भारत का तेजी से उभरता wearable & health-tech ब्रांड Ultrahuman एक बार फिर सुर्खियों में है। कंपनी ने अपने लेटेस्ट फंडिंग राउंड में Alteria Capital से ₹100 करोड़ (लगभग $11.2 मिलियन) की वेंचर डेब्ट फंडिंग जुटाई है। यह फंड कंपनी को अपनी टेक्नोलॉजी को और मजबूत करने, नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करने और ग्लोबल मार्केट विस्तार में मदद करेगा। 💸🌍
Ultrahuman, जो अपने स्मार्ट रिंग, fitness trackers और metabolic health-tech solutions के लिए जाना जाता है, अब एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां फंडिंग, एक्सपेंशन और कानूनी चुनौतियाँ, तीनों एक साथ इसकी ग्रोथ कहानी को प्रभावित कर रही हैं।
🚀 फंडिंग से क्या बदलेगा? कंपनी की बड़ी योजनाएँ
कंपनी ने कहा कि यह ₹100 करोड़ की वेंचर डेब्ट मुख्य रूप से इस्तेमाल होगी:
- 🔧 Product Stack का विस्तार
- 🧠 Software-led revenue बढ़ाने
- 🤝 Sports और Research partnerships को मज़बूती देने
- 🌎 अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेज स्केलिंग
Ultrahuman पहले ही लगभग $71.2 मिलियन फंडिंग जुटा चुका है। इस लेटेस्ट इनफ्लो से कंपनी अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को और दमदार बनाना चाहती है, जिसमें स्मार्ट रिंग्स, continuous metabolic trackers और AI-driven health मॉनिटरिंग शामिल है।
📊 कौन-कौन है इस कंपनी में बड़े निवेशक?
Ultrahuman के cap-table पर कई बड़े नाम मौजूद हैं:
- Nexus Ventures – 17.26% हिस्सेदारी
- Blume Ventures – शुरुआती निवेशक
- Deepinder Goyal (Zomato CEO) – Series B का बड़ा लीड
- Founders Mohit Kumar & Vatsal Singhal – संयुक्त रूप से 28.9% मालिक
कंपनी का निवेशक पोर्टफोलियो मजबूत है और इससे इसकी विश्वसनीयता ग्लोबल मार्केट में और बढ़ती है। 🌐
💰 FY25 में जबरदस्त प्रदर्शन – कंपनी हुई मुनाफे में!
Ultrahuman ने वित्त वर्ष 2025 में शानदार नतीजे दिए:
- 📈 Revenue: ₹565 करोड़
- 🇺🇸 US Market Contribution: कुल राजस्व का 60%
- 💹 Net Profit: ₹73 करोड़
- ❌ FY24 में घाटा: ₹38 करोड़
यानी सिर्फ एक साल में कंपनी ने कमाल की टर्नअराउंड स्टोरी पेश की है।
खास बात यह है कि Ultrahuman का सबसे बड़ा बाजार USA बन चुका है, जहाँ metabolic health और wearable डिवाइसेज़ की तेज मांग कंपनी को तेज वृद्धि दे रही है।
🎯 FY26 का लक्ष्य: दोगुना राजस्व!
कंपनी के CEO Mohit Kumar ने हाल ही में बताया कि Ultrahuman अपनी वर्तमान ARR के आधार पर FY26 में revenue को ₹1,100 करोड़ तक पहुंचाने की तैयारी कर रहा है।
मतलब अगले 12–18 महीनों में कंपनी अपनी साइज़ को लगभग दोगुना करने का लक्ष्य रखती है। 📈🔥
⚠️ US में बड़ी चुनौती: Oura vs Ultrahuman मुकदमा
Ultrahuman की उड़ान के साथ-साथ इसके सामने कानूनी बादल भी मंडरा रहे हैं।
🆚 विवाद क्या है?
- Oura ने आरोप लगाया कि Ultrahuman ने उसकी smart ring design और patents कॉपी किए हैं।
- इसके बाद US में Ultrahuman rings की एंट्री पर अस्थायी रोक लग गई।
- जवाब में Ultrahuman ने दिल्ली हाई कोर्ट में केस दायर किया, दावा करते हुए कि “Oura ने हमारी sensor तकनीक और health features कॉपी किए हैं।”
यह मामला दोनों कंपनियों के लिए बड़ा है क्योंकि wearable ring बाजार तेजी से बढ़ रहा है और इसमें प्रभुत्व हासिल करने की दौड़ तेज है।
🏭 Texas Facility: क्या US Ban से बच निकलने का रास्ता?
Ultrahuman यह भी जांच कर रहा है कि उसकी Texas बेस्ड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से बनने वाली डिवाइसेज़ क्या US import ban के दायरे में आती हैं या नहीं।
यदि ये डिवाइसेज़ ban से बाहर मानी जाती हैं, तो कंपनी जल्द ही अमेरिका में अपनी supply फिर से सुचारू कर सकती है। यह Ultrahuman के revenue और growth trajectory को बहुत प्रभावित करेगा।
🤖 AI-Driven Health-Tech: कंपनी की सबसे बड़ी ताकत
Ultrahuman सिर्फ एक wearable company नहीं है। इसका पूरा टेक स्टैक AI और metabolic intelligence पर आधारित है:
- Continuous glucose monitoring
- Sleep tracking
- Metabolic scores
- AI-driven health plans
- Personalized fitness insights
कंपनी का फोकस है deep health-tech + wearable hardware + AI software का संयोजन, जो इसे Apple, Fitbit और Oura जैसे दिग्गजों से टक्कर देने लायक बनाता है।
🧩 भारत में Health-Tech Boom: क्यों Ultrahuman है गेम-चेंजर?
भारत में:
- Lifestyle disorders बढ़ रहे हैं
- Metabolic health चर्चा में है
- Fitness tracking तेजी से अपनाया जा रहा है
- Young population wellness gadgets पर खर्च कर रही है
Ultrahuman जैसे ब्रांड इस नई health-conscious Economy के केंद्र में हैं।
🏁 निष्कर्ष: फंडिंग, ग्रोथ और चुनौतियों के बीच Ultrahuman की तेज रफ्तार
Alteria Capital से मिली ₹100 करोड़ की वेंचर डेब्ट फंडिंग ने Ultrahuman को एक और बूस्ट दिया है।
जहाँ एक ओर कंपनी revenue, profits और ग्लोबल footprint में मजबूती दिखा रही है, वहीं दूसरी ओर US legal battle उसके लिए बड़ा मोड़ भी साबित हो सकता है।
लेकिन अगर कंपनी अपनी supply chain, product innovation और AI tech को इसी गति से बढ़ाती रही — तो Ultrahuman आने वाले वर्षों में भारत ही नहीं, दुनिया के health-tech सेगमेंट का सबसे प्रभावशाली ब्रांड बन सकता है। 🌎✨💪
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