Onlygood.ai, एक प्लेटफ़ॉर्म जो कार्बन प्रबंधन और स्थिरता रिपोर्टिंग को सरल बनाने पर केंद्रित है, ने सीड फंडिंग राउंड में 4 करोड़ रुपये (लगभग $500,000) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का सह-नेतृत्व IIT मद्रास इनक्यूबेशन सेल (IITMIC), गोयल ग्रुप, और डेमलर इंडिया कमर्शियल व्हीकल्स (DICV) ने किया। DICV ने इस फंडिंग में 1.5% इक्विटी हिस्सेदारी प्राप्त की है।
कंपनी का परिचय
Onlygood.ai की स्थापना 2022 में राजीव सिन्हा और विवेक मेहरा ने की थी। कंपनी का मुख्य उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन संकट का समाधान करना है। यह प्लेटफ़ॉर्म व्यवसायों को उनके कार्बन फुटप्रिंट को मापने, ट्रैक करने और उसे कम करने में मदद करता है, जिससे वे अधिक कुशल और स्थायी निर्णय ले सकें। Onlygood का प्रमुख उत्पाद है Decarb Navigator और Decarb X-celerator, जो कंपनियों को उनके डिकार्बोनाइजेशन यात्रा में सहयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
संस्थापकों की पृष्ठभूमि
राजीव सिन्हा और विवेक मेहरा दोनों ही पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल में गहरी रुचि रखते हैं। राजीव सिन्हा, जो एक अनुभवी इंजीनियर और टेक्नोलॉजिस्ट हैं, ने पहले भी कई तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म्स और सॉल्यूशंस विकसित किए हैं। विवेक मेहरा का अनुभव वित्तीय प्रबंधन और रणनीतिक विकास में है, जिससे कंपनी की संचालन क्षमता और आर्थिक स्थिरता को बल मिला है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति
Onlygood.ai का मुख्य राजस्व मॉडल कंपनियों को उनके कार्बन फुटप्रिंट की निगरानी और रिपोर्टिंग में सहायता करने पर आधारित है। इस सीड फंडिंग राउंड में जुटाई गई 4 करोड़ रुपये की राशि कंपनी को अपने ऑपरेशंस को भारत और मध्य पूर्व में विस्तार करने में मदद करेगी। इसके साथ ही कंपनी 2024 में यूरोप में भी विस्तार की योजना बना रही है। इस फंडिंग का एक बड़ा हिस्सा टीम को सशक्त बनाने, उत्पाद सुविधाओं को सुधारने और तकनीकी ढांचे को मज़बूत करने में लगाया जाएगा।
उद्योग में Onlygood.ai की भूमिका
Onlygood.ai ने 2022 में अपने बीटा प्लेटफार्म की शुरुआत की और तब से Maruti-Suzuki और DICV जैसे बड़े उद्योग खिलाड़ियों के साथ साझेदारी की है। यह प्लेटफ़ॉर्म कंपनियों को BRSR, CSRD, और CBAM जैसे फ़ार्मेट में कार्बन रिपोर्टिंग के अनुपालन में मदद करता है। इसके अलावा, यह ऑटो-हुक्स फीचर्स प्रदान करता है जो कंपनियों को कानूनी अनुपालनों में सहयोग करते हैं, जिससे वे अपने स्थायित्व लक्ष्यों को अधिक आसानी से प्राप्त कर सकें।
विस्तार की योजना
Onlygood.ai अब अपने प्लेटफ़ॉर्म के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। कंपनी का उद्देश्य भारत और मध्य पूर्व में अपनी सेवाओं को और बढ़ाना है, साथ ही 2024 में यूरोप के बाजार में प्रवेश करना भी शामिल है। कंपनी की योजना नई तकनीकी क्षमताओं को जोड़ने और अपनी टीम का विस्तार करने की है ताकि वह अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सके।
Onlygood.ai की अनूठी विशेषताएँ
Onlygood का Decarb Navigator प्लेटफार्म उपयोगकर्ताओं को उनके कार्बन फुटप्रिंट को ट्रैक करने और रिपोर्ट तैयार करने में मदद करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म ऑटोमेटेड रिपोर्टिंग टूल्स, रणनीतिक मार्गदर्शन और कंप्लायंस मॉनिटरिंग फीचर्स प्रदान करता है, जिससे कंपनियां अपने कार्बन उत्सर्जन को प्रभावी ढंग से कम कर सकती हैं। Decarb Navigator की खास बात यह है कि यह कंपनियों को न केवल रिपोर्टिंग में मदद करता है, बल्कि उन्हें अधिक टिकाऊ बनने के लिए जरूरी कदम भी सुझाता है।
महत्वपूर्ण साझेदारियाँ
Onlygood.ai ने कई प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ साझेदारी की है, जिनमें Maruti-Suzuki और DICV प्रमुख हैं। इन साझेदारियों ने कंपनी को कार्बन प्रबंधन और स्थिरता के क्षेत्र में अपनी पकड़ मज़बूत करने में मदद की है। Onlygood का प्लेटफ़ॉर्म इन कंपनियों को उनके कार्बन उत्सर्जन को मापने और कम करने में सहायता प्रदान करता है, जिससे वे अपने पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल कर सकें।
भविष्य की संभावनाएँ
सस्टेनेबिलिटी और कार्बन प्रबंधन की बढ़ती मांग को देखते हुए, Onlygood.ai के पास एक बड़े पैमाने पर बढ़ने की संभावनाएँ हैं। कंपनी की तकनीकी विशेषज्ञता और उसके उत्पादों की उपयोगिता ने इसे इस क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी बना दिया है। इसके उत्पाद न केवल कंपनियों को कार्बन फुटप्रिंट रिपोर्टिंग में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें स्थायित्व के दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहयोग करते हैं।
निष्कर्ष
Onlygood.ai ने कार्बन प्रबंधन और स्थिरता रिपोर्टिंग के क्षेत्र में अपनी अनूठी सेवाओं और उत्पादों के माध्यम से एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। इसके संस्थापक राजीव सिन्हा और विवेक मेहरा की दूरदर्शिता और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता ने कंपनी को तेज़ी से विकास की दिशा में अग्रसर किया है। नवीनतम सीड फंडिंग से कंपनी को अपनी सेवाओं का विस्तार करने और तकनीकी ढांचे को और अधिक मजबूत करने में मदद मिलेगी।
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