भी बड़ा बनाएं। इससे न केवल गिग वर्कर्स के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेवाओं की तेज़ी से होती मांग को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।

FY24 की वित्तीय स्थिति

Zypp Electric की कुल आय FY24 में 293 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो FY23 में 109 करोड़ रुपये थी। कंपनी की वृद्धि के साथ-साथ खर्चों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई। कुल खर्च FY24 में 2.6 गुना बढ़कर 394 करोड़ रुपये हो गया, जबकि FY23 में यह 152 करोड़ रुपये था। कर्मचारियों के लाभ और किराए की मरम्मत पर खर्च FY24 में क्रमशः 2.1 गुना और 3.9 गुना बढ़ गया।

कंपनी के संस्थापक

Zypp Electric के संस्थापकों, आकाश गुप्ता और राशी अग्रवाल, ने यह कंपनी एक उद्देश्य के साथ शुरू की थी कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से स्थायी और किफायती डिलीवरी सेवाएं प्रदान की जा सकें। दोनों संस्थापक भारत में ईवी अपनाने को बढ़ावा देने और पर्यावरण अनुकूल समाधानों को प्रमुखता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

फंडिंग और विस्तार

Zypp Electric द्वारा जुटाई गई $14 मिलियन की फंडिंग कंपनी की भविष्य की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस नई फंडिंग का उपयोग कंपनी के विस्तार, संचालन और अधिक वाहनों के बेड़े में किया जाएगा। इसके साथ ही, कंपनी नई तकनीकों और डिलीवरी मॉडल्स को अपनाने के लिए अपने R&D (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) में निवेश करने की योजना बना रही है।

व्यय का विवरण

कंपनी ने FY24 में 394 करोड़ रुपये का कुल व्यय दर्ज किया, जिसमें से 274 करोड़ रुपये ‘अन्य खर्चों’ के रूप में सूचीबद्ध किए गए हैं। इन खर्चों में राइडर्स को भुगतान, कानूनी शुल्क, विज्ञापन और अन्य परिचालन खर्च शामिल होने की संभावना है। Zypp Electric की संचालन लागत में तेजी से वृद्धि इसके विस्तार और डिलीवरी नेटवर्क में बढ़ोतरी का संकेत देती है।

निष्कर्ष

Zypp Electric का विकास एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे एक स्टार्टअप अपनी सेवाओं को विस्तार देकर और नवीन समाधानों का उपयोग करके सफलता प्राप्त कर सकता है। $14 मिलियन की फंडिंग से कंपनी को अपने ऑपरेशंस को और मजबूत करने का मौका मिलेगा। कंपनी का फोकस न केवल सस्टेनेबल डिलीवरी सेवाओं पर है, बल्कि गिग वर्कर्स और पर्यावरण दोनों के लिए दीर्घकालिक फायदे देने पर भी है।

Read More : Millenium Babycares ने जुटाए 122 करोड़ रुपये

The Good Glamm Group ने Sirona Hygiene को 450 करोड़ रुपये में किया अधिग्रहित

Sirona Hygiene

सिरोना हाइजीन का परिचय
The Good Glamm Group ने हाल ही में एक बड़ी डील के तहत Sirona Hygiene का अधिग्रहण 450 करोड़ रुपये (लगभग 60 मिलियन डॉलर) में किया है। यह अधिग्रहण खास इसलिए है क्योंकि यह भारत में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) सेक्टर में सबसे बड़ी नकद डील में से एक है, खासकर महिलाओं की स्वास्थ्य और स्वच्छता (फेमटेक) से जुड़े क्षेत्र में। सिरोना की स्थापना 2015 में दीप बजाज और मोहित बजाज द्वारा की गई थी। यह कंपनी महिलाओं की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नवाचारी उत्पाद बनाती है, जैसे PeeBuddy, हर्बल पीरियड पेन पैच, मेंस्ट्रुअल कप, और एंटी-चैफिंग रैश क्रीम।

संस्थापकों की भूमिका और इस्तीफे
इस अधिग्रहण के बाद, सिरोना के सह-संस्थापक दीप बजाज और मोहित बजाज ने अपने सक्रिय पदों से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले इस साल की शुरुआत में ही उन्होंने सक्रिय भूमिकाओं से हटने का निर्णय लिया था और अब वे डायरेक्टर के पद से भी इस्तीफा दे चुके हैं। यह अधिग्रहण सिरोना के कर्मचारियों के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ है, क्योंकि उनके एस्क्लेटेड ESOP (कर्मचारियों के शेयर स्वामित्व योजना) वेस्टिंग के तहत पहले से आर्थिक लाभ मिला है।

अधिग्रहण की चुनौतियां और कानूनी विवाद
हालांकि इस अधिग्रहण के साथ कुछ विवाद भी जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, सिरोना के सह-संस्थापकों के साथ-साथ The Moms Co और Indian Angel Network (IAN) ने The Good Glamm Group के खिलाफ कानूनी नोटिस दायर किया है। उनका आरोप है कि कंपनी ने अधिग्रहण से संबंधित अंतिम भुगतान समय पर नहीं किया। इस मामले में क्या परिणाम होगा, यह अभी देखा जाना बाकी है।

सिरोना का विकास और उत्पाद
सिरोना महिलाओं के जीवन के विभिन्न चरणों—जैसे किशोरावस्था से लेकर रजोनिवृत्ति तक—के लिए विशेष उत्पाद प्रदान करता है। कंपनी ने कई नवाचारी और महिलाओं की दैनिक समस्याओं का समाधान करने वाले उत्पादों को बाजार में उतारा है। इनमें सबसे प्रमुख हैं PeeBuddy, जो महिलाओं को खड़े होकर पेशाब करने की सुविधा देता है, हर्बल पीरियड पेन पैच, जो पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करते हैं, मेंस्ट्रुअल कप, पीरियड स्टेन रिमूवर्स, और सैनिटरी डिस्पोजल बैग। सिरोना के उत्पादों ने महिलाओं के स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

The Good Glamm Group के अधिग्रहण की रणनीति
The Good Glamm Group, जो कंटेंट-टू-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, ने सिरोना को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करके अपने फेमटेक सेगमेंट को और मजबूत किया है। इस अधिग्रहण के साथ कंपनी का उद्देश्य महिलाओं की स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित समाधान को व्यापक बनाना है। कंपनी पहले से ही महिलाओं के लिए विभिन्न श्रेणियों में प्रोडक्ट्स और सेवाएं प्रदान कर रही है, और सिरोना के अधिग्रहण से वह अपनी पहुंच और प्रभाव को और बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।

वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाएं
यह अधिग्रहण The Good Glamm Group की वित्तीय ताकत को भी दर्शाता है, जो हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है। सिरोना की टीम को इस अधिग्रहण से काफी वित्तीय लाभ मिला है, खासकर एस्क्लेटेड ESOP वेस्टिंग के माध्यम से। इसके साथ ही, कंपनी अब महिला-स्वास्थ्य और स्वच्छता उत्पादों में और अधिक नवाचार लाने की योजना बना रही है।

सिरोना के कर्मचारियों के लिए अवसर
अधिग्रहण के साथ सिरोना के कर्मचारियों को तेजी से आर्थिक लाभ मिला है। ESOP के तहत उन्हें अपने शेयर पहले से वेस्ट करने का अवसर मिला, जिससे उन्हें वित्तीय लाभ भी मिला। यह अधिग्रहण कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है, खासकर एक ऐसे समय में जब स्टार्टअप्स में एक्सिट और वित्तीय लाभ हमेशा आसान नहीं होता।

फेमटेक में सिरोना का योगदान
सिरोना ने भारत के फेमटेक स्पेस में अपनी पहचान बनाई है। कंपनी के नवाचारी उत्पाद, जैसे PeeBuddy और हर्बल पीरियड पेन पैच, ने महिलाओं की स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़े मुद्दों का समाधान करने में अहम भूमिका निभाई है। कंपनी के उत्पाद भारत में लाखों महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं, और The Good Glamm Group के साथ जुड़ने के बाद इसका प्रभाव और भी बढ़ेगा।

निष्कर्ष
इस अधिग्रहण से The Good Glamm Group को महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़े फेमटेक स्पेस में अपने प्रभाव को और बढ़ाने का अवसर मिलेगा। सिरोना के उत्पादों के साथ, कंपनी महिलाओं के लिए और अधिक नवाचारी समाधान लाने की दिशा में काम करेगी।

Read more : Mobility फर्म Rapido $60 मिलियन जुटाने की तैयारी में

Mobility फर्म Rapido $60 मिलियन जुटाने की तैयारी में,

Rapido

भारत की प्रमुख मूविलिटी कंपनी Rapido जल्द ही $60 मिलियन जुटाने की प्रक्रिया में है। यह राशि Prosus से मुख्य रूप से प्राइमरी और सेकेंडरी कैपिटल के मिश्रण के रूप में प्राप्त होगी। तीन सूत्रों के अनुसार, यह निवेश रैपिडो के चल रहे $200 मिलियन फंडिंग राउंड का हिस्सा होगा।

Prosus का निवेश और फंडिंग राउंड का विस्तार

एक सूत्र के अनुसार, Prosus रैपिडो में $60 मिलियन की हिस्सेदारी खरीदेगा। इस डील के नियमों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इससे रैपिडो के शुरुआती निवेशकों को आंशिक निकासी का मौका भी मिलेगा।” यह डील Rapido की वित्तीय रणनीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे कंपनी के भविष्य के विकास को समर्थन मिलेगा।

इससे पहले, रैपिडो ने WestBridge Capital से अपने सीरीज E फंडिंग राउंड में $120 मिलियन पहले ही प्राप्त किए हैं। यह निवेश सेटू AIF और Konark जैसे निवेश वाहनों के जरिए किया गया था।

फंडिंग राउंड के पूरा होने की प्रक्रिया

सूत्रों के अनुसार, Prosus के $60 मिलियन के साथ रैपिडो का सीरीज E फंडिंग राउंड पूरा हो जाएगा। एक अन्य सूत्र ने बताया, “Prosus के निवेश के बाद रैपिडो का सीरीज E राउंड सफलतापूर्वक संपन्न हो जाएगा।”

इस फंडिंग के बाद कंपनी के विकास और विस्तार की योजनाएं मजबूत होंगी, जिससे रैपिडो के बाजार में पकड़ और अधिक मजबूत हो जाएगी। हालांकि, सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि कंपनी का मूल्यांकन इस दौर के बाद भी अपरिवर्तित रहेगा।

रैपिडो का मूल्यांकन और पहले के निवेश

रैपिडो का अनुमानित मूल्यांकन TheKredible के आंकड़ों के अनुसार लगभग $1.02 बिलियन है। यह मूल्यांकन पहले के सीरीज E राउंड के दौरान तय किया गया था, जो पूरी तरह से WestBridge Capital के जरिए फंड किया गया था। इस नए निवेश के बाद, कंपनी की वैल्यूएशन को कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि Prosus का निवेश कंपनी के वर्तमान विकास पर केंद्रित है।

कंपनी का परिचय

रैपिडो एक प्रमुख मूविलिटी फर्म है, जो बाइक टैक्सी सेवाओं और अन्य शहरी परिवहन समाधानों के लिए जानी जाती है। कंपनी का लक्ष्य तेज, सस्ती और सुरक्षित यात्रा सेवाएं प्रदान करना है। भारत के कई शहरों में अपनी सेवा के विस्तार के बाद, रैपिडो ने अपने उपयोगकर्ता आधार और सेवा की गुणवत्ता में लगातार सुधार किया है।

संस्थापक और कंपनी का नेतृत्व

रैपिडो की स्थापना 2015 में अरविंद संका, पवन गुंटुपल्ली, और आरविंदर सिंह द्वारा की गई थी। कंपनी के संस्थापकों का मानना है कि शहरी परिवहन की समस्याओं का समाधान बाइक टैक्सी सेवाओं के जरिए किया जा सकता है, जिससे यातायात के बढ़ते बोझ को कम किया जा सके। रैपिडो ने भारत के कई शहरों में अपनी सेवाओं का विस्तार किया है और यह तेजी से बढ़ती मूविलिटी कंपनियों में से एक बन चुकी है।

फंडिंग और वित्तीय स्थिति

रैपिडो ने अपने विकास के विभिन्न चरणों में कई महत्वपूर्ण निवेशकों से फंडिंग प्राप्त की है। WestBridge Capital और अब Prosus के साथ, कंपनी ने $200 मिलियन की बड़ी फंडिंग हासिल की है। इसके पहले दौर में, रैपिडो ने $120 मिलियन जुटाए थे, जो कंपनी के सेवा विस्तार और तकनीकी उन्नति में मददगार साबित हुए। अब, Prosus के साथ यह फंडिंग राउंड पूरा होने के बाद, रैपिडो के पास और अधिक संसाधन होंगे ताकि वे नए बाजारों में प्रवेश कर सकें और अपनी सेवाओं में सुधार कर सकें।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएं

इस फंडिंग का उपयोग कंपनी के सेवा विस्तार, तकनीकी सुधार, और उपयोगकर्ता अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। रैपिडो के पास पहले से ही कई भारतीय शहरों में एक मजबूत उपस्थिति है, और अब यह कंपनी छोटे शहरों और कस्बों में भी अपनी सेवा का विस्तार करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, रैपिडो अपने बाइक टैक्सी सेवा को अन्य वाहनों और सेवाओं के साथ जोड़ने पर भी विचार कर रही है, ताकि ग्राहकों को विविध परिवहन विकल्प मिल सकें।

निष्कर्ष

रैपिडो ने अपने सीरीज E फंडिंग राउंड में Prosus के $60 मिलियन के निवेश के साथ एक और मील का पत्थर हासिल किया है। इस फंडिंग से कंपनी को अपने व्यापार को और विस्तार देने और शहरी परिवहन के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूने का अवसर मिलेगा। संस्थापकों के नेतृत्व में, रैपिडो ने एक मजबूत बाजार उपस्थिति बनाई है, और आने वाले समय में यह कंपनी भारतीय परिवहन क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Read more : Social Hardware ने जुटाए 3.2 करोड़ रुपये

Social Hardware ने जुटाए 3.2 करोड़ रुपये

Social Hardware

बेंगलुरु स्थित इनोवेशन स्टार्टअप सोशल हार्डवेयर ने अपनी सीड फंडिंग राउंड में 3.2 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Inflection Point Ventures ने किया, जिसमें Ivyleague Ventures और Soonicorn Ventures ने भी भाग लिया। इस धनराशि का उपयोग स्टार्टअप के विकास, बाजार रणनीतियों, मार्केटिंग और बिक्री टीमों के विस्तार, एक अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास (R&D) सुविधा की स्थापना, इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं के विस्तार और R&D प्रयासों को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

Social Hardware कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

Social Hardware की स्थापना अभित कुमार, कैमरन नॉरिस, और राघवेंद्रन अरुणाचलम ने की थी। कंपनी का उद्देश्य सहायक उपकरण, बायोनिक्स, और फील्ड रोबोटिक्स का डिज़ाइन और विकास करना है। यह स्टार्टअप ख़ास तौर पर ऐसे टेली-ऑपरेटेड रोबोटिक सिस्टम बनाता है जो खतरनाक संचालन के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। सोशल हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, रक्षा, और एयरोस्पेस उद्योगों में काम करती है, जहाँ इसका मकसद सुरक्षा और परिचालन क्षमता को बढ़ाना है।

टीम और स्थान

सोशल हार्डवेयर वर्तमान में 17 सदस्यीय टीम के साथ काम करती है। बेंगलुरु में इसके दो मुख्य कार्यालय हैं – एक कॉर्पोरेट ऑफिस हेब्बल में और एक R&D सुविधा राजाजीनगर में। कंपनी के पास 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए 12 यूनिट्स की उत्पादन क्षमता है, जिसे वह 2026 तक बढ़ाकर 36 यूनिट्स तक पहुँचाने की योजना बना रही है।

वित्तीय विवरण और भविष्य की योजनाएँ

सोशल हार्डवेयर की यह फंडिंग कंपनी के विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी। फंडिंग से न केवल उसकी R&D क्षमताओं में वृद्धि होगी, बल्कि कंपनी अपने मार्केटिंग और बिक्री नेटवर्क को भी मजबूत करेगी। कंपनी की योजना है कि वह अगले वित्तीय वर्षों में उत्पादन क्षमता को तीन गुना करे और इसके साथ ही अपनी वार्षिक आय को बढ़ाकर लगभग 24.76 करोड़ रुपये तक पहुँचाए।

फंडिंग मिलने के बाद, सोशल हार्डवेयर अब अपने उत्पादों और सेवाओं का विस्तार करते हुए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी प्रवेश की योजना बना रही है। इसके साथ ही कंपनी ने एक उन्नत R&D केंद्र स्थापित करने की भी योजना बनाई है, जिससे रोबोटिक्स और सहायक उपकरणों के क्षेत्र में नए नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा।

सहायक उपकरण और बायोनिक्स में नवाचार

सोशल हार्डवेयर के उत्पादों की सूची में प्रमुख रूप से टेली-ऑपरेटेड रोबोटिक सिस्टम शामिल हैं, जो मुश्किल और खतरनाक वातावरण में कार्य करने के लिए तैयार किए गए हैं। कंपनी के इन रोबोटिक सिस्टम का उपयोग न केवल औद्योगिक कार्यों में बल्कि रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में भी किया जा रहा है। इन प्रणालियों के माध्यम से कंपनियाँ न केवल अपने परिचालन को कुशल बना सकती हैं बल्कि सुरक्षा मानकों को भी बढ़ा सकती हैं।

उद्योग और साझेदारियाँ

सोशल हार्डवेयर की नवाचारी तकनीक और उत्पादों के कारण यह कंपनी प्रमुख उद्योगों में अपनी पहचान बना रही है। इसका उद्देश्य रोबोटिक्स तकनीक के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित करना है। कंपनी ने विभिन्न साझेदारियों के माध्यम से अपने उत्पादों का विस्तार किया है और यह आने वाले समय में और भी नई साझेदारियाँ करने की योजना बना रही है।

फंडिंग से होने वाले प्रभाव

इस ताजा फंडिंग के साथ, सोशल हार्डवेयर अब अपनी विकास रणनीति को तेज़ी से लागू कर सकेगी। कंपनी की दीर्घकालिक योजनाओं में उत्पादन क्षमता का विस्तार और वैश्विक स्तर पर विस्तार शामिल हैं। इसके साथ ही, सोशल हार्डवेयर अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएँ प्रदान करने के लिए अपने तकनीकी प्लेटफार्मों को भी उन्नत करने का इरादा रखती है।

निष्कर्ष

सोशल हार्डवेयर का लक्ष्य है सहायक उपकरण और रोबोटिक्स के क्षेत्र में अग्रणी बनना और इस नए फंडिंग राउंड से कंपनी को अपने लक्ष्य तक पहुँचने में काफी मदद मिलेगी। कंपनी ने जो नवाचार और तकनीकी समाधान पेश किए हैं, वे आने वाले समय में उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं।

Read More : Onlygood.ai ने कार्बन प्रबंधन के लिए 4 करोड़ रुपये जुटाए

Onlygood.ai ने कार्बन प्रबंधन के लिए 4 करोड़ रुपये जुटाए

Onlygood.ai

Onlygood.ai, एक प्लेटफ़ॉर्म जो कार्बन प्रबंधन और स्थिरता रिपोर्टिंग को सरल बनाने पर केंद्रित है, ने सीड फंडिंग राउंड में 4 करोड़ रुपये (लगभग $500,000) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का सह-नेतृत्व IIT मद्रास इनक्यूबेशन सेल (IITMIC), गोयल ग्रुप, और डेमलर इंडिया कमर्शियल व्हीकल्स (DICV) ने किया। DICV ने इस फंडिंग में 1.5% इक्विटी हिस्सेदारी प्राप्त की है।

कंपनी का परिचय

Onlygood.ai की स्थापना 2022 में राजीव सिन्हा और विवेक मेहरा ने की थी। कंपनी का मुख्य उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन संकट का समाधान करना है। यह प्लेटफ़ॉर्म व्यवसायों को उनके कार्बन फुटप्रिंट को मापने, ट्रैक करने और उसे कम करने में मदद करता है, जिससे वे अधिक कुशल और स्थायी निर्णय ले सकें। Onlygood का प्रमुख उत्पाद है Decarb Navigator और Decarb X-celerator, जो कंपनियों को उनके डिकार्बोनाइजेशन यात्रा में सहयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

संस्थापकों की पृष्ठभूमि

राजीव सिन्हा और विवेक मेहरा दोनों ही पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल में गहरी रुचि रखते हैं। राजीव सिन्हा, जो एक अनुभवी इंजीनियर और टेक्नोलॉजिस्ट हैं, ने पहले भी कई तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म्स और सॉल्यूशंस विकसित किए हैं। विवेक मेहरा का अनुभव वित्तीय प्रबंधन और रणनीतिक विकास में है, जिससे कंपनी की संचालन क्षमता और आर्थिक स्थिरता को बल मिला है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

Onlygood.ai का मुख्य राजस्व मॉडल कंपनियों को उनके कार्बन फुटप्रिंट की निगरानी और रिपोर्टिंग में सहायता करने पर आधारित है। इस सीड फंडिंग राउंड में जुटाई गई 4 करोड़ रुपये की राशि कंपनी को अपने ऑपरेशंस को भारत और मध्य पूर्व में विस्तार करने में मदद करेगी। इसके साथ ही कंपनी 2024 में यूरोप में भी विस्तार की योजना बना रही है। इस फंडिंग का एक बड़ा हिस्सा टीम को सशक्त बनाने, उत्पाद सुविधाओं को सुधारने और तकनीकी ढांचे को मज़बूत करने में लगाया जाएगा।

उद्योग में Onlygood.ai की भूमिका

Onlygood.ai ने 2022 में अपने बीटा प्लेटफार्म की शुरुआत की और तब से Maruti-Suzuki और DICV जैसे बड़े उद्योग खिलाड़ियों के साथ साझेदारी की है। यह प्लेटफ़ॉर्म कंपनियों को BRSR, CSRD, और CBAM जैसे फ़ार्मेट में कार्बन रिपोर्टिंग के अनुपालन में मदद करता है। इसके अलावा, यह ऑटो-हुक्स फीचर्स प्रदान करता है जो कंपनियों को कानूनी अनुपालनों में सहयोग करते हैं, जिससे वे अपने स्थायित्व लक्ष्यों को अधिक आसानी से प्राप्त कर सकें।

विस्तार की योजना

Onlygood.ai अब अपने प्लेटफ़ॉर्म के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। कंपनी का उद्देश्य भारत और मध्य पूर्व में अपनी सेवाओं को और बढ़ाना है, साथ ही 2024 में यूरोप के बाजार में प्रवेश करना भी शामिल है। कंपनी की योजना नई तकनीकी क्षमताओं को जोड़ने और अपनी टीम का विस्तार करने की है ताकि वह अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सके।

Onlygood.ai की अनूठी विशेषताएँ

Onlygood का Decarb Navigator प्लेटफार्म उपयोगकर्ताओं को उनके कार्बन फुटप्रिंट को ट्रैक करने और रिपोर्ट तैयार करने में मदद करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म ऑटोमेटेड रिपोर्टिंग टूल्स, रणनीतिक मार्गदर्शन और कंप्लायंस मॉनिटरिंग फीचर्स प्रदान करता है, जिससे कंपनियां अपने कार्बन उत्सर्जन को प्रभावी ढंग से कम कर सकती हैं। Decarb Navigator की खास बात यह है कि यह कंपनियों को न केवल रिपोर्टिंग में मदद करता है, बल्कि उन्हें अधिक टिकाऊ बनने के लिए जरूरी कदम भी सुझाता है।

महत्वपूर्ण साझेदारियाँ

Onlygood.ai ने कई प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ साझेदारी की है, जिनमें Maruti-Suzuki और DICV प्रमुख हैं। इन साझेदारियों ने कंपनी को कार्बन प्रबंधन और स्थिरता के क्षेत्र में अपनी पकड़ मज़बूत करने में मदद की है। Onlygood का प्लेटफ़ॉर्म इन कंपनियों को उनके कार्बन उत्सर्जन को मापने और कम करने में सहायता प्रदान करता है, जिससे वे अपने पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल कर सकें।

भविष्य की संभावनाएँ

सस्टेनेबिलिटी और कार्बन प्रबंधन की बढ़ती मांग को देखते हुए, Onlygood.ai के पास एक बड़े पैमाने पर बढ़ने की संभावनाएँ हैं। कंपनी की तकनीकी विशेषज्ञता और उसके उत्पादों की उपयोगिता ने इसे इस क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी बना दिया है। इसके उत्पाद न केवल कंपनियों को कार्बन फुटप्रिंट रिपोर्टिंग में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें स्थायित्व के दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहयोग करते हैं।

निष्कर्ष

Onlygood.ai ने कार्बन प्रबंधन और स्थिरता रिपोर्टिंग के क्षेत्र में अपनी अनूठी सेवाओं और उत्पादों के माध्यम से एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। इसके संस्थापक राजीव सिन्हा और विवेक मेहरा की दूरदर्शिता और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता ने कंपनी को तेज़ी से विकास की दिशा में अग्रसर किया है। नवीनतम सीड फंडिंग से कंपनी को अपनी सेवाओं का विस्तार करने और तकनीकी ढांचे को और अधिक मजबूत करने में मदद मिलेगी।

Read More : Haber ने सीरीज C राउंड में 317.2 करोड़ रुपये जुटाए